Thursday, May 22, 2025
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विकास के नाम पर पहाड़ी राज्यों के साथ ठगी : सोनम वांगचुक

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“उत्तराखंड महिला मंच और उत्तराखंड इंसानियत मंच के विचार गोष्ठी में बोले”

(एल. मोहन लखेड़ा)

देहरादून, पहाड़ के राज्यों में विकास के नाम पर यहां के लोगों के साथ ठगी हो रही है। जो विकास जनता से पूछ कर किया जाना चाहिए था, वह कॉर्पोरेट के दबाव में किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए इन राज्यों की जनता को संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा।
यह बात प्रख्यात वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने कही। वे शहीद स्मारक पर उत्तराखंड महिला मंच और उत्तराखंड इंसानियत मंच द्वारा आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे।
सोनम वांगचुक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई थी और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाया था तो लद्दाख के लोगों को लगा कि इससे उनका विकास होगा। इस उम्मीद के साथ उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया। लेकिन जब केंद्र शासित राज्य बनाने का जश्न खत्म हुआ, तब पता चला कि यह तो लद्दाख के लोगों के साथ धोखा है, क्योंकि अब इस क्षेत्र का कोई प्रतिनिधि लोकसभा या विधानसभा में नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था संभवत: इसलिए की गई ताकि कॉर्पोरेट द्वारा संचालित परियोजनाएं बिना स्थानीय लोगों की सहमति के बनाई जा सकें। उनका कहना था कि उत्तराखंड सहित सभी पहाड़ी राज्यों में विकास कॉर्पोरेट के दबाव में किया जा रहा है। लद्दाख की जनता छठी अनसूची की मांग कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों की सहमति के बिना कोई परियोजना लद्दाख में न बने।
उन्होंने कहा कि लद्दाख एक दुर्गम क्षेत्र है। वहां के लोग दिन में सिर्फ 5 से 10 लीटर पानी इस्तेमाल करते हैं। जब शहर के लोग वहां पहुंचेंगे तो उन्हें 200 से 500 लीटर प्रतिदिन पानी चाहिए। लद्दाख उन्हें इतना पानी नहीं दे पाएगा। इसी तरह की तमाम दूसरी भी संगतिया भी लद्दाख में पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि 27 मई को इस संबंध में केंद्र सरकार के साथ उनकी बातचीत होनी है। यदि यह बातचीत उनके पक्ष में नहीं हुई तो लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन शुरू किया जाएगा।
उत्तराखंड़ इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि जो स्थितियां लद्दाख में हैं, कामोवेस वही स्थितियां उत्तराखंड में भी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन का साक्षी रहा है। लद्दाख के राज्य आंदोलन की लड़ाई में उत्तराखंड हमेशा उनके साथ रहेगा।
उत्तराखंड़ महिला मंच की कमला पंत ने उत्तराखंड राज्य संघर्ष को याद किया और कहा कि जिस उद्देश्य के लिए इस राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी, वह पूरा नहीं हो पाया। आज उत्तराखंड तमाम तरह की विसंगतियों से गुजर रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसके साथ ही यहां की फिजा में सांप्रदायिक और क्षेत्रवाद का रंग घोला जा रहा है, जो इस राज्य के लिए बेहद खतरनाक साबित होने वाला है। सतीश धौलाखंडी ने नदी तू बहती रहना जनगीत गाया।
कार्यक्रम में त्रिलोचन भट्ट, निर्मला बिष्ट, नंद नंदन पांडे, तुषार रावत, विजय भट्ट, रजिया बेग, हरिओम पाली, आरिफ खान, विजय भट्ट, विजय नैथानी, हेमलता नेगी, सीमा नेगी, हिमांशु अरोड़ा, इला सिंह, हिमांशु चौहान सहित कई लोग मौजूद थे।

गुप्त सूचना पर रुकवाई 17 वर्षीय लड़के और 12 वर्षीय लड़की की सगाई

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रुद्रप्रयाग- जनपद में बाल विवाह और नाबालिग बच्चों की सगाई गंभीर समस्या का रूप धारण कर रही है। समाज में बाल विवाह गंभीर रोग की तरह फैल रहा है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास द्वारा लगातार किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों से इस वर्ष अब तक आज सहित 21 मामले रुकवाए जा चुके हैं।

गुप्त सूचना के आधार पर 17 वर्षीय नाबालिग बालक और 12 वर्षीय बालिका की सगाई रूकवाई गई। मिली जानकारी के अनुसार जखोली ब्लॉक के जखवाडी निवासी 17 साल के नाबालिग बालक की सगाई कपनिया निवासी 12 वर्षीय नाबालिग बालिका की साथ तय होने की सूचना मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अखिलेश मिश्रा के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन से समन्वयक अरविंद सिंह, केस वर्कर अखिलेश सिंह, बाल कल्याण समिति की सदस्य पूजा त्रिवेदी, जखोली चैकी से प्रभारी विनोद कुमार, पटवारी नरेंद्र रावत तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्री राजेश्वरी देवी द्वारा तत्काल पहले नाबालिग बालिका के घर तथा बाद में नाबालिग बालक के घर पर जाकर दोनों के परिजनों को सख्त हिदायत दी गई कि जब तक बालिका की उम्र 18 वर्ष और बालक की उम्र 21 नहीं हो जाती है तब तक वह न सगाई करेंगे और ना ही उनके विवाह के बारे में सोचेंगे।

टीम द्वारा परिजनों को बताया गया कि यदि उनके द्वारा जबरदस्ती यह कार्य किया जाता है तो वह कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं और उन्हें इस अपराध के लिए सजा और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है। उन्हें यूसीसी की जानकारी भी प्रदान की गई जिसके तहत बाल विवाह करने पर सख्त दंड का प्रावधान है।

देश में फिर कोरोना की दहशत!, मुंबई में 53 मरीज मिले पॉजिटिव-2 की मौत; अलर्ट पर विभाग

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मुंबई , (आरएनएस)। मुंबई में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में अब तक कुल 53 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। वहीं, संक्रमण के चलते दो मरीजों की मौत भी दर्ज की गई है। हालांकि, दोनों ही मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे—एक को मुंह का कैंसर था और दूसरा नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित था। दोनों ही मरीजों का इलाज मुंबई के केईएम अस्पताल में चल रहा था।
बीएमसी ने कोविड मरीजों की संख्या बढ़ते देख अपने अस्पतालों में विशेष बिस्तर और अलग कमरे तैयार किए हैं। सेवन हिल्स अस्पताल में 20 रूढ्ढष्ट बेड, 20 बेड बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए तथा 60 सामान्य बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। कस्तूरबा अस्पताल में फिलहाल 2 ढ्ढष्ट बेड और 10 बेड का वार्ड मौजूद है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर यह क्षमता और बढ़ाई जा सकती है।
जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 तक कोविड मामलों की संख्या बेहद कम थी, लेकिन मई के पहले सप्ताह से इसमें बढ़ोतरी देखी गई है। बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोविड-19 के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं- बुखार, सूखी या कफ के साथ खांसी, गले में खराश, थकावट और शरीर में दर्द, सिरदर्द, कभी-कभी नाक बहना, सर्दी, गंध या स्वाद का न आना। यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्या होती है तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना आवश्यक है।
बीएमसी ने कहा है कि नगर निगम के अस्पतालों में उपचार, परामर्श और जांच की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग करें, हाथों की सफाई का ध्यान रखें, और स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

लुटेरी दुल्हन सात महीनों में बनी 25 दूल्हों की दुल्हन, हर पति के साथ अंधेरे में किया ये काम

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नई दिल्ली, राजस्थान के सवाई माधोपुर से रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की मानटाउन थाना पुलिस ने मुकदमे में वांछित ‘लुटेरी दुल्हन’ अनुराधा को गिरफ्तार किया है। ये लुटेरी दुल्हन 7 महीनों में 25 शादियां कर चुकी है और हर बार शादी होने के कुछ दिन बाद ही वह फरार हो गई।
अनुराधा फर्जी शादी के लिए लड़कों को फंसाने के लिए नया नाम, नया शहर और नई पहचान चुनती थी। रिपोर्ट के मुताबिक वो एक परफेक्ट दुल्हन और आदर्श बहू का खेल खेलती थी और फिर जेवर व नकदी लेकर भाग जाती थी। हालांकि, उसे फंसाने के लिए सवाई माधोपुर पुलिस ने उल्टा दांव खेला और उसे ही फर्जी शादी के लिए फंसाया और बाद में गिरफ्तार कर लिया। अपने टारगेट को वह यह कहानी सुनाती थी कि वह अकेली है, गरीब है, लाचार है। उसका एक बेरोजगार भाई है। वह शादी करना चाहती है, लेकिन आर्थिक तंगी उसे अपने जीवन की नई शुरुआत करने से रोकती है। हालांकि, यह सब उसका लड़कों को फंसाने का पैंतरा मात्र है। असलियत में वह फर्जी शादी करने वाले गिरोह की सरगना है, जो लोगों का भरोसा हासिल करके पैसा ठगने के लिए जानी जाती है। अनुराधा के गिरोह के सदस्य उनकी तस्वीरें और प्रोफ़ाइल भावी दूल्हों के पास ले जाते हैं, ताकि उनके लिए एक आदर्श मैच की तलाश की जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार मैचमेकर, जो मूल रूप से गिरोह का सदस्य है, मैच सेट करने के लिए 2 लाख रुपये लेता है। एक बार सौदा पक्का हो जाने के बाद, मैरेज कंसेंट लेटर तैयार किया जाता है। जोड़े रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर या घर में शादी करते हैं। और फिर शुरू होता है नाटक। अनुराधा दूल्हे और अपने ससुराल वालों के साथ बहुत ही प्यारी और भोली-भाली बन जाती है। उनका विश्वास जीतने के लिए, वह परिवार के हर सदस्य के साथ एक रिश्ता बनाती है। हालांकि, कुछ ही दिनों में, वह अपनी प्लानिंग का आखिरी काम करती है – खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर गहने, नकदी और अन्य कीमती सामान लेकर भाग जाना। 20 अप्रैल को, सवाई माधोपुर के रहने वाले विष्णु शर्मा ने मध्य प्रदेश की अनुराधा से शादी की। शादी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, दोस्तों और परिवार की मौजूदगी में हुई। शादी दलाल पप्पू मीना के ज़रिए तय की गई थी, जिसके लिए विष्णु ने उसे दो लाख रुपये दिए थे। शादी के दो हफ्ते के भीतर ही अनुराधा 1.25 लाख रुपये के जेवर, 30,000 रुपये नकद और 30,000 रुपये कीमत का मोबाइल फोन लेकर फरार हो गई। विष्णु ने कहा, “मैं ठेला चलाता हूं और कर्ज लेकर शादी की है। मैंने मोबाइल भी उधार लिया था, वो वह भी ले गई। मुझे कभी नहीं लगा कि वह मुझे धोखा देगी।”
विष्णु ने उस रात को याद करते हुए कहा कि मैं देर रात काम से लौटा और रात के खाने के तुरंत बाद सो गया। उन्होंने कहा, “मैं आमतौर पर ज्यादा नहीं सोता, लेकिन उस रात मैं गहरी नींद में सोया, जैसे किसी ने मुझे नींद की गोली दे दी हो।” इस घटना के बाद विष्णु की मां भी सदमे में हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उल्टा चाल खेलने की सोची। विष्णु द्वारा शेयर की गई जानकारी के आधार पर सवाई माधोपुर पुलिस ने अनुराधा के लिए जाल बिछाया। एक कांस्टेबल को संभावित दूल्हे के रूप में पेश किया गया। वह एजेंट के पास पहुंचा जिसने कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाईं। पुलिस अधिकारी ने बताया, “जांच के बाद सभी दस्तावेज और शादी के समझौते फर्जी पाए गए। हमने अपनी टीम से एक कांस्टेबल को दूल्हे के रूप में तैयार किया और महिला को शादी का झांसा दिया।” अनुराधा इस जाल में फंस गई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार भोपाल में गिरफ्तार किया गया(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।

महिला सशक्तिकरण के बिना विकसित राष्ट्र की संकल्पना अधूरी : डॉ धन सिंह रावत

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-महिलाओं व व स्वयं सहायता समूह के लाभार्थियों को बांटे 65 लाख के चेक

देहरादून/अल्मोड़ा, अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में आज विकासभवन सभागार में “सहकारिता से महिला सशक्तिकरण” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का आयोजन अल्मोड़ा सहकारी बैंक तथा सहकारिता विभाग अल्मोड़ा द्वारा किया गया। गोष्ठी में सहकारिता मंत्री उत्तराखंड डॉ धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों एवं महिलाओं को कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा सम्मानित किया गया तथा महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित 0% पर 65.00 लाख के चेक भी वितरित किए । यह धनराशि महिलाओं को रोजगार प्रेरक कार्य करने हेतु प्रदान की गई है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना किसी भी राष्ट्र के विकास की संकल्पना नहीं की जा सकती। महिला सशक्तिकरण में ही किसी भी देश का विकास परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि इसी मूलमंत्र को अपनाते हुए हमारी सरकार महिलाओं को आगे लाने का निरंतर प्रयास कर रही है। महिलाओं के विकास के लिए भिन्न भिन्न योजनाएं धरातल पर उतर रहीं हैं। लखपति दीदी कार्यक्रम हो या महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत का आरक्षण। ये सभी महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारी उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के माध्यम से महिलाओं को ऋण देकर उन्हें आत्मनिर्भर करने का प्रयास भी हमारी सरकार कर रही है। अब महिलाएं स्वयं घर की मुखिया बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में राज्य में 2 लाख लखपति दीदी बनने का लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने रखा है। इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। 40 कार्य चिन्हित किए जा चुके हैं, जो महिला स्वयं सहायत समूह के माध्यम से किए जा सकते हैं, इन समूहों को आर्थिक रूप से मदद भी हम उपलब्ध करवा रहें हैं।
इस गोष्ठी में महिलाओं ने भी अपने अपने विचार रखे तथा अपने अनुभव साझा किए। साथ ही अन्य वक्ताओं ने भी महिला सशक्तिकरण एवं सहकारिता को लेकर विचार व्यक्त किए।

इस दौरान विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, जिलाध्यक्ष भाजपा महेश नयाल, प्रभारी उप निबंधक कुमाऊँ मंडल हरीश खंडूरी ,पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ललित लटवाल, सहकारिता विभाग तथा अल्मोड़ा सहकारी बैंक के अधिकारी समेत मातृ शक्ति तथा अन्य उपस्थित रहे।

विविध रंग और उल्लास के भावों से पूरित हैं प्रदीप डबराल की कविताएं : सोमवारी लाल उनियाल

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज शिक्षाविद प्रदीप डबराल के काव्य संग्रह ‘तरंग‘ का लोकार्पण एवं ततपश्चात एक साहित्यिक चर्चा का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार सोमवारी लाल अनियाल ‘प्रदीप‘ की अध्यक्षता में सम्पन्न इस आयोजन में कई साहित्यकार व साहित्य प्रेमी शामिल रहे. लोककला एवं संस्कृति निष्पादन केन्द्र हे. न. ब. केंद्रीय विश्व विद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. डी.आर. पुरोहित, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुनीराम सकलानी ‘मुनीन्द्र‘ व जनकवि डॉ.अतुल शर्मा द्वारा पुस्तक के आलोक में समीक्षात्मक विचार दिए गए ।
जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने रचनाकार की रचनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि सेवा निवृत्ति के बाद प्रदीप डबराल द्वारा विभिन्न विषयों पर निरंतर लेखन कार्य किया जा रहा है। प्रस्तुत कविता संग्रह की कविताओं को पढ़कर स्पष्ट होता है कि उनकी लेखन शैली निरंतर निखरती जा रही है, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मुनीराम सकलानी ‘मुनीन्द्र‘ ने कहा कि डबराल की कवितायें जहां एक ओर समकालीन वातावरण का वास्तविक दस्तावेज हैं वहीं यह कवि मन की सुकोमल भावनाओं का उच्छवास भी है। उन्होंने कहा कि छोटी बहन की अन्तिम समय की पीढ़ा को कवि ने बड़े ही मार्मिक रूप में व्यक्त किया है।
प्रो.डी. आर. पुरोहित ने अपने विद्धता पूर्ण उद्बोधन में कहा कि ‘तरंग‘ की कविताओं में जहां हिन्दी के छायावादी कवियों की कविता प्रतिध्वनित होती हैं वही अंग्रेजी कवि वर्डसवर्थ के प्रकृति प्रेम के भी दर्शन होते हैं.
कार्यक्रम अध्यक्ष सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप‘ ने कहा कि उन्होंनें इन सभी कवितायों को मन की आंखों से पढ़ा हैं। 55 कवितायें 145 पृष्ठों के विस्तार में लिखी गयी है। कवितायें लम्बी व नये ढब ढंग से गढ़ी गयी हैं. इन कविताओं में जीवन के विविध रंग और उल्लास के भाव संदेश दिये गये हैं। कविताओं में मानवीय व्यवहार करने की अपेक्षा की गयी हैै ।
कुल मिलाकर काव्य संग्रह की कवितायें पाठक की संवेदनाओं को प्रकृति से जोड़ती है। यह कविताओं के इस संग्रह में पर्वत, पंछी ,बचपन, पलायन, जैसे विषयों को प्रधानता दी गयी है।
श्री गुरू राम राय इ. का. भाऊवाला की 10 वीं कक्षा की छात्रा नम्रता नौगाईं द्वारा ‘तरंग‘ कविता संग्रह की एक कविता ‘प्रश्नों की भूख‘ का वाचन किया गया. सुपरिचित गायक एवं संगीतकार शैलेंन्द्र मैठाणी ने इस कविता के गायन अपने मधुर स्वर में देकर सभी के मन मोह लिया।
काव्य संग्रह के रचनाकार प्रदीप डबराल ने कहा कवितायें किसी विशेष काव्य विधा की सीमा में नही बंधी हैं। कुछ कवितायें छन्द युक्त हैं तो अधिकांश छंद मुक्त शैली में हैं. मुख्य तौर पर उनमें भावों का प्रवाह देने की कोशिस की गयी है।
कवि ने पुस्तक प्रकाशन हेतु आर्थिक सहयोग देने के लिये उत्तराखण्ड भाषा संस्थान का आभार व्यक्त किया और पुस्तक के प्रकाशन के लिये विन्सर पब्लिकेशन का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्य क्रम का संचालन आवाज साहित्यिक संस्था के संयोजक डॉ. सुनील थपलियाल ने किया.
कार्यक्रम के अंत में केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने मंचसीन अतिथि जनों व उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. डी. एं. भटकोटी,गणनाथ मनोड़ी, डॉ. लालता प्रसाद, सुरेन्द्र सजवान, रविन्द्र जुगरान, दर्द गढ़वाली,विजय भट्ट, कुलभूषण नैथानी, हरिचंद निमेष,डॉली डबराल, शोभा शर्मा,सुंदर सिंह बिष्ट, रंजना शर्मा, दयानन्द अरोड़ा, जगदीश सिंह महर, शैलेन्द्र नौटियाल, सतीश धौलाखंडी,शान्ति प्रकाश जिज्ञासु, रजनी कुकरेती, प्रदीप कुकरेती, डॉ.वी. के. डोभाल देहरादून के कई साहित्य प्रेमी, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाचार्य सहित पाठक गण व शहर के अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया ‘सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा’ अभियान का आयोजन

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देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल व जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रेम सिंह खिमाल के दिशा-निर्देशन में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सीमा डुँगराकोटी द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लक्खीबाग में “सड़क सुरक्षा -जीवन रक्षा” अभियान का आयोजन किया गया।
उक्त अभियान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के साथ परिवहन विभाग और पुलिस विभाग तथा बुरांश संस्था द्वारा भी सहयोग किया गया।
इस दौरान पुलिस विभाग से (सीपीयू , उप निरीक्षक) श्री अनिल कुमार और परिवहन विभाग (आरटीओ, सड़क सुरक्षा) श्रीमती अनीता चमोला द्वारा विद्यालय की समस्त छात्राओं को विस्तार से सड़क सुरक्षा के नियमों के संबंध में तथा लापरवाही करने पर होने वाले चालानों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई।
इसके उपरांत सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून श्रीमती सीमा डुँगराकोटी द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों से छात्राओं को अवगत कराते हुए, उन्हें सावधानी से सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।
इस अवसर पर बुरांश संस्था की ओर से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी छात्राओं को सड़क सुरक्षा से होने वाले नुकसानों के संबंध में व सड़क सुरक्षा के नियमों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
इसके उपरांत परिवहन विभाग (आरटीओ, सड़क सुरक्षा) श्रीमती अनीता चमोला द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में क्विज के माध्यम से कुछ प्रश्न किए गए तथा सही उत्तर देने वाले लगभग 20 छात्राओं को उपहार देकर पुरस्कृत भी किया गया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा छात्राओं के मध्य पोस्टर कंपटीशन रखा गया, जिसमें 6 विजेताओं का चयन किया गया, जिन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की ओर से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
इसके उपरांत स्कूल की छात्राओं द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून, परिवहन विभाग, सीपीयू व बुरांश संस्था के साथ आम जनता को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई तथा आमजन को पेम्फलेट वितरित किए गए ।
उक्त कार्यक्रम में पराविधिक कार्यकर्ता श्री उमेश्वर सिंह रावत द्वारा भी सहयोग किया गया।विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री नीरजा छीबर ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
निम्नलिखित क्विज प्रतियोगिता में विजेता छात्राएं-
चांदनी, मानसी चौहान, राधा, खुशी परवीन, वैशाली, कशिश खान, सोफिया, अक्षिता, समृद्धि माथुर, बबीता पिमोली, जैनब और श्रुति कुकरेती।
स्लोगन प्रतियोगिता में विजेता छात्राएं – प्रीति, सुमैया, नेहा, हुरन, अलवीरा और सुहानी।

अपहरण कांड का सनसनीखेज खुलासा, 50 लाख फिरौती की साजिश हुई नाकाम

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हल्द्वानी, नैनीताल जिले की मुखानी पुलिस ने अपहरण के एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 50 लाख रुपये की फिरौती के लिए तुषार लोहनी (27) का अपहरण किया गया था, जिसे पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। फरार अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
7 मई 2025 को गिरीश चंद्र लोहनी, निवासी तल्ली बमौरी, मुखानी, नैनीताल ने पुलिस को तहरीर दी कि अज्ञात व्यक्तियों ने उनके बेटे तुषार लोहनी का अपहरण कर फरीदाबाद ले जाकर मारपीट और गाली-गलौज की। इस आधार पर मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच उपनिरीक्षक वीरेंद्र बिष्ट को सौंपी गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने मामले के तुरंत खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रकाश चंद्र को निर्देश दिए। सीओ हल्द्वानी नितिन लोहानी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष मुखानी दिनेश जोशी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन के आधार पर बांदा शहर में छानबीन शुरू की। जांच में मुन्ना कुरैशी (निवासी तावडू, हरियाणा), दयाशंकर तिवारी (निवासी महखोर, बांदा), अंकुश कुमार और विनय प्रताप (निवासी कृपालपुर, इटावा) के नाम सामने आए। अभियोग में धारा 140(2)/190/61(2) बीएनएस जोड़ी गई। पुलिस ने 11 मई 2025 को तुषार लोहनी को बांदा के अत्तरा शहर से सकुशल बरामद किया।
19 मई 2025 को पुलिस ने छापेमारी कर तीन आरोपियों—दयाशंकर तिवारी (61), अंकुश कुमार (21), और विनय प्रताप (24)—को उनके घरों से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि आलोक तिवारी के साथ 50 लाख रुपये के लेन-देन के विवाद के कारण यह साजिश रची गई। आलोक तिवारी ने इटावा के कृपालपुर में एक शादी के दौरान अंकुश और विनय से मुलाकात की और पुराने परिचित मुन्ना कुरैशी के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। 6 मई 2025 को तुषार को कालाढूंगी रोड के बावर्ची रेस्टोरेंट से अगवा कर बांदा और चित्रकूट के अलग-अलग स्थानों पर रखा गया, जहां 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।

पुलिस टीम में थानाध्यक्ष दिनेश चंद्र जोशी, उपनिरीक्षक वीरेंद्र चंद्र, हरजीत राणा, वीरेंद्र बिष्ट, कांस्टेबल बलवंत बिष्ट, रविंद्र खाती और चंदन सिंह नेगी शामिल थे।
एसएसपी मीणा ने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई से अपहृत को सुरक्षित बचाया गया। फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है। पुलिस ने नागरिकों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की अपील की है।

16वें वित्त आयोग से नगर निकायों को बड़ी उम्मीद, कूड़ा निस्तारण बनी सबसे बड़ी चुनौती

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देहरादून, आम जनता से जुड़े कई मुद्दों के समाधान को लेकर नगर निकायों में हर बार धन की कमी आड़े आती रहती है, वहीं नगर निकायों को इस बार 16वें वित्त आयोग से 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट मिलने की संभावना जताई जा रही है। राज्य सरकार और स्थानीय निकायों ने वित्त आयोग के समक्ष एकजुट होकर मजबूती से अपना पक्ष रखा, जिससे इस उम्मीद को बल मिला है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में उत्तराखंड सरकार ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, तेजी से शहरीकरण और नगर निकायों की वित्तीय जरूरतों को विस्तार से प्रस्तुत किया। निकाय प्रतिनिधियों ने भी आयोग के समक्ष स्थानीय सेवाओं के विस्तार, आधारभूत ढांचे के निर्माण और वित्तीय स्वावलंबन की आवश्यकता को रेखांकित किया। यदि प्रस्तावित 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट स्वीकृत होती है, तो इससे उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में पेयजल, सफाई, सड़क, स्ट्रीट लाइटिंग, कचरा प्रबंधन और अन्य नागरिक सेवाओं को मजबूती मिलेगी। यह शहरी निकायों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के लिए 4181 करोड़ रुपये की ग्रांट की सिफारिश की थी, जब राज्य में 85 नगर निकाय थे। लेकिन अब निकायों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है, जिससे संसाधनों की आवश्यकता भी बढ़ गई है। राज्य के कई नगर निकाय स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, जलापूर्ति और आधारभूत सुविधाओं के राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने की चुनौती का सामना कर रहे हैं। नए निकायों के पास तो खुद के राजस्व स्रोत ही नहीं हैं, जबकि पुराने निकायों के पास भी पर्याप्त आय के साधन नहीं हैं। ऐसे में 16वें वित्त आयोग की प्रस्तावित ग्रांट से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं, जिससे इन निकायों को न केवल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थायी वित्तीय ढांचा भी तैयार हो सकेगा।
उत्तराखंड के अधिकांश नगर निकाय केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली ग्रांट पर ही निर्भर हैं। उनकी अपनी आय सीमित है और कई नए निकायों के पास तो राजस्व का कोई स्थायी स्रोत तक नहीं है। इस स्थिति में कूड़ा निस्तारण एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, जिससे न केवल शहरों की स्वच्छता व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि इस पर खर्च भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। राज्य की राजधानी देहरादून सहित कोई भी नगर निकाय कूड़ा निस्तारण की समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं ढूंढ पाया है। कई निकायों के पास कचरे को प्रोसेस करने के लिए न तो पर्याप्‍त आधारभूत ढांचा है और न ही इसके संचालन के लिए आवश्यक संसाधन। हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग के समक्ष नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने भी इन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि जब तक नगर निकायों को पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी, तब तक स्वच्छता जैसे राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना बेहद कठिन है। हालांकि 16वें वित्त आयोग से उत्तराखंड को 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नगर निकायों को इसके तहत कितनी राशि प्रदान की जाएगी। नगर निकायों को इस बात की उम्मीद है कि आयोग स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे को प्राथमिकता में रखकर राशि का आवंटन करेगा।

अगस्त्यमुनी में निकाली तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा, लोगों ने उत्साह के साथ की भागीदारी।

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रुद्रप्रयाग : भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की ऐतिहासिक विजय को समर्पित शौर्य सम्मान यात्रा में सैकड़ों की संख्या में केदारनाथ आमजन, पूर्व सैनिक, युवा वर्ग एवं मातृशक्ति ने तिरंगे के साथ पद यात्रा में भाग लिया।
इस अवसर पर केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों, वायुसेना, नौसेना और सभी सुरक्षा बलों को नमन करते हुए कहा कि भारत ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने न केवल अपने वीर सपूतों की बहादुरी का प्रदर्शन किया, बल्कि आतंकवाद और उसके समर्थकों को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि नया भारत अब हर आतंकी कार्रवाई का जवाब उसी की भाषा में देगा।

उन्होंने कहा कि गढ़वाल की भूमि ने देश को पहले और दूसरे सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) देने का गौरव प्राप्त किया है, जो यहां की सैन्य परंपरा और राष्ट्रीय सेवा की भावना को दर्शाता है। यह भूमि वीरों की भूमि है। यहां के नौनिहालों को चाहिए कि वे इस परंपरा को आगे बढ़ाएं, सेना में शामिल होकर राष्ट्र की सेवा करें और देश के लिए गर्व का कारण बनें।

कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत किसी भी आतंकी चुनौती का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और अब देश की सीमाओं की रक्षा अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से की जा रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वीर भूमि है, जहाँ का लगभग हर परिवार देशसेवा से जुड़ा है। उन्होंने जनपद के युवाओं से आह्वान किया कि वे सेना और सुरक्षा बलों के अनुशासन, शौर्य और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।
जिला अध्यक्ष भारत भूषण भट् ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो से आग्रह किया कि सभी लोग गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को सेना के अद्वितीय शौर्य और बलिदान की गाथाएं बताएं। यही वह समय है जब हमें अपने राष्ट्र के रक्षकों का मनोबल और ऊंचा करना है। आज जिस तरह से सभी ने तिरंगा लेकर यह मार्च निकाला, वह सेना के प्रति सम्मान का एक ऐतिहासिक संदेश है।
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष शकुंतला जगवान, पूर्व राज्य मंत्री अशोक खत्री, जिला महामंत्री विनोद देवशाली , अगस्त्यमुनि नगर मंडल अध्यक्ष मनोज राणा, भाजयुमो जिला अध्यक्ष प्रदीप राणा, जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल, सतीश प्रसाद गोस्वामी, श्रीनंद जनलोकी,विक्रम नेगी , रमेश बेंजवाल, किरण शुक्ला ,अर्जुन नेगी ,सुभाष रावत ,दलवीर नेगी, बृजमोहन नेगी, राजेंद्र बिष्ट , धर्मेन्द्र कंडवाल आदि मौजूद थे।