Sunday, June 22, 2025
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राज्य में 3900 क्लस्टर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा

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– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं प्रदेश के 8.88 लाख किसान
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार, खेती किसानी की तरक्की के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दे रहा है। सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान:  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
एससी – एसटी बहुल गांवों के लिए विशेष योजना:    सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है, जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

 

यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव 2024-25 कार्यक्रम का आयोजन

“उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से शिक्षकों को किया गया सम्मानित”

यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन -  Get Latest News Updates Online India | Dainik Khabar Laye hain | Dehradun

देहरादून, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 28 सितम्बर 2024 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन देहरादून स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये नवाचार, सजृनात्मकता, प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा आदि को केन्द्रित करते हुये ग्रास रूट लेवल पर विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां पूरे प्रदेश में लगातार विभिन्न शिक्षण एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर सम्पादित की जा रही हैं। साथ ही यूसर्क द्वारा राज्य के विभिन्न विद्यालयों में 200 विज्ञान चेतना केन्द्र, 82 स्टैम लैब स्थापित की गई है।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, तथा कौशल व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के चयनित 09 शिक्षकों को चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2024-25 से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचार धारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने अपने उदबोधन में यूसर्क द्वारा आयोजित चतुर्थ ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कानक्लेव’में ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ हेतु चयन किये गये शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षकगणों द्वारा किये जा रहे नवाचारी शिक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से प्रदेश को अग्रणी बनाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। श्री अग्रवाल ने यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों से उत्तराखण्ड देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड सुश्री झरना कमठान, (आई.ए.एस.) ने अपने उदबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने यूसर्क द्वारा विगत तीन वर्षों से किये जा रहे ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि यूसर्क का यह शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमको अपने प्रयासों से राज्य के अन्तिम छोर तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है तथा राज्य को आगे ले जाना है।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शिक्षाविद् डा0 शालिनी जोशी ने कहा कि हमको तकनीकी के सकारात्मक प्रयोग की तरफ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है। तकनीकी सत्र में शिवालिक कॉलेज, देहरादून की शिक्षाविद् श्रीमती नविता सिन्हा, ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के विद्यार्थियों के लिये आधुनिक शिक्षा के साथ ही परम्परागत शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा यूसर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक एलीमेन्ट्री स्पेक्ट्रोस्कोपिक टैक्निक्स का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा किये जा रहे विशिष्ट कार्यों एवं प्रकाशित पुस्तकों, एम0आई0ई0टी0 हल्द्वानी तथा सी0आई0एम0एस0 संस्थान देहरादून में यूसर्क द्वारा स्थापित उद्यमिता विकास केन्द्र तथा हार्क संस्थान व यूसर्क के सहयोग से किये जा रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रमों की प्रदर्शनी को अतिथियों द्वारा सराहा गया।

कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा निम्न शिक्षकों को तीन श्रेणियों में चतुर्थ विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया l

नवाचार :
1) डा0 श्वेता मजगॉई, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0, विजयपुर ब्लॉक- कोटाबाग, नैनीताल

प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा :
1) श्रीमती रश्मि उनियाल, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 ग्रास्टनगंज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल
2) श्री राजमोहन सिंह रावत, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 पिपाया, कालसी, देहरादून
3) श्री गम्भीर पाल सिंह, स0अ0, रा0इ0का0 रौंतल, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी
4) श्री राजेन्द्र कुमार गढ़कोटी, प्रवक्ता, रा0इ0का0 बापरू, चम्पावत

पर्यावरण संरक्षण :
1) श्री सतेन्द्र सिंह भंडारी स0अ0, रा0प्रा0वि0 कोटतल्ला, रूद्रप्रयाग
2) श्री दिनेश चन्द्र कुकरेती, स0अ0, पी0एम0 श्री रा0इ0का0, द्वारी (पैना), रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल
3) श्री रमेश चन्द्र सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0 ढिकुली, नैनीताल

4) श्री मोहन चन्द्र, प्रधानाध्यापक, रा0प्रा0वि0 डुमलोट, कौसानी, बागेश्वर
कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 जे0एम0एस0 राणा, प्रो0 गुलशन कुमार ढ़िगरा, आर0जे0 काव्या, डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न 12 शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 350 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

 

13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट : द हैरिटेज स्कूल, कॉन्सटेसिया और सेंट जूड्स स्कूल अगले दौर में पहुँचे

देहरादून (केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में 13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल अंतर विद्यालय सुपर ऐट क्रिकेट टूर्नामेन्ट के दूसरे दिन का पहला मैच कॉन्सटेंसिया स्कूल और कारमन स्कूल, डालनवाला के बीच खेला गया। मैच में कारमन स्कूल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते लिया। पहली पारी में कारमन स्कूल ने 32 रन बनायें। मैच में कॉन्सटेंसिया ने 14 रन का निर्णय बनाये और दूसरी पारी में कॉन्सटेंसिया स्कूल ने 34 रन बनाये।
मैच में कारमन स्कूल डालनवाला ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन विकेट से मैच जीत लिया। इस अवसर प्रतियोगिता के अंतर्गत आज का दूसरा मैच द हैरिटेज स्कूल और राजा राममोहन राय अकादमी के बीच खेला गया। मैच में राजा राम मोहन रॉय ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निश्चय किया।
मैच की पहली पारी में द हैरिटेज स्कूल ने 45 रन बनाये और राजा राम मोहन राय ने हा रन बनायो दूसरी पारी में राजा राममोहन रॉय ने 16 रन बनाये। मैच को द हैरिटेज स्कूल ने 68 रन से मैच जीता। आज का तीसरा मैच कर्नल ब्राउन स्कूल और सेंट जूड्स स्कूल के बीच खेला गया और सेंट जूड्स स्कूल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। अपनी पहली पारी में सेंट जूड्स स्कूल ने 52 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 35 रन बनाए।
मैच की दूसरी पारी में खेलते हुए सेंट जूड्स स्कूल ने 39 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 31 रन बनाए । मैच में सेंट जूड्स स्कूल ने 24 रन से मैच जीत लिया। इस अवसर पर अनेक खेल प्रेमी शामिल रहे।

 

विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 से नवाजे गये कथाकार पंकज बिष्ट

देहरादून, विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 इस बार हिंदी के वरिष्ठ कथाकार व उपन्यासकार पंकज बिष्ट को प्रदान किया गया है। सेव हिमालय मूवमेंट एवं संवेदना द्वारा रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान उन्हें वरिष्ठ कवि व पत्रकार इब्बार रबी एवं वरिष्ठ कथाकार गुरदीप खुराना के द्वारा प्रदान किया गया है। सम्मान में उन्हें सम्मान पत्र अंग वस्त्र स्मृतिचिन्ह के साथ 31 हजार रुपये भी दिए गए हैं।
यह पुरस्कार साहित्यकार विद्यासागर नौटियाल की कथा संवदेना, सामाजिक संघर्ष, संस्कृति की चेतना का विस्तार है अतः सम्मान के लिये ऐसे ही विचारक, कथाकार का चयन किया जाता है जो वर्तमान में अपनी लेखन में विद्यासागर के विचारों को अपने शब्दों में चरितार्थ करता हो । पंकज बिष्ट के सम्पूर्ण साहित्य लेखन जिसमें प्रमुख रूप से उपन्यास “उस चिड़िया का नाम” पर आम सहमति बनी। विद्यासागर सम्मान 2021 में सुभाष पंत को 2022 में स्व. शेखर जोशी और 2023 को डॉ. शोभा राम शर्मा को दिया गया था, इस वर्ष 2024 में चयन की प्रक्रिया में बदलाव लाते हुए साहित्यकारों द्वारा दो-दो दूसरे साहित्यकारों के नामांकन के आधार पर सम्मान के लिये नामो का चयन किया गया।
इस बार चयन समिति में वरिष्ठ कथाकार सुभाष पन्त, हम्माद फारुकी, धीरेन्द्र नाथ तिवारी, जितेंद्र भारती व राजेश पाल शामिल थे।
कार्यक्रम में सेव हिमालय मूवमेंट के सचिव डा० अरविंद दरमोडा ने उपन्यासकार पंकज बिष्ट का सम्मान पत्र पढ़ा है। सेव हिमालय मूवमेंट के अध्यक्ष समीर रतूड़ी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया है और पूनम कैंतूरा ने सभी सम्मानित अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया है।
कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार विजय गौड़ ने किया है। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा, साहित्यकार गुरदीप खुराना, डा. हम्माद फारूखी, डा. संजीव सिंह नेगी ने विचार व्यक्त किया है। कार्यक्रम में पंचशील नौटियाल, अंतरिक्षा नौटियाल, राजेश सकलानी, साहित्यकार बीना बेंजवाल, जितेन ठाकुर, डा० राजेश पाल, जितेन्द्र भारती, मदन मोहन डुकलान, रमाकांत बेंजवाल, पूनम कैंतुरा, कुसुम बहुगुणा, द्वारिका सेमवाल, प्रेम पंचोली, अनिता जोशी, राजेन्द्र गुप्ता, अंबर जोशी, वरिष्ठ आईएएस वयोवृद्ध चंद्रसिंह आदि सैकड़ों साहित्यकार उपस्थित रहे है।

स्वस्थ समाज निर्माण के लिए हर फरियादी को न्याय मिलना जरूरी- न्यायमूर्ति विवेक भारती

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“मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की अध्यक्षता में अगस्त्यमुनी क्रीडा मैदान स्थित सभागार में बहुउद्देशीय विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा बोले अत्याचार और अन्याय को न सहें”।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- मा. उच्च न्यायालय के मा. न्यायमूर्ति प्रशासनिक न्यायाधीस रुद्रप्रयाग विवेक भारती शर्मा की अध्यक्षता में क्रीड़ा स्थल अगस्त्यमुनि में बहुउद्देशीय विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, स्कूल एवं काॅलेज के छात्र- छात्राओं ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों से पहुंचे छात्र- छात्राओं से संवाद किया। इस दौरान उन्क्होने क्रीड़ा हाॅल परिसर में गुलमोहर का पौधा भी लगाया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मा. न्यायमूर्ति, जनपद न्यायाधीश सहदेव सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिविर को लेकर स्थानीय लोगों एवं छात्र- छात्राओं का उत्साह देखकर काफी प्रसन्नता हुई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से इस तरह के जितने भी शिविर आयोजित होते हैं उन शिविरों के माध्यम से प्रदेश व जनपद के सामान्य नागरिकों को उनके अधिकारों से अवगत कराने साथ ही उन्हें इस बात का साहस प्रदान करना भी होता है कि वो अत्याचार या अन्याय को न सहें। क्योंकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण के लिए ऐसा माहौल होना चाहिए, जिसमें सभी को न्याय मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि आम जन या न्याय की खोज में पहुंच रहे फरियादियों को समय पर न्याय मिल सके। जब तक वह आश्वस्त नहीं होगा तब तक कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि न्याय के प्रति आश्वासन मूलरूप धारण नहीं करता तब तक देश में अराजकता का माहौल होना स्वाभाविक है।
उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के सहयोग की सराहना की। साथ ही बहुउद्देशीय शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के प्रतिभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही कहा कि शिविर में बड़ी संख्या में लोगों के प्रतिभाग करने से हम इस बात के लिए पूर्ण रूप से आश्वस्त हैं कि लोग अपने न्याय व अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने आशा जाहिर करते हुए कहा कि निःसंदेह हम अपने देश को मजबूती और ऊंचाई पर ले जाने में सफल होंगे।
जनपद न्यायाधीश सहदेव सिंह ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत जनपद में लगातार साक्षरता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में आमजनमास को विधिक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। मा. उच्च न्यायालय नैनीताल के तत्वाधान में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हमारे पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित किया जा सके। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की ओवर रेटिंग, एक्सपायरी सहित अन्य मानकों का पालन करवाने के लिए भी लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार द्वारा मा. न्यायमूर्ति का कार्यक्रम में पहुँचने पर पुष्पगुच्छ एवं शॉल भेंट कर स्वागत किया गया। एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र- छात्राओं ने बैंड की धुन से उनका स्वागत किया। शिविर में विभिन्न स्कूलों के छात्र- छात्राओं द्वारा नशा उन्मूलन सहित अन्य कुरीतियों पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर कृषि, उद्यान, रीप, पशुपालन, बाल विकास, स्वास्थ्य, एनआएलएम, पुलिस , बन विभाग, उरेडा सहित अन्य विभागों द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं एवं उत्पादों के स्टाॅल भी लगाए गए जिनका निरीक्षण करते हुए मा न्यायमूर्ति ने विभागीय अधिकारियों से संवाद किया। वहीं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में 10 कृषकों को प्रमाण पत्र एवं कृषि यंत्र वितरित किए गए, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं ग्रामीण उद्यम वेग वृद्वि परियोजना रीप के अंतर्गत गठित 10 समूहों एवं सदस्यों को विभिन्न आजीविका संर्वधन एवं आय सृजक गतिविधियों के लिए डेढ़ लाख से लेकर 05 लाख की धनराशि के चेक वितरित किए गये।
समाज कल्याण विभाग द्वारा चार दिव्यांग लोगों को व्हील चेयर एवं छड़ी वितरित की गयी। बाल विकास विभाग के तहत छह महिलाओं को महालक्ष्मी किट वितरित की गयी।
शिविर में सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण रवि रंजन, सिविल जज जूनियर डिवीजन रुद्रप्रयाग जतिन मित्तल, न्यायिक मजिस्ट्रेट पारूल थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, प्रभागीय वन अधिकारी कल्याणी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती, उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग आशीष घिल्डियाल, जखोली भगत सिंह फोनिया सहित विभिन्न स्कूलों के छात्र- छात्राएं एवं जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन सिविल जज जूनियर डिविजन ऊखीमठ रोहित कुमार पांडेय ने किया।

खुशहाल, स्वस्थ और आनंदपूर्ण जीवन के लिये करें सार्थक पहल

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(डा. जौहरी लाल)

आज की इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में 35-37 साल की सेवा के बाद, सेवानिवृत्ति पर, व्यक्ति एक आरामदायक और सुकून भरी ज़िंदगी जीने की उम्मीद करता है। हालांकि, यह देखा गया है कि, ज़्यादातर लोग अपनी सेवा से रिटायर होने पर जीवन का आनंद नहीं ले पाते हैं। वास्तव में, वे कड़ी मेहनत वाली सेवा के कठिन दौर से गुज़रने के बाद बहुत ज़रूरी आराम और आनंद के हकदार हैं। आगे एक खुशहाल, स्वस्थ और फलदायी जीवन जीने के लिए कुछ सुनहरे मंत्र दिए गए हैं :
स्वास्थ्य : जीवन में सबसे पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा होनी चाहिए, खासकर सेवानिवृत्ति के बाद की बढ़ती उम्र में, क्योंकि शारीरिक शरीर में टूट-फूट और प्राकृतिक क्षय होता रहता है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 2-3 घंटे बिताना प्राथमिक कर्तव्य है। निम्नलिखित को हमारे दैनिक जीवन की दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
सुबह की सैर : सुबह 30-45 मिनट टहलना और शाम को डिनर के बाद टहलना ज़रूरी है। हर रोज़ 6000 से 8000 कदम पैदल चलना ज़रूरी है। यह जानना ज़रूरी है कि बुढ़ापा पैरों से ही आता है और इसलिए पैरों को हमेशा सक्रिय और गतिशील रहना चाहिए, साथ ही लोगों को यह भी नहीं पता कि दूसरा दिल भी होता है, पिंडली की मांस पेशियों में स्थित है।

शारीरिक व्यायाम और योग :
रक्त का समुचित संचार सुनिश्चित करने, शरीर के प्रत्येक भाग की पर्याप्त गतिशीलता सुनिश्चित करने तथा जंग लगने से बचाने के लिए प्रतिदिन 10-15 मिनट व्यायाम करना आवश्यक है। योग हमारी प्राचीन परंपरा है, जो ऋग्वेद के समय से लगभग 5000 साल पुरानी है। इसे हमारे विभिन्न उपनिषदों में भी समझाया गया है और भगवत गीता के सभी 18 अध्यायों में योग के बारे में बताया गया है। यह जानना उल्लेखनीय है कि योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपचारात्मक और निवारक दोनों है। इसलिए, ‘सूर्य नमस्कार’ सहित विभिन्न आसनों का कम से कम 15-20 मिनट तक योगाभ्यास करना आवश्यक है।
प्राणायाम : वैसे तो प्राणायाम “अष्ट योग” के 8 घटकों में से एक है, लेकिन प्राणायाम पूरे शरीर की प्रणाली को ऊर्जा प्रदान करने के लिए बहुत ज़रूरी है। चूँकि ‘प्राणवायु’ हमारे जीवन को बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी है, इसलिए प्राणायाम के विभिन्न तरीके हमारे पूरे शरीर और दिमाग को ज़रूरी ऊर्जा प्रदान करते हैं। कुछ प्राणायाम हैं ‘कपालभाति’, ‘अनुलोम विलोम’,
‘ब्रह्मरी’ और ‘ब्रष्टिका’। इसलिए रोजाना प्राणायाम करना बहुत जरूरी है l शरीर में ऊर्जा का उचित प्रवाह बनाए रखने के लिए लगभग 20 मिनट का समय चाहिए। बिना सांस लिए जीना मुश्किल है, लेकिन प्राणायाम सही तरीके से सांस लेना सिखाता है।
ध्यान : मन की शांति और समग्र कल्याण के लिए ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन 15-20 मिनट ध्यान करना आवश्यक है। यह पहलू योग का हिस्सा है साधना, यह जानना जरूरी है कि बुढ़ापा पैरों से प्रवेश करता है, जबकि पैर सही सलामत और गतिशील रहने चाहिए।
संतुलित आहार, आराम और अच्छी नींद : ये स्वस्थ जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाता है, तो कई तरह से अस्वस्थता और बीमारी की शक्ति बन जाती है। ये स्वस्थ जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाता है, तो यह हमेशा अस्वस्थता और बीमारी का कारण बनता है।
स्वाध्याय : सीखना व्यक्ति के विकास की सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। आत्म-विकास के लिए निरंतर प्रयास होने चाहिए। इसलिए, ज्ञान अर्जित करना व्यक्ति के जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। सभी महान व्यक्तियों में एक बात समान थी कि वे पुस्तकों के बहुत बड़े पाठक थे, जैसे स्वामी विवेकानंद, ओशो, महात्मा गांधी, डॉ. भीम राव अंबेडकर, ये सभी महान पाठक थे। सेवानिवृत्ति के बाद लोगों में यह प्रवृत्ति होती है कि वे सोचते हैं कि उन्हें सब कुछ पता है और कुछ नया सीखने की कोई आवश्यकता नहीं है। पढ़ने की आदत में एक बाधा मोबाइल यानी व्हाट्सएप थी, लेकिन इसमें यूट्यूब आदि के माध्यम से बहुत ज्ञान भी उपलब्ध है। आत्म-विकास में मदद करने के लिए बहुत अच्छी पुस्तकें, साहित्य, शास्त्र उपलब्ध हैं। “भगवद्गीता” एक बहुत ही खुशहाल और आनंदमय जीवन जीने की महान पुस्तक है। चूंकि इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, इसलिए लोग पढ़ना शुरू करने के बारे में भी नहीं सोचते हैं, लेकिन, अगर कोई प्रतिदिन केवल 10 श्लोकों को टीका के साथ पढ़ने का फैसला करता है, तो अगले 70 दिनों में पूरी पुस्तक पूरी हो जाएगी। इसीलिए कहा जाता है कि ‘जहाँ इच्छा है, वहाँ रास्ता है’।
सत्संग : व्यक्ति को अपनी संगति के बारे में सावधान रहना चाहिए। कहा जाता है कि व्यक्ति अपनी संगति से जाना जाता है। संगति व्यक्ति के जीवन में गतिविधियों और दृष्टिकोण को प्रभावित करने में बहुत प्रभाव डालती है। भगवत गीता के अनुसार, 3 प्रकार के व्यक्ति (पुरुष) होते हैं यानि सात्विक, राजसिक और तामसिक। पहले 2 प्रकार के लोग यानि सात्विक और राजसिक संगति के लिए अच्छे हैं, लेकिन तामसिक व्यक्तियों की संगति से बचना चाहिए। ऐसे लोग आलसी, सुस्त और अपने दृष्टिकोण और धारणा में नकारात्मक होते हैं। वे दूसरों में कोई अच्छाई नहीं देख सकते और वे आत्म-केंद्रित और स्वार्थी होते हैं। वे संक्रामक व्यक्ति होते हैं और अगर कोई उनके संपर्क में रहता है, तो वे अपनी नकारात्मक प्रवृत्तियों से संक्रमित हो जाएंगे।
हिन्दी कवि रहीम ने संगति के प्रभाव का बहुत अच्छा उदाहरण दिया है। वे कहते हैं कि जब वर्षा के पानी की एक बूँद कीचड़ भरे गंदे पानी में गिरती है, तो वह स्वयं गंदी हो जाती है। यदि पानी की बूँद किसी फूल पर गिरती है, तो वह फूल पूजा और भगवान को चढ़ाने के काम आता है। यदि पानी की वही बूँद किसी साँप के मुँह में गिरती है, तो वह जहर बन जाती है और यदि वही बूँद केले के पौधे पर गिरती है, तो वह कपूर बन जाती है और यदि वर्षा के पानी की कुछ बूँद सीप पर गिरती है, तो वह मोती बन जाती है। इस प्रकार वर्षा के पानी की बूँद एक ही होती है, लेकिन उसकी संगति अलग-अलग आकार ले लेती है और इसलिए अपने मित्रों और मित्र-मंडली को चुनने में हमेशा सावधानी बरतें।
कदली, सीप, भुजंग, मुख, स्वाति एक गुन तीन ।। जैसी संगति बैठिये, तैसोई फल दीन।।

सेवा- फलदायी जुड़ाव :
सेवानिवृत्ति के बाद के कुछ समय का उपयोग ‘समाज को वापस देने’ के लिए किया जाना चाहिए। हमारे जीवन के कई वर्ष अपने और अपने परिवार की सेवा में व्यतीत हुए, जिसे “स्वान्त सुखाय” कहते हैं। अब समय आ गया है दूसरों के लिए कुछ करने का, अर्थात “प्रान्त सुखाय”। बहुत से लोग सेवानिवृत्ति के बाद अपने समय को उपयोगी ढंग से व्यतीत करना नहीं जानते और समय के साथ वे आलसी और सुस्त हो जाते हैं। यदि किसी को शारीरिक और मानसिक रूप से ऊर्जावान रहना है, तो उसे कुछ उपयोगी गतिविधियों में संलग्न होना होगा। जो लोग अभी भी बहुत दुखी और दयनीय जीवन जी रहे हैं, उनके लिए कुछ अच्छा करने में कोई कमी नहीं है। समाज सेवा करने से देने वाले को बहुत खुशी मिलती है। कहा जाता है कि ‘यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो किसी को खुश करें’।
प्रसिद्ध उर्दू शायर निदा फासली ने कहा है,घर से मज्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें। किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाएँ।” अगर आप किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं तो यह किसी पूजा से कम नहीं है। शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, बाल देखभाल, महिला विकास, ग्रामीण विकास, पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन, खेती में सुधार, पशु देखभाल और सैकड़ों अन्य गतिविधियों के क्षेत्र में उत्थान और कल्याण के लिए कई सामाजिक और आध्यात्मिक संगठन लगे हुए हैं। कोई भी अपनी पसंद की कुछ गतिविधियों का चयन कर सकता है, ताकि समाज को रहने लायक बनाने में अपना योगदान देने के लिए खुद को अधिक सक्रिय रूप से शामिल कर सके। कोई भी आध्यात्मिक या सामाजिक संगठन जुड़ सकता है जो सेवा, सत्संग और साधना करने के अवसर प्रदान करता हो। ऐसे कई संगठन हैं जैसे ‘रामकृष्ण मिशन’, ‘भारत सेवा संघ’, ‘अरविंद आश्रम’, ‘राधा स्वामी’, ‘ईशा फाउंडेशन’, ‘ब्रह्मा कुमारी’ ‘गुरुद्वारा’ आदि। सेवा संघ’, ‘अरबिंदो आश्रम’, ‘राधा स्वामी’, ‘ईशा फाउंडेशन’, ‘ब्रह्मा कुमारी’ ‘गुरुद्वारा’ आदि, सेवा के दौरान, व्यक्ति ने सफलता की कई कहानियाँ गढ़ी हैं। सेवा के दौरान किए गए योगदान को गिनाया जा सकता है। इसी तरह, सेवानिवृत्ति के 10 साल, 15 साल और 20 साल बाद भी कुछ कहानियाँ होनी चाहिए जिन्हें वह साझा कर सके। यदि कोई व्यक्ति किसी उद्देश्य के साथ प्रतिबद्धता और मिशन के साथ कुछ कार्य करता है, तो वह सफल हो सकता है।
दिन के अंत में ऐसी कहानियां तो मिलेंगी ही, अन्यथा कोई केवल यही कहता रह जाएगा कि उसने नौकरी में रहते हुए क्या-क्या किया।
मैं लगभग 21 वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुआ था, मैंने तय किया था कि मुझे समाज के प्रति अपना ऋण चुकाना चाहिए और मैंने इस मिशन की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। मैंने पाया कि बहुत से लोग अंधे हो जाते हैं और सबसे अधिक अंधे लोग भारत में रहते हैं। इस अंधेपन का मुख्य कारण ‘मोतियाबिंद’ है और गाँवों में रहने वाले अधिकांश लोग इस बीमारी के शिकार हैं, मैंने अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद ‘अनुग्रह दृष्टिदान’ नामक एक संस्था बनाई और इसके बैनर तले हमने निम्नलिखित योगदान दिया है l
कुल आयोजित नेत्र शिविर: 1,541
जांचे गए मरीजों की संख्या: 4,74,235
लाभार्थियों की संख्या (चश्मा और दवाइयां) : 4,80,841
ऑपरेशन किये गये मोतियाबिंद रोगियों की संख्या: 81,119
कवर किए गए जिलों की संख्या : 195
इसके साथ ही 50 बिस्तरों वाला चैरिटेबल नेत्र चिकित्सालय निर्माणाधीन है, जहां मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों से पीड़ित लगभग 4000 रोगियों का इलाज किया जाएगा। एक अन्य NGO, बाल आरोग्य के तहत हमने 7 राज्यों में एक लाख से ज़्यादा स्कूली बच्चों की जाँच की है और उन्हें चश्मे और दवाइयाँ दी हैं। हमने गरीब परिवारों की 500 ड्रॉप आउट लड़कियों को कटिंग, टेलरिंग और ब्यूटी कल्चर का प्रशिक्षण दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें दी हैं। ‘मैनेजमेंट एंड लीडरशिप डेवलपमेंट सेंटर’ नामक एक अन्य संगठन के तहत हमने हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने सहित लगभग 400 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। हमारा ‘सेवानिवृत्ति के लिए नियोजन’ बहुत प्रसिद्ध कार्यक्रम है ।

( लेखक ओएनजीसी से निदेशक(कार्मिक) के पद से सेवानिवृत हुये हैं और समाज सेवा के लिये कृत संकल्पित हैं l )

स्यालसौड़ में बोली क्षेत्र की जनता केदारनाथ विधानसभा के विकास के लिये कुलदीप रावत को समर्थन

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रुद्रप्रयाग-केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव के लिये दावेदारों ने कमर कस ली, जाने माने समाज सेवी कुलदीप रावत के समर्थन में जुट रही भीड की जनपद में खूब चर्चा हो रही है। आज चन्द्रापुरी के स्याल सौड़ में उनके समर्थन में आयोजित जनसमर्थन कार्यक्रम में उमडी भीड का उत्साह देखते ही बन रहा था। भीड़ के उत्साह से खुश कुलदीप रावत ने जनता को सम्बोधित करते हुये कहा कि उन्होने छैत्र के विकास व गरीब असहाय व जरूरत मंद लोगों की सेवा को अपना मिसन बनाया है। उन्होने कहा कि यह मंच राजनीति का नहीं बल्कि छैत्र व समाज के विकास के चितंन मनन का मंच है। अपने काम धाम छोडकर जिस तरह से आपका समर्थन मिला है उसी तरह मैं सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहूगाँ ।May be an image of 8 people and temple
चन्द्रापुरी भटवाडी सुनार के ग्राम प्रधान देवी लाल की अध्यक्षता में आयोजित जन समर्थन कार्यक्रम में आस पास छैत्र से भारी सख्या महिलाओं , युवाओ, व छैत्रीय जनता व जन प्रतिनिधियों ने शिरकत की। इस दौरान कई
छात्र नेताओं ने मंच पर उपस्थित होकर कुलदीप रावत को समर्थन देने की घोषणा की। मंच को संबोधित करते हुये जन समर्थन कार्यक्रम में पहुँची जनता व जन प्रतिनिधियों ने एक स्वर में केदारनाथ के विकास के लिये कुलदीप रावत को समर्थन देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में ग्रामीण छैत्रों से आई महिलाओं का कहना था कि नेता चुनाव में बडे बडे वादे करते है ओर चुनाव जीतने के बाद मुहँ फेर लेते है। लेकिन कुलदीप रावत दो बार हारने के बाद भी हमेशा लोगों के सुखः दुखः मे शामिल रहे। छैत्र में असहाय, गरीब, बीमार लोगों की मदद में उन्होने हमेशा हाथ बढाया। इस बार वे किसी के झासे मे नहीं आने वाले है व छैत्र के विकास के लिये कुलदीप रावत का साथ देकर उप चुनाव में भारी बहुमत से जितायेगें।
जन समर्थन कार्यक्रम को गढ़वाल विश्व विद्यालय के महा सचिव सम्राट राणा, देव कांत देवराडी, प्रदीप रावत, विराट भट्ट, आर्यन छात्र संगठन के छात्र नेता, प्रधान कणसिल प्रधान बावई, हरेन्द्र राणा, पूर्व प्रधानाचार्य भगत सिंह बर्तवाल, लक्ष्मण बर्तवाल, अनिल कोटियाल, सहित छैत्र के प्रधान व जन प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।May be an image of one or more people and crowd

मूल निवास और भू- कानून के लिए ऋषिकेश में उमड़ा जन सैलाब

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मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेशभर से हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

महारैली में लिया निर्णय : बहुत जल्द होगी बड़े कार्यक्रम की घोषणा

ऋषिकेश। मूल निवास 1950, और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर ऋषिकेश में विशाल महारैली का आयोजन किया गया। इस महारैली में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों लोग शामिल हुए।

‘मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर हुई इस महारैली में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, पूर्व सैनिकों, पूर्व कर्मचारियों ने शिरकत की। कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने नटराज चौक पर उत्तराखंड राज्य निर्माण के नायक रहे श्री इंद्रमणि बडोनी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बडोनी जी को नमन करने के बाद संघर्ष समिति के बैनर तले जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा के बाद आंदोलनकारियों ने आइडीपीएल ऋषिकेश से त्रिवेणी घाट तक विशाल जुलूस निकाला।

इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि, 40 से ज्यादा आंदोलनकारियों की शहादत से हासिल हुआ हमारा उत्तराखंड राज्य आज 24 साल बाद भी अपनी पहचान के संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के मूल निवासियों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है और अब तो हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं कि मूल निवासी अपने ही प्रदेश में दोयम दर्जे के नागरिक बनते जा रहे हैं। आज न मूल निवासियों को नौकरी मिल रही और न ठेकेदारी। हर तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथों खिसकते जा रहे हैं।

डिमरी ने कहा कि मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू करने के साथ ही प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू किया जाना बेहद जरूरी है। मूल निवास का मुद्दा उत्तराखंड की पहचान के साथ ही यहां के लोगों के भविष्य से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मूल निवास की लड़ाई जीते बिना उत्तराखंड का भविष्य असुरक्षित है। मजबूत भू-कानून न होने से ऋषिकेश ही नहीं पूरे उत्तराखंड में जमीनों की खुली बंदरबांट चल रही है। इससे राज्य की डेमोग्राफी बदल गई है। हमारे लोगों को जमीन का मालिक होना था और वे लोग रिसोर्ट/होटलों में नौकर/चौकीदार बनने के लिए विवश हैं। हम अपने लोगों को नौकर नहीं मालिक बनते हुए देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि आज ऋषिकेश अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है। सरेआम मूल निवासियों को मारा-पीटा जा रहा है। ड्रग्स और नशे के कारोबार कारण हमारे बच्चों का भविष्य ख़त्म हो रहा है।

‘मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के सह संयोजक लुसुन टोडरिया और सचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए मूल निवास 1950 और मजबूत भू-कानून लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

समिति से जुड़े हिमांशु बिजल्वाण, कोर मेंबर सुरेंद्र नेगी, और हिमांशु रावत ने कहा कि जिस तरह प्रदेश के मूल निवासियों के हक हकूकों को खत्म किया जा रहा है, उससे एक दिन प्रदेश के मूल निवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो जाएगा।

समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी और कुमांऊ संयोजक राकेश बिष्ट ने कहा कि अगर सरकार जनभावना के अनुरूप मूल निवास और मजबूत भू-कानून लागू नहीं करेगी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता एलपी रतूड़ी, विकास सेमवाल, हर्ष व्यास, सुदेश भट्ट, हिमांशु पंवार, अनिल डोभाल, गोकुल रमोला, कुसुम जोशी, पंकज उनियाल, प्रमोद काला, उषा डोभाल, सुरेंद्र रावत, आशीष नौटियाल, नमन चंदोला, शूरवीर चौहान, नीलम बिजल्वाण, केपी जोशी ने कहा कि इस आंदोलन को प्रदेशभर से लोगों का मजबूत समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 24 दिसंबर को देहरादून में हुई महारैली के बाद हल्द्वानी, टिहरी, श्रीनगर और कोटद्वार, गैरसैंण के बाद अब ऋषिकेश में जिस तरह से जनसैलाब उमड़ा है, उससे स्पष्ट है कि राज्य के लोग अपने अधिकारों, सांस्कृतिक पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्रांजल नौडियाल और संजय सिलस्वाल ने किया।

आगे की रणनीति….

स्वाभिमान यात्रा निकालेगी संघर्ष समिति
ऋषिकेश में हुई रैली के बाद मूल निवास आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए जल्द ही अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को घर-घर में ले जाया जाएगा।अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में स्वाभिमान यात्रा शुरू शुरू की जाएगी। डिमरी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से समिति विभिन्न कार्यक्रम करेगी, जिसके तहत गांव-गांव जाने से लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं से संवाद किया जाएगा। इस बाबत जल्द ही कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा।

हमारी प्रमुख मांगे

1- प्रदेश में मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 घोषित की जाए। इसके आधार पर मूल निवासियों को सरकारी और प्राइवेट नौकरियों, ठेकेदारी, सरकारी योजनाओं सहित तमाम संसाधनों में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाय।

2- प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू हो, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में 200 वर्ग मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू किया जाए तथा इसकी खरीद के लिए 30 वर्ष पहले से उत्तराखंड में रहने की शर्त लागू हो।

3- प्रदेश के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि खरीदने-बेचने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे।

4- राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार द्वारा विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को बेची गई और दान व लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

5- प्रदेश में किसी भी तरह के उद्योग के लिए जमीन को 10 साल की लीज पर दिया जाय। इसमें भी पचास प्रतिशत हिस्सेदारी स्थानीय लोगों की तय की जय और ऐसे सभी उद्यमों में 90 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिस उद्योग के लिए जमीन दी गई है, उसका समय-समय पर मूल्यांकन किया जाय। इसी आधार पर लीज आगे बढ़ाई जाय।

आईएएस संजय कुमार द्वारा लिखित ‘बर्ड्स इन एंड अराउंड मसूरी’ का मसूरी में हुआ विमोचन

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, देहरादून:* आईएएस संजय कुमार द्वारा लिखित मसूरी की पक्षी विविधता पर आधारित पुस्तक ‘बर्ड्स इन एंड अराउंड मसूरी’ का विमोचन वेलकमहोटल द सेवॉय मसूरी में किया गया। यह कार्यक्रम विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) उपस्थित रहे।

दर्शकों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा, “विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर और शानदार पुस्तक ‘बर्ड्स इन एंड अराउंड मसूरी’ के विमोचन के अवसर पर यहां उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। पक्षी निर्माता की सुंदरता हैं, लेकिन उस सुंदरता का आनंद लेने के लिए इंसान में एक ख़ास जुनून होना चाहिए। संजय जी ने अपनी यह पुस्तक अपने मन, शरीर और आत्मा से लिखी है। उन्होंने इस पुस्तक को पर्यटन से जोड़ते हुए एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली संदेश दिया है कि अगर कोई वास्तविक सुंदरता और भव्यता को देखना और अनुभव करना चाहता है, तो उसे ‘देवभूमि’ उत्तराखंड आना चाहिए।”

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2002 बैच के अधिकारी संजय कुमार द्वारा लिखित यह पुस्तक मसूरी के सुरम्य शहर में और उसके आसपास पाई जाने वाली समृद्ध पक्षी विविधता का विस्तृत अन्वेषण है। यह पुस्तक पर्यटकों, पक्षी प्रेमियों और क्षेत्र की प्राकृतिक विरासत में रुचि रखने वाले संरक्षणवादियों के लिए एक शैक्षिक संसाधन और मार्गदर्शक दोनों के रूप में काम करेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए संजय कुमार ने कहा, “यह पुस्तक मसूरी शहर और उसके आस-पास के पक्षियों के बारे में है, जो इस जगह को और भी शानदार बनाते हैं। मैं उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत जी और सभी सहयोगी व्यक्तियों और संगठनों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस लेखन यात्रा के दौरान मेरा बहुत साथ दिया। मैं श्री रस्किन बॉन्ड का भी आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जो पुस्तक लिखने में मेरे लिए प्रेरणा रहे हैं।”

संजय कुमार ने पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यूपी के 10 जिलों में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में एक दशक से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने सीतापुर में वेटलैंड संरक्षण का बीड़ा उठाया, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के साथ रामगंगा नदी के जीर्णोद्धार का नेतृत्व किया और बरेली में कछुआ संरक्षण केंद्र की स्थापना की। उनके प्रयासों में प्रयागराज में चांद-खमरिया ब्लैकबक कंजर्वेशन रिजर्व की स्थापना और हैदरपुर वेटलैंड को रामसर साइट का दर्जा देना भी शामिल है। एक उत्साही वन्यजीव फोटोग्राफर, कुमार ने सात किताबें लिखी हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के संकटग्रस्त पक्षी और लखनऊ के पक्षी शामिल हैं।

पुस्तक विमोचन के अलावा, एक पैनल चर्चा भी आयोजित हुई, जिसमें संरक्षण, इतिहास और स्थानीय संस्कृति में विशेषज्ञता रखने वाले वक्ताओं के एक प्रतिष्ठित समूह ने भाग लिया। पैनलिस्टों में डॉ. धनंजय मोहन, आईएफएस, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख, उत्तराखंड; संजय कुमार, आईएएस, एमडी, पीसीएफ, उत्तर प्रदेश सरकार; गणेश सैली, प्रसिद्ध लेखक और मसूरी के लंबे समय से निवासी, और लोकेश ओहरी, मानवविज्ञानी, इतिहासकार और बीटीडीटी (बीन देयर डून दैट) के संस्थापक शामिल थे।

स्किल उत्तराखण्ड: युवाओं को मिले साढ़े तीन लाख रुपए मासिक वेतन के ऑफर

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कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत, जीएनएम का कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून के निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे हैं। प्रशांत अब जर्मन भाषा में बी– 2 का प्रशिक्षण पूरा करने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद वो जर्मनी में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए मासिक वेतन वाली नौकरी शुरू कर सकेंगे, जिसका ऑफर लेटर उन्हें पहले ही मिल चुका है। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’ ने प्रशांत के इन सपनों को रंग भरने का काम किया है। इसके लिए चयनित सभी युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन से सेवायोजन विभाग की ओर से चलाई जा रही ‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’, राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। योजना के तहत जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक 15 युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त सभी युवा बीएससी नर्सिंग, जीएनएम जैसे कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं। अब वो विदेशी भाषा का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद, जर्मनी में रोजगार हासिल कर, उत्तराखण्ड ही नहीं देश का भी नाम रोशन करने जा रहे हैं। उत्तराखण्ड सरकार के प्रयासों से इन युवाओं का चयन पहले ही जर्मनी के विभिन्न अस्पतालों में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए प्रति माह के वेतन पर हो चुका है, बस उन्हें इसके लिए जर्मन भाषा में बी – 2 परीक्षा पास करनी है।

सरकार का भरोसा और आधे से कम खर्च

योजना के तहत प्रशिक्षण ले रही देहरादून त्यागी रोड निवासी अवंतिका बताती हैं कि यदि वो बाहर से जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेती तो, इसमें चार लाख रुपए तक का खर्च आता। लेकिन उत्तराखंड सरकार के अधीन आधे से कम खर्च में प्रशिक्षण मिल रहा है। उस पर सरकार के जरिए चयन होने से किसी तरह की ठगी की भी संभावना नहीं है। वो इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।

मिलेगा दो साल का वर्क वीजा

देहरादून रानीपोखरी निवासी आस्था शर्मा भी चयनित युवाओं में शामिल है। आस्था बताती हैं कि करीब एक साल के प्रशिक्षण पर औसत डेढ़ लाख का व्यय आ रहा है। इसमें 20 प्रतिशत व्यय उत्तराखण्ड सरकार उठा रही है, इसमें वीजा खर्च भी शामिल है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उन्हें जर्मनी मे दो साल का वर्क वीजा भी मिलेगा। टिहरी निवासी काव्य चौहान के मुताबिक उन्होंने सरकारी नौकरी के उद्देश्य से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन योजना की जानकारी के बाद उन्होंने जर्मनी में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया, जहां नौकरी के लिए उन्हें ऑफर लेटर भी मिल चुका है। देहरादून निवासी प्रवीण लिंगवाल के मुताबिक इस योजना के कारण ही उनका विदेश में रोजगार का सपना पूरा हो रहा है।

उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, हमारे युवा मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। इसलिए हमारी कोशिश है कि युवा शक्ति को कौशल प्रदान कर वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाए, उक्त युवा विदेश में उत्तराखण्ड ही नहीं वरन देश का भी नाम रोशन करेंगे, सभी प्रशिक्षणरत युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकानाएं।

सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित जनता दरवार कार्यक्रम का ग्रामीणों को मिल रहा लाभ-विक्रम कंडारी

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रुद्रप्रयाग– संगठन महापर्व सदस्यता अभियान 2024 के तहत सतेराखाल चोपता भाजपा मंडल के अंतर्गत शक्ति केंद्र बैंजी काण्डई, के बूथ संख्या 167 कोखण्डी और 168-आगर बूथ, शक्ति केंद्र दुर्गाधार के 158- बोरा पर भाजपा का सदस्यता अभियान चलाया गया
सतेराखाल- चोपता भाजपा मंडल प्रवास पर पहुंचे प्रदेश कार्य समिति सदस्य व मंडल प्रभारी विक्रम सिंह कंडारी कई दिनों से शक्ति केंद्र संयोजकों और मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा संगठन महापर्व 2024 सदस्यता अभियान घर-घर डोर टू डोर जनसंपर्क करके नए सदस्य बनाने अभियान में जुटे हैं,
बेंजी काण्डई, के आगर में नये सदस्य अभियान के दौरान कंडारी ने मोदी सरकार कार्ड पत्रक वितरण करके ग्राम वासियों को अवगत कराया भाजपा सरकार में अब नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है सरकार और विभागों के अधिकारियों द्वारा सभी जगह जनता दरबार का आयोजन किया जा रहा है जनता की समस्याओं का निराकरण पर जोर दिया जा रहा है ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ दूर दरस्त क्षेत्र ग्रामीणो लाभार्थियों आम जनता परिवार तक पहुंचे,
पहले जिन कार्यों की कल्पना भी नहीं की गई मोदी सरकार ने उन कार्यों को पूर्ण करने के लिए योजनाएं बनाई बल्कि उनको सफलतापूर्वक धरातल पर उतरने का कार्य किया आज डीबीटी के माध्यम से सीधा भुगतान लाभार्थियों के खाते में धनराशि जमा की जाती है,
केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में धामी सरकार के विकास कार्यों को देखते हुए आप सभी लोग इस बीजेपी सदस्यता अभियान में ज्यादा से ज्यादा बढ़ चढ़कर हिस्सा लें,
इस अवसर पर अलग-अलग बूथों पर, मंडल अध्यक्ष त्रिलोचन प्रसाद भट्ट कोषाध्यक्ष राकेश रावत मंडल महिला मोर्चा उपाध्यक्ष राखी गुसाई, गोकुल लाल टम्टा,शक्ति केंद्र प्रवासी बृजभूषण वशिष्ठ , बूथ अध्यक्ष ताजबर फरस्वांण , सुदर्शन सिंह राणा जसवंत सिंह सतेंद्र सिंह राणा , आदि ग्राम वासी उपस्थित रहे।

हर घर को है भगत सिंह की जरूरत : प्रो. जगमोहन

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– शहीद भगतसिंह की जयंती पर उत्तराखंड इंसानियत मंच की ओर से ‘रंग दे बसंती’ कार्यक्रम का आयोजन

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), अक्सर लोग कहते हैं कि देश में भगतसिंह पैदा होने चाहिए, लेकिन मेरे नहीं दूसरे के घर में। आज इसे पूरी तरह बदलने की जरूरत है। जिस तरह से समाज में नफरत फैलाई जा रही है, जिस तरह से समाज को बांटने का प्रयास हो रहा है, उससे तभी निपटा जा सकता है, जब हर घर में भगतसिंह पैदा हों। यह बात शहीद भगत सिंह का भानजे और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर साइंस विभाग के पूर्व हेड प्रो. जगमोहन सिंह ने कही। वे शहीद भगतसिंह की 117वीं जयंती पर उत्तराखंड इंसानियत मंच और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘रंग दे बसन्ती’ में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम सभागार में किया गया था।
प्रो. जगमोहन ने इस मौके पर शहीद भगतसिंह के पारिवारिक और क्रान्तिकारी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने भगतसिंह के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब भी दिया। देहरादून में हुई साम्प्रदायिक घटना के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है, जो कुछ हुआ वह साजिशन था, वरना रात के 11 बजे किसी को कैसे पता चला कि कोई लड़का किसी लड़की से मिलने आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से निपटने का एक ही उपाय है कि हम शहीद भगतसिंह के साम्प्रदायिक एकता के विचार का अनुशरण करें। उन्होंने कहा कि भगतसिंह के पैदा होने से घर परिवार कितना मजबूत होता है, ये बात वे अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए भगतसिंह हर परिवार में पैदा होना चाहिए, न कि सिर्फ दूसरों के घर में।
महात्मा गांधी और शहीद भगत सिंह के रिश्तों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि वैचारिक भिन्नता के बावजूद दोनों एक-दूसरे का सम्मान कहते थे। भगतसिंह ने कहा था कि हम क्रांतिकारियों को महात्मा गांधी को सेल्यूट करना चाहिए कि वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में आम लोगों को सड़कों पर ले आये। जबकि महात्मा गांधी ने कई बार भगतसिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों के बारे में लिखा और उन्हें फांसी की सजा दिये जाने के खिलाफ पत्र भी लिखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य आंदोलनकारी कमला पंत ने कहा कि उत्तराखंड जिस तरह से साम्प्रदायिकता की प्रयोगशाला बनाया जा रहा है, उससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है और ऐसा सिर्फ भगतसिंह की रास्ते पर चलकर ही संभव है। उन्होंने देहरादून और उत्तराखंड में भाईचारा को बिगाड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ एकजुट होने की बात भी कही। भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट ने शहीद भगतसिंह के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपनी बात रखी। उन्होंने भगतसिंह के लेखों में पृथ्वी की उत्पत्ति और चार्ल्स डारविन के उत्पत्ति के सिद्धान्त का उल्लेख होने की चर्चा की। मैड संस्था की वंदना और उत्तराखंड महिला मंच की चन्द्रकला ने भी शहीद भगतसिंह के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनकी वैचारिक परिपक्वता के बारे में अपनी बात रखी। डॉ. रवि चोपड़ा ने प्रो. जगमोहन की परिचय दिया, जबकि परमजीत सिंह कक्कड़ ने उत्तराखंड इंसानियत मंच के कार्यों के बारे में बताया। सतीश धौलाखंड और उनकी टीम ने जनगीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की समाप्ति पर एसएफआई के छात्रों ने ‘ऐ भगतसिंह तू जिन्दा है’, गीत प्रस्तुत किया। त्रिलोचन भट्ट में कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड़ महिला मंच, एसएफआई, मैड, सर्वोदय मंडल उत्तराखंड, किसान सभा, भारत ज्ञान विज्ञान समिति आदि संस्थाओं ने भी सहयोग किया। कार्यक्रम में गढ़वाल सभा, उपनल कर्मचारी संघ, श्रमयोग, स्पेक्स, एनएपीएसआर आदि संगठनों के साथ ही कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल, यूकेडी आदि राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हुए, कार्यक्रम का संचालन एसएफआई के हिमांशु चौहान ने किया।

 

 

प्रथम पुण्य तिथि पर सुरजीत किशोर दास को किया गया यादNo photo description available.

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से शनिवार सायं दून पुस्तकालय के संस्थापक संरक्षक और पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखण्ड़ शासन, सुरजीत किशोर दास की प्रथम पुण्य तिथि पर उन्हें भावपूर्ण सम्मान के साथ याद किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने उन्हें एक कुशल व प्रतिबद्ध प्रशासनिक अधिकारी बताते हुए उन्हें साहित्य,इतिहास कला, गीत, संगीत और खेल विषयों में गहन जानकारी रखने वाला एक संवेदनशील व्यक्ति की संज्ञा देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनकी याद में में रवींद्र संगीत के स्वरों की एक प्रस्तुति की गई। इस संगीत में स्वर व हारमोनियम में दिया गया साथ सुनील मुखर्जी का था जबकि तबले पर बेहतरीन संगत युवा कलाकार सैकत मण्डल ने की। इस अवसर पर ‘रिमम्बरिंग सुरजीत‘ (यादों में सुरजीत) नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक में सुरजीत किशोर दास पर उनकी स्मृतियों से जुड़े प्रबुद्ध जनों के 21 आलेख शामिल किये गये हैं। इस स्मृति ग्रन्थ का सम्पादन गांधीवादी विचारक बिजू नेगी ने किया है।
कार्यक्रम के आरम्भ में अपने स्वागत सम्बोधन में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के निदेशक एन. रवि शंकर ने कहा कि श्री सुरजीत कुमार दास सिविल सेवक, विद्वान, क्रिकेट प्रेमी, संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही मानवतावादी प्रकृति के बहुमुखी व्यक्ति थे। एक सिविल सेवक के रूप में उन्होनें सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुशासन के सिद्धांतों का पालन करने पर जोर दिया था। इस ढांचे के भीतर, उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों, विद्वानों की गतिविधियों को खूब बढ़ावा दिया, पुस्तकालयों के विकास और सामान्य रूप से खेल गतिविधियों पर भी उन्होनें खूब जोर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि दून में कई संस्थानों की स्थापना में भी उनका अथक प्रयास रहा। सीएसआई, दून पुस्तकालय का नये परिसर, दून जिला अस्पताल के दून मेडिकल कॉलेज में उन्नयन में उनकी बड़ी भूमिका रही। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिला वह उनके मानवतावादी मूल्यों से प्रभावित हुए बिना नहीं रहा। सुरजीत दास हमारे पीछे उपलब्धियों की एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं।
इस दौरान सुरजीत दास द्वारा लिखी उनकी कुछ प्रिय कविताओं का पाठ भी किया गया। निकोलस हॉफलैण्ड, इरा चौहान व बिजू नेगी ने इन कविताओं का सस्वर वाचन किया। कार्यक्रम के अन्त में सुरजीत किशोर दास जी की पु़त्री निवेदिता मिश्रा और उनकी पत्नी तथा पूर्व प्रमुख सचिव, उत्तराखण्ड़ शासन श्रीमती विभापुरी दास ने सभागार में उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सभागार में इन्दुकुमार पाण्डे, एन.एस नपलच्याल, कर्नल एस.एस रौतेला, चन्द्रशेखर तिवारी, कर्नल वी के दुग्गल, अभि नन्दा, विनीता शाह, डॉ.योगेश धस्माना, अम्मार नक़वी, एस फारुख, एलेन सीली, अरविंद कृष्ण मेहरोत्रा, अनिल नौरिया, विजय शुक्ला, कुसुम रावत,शैलेन्द्र कुमार, जय भगवान गोयल, के बी नैथानी, रॉबिन कर्माकर, सुंदर सिंह बिष्ट, जगदीश सिंह महर सहित, अनेक लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्य तथा बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे।

 

एक राज्य एक पंचायत चुनाव की मांग : त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने किया सीएम आवास कूचMay be an image of 5 people and text

देहरादून, पिछले कई दिनों से एक राज्य एक पंचायत चुनाव की मांग को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत संगठन आंदोलित है,
इसी क्रम में शनिवार को अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत संगठन से जुड़े सैकड़ों पंचायत प्रतिनिधियों ने सीएम आवास कूच किया l
राज्य भर से आए पंचायत प्रतिनिधि सुबह परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए, इसके बाद मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए जैसे ही सुभाष रोड पर पहुंचे, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया l इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए l उन्होंने अपनी मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी l
प्रदेश प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री सुधीर ने कहा जब तक राज्य सरकार उनकी एक सूत्रीय मांग पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तब तक त्रिस्तरीय पंचायत संगठन इसी तरह देहरादून की सड़कों पर आंदोलन करता रहेगा, उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक देश एक चुनाव की पहल को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड प्रदेश में भी एक राज्य एक पंचायत चुनाव का सिद्धांत लागू होना चाहिए, वहीं संगठन से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि उत्तराखंड में एक राज्य एक पंचायत चुनाव की मांग को लेकर वह लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने उनकी मांग का संज्ञान नहीं लिया है l
प्रदर्शन के दौरान सरकार ने संगठन के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन वार्ता में संगठन की मांग को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका l जिससे खफा होकर संगठन ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन लगातार रखेगा, जोर शोर से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत रहेंगे l

 

सीएम आवास कूच से कोई लेना-देना नहीं है : मर्तोलिया

दूसरी तरफ उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने आज शनिवार 28 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास कूच से अपने को अलग रखा। संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि सीएम आवास कूच के संदर्भ में संगठन की कोई बैठक इस बीच नहीं हुई है। संगठन से जुड़े घटक संगठन के सदस्य इस कूच में भाग नहीं लेंगे। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि कुछ स्वार्थी तत्व पंचायत संगठन को कमजोर करने में लगे हुए हैं। 24 सितंबर को एक फर्जी बैठक दिखाकर 28 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास कूच की सूचना दी जा रही। संगठन से जुड़े ग्राम प्रधान संगठन, क्षेत्र प्रमुख संगठन, जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन और जिला पंचायत सदस्य संगठन का 28 सितंबर के कूच से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने और सत्ता पक्ष को समर्पित करने के लिए इस तरह के प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने संगठन से जुड़े पंचायत सदस्यों का आह्वान किया है कि आगे जो भी आंदोलन होगा, लोकतांत्रिक ढंग से बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जाएगा।

दो दिवसीय फैशन वीक एंड लाइफ स्टाइल शो की शुरुआतMay be an image of 10 people and text

‘इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन एक्ट्रेस लता सब्बरवाल और प्रियंका कंडवाल होंगी शो स्टॉपर’

देहरादून, सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी प्रेजेंट्स कमल ज्वेलर्स देहरादून फैशन वीक एंड लाइफ स्टाइल शो के पहले दिन डिजाइनर्स ने एक से बढ़कर एक कलेक्शन प्रेजेंट किए। इस मौके पर खास रहा बड़ो का बच्चा बन जाना। डिजाइनर अभिषेक वशिष्ट के दा टॉय स्टोरी चाइल्डहुड मेमोरीज से हर कोई बड़ा बच्चे जैसा नजर आया । वहीं शो में देहरादून सहित दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता,जयपुर, बैंगलोर आदि जगहों के डिजाइनर्स और मॉडल्स ने प्रतिभाग किया।
सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से राजपुर रोड स्थित होटल हयात सेंट्रिक में शनिवार को देहरादून फैशन वीक एंड लाइफ स्टाइल शो की शुरुआत की गई। इस मौके पर मनु आहूजा ने बीच वियर, बॉलीवुड स्टाइल ड्रेसेज और दुर्गा पूजा कलेक्शन प्रेजेंट किया। जिसको दर्शको ने बेहद पसंद किया। गौरव राज का राजस्थानी कलेक्शन जो कि रजवाड़ों की ड्रेसेज पर बेस्ड था, इसको खास अंदाज में मंच पर उतारा गया। सचिन सिंह राजपूत ने कोटा वर्क का एथेनिक कलेक्शन प्रस्तुत किया।
इस मौके पर आयोजक दलीप संधि और राजीव मित्तल ने बताया कि इस बार शो में काफी कुछ नया है। बताया कि इस बार इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन एक्ट्रेस लता सभरवाल और प्रियंका कंडवाल शो की स्टॉपर होंगी। डॉ संजना जॉन यहां अपना कलेक्शन लेकर आई हैं जो डोनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की डिजाइनर रह चुकी हैं। इस मौके पर फैशन शो डायरेक्टर अगेंद्र सिंह,कोरियोग्राफर जैज पुष्कर सोनी और शाहना हेनवी और राहुल आदि ने विशेष सहयोग किया।

रविवार को ये होगा खास

इस मौके पर देशभर से कुल 39 डिजाइनर्स पहुंचे हैं। अभिषेक वशिष्ट वृक्ष कलेक्शन लाएं हैं जो उत्तराखंड में काटे जा रहे पेड़ो पर आधारित है। नितेश बहल वाराणसी के घाटों पर बेस्ड कलेक्शन लाएं हैं। शो में जहा उत्तराखंड के ढोल दमाऊ के साथ डिजाइनर्स डॉ संजना जॉन के मॉडल्स रैंप वॉक करेंगे तो आसाम के हैदर अली की ओर से बम्बू ड्रेसेज लाई जाएंगी। सहारनपुर से समीर खान वुडन एंब्रोड्री वाली ड्रेसेज रिप्रेजेंट करेंगे।

28 सितंबर को ये रहे डिजाइनर्स :

तान्या साई फैशन डिज़ाइन अकादमी, निर्मला राय, निर्वाहन सैनी, सोनम और अमन मलिक
हिमानी भारद्वाज, शालिनी, मनु आहूजा, अभिषेक विशिष्ट,दीपक कुमार, न्यू टैलेंट मॉडल मेनेजमेंट
प्रिंस लाहोट, तबस्सुम खान
अरविन्द शर्मा, सचिन सिंह राजपूत, सलमान ख़ान, एंड्रीका जॉन और शगुफ्ता सबा
शेखर, समीर कुरेशी, जसमेहर कौर और यश रेवलिया l

 

पंकज बिष्ट जी को वि‌द्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मानMay be an image of 1 person and beard

देहरादून, इस बार साहित्य के क्षेत्र में वि‌द्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान– 2024 वरिष्ठ कथाकार, पत्रकार, विचारक व संस्कृति कर्मी पंकज बिष्ट को दिय़ा जाएगा। पुरस्कार के लिए बनी पांच सदस्य चयन समिति ने नामांकन के आधार पर पंकज बिष्ट के नाम का चयन किया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि व पत्रकार इब्बार रब्बी होंगे।
यह पुरस्कार साहित्यकार विद्यासागर नौटियाल की कथा संवदेना, सामाजिक संघर्ष, संस्कृति की चेतना का विस्तार है अतः सम्मान के लिये ऐसे ही विचारक, कथाकार का चयन किया जाता है जो वर्तमान में अपनी लेखन में विद्यासागर के विचारों को अपने शब्दों में चरितार्थ करता हो ।
सेव हिमालय मूवमेंट के समीर रतूड़ी ने बताया कि इस बार कार्यक्रम 29 सितम्बर, 2024 को प्रातः 11 बजे प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित किया जायेगा। यह कार्यक्रम सेव हिमालय मूवमेंट व संवेदना संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
विद्यासागर सम्मान 2021 में सुभाष पंत को 2022 में स्व. शेखर जोशी और 2023 को डॉ. शोभा राम शर्मा को दिया गया था । इस वर्ष 2024 में चयन की प्रक्रिया में बदलाव लाते हुए साहित्यकारों द्वारा दो-दो दूसरे साहित्यकारों के नामांकन के आधार पर सम्मान के लिये नामो का चयन किया गया। तत्पश्चात उन नामों पर चयन समिति के सदस्यों द्वारा मंथन कर सम्मान का चयन किया गया ।
निर्धारित मानको के आधार पर पंकज बिष्ट जी के सम्पूर्ण साहित्य लेखन जिसमें प्रमुख रूप से उपन्यास “उस चिड़िया का नाम” पर आम सहमति बनी। पंकज बिष्ट की उत्तराखंड के अंचलों पर आधारित कथा और उनके उल्लेखनीय लेखन के आधार पर यह पुरस्कार दिया जाएगा। चयन समिति में वरिष्ठ कथाकार सुभाष पन्त, हम्माद फारुकी, धीरेन्द्र नाथ तिवारी, जितेंद्र भारती व राजेश पाल शामिल थे।

 

 

उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवा लेकर ऋषिकेश से चम्बा पहुंचा ड्रोन, 30 मिनट में तय की 33 किमी की दूरी

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ऋषिकेश, स्वास्थ्य देखभाल पहुंच तकनीक को आगे बढ़ाते हुए एम्स ऋषिकेश ने जनपद टिहरी के चम्बा शहर में दवा पंहुचाकर ड्रोन डिलीवरी प्रणाली को और अधिक विकसित किया है। विश्व हृदय दिवस 29 सितम्बर के अवसर पर संस्थान ने यह उपलब्धि हासिल की है।
विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) के अवसर पर बीते रोज एम्स ऋषिकेश ने टिहरी जिले के दूरदराज के गांवों में ड्रोन डिलीवरी द्वारा उक्त रक्तचाप की दवा पंहुचाकर अभूतपूर्व पहल शुरू की है। संस्थान का यह कदम हृदय रोगों के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से शुक्रवार को एम्स के हेलीपैड से 10 किलोग्राम का पेलोड टिहरी के चम्बा ब्लाक में भेजा गया। इसमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाओं शामिल थीं। 33 किमी की हवाई दूरी और 5,600 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित चंबा ब्लॉक तक पहुंचने में ड्रोन को 30 मिनट का समय लगा। ड्रोन संचालन टीम ने चम्बा ब्लाॅक स्थिति स्कूल के प्रांगण में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को दवाओं की डिलीवरी उपलब्ध करवायी।
इससे पूर्व एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने ड्रोन को चंबा के लिए रवाना किया। इस दौरान प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि खराब मौसम और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से ऐसे इलाकों में दवा पंहुंचाना स्वयं में चुनौतीपूर्ण है। कहा कि एम्स का प्रयाय है कि अत्याधुनिक मेडिकल तकनीक के माध्यम से राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक ड्रोन सेवा द्वारा जरूरतमंदों को दवा उपपलब्ध करवायी जाय। उल्लेखनीय है कि विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम ’यूज हार्ट फाॅर एक्शन’ रखी गयी है। यह हृदय स्वास्थ्य के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी के महत्व पर जोर देने के साथ ही समाज को दिशा देने वाले जन प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य संस्थानों से कार्रवाई करने का भी आग्रह करती है। एम्स ऋषिकेश की ड्रोन मेडिकल सेवा की यह पहल बताती है कि एम्स ऋषिकेश विश्व हृदय दिवस की थीम के अनुरूप स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने हेतु नेतृत्व कर रहा है। दिल के दौरे, स्ट्रोक और क्रोनिक किडनी रोग के शीर्ष जोखिमों में उच्च रक्तचाप को विशेष कारक माना जाता है।
एम्स ऋषिकेश के सीएफएम विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल के अनुसार इस तरह के नुकसान का एक कारण दवाओं की नियमित पूर्ति का न होना है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों से कई लोग बीपी व शुगर की दवा लेने के लिए नियमित तौर से इसलिए नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि आवागमन के संसाधनों के अभाव और मार्ग अवरूद्ध होने की वजह से वो दूर-दराज से निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक नहीं पँहुच पाते हैं। यदि किसी तरह पहुंच गए तो दवा का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध न होने से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है। ऐसे मेें एम्स के सीएफएम विभाग द्वारा ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से सरल लॉजिस्टिक तंत्र को विकसित कर समस्या हल करने का निर्णय लिया। बताया कि उन्नत पैथोलॉजी परीक्षण करने के लिए ड्रोन सुविधा का भी उपयोग किया जा रहा है।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि ज्यादा ऊंचाई में उच्च रक्तचाप की प्रसार दर को देखते हुए अत्याधुनिक ड्रोन डिलीवरी प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को बिना किसी देरी के ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से उच्च रक्तचाप की दवा समय रहते मिल जाय। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, ड्रोन मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र गैरोला, ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर में हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग की उपाध्यक्ष सुश्री वंदना शाह सहित कई अन्य मौजूद रहे।

राज्य स्तरीय मैराथन “रेड रन” प्रतियोगिता का आयोजन

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देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तराखण्ड, खेल विभाग, उत्तराखण्ड, भारत स्काउट एवं गाईड, उत्तराखण्ड एवं एन०एस०एस०, उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में एच०आई०वी०/एड्स के नियन्त्रण एवं जागरूकता विषय पर राज्य स्तरीय मैराथन “रेड रन” प्रतियोगिता का आयोजन प्रातः 07:00 बजे से किया गया। मैराथन प्रतियोगिता का शुभारम्भ डॉ० अमित शुक्ला, अपर परियोजना निदेशक, यूसैक्स श्री धर्मेन्द्र रावत, उप निदेशक, वित्त एवं महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज के प्रतिनीधियों द्वारा फ्लैग ऑफ कर किया गया। मैराथन प्रतियोगिता में 17-25 वर्ष तक के लगभग 300 छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

मैराथन प्रतियोगिता ब्रह्मकमल चौक (राजपुर रोड), कैनाल रोड, एच०पी० पेट्रोल पम्प, एन०आई०ई०पी०वी०डी०, बाला सुन्दरी मन्दिर, स्कालरहोम बैक गेट, इन्दरबाबा मार्ग, नियर पॉलीकिड से वापस ब्रह्मकमल चौक पर समाप्त की गयी।

उक्त अवसर पर श्री धर्मेन्द्र रावत, उप निदेशक, वित्त, यूसैक्स द्वारा जानकारी दी गयी कि गत वर्ष 2023 में नाको, भारत सरकार द्वारा गोवा में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की रेड रन मैराथन प्रतियोगिता में उत्तरखण्ड राज्य से सुश्री सोनिया महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त किया गया।

“रेड रन” प्रतियोगिता में छात्र वर्ग में स्पोर्टस कॉलेज के छात्र श्री अमरदीप, श्री आदर्श यादव, अक्षम डावरे द्वारा क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। महिला वर्ग में स्पोर्टस कॉलेज की छात्रा सुश्री सोनिया, सुश्री अन्जली, सुश्री गौरी द्वारा क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। मैराथन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले (छात्र/छात्राओं) को क्रमशः रू0 10,000/-, रू0 7,500/- एवं रू0 5,000/- का नगद पुरूस्कार दिया जायेगा।

मैराथन प्रतियोगिता में महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज से श्री लोकेश, एथलेटिक्स प्रशिक्षक, श्री प्रकाश भट्ट, एथलेटिक्स प्रशिक्षक, श्री पंकज रावत, एथलेटिक्स प्रशिक्षक, श्री हेमराज सिंह, एथलेटिक्स प्रशिक्षक, श्री जगदीश पंवार, एथलेटिक्स प्रशिक्षक यूसैक्स स्टाफ के साथ सहयोगी एन०जी०ओ० होप सोसाईटी, देहरादून, चौखम्भा, बालाजी सेवा संस्थान एवं पी०ई० जे०के०एस० संस्थाओं के प्रतिनीधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।