Wednesday, April 30, 2025
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कुट्टू के आटे को लेकर स्पेक्स ने आमजन के लिये साझा की कई जानकारी

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देहरादून, स्पेक्स ने कुट्टू के आटे के 20 नमूने २८ और २९ मार्च ,२०२५ को अलग अलग बाजार से एकत्रित किये जिसमे ८ नमूनों मैं फंगस , ३ नमूनों मैं सोडियम बेंजोएट की अधिक मात्रा तथा 7 नमूनों नमूनों में कैल्शियम प्रोपियोनेट अधिक मात्रा तथा २ नमूने शुद्ध पाए गए, कुट्टू के आटे कि सेल्फ लाइफ दो महीनों से ज्यादा नहीं होती हैं l स्थानीय प्रेस क्लब में इस विषय पर पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी, जिसमें स्पेक्स के डा. बृज मोहन शर्मा ने
कुट्टू के आटे से संबंधित कई जानकारी आमजन के लिये साझा की l

उन्होंने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि कुट्टू के बारें में आम और खास जान को पूरी जानकारी होनी चाहिए, इसलिए सारी जानकारी निम्न प्रकार है l
कुट्टू का आटा, जो बकव्हीट के पौधे के फल को पीसकर तैयार किया जाता है, किसी भी सामान्य अनाज से जुड़ा नहीं है। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम और कई महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। यह आटा खासतौर पर व्रत के दौरान उपयोग में लाया जाता है। कुट्टू के आटे के कई फायदे हैं। इसमें पाए जाने वाले फ़ाइटोन्यूट्रिएंट्स कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जबकि विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स लिवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। कुट्टू के आटे में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं, जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं। यह मैंगनीज़ का अच्छा स्रोत होने के कारण हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है और इसके आयरन, प्रोटीन, और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, कुट्टू के आटे में फाइबर की मात्रा भी होती है, जो सांस से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करता है। व्रत के दौरान इससे पूड़ियां, पराठे, पकौड़े, और चीला तैयार किए जाते हैं। यह आटा विशेष रूप से सेलियक रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी सुरक्षित होता है।
कुट्टू का आटा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें गेहूं से एलर्जी होती है। यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है और हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव करता है। कुट्टू का आटा हड्डियों को मज़बूत करता है, बालों की सेहत को बेहतर बनाता है, और बालों के झड़ने को कम करता है। यह लिवर की समस्याओं को दूर करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में सूजन कम होती है और खून की धमनियों की सेहत भी बेहतर होती है। अंत में, यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक साबित होता है।
कुट्टू के आटे में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे एक हेल्दी विकल्प बनाते हैं। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, मैंगनीज और फास्फोरस जैसी महत्वपूर्ण चीजें भरपूर मात्रा में होती हैं। कुट्टू के आटे की कैलोरी 343 प्रति 100 ग्राम होती है, और इसमें पानी की मात्रा 10% होती है। इसमें प्रोटीन 13.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 71.5 ग्राम, शुगर 0 ग्राम, फाइबर 10 ग्राम, और फैट 3.4 ग्राम होता है। ये सभी पोषक तत्व कुट्टू के आटे को एक स्वस्थ और संतुलित आहार का हिस्सा बनाते हैं।
कुट्टू का आटा कई कारणों से खराब हो सकता है, जैसे कि आटा बहुत पुराना हो, उसमें मिलावट की गई हो, उसमें कीड़े पड़ गए हों, या उसमें बैक्टीरिया या फंगस पनप गया हो। खराब कुट्टू का आटा खाने से फूड पॉइज़निंग हो सकती है, जिससे पेट दर्द, गैस, दस्त, कब्ज़ और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खराब कुट्टू के आटे की पहचान कुछ खास संकेतों से की जा सकती है, जैसे कि आटे में अजीब सी गंध आना, आटे का रंग ग्रे या हल्का हरा होना, या आटे में काले दाने दिखना।
खराब कुट्टू के आटे से बचने के लिए ताजे पिसे हुए कुट्टू के आटे का इस्तेमाल करें और उसे सूरज की रोशनी और नमी से दूर रखें। इसे फ्रिज में रखना और पैकेजिंग को चेक करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि यह किसी तरह से फटी न हो। अगर कुट्टू के आटे में मिलावट की शंका हो, तो ऑर्गनिक, ग्लूटेन-फ्री, या नॉन-जीएमओ जैसे लेबल वाले आटे को चुनें।
कुट्टू का आटा नमी, तापमान और गलत स्टोरेज की वजह से जल्दी खराब हो सकता है। खाद्य विशेषज्ञ के अनुसार, कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ अन्य आटों के मुकाबले कम होती है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक तेल अधिक होते हैं, जो जल्दी ऑक्सीडाइज हो सकते हैं।
इसकी शेल्फ लाइफ आमतौर पर एक से डेढ़ महीने तक होती है, कुट्टू के आटे के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर यदि इसे अधिक मात्रा में खाया जाए। ज़्यादा कुट्टू का आटा खाने से पेट दर्द, गैस, सूजन और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर कुट्टू के आटे में पहले से ही नमक या सोडियम वाली कोई चीज़ मिलाई गई हो, तो इसे खाने से ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। कुट्टू के आटे में फॉस्फोरस की मात्रा भी होती है, और इसे अत्यधिक मात्रा में खाने से किडनी की सेहत प्रभावित हो सकती है। कुट्टू का आटा कम मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक सेवन ब्लड शुगर लेवल को गिरा सकता है। इसके अलावा, कुट्टू से बनी चीज़ें कुछ लोगों को एसिडिटी की समस्या भी दे सकती हैं। जिन लोगों को गैस की समस्या बार-बार होती है, उन्हें कुट्टू से बनी चीज़ें खाने से सिरदर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। कुट्टू का आटा पूरी तरह से पचता नहीं है, जिसके कारण पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आटे को खराब होने से बचाने के लिए कुछ रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिनमें बेंज़ोइल पेरोक्साइड, कैल्शियम प्रोपियोनेट, सोडियम बेंज़ोएट और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं। बेंज़ोइल पेरोक्साइड एक सामान्य आटा योजक है, जो आटे की सफेदी बढ़ाने और इसके भंडारण गुणों को सुधारने में मदद करता है। हालांकि, इसका अधिक सेवन आटे की पोषण सामग्री पर प्रतिकूल असर डाल सकता है और इससे मतली, चक्कर आना, विषाक्तता, और गंभीर यकृत क्षति जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह बैक्टीरिया को मारने का भी काम करता है और मुँहासे के उपचार में इस्तेमाल होता है।
कैल्शियम प्रोपियोनेट का उपयोग खाद्य उत्पादों में संरक्षक के रूप में और पशु आहार में परिरक्षक के रूप में किया जाता है। यह मोल्ड और बैक्टीरिया के विकास को रोकता है, जिससे खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ती है। यह विशेष रूप से ब्रेड, केक, टॉर्टिला और प्रोसेस्ड मीट जैसे उत्पादों में पाया जाता है। हालांकि, इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे सिरदर्द, माइग्रेन, इंसुलिन प्रतिरोध, और आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन। अत्यधिक कैल्शियम सेवन से हाइपरकैल्शिमिया, मांसपेशियों में कमजोरी, गुर्दे की पथरी, और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सोडियम बेंजोएट एक और आम परिरक्षक है, जो खाद्य पदार्थों को संरक्षित करता है और बालों की देखभाल के उत्पादों में भी इस्तेमाल होता है। यह रक्त में अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने, पैनिक अटैक जैसे मानसिक विकारों के इलाज में भी सहायक हो सकता है। हालांकि, इसके अत्यधिक सेवन से एलर्जी प्रतिक्रियाएं, एस्पिरिन-प्रेरित अस्थमा, पेट दर्द, और अनुवांशिक गुणों पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। सोडियम बेंजोएट का प्रयोग खाद्य उत्पादों में नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है, जो आमतौर पर 0.1 से 0.2 ग्राम प्रति लीटर होता है।
कुट्टू के आटे में कई प्रकार की मिलावट हो सकती है, जिनमें मक्का, चावल, या गेहूं का खराब गुणवत्ता वाला आटा, सफेद लकड़ी का बुरादा, बोरिक एसिड, सबमरमर का पाउडर और एर्गोट जैसे जहरीले पदार्थ शामिल हैं। इन मिलावटों की वजह से कुट्टू के आटे की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है, और यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे मिलावटी आटे का सेवन करने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।
कुट्टू के आटे की शुद्धता की जांच करने के लिए आप रंग, गंध, पानी या तेल में मिलाकर देख सकते हैं। इसके अलावा, पैकेट पर लिखी जानकारी और प्रमाणिकता भी जांचें।

रंग से जांच:

• असली कुट्टू का आटा गहरा भूरा या ग्रे रंग का होता है।
• मिलावटी कुट्टू का आटा हल्का हरा या ग्रे रंग का दिख सकता है।

गंध से जांच:

• मिलावटी कुट्टू के आटे में से दुर्गंध आ सकती है।
• शुद्ध कुट्टू का आटा अखरोट जैसी महक देता है।
पानी में मिलाकर जांच:
• एक ग्लास में आधा पानी भरें और उसमें एक चम्मच कुट्टू का आटा डालें।
• अगर आटे में मिलावट है, तो पानी में तैरने वाली चीज़ें दिखाई देंगी और आटा नीचे बैठ जाएगा।

तेल में मिलाकर जांच:

• एक चम्मच कुट्टू के आटे में तेल मिलाएं।
• शुद्ध आटा तेल के साथ कभी लंप्स (गाठें ) नहीं बनाएगा।
• मिलावटी आटा तेल के साथ मिलकर लंप्स बना देगा।
सेलखड़ी या भूसी की मिलावट कैसे पहचानें
• आटे में चाक, भूसी या फिर सेलखड़ी की मिलावट पहचाने के लिए आप पानी में घोलकर देख सकते हैं. इससे आटा ऊपर आ जाएगा और सेलखड़ी या फिर चाक का पाउडर नीचे बैठ जाता है. वहीं भूसी के कण ऊपर तैरने लगते हैं. इस तरह से आप मिलावट की आसानी से पहचान कर सकते हैं l

गर्म तवा पर डालकर देखें :
• आटे के जब आप गर्म तवा पर डालेंगे तो जलकर वो राख बनने लगता है और ब्राउन होने की स्टेज पर अच्छी खुशबू देता है. वहीं अगर सेलखड़ी या किसी अन्य पाउडर की मिलावट हो तो राख सफेद रंग छोड़ती है और स्मेल भी बदल सकती है.
टेक्स्चर से करें पहचान
•आप आटे के टेक्सचर से भी मिलावट की पहचान कर सकते हैं. हाथों में लेकर मसलने पर अगर आटा ज्यादा चिकना लग रहा है तो उसमें मिलावट हो सकती है. बिना मिलावट का आटा हल्का मोटा होता है और मुलायम होगा, लेकिन चिकना महसूस नहीं होगा l

पैकेट पर जांच:

• पैकेट पर लिखी जानकारी और प्रमाणिकता को ध्यान से चेक करें।
• पैकेट पर FSSAI, ISO, और AGMARK जैसे सर्टिफ़िकेशन होने चाहिए।
कुट्टू के आटे को खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
• मिलावटी कुट्टू के आटे का रंग बदल सकता है।
• अगर गूंथते समय आटा बिखर रहा हो या ज़्यादा चिकना हो रहा हो, तो यह मिलावटी हो सकता है।
• पैकेट बंद कुट्टू का आटा खरीदना ज्यादा सुरक्षित होता है।

इस प्रेस वार्ता में नीरज उनियाल,राम तीरथ मौर्या, हरिराज सिंह, बालेन्दु जोशी आदि उपस्थित रहे।

स्मार्ट सिटी का हिस्सा नहीं है क्या धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र : धस्माना

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(के एस बिष्ट)

देहरादून, दून के धर्मपुर विधान सभा छेत्र में ब्राह्मणवाला कारगी बंजारावाला छेत्र के बीचों बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगर निगम द्वारा बनाए गए कूड़े के पहाड़ की दुर्गंध व उससे लगने वाले जाम से परेशान लोगों ने पूर्व मेयर, विधायक और सांसद से गुहार लगा लगा कर समस्या के समाधान न होने पर आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना को अपनी समस्या सुनाने व दिखाने के लिए मौके पर आमंत्रित किया। इस अवसर पर धस्माना ने सरकार से कूड़े के पहाड़ से जनता को राहत दिलाये जाने की मांग की है।
यहां धस्माना साढ़े बारह बजे जब मौके पर पहुंचे तो वहां ब्राह्मणवाला के पार्षद मुकीम अहमद, बंजारावाला के विवेक घिल्डियाल, बी एस रावत, मुकुल पंत, आशीष राठौर, अनीस अंसारी, दीपक कंडारी, अमित चांद, फैजान अहमद आदि बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने धस्माना को पूरे प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करवाया।
इस अवसर पर विवेक घिल्डियाल ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से इस कूड़े के पहाड़ के कारण आस पास के डेढ़ किलोमीटर छेत्र में रहने वाली आबादी जो कि कारगी, बंजारावाला, ब्राह्मणवाला, आजाद नगर जो घनी आबादी वाले इलाके हैं और गंदगी की सड़ांध व बदबू के कारण यहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस दौरान बी एस रावत ने कहा कि गर्मियों व बरसात के मौसम में पूरे क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू व अन्य संक्रमण वाली बीमारियों फैलने से हजारों लोग बीमार हो जाते हैं लेकिन बार बार बोलने के बावजूद सरकार व नगर निगम इसका समाधान नहीं कर रहे।
इस अवसर पर ब्राह्मणवाला के पार्षद मुकीम अहमद ने कहा कि कूड़ा डालने व उठाने वाली गाड़ियों के सड़क पर खड़े होने से इस पूरी सड़क पर अक्सर जाम लगा रहता है व आए दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं।
धस्माना ने मौके से ही नगर निगम के महापौर सौरभ थपलियाल से वार्ता कर उनको समस्या से अवगत करवाते हुए तत्काल समस्या के समाधान की मांग की जिस पर मेयर ने उनको कल नगर निगम वार्ता के लिए आमंत्रित किया।

पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में “पुस्तकोपहार” कार्यक्रम का आयोजन

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देहरादून, केंद्रीय विद्यालय में “पुस्तकोपहार” एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य छात्रों को पुस्तकों के महत्व के बारे में जागरूक करना, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, विद्या की खोज में छात्रों की सहायता करना एवं पर्यावरण के प्रति छात्रों को जागरूक करना हैं l
इसी क्रम में आज
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में “पुस्तकोपहार” कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत छात्र एवं छात्राए ने अपने पुस्तकों का आदान प्रदान किया साथ ही इस उत्सव में अध्यापक श्री दया मोहन लखेड़ा ने अपने पुत्र के पुस्तकों को जरूरतमंद बच्चो में वितरित किया l
इस अवसर पर प्राचार्य श्रीमती बसंती खम्पा ने बताया की ये खास तौर पर कम आर्थिक पृष्ठभूमि वाले बच्चों के लिए उपयोगी हैं, जो शिक्षा का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं इसके अलावा इस तरह के कदम से पाठ्य पुस्तकों को नया जीवन देने का अवसर मिलता है, जिससे छात्रों के बीच आपसी जुड़ाव की भावना पैदा होती है। इस अवसर को सफल बनाने में पुस्तकालयाध्यक्ष श्री घनश्याम दास गुप्ता एवं विद्यालय के पाठक मंच की भूमिका सराहनीय रहा |

काटकर मार दूंगी…पत्नी से सच कर दी यह बात, पति पर किये ताबड़तोड़ चाकू के वार….!

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मुस्करा, यूपी के कस्बा मुस्करा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने पति की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या के बाद भी महिला को कोई पछतावा नहीं है और वह खुलकर कह रही है कि उसने अपने बच्चों का भविष्य बचाने के लिए यह कदम उठाया।
यह घटना बीते सोमवार दोपहर करीब दो बजे बैजनाथ अग्रवाल विद्यालय के पीछे मोती नगर मुहल्ले में हुई। अनीता रैकवार नामक महिला ने अपने पति अरविंद रैकवार पर सब्जी काटने वाले बड़े चाकू से ताबड़तोड़ पांच वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद अनीता ने अपने बड़े बेटे दिनेश जो उस समय बाजार में था, फोन करके घर बुलाया और तबीयत खराब होने की बात कही। घर पहुंचने पर दिनेश ने अपने पिता को खून से लथपथ देखा और अपनी मां को पास में बैठे पाया। शुरुआती पूछताछ में अनीता ने पुलिस को बताया कि कुछ अज्ञात लोग घर में घुसे और दोनों पर हमला करके चले गए।
मृतक के दूसरे पुत्र राजेश की तहरीर पर पुलिस ने पहले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। हालांकि, शाम तक पुलिस की जांच में मृतक की पत्नी अनीता ने खुद ही अपने पति की हत्या करने की बात कबूल कर ली, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को थाने में बैठी अनीता के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखाई दी। वह कुर्सी पर निश्चिंत बैठी थी और उसने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे अपने पति की हत्या करने का कोई दुख नहीं है। उसने बताया कि उसका पति शराब का आदी था और जुआ खेलकर घर बर्बाद कर रहा था, जिसके कारण उनके बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था।
लगभग 15 दिन पहले भी कस्बे के बस स्टैंड के पास दोनों के बीच काफी विवाद हुआ था, जहां अनीता ने अपने पति से कहा था कि यदि वह नहीं सुधरा तो वह उसे काटकर मार देगी, जिसे उसने सच कर दिखाया। अनीता ने बताया कि शादी के एक साल बाद से ही उसका पति उससे लगातार झगड़ा करता था। घटना वाले दिन भी वह शराब पीकर घर आया और उसके साथ मारपीट करने लगा। तभी पास में रखे चाकू से पहले पति ने उस पर वार करने की कोशिश की, जिससे उसके हाथ में हल्की चोट आई। इसके बाद उसने पलटकर उसी चाकू से अपने पति पर वार कर दिया।
अनीता ने सबके सामने कहा कि उसे अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए अपने पति की हत्या करनी पड़ी। इस संबंध में थाना प्रभारी योगेश तिवारी ने बताया कि महिला को जेल भेज दिया गया है।

पूर्व आईपीएस दलीप सिंह कुँवर बने उत्तराखंड के नए सूचना आयुक्त

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देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी दलीप सिंह कुँवर को राज्य का नया सूचना आयुक्त नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। दलीप सिंह कुँवर उत्तराखंड पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे उत्तराखंड इंटेलिजेंस के पूर्व डीआईजी और देहरादून के एसएसपी रह चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे अपनी कर्तव्यनिष्ठा और प्रभावी नेतृत्व के लिए जाने गए।
करीब एक वर्ष पूर्व वे सेवानिवृत्त हुए थे। 28 मार्च को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया गया, जिसके बाद अब वे राज्य के सूचना आयोग में अपनी सेवाएँ देंगे।
उनकी इस नियुक्ति को शासन में पारदर्शिता और सुचारु सूचना प्रणाली को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।

नवरात्रि : शक्ति, श्रद्धा और स्वच्छता का संदेश

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(प्रगति सडाना)

नवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें आत्म-संयम, शक्ति, और स्वच्छता का संदेश देती है। यह पर्व हमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने का अवसर प्रदान करता है, जो जीवन में साहस, धैर्य, और करुणा की प्रेरणा देते हैं।
हम जब माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, तो यह भी आवश्यक है कि हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ और पवित्र हो। स्वच्छता सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए—मन की, विचारों की, और कार्यों की। माँ दुर्गा की उपासना का असली सार तभी साकार होता है जब हम अपने समाज और पर्यावरण की भी उतनी ही देखभाल करें, जितनी हम अपने मंदिरों और घरों की करते हैं।

स्वच्छता और नवरात्रि: एक अनिवार्य संबंध :

नवरात्रि के दौरान हम अपने घरों और पूजा स्थलों की विशेष सफाई करते हैं। लेकिन क्या यह सफाई केवल इन नौ दिनों तक ही सीमित रहनी चाहिए? यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। मंदिरों, घरों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। आज के समय में हमें नवरात्रि जैसे पर्वों को पर्यावरण हितैषी बनाने की भी जरूरत है।

यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं :

-प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल पूजा सामग्री – प्लास्टिक की बजाय मिट्टी के दीपक, प्राकृतिक रंगों से बनी रंगोली और फूलों का उपयोग करें।
-इको-फ्रेंडली मूर्तियाँ – प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के बजाय प्राकृतिक मिट्टी की मूर्तियाँ खरीदें।
-जल संरक्षण – पूजा के बाद जल को नली नालों में बहाने कि बजाय पेड़-पौधों में अर्पित करें।
-ध्वनि प्रदूषण से बचाव – लाउडस्पीकर का सीमित उपयोग करें और ध्वनि स्तर का ध्यान रखें l
नवरात्रि केवल शक्ति की आराधना का पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और पर्यावरण की रक्षा का भी संदेश देता है। माँ दुर्गा की कृपा तब ही प्राप्त होगी जब हम उनके सृजित इस प्रकृति और समाज की देखभाल करेंगे। आइए, इस नवरात्रि हम शक्ति, श्रद्धा और स्वच्छता का संकल्प लें और इसे अपने जीवन का स्थायी हिस्सा बनाए l

वक्फ बिल राष्ट्रहित में, करोड़ों मुसलमान के साथ पूरा देश करेगा इसका समर्थन : रिजिजू

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नई दिल्ली, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम करार देते हुए कहा कि यह विधेयक राष्ट्रहित में पेश किया जा रहा है और इसका समर्थन न केवल करोड़ों मुसलमानों द्वारा, बल्कि पूरे देश द्वारा किया जाएगा। रिजिजू ने इस विधेयक को गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण बताया।
लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “आज ऐतिहासिक दिन है। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 देश के हित में लाया जा रहा है। हम राष्ट्र को लाभ पहुंचाने वाली हर पहल के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह विधेयक बहुत सोच-समझकर और तैयारी के साथ पेश किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा, “मैं सदन में तथ्य प्रस्तुत करूंगा। अगर कोई विरोध करता है, तो वह तर्क के आधार पर करे, हम उसका जवाब देने को तैयार हैं।”
किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता, जिनमें धार्मिक नेता भी शामिल हैं, निर्दोष मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उदाहरण देते हुए कहा, “इन्हीं लोगों ने कहा था कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।”
उन्होंने दावा किया कि कई कांग्रेस नेता और विपक्षी दल निजी तौर पर इस विधेयक की जरूरत को स्वीकार करते हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका विरोध कर रहे हैं।
रिजिजू ने यह भी कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है और इसे लेकर किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करने के लिए वह सदन में पूरी पारदर्शिता के साथ तथ्य रखेंगे। विधेयक पर चर्चा के दौरान सभी पक्षों के तर्कों का जवाब देने की बात भी उन्होंने दोहराई।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार को निचले सदन लोकसभा में पेश होगा। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। वक्फ अधिनियम, 1995 में पहली बार संशोधन नहीं किया जा रहा है। इस कानून में 2013 में यूपीए की सरकार के समय भी संशोधन हुए थे।
इस बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है। लोकसभा में बहस के लिए भाजपा, कांग्रेस, जदयू, टीडीपी समेत पार्टियों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है

देहरादून में मल्टीलेबल कार पार्किंग, आढ़त बजार निर्माण सहित कई परियोजनाओं के लिए बजट मंजूर

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-देहरादून- नैनीताल में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 164.67 करोड़ मंजूर

-केंद्र सरकार ने स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत मंजूर किया बजट

देहरादून, केंद्र सरकार ने देहरादून और नैनीताल में विभिन्न विकास कार्यों के लिए स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत 164.67 करोड़ मंजूर किए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जिन विकास कार्यों के लिए बजट मंजूर किया गया है। उसमें मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधीन रामजीवाला (मियांवाला) में तालाब और पार्क निर्माण के लिए 828.27 लाख रुपए, डिफेंस कॉलोनी में गौरा देवी पार्क निर्माण के लिए 672.57 लाख रुपए, तहसील चौक पर मल्टीलेबल कार पार्किंग और ऑफिस स्पेश बिल्डिंग के लिए 13441.85 लाख रुपए, ऋषिकेश में मल्टीलेबल कार पार्किंग के लिए 12560.70 लाख रुपए, कारगी चौक के पास आढ़त बाजार निर्माण के लिए 12150.38 लाख रुपए, रायपुर के पास मालदेवता रोड पर जलस्रोत सौंदर्यीकरण के लिए 404.85 लाख रुपए, गढ़ी कैंट में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 1215.36 लाख रुपए शामिल है। इसी तरह जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल के अधीन शेर का डांडा में ड्रैनेज और सड़क निर्माण के लिए 1241.59 लाख रुपए और नैनीताल शहर के अंदर सड़क और ड्रैनेज कार्य के लिए 621.10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

संदिग्ध स्थिति में दुकान के अंदर मिला शव, हत्या की आशंका

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देहरादून, संदिग्ध स्थिति में दुकान में शव मिलने क्षेत्र में सनसनी फैल गयी। स्थानीय लोग हत्या की आशंका जता रहे हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मोतीबाजार स्थिति टमाटर वाली गली में नाले के पास रहने वाले हरि मिनोचा ने अपने मकान के नीचे दुकानें बना रखी है तथा उन दुकानों को रहने के लिए किराये पर दे रखा है। आज प्रातः हरि मिनोचा के बेटे ने मकान के नीचे स्थित एक दुकान का शटर थोडा सा खुला देखा तो उसने शटर उठा कर देखा तो उसके होश उड गये। उसने देखा कि वहां पर किराये पर रहने वाला मदन सिंह पंवार मुंह के बल लेटा हुआ था। उसने उसको पास से देखा तो वह मरा हुआ था। उसने तत्काल इसकी सूचना अपने पिता हरि मिनोचा को दी। सूचना मिलते ही हरि भी वहां पर पहुंचा तो मदन को मरा देखा तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही शहर कोतवाल चन्द्रभान सिंह अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके पर पहुंच घटनास्थल का जायजा लिया तो मृतक के गले पर रूमान बंंधा हुआ था तथा इसके अलावा पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिले। आसपास के लोगों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि मृतक एक प्राइवेट कम्पनी में सेल्समैन का काम करता था तथा रोज रात्रि 12 से एक बजे के दौरान ही कमरे में आता था। कुछ समय से इसके साथ एक महिला भी लिव इन में रहती थी तथा कुछ समय से उसको नहीं देखा गया है। मृतक मूल रूप से कंडोली गांव का रहने वाला था।
स्थानीय लोगों का मानना है कि रूमाल से गला घोंटकर उसकी हत्या की गयी है। पुलिस के अनुसार मामला संदिग्ध प्रतीत होता है तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

प्रदेश की धामी सरकार ने की दायित्वधारियों की घोषणा

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देहरादून, उत्तराखंड में बीस लोगों को धामी सरकार ने दायित्व सौंप दिये हैं। यह जानकारी सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी।
उन्होंने बताया कि सौंपे गये विभागीय दायित्वों से प्रदेश में विभागीय जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी तथा उनके प्रभावी अनुश्रवण में भी मदद मिलेगी।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जिन महानुभावों को दायित्व सौंपे गये हैं उनमें हरक सिंह नेगी जनपद चमोली को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, सुश्री ऐर्श्वया रावत रूद्रप्रयाग को उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग, श्रीमती गंगा विष्ट जनपद अल्मोडा को उपाध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद, श्याम अग्रवाल जनपद देहरादून को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड आवास सलाहकार परिषद, श्रीमती शांति मेहरा जनपद नैनीताल को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, भगवत प्रसाद मकवाना जनपद देहरादून को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड सफाई कर्मचारी आयोग, हेमराज विष्ट जनपद पिथौरागढ को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय खेल परिषद, रामचंन्द्र गौड जनपद चमोली को अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, पूरन चंद नैलवाल जनपद अल्मोडा को उपाध्यक्ष प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद, रामसुन्दर नौटियाल जनपद उत्तरकाशी उपाध्यक्ष भागीरथी नदी घाटी प्राधिकरण, श्रीमती सायरा बानो जनपद ऊधम सिंह नगर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग, श्रीमती रेनू अधिकारी जनपद नैनीताल को अध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद, सुश्री रजनी रावत जनपद देहरादून उपाध्यक्ष समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति, ओम प्रकाश जमदग्नि जनपद हरिद्वार उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद, भूपेश उपाध्याय जनपद बागेश्वर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद, कुलदीप कुमार जनपद देहरादून अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन पंचायत सलाहकार परिषद, ऋषि कण्डवाल जनपद पौडी उपाध्यक्ष सिंचाई सलाहकार समिति, वीरेन्द्र दत्त सेमवाल जनपद टिहरी उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड हतकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद, अजय कोठियाल जनपद टिहरी अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति, श्याम नारायण पाण्डे जनपद नैनीताल उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति का दायित्व सौंपा गया है।