Saturday, June 21, 2025
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धामी सरकार के तीन साल में बनाई 1481 किमी लंबी ग्रामीण सड़क

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– इस अवधि में 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया।

देहरादून(आरएनएस)।   पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल के दौरान पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड में कुल 1481 किमी लंबाई युक्त 519 सड़कों का निर्माण किया गया, जिस कारण 250 सौ से अधिक आबादी वाले 35 नए गांवों तक सड़क पहुंच पाई।  धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जहां योजना के तहत कुल 1481 किमी लम्बाई युक्त 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया, वहीं पहले से निर्मित 159 किमी लंबी 61 ग्रामीण सड़कों का भी अपग्रेडेशन किया गया। इन सड़कों और पुलों के निर्माण पर कुल 2310 करोड़ रुपए व्यय किए गए। धामी सरकार के दौरान 250 से अधिक जनसंख्या की 35 बसावटों को सड़क से जोड़कर ग्रामीणों की आवाजाही सुगम की गई है। योजना के तहत प्रथम और दूसरे चरण के कार्य अब पूरे होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, अब पीएमजीएसवाई तृतीय चरण के तहत पूर्व में निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है, इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है। इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसके बाद प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दिसम्बर, 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने प्रारम्भ की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ना है। यह योजना 90 प्रतिशत केंद्र पोषित है, शेष दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है। योजना के प्रारंभ होने से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। योजना पर अब तक कुल 10183 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसके फल स्वरूप 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कें प्रगति का आधार होती हैं, इसलिए हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक गांव तक सडक पहुंचे।  साथ ही सड़क मार्ग से वंचित शेष गांवों तक भी सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति, विद्यालयों के दुर्गम सुगम कोटिकरण का होगा पुनर्निरीक्षण

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देहरादून, विद्यालयी शिक्षा विभाग में अक्षम शिक्षकों के साथ ही अब अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को ऐसे कार्मिकों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। साथ ही कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन कर कलस्टर विद्यालयों में समायोजन की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा गया है। इसके अलावा विद्यालयों के दुर्गम सुगम श्रेणी कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण करने के लिये भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विभागीय कार्यों में तेजी लाने एवं गुणवत्ता बनाये रखने के लिये अक्षम अधिकारियों एवं कार्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने के लिये चिन्हित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि शिक्षा बड़ा विभाग होने के नाते कई अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन सही से करने में अक्षम हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। इन्ही तथ्यों के मध्यनजर राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में अपने कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में अक्षम शिक्षकों के साथ-साथ कार्मिकों एवं अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा लम्बे समय से गैरहाजिर शिक्षकों के विरूद्ध बर्खास्तगी की कार्यवाही का भी निर्णय बैठक में लिया गया।
डा. रावत ने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले ऐसे विद्यालयों जिनमें छात्र संख्या मानक से कम है उनका विलय निकटतम कलस्टर विद्यालयों में किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।डा. रावत ने प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत कलस्टर विद्यालयों के चयन की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुये अधिकारियों को फटकार लगाते हुये चिन्हिकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि जिन कलस्टर विद्यालयों के सुदृढीकरण की डीपीआर मिल चुकी है उन्हें शीघ्र धनराशि जारी की जाय। विभागीय मंत्री ने ऐसे विद्यालयों जहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना है तत्काल सूचना प्राप्त कर दो माह के भीतर बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर एवं पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।
इसके अलावा जिन विद्यालयों को दाननामे आधार पर भूमि उपलब्ध हुई है उनकी विभाग के नाम राजिस्ट्री कराने को भी कहा गया।बैठक में प्रदेशभर के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के दुर्गम सुगम कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण करने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिये सभी जनपदों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जिलास्तर पर बैठक कर कोटिकरण के मानकों का पुनर्निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
बैठक में सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, एमएम सेमवाल, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक लीलाधर ब्यास, प्रभारी निदेशक प्राथमिक शिक्षा रघुनाथ लाल, अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती, पदमेन्द्र सकलानी, अनु सचिव विकास श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

डीएम ने लाइन में लगकर बनाया पर्चा, किया अस्पताल का निरीक्षण

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देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल पहुंच लाइन में लगकर पर्चा बनावाया और उसके बाद अस्पताल का निरीक्षण कर जरूरी दिशा निर्देश दिये। शुक्रवार को डीएम सविन बंसल सुबह खुद कार चलाकर ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां मरीजों के साथ लाइन पर लगकर पर्चा बनाया। इसके बाद पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। डीएम को अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक गैरहाजिर मिले। उन्होंने तत्काल वेतन रोकने के निर्देश दिए। यहां निराश्रित वार्ड में मरीज जमीन पर लेटे हुए दिखने पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताई। अस्पताल स्टॉफ को तलब किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई विशेषज्ञ चिकित्सक भी ड्यूटी पर नहीं मिले। इनके बारे में भी डीएम ने रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने अस्पताल का उपस्थिति रजिस्ट्रर भी कब्जे में ले लिया है। डीएम के अस्पताल पहुंचने के करीब आधा घंटे बाद यहां स्टॉफ और चिकित्सकों को डीएम के पहुंचने की भनक लगी। डीएम ऑपरेशन थियेटर गए तो वह खाली पड़ा था। यहां कोई नहीं था। डीएम ने खाली होने की वजह पूछी तो कोई जवाब नहीं दे पाया। जिलाधिकारी ने अस्पताल से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड तहसील दिवस में तलब किया है। इसके बाद डीएम सविन बसंल एआरटीओ कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे।

आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्क्ष में विधीक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी गयी कानूनी जानकारी

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रुद्रप्रयाग- माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशन एवं मा०जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,रुद्रप्रयाग के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रुद्रप्रयाग द्वारा दिनांक- 04/10/2024 को राजकीय इण्टर कॉलेज चमकोट में विधिक सेवा जागरूकता/साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं को आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में बच्चों के अधिकार, बुजुर्गों के अधिकार, महिलाओं के अधिकार, नागरिकों के अधिकार, मौलिक अधिकार व कर्तव्यों, निशुल्क विधिक सहायता, NALSA, SALSA, DLSA and TLSCS, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सहायता, नालसा हेल्पलाइन नम्बर 15100, घरेलू हिंसा के तहत महिलाओं के विशेष कानूनी अधिकार, POSH Act, नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव, सड़क सुरक्षा के नियम, मोटर वाहन अधिनियम आदि के विषय में जागरूक किया गया।
शिविर में सचिव महोदय के साथ-साथ प्रधानाचार्य व समस्त अध्यापकगण आदि उपस्थित रहेl

दुष्कर्म पीड़िता से मिली महिला आयोग की अध्यक्ष, एसएसपी को निर्देश- मामले की हो गंभीरता से जांच

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देहरादून, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने रायपुर में मैजिक मे हुए दुष्कर्म पीडिता से मिलकर एसएसपी को मामले की गम्भरीता से जांच के निर्देश दिये।
शुक्रवार यहां रायपुर क्षेत्र में टाटा मैजिक में दुष्कर्म की घटना की जानकारी मिलने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने संज्ञान लिया है उन्होंने मामले की पीड़िता (उम्र 19 वर्ष) से मुलाकात कर उससे जानकारी ली और चिकित्सकों से पीड़िता के स्वास्थ्य इत्यादि की जानकारी ली। महिला आयोग की अध्यक्ष ने पीड़िता के परिजनों से भी मिलकर बात की तथा पीड़िता का उपचार कर रहे चिकित्सकों से पीड़िता के स्वास्थ्य की जानकारी ली। चिकित्सकों ने बताया कि पीड़िता का स्वास्थ्य ठीक है। पीड़िता का मेडिकल कर लिया गया है आज उसकी रिपोर्ट आ जायेंगी। घटना की जानकारी मिलने पर महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी अजय सिंह से फोन पर वार्ता करते हुए गंभीर जांच के लिए निर्देश दिए है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि घटना की गम्भीरता से जांच होनी चाहिए, सभी सीसीटीवी फुटेज की छानबीन की जाए तथा मामले में जल्द से जल्द पीड़िता के 164 के मजिस्ट्रियल बयान कराए जाए। घटना की जांच में दोषी पाए जाने वाले के आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। जानकारी देते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच की जा रही है। इस दौरान कोरनेशन अस्तपाल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी एस चौहान, चिकित्सक नीलम जंगपांगी व अन्य उपस्थित रहे।

महिला को आत्महत्या के लिये उकसाने वाला दिल्ली से गिरफ्तार, अश्लील वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल

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पिथौरागढ़, महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पांच हजार के ईनामी को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला की अश्लील वीडियों बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रहाा था जिससे तंग आकर महिला द्वारा आत्महत्या कर ली गयी थी।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मनोज कुमार लोहिया पुत्र राजेन्द्र प्रसाद निवासी सिरकुंच, थाना झूलाघाट पिथौरागढ़ द्वारा एक महिला से जान पहचान बनाकर उसका शारीरिक शोषण किया तथा उसकी अश्लील वीडियो बनाई गयी। इसके बाद वह महिला को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे पैसों की मांग करने लगा। महिला ने अपनी पेंशनर सास एवं पति से किसी न किसी बहाने से पैसे लेकर समय—समय पर आरोपी को बीस हजार रूपये भी दिये किन्तु आरोपी और पैसे की मांग करने लगा महिला जब और पैसे की व्यवस्था नहीं कर पाई तो उसने बीती 19 जुलाई को घर के पंखे पर लटक कर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। महिला द्वारा फांसी के वक्त आरोपी के साथ वीडियो कॉलिंग करते हुए फोन को खिड़की मे रख कर पंखे पर लटकी जो पूरी वीडियो आरोपी के मोबाइल से बरामद कर ली गई। जिसमें आरोपी बहुत जोर—जोर से मुस्कुराता दिखाई दिया। मृतक की मां ने आरोपी के खिलाफ 9 अगस्त 2024 को थाना नाचनी में तहरीर दी जिसके आधाार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपी लगातार फरार चल रहा था जिस पर पुलिस ने 5 हजार का ईनाम भी घोषित किया था। जिसे पुलिस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद देर रात ए ब्लाक जेजे कॉलोनी थाना सुभाष प्लेस दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

राष्ट्रीय एकता पर्व का पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में रंगारंग आयोजन

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राष्ट्रीय एकता पर्व 2024 का रंगारंग शुभारंभ आज केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में किया गया,

देहरादून, संभाग स्तरीय एक भारत श्रेष्ठ भारत और कला उत्सव समारोह जिसमें देहरादून संभाग के 06 संकुल स्कूलों के लगभग 218 प्रतिभागियों और 30 अध्यापकों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का उद्देश्य “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक समन्वय को प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसे मुख्य अतिथि श्री सुरजीत सिंह, सहायक आयुक्त, केंद्रीय विद्यालय संगठन, देहरादून संभाग ने किया। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती बसंती खाम्पा ने मुख्य अतिथि एवं निर्णायकों का हरित स्वागत किया,
समारोह की शुरुआत स्वागत गीत से हुई। इसके बाद, श्री सुरजीत सिंह ने अपने प्रेरणादायक शब्दों से प्रतिभागियों को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने एकता और सांस्कृतिक विविधता के महत्व पर जोर दिया।
इस आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक और कला प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता और कौशल का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत समूह नृत्य के साथ हुई, जिसमें सभी 06 संकुल स्कूलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
समूह गान: इसके बाद समूह गान के बाद
एकल गान:
प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने संगीत कौशल का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का संचालन:
श्रीमती दीपमाला द्वारा किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम के विभिन्न हिस्सों को प्रभावी ढंग से पेश किया।
राष्ट्रीय एकता पर्व 2024 ने बच्चों की रचनात्मकता और सांस्कृतिक प्रतिभा को उजागर करने का अद्भुत मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागियों को अपने कौशल दिखाने का अवसर दिया, बल्कि विभिन्न स्कूलों के बीच एकता और सहयोग की भावना को भी मजबूत किया। इस अवसर पर जज के रुप शास्त्रीय नृत्य के रूप भारती सुरियन, तबला वादक के रूप में अनिरुद्ध मिश्रा, क्लासिल संगीत अविनाश मिश्रा , आर्ट इफेक्ट में सुनील कुमार जोशी , वाइस प्रिंसिपल मनीषा मखीजा, शिक्षक आरती उनियाल,देवेंद्र कुमार , अरविंद कुमार , सीमा श्रीवास्तव, डी एम लखेड़ा , राना कादिर,विनोद कुमार रिखी आदि उपस्थित थे

जमीन बेचने की डील कर 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी पर केस

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देहरादून(आरएनएस)। जमीन का मालिकाना हक देने का झांसा देकर 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी के खिलाफ पटेलनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस साक्ष्य जुटाकर आरोपों की जांच कर रही है। इंस्पेक्टर पटेलनगर केके लुंठी ने बताया कि विकास बत्ता निवासी केशव रोड ने तहरीर दी। पीड़ित ने बताया कि यदुवेंद्र सिंह की जमीन 2018 से पट्टे पर ली हुई है। जिसका वह नियमित किराया चुका रहे हैं। पिछले वर्ष जमीन का मालिकाना हक लेने की डील हुई। पीड़ित ने कहा कि आरोपी के कहने पर उन्होंने 52 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद जमीन उन्हें देने के बजाए विवादित कर दिया गया। रकम वापस मांगी तो वह भी नहीं दी। इंस्पेक्ट केके लुंठी ने बताया कि आरोपी यदुवेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

उत्तराखंड को पहली नवरात्रि पर मिली बड़ी सौगात

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– केंद्रीय पूल से मिलेगी 480 मेगावाट अतिरिक्त बिजली
– केंद्र सरकार ने एक हफ्ते में ही अतिरिक्त कोटा जून 2025 तक बढ़ाया
– मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री व ऊर्जा मंत्री का जताया आभार
देहरादून(आरएनएस)।  प्रदेशवासियों को अब शीतकाल में भी निर्बाध बिजली मिलेगी। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को आवंटित अतिरिक्त बिजली कोटे में 180 मेगावाट की वृद्धि कर इसकी समयावधि को भी 30 जून 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है। विगत 26 सितंबर को केंद्र की ओर से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली 31 मार्च 2025 तक के लिए उत्तराखंड को आवंटित की गई थी। इस प्रकार अब कुल 480 मेगावाट अतिरिक्त बिजली केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को अतिरिक्त बिजली आवंटित करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य में बिजली की मांग और उपलब्धता के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। बिजली उत्पादन बढ़ाने को राज्य सरकार सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर और कोयले से बिजली उत्पादन के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी की प्रभावी पैरवी पर केंद्र ने उत्तराखंड के लिए अतिरिक्त बिजली का कोटा बढ़ा दिया है। शीतकाल में बर्फबारी और अन्य कारणों से जल विद्युत परियोजनाओं के उत्पादन में गिरावट आने से राज्य में कई बार बिजली सप्लाई पर असर पड़ता है। अब केंद्रीय पूल से मिलने वाले अतिरिक्त कोटे में वृद्धि से उपभोक्ताओं को शीतकाल में भी निर्बाध बिजली मिलेगी।
कोट—–
उत्तराखंड को केंद्रीय पूल से 480 मेगावाट अतिरिक्त बिजली स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर जी का आभार। केंद्रीय पूल से 480 मेगावाट बिजली मिलने से अब प्रदेशवासियों को शीतकाल में भी बिजली निर्बाध मिलती रहेगी।

 नवरात्रि के पहले दिन भारत की भूमि से शुरू हुए कैलाश पर्वत के पवित्र दर्शन

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–  यात्रियों के 5 सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से किए दर्शन
–  श्रद्धालुओं को अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं, धामी सरकार ने बनाया यात्रा का 5 दिवसीय टूर पैकेज
–   साथ में आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के भी होंगे दर्शन
देहरादून(आरएनएस)।  भारत की भूमि से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना आज पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन से श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली थी। कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज घोषित किया है।
उत्तराखण्ड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने माउंट कैलाश के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के दर्शन भी सम्मिलित हैं। पैकेज के तहत यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय ग्रुप ने आज गुरुवार को माउंट कैलाश के दर्शन किए। यात्रियों के ग्रुप को बीते बुधवार को हैलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुँचाया गया। आज गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और माउण्ट कैलाश के दर्शन कराये गये। कल इन सभी यात्रियों को जौलिकाँग से आदि कैलाश के दर्शन करवाकर गूंजी में रात्रि विश्राम करवाया जायेगा। इसके बाद 5 अक्टूबर को सभी यात्रियों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ वापस पहुँचाया जायेगा।
इस यात्रा दर्शन कार्यक्रम में श्री नीरज मनोहर लाल चौक से, सुश्री मोहिनी नीरज चौक से, श्री अमनदीप कुमार जिंदल, श्री केवल कृष्ण, श्री नरेन्द्र कुमार सम्मिलित हैं। इस यात्रा दर्शन को आये श्रद्धालु श्री चौकसे ने बताया कि भगवान शिव के इन पवित्र धामों के दर्शन कर उनको बेहद सुख की अनुभूति हुई है। माउंट कैलाश, आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के अलौकिक सौंदर्य के दर्शन ने उनको मंत्रमुग्ध कर दिया है। वहीं अन्य श्रद्धालु श्री जिन्दल ने बताया कि भगवान शिव के इन धामों के दर्शन कर उनको मानो स्वर्ग की प्राप्ति हो चुकी है। प्रकृति के इस विहंगम दृश्य को देखते ही मन को अलग ही सुख की प्राप्ति हो रही है। उन्होंने इस यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है।
पहले यात्रा के लिए पार करना पड़ता था चीन बार्डर
कोरोना काल से पहले तक केन्द्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिव भक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलाश मानसरोवर के दर्शन करते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिव भक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत की भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया।
ग्रामीणों ने खोजा व्यू प्वाइंट
पिथौरागढ़ जिले में स्थित स्थानीय ग्रामीणों ने 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों पर एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोजा जहां से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया। फिर, केन्द्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद शासन ने 15 सितंबर से ओल्ड लिपुपास को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया।
भारत की भूमि से ही शिव भक्तों को कैलाश पर्वत के दर्शन् होना बहुत ही सुखद है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। भविष्य में इस यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
श्री पुष्कर सिंह धामी,