Friday, June 20, 2025
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सीमांत गांवों के पशुपालकों को मिलेगा आईटीबीपी का सहारा

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–  आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड कॉओपरेटिव फेडरेशन के मध्य एमओयू की तैयारियां पूरी

देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखण्ड में स्थित सभी आईटीबीपी पोस्ट पर सीमान्त जिलों चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के गांवों के 4000 से अधिक स्थानीय किसानों/पशुपालकों के माध्यम से मांस हेतु भेंड़, बकरियां, पॉलट्री तथा ट्राउट मछली की आपूर्ति के सम्बन्ध में आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड कॉओपरेटिव फेडरेशन के मध्य एमओयू की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में विकास, सीमान्त क्षेत्रों में रिमाइग्रेशन को बढ़ावा देने व पलायन को रोकने तथा सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस एमओयू को जल्द सम्पन्न करवाने के निर्देश दिए हैं। उक्त एमओयू को वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के लिए प्रभावी पहल बताते हुए सीएस  रतूड़ी ने कहा कि इससे सीमान्त क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही पशुओं की स्थानीय ब्रीड व पशुधन को बढ़ावा, सीमान्त आबादी के लिए रोजगार के अवसरों को गति व वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी व उत्तराखण्ड सरकार की इस पहल से राज्य में पशुधन की योजनाएं धरातल स्तर पर पहुंचेगी। बैठक में आईटीबीपी ने राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में अपने पशु चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सहमति देते हुए मुख्य सचिव ने सीएसआर फण्ड के तहत पशुओं हेतु मेडिकल मोबाइल वैन की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
आईटीबीपी द्वारा प्रस्तावित पर्यटन क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने इस विषय पर पर्यटन विभाग के साथ बैठक  के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड कॉओपरेटिव फेडरेशन के मध्य इस एमओयू से अन्य समकक्ष सैन्य संस्थाओं जैसे एसएसबी, सेना आदि के साथ भी इस क्षेत्र में कार्य करने के मार्ग खुलेंगे। इस एमओयू से सीमान्त क्षेत्रों में सप्लाई चेन को मजबूत करने, किसानों को उचित मूल्य मिलने व किसानों से सीधे आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही मैदानी क्षेत्रों से आईटीबीपी को पूरे वर्ष बिना बाधा के कम समय में ताजी खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
एमओयू को क्रियान्वित करने हेतु मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड कॉओपरेटिव फेडरेशन को रिवॉल्विंग फण्ड, मार्केटिंग फण्ड तथा प्रशासनिक व्ययों पर चर्चा करते हुए इसे भविष्य में सस्टेनेबल मोड पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, डा0 बी वी आर सी पुरुषोत्तम, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल सहित सहकारिता, वित्त, आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने  किया  आम्रपाली विश्वविद्यालय, हल्द्वानी में  आयोजित अभिनन्दन समारोह – 2024 कार्यक्रम में प्रतिभाग

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देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के कार्यक्रम में आकर उनके मन में हमेशा जोश एवं उत्साह का संचार होता है। उन्होंने कहा कि हमारे युवा शिक्षा, तकनीक, कला, खेल हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। युवा शक्ति अपने सपनों को साकार करने के साथ ही समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना योगदान दे रही है। आम्रपाली विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कार्य किए हैं। आम्रपाली से पढ़कर आज युवा हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व भारत के ज्ञान और शक्ति से परिचित हो रहा है। बीते 10 सालों में भारत की पहचान और शक्ति पूरे विश्व में बढ़ी है। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि मनुष्य अनंत शक्ति और ऊर्जा का भंडार है। व्यक्ति को केवल अपनी शक्ति ऊर्जा को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से सकारात्मक सोच के साथ सही दिशा में चलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। अल्मोड़ा, चंपावत, देहरादून में साइंस सेंटर, हल्द्वानी में एस्ट्रो पार्क एवं खेल विश्वविद्यालय के निर्माण सहित कई ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार युवाओं के बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते 3 वर्षो में 17 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी विभागों में नियुक्ति दी गई है। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए कानून लाया गया है। 5000 एकड़ से ज्यादा जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। राज्य की महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। राज्य में समान नागरिक संहिता भी जल्द लागू हो जायेगी। राज्य में जीएसडीपी में बीते 20 महीनों में 1.3 गुणा वृद्धि हुई है। बीते 2 साल में राज्य में प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड ने देश में सबसे पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य में ग्रॉस एनवायरनमेंट प्रोडक्ट पर भी कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रही है। राजकीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना पर कार्य किये जा रहे है। राज्य में 20 मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में आईटी लैब, स्मार्ट क्लास एवं महिला छात्रावास का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने ब्रिटिश उच्चायोग एवं इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड के साथ एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए हैं। स्कॉलरशिप के तहत प्रदेश के 05 छात्रों को प्रतिवर्ष अध्ययन के लिए ब्रिटेन भेजा जाएगा। राज्य सरकार ने आम बजट में युवा कल्याण, खेल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर 1700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इस मौके पर सांसद  अजय भट्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री डॉ अनिल डब्बू, सुरेश भट्ट, दीपक मेहरा, जिलाध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, निवर्तमान मेयर डॉ जोगेंद्र पाल रौतेला, आयुक्त कुमाऊँ दीपक, पुलिस उप महानिरीक्षक योगेन्द्र सिंह रावत रावत, जिलाधिकारी वंदना, पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा मौजूद थे।

उत्तराखंड़ शिक्षा विभाग शुरू करेगा शेयरिंग व्यवस्था, टीचर्स के साथ शेयर होगा इंफ्रास्ट्रक्चर..

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देहरादून, सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब सीबीएसई, आईसीएससी बोर्ड के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले शिक्षक पढ़ाते हुए नजर आएंगे। इतना ही नहीं स्कूलों के बच्चों को बेहतरीन प्लेग्राउंड भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। राज्य में यह सब शिक्षा विभाग की उस पहल के तहत हो रहा है जिसमें उत्तराखंड सरकार स्कूलों में शेयरिंग व्यवस्था को शुरू करने जा रही हैं।
उत्तराखंड सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत विद्यालयों में शेयरिंग व्यवस्था को लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था विभिन्न बोर्डों के बीच होने वाले एमओयू के बाद राज्य में लागू की जा सकेगी। बता दे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक व्यवस्थाओं को लेकर कई बिंदुओं पर राज्यों को कार्य करने के लिए कहा गया है। इसी में से एक शिक्षा विभाग में शेयरिंग व्यवस्था को लागू करना भी है। हालांकि इस पर अभी काम शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन, माना जा रहा है कि एमओयू साइन होने के बाद राज्य में यह नई व्यवस्था लागू की जा सकेगी।
प्रदेश में यह व्यवस्था खास तौर पर सरकारी विद्यालयों के लिए संजीवनी साबित होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जो छात्र निजी विद्यालयों जैसी शैक्षणिक व्यवस्था को नहीं प्राप्त कर पाते उन्हें भी अब प्राइवेट विद्यालयों के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले शिक्षक पढ़ाएंगे। साथ ही उन बच्चों को बेहतर खेल के मैदान भी उपलब्ध हो सकेंगे। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना हैं कि जल्द ही इस मामले में अधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके तहत जल्द ही विभिन्न बोर्ड आपस में अनुबंध साइन करेंगे।
नई व्यवस्था के तहत निजी विद्यालयों के अच्छे शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में पढ़ाने के लिए भेजा जा सकेगा। इसी तरह उत्तराखंड बोर्ड के अच्छे शिक्षक भी निजी विद्यालयों में जाकर अपने अनुभव का लाभ वहां के बच्चों को देंगे। कुल मिलाकर यह नई व्यवस्था शिक्षकों की शेयरिंग के लिए एक नई शुरुआत होगी। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षक दूसरे बोर्ड में जाकर छात्रों को पढ़ा सकेंगे। उधर दूसरी तरफ इसी व्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर की शेयरिंग भी की जा सकेगी। बेहतर ग्राउंड का लाभ ऐसे छात्र भी ले सकेंगे जिनके विद्यालयों में खेलने के लिए ग्राउंड मौजूद नहीं है।

 

उत्तराखंड़ की गंभीर जलवायु समस्याओं का समाधान के लिए राउंड टेबल डायलाग का आयोजनविशेषज्ञों और हितधारकों ने उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए  सामूहिक कार्यवाही पर दिया जोर – Uttarakhand Himalaya

देहरादून, जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए सामूहिक मोर्चा तैयार करना ज़मीन से मिले सबक, शीर्षक को लेकर दून लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर में एक राउंड टेबल डायलाग को आयोजित किया गया । इस चर्चा का आयोजन एसडीसी फाउंडेशन द्वारा दून लाइब्रेरी के साथ मिलकर किया गया था, जिसमें सिविल सोसाइटी संगठनों, नीति विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और युवा पेशेवरों सहित विविध हितधारकों ने भाग लिया। इस संवाद में सामूहिक कार्यवाही के महत्व पर जोर दिया गया, जो जमीनी स्तर के अनुभवों से प्रेरित हो। यह चर्चा एसडीसी फाउंडेशन द्वारा क्यूरेट की गई “उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज ऑन क्लाइमेट एंड कॉन्स्टिट्यूशन” पहल का हिस्सा थी।
सत्र की शुरुआत दून लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्र शेखर तिवारी के स्वागत संबोधन से हुई। इसके बाद एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने परिचय दिया जिसमें उन्होंने पहले आयोजित युवा कार्यशाला और पैनल चर्चा को लेकर जानकारी साझा की । उन्होंने उत्तराखंड की गंभीर जलवायु समस्याओं का समाधान करने के लिए जन समुदाय आधारित संवादों पर जोर दिया।
एसडीसी फाउंडेशन के फेलो और यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज स्कूल ऑफ लॉ के सहायक प्रोफेसर गौतम कुमार ने चर्चा की पृष्ठभूमि रखी। उन्होंने नीति निर्माण में जमीनी अनुभवों को शामिल करने और क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय ज्ञान को जलवायु नीति में एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सीडर के विशाल सिंह ने बातचीत की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने पर्यावरणीय गिरावट को केवल जलवायु परिवर्तन से जोड़ने की प्रवृत्ति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने पर्यावरणीय नियमों के सख्त अनुपालन और सिविल सोसाइटी, शिक्षाविदों और राज्य के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। बैफ के दीपक महंता ने बातचीत को सतत कृषि की ओर मोड़ते हुए जलवायु-लचीली कृषि तकनीकों जैसे विविध फसल और साइल रिजनरेशन की वकालत की।
रीसाइकल के रोहित जोशी ने केदारनाथ में प्लास्टिक कचरे के लिए जमा वापसी प्रणाली के माध्यम से 90% प्लास्टिक कचरे की वसूली का नवाचारी कचरा प्रबंधन समाधान साझा किया। उन्होंने कचरा प्रबंधन के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। आइडियल फाउंडेशन के आयुष जोशी ने घरेलू स्तर पर कचरे का सेग्रेगेशन और एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सबिलिटी के ढांचे के माध्यम से कॉर्पोरेट उत्पादकों के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर चर्चा की।
नागरिक के तरुण शर्मा ने छोटे शहरों में काम करने के अपने गहरे अनुभव साझा किए और स्थानीय स्तर पर ज्ञान के अभाव, नागरिक भागीदारी की कमी और सरकारी संस्थानों में मौजूदा क्षमताओं के निम्न स्तर पर जोर दिया। काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरमेंट एंड वाटर के पंकज करगेती ने सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता और इसे अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों और स्थानीय समुदायों को शिक्षित करने के महत्व को रेखांकित किया l
बुरांश के जीत बहादुर ने उत्तरकाशी में जलवायु परिवर्तन के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया, जहां बदलते मौसम पैटर्न ने कृषि को अस्थिर कर दिया है। उन्होंने सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता और नीति परिवर्तन के लिए जन दबाव के महत्व पर जोर दिया। इंजनियस फाउंडेशन के अनिल जोशी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के संदर्भ में व्यापारिक दृष्टिकोण को जलवायु और समुदाय आधारित दृष्टिकोण से समझना महत्वपूर्ण है।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज की प्रोफेसर वैशाली ने बौद्धिक संपदा अधिकार के संदर्भ में पारंपरिक ज्ञान की रक्षा के लिए कानूनों की वकालत की। उन्होंने स्वदेशी समुदायों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की क्षमता पर प्रकाश डाला।
सत्र का समापन एक खुले संवाद के साथ हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने राज्य और स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव के अगले कदमों पर चर्चा की। सभी प्रतिभागियों ने उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए निरंतर संवाद और सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर सहमति व्यक्त की।
अनूप नौटियाल ने कार्यक्रम का समापन उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक कार्यवाही के महत्व को फिर से दोहराते हुए किया। युवा पेशेवर जैसे अरुणिमा नैथानी, अदिति डिमरी, किरण रावत, सुमित सिंह और वसीश कुमार के साथ दून लाइब्रेरी के सुन्दर सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।

 

हमारे पूर्वज मोटे अनाजों को प्रयोग करके निरोग रहते थे : डा. धनसिंह रावत

“गढ़ भोज से निरोगी काया’ को लेकर मनाया गढ़ भोज दिवस”

देहरादून, उत्तराखंड़ के साथ देश विदेश में रहने वाले प्रवासियों के द्वारा गढ़ भोज दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस वर्ष गढ़ भोज दिवस का विषय ‘गढ़ भोज से निरोगी काया’ रखा गया था जिस पर स्कूल, कालेजों, महाविद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, रैली, भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड में आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत जी दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में डा. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के परंपरागत मोटे अनाजों एवं उनसे बनने वाले भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर वर्ष 2000 से उत्तराखंड के कोने कोने में इनके बीजों को संरक्षित करने और इसके प्रचलन को बढाने की कोशिश जाड़ी संस्था के द्वारा किया जा रहा। जो की एक सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा की हमारे पूर्वज मोटे अनाजों को प्रयोग करके निरोग रहते थे लेकिन समय के साथ साथ मोटे अनाज हमारे भोजन से गायब होते जा रहे है. फिर से मोटे अनाज और इससे बनने वाले उत्पादों को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है. जिसके लिए गढ़ भोज अभियान महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
गढ़भोज को मिड डे मिल में शामिल करने के लिए मंत्री जी का शाल वा अंगवस्त्र प्रदान कर आभार व्यक्त किया। बच्चों ने गढ़ भोज के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, बच्चों के द्वारा एवं गायत्री रावत के द्वारा गढ़ भोज के विभिन्न पकवानों, फसलों की प्रदर्शनी लगाई गई।
गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की बच्चे पढ़ते समय से इनके गुणों को जाने, साथ ही देश के अन्य लोग भी हमारी भोजन संस्कृति को जाने इस उद्देश्य से गढ़ भोज दिवस का विचार समाज और सरकार के सामने लाया गया जो धीरे धीरे सफल भी हो रहा है।
इस अवसर पर बच्चों को विषय विशेषज्ञों प्रो. मोहन पंवार ने कहा की जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में गढ़ भोज की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है।
सुरेश सतपती ने गढ़ भोज अभियान ने उत्तराखंड के भोजन को राष्टीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, ये फसलें और भोजन मनुष्य के शरीर के साथ मिट्टी के लिए भी लाभकारी है।
दिनेश सेमवाल ने कहा की उत्तराखंड की भोजन संस्कृति ही दुनिया को स्वस्थ रख सकती है।
गढ़ भोज दिवस का आयोजन वर्ष 2022 से किया जा रहा है। जो कि मुख्य रूप से स्कूल, कालेज, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों एवं भोजन से जुड़े लोगो के द्वारा मनाया जाता है।
इस वर्ष गढ़ भोज दिवस मनाने का आह्वान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ पर्यावरणविद पद्म भूषण डा अनिल प्रकाश जोशी, गायक पद्मश्री प्रीतम भर्तवाण , गायक श्री ओम बधानी, गायक श्री इंदर आर्य, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेश सतपति, नीदर लैंड से शेफ श्री टीका राम पंवार, हल्द्वानी से डा नवीन लोहनी सहित दर्जनों अन्य लोगो ने वीडियो संदेश जारी कर किया। गढ़ भोज दिवस के अवसर पर लंबे समय से गढ़भोज अभियान से जुड़े लोगों का सम्मान भी किया गया l
जिनमें प्रो. मोहन सिंह पंवार, सुरक्षा रावत, कृष्ण मोहन भट्ट, डा. उदय गौड़, प्रो. यतीश वशिष्ठ, गोपाल प्रकाश मिश्रा, प्रमोद सिंह कैन्तुरा, दिनेश सिंह रावत, नरेश बिजल्वाण, एस एस बिष्ट, श्रीमती भारती आनंद एवं गायत्री रावत आदि शामिल रहे l
इस अवसर पर डा. नीतू गुप्ता, डा. स्वेता एवं डा. अरविंद द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया l
इस अवसर पर डा. अरविंद दरमोडा, माधवेंद्र रावत, संयुक्त निदेशक आनंद सिंह नेगी, मुकुल कुमार सती, प्रेमलता बोडाई, अनिरुद्ध दरमोडा, चैत राम सेमवाल, विकास पंत, सुरेश सतपति, गंगा बहुगुणा, प्रो एम एस रावत, प्रो. केडी पुरोहित, मालती हालदार आदि शामिल रहे। इस कार्यक्रम में पर्वतीय विकास शोध केंद्र, लोक चेतना मंच, डालियों का दगड़ीया का सहयोग रहा।

 

केंद्र ने उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाइयों को सब्सिडी के लिए किया अपात्र घोषित

देहरादून, प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकार लगातार कोशिश कर रही है। ताकि पहाड़ से लेकर मैदान तक जो बेरोजगारी है उसे कम किया जा सके। जो पलायन के कारण पहाड़ खाली हो रहे हैं उन्हें रोका जा सके। लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाईयों को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाईयों को सब्सिडी का लाभ पाने के लिए अपात्र घोषित किया है। जिसकी वजह रजिस्ट्रेशन और अन्य तकनीकी कारणों को बताया गया है। इन औद्योगिक इकाईयों को सब्सिडी का लाभ ना मिलने से इनके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। केंद्र सरकार से इस समस्या का सामाधान निकालने की मांग डस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारी कर रहे हैं।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई थी औद्योगिक विकास स्कीम 2017 :
आपको बता दें कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय द्वारा औद्योगिक विकास स्कीम 2017 को लागू किया था। इस स्कीम के लागू होने के बाद से दोनों राज्यों में कई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 714 इकाइयों को सब्सिडी का लाभ भी दिया गया। लेकिन हाल में जानकारी सामने आई है कि विभिन्न तकनीकी कारणों से उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित कर दिया गया है।
सब्सिडी को ध्यान में रखकर ही उत्तराखंड में किया था निवेश :

620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित होने के बाद इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि उन्होंने बहुत से उद्योगों ने सब्सिडी को ध्यान में रखते हुए ही उत्तराखंड में निवेश किया था। उन्होंने कहा कि 20 ऐसे उद्योग है जिनके द्वारा रजिस्ट्रेशन तो किया गया था। लेकिन टेक्निकल कमी के चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण उन्हें अब सब्सिडी नहीं मिलेगी। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से वो बेहद निराश हैं। उन्होंने सीएम धामी से गुहार लगाई है कि वो इस बारे में भारत सरकार में उद्योग मंत्री से बात करें और कोई समाधान निकालें।

विपक्ष भी अब इसको लेकर उठा रहा सवाल..

उत्तराखंड में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी समस्या है। जिसे दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन 620 औद्योगिक इकाईयों की सब्सिडी रूकने ये इन औद्योगिक इकाईयों के भविष्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। विपक्ष भी अब इसको लेकर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि 3:30 लाख करोड़ का निवेश लाने की बातें करने वाली सरकार की ये उपलब्धि है। मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि 620 का जो आंकड़ा है ये सरकारी आंकड़ा है। असल में देखें तो करीब हजार से 1200 छोटे बड़े उद्योग बंद होने की कगार पर हैं। इन उद्योगों के बंद होने से उत्तराखंड में बेरोजगारी दर और भी अधिक बढ़ेगी। पलायन भी और भी ज्यादा होगा लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

सत्तापक्ष हर संभव मदद करने की कर रहा बात :
जहां विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरता हुआ नजर आ रहा है। तो वहीं सत्तापक्ष हर संभव मदद प्रदान करने की बात कर रहा है।
भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार प्रदेश में लगातार उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। अभी जिन उद्योगों इकाइयों की मानक पूरे नहीं थे अभी उन्हीं की सब्सिडी रोकी गई है। लेकिन आगे सरकार इस बारे में कुछ ना कुछ जरूर सोचेगी। उन्होंने कांग्रेस पर भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हर चीज में सिर्फ गलत की खोजती है।

उपाध्यक्ष के निर्देशों का स्पष्ट दिखने लगा असर : कॉम्प्लेक्स व कमर्शियल भवनों में अब होगी बेसमेंट पार्किंग

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“एमडीडीए उपाध्यक्ष के निर्देशों पर बेसमेंट पार्किंग को लेकर शहर में चलाया गया था अभियान”

देहरादून, शहर में बेसमेंट पार्किंग को लेकर एमडीडीए द्वारा दिखाई गई सख्ती का असर नजर आने लगा है। राजपुर रोड स्थित राज प्लाजा कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट पार्किंग के इस्तेमाल हेतु रैंप का निर्माण किया जा रहा है।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने विगत दिनों शहर में तमाम कॉम्प्लेक्स व अन्य कमर्शियल भवनों में बेसमेंट पार्किंग के नियम के पालन की दिशा में सभी सेक्टरों में रिपोर्ट मांगी थी। इसके क्रम में प्राधिकरण के अभियंताओं द्वारा इसे लेकर रिपोर्ट उपाध्यक्ष को प्रस्तुत की गई। उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया था कि बेसमेंट पार्किंग के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए।
अब उपाध्यक्ष के निर्देशों का स्पष्ट असर देखने को मिल रहा है। बीते दिनों राजपुर रोड स्थित राज प्लाजा में इस मानक का उल्लंघन पाए जाने पर यहां सीलिंग की कार्रवाई की गई थी। अब, प्राधिकरण की सख्ती के फलस्वरूप यहां पर बेसमेंट में रैंप का निर्माण कॉम्प्लेक्स संचालक द्वारा प्रारंभ करा दिया गया है। ऐसे में यहां पार्किंग के लिए स्थान बनने से क्षेत्र में पार्किंग की समस्या से निजात मिल सकेगी।

कंपनी से छीना स्ट्रीटलाईटों की मरम्मत और रखरखाव का कार्य, अब नगर निगम खुद करेगा मरम्मत

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देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने शहर की स्ट्रीट लाईटों की मरम्मत की जिम्मेदारी अब नगर निगम को दे दी है, अब ईईएसएल से यह कार्य वापस लिया गया है जिसका आदेश जारी कर दिया गया है।
नई लाईट लगाने का कार्य फिलहाल दिसम्बर 2024 तक ईईएसएल के पास ही रहेगा। वहीं बैकअप में डीएम के निर्देशानुसार निगम नई लाईट/उपकरण का रेट कान्ट्रेक्ट भी करेगा। नगर निगम देहरादून क्षेत्र में खराब बहुताधिक संख्या में खराब स्ट्रीटलाईट मरम्मत न होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है थी जिस पर सम्बन्धित कम्पनी द्वारा रिस्पांस न किये जाने पर इसका 3-4 हजार तक का बैकलॉग आ गया। जबकि अनुबन्ध के अनुसार कम्पनी को शिकायत प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर मरम्मत किये जाने का प्राविधान है।
कम्पनी की कार्यप्रणाली को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित कम्पनी के सीईओ को तलब करते हुए फटकार लगाई तथा विधिक कार्यवाही की चेतावनी जारी की। कम्पनी का कॉल सेन्टर, पैमेंट सेल, दून से सैकड़ो मील दूर दिल्ली में होने से कार्यों में पारदर्शिता न होने के कारण, व्यवस्था में सुधार नही आ रहा था* तथा जिम्मेदारी व जवाबदेही नगर निगम की बन रही थी, जिससे आमजनमानस में नगर निगम की छवि खराब हो रही थी l
जिलाधिकारी ने व्यवस्था न सुधरने पर कम्पनी से मरम्मत कार्य वापस लेकर एक ही दिन में निर्णय किया स्ट्रीट लाइटों की खराबी की शिकायतों के बैकलॉग को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारित करने को नगर निगम परिसर से 35 टीमें मयवाहन रोस्टरवार वार्ड में जाकर स्ट्रीट लाईटें की मरम्मत कार्य करेंगी। टीमों की प्रतिदिन प्रातः एवं कार्य निष्पादन के बाद वापस नगर निगम परिसर में एकत्रित होंगी और सभी टीम हाजरी भी होगी।

मसूरी जाते हुए स्कूटी समेत खाई में गिरे दो छात्र, एक की मौत

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देहरादून(दीपक सक्सेना ), स्कूटी से मसूरी जाते हुए दो छात्र गहरी खाई में गिर गए। दोनों को पुलिस में खाई से रेस्क्यू कर अस्पताल भिजवाया। लेकिन रास्ते में एक छात्र ने दम तोड़ दिया, सोमवार को कंट्रोल रूम के माध्यम से थाना मसूरी को सूचना प्राप्त हुई कि एक स्कूटी क्लाउड एंड से आगे भदराज मंदिर रोड पर खाई में गिर गई है, जिस पर उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के दो छात्र सवार थे, जिनकी हालत गंभीर है।
सूचना मिलते ही थाना मसूरी तथा फायर सर्विस से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुँचा तथा राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया। पुलिस के अनुसार मौके पर पुलिस टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाते हुए दोनों घायल युवकों शहवाज (उम्र करीब 19 वर्ष ) पुत्र नसीबुद्दीन व शिफाॅन (उम्र करीब 19 वर्ष) पुत्र सत्तार निवासीगण ग्राम भुड्डी नयागांव, थाना प्रेम नगर जनपद देहरादून, जो उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में क्रमशः बीबीए और लाॕ की पढ़ाई कर रहे हैं को बाहर निकाला गया। एम्बुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल भिजवाया गया, जिनमें से एक घायल शिफॉन की अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में मृत्यु हो गयी। घटना के संबंध में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त दोनों छात्र स्कूटी नंबर UK-07 FJ/ 3527 से देहरादून से मसूरी घूमने के लिए आये थे तथा भदराज मंदिर रोड की ओर जाते समय उनकी स्कूटी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई।
पुलिस की और से मृतक के परिजनों को सूचित किया गया। मृतक युवक के शव का पंचायतनामा भरकर उसे अग्रिम कार्रवाई हेतु मोर्चरी भिजवाया गया है, घटना के संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

मां गंगा भागीरथी व्यापार मंडल की ओर से दवाई के छिड़काव के लिए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन दिया

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हरिद्वार (कुलभूषण )  । मां गंगा भागीरथी व्यापार मंडल की ओर से वार्ड नंबर 3 दुर्गा नगर में डेंगू एवं अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए दवाई के छिड़काव के लिए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। इस मौके पर मां गंगा भागीरथी व्यापार मंडल अध्यक्ष सूर्यकांत शर्मा ने नगर निगम मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से इस समय क्षेत्र में डेंगू चिकनगुनिया वायरस फैलने का ज्यादा अंदेशा जताया जाता है तो नगर निगम स्वास्थ्य टीम को वार्ड नंबर तीन में डेंगू चिकनगुनिया वायरस को रोकने के लिए आधुनिक मशीनों से दवाई  छिड़काव कराकर क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया जाना चाहिए ,इस समय डेंगू का असर ज्यादा होता है क्षेत्र वासियों को अपने गमले कूलर बिलकुल साफ रखने चाहिए। इस मौके सुमित बंसल अमित गुप्ता,आशु कंडवाल चेतन खुराना प्रमोद पाल, आशु आहूजा रुणेष डोगरा प्रदीप कुमार रुणेश डोगरा सोनू सैनी अमरपाल प्रजापति नरेश प्रजापति रमेश नाथ गोस्वामी राजा विकास पंकज जोशी सूरज सिंह इंदर कौशिक आदर्श पांडे मौजूद रहे।

 

मायापुर राम लीला के संयोजक जितेंद्र चोरसिया जी का आकस्मिक निधनवरिष्ठ पत्रकार एंव समाजसेवी के निघन से शौक की लहर - Sauhard Sandesh

हरिद्वार (कुलभूषण )   वरिष्ट समाजसेवी महानगर व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष मायापुर टाइम्स के संपादक प्रेस क्लब सदस्य , मायापुर राम लीला के संयोजक जितेंद्र चोरसिया जी का आकस्मिक निधन हो गया है जिनका अंतिम संस्कार खड़खड़ी शमशान घाट पर किया गया जहा हरिद्वार के तमाम व्यापारी साथी जनप्रतिंधियो प्रेस क्लब से जुड़े सदस्यों ने उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। सुनील सेठी ने बताया कि हमेशा व्यापारियों, समाज प्रेस क्लब , राम लीला मायापुर में अपनी निस्वार्थ सेवा देने वाले व्यक्ति थे जिनका योगदान हमेशा समाज में याद रहेगा उनकी अपूरणीय कमी कभी पूरी नहीं हो पाएगी आज बड़े दुख के साथ महानगर व्यापार मंडल के साथियों अपने महानगर अध्यक्ष को श्रद्धांजलि देते हुए प्रभु चरणों में स्थान की कामना मां गंगा से की इस दुख को उनके परिवार को प्रभु सहने की शक्ति प्रदान करे प्रार्थना की। श्रद्धांजलि देने वालो में मुख्य रूप से हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष सुनील सेठी , बिट्टू पालीवाल,अनिरुद्ध भाटी, विकास तिवारी,विशाल गर्ग,सुभाष शर्मा,सुभाष कपिल, गुलशन नैयर,दीपक मिश्रा,अशोक शर्मा,तरुण नैयर,अमन शर्मा,सुनील प्रजापति,विनोद मिश्रा, अधीर कौशिक,प्रेस कल्ब अध्यक्ष महामंत्री सभी सदस्य गण,अरुण मिश्रा, रविन्द्र ठाकुर,राजीव भार्गव,सुनील मनोचा, विनीत जोली, महेश सिंह,रामलीला से जुड़े एवं हरिद्वार के गणमान्य व्यापारीगण उपस्थित रहे

गढ़भोज उत्तराखंड राज्य निर्माण तथा राज्य संस्कृति का परिचायक: भट्ट

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हरिद्वार (कुलभूषण ) एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा गढ़भोज दिवस का आयोजन किया गया। गढ़भोज के इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने गढ़वाली और कुमाऊनी दोनों प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने गढ़वाली गीतों पर परंपरागत वेशभूषा में अपने मनमोहक नृत्य से सभी को अविभूत किया। इस अवसर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी श्री त्रिलोक चंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंडी व्यंजनों का राज्य निर्माण आंदोलन में भी बड़ी भूमिका रही हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यंजन हमारे राज्य की संस्कृति की परिचायक भी हैं। इसअवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि गढ़भोज दिवस का आयोजन उत्तराखंड की औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले व्यंजनों के प्रचार प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। प्रो बत्रा ने कहा कि आज के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई प्रस्तुति उत्तराखंड की संस्कृति को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। प्रो बत्रा ने इस कार्यक्रम के अवसर पर उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को उनके जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से
उत्तराखंड की आर्थिकी को बड़ाने मे भी मद्द मिलेगी इस अवसर वरिष्ठ पत्रकार संदीप रावत ने कहा कि गढ़भोज दिवस के माध्यम से युवा पीढ़ी को पारंपरिक अनाज के विषय में जानकारी मिलती है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। कार्यक्रम में आए विजय भंडारी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि गढ़वाली व्यंजनों द्वारा छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक भोजन का साक्षात्कार कराया है।गढ़भोज दिवस के इस कार्यक्रम में सभी अतिथियों ने उत्तराखंडी व्यंजनों का आनंद लिया एवं छात्र-छात्राओं तथा अन्य प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया। गढ़भोज दिवस की इस व्यंजन प्रतियोगिता में स्टालों में मंडवे की रोटी, भांग और तिल की चटनी, झिंगोरे की खीर, गेहथ की दाल, उड़द की दाल की पकौड़ी, खीरे का रायता आदि बनाकर प्रस्तुत किया।
पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता में सलोनी तथा सरस्वती ने संयुक्त रूप से प्रथम, खुशी मेहता तथा छाया कश्यप ने संयुक्त रूप से द्वितीय, मोनिका ने तृतीय, आरती, दीक्षा तथा कशिश ने चतुर्थ पुरस्कार प्राप्त किया। जबकि रोनिक, पिंकी वर्मा, वैष्णवी, दिव्यांशु नेगी, ईशा कश्यप, विकास चौहान तथा दिव्यांशु गैरोला को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। निर्णायक मंडल के रूप में संदीप रावत, विजय भंडारी, मणिकांत त्रिपाठी, बसंत कुमार, ओमप्रकाश माटा, संदीप अग्रवाल,सुनील शर्मा, निशांत वालिया, अभय गर्ग तथा श्रीमती सुदेश आर्या ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ संजय माहेश्वरी ने कार्यक्रम के संयोजक मंडल की श्रीमती रुचिता सक्सेना, डॉ रजनी सिंघल, डॉ सरोज शर्मा, डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल तथा श्रीमती कविता छाबड़ा के सफल प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि आज भागती दौड़ती हुई जिंदगी में मानव स्वास्थ्य के लिए पौष्टिकता से युक्त पहाड़ी भोजन के उपयोग की बहुत आवश्यकता हैं। इस अवसर पर प्रो जे सी आर्य, प्रो विनय थपलियाल, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज कुमार सोही,डॉ मीनाक्षी शर्मा, डॉ पल्लवी, डॉ लता शर्मा, आकांक्षा पांडे, विनीत सक्सेना, श्रीमती अमिता मल्होत्रा, वैभव बत्रा, डॉ पदमावती तनेजा, प्रशिक्षु गौरव बंसल तथा अर्शिका सहित अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

पतंजलि विश्वविद्यालय को उच्च अंकों के साथ नैक का A+ ग्रेड प्राप्त

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हरिद्वार (कुलभूषण )  पतंजलि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्, नैक (NAAC) द्वारा उच्च अंकों के साथ A+ ग्रेड मिला है। पतंजलि विश्वविद्यालय को प्राप्त पेड पॉइंट, राष्ट्रीय स्तर पर योग विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक हैं।

नैक द्वारा मूल्यांकन का परिणाम घोषित होने के पश्चात आज विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मयोगियों को सम्बोधित करते हुए, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारत को समृद्ध रुप से आत्मनिर्भर राष्ट्र के रुप में विकसित करने हेतु सक्षम युवा शक्ति को गढ़ना है और यह तभी सम्भव है जब युवाओं का व्यक्तित्व योगमूलक हो और सभी आयामों में सामर्थ्य के साथ-साथ एक सुदृढ़ चरित्र एवं व्यक्तित्व का विकास हो। यह कहते हुए कि आज की शिक्षा अधिकाधिक नौकरी केन्द्रित हो गई है, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पतंजलि विश्वविद्यालय का उ‌द्देश्य युवाओं में जीवन और समाज के हर क्षेत्र में नेतृत्व परक गुणों का विकास करना है। उन्होंने आगे कहा कि आज पूरे विश्व को ऐसी युवा शक्ति की आवश्यकता है जिसको अपने अतीत का समग्र बोध हो, जिसमें वर्तमान की चुनौतियों का समाधान करने का सामर्थ्य हो और जो भविष्य की संभावित चुनौतियों का प्रामाणिक आंकलन कर सके। उन्होंने इस बात पर ध्यान दिलाया कि पतंजलि विश्वविद्यालय की समस्त शैक्षणिक गतिविधियों का उद्देश्य ऐसे युवाओं को शिक्षित करना है जो राष्ट्र को नई दिशा प्रदान करने के साथ ही वैश्विक धरातल पर भी पूरी मानवता का नेतृत्व कर सकें।

परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने जोर देकर कहा कि समाज की विभिन्न संस्थायें विशिष्ट क्षेत्रों में क्षमता संवर्धन कर सकती हैं लेकिन समग्र रुप से राष्ट्रीय एवं वैश्विक परिस्थिति का नेतृत्व करने का कार्य शिक्षा व्यवस्था के गर्भ से ही हो सकता है, और इसका प्रमाण पतंजलि विश्वविद्यालय है। उन्होंने बताया कि योग, आयुर्वेद एवं स्वदेशी के सफल आन्दोलन के पश्चात् युवाओं के मानस को सम्यक रुप से गढ़ने का कार्य पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि संस्थाओं द्वारा हो रहा है, और गुरुकुल, आचार्यकुलम् एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के माध्यम से भारतीय दृष्टि से वैश्विक नेतृत्व का सामर्थ्य रखने वाले युवा मानस को सिंचित किया जा रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विगत 20 वर्षों की अपनी यात्रा में पतंजलि विश्वविद्यालय ने योगविद्या के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिमानों को स्थापित किया है।

परम पूज्य स्वामी जी ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्राचीन वैदिक ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान का एकीकरण एवं समन्वय है, और यहाँ युवा शक्ति की जीवन शैली, विज्ञान एवं आध्यात्म के समन्वय से आप्लावित है जिससे भारत की समग्र प्राचीन ज्ञान परम्परा एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन हो सके। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं को खण्ड-खण्ड नहीं बल्कि अखण्ड मारत का बोध हो. उन्हें भारत का समूची सांस्कृतिक यात्रा एवं सामूहिक प्रज्ञा की समझ हो।

इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने अपने सम्बोधन में प्रमुखता से कहा कि चूंकि पतंजलि विश्वविद्यालय विशिष्ट उद्देश्य से गठित किया गया है अतः विश्वविद्यालय से जुड़े सभी कर्मयोगी सदस्यों को, स्वयं को, मानको के अनुरुप स्थापित करना होगा। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति को अन्तिम नहीं मानना चाहिए बल्कि उसके संवर्धन के लिए निरन्तर प्रयास आवश्यक है।

इसी श्रंखला में, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डा० एन० पी० सिंह, आई०ए०एस० (सेवानिवृत) ने कहा कि आज के वैश्विक मानकों में उच्च शिक्षा संस्थानों का लक्ष्य है कि ऐसे युवा व्यक्तित्व का विकास किया जाए जो एक उत्तरादायी तथा उत्पादक शक्तियों के नागरिक के रुप से परिपूर्ण हो और राष्ट्र एवं विश्व के लिए उपयोगी हो। पतंजलि विश्वविद्यालय वैश्विक मानकों पर आदर्शतम व्यक्तित्व गढ़ने में उच्च शिक्षा संस्थान है।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा० श्रीनिवास वरखेडी जी ने कहा कि यद्यपि पतंजलि विश्वविद्यालय वास्तव में NAAC की A++ की अहर्ता रखता है, चूंकि प्रथम मूल्यांकन में सामान्यतः थोड़ी न्यूनता रखकर ही मूल्यांकन किया जाता है, अतः पतंजलि विश्वविद्यालय को NAAC की A+ श्रेणी मिली है।

93 वर्षीय रामदत्त भट्ट को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया

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पिथौरागढ़, सामाजिक कार्यकर्ता जीवन किशोर पांडे की पहल पर शारदीय नवरात्रि के अवसर पर 93 वर्षीय रामदत्त भट्टð को 1962 में टकाना की रामलीला में दशरथ परशुराम संपात्ति के पात्रें का निर्वहन करने के लिए विभिन्न संगठनों के लोगों द्वारा टकाना में कुमाऊनी टोपी वह शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया इस अवसर पर वक्ताओं में कहा कि आज भी भट्टð जी को दशरथ कैकयी संवाद के कई प्रसंग याद है सभी ने उनके दीर्घायु होने कि कामना की। इस अवसर पर बोलते हुये रामदत्त भटृ ने शुरूआत में बताया रामलीला के पात्र साड़ी कपड़ों कि व्यवस्था खुद ही किया करते थे पेट्रोमेंक्स की रोशनी में रामलीला का मंचन होता था। उन्होंने कहा कि रामलीला के प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बनता था रामलीला देखने वालों कि भारी संख्या में भीड़ जुटती थी । कार्यक्रम में लक्ष्मीदत्त तिवारी, राकेश, ललितमोहन, झूपर सिंह धीरज विप्लव, पंकज, कल्याण, कन्हैया उप्रेदी आदि मौजूूद रहे।