Wednesday, April 30, 2025
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कारगी के कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की समस्या को मेयर से मिले सूर्यकांत धस्माना

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(के. एस. बिष्ट)

देहरादून, धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय राज्य मार्ग हरिद्वार बाई पास रोड में कारगी बंजारावाला ब्राह्मणवाला मंजरा आईएसबीटी के मध्य स्थित कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की समस्या के समाधान की मांग को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों व पार्टी पदाधिकारियों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना नगर निगम के महापौर सौरभ थपलियाल से उनके नगर निगम कार्यालय में मिले और मेयर को उक्त समय से अवगत करवाते हुए कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की। इस दौरान सूर्यकांत धस्माना जो बीते दिनों को ही इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का मौका मुआयना कर के आए थे ने मेयर सौरभ थपलियाल को बताया कि राष्ट्रीय राज मार्ग से सटा कर बनाए गए इस स्टेशन पर कूड़ा ढुलान व लदान का कार्य करने वाले वाहनों से हमेशा मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।
उन्होंने कहा कि कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन पर जितना कूड़ा डाला जाता है और उतना उठान नहीं होता और रोजाना बचे हुए कूड़े से पूरे स्टेशन पर सौ मीटर से ज्यादा लम्बा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है जिससे पूरे इलाके में एक किलोमीटर की परिधि में जुड़े की दुर्गंध व सड़ांध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। धस्माना ने बताया कि स्थानीय नागरिकों ने शिकायत की है कि जब से यह कूड़ा पढ़ना शुरू हुआ है तब से क्षेत्र में मलेरिया, संक्रमित बीमारियों और डेंगू का प्रकोप हर साल लोग झेल रहे हैं।
इस अवसर पर धस्माना ने मेयर से कहा कि भाजपा सरकार ने देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए हैं किन्तु धर्मपुर छेत्र के इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन की दशा देख कर लगता है यह स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने मेयर से मांग की है कि वह सबसे पहले स्वयं एक बार इस कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का मौका मुआयना करें व इसके बाद इसके स्थाई समाधान की कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं करेगा तो मजबूरी में उनको स्थानीय नागरिकों को साथ में लेकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। मेयर सौरभ थपलियाल ने धस्माना व उनके साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह बहुत जल्द ही कारगी जाकर स्वयं मौका मुआयना करेंगे और उसके स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनता की तकलीफ दूर करना उनकी प्राथमिकता है और निश्चित रूप से कूड़ा निस्तारण व प्रबंधन नगर निगम की जिम्मेदारी है जिसे हर हाल में वे निभाएंगे और जनता को आंदोलन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस अवसर पर धस्माना के साथ मेयर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में नगर निगम पार्षद अभिषेक तिवारी, पार्षद जाहिद अंसारी,पार्षद संगीता गुप्ता, अनीस अंसारी, दिनेश सिंह कौशल, विशाल मौर्या, अनुराग मित्तल, ब्लॉक अध्यक्ष ललित भद्री, ब्लॉक अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, वार्ड 84 बंजारावाला से पार्षद प्रतिनिधि जोगेंद्र रावत, विवेक घिल्डियाल, सूरज मेहरा, एडवोकेट अरुण ढौढियाल आदि स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

मोनाल सदन ने जीती अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस चैम्पियनशिप

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देहरादून, द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस प्रतियोगिता 2025 में मोनाल सदन ने एकतरफा मुकबले में 3-1 से जीत दर्ज करते हुए चैम्पियनशिप पर कब्जा किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर्सदनीय कनिष्ठ ब्वॉयज टेबल टेनिस प्रतियोगिता 2025 में मोनाल सदन ने एकतरफा मुकबले में 3-1 से जीत दर्ज करते हुए चैम्पियनशिप पर कब्जा किया।
इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने छात्रों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और और इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने टेबल टेनिस का मैच का भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डाक्ट अंजू त्यागी ने विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अनेक छात्र छात्रायें एवं खेल प्रेमी उपस्थित रहे।

हडको देहरादून में संजय भार्गव ने कार्यभार ग्रहण किया

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देहरादून,  क्षेत्रीय कार्यालय हडको-देहरादून-में- आज संजय भार्गव द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया ।इस पूर्व वह 2021-23 में भी क्षेत्रीय प्रमुख उत्तराखंड रह चुके है।इससे पूर्व वह चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय कार्यभार देख रहे थे तथा 3 राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ देख रहे थे।
श्री भार्गव विभिन्न राज्यों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में लंबा अनुभव रखते है जिसका लाभ राज्य को मिलेगा ।
संजय भार्गव राज्य के विभिन्न संगठन जैसे पब्लिक रिलेशन सोसायटी , आर्ट ऑफ लिविंग, इको ग्रुप सोसायटी एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स उत्तराखंड चैप्टर में सक्रिय रहे है ।

श्री चैतन्या अकेडमी और इन्फिनिटी लर्न ने लॉन्च किया आत्रेय विशेष फीचर P²CBZ के साथ

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भारत, । श्री चैतन्या अकेडमी, इन्फिनिटी लर्न की एक पहल भारत का एकमात्र हाइब्रिड लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म जो बड़े पैमाने पर परिणाम आधारित शिक्षा प्रदान करता है ने आत्रेय को लांच किया, जो की एक अनूठा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कार्यक्रम है। यह डिजिटल टूल और रियल-टाइम परफॉरमेंस ट्रैकिंग को जोड़ता है, जिसमें फिजिक्स विषय की कोचिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसे नीट उम्मीदवारों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। फिज़िक्स की कक्षाओं को दोगुना करके P²CBZ इस चुनौती का समाधान करता हे, जो छात्रों को नीट परीक्षा में टॉप करने के लिए एक निर्णायक बढ़त प्रदान करती हैं।

पिछले कुछ सालों में, नीट यूजी के लिए आवेदकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है, 2020 में 15 लाख रजिस्ट्रेशन से लेकर 2024 में 24 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए है। श्री चैतन्या अकेडमी ने पिछले दस सालों में 1 लाख से अधिक डॉक्टर तैयार किए हैं, जिनमें से कई एम्स दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करते हैं| एम्स दिल्ली में पढ़ने वाले 24 प्रतिशत डॉक्टर इसी अकेडमी से हैं। पिछले दो सालों में, संस्थान ने लगातार नीट एयर में पहला स्थान प्राप्त करने वाले छात्र तैयार किए हैं। संस्थान की बेहतरीन शिक्षण प्रणाली और अनुभवी शिक्षकों की मदद से, ग्रेड XI के छात्रों को आत्रेय प्रोग्राम के माध्यम से सर्वोत्तम मार्गदर्शन दिया जाएगा, ताकि वे नीट में शानदार परिणाम हासिल कर सकें।

आत्रेय टेक्नोलॉजी की मदद से छात्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण करके, उनकी कमजोरियों को पहचान कर कस्टमाइज्ड लर्निंग के तरीके बताता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है P²CBZ हर दिन चार क्लासेस फिज़िक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी के लिए, और इसके साथ ही फिज़िक्स प्रैक्टिस के लिए एक अतिरिक्त 1 घंटे का विशेष सेशन। यह संरचना छात्रों को नीट की तैयारी को सहज और प्रभावी ढंग से करने में मदद करती है। इसके अलावा, छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए, उनका तनाव दूर करने के लिए वर्कशॉप और कंसल्टेशन सेशन भी आयोजित किए जाते हैं।

सुषमा बोप्पना, इनफिनिटी लर्न की को-फाउंडर, श्री चैतन्या ग्रुप की सीईओ और डायरेक्टर ने कहा “आत्रेय के साथ, हमने व्यक्तिगत सलाह को अत्याधुनिक एआई तकनीक के साथ जोड़कर नीट कोचिंग में बदलाव लेकर आए है। हमारे एआई प्लेटफ़ॉर्म का रियल-टाइम विश्लेषण और हमारे अनुभवी शिक्षकों की मदद से, छात्रों को ऐसी जरूरी जानकारी मिलती है जो उनकी तैयारी को बेहतर बनाती है और उनके एमबीबीएस के सपने को हकीकत में बदलने में मदद करती है। नीट की तैयारी पढ़ाई के साथ-साथ भावनात्मक तत्परता के बारे में भी है। आत्रेय का समग्र विकास इको सिस्टम दोनों पहलुओं को संबोधित करता है, जिससे छात्रों को अपनी तैयारी के सफर में ध्यान और आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।”

नए कार्यक्रम की विशेषताओं के बारे में बात करते हुए, उज्ज्वल सिंह, फाउंडिंग सीईओ ऑफ इनफिनिटी लर्न बाय श्री चैतन्या ने कहा, “सीखना एक सफर है, और ‘बच्चा सीखा की नहीं’ के हमारे आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, हम अपने शिक्षार्थियों को वे उपकरण प्रदान करते हैं जिनकी उन्हें उस सफर को अधिक स्पष्टता के साथ नेविगेट करने की आवश्यकता होती है। हमारा लक्ष्य टॉप लेवल के कॉलेजों में प्रवेश दिलाने वाले अग्रणी संस्थान बनना है। हमारा मिशन है हर इच्छुक छात्र को संसाधन उपलब्ध कराकर और उनकी कमजोरियों को मज़बूत बनाकर उन्हें सशक्त बनाना। हमारा P²CBZ दृष्टिकोण (दोगुनी फिज़िक्स की क्लास, साथ ही केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी पर केंद्रित कोचिंग) यह सुनिश्चित करता है कि छात्र फिज़िक्स जैसे पारंपरिक रूप से कठिन माने जाने वाले विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करें, और साथ ही केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी जैसे अन्य विषयों में भी शीर्ष स्तर की परफॉर्मेंस बनाए रखें।

छह अप्रैल से होगी दून में नौ दिवसीय पुस्तक मेले की शुरुआत

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देहरादून। विद्या बुक कलेक्शन की ओर से नौ दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन होने जा रहा है। जिसकी शुरुआत रविवार 6 अप्रैल को होगी। इस मेले की खास बात है कि यहां बच्चों के लिए कई किताबो के साथ विशेष तौर पर पिलो और हैंगिंग बुक्स भी लायी गयी हैं। वहीं हिंदी के साथ अंग्रेजी और गढ़वाली किताबे भी यहां होंगी।
विद्या बुक कलेक्शन और कैफ़े के संस्थापक सतीश रावत ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बच्चों पर मोबाइल का असर है। ऐसे में आगे आने वाले समय मे वे शब्दविहीन हो जाएंगे। बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए ही
शिमला बायपास चौक के पास स्थित विद्या बुक कलेक्शन में पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। जो कि 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक रहेगा। उन्होंने बताया कि उनके यहां विशेष तौर पर छोटे बच्चों से लेकर युवाओ तक के लिए किताबे लायी गयी है। साथ ही यह मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है ।जहाँ विभिन्न विषयों, भाषाओं और विधाओं की पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध रहेगा।
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मेले में ये किताबे खास रहेंगी।
• साहित्यिक कृतियाँ (हिंदी, अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं में)
• बाल साहित्य एवं चित्र पुस्तकों
• प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित पुस्तकें
• धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकें
• इतिहास, भूगोल और सामान्य ज्ञान की पुस्तकें
• विज्ञान, गणित और तकनीकी विषयों की पुस्तकें
• आत्मकथा, जीवनी और प्रेरणादायक पुस्तकें
• हेल्थ, फिटनेस और कुकिंग से जुड़ी पुस्तकें आदि।।

केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य जोरों पर, 270 मजदूर तैनात

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रुद्रप्रयाग- आगामी 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। पैदल यात्रा मार्ग को सुचारू बनाने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के कर्मचारी बर्फ हटाने के कार्य में लगे हुए हैं।
तेज़ी से हो रहा बर्फ हटाने का कार्य डीडीएमए के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वाण ने बताया कि यात्रा मार्ग पर बर्फ हटाने के लिए 270 मजदूरों को तैनात किया गया है। इनमें से 70 मजदूर छोटी लिनचौली से बड़ी लिनचौली तक बर्फ हटाने का कार्य कर रहे हैं।जबकि 200 मजदूर नए और पुराने ट्रैक पर बर्फ हटाने में जुटे हैं।उन्होंने बताया कि प्रशासन का लक्ष्य है कि यात्रा शुरू होने से पहले सभी रास्तों को पूरी तरह से साफ कर दिया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

आचार्य किशोरी दास वाजपेयी का योगदान हिन्दी साहित्य के साथ-साथ देश का आजादी में भी महत्वपूर्ण रहा

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हरिद्वार(कुलभूषण), आचार्य किशोरी दास वाजपेयी हिन्दी के मूर्धन्य विद्वान थे। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में आचार्य किशोरी दास वाजपेयी द्वारा हिन्दी व संस्कृत भाषा के क्षेत्र में किए गए अविस्मरणीय योगदान व कार्य पर व्यापक स्तर पर शोध अनुसंधान कराए जाने के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करते हुए आचार्य किशोरी दास वाजपेयी शोध पीठ की स्थापना की गयी है। यह उद्गार उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 दिनेशचन्द्र शास्त्री ने हिन्दी प्रोत्साहन समिति, उत्तराखण्ड इकाई द्वारा उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में सम्मानित किए जाने पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आचार्य किशोरी दास वाजपेयी का योगदान हिन्दी साहित्य के साथ-साथ देश का आजादी में भी महत्वपूर्ण रहा है। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध पीठ स्थापित होने से जहां हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में शोध छात्रों को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे वहीं आने वाली युवा पीढ़ी को हिन्दी जगत के इस महान मूर्धन्य विद्वान के द्वारा किए गए योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर हिन्दी प्रोत्साहन समिति, उत्तराखण्ड इकाई के प्रदेश अध्यक्ष डा0 पंकज कौशिक ने कहा कि हिन्दी हमारे जीवन व शिक्षा का मूल आधार है। हिन्दी भाषा भारतीय संस्कृति में पूर्ण रूप से रची बसी है। एक तरफ जहां सरकारी स्तर पर हिन्दी को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं वहीं आम जनता तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए सरकारी कार्यालयों में अधिक-से-अधिक हिन्दी भाषा में कार्य किए जाने की और अधिक आवश्यकता है।
इस अवसर पर हिन्दी प्रोत्साहन समिति, उत्तराखण्ड इकाई के प्रदेश महामंत्री कुलभूषण शर्मा व प्रदेश कोषाध्यक्ष हेमन्त सिंह नेगी ने कहा कि हम सभी को मिलकर हिन्दी भाषा को अधिक-से-अधिक अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के प्रयास करने होंगे। हिंदी हमारा गौरव व मातृ भाषा है जिसके माध्यम से हम सरल व सहज शब्दों में अपनी बात देश के आम आदमी तक पहुंचाने में सहायक होते हैं।

संस्कृति तथा कौशल के संवर्धन में युवाओं का होगा अहम योगदान : प्रो बत्रा

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हरिद्वार , एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) कॉलेज में आज आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा मेंहदी प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेंहदी प्रतियोगिता में महाविद्यालय की छात्राओं ने बहुत उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। आज आयोजित की गई इस मेहंदी प्रतियोगिता में कई ज्वलंत विषयों जैसे समान नागरिक संहिता, गौरैया संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, नारी सशक्तिकरण, जैसे समसामयिक विषयों पर सुंदर मेंहदी लगाई गई। इस प्रतियोगिता में कॉलेज की छात्रा चारू, कामिनी, इशिका, पायल, संध्या, टिया, हुस्ना, हेमा आदि के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मक प्रतिभा एवं उनकी कौशल सम्वर्धन को बढा़वा देना है। उन्होंने कहा कि आज संस्कृति और कौशल दोनों के संवर्धन की अहम जिम्मेदारी हमारे युवाओं की हैं। उन्होंने कहा कि मेंहदी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम युवाओं को अनेक समसामयिक विषयों से अवगत कराने का महत्वपूर्ण जरिया हैं। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से छात्राओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन को ऐसे सफल आयोजन के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि आज समाज में अर्न विद लर्न तथा कौशल संवर्धन की नितांत आवश्यकता हैं। मेंहदी प्रतियोगिता में हुस्ना तथा इशिका को संयुक्त रूप से प्रथम, खुशी ठाकुर एवं मानसी को द्वितीय, हेमा तथा शिवानी को तृतीय पुरस्कार मिला। जबकि चारू, स्नेहा, खुशबू, वंशिका को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस अवसर पर निर्णायक मंडल के रूप में डॉ मोना शर्मा, डॉ पल्लवी, रुचिता सक्सेना ने मुख्य भूमिका निभाई। जबकि कार्यक्रम का संयोजन मुख्य रूप से अमिता मल्होत्रा, प्रशिक्षु गौरव बंसल तथा प्रशिक्षु अर्शिका द्वारा किया गया। इस अवसर पर, डॉ मनोज कुमार सोही, डा शिवकुमार चौहान, डा आशा शर्मा, डा रजनी सिंघल, डा सरेाज शर्मा, डा पूर्णिमा सुन्दरियाल, डा पदमावती तनेजा आदि उपस्थित रहे।

महंगी स्कूली किताबों से अभिभावकों को राहत देता एनएपीएसआर बुक बैंक

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देहरादून, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी किताबों पर लगभग चालीस प्रतिशत हुई व्रद्धि से आर्थिक दबाव झेल रहे अभिभावकों के लिए एक बार फिर से सहारा बना है एनएपीएसआर बुक बैंक l
बुक बैंक के संस्थापक व एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया की जहां एक ओर महंगी होती शिक्षा अभिभावकों की पहुंच से बाहर होती जा रही है और सरकार व शिक्षा विभाग इन पर अंकुश लगाने मे नाकाम हैं वहीं एनएपीएसआर द्वारा संचालित बुक बैंक अभिभावकों को तो आर्थिक राहत पहुंचा रहा है आप कहीं से भी निःशुल्क किताबों की जानकारी हेतु 7830548108 पर सम्पर्क कर सकते हैं ।
एनएपीएस छात्र -छात्राओं के जीवन मे ज्ञान का दीपक जला रहा है । इस साल सरकार द्वारा कई कक्षाओं की किताबें बदली जाने के कारण और नई शिक्षा नीति की किताबों एवं निजी पब्लिशर की किताबों के दामों मे हुई बेतहाशा व्रद्धि के कारण अभिभावकों का बजट गड़बड़ा रहा है । सबसे ज्यादा लाभ कम्पटीशन एवं विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को हो रहा है उन्हें प्रतियोगिता की तैयारी के लिए महंगी महंगी पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध हो रही हैं । आरिफ खान के अनुसार इस साल मार्च के शुरुआत से लेकर अब तक लगभग छःसौ पचास से अधिक बच्चों ने हमारे बुक बैंकों से निःशुल्क किताबों का लाभ उठाया है । जबकि अभी बोर्ड के रिजल्ट आना बाकी है । पिछले वर्ष एनएपीएसआर बुक बैंक से सत्ताईससौ बच्चों को किताबें वितरित की गई थी अनुमान है कि इस साल ये आंकड़ा और भी अधिक पहुंचने वाला है ।
एनएपीएसआर द्वारा पूरे जिला देहरादून मे इस समय 13 बुक बैंक संचालित किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से प्ले ग्रुप से लेकर हायर एजुकेशन,कम्पटीशन,मेडिकल,बैंकिंग,लॉ,सीए,टीचिंग,एनडीए,आईएस व पीसीएस की किताबें निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं ।
बता दें कि वर्ष 2017 मे चार किताबों और एक मेज से शुरू किया गया एनएपीएसआर द्वारा संचालित बुक बैंक आज आसाम,गुवाहाटी,सुवालकुची,कोलकाता और गोण्डा इत्यादि बाहरी राज्यों मे भी संचालित हो रहे हैं ।

कुट्टू के आटे को लेकर स्पेक्स ने आमजन के लिये साझा की कई जानकारी

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देहरादून, स्पेक्स ने कुट्टू के आटे के 20 नमूने २८ और २९ मार्च ,२०२५ को अलग अलग बाजार से एकत्रित किये जिसमे ८ नमूनों मैं फंगस , ३ नमूनों मैं सोडियम बेंजोएट की अधिक मात्रा तथा 7 नमूनों नमूनों में कैल्शियम प्रोपियोनेट अधिक मात्रा तथा २ नमूने शुद्ध पाए गए, कुट्टू के आटे कि सेल्फ लाइफ दो महीनों से ज्यादा नहीं होती हैं l स्थानीय प्रेस क्लब में इस विषय पर पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी, जिसमें स्पेक्स के डा. बृज मोहन शर्मा ने
कुट्टू के आटे से संबंधित कई जानकारी आमजन के लिये साझा की l

उन्होंने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि कुट्टू के बारें में आम और खास जान को पूरी जानकारी होनी चाहिए, इसलिए सारी जानकारी निम्न प्रकार है l
कुट्टू का आटा, जो बकव्हीट के पौधे के फल को पीसकर तैयार किया जाता है, किसी भी सामान्य अनाज से जुड़ा नहीं है। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम और कई महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। यह आटा खासतौर पर व्रत के दौरान उपयोग में लाया जाता है। कुट्टू के आटे के कई फायदे हैं। इसमें पाए जाने वाले फ़ाइटोन्यूट्रिएंट्स कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जबकि विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स लिवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। कुट्टू के आटे में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं, जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं। यह मैंगनीज़ का अच्छा स्रोत होने के कारण हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है और इसके आयरन, प्रोटीन, और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, कुट्टू के आटे में फाइबर की मात्रा भी होती है, जो सांस से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करता है। व्रत के दौरान इससे पूड़ियां, पराठे, पकौड़े, और चीला तैयार किए जाते हैं। यह आटा विशेष रूप से सेलियक रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी सुरक्षित होता है।
कुट्टू का आटा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें गेहूं से एलर्जी होती है। यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है और हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव करता है। कुट्टू का आटा हड्डियों को मज़बूत करता है, बालों की सेहत को बेहतर बनाता है, और बालों के झड़ने को कम करता है। यह लिवर की समस्याओं को दूर करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में सूजन कम होती है और खून की धमनियों की सेहत भी बेहतर होती है। अंत में, यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक साबित होता है।
कुट्टू के आटे में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे एक हेल्दी विकल्प बनाते हैं। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, मैंगनीज और फास्फोरस जैसी महत्वपूर्ण चीजें भरपूर मात्रा में होती हैं। कुट्टू के आटे की कैलोरी 343 प्रति 100 ग्राम होती है, और इसमें पानी की मात्रा 10% होती है। इसमें प्रोटीन 13.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 71.5 ग्राम, शुगर 0 ग्राम, फाइबर 10 ग्राम, और फैट 3.4 ग्राम होता है। ये सभी पोषक तत्व कुट्टू के आटे को एक स्वस्थ और संतुलित आहार का हिस्सा बनाते हैं।
कुट्टू का आटा कई कारणों से खराब हो सकता है, जैसे कि आटा बहुत पुराना हो, उसमें मिलावट की गई हो, उसमें कीड़े पड़ गए हों, या उसमें बैक्टीरिया या फंगस पनप गया हो। खराब कुट्टू का आटा खाने से फूड पॉइज़निंग हो सकती है, जिससे पेट दर्द, गैस, दस्त, कब्ज़ और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खराब कुट्टू के आटे की पहचान कुछ खास संकेतों से की जा सकती है, जैसे कि आटे में अजीब सी गंध आना, आटे का रंग ग्रे या हल्का हरा होना, या आटे में काले दाने दिखना।
खराब कुट्टू के आटे से बचने के लिए ताजे पिसे हुए कुट्टू के आटे का इस्तेमाल करें और उसे सूरज की रोशनी और नमी से दूर रखें। इसे फ्रिज में रखना और पैकेजिंग को चेक करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि यह किसी तरह से फटी न हो। अगर कुट्टू के आटे में मिलावट की शंका हो, तो ऑर्गनिक, ग्लूटेन-फ्री, या नॉन-जीएमओ जैसे लेबल वाले आटे को चुनें।
कुट्टू का आटा नमी, तापमान और गलत स्टोरेज की वजह से जल्दी खराब हो सकता है। खाद्य विशेषज्ञ के अनुसार, कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ अन्य आटों के मुकाबले कम होती है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक तेल अधिक होते हैं, जो जल्दी ऑक्सीडाइज हो सकते हैं।
इसकी शेल्फ लाइफ आमतौर पर एक से डेढ़ महीने तक होती है, कुट्टू के आटे के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर यदि इसे अधिक मात्रा में खाया जाए। ज़्यादा कुट्टू का आटा खाने से पेट दर्द, गैस, सूजन और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर कुट्टू के आटे में पहले से ही नमक या सोडियम वाली कोई चीज़ मिलाई गई हो, तो इसे खाने से ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। कुट्टू के आटे में फॉस्फोरस की मात्रा भी होती है, और इसे अत्यधिक मात्रा में खाने से किडनी की सेहत प्रभावित हो सकती है। कुट्टू का आटा कम मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक सेवन ब्लड शुगर लेवल को गिरा सकता है। इसके अलावा, कुट्टू से बनी चीज़ें कुछ लोगों को एसिडिटी की समस्या भी दे सकती हैं। जिन लोगों को गैस की समस्या बार-बार होती है, उन्हें कुट्टू से बनी चीज़ें खाने से सिरदर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। कुट्टू का आटा पूरी तरह से पचता नहीं है, जिसके कारण पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आटे को खराब होने से बचाने के लिए कुछ रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिनमें बेंज़ोइल पेरोक्साइड, कैल्शियम प्रोपियोनेट, सोडियम बेंज़ोएट और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं। बेंज़ोइल पेरोक्साइड एक सामान्य आटा योजक है, जो आटे की सफेदी बढ़ाने और इसके भंडारण गुणों को सुधारने में मदद करता है। हालांकि, इसका अधिक सेवन आटे की पोषण सामग्री पर प्रतिकूल असर डाल सकता है और इससे मतली, चक्कर आना, विषाक्तता, और गंभीर यकृत क्षति जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह बैक्टीरिया को मारने का भी काम करता है और मुँहासे के उपचार में इस्तेमाल होता है।
कैल्शियम प्रोपियोनेट का उपयोग खाद्य उत्पादों में संरक्षक के रूप में और पशु आहार में परिरक्षक के रूप में किया जाता है। यह मोल्ड और बैक्टीरिया के विकास को रोकता है, जिससे खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ती है। यह विशेष रूप से ब्रेड, केक, टॉर्टिला और प्रोसेस्ड मीट जैसे उत्पादों में पाया जाता है। हालांकि, इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे सिरदर्द, माइग्रेन, इंसुलिन प्रतिरोध, और आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन। अत्यधिक कैल्शियम सेवन से हाइपरकैल्शिमिया, मांसपेशियों में कमजोरी, गुर्दे की पथरी, और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सोडियम बेंजोएट एक और आम परिरक्षक है, जो खाद्य पदार्थों को संरक्षित करता है और बालों की देखभाल के उत्पादों में भी इस्तेमाल होता है। यह रक्त में अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने, पैनिक अटैक जैसे मानसिक विकारों के इलाज में भी सहायक हो सकता है। हालांकि, इसके अत्यधिक सेवन से एलर्जी प्रतिक्रियाएं, एस्पिरिन-प्रेरित अस्थमा, पेट दर्द, और अनुवांशिक गुणों पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। सोडियम बेंजोएट का प्रयोग खाद्य उत्पादों में नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है, जो आमतौर पर 0.1 से 0.2 ग्राम प्रति लीटर होता है।
कुट्टू के आटे में कई प्रकार की मिलावट हो सकती है, जिनमें मक्का, चावल, या गेहूं का खराब गुणवत्ता वाला आटा, सफेद लकड़ी का बुरादा, बोरिक एसिड, सबमरमर का पाउडर और एर्गोट जैसे जहरीले पदार्थ शामिल हैं। इन मिलावटों की वजह से कुट्टू के आटे की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है, और यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे मिलावटी आटे का सेवन करने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।
कुट्टू के आटे की शुद्धता की जांच करने के लिए आप रंग, गंध, पानी या तेल में मिलाकर देख सकते हैं। इसके अलावा, पैकेट पर लिखी जानकारी और प्रमाणिकता भी जांचें।

रंग से जांच:

• असली कुट्टू का आटा गहरा भूरा या ग्रे रंग का होता है।
• मिलावटी कुट्टू का आटा हल्का हरा या ग्रे रंग का दिख सकता है।

गंध से जांच:

• मिलावटी कुट्टू के आटे में से दुर्गंध आ सकती है।
• शुद्ध कुट्टू का आटा अखरोट जैसी महक देता है।
पानी में मिलाकर जांच:
• एक ग्लास में आधा पानी भरें और उसमें एक चम्मच कुट्टू का आटा डालें।
• अगर आटे में मिलावट है, तो पानी में तैरने वाली चीज़ें दिखाई देंगी और आटा नीचे बैठ जाएगा।

तेल में मिलाकर जांच:

• एक चम्मच कुट्टू के आटे में तेल मिलाएं।
• शुद्ध आटा तेल के साथ कभी लंप्स (गाठें ) नहीं बनाएगा।
• मिलावटी आटा तेल के साथ मिलकर लंप्स बना देगा।
सेलखड़ी या भूसी की मिलावट कैसे पहचानें
• आटे में चाक, भूसी या फिर सेलखड़ी की मिलावट पहचाने के लिए आप पानी में घोलकर देख सकते हैं. इससे आटा ऊपर आ जाएगा और सेलखड़ी या फिर चाक का पाउडर नीचे बैठ जाता है. वहीं भूसी के कण ऊपर तैरने लगते हैं. इस तरह से आप मिलावट की आसानी से पहचान कर सकते हैं l

गर्म तवा पर डालकर देखें :
• आटे के जब आप गर्म तवा पर डालेंगे तो जलकर वो राख बनने लगता है और ब्राउन होने की स्टेज पर अच्छी खुशबू देता है. वहीं अगर सेलखड़ी या किसी अन्य पाउडर की मिलावट हो तो राख सफेद रंग छोड़ती है और स्मेल भी बदल सकती है.
टेक्स्चर से करें पहचान
•आप आटे के टेक्सचर से भी मिलावट की पहचान कर सकते हैं. हाथों में लेकर मसलने पर अगर आटा ज्यादा चिकना लग रहा है तो उसमें मिलावट हो सकती है. बिना मिलावट का आटा हल्का मोटा होता है और मुलायम होगा, लेकिन चिकना महसूस नहीं होगा l

पैकेट पर जांच:

• पैकेट पर लिखी जानकारी और प्रमाणिकता को ध्यान से चेक करें।
• पैकेट पर FSSAI, ISO, और AGMARK जैसे सर्टिफ़िकेशन होने चाहिए।
कुट्टू के आटे को खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
• मिलावटी कुट्टू के आटे का रंग बदल सकता है।
• अगर गूंथते समय आटा बिखर रहा हो या ज़्यादा चिकना हो रहा हो, तो यह मिलावटी हो सकता है।
• पैकेट बंद कुट्टू का आटा खरीदना ज्यादा सुरक्षित होता है।

इस प्रेस वार्ता में नीरज उनियाल,राम तीरथ मौर्या, हरिराज सिंह, बालेन्दु जोशी आदि उपस्थित रहे।