Tuesday, April 29, 2025
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मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 : देश के 30 मॉडल ने किया प्रतिभाग, आज होगा ग्रैंड फिनाले

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देहरादून, मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 सीजन 5 की फर्स्ट लुक लॉन्चिंग सिटी के एक होटल में हुई, इस मॉडल8 शो में देश भर के विभिन्न राज्यों से आये 30 मॉडल ने प्रतिभाग किया , जिसमें 15 युवक व 15 युवतियां शामिल रही, फर्स्ट लुक लॉन्च के बाद प्रतिभागियों के टेलेंट राउंड हुआ जिसमें डांस सिंगिंग मिमिक्री डायलॉग डिलीवरी के साथ सभी ने अपना टेलेंट का हुनर दिखाया।

शो के आयोजक मशहूर फैशन डिजाइनर सूफी साबरी ने बताया कि ये एक ऐसा शो है जिसमे प्रतिभागी बिना किसी ट्रेंनिंग के बिना किसी ग्रूमिंग के सीधे ग्रेंड फिनाले के लिए चुने गए हैं, यह मंच युवाओ में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए सबसे उपयुक्त मंच हैं, सूफी ने बताया कि उन्होंने इस शो में पहली बार कोविड 19 को देखते हुए स्टाइलिश मास्क राउंड भी कराया हैं। और साथ ही कोरोना से आई मायूसी से युवाओ को उभारने का प्रयास भी इस शो के माध्यम से किया गया हैं। इस शो का 2 दिसंबर को ग्रैंड फिनाले होटल सॉलिटेयर में होगा।

अब पेटीएम के मर्चेंट पार्टनर्स मुफ्त में कर सकते हैं पेटीएम वॉलेट, यूपीआई एप्स और रूपे कार्ड्स से पेमेंट स्वीकार

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देहरादून-  भारत की अग्रणी डिजिटल फाइनेंसियल सर्विसेज प्लेटफार्म पेटीएम ने आज व्यापारिक लेन-देन पर सभी शुल्कों को माफ करने की घोषणा की है। कंपनी अब जीरो शुल्क पर मर्चेंट पार्टनर्स को पेटीएम वॉलेट, यूपीआई एप्स और रूपे कार्ड्स से पेमेंट स्वीकार करने में सक्षम बनाकर पेमेंट प्रक्रिया को अगले स्तर तक ले जा रही है। अभी चल रहे महामारी के दौरान एमएसएमई को सपोर्ट करने के लिए पेटीएम, बैंकों एवं अन्य शुल्कों द्वारा वार्षिक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में 600 करोड़ रुपये को खर्च वहन करेगा। यह पहल उन्हें अपने कारोबार को और विस्तार प्रदान करने के लिए समुचित नगदी सुनिश्चित में मददगार साबित होगा।

इस पहल से पेटीएम इकोसिस्टम पर 17 मिलियन से अधिक व्यापारियों को फायदा होगा, जो अपने ग्राहकों से भुगतान स्वीकार करने के लिए पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम ऑल-इन-वन एंड्रॉइड पीओएस (च्व्ै) का उपयोग करते हैं। व्यापारियों को यह चुनने की भी सुविधा होगी कि वे भुगतान को सीधे अपने बैंक खातों में जमा करा सकते हैं या सीधे अपने पेटीएम वॉलेट में भुगतान राशि प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी पेटीएम वॉलेट, यूपीआई, रूपे, एनईएफटी और आरटीजीएस सहित अन्य सभी तरीकों के माध्यम से भुगतान की स्वीकृति को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, व्यापारियों को बिना किसी शुल्क के पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर से अनलिमिटेड भुगतान स्वीकार करने का अधिकार भी देती है।

पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कुमार आदित्य ने कहा, “हम अपने मर्चेन्ट पार्टनर्स को समर्थन देने और उनके कारोबार का विस्तार करने हेतु उनकी नगदी को बढ़ाने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का खर्च खुद वहन करेंगे। हमें विश्वास है कि इन शुल्कों को माफ करने से सभी एमएसएमई को पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम ऑल-इन-वन एंड्रॉइड पीओएस डिवाइसों से सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान एकत्र करने में फायदा मिलेगा। पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर व्यापारियों के लिए हमेशा से डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार करने का सबसे अच्छा तरीका रहा है, क्योंकि यह किसी भी यूपीआई ऐप और रूपे कार्ड से बिना किसी शुल्क के अनलिमिटेड भुगतान स्वीकार करता है। अब तो यह सुविधा पेटीएम वॉलेट के साथ भी है। यह कदम व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को और भी मजबूती मिलेगी। ”

पेटीएम एमएसएमई को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है और 2021 तक लोन में 1000 करोड़ रुपए चुकाने का लक्ष्य भी रखा है। कंपनी ‘मर्चेंट लेंडिग प्रोग्राम’ के तहत पेटीएम फॉर बिजनेस ऐप पर कस्टमर्स को कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान कर रही है। कर्ज के लिए कौन योग्य है और कौन नहीं इसका फैसला पेटीएम ऐप के एल्गोरिद्म के आधार पर किया जाता है। ये पैटर्न दैनिक लेनदेन के आधार पर व्यापारी की क्रेडिट-योग्यता को निर्धारित करता है और पूर्व-योग्य ऋण की पेशकश करता है। इसने ऋण आवेदन से लेकर अप्रूवल तक की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। साथ ही, एनबीएफसी और बैंकों के साथ साझेदारी में बिना किसी अतिरिक्त डॉक्युमेंट्स के लोन प्रदान कर रही है।

किसानों ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने की पेशकश की खारिज, बोले कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या….!

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नई दिल्ली, किसानों ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने की पेशकश खारिज की, बोले- कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या हल, केंद्र ने बैठक में किसानों को प्रस्ताव दिया कि कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बना दी जाए
किसानों ने इस पर कहा- कानून ही खत्म करें, क्योंकि ये किसान समाज के हितों के खिलाफ हैं

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार ने 2 फेज में करीब ढाई घंटे तक बातचीत की। नतीजा कुछ नहीं निकला। सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर पावर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए। पर, बात नहीं बनी। किसानों ने ये पेशकश सिरे से खारिज कर दी।

मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘बातचीत अच्छे माहौल में हुई। हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही, पर ये फैसला किसान ही करेंगे। हमने कहा कि कमेटी बना दें, पर किसान चाहते थे कि सभी लोग मिलकर ही बातचीत करें।’

इस बयान के बाद ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। हम आगे भी चर्चा के लिए आएंगे।

सरकार का प्रस्ताव: केंद्र ने कहा कि 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। इसमें केंद्र और किसानों के प्रतिनिधियों के अलावा एक्सपर्ट शामिल हों। किसानों की कानून को खत्म करने की मांग खारिज कर दी। कहा कि कानूनों से जुड़ी खास परेशानियों को बुधवार तक बताएं ताकि 3 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा हो सके।

किसानों का जवाब: कमेटी बनाने की सिफारिश खारिज कर दी कहा कि पहले भी ऐसी कमेटियां बनाई गईं, पर कोई नतीजा हासिल नहीं हो सका। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, पूरे देश में आंदोलन और तेज किया जाएगा।

नतीजा क्या निकला : कोई नतीजा नहीं निकला। अक्टूबर, नवंबर और अब दिसंबर, 3 महीने में 3 बार केंद्र ने किसानों से चर्चा की। मंगलवार को हुई बैठक में नतीजा निकलने की उम्मीद थी, क्योंकि 6 दिन से जारी उग्र प्रदर्शन के चलते सरकार ने भी इस बार बिना शर्त किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। अब 3 दिसंबर को होने वाली बैठक पर नजरें हैं।

सरकार ने दो बार शर्त रखी थी

सरकार पहले इस बात पर अड़ी थी कि किसान 3 दिसंबर को बातचीत के लिए आएं। सोमवार को सरकार ने यह जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर दोपहर 3 बजे 35 किसान नेताओं को बातचीत का न्योता भेजा।
इससे पहले सरकार ने किसानों से कहा था कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है। किसान इस पर नहीं माने।
32 साल बाद ऐसा आंदोलन, 36 घंटे में सरकार की तीसरी बैठक
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां जुटे थे। इस बार किसानों के मुद्दे पर सरकार 36 घंटे में तीन बैठकें कर चुकी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मंगलवार को हुई मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। बैठक में शामिल होने के लिए शाह BSF के राइजिंग डे इवेंट में नहीं गए |

प्रदर्शन कर रहे किसानों के 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद केंद्र ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसानों से बातचीत की।
3 बजे से शाम 5 बजे तक पहले दौर की बातचीत हुई। इसके बाद करीब 6 बजे फिर चर्चा शुरू हुई और करीब 30 मिनट में खत्म हो गई।
हरियाणा की 130 खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
हरियाणा के निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। चरखी दादरी में सांगवान ने कहा- किसानों पर हुए अत्याचारों को देखकर मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं।
CAA के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल हुईं 82 साल की बिल्किस बानो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वे सिंघु बॉर्डर पर पहुंची थीं।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन देने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पहुंचे।

बातचीत के न्योते पर भी हुआ विवाद
सरकार ने सोमवार देर रात किसानों को बातचीत का न्योता भेजा था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें न्योता दिया गया है। हालांकि, इस पर विवाद हो गया।

दरअसल, कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी हुई न्योते की चिट्‌ठी में 32 किसानों के नाम थे। ये सभी पंजाब के किसान नेता थे। ये हरियाणा के अपने साथियों का नाम भी शामिल करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद न्योते में हरियाणा से गुरनाम चढ़ूंनी और मध्यप्रदेश से किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का नाम शामिल किया गया।

सरकार की तरफ न्योते की यह चिट्‌ठी सोमवार देर रात जारी हुई थी।
कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी इस चिट्‌ठी में 32 किसान नेताओं के नाम थे।

सरकार से बातचीत से पहले दिल्ली-UP बॉर्डर पर किसानों का गुस्सा देखा गया। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया।

कनाडा के पीएम ने आंदोलन का समर्थन किया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले पहले विदेशी नेता और राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने हालात को चिंताजनक बताया। गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान ट्रूडो ने कहा कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। हमने इस बारे में भारत सरकार को अपनी चिंताओं के बारे में बता दिया है।

सरकार ने कनाडा के बयान को गैर-जरूरी बताया
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर कनाडा के नेताओं के बयान गैर-जरूरी हैं। इनमें जानकारी की कमी लगती है। साथ ही कहा कि डिप्लोमैटिक चर्चाओं का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद से नहीं होना चाहिए।

राहुल ने कहा- किसान को उसका अधिकार दीजिए
किसान आंदोलन और सरकार के रुख पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा- अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण। किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए(साभार दैनिक भाष्कर)|

क्वालगांव में फूड प्वाइजनिंग से कई बीमार, छह अस्पताल में भर्ती

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उत्तरकाशी(बड़कोट), जनपद उत्तरकाशी की बड़कोट तहसील के ग्राम क्वालगांव में कल देर रात फूड प्वाइजनिंग से दर्जनों लोग बीमार होने की खबर है, जिनमें सात लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है जहां डॉक्टर अंगद राणा की अगुवाई में उनका उपचार किया जा रहा है।उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान गांव में पूरी टीम के साथ मौजूद हैं, अभी तक बड़कोट अस्पताल में छः लोग भर्ती किये गये, गांव से बाकी लोगों को अस्पताल लाया जा रहा है | डॉक्टर अंगद राणा सहित अस्पताल स्टाफ बीमॎरों के इलाज में जुटा है | गांव में कल देवताओं की पूजा थी, प्रशासन के अधिकारी व अन्य सम्बंधित कर्मी गांव में मौजूद हैं |

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पदभार ग्रहण करने के पश्चात उत्तराखंड विस अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से की शिष्टाचार भेंट

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देहरादून 2 दिसम्बर l विधानसभा अध्यक्ष  प्रेम चंद अग्रवाल से पदभार ग्रहण करने के पश्चात पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून स्थित शासकीय आवास पर शिष्टाचार भेंट की अग्रवाल ने अशोक कुमार को मिठाई खिला कर स्वागत किया । इस अवसर पर प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं कोविड-19 के प्रभाव से लोगों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा वार्ता हुई l

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल  ने आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि  अशोक कुमार के कुशल मार्गदर्शन में पुलिस व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं प्रदेश में कानून व्यवस्था और अधिक सुचारू रूप से संचालित होगी । अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-19 को मध्य नजर रखते हुए कुंभ मेले का संचालन एक बड़ी चुनौती है उन्होंने कुंभ मेले के सफल संचालन के लिए भी चर्चा की साथ ही कोविड-19 के प्रभाव से लोगों की सुरक्षा संबंधित विभिन्न विषयों पर भी वार्ता हुईl

 

परिवहन विभाग में जालसाजों का खेल, प्रमुख सचिव के बेटे से ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर ठगे 1375 रुपये

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देहरादून, देहरादून में जालसाजों ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर प्रमुख सचिव के बेटे से 1375 रुपये ठग लिए। मामला उस समय उजागर हुआ जब प्रमुख सचिव के निजी सचिव ने आवेदन के संबंध में परिवहन अधिकारियों से जानकारी मांगी। जांच में पता चला कि प्रमुख सचिव के बेटे के नाम पर कोई आवेदन नहीं किया गया है और न ही फीस जमा कराई गई है।

 

प्रकरण उजागर होने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कंप है। आरटीओ डीसी पठोई ने एआरटीओ (प्रशासन) को प्रकरण की जांच करने के साथ ही फर्जी वेबसाइट बनाने वाले जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सचिवालय में निजी सचिव गोविंद सिंह ने संभागीय परिवहन अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि प्रमुख सचिव आनंदवर्धन के बेटे अनिष्व वर्धन का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था।

आवेदन नहीं आया है और न ही फीस जमा की गई

इस दौरान फोन पे के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर 1375 रुपये जमा कराए गए, लेकिन परिवहन विभाग की ओर से अनिष्व बर्धन को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जब इस संबंध में परिवहन कार्यालय से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने बताया कि इस नाम से कोई आवेदन नहीं आया है और न ही फीस जमा की गई है।

 

मामले में आरटीओ डीसी पठोई का कहना है कि ऐसा लगता है कि जालसाजों द्वारा फर्जी वेबसाइट तैयार कर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फीस जमा कराई जा रही है जो बेहद गंभीर विषय है। कहा कि एआरटीओ (प्रशासन) द्वारिका प्रसाद को प्रकरण की विभागीय स्तर पर जांच करने के साथ ही जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है।

 

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब परिवहन विभाग में जालसाजी का मामला सामने आया है। चार माह पूर्व परिवहन विभाग में गाड़ियों के फर्जी इंश्योरेंस का मामला भी सामने आया था। उक्त प्रकरण में भी जांच कराई गई थी।

 

सड़क निर्माण के चलते खतरे की जद में प्राथमिक विद्यालय थपलगांव, बैखबर कार्यदायी संस्था

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“ग्रामीणों ने लगाया कार्यदायी संस्था पर अनदेखी का आरोप”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- विकास खण्ड अगस्त्यमुनी की ग्राम पंचायत थपलगांव का प्राथमिक विद्यालय दुर्घटना को न्योता दे रहा है स्थित यह है कि विद्यालय का कीचन सड़क कटान में पूर्णतः धराशायी हो गया व विद्यालय का मुख्य भवन खतरे की जद में है जो कभी भी धराशायी हो सकता है।

दशज्यूला पट्टी की ग्राम पचांयत थपलगांव का प्राथमिक विद्यालय पीएमजीएसवाई की चोपड़ा- गड़ीधार -द्वारीधार मोटर मार्ग निर्माण के चलते अनहोनी को न्यौता दे रहा है सड़क निर्माण कर रही कार्यदायी संस्था आरजीबी द्वारा विद्यालय के पुस्ते को आधा अधूरा छोड़ा गया है जबकि विद्यालय भवन का कीचन सड़क कटान के चलते पहले ही धराशायी हो चुका है । द्वारीधार स्थित इस विद्यालय भवन में गॉव का ऑगन बाड़ी केन्द्र भी संचालित होता है।सड़क पर वर्तमान में डामरीकरण का कार्य शुरु कर दिया गया है लेकिन विद्यालय भवन की सुरक्षा को लेकर कार्यदायी संस्था ऑख मूंदे हुये है कभी भी विद्यालय भवन जंमीदोज हो सकता है।

ग्रामीण लक्ष्मण सिंह बुटोला, व ग्राम प्रधान थपल गॉव का कहना है कि इस संबध में पूर्व में जिलाधिकारी सहित विभागीय अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है लेकिन कार्यदायी संस्था द्वारा अधूरा पुस्ता निर्माण कर इतिश्री कर दी गई है। उनका कहना है कि वर्तमान में स्कूलें बंद होने से विद्यालय मे आवाजाही नहीं है लेकिन निकट भविष्य में जब भी स्कूलें खुलेंगी विद्यालय भवन सुरक्षित नहीं है विद्यालय भवन कभी भी गिर सकता है जिसे देखते हुये शीघ्र पुस्ता निर्माण होना आवश्यक है।

फिल्म अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल कोरोना संक्रमित

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फिल्म अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल कोरोना संक्रमित हो गए हैं। करीब एक महीने से सनी देओल हिमाचल के मनाली में रह रहे हैं। उन्हें हल्का बुखार और गले में खराश महसूस हुई। इस पर उन्होंने अपना टेस्ट कराया था। उनकी सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

कुल्लू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुशील चंद्र ने इसकी पुष्टि की है। उन्हों ने बताया कि सनी देओल ने कोरोना टेस्ट करवाने के लिए स्वयं फोन कर स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाया था। मंगलवार को ही उनका सैंपल लिया गया था। उधर, मंडी के सीएमओ डा. देवेंद्र शर्मा ने सनी देओल के कोरोना से संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है।

आपको बता दें कि 64 साल के अभिनेता सनी देओल ने हाल ही में मुंबई में अपने कंधे की सर्जरी कराई थी। इसके बाद वह कुछ समय आराम करने के लिए मनाली के अपने फॉर्म हाउस में गए थे। वह बीते कुछ दिनों से यहीं पर रुके हुए थे।

जानकारी के मुताबिक, आगामी 03 दिसंबर को सनी देओल मनाली से मुंबई वापस लौटना था लेकिन मुंबई जाने से पहले जब उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया, तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संविधान में निहित आरक्षण की नीति को जारी रखेगीः रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

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नई दिल्लीः केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 भारतीय संविधान में निहित आरक्षण की नीति को जारी रखेगी। मंत्री जी उन्होंने कहा कि“यह 24 नवंबर 2020 और उसके आस-पास पीटीआई के हवाले से छपी मीडिया रिपोर्ट्स के संबंध में है, जिसमें यह प्रश्न उठाया गया कि क्या एनईपी 2020 के तहत भारतीय संविधान द्वारा प्रतिष्ठापित आरक्षण की नीति को जारी रखा जाएगा।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, प्रकाशित लेख के कारण, मेरे कुछ राजनीतिक मित्र यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 शायद देश की शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के प्रावधान को कमज़ोर कर सकती है। मैं अपने संपूर्ण अधिकारों के अंतर्गत यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस तरह का कोई आशय नहीं है, जैसा कि यह एनईपी-2020 में स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित भी है। यह नीति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में प्रतिष्ठापित आरक्षण के संवैधानिक जनादेश द्वारा अनुमोदित है। मेरा मानना है कि एनईपी-2020 में आरक्षण के प्रावधानों की इसके अतिरिक्त पुनरावृत्ति किए जाने की आवश्यकता नहीं है, जिसके तहत पहले से ही भारतीय संविधान के ढांचे के अंतर्गत काम किया जा रहा है।

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा के बाद विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं जैसे जेईई, एनईईटी, यूजीसी-एनईटी, इग्नू- आयोजित की गईं और शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्ति की कई प्रक्रियाएं भी हुईं, लेकिन हमें अब तक आरक्षण के प्रावधान को कमज़ोर करने से संबंधित एक अकेली शिकायत भी नहीं मिली। एनईपी की घोषणा के 4-5 महीने बाद बगैर किसी तथ्य के इस तरह की आशंकाओं को उठाए जाने का अर्थ समझना कठिन है। मैं फिर से दोहराता हूं कि सफलतापूर्वक चल रहे कार्यक्रम और नीतियां एसी, एसटी, ओबीसी और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमज़ोर दूसरे वर्गों के शैक्षणिक समावेश के लिए किए जाने वाले नए प्रयासों के साथ लगातार जारी रहेंगे। मैं यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर इस संबंध में हमें किसी भी तरह की शिकायत मिलती है, तो मेरा मंत्रालय उस पर यथोचित कार्रवाई करेगा।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा,जैसा कि हम जानते हैं कि एनईपी-2020 सभी हिस्सेदारों के साथ सश्रम विचार-विमर्श द्वारा उभरी और विकसित हुई है, जैसे-छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, शैक्षणिक प्रशासकों, शिक्षाविद, गैर-शिक्षण कर्मचारी और समाज का समग्र रूप। ग्रामीण स्तर से, राज्य, ज़ोनल और राष्ट्रीय स्तर पर मूलभूत विचार-विमर्श के माध्यम से जैसे, विषयगत विशेषज्ञों से परामर्श, विभिन्न समितियों का सूक्ष्म परीक्षण, जैसे एनईपी मूल्यांकन समिति, एनईपी ड्राफ्ट की तैयारी के लिए बनी समिति, माईगव.इन के माध्यम से ऑनलाइन परामर्श आदि। इस तरह से इसने जनता के दस्तावेज़ के रूप में आकार लिया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सिद्धान्त-सबका साथ, सबका विकास, द्वारा निर्देशित है। यही कारण है कि एनईपी हमारे समाज के सभी समूहों के शैक्षणिक समावेश के लिए एक संवेदनशील प्रतिबद्धता के रूप में उभरी।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा,उनके शैक्षणिक समावेश के लिए विशेष नीति पर बल देते हुए, एनईपी ने एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग, लड़कियों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर, अल्पसंख्यक, भौगोलिक रूप से हाशिए पर मौजूद लोगों और दूसरे सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से वंचित वर्गों का एक समूह-सोशियो-इकॉनॉमिक डिप्राइव्ड ग्रुप्स (एसईडीजीएस)-तैयार किया है। एसईडीजीएस समुदायों के मुद्दों के समाधान के लिए, एनईपी-2020 ने विभिन्न विशेष तरह के शैक्षणिक ज़ोन तैयार करने का एक प्रावधान रखा, जो शैक्षणिक अधिकारहीनता पर आधारित है, जहां विभिन्न अविरत और नए सहयोग के बीच समन्वय और समावेशी योजनाओं को एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग और अन्य वंचित समुदायों को उनके शैक्षणिक समावेश के विकास के लिए विकसित किया जाएगा। शैक्षणिक मार्गदर्शक इन एसईजेड में वंचित समुदायों के बीच काम करेंगे, जिनको विकसित किया जाएगा।

यह एक विशेष कार्यक्रम है, जो एसडीजीएस समूह से एक ऐसे शैक्षणिक कार्यबल के विकास में मददगार होगा, जो इन वंचित समूहों के शैक्षणिक समावेश के प्रति अधिक संवेदनशील होगा। यह योजना उन शैक्षणिक मार्गदर्शकों के लिए नौकरी की नई संभावनाएं भी पैदा करेगी, जो एसईडीजी समूहों से उभर कर सामने आएंगे। छात्रवृत्ति की योजनाएं, साइकिल वितरण की योजनाएं, वंचित समूहों के शैक्षणिक समावेशन के लिए प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण और अन्य कई सहायक सरकारी योजनाएं हमारे लिए एसईडीजीएस समूहों के शैक्षणिक समावेश में मददगार होंगी।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा,बच्चियों और महिलाओं के शैक्षणिक समावेश के लिए, लिंग पर आधारित सामाजिक और शारीरिक रूप से वंचितों के समूहों हेतु विभिन्न सहायक योजनाओं की शुरुआत करने के लिए एनईपी ने एक ‘जेंडर-आई इनक्लूज़न फंड’ तैयार करने का प्रावधान तैयार किया है।

एनईपी-2020 ने अल्पसंख्यकों को सहारा देने, उनके शैक्षिक उपक्रमों और राष्ट्र के शैक्षणिक क्षेत्र में उनके समावेश के लिए कई और प्रावधान भी किए हैं। नीति के अनुसार, अल्पसंख्यकों के लिए स्कूल और कॉलेज खोलने को प्रोत्साहन दिया जाएगा। स्कूलों की वैकल्पिक संरचना को भी एनईपी-2020 के तहत सहयोग दिया जाएगा। अल्पसंख्यक छात्रों के बीच शैक्षणिक क्षेत्र में हिस्सेदारी की क्षमता विकसित करने के लिए विशेष छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है।

एनईपी की नीतियां और योजनाएं हमारे शैक्षणिक नीतिकारों द्वारा एनईपी संरचना के अंतर्गत रचनात्मक रूप से डिज़ाइन की गई हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह महत्वपूर्ण नई नीति भारतीय शिक्षा के इतिहास में एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग और दूसरे वंचित सामाजिक समूहों के शैक्षणिक समावेश के सृजन में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।
मैं यहां सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करना चाहूंगा, जो उस अनुसूचित जातियों, जनजातियों के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण के प्रावधान को 10 साल और बढ़ाने के रूप में देखा जा सकता है।
मैं आशा करता हूं कि इस ऐतिहासिक नवीन नीति पर कुछ लोगों की गलत धारणा को दुरुस्त करने वाले मेरे विचार कदाचित प्रकाशित हों, ताकि देश की जनता सही जानकारी के बारे में जान सके।”

बाईक चोर गिरोह पुलिस की गिरफ्त में, चार आरोपी तीन बाईक और बाईक पार्ट्स के साथ गिरफ्तार

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हरिद्वार, । वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने बाईक चोर गिरोह का भण्डाफोड़ करते हुए गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अलग अलग स्थानों से चोरी की गयी 3 बाईक व 11 बाईक के पार्टस बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एक कबाड़ी भी शामिल है। जो चोरी कर लायी गयी बाईक के पार्टस अलग-अलग कर बेचता था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को ढाई हजार रूपए ईनाम देने की घोषणा की है। पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस. ने बताया कि वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था। वाहन चोरों की तलाश में जुटी पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर सोमवार को भगत सिंह चौक के पास से चोरी की मोटरसाईकिल बेचने आए 4 लोगों को दो बाईकों सहित गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी मूलरूप से यूपी के सहारनपुर तथा एक लखीमपुरी खीरी का रहने वाला है।

फिलहाल चारों सिडकुल क्षेत्र में किराए पर रहते हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि आलोक तिवारी बाईक चोरी कर डेंसो चौक के पास कबाड़ी का काम करने वाले कुर्बान को देता था। कुर्बान अपने साथियों अब्दुल रहमान व सूरज सैनी के साथ मिलकर बाईकों के पार्टस अलग-अलग कर आगे बेच देता था। इससे होने वाले मुनाफे को सभी के बीच बांटा जाता था। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सिडकुल थाना क्षेत्र से चुरायी गयी 1 बाईक व 11 बाईक के पार्टस बरामद किए हैं। एसएसपी ने बताया कि आलोक तिवारी को बाईक चोरी के मामले में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। इस दौरान एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय भी मौजूद रही।
गिरफ्तार आरोपी-
1.आलोक तिवारी निवासी लखीमपुर उ.प्र., हाल निवासी कृपाल आश्रम रावली महदूद
2.कुर्बान अली निवासी सहारनपुर उ.प्र., हाल निवाासी डेन्सो चौक
3.अब्दुल रहमान निवासी सहारनुपर उ.प्र., हाल निवासी डेन्सो चौक
4.सूरज सैनी निवासी सहारनपुर उ.प्र., हाल निवासी डेन्सो चौक
पुलिस टीम-
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी, एसएसआई सुनील रावत, रेल चौकी प्रभारी एसआई लक्ष्मीप्रसाद बिल्जवाण, कांस्टेबल निर्मल, मनमोहन, रविन्द्र नेगी, देवेंद्र चौधरी, सतेंद्र यादव व सुखदेव शामिल रहे।