Wednesday, April 30, 2025
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उत्तराखंड : आज 491 कोरोना के नए मरीज मिले, राज्य में मरीजों का आंकड़ा 76275 पहुँचा, दून में 179 मिले केस

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देहरादून, उत्तराखंड में गुरुवार को 491 कोरोना के नये मरीज चिन्हित हुए जबकि आज 12 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई, इसके साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का कुल आंकड़ा 76275 हो गया है। आज देहरादून में सबसे ज्यादा 179 कोरोना के नए मरीज मिले। जबकि, पिथौरागढ़ में सबसे कम 06 नये मरीज चिन्हित हुए हैं। राज्य में वर्तमान में 4967 एक्टिव केस हैं, इनका इलाज चल रहा है। 1263 लोगों की अब तक संक्रमण से मौत (death) हो चुकी है। जबकि, 15732 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार जिलावार चिन्हित हुए मरीजों की संख्या इस प्रकार रही। देहरादून में 179, अल्मोड़ा 25, बागेश्वर 18, चमोली में 42, चम्पावत में 09, हरिद्वार में 52, नैनीताल में 76, पौड़ी गढ़वाल में 24, पिथौरागढ़ में 06, रुद्रप्रयाग में 08, टिहरी गढ़वाल में 23, ऊधमसिंहनगर 16 और उत्तरकाशी में 13 कोरोना के मरीज चिन्हित हुए हैं।

मोबाइल छीनकर भाग रहे युवक को पकड़ा

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रुडकी। मोबाइल छीन कर भाग रहे युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। थिथौला के पास स्कूटी सवार दो युवक एक व्यक्ति का मोबाइल छीन कर भाग रहे थे। किसी कारणवश स्कूटी गिर गई। आसपास खड़े लोगों ने स्कूटी सवार युवक को पकड़ लिया। जबकि उसका दूसरा साथी फरार हो गया। चौकी प्रभारी नरेश कुमार गंगवार का कहना है कि आरोपी युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

 

विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान किए प्रशस्ति पत्र

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(अमरसिंह कश्यप)

देहरादून/सहसपुर , विकासखंड सहसपुर के सभागार में कचरा प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि 27 नवंबर 2020 से आरंभ हुआ, का समापन किया गया ।इस समापन कार्यक्रम में सहसपुर के माननीय विधायक श्री सहदेव सिंह पुंडीर, विकास खंड अधिकारी श्रीमती शकुंतला शाह, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ब्लॉक मिशन प्रबंधक श्री जितेंद्र तिवारी जी, अध्यक्ष आस्था क्लस्टर फेडरेशन श्रीमती अलका जोशी जी ने संयुक्त रूप से किया। यह सात दिवसीय प्रशिक्षण स्पेक्स संस्था व यूकोस्ट के संयुक्त तत्वाधान में नेशनल मिशन ऑफ हिमालयन स्टडी के आर्थिक सहयोग से वह राष्ट्रीय आजीविका मिशन सहसपुर के प्रयास से चलाया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ई कचरा न्यून करना व नए उत्पाद तैयार कर रोजगार के नए अवसर प्रदान करना साथ ही साथ खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान को मरम्मत कर उसे उसे पुनः उपयोग में लाना है।
समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय विधायक सहसपुर द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि यह कार्यक्रम रोजगार परक होने के साथ-साथ ई कचरा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के प्रति लोगों को जागृत करने के लिए महत्वपूर्ण है। सहसपुर में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए माननीय विधायक द्वारा स्पेक्स संस्था, यूकोस्ट एवं नेशनल मिशन ऑफ हिमालयन स्टडी को धन्यवाद दिया गया तथा आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर संस्था द्वारा आयोजित किए जाते रहेंगे जिससे कि समाज के कमजोर व अन्य लोगों को भी ऐसे कार्यक्रमों से लाभान्वित किया जा सके व आम जन अपने रोजगार के अवसर पा सकें।

इस अवसर पर आजीविका मिशन के बीपीएम  जितेंद्र तिवारी द्वारा कहा गया कि हमारे ब्लॉक में जल्द ही इकलेक्शन संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे जिसमें ई कचरा संग्रह, नए उत्पादों को बनाने का कार्य, पुराने सामान की मरम्मत एवं महिलाओं द्वारा उनके अन्य उत्पादों को तैयार कर बिक्री केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा समापन कार्यक्रम के अवसर पर आस्था क्लस्टर फेडरेशन की अध्यक्ष श्रीमती अलका जोशी द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि आपके द्वारा जो भी कार्य का प्रशिक्षण लिया गया है

वह केवल आप तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए उसे अन्य महिलाओं को भी सिखा कर उनके रोजगार के लिए भी प्रयास करना चाहिए, एस वी ई पी के मैंतर श्री चन्द्र जीत सिंह, द्वारा इससे प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्पेक्स देहरादून यूकोस्ट एवं नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडी का आभार व्यक्त किया तथा सभी महिलाओं से कहा कि हमारे पास अच्छी गुणवत्ता के प्रशिक्षण देने वाली संस्थाएं आजीविका मिशन एवं बहुत सी फंडिंग एजेंसी वह बैंक है जो आपको आपके रोजगार के लिए सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं यदि आप अपना कोई उद्यम स्थापित करना चाहते हैं तो आप इन एजेंसियों के पास या हमारे से संपर्क करें ताकि हम आपको आपकी उद्यम के लिए लोन की व्यवस्था कर सकें सरकार आपके द्वार पर पैसे लेकर खड़ी है परंतु हम लोग सरकार की योजनाओं का उचित तरीके से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को विधायक सहसपुर द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किये गए। कार्यक्रम का संचालन नीरज उनियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य शिक्षक रामतीरथ मौर्य,अशोक कुमार,राहुल मौर्य,अर्पण यादव,आजीविका मिशन के इंदर सिंह चौहान,नितिन भारती, रोमेश भंडारी,सुधा बार्थवाल,रेनू ,मधु मनवाल,शीतल,भावना,रेनू देवी,सरस्वती, नीलम, मंजू रमोला आदि सम्मिलित रहे।

यूपीसीएल के 33/11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर/ललतारौ का लोकार्पण

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हरिद्वार 03 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा) मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले की बैठक के उपरांत यूपीसीएल के 33/11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर/ललतारौ का लोकार्पण किया। कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार क्षेत्र में अस्थायी सैक्टरों एवं पार्किंग में कुम्भ की विद्युत मांग को देखते हुए तथा वर्तमान उपसंस्थानों का बेहतर लोड मैनेजमेंट करने के लिये 2 नये उपसंस्थान ललतारों एवं जगजीतपुर में बनाये गये हैं।

कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित कनखल, बैरागी कैम्प सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति के लिये आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क की विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों बैरागी कैम्प एवं कनखल-प्प् का लोड कम करने के लिये प्रस्तावित जगजीतपुर उपसंस्थान का निर्माण किया गया है। इससे कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित रोडीवाला, बेलवाला एवं हर की पैडी सेक्टरों में आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क को विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों लालजीवाला एवं मायापुर का लोड कम करने के लिये एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी।
यह उपसंस्थान 2 अलग-अलग 132 के0वी0 उपसंस्थानों भूपतवाला एवं ज्वालापुर से निकलने वाले 33 के०वी० फीडरों से पोषित होगा, इस प्रकार अलग-अलग सोर्स से कनेक्टिीविटी बनी रहेगी। साथ ही लगभग 4000 वर्तमान निवासरत विद्युत उपभोक्ता इस उपसंस्थान से लाभान्वित होंगे। यह उपसंस्थान प्री-फेब्रिकेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह आधुनिक क्षमता का तकनीक पर आधारित देवभूमि उत्तराखण्ड के कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में पहला उपसंस्थान है।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री  मदन कौशिक, विधायक  आदेश चैहान, मुख्य सचिव  ओम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल  नीरज खैरवाल, मेलाधिकारी  दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार  सी0 रविशंकर उपस्थित थे।

कुम्भ मेला तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने ली बैठक

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हरिद्वार 03 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा) मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष, हरिद्वार में स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और भव्य, दिव्य हरिद्वार कुम्भ 2021 के आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ के कार्य हर हाल में समय पर पूर्णं कर लिये जाएं, यदि आवश्यकता पड़े तो कार्य में लेबर की संख्या बढाई जाए और शिफ्ट की संख्या भी बढ़ा ली जाए।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि कुम्भ क्षेत्र के मठ, मन्दिर, आश्रम, धर्मशाल, अखाड़ा और पेशवाई मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाए। इसके साथ ही मंशा देवी और चण्डी देवी मार्ग का सुदढ़ीकरण कर लिया जाए। कुम्भ क्षेत्र के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण के कार्य कुम्भ श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा।

कुम्भ कार्याें में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाएं रखने को गम्भीरता से लेने को कहा तथा कहा कि कुम्भ के बाद और कुम्भ के दौरान किसी प्रकार के प्रश्न चिह्न उठने की सम्भावना को समाप्त करें।
बैठक में नगर विकास मंत्री  मदन कौशिक, विधायक  आदेश चैहान, मुख्य सचिव  ओम प्रकाश, सचिव लोक निर्माण आर.के. सुधांशु, सचिव पेयजल नितेश झा, सचिव नगर विकास  शैलेश बगोली, सचिव स्वास्थ्य  पंकज पांडेय, मेला अधिकारी  दीपक रावत, आई. जी. कुम्भ संजय गुंज्याल, डीएम सी. रविशंकर, एसएसपी कुम्भ  जनमेजय खण्डूडी, लोक निर्माण, पेयजल, स्वास्थ सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

दिव्यांगों को समर्पित किया जीवन: रमा गोयल

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देहरादून। दिव्यांग जनों के लिए काम करने वालों में श्रीमती रमा गोयल, ट्रस्टी सेक्रेटरी हर्षल फाउंडेशन ने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। रमा जी दिव्यांगजनों से जुड़े सरोकारों से पिछले 20 वर्षों से जुड़ी है। इनका मुख्य ध्येय दिव्यांग जनों का पुनर्वास कर उनको आत्म सम्मान से जीवन व्यतीत करने के लिए सक्षम बनाना है। इसके लिए उन्होंने ना केवल दिव्यांग जनों के लिए कृतिम अंगो की व्यवस्था की है जिसमें हाथ, पांव, कैलिपर, व्हील चेयर, बैसाखी, स्टिक, चश्मे, हियरिंग मशीन, आदि शामिल है बल्कि स्वस्थ जीवन के लिए योगाभ्यास, सकारत्मक सोच की शिक्षा भी दी है। साथ ही उन्हें रोजगार के अवसरों की जानकारी, कौशल विकास की शिक्षा ओर यहां तक की बैंक लोन तक की भी व्यवस्था एवम् जानकारी दी है।

अपने इन प्रयासों से वह उत्तराखंड में अब तक 8000 दिव्यांग जनों के जीवन में बदलाव लाने में सफल रही है। उनके प्रयास सतत् जारी है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूगी कि दिव्यांग जनों की इस गौड़ मदर को इतनी शक्ति दे की वह सभी दिव्यांग जनों के जीवन में बदलाव ला सके।
विश्व दिव्यांग दिवस पर ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने रमा गोयल को दिव्यांग जनों के लिए किए कार्यों के लिए सोशल इंपैक्ट सम्मान से सममानित किया। उनको सम्मान पत्र, मेडल, कार्ड आदि दिया गया।

31 जनवरी तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए,सौन्दर्यीेकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जायः मुख्यमंत्री

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हरिद्वार 03 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा)  । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इसके उपरान्त उन्होंने कुम्भ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए।
मुख्यमंत्री ने पुहाना-छुटमलपुर बाईपासफ्लाईओवर ब्रिजकोर काॅलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपासरानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अन्त तक पूर्ण हो जायेंगे। जनवरी अन्त तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलोंबाईपास को जोेड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैंइससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीेकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलोंस्वच्छतापेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैंउनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैंअवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरणघाटों की सफाईअतिक्रमण हटानेस्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिकविधायक आदेश चैहान,  प्रदीप बत्राकुंवर प्रणव चैंपियनमुख्य सचिव ओम प्रकाशसचिव आर.के. सुधांशु, शैलेष बगोलीआईजी मेला संजय गुंज्यालजिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकरएसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एसअपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

देहरादून में पहली बार, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन किया गया

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देहरादून,  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हाल ही में, मलाशय से रक्तस्राव से पीडित 46 साल की महिला की ईएसडी (एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन) सर्जरी कर उसे एक जटिल और बडी सर्जरी से बचाया। ओपन सर्जरी की बजाय ईएसडी का विकल्प चुन कर, डॉक्टरों की टीम ने न केवल संभावित जटिलताओं, लंबे समय तक अस्पताल में रहने और अधिक खर्च से बचाया बल्कि मलाशय को सुरक्षित रखने और रोगी के प्राकृतिक रूप से मल त्याग को बरकरार रखने में भी मदद की।

 

इस प्रक्रिया में उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, लेकिन मैक्स में डॉक्टरों ने आसानी से इस प्रक्रिया को अंजाम दिया और ओपन सर्जरी की बजाय उपचार के इस विकल्प का चयन करने से न केवल रोगी को तेजी से ठीक होने में मदद मिली, बल्कि अन्य ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में उसे कम दर्द हुआ।

 

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ रविकांत गुप्ता ने रोगी की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा, श्श् उन्होंने फरवरी में देहरादून में एक अन्य गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह ली थी, जिसने मलाशय में ट्यूमर पाये जाने पर कोलोनोस्कोपी की थी। इसके अलावा, जब बायोप्सी की गयी, तो पता चला कि यह एक प्रीमैलिग्नेंट ट्यूमर था। फिर रोगी को परमानेंट कोलोस्टोमी (एक ऐसी शल्य प्रक्रिया जिसमें क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाकर मलाशय को छोटा किया जाता है और पेट की दीवार में छेद कर मल द्वार को मोड़ दिया जाता है) कर उसके पूरे मलाशय को हटाने के लिए एक बड़ी सर्जरी कराने की सलाह दी गई थी। जब वह कुछ दिन पहले हमारे पास आई तो हमने एक और कोलोनोस्कोपी, जिसमें पता चला कि ट्यूमर बहुत लंबा हो गया था। लेकिन सौभाग्य से, सीटी स्कैन से पता चला है कि यह मलाशय की दीवार से आगे नहीं फैला था। ”

 

टीम में डॉ रविकांत गुप्ता और डॉ मयंक गुप्ता शामिल थे। टीम के सदस्यों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया कि ट्यूमर को बिना किसी ओपन सर्जरी के एंडोस्कोपिक रूप से हटाया जाए ताकि मलाशय और प्राकृतिक मल मार्ग को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

 

डॉ रविकांत गुप्ता ने कहा, “रेक्टल सर्जरी कई बार जटिल हो सकती है क्योंकि इस सर्जरी के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। सर्जरी के दुष्प्रभावों में सर्जरी की जगह पर रक्तस्राव या संक्रमण और यहां तक कि पैरों में रक्त के थक्के हो सकते हैं। कभी-कभी, मलाशय के सिरे एक दूसरे से नहीं जुड पाते और ये लीक करने लगते हैं जिसके कारण पेट दर्द, बुखार या यहां तक कि संक्रमण हो सकते हैं और इसे ठीक करने के लिए एक से अधिक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह सब ध्यान में रखते हुए और रोगी की स्थिति को देखते हुए, हमने ईएसडी एंडोस्कोपिक सर्जरी करने का फैसला किया जो लगभग ढाई घंटे तक चला। पूरे ट्यूमर को किसी रक्तस्राव या चीरे (और सर्जरी के बाद आने वाली जटिलताओं के बगैर) के बगैर हटा दिया गया। मरीज को 6 घंटे बाद खाना दिया गया और अगले दिन घर भेज दिया गया। ”

 

ईएसडी डे केयर या 24 घंटे की एडमिशन प्रक्रिया है जो एंडोस्कोप नामक लचीली, ट्यूब जैसी इमेजिंग टूल का उपयोग करके जठरांत्र (जीआई) पथ से गहरे ट्यूमर को हटाने में मदद करती है। ईएसडी के परिणामों को अब सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में स्वीकार किया जा रहा है और आरंभिक चरण कैंसर के ट्यूमर या कोलोन पॉलिप्स और इसोफेगस के ट्यूमर, पेट या कोलोन के वैसे ट्यूमर के इलाज के लिए किया जा रहा है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की दीवार में प्रवेश नहीं किया है। इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जिनमें गले में खराश, मतली, उल्टी या कुछ गैस, सूजन या ऐंठन आदि हैं।

 

मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून में, अधिक से अधिक ऐसे मामलों में रोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी का विकल्प दिया जा रहा है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूमर के एंडोस्कोपिक प्रबंधन ने पिछले दो दशकों में तेजी से प्रगति की है। इसका विकास आरंभ में गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज के लिए हुआ था और उसके बाद से इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल अन्य बीमारियों में भी होने लगा क्योंकि यह तुलनात्मक तौर पर सरल, सुरक्षित एवं कारगर है और इन्हीं कारणों से इन्हें एसोफैगेक्टोमी जैसी सर्जिकल विधियों का एक स्वीकृत विकल्प बन गया है। इसे मिनिमली इनवेसिव विधि के रूप में तेजी से पसंद किया जा रहा हैय यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत तेजी से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

 

ग्रैंड फिनाले : सपना रावत व व्यंकटेश गुणालवर बने मिस्टर व मिस डीसी इंडिया 2020, रैंप पर मास्क के साथ उतरे मॉडल

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देहरादून, उत्तराखंड़ की राजधानी दून में गुड लुक्स, स्टाइल, फैशन और मेकअप स्टाइलिंग के परफैक्ट कॉम्बिनेशन और दिलकश अदाओं के साथ मॉडल्स जब रैंप पर उतरे तो हर किसी की धड़कन थम गई। मौका था मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले का। जहां प्रतिभागियों ने न सिर्फ अपना टैलेंट दिखाया बल्कि कोविड—19 को लेकर लोगों को एक अलग अंदाज में जागरूक भी किया।
कार्यक्रम में नागपुर के व्यंकटेश को मिस्टर डीसी इंडिया 2020 से नवाजा गया। जबकि देहरादून की सपना रावत के सिर मिस डीसी इंडिया का ताज सजा।

डिजाइनर मास्क रहे आकर्षण का केंद्र

प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सूफी साबरी द्वारा आयोजित मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 मॉडलिंग कांटेस्ट का ग्रैंड फिनाले आयोजित किया गया। फिनाले में प्रतिभागियों ने रैंप पर अपनी अदाओं और स्टाइल के जलवे बिखेरे। कांटेस्ट में बतौर जज सूफी साबरी, अनु डागर, पायल साहू व जया हांडा ने प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया। कार्यक्रम के आयोजक डिजाइनर साबरी ने बताया कि इस समय परा विश्व कोरोना से जंग लड़ रहा है। आज समाज को कोविड—19 के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे प्रतिभागियों ने न सिर्फ डिजाइनर परिधानों बल्कि कोरोना से बचाव करने वाले डिजानर मास्क का भी प्रदर्शन रैंप पर किया। खास बात यह कि यह डिजानर मास्क सभी को काफी पसंद भी आए। बताया कि आने वाले समय में ऐसे ही कुछ नए प्रयोग और करते हुए फैशन इं​डस्ट्री को साथ लेकर समाजहित के कार्य करते रहेंगें।

जज सूफी साबरी ने बताया कि ग्रैंड फिनाले से पहले प्रतिभगियों का चयन आनलाइन माध्यम से किया गया। जिसमें 15 युवक और 15 युवतियों को देश भर के विभिन्न राज्यों से चुना गया । इस अकेला ऐसा शो है जिसमे मॉडल्स को डारेक्ट फिनाले के लिए एंट्री दी गयी। जिसके बाद प्रतिभागियों को एक दिसम्बर को एक दिवसीय ग्रूमिंग के बाद रैंप पर उतारा गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया गया। फिनाले में तीन राउंड आयोजित किए गए। पहले राउंड में इंट्रोडक्शन, दूसरा राउंड इंडियन एथिनिक व तीसरे राउंड में फिनाले के बाद विजेताओं की घोषणा की गई। इस मौके पर कुलदीप प्रताप, अनुराग, तारीक, सुभाष व मानव आदि मौजूद रहे।

यह रहे विजेता
Winner Mr. Dc india 2020 व्यंकटेश गुणालवर नागपुर
First runner up .पीयूष चंडीगढ़
Second .अविजीत
Third.सत्यजीत

Winner Miss dc india 2020 सपना रावत देहरादून,
First runner up-पारुल सिंह रुड़की
Second -हरप्रीत कौर
Third- राशी

मसाला ब्रांड एमडीएच के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी का निधन

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नई दिल्ली, एमडीएच के मसाला ब्रांड के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। खबरों के मुताबिक, गुलाटी का पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्होंने सुबह 5:38 बजे अंतिम सांस ली। इससे पहले वे कोरोना से संक्रमित हो गए थे। हालांकि बाद में वे ठीक हो गए थे। पिछले साल उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1947 में भारत आए गुलाटी कुछ समय तक शरणार्थी शिविर में भी रहे |

‘दादाजी’, ‘मसाला किंग’, ‘किंग ऑफ स्पाइसेज’ और ‘महाशयजी’ के नाम से मशहूर धरमपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले धर्मपाल गुलाटी शुरुआती दिनों में अपने पिता के मसाले के व्यवसाय में शामिल हो गए थे। 1947 में विभाजन के बाद, धर्मपाल गुलाटी भारत आ गए और अमृतसर में एक शरणार्थी शिविर में रहे।

दिल्ली के करोल बाग में पहला खोला पहला स्टोर
फिर वह दिल्ली आ गए थे और दिल्ली के करोल बाग में एक स्टोर खोला। गुलाटी ने 1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी। यह व्यवसाय केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी फैल गया। इससे गुलाटी भारतीय मसालों के एक वितरक और निर्यातक बन गए
गुलाटी की कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कनाडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है। 2019 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। एमडीएच मसाला के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी अपने वेतन की लगभग 90 प्रतिशत राशि दान करते थे।