Wednesday, April 30, 2025
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कोरोना वैक्सीन की कीमत को लेकर सर्वदलीय बैठक, जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जायेगा

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नई दिल्ली, कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन को लेकर तेजी से सरकार आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा। इस बैठक में उन्होंने वैक्सीन परीक्षण के ताजा हालात से लेकर उसकी संभावित कीमत तक को लेकर अन्य दलों के नेताओं के साथ बात की। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की अहम बातें :
माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ़्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी। जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा |

पीएम मोदी ने कहा कि क़रीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है। भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज़्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

वैक्सीन वितरण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। भारत में अन्य देशों की तुलना में वैक्सीन वितरण में विशेषज्ञता और क्षमता बेहतर है। टीकाकरण के क्षेत्र में हमारे पास एक बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क है। हम इसका पूरा फायदा उठाएंगे : पीएम मोदी

वैक्सीन की कीमत को लेकर केंद्र की राज्य सरकारों के साथ बातचीत चल रही है और इसके बारे में निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में लिया जाएगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
लगभग 8 टीके भारत में परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं। भारत के 3 टीके भी विभिन्न चरणों में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टीका बहुत दूर नहीं है।

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण के दौरान अफवाहें न फैलाई जाएं, ऐसी अफवाहें जो देश विरोधी और मानव विरोधी हैं। इस प्रकार, सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी भारतीयों को इस तरह की अफवाहों से बचाएं : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कहा कह अभी अन्य देशों की कई वैक्सीन के नाम हम बाज़ार में सुन रहे हैं लेकिन दुनिया की नज़र कम कीमत वाली, सबसे सुर​क्षित वैक्सीन पर है और इसलिए पूरी दुनिया की नज़र भारत पर भी है।

फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है : पीएम मोदी

कोरोना वैक्सीन को लेकर जो विश्वास इस चर्चा में नजर आया है वो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा। इस बारे में बीते दिनों में मेरी मुख्यमंत्रियों से चर्चा हुई थी। टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे : पीएम मोदी

किसान आंदोलन : सरकार से पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों का बड़ा ऐलान, 8 दिसंबर को करेंगे भारत बंद

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नई दिल्ली, देश के किसान नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं और अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों ने सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता कर ऐलान किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।

भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव एचएस लखोवाल ने शुक्रवार को कहा कि कल हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर 5 दिसंबर को देशभर में मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंके जाएंगे। 7 तारीख को सभी वीर अपने मेडलों को वापस करेंगे। 8 तारीख को हमने भारत बंद का आह्वान किया है व एक दिन के लिए सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे।

वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हमें इस आंदोलन को और तेज करने की जरूरत है। सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। मोल्लाह ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि अगर सरकार कल कोई संशोधन रखेगी तो हम संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इस दिन ऐतिहासिक बंद रखा जाएगा। 5 दिसम्बर (आज) सरकार के साथ वार्ता है। वार्ता से यदि किसान संगठन संतुष्ट नहीं हुए तो बंद पर रणनीति बनाई जाएगी।

हिन्दुस्तान लीडरशिप समिट : पिछले दो महीनों से जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा : वित्त मंत्री सीतारमण

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नई दिल्ली. देश के सामने इकोनॉमी (Economy) के मौजूदा हालात और भविष्य की उम्मीदों पर बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि दुनियाभर के वित्त मंत्री अपने देश की इकोनॉमी को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. हम बजट के नजदीक जा रहे हैं. मैं रिकवरी को लेकर बहुत सकारात्मक हूं. दो महीने से लगातार रिकवरी हो रही है.

उद्योगपति क्षमता का विस्तार कर रहे हैं
हिन्दुस्तान लीडरशिप समिट में शुक्रवार को वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो महीनों से जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है. उद्योगपति क्षमता का विस्तार कर रहे हैं और निवेश बढ़ा रहे हैं. डिमांड में तेजी आ रही है. कीमतों में सीजनल बढ़त
वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर मैं चिंतित नहीं हूं. कीमतों में सीजनल उतार-चढ़ाव हो रहा है. सरकार कीमतों में बदलाव पर नजर रख रही है और सप्लाई में बाधा को दूर करने को सतर्क है. खाद्य पदार्थों की चीजों की कीमतों में जल्द गिरावट आने की उम्मीद है.

 

संघीय ढांचे के लिए अच्छा है GST सिस्टम
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी भारत के संघीय ढांचे के लिए सबसे अच्छी प्रणाली है. सभी को इसमें अपना विचार रखने और समाधान खोजने का मौका मिलता है.

चालू वित्त वर्ष में शेयर धारकों को सरकारी बैंक व सहकारी बैंक डिविडेंड नहीं देंगे

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नई दिल्ली. चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंक व सहकारी बैंक अपने शेयरधारकों को डिविडेंड नहीं देंगे. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने यह फैसला लिया है. यह लगातार दूसरा साल है जब केंद्रीय बैंक ने पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSB’s) को​ डिविडेंड देने से रोक लगाया है. बीते कई साल से सरकारी बैंक अपने शेयरधारकों को डिविडेंड नहीं दे रहे हैं. अंतिम बार 2018 में इंडियन बैंक (Indian Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) ही केवल दो ऐसे सरकारी बैंक थे, जिन्होंने अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरधारकों के साथ साझा करने का फैसला लिया था.

पब्लिक सेक्टर के अन्य बैंक अभी संघर्ष की स्थिति में नजर आ रहे हैं. साल 2013 में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने 41.5 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया था. इसके बाद से ही देश के अधिकतर सरकारी बैंकों के लिए फंस कर्ज ही एक बड़ी समस्या बना हुआ है.

मार्च में भी RBI ने ​लगाया था रोक
RBI ने सरकारी बैंकों में पूंजी संरक्षण का ध्यान रखते हुए एक मार्च 2020 में डिविडेंड भुगतान पर रोक लगाया था. आरबीआई के इस कदम को विवेकपूर्ण बताया गया था. केंद्रीय बैंक ने अपने आंतरिक एसेसमेंट में खुद इस बात को स्वीकार किया था कि बुरे कर्ज कर्ज का सबसे ज्यादा जोखिम सरकारी बैंकों को है.

इस बार ​भी स्थिति कुछ ऐसी ही दिखाई दे रही है. आरबीआई का कहना है कि इन बैंकों को अपना बैलेंस शीट मजबूत करने की जरूरत है. साथ ही, उनके पास इतनी तरलता भी होनी चाहिए ताकि वो कोविड-19 महामारी के बीच कर्ज दे सकें.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘मौजूदा संकट और कोविड-19 की अनिश्चितता को देखते हुए बैंकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वो पूंजी संरक्षण को जारी रखें ताकि जरूरत पड़ने पर अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट कर सकें.’

तीसरे सप्ताह में जारी होंगे एनपीए के अनुमानित आंकड़े
इस महीने के तीसरे सप्ताह में फंसे कर्ज का सबसे लेटेस्ट अनुमान जारी किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोन मोरेटोरियम मामले पर सुनवाई के बाद इसे जारी किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डिफॉल्ट अकाउंट्स को गैर-निष्पादित अस्तियां (NPA) घोषित किए जाने को लेकर रोक हट जाएगा.

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंतजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर आयुर्वेद पर किये जा रहे शोध कार्यो का लिया जायजा

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा चार दिवसीय दौरा, हरिद्वार पहुँच माँ गंगा की आरती हुये शामिल

हरिद्वार  (कुल भूषण शर्मा) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड के चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं। आज उन्होंने हरिद्वार पहुंचकर माँ गंगा की आरती में शिरकत की और उसके बाद वह पतंजलि के आचर्यकुलम पर पहुंचे। जहाँ श्रद्धेय स्वामी  ने नड्डा  को मंगल तिलक लगाया और आचार्यकुलम में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों ने मंगल के साथ उनका अभिनन्दन किया नड्डा जी के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए श्रद्धेय स्वामी  ने खुद उनकी गाड़ी को ड्राइव किया और आचार्यकुलम का पूरा भ्रमण कराकर पतंजलि योगपीठ का रुख किया जहाँ पर पतंजलि योगपीठ में चल रहे जनहित के कार्यों को उनके सामने बताया जिसे सुनकर जेपी नड्डा  ने श्रद्धेय स्वामी  के कार्यों को सराहा और उन्हें कहा कि आप हमेशा देश के आदर्श रहे हैं व हमेशा अपने इन जनहित के कार्यों के कारण आप इस देश के हमेशा आदर्श रहेंगे। इसके उपरांत  जे पी नड्डा ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर आयुर्वेद पर पतंजलि द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों का जायजा लिया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पतंजलि के शोध कार्यों को विश्व स्तरीय अनुसंधान कार्य बताते हुए कहा कि पतंजलि के प्रयासों से आयुर्वेद को संजीवनी मिली है। उन्होंने कहा कि प्राचीन पांडुलिपियों के संरक्षण का कार्य आचार्य जी की आयुर्वेद के प्रति सच्ची सेवा का परिचायक है। उन्होंने गिलोय, श्वासरी, अश्वगंधा, तुलसी आदि पर पतंजलि के शोध कार्यों की प्रशंसा की।

प्रवर्तन निदेशालय ने फ्रांस में माल्या की 1.6 मिलियन यूरो की सम्पत्तियां की जब्त

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नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्‍या के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने फ्रांस में विजय माल्‍या की 1.6 मिलियन यूरो की संपत्तियां जब्‍त की है।

मालूम हो कि बीते मई महीने में माल्या ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में मनी लांड्रिंग एवं हजारों करोड़ की धांधली के मामले में भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील हार गया था। ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में माल्या की शिकस्‍त के बाद से भारत लगातार ब्रिटेन पर भगोड़े शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण के लिए दबाव बना रहा है। बीते दिनों भारत के विदेश सचिव हर्षव‌र्द्धन श्रृंगला जब लंदन यात्रा पर गए थे तो भारत ने माल्या और नीरव मोदी को जल्द भारत के हवाले किए जाने की मांग ब्रिटेन सरकार से की थी। उन्‍होंने दोनों के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल और दक्षिण एशियाई मामलों के विदेश मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद से बात की थी।

वहीं ब्रिटेन का कहना है कि माल्या को भारत के हवाले तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि गोपनीय कानूनी मामले का समाधान नहीं हो जाता है। फि‍लहाल ब्रिटेन और भारत इस मामले को जल्द सुलझाने की कोशिशें कर रहे हैं। ब्रिटेन की कार्यकारी हाई कमिश्नर जैन थाम्पसन ने कहा था कि माल्या को प्रत्यर्पित करने से पहले एक जरूरी कानूनी मसले को सुलझाना होगा। इसके सुलझने तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है। हालांकि उन्‍होंने इस मसले के बारे में नहीं बताया था।

बीते दिनों भारत के सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड की पैरेंट कंपनी यूनाइटेड ब्रिवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड को बंद करने के खिलाफ माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था। माल्‍या की कंपनी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के किंगफिशर एयरलाइंस का बकाया वसूलने के लिए यूएचबीएल को बंद करने के आदेश को चुनौती दी थी। एसबीआइ के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने यूबीएचएल की संपत्तियों को बेचकर कर्ज वसूलने का रास्ता अपनाया है।

काली नदी में गिरी स्कार्पियो, युवा व्यापारी की मौत

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पिथौरागढ। पिथौरागढ़ जिले में शुक्रवार की सुबह धारचूला-तवाघाट मार्ग पर धारचूला से दोबाट जा रही एक स्कार्पियो कार धारचूला से लगभग चार किमी दूर टीवी टावर के पास सड़क से पलटकर गहरी खाई से होते हुए काली नदी में जा गिरी। कार में सवार एक मात्र धारचूला से युवा व्यापारी की मौके पर ही मौत हो गई।

देवराज सिंह गर्ब्याल 52 वर्ष पुत्र त्रिलोक सिंह गर्ब्याल मूल निवासी ग्राम गर्ब्यांग हाल निवासी नेपाल रोड धारचूला शुक्रवार की सुबह किसी कार्य से अपनी स्कारर्पियो कार नंबर यूके 04 के 4801 से धारचूला से दोबाट की तरफ जा रहा था। दोबाट से पूर्व टीवी टावर के पास कार सड़क से पलट कर बेहद तीखी खाई से होते हुए काली नदी तक पहुंच गई। कार के परखच्चे उड़ गए।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही तहसील मुख्यालय से पुलिस और राजस्व टीम 108 चिकित्सा वाहन के साथ घटनास्थल तक पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से मृतक देवराज गर्ब्याल के शव को खाई से निकाल कर सड़क तक पहुंचाया। मृतक के शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक की धारचूला रोड पर बड़ी दुकान है। मृतक का मृदु व्यवहार का रहा है। व्यापारी की मौत की सूचना मिलते ही धारचूला नगर में शोक छा गया। व्यापारियों ने मृत आत्मा को शोक श्रद्धांजलि दी और शोक में दुकान बंद रखी।

उत्तराखण्ड़ के 29 शहरों में हुई डीएलएड प्रवेश परीक्षा, अभ्यर्थियों की 68.95 प्रतिशत रही उपस्थिति

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नैनीताल। डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) की प्रवेश परीक्षा शुक्रवार को उत्तराखंड में शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। इस दौरान 31 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। इतनी काफी संख्या में परीक्षा से अनुपस्थित होने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई। अभ्यर्थियों का उपस्थित प्रतिशत 68.95 रहा।

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने शुक्रवार को प्रदेश के 29 शहरों में 184 केंद्रों में परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के लिए 40490 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिसमें से 27920 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। जबकि कुल 12570 अभ्यर्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। परिषद कार्यालय के अपर सचिव बृजमोहन रावत के मुताबिक कुमाऊं में 16346 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिसें से 12104 ने परीक्षा दी। जबकि 4242 अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पाए।

कुमाऊं का उपस्थित प्रतिशत 74.05 रहा। इसके अलावा गढ़वाल मंडल में डीएलएड की प्रवेश परीक्षा के लिए 24144 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिसमें से 15816 अभ्यर्थी उपस्थित व 8328 अनुपस्थित रहे। गढ़वाल का उपस्थित प्रतिशत 65.51 रहा। परीक्षा प्रातः 11 बजे से अपराहन डेढ़ बजे तक संपन्न हुई। नोडल केंद्र प्रभारी व पर्यवेक्षक परीक्षा में नजर रखे गए। परीक्षा में एक चौथाई से अधिक अभ्यर्थी अनुपस्थि्त हो गए। माना जा रहा है कि इस बार अभ्यर्थियों द्वारा गलत कोड भरे जाने से उनके परीक्षा केंद्र दूसरे मंडल में चले गए थे। जिस वजह से कई अभ्यर्थी परीक्षा जगह परीक्षा देने नहीं जा पाए। परिषद के अपर सचिव रावत ने बताया कि 31 प्रतिशत बच्चे अनुपस्थित हुए हैं। कोई कोविड व अन्य वजह से अनुपस्थित रहे होंगे

प्रेरणादायक है महाशय धर्मपाल की जीवन यात्रा: डा0 शिव कुमार

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हरिद्वार  (कुल भूषण शर्मा) जीवन जीने का नाम है। जीवन को जीने के लिए बुद्वि, ज्ञान एवं संस्कार जैसे मूल्यपरक गुणों का होना जरूरी है। जिनके माध्यम से संसाधनों का उपयोग, प्रेरणा एवं मार्गदर्शक का होना उतना ही जरूरी है जितना एक नाव को चलाने के लिए चालक तथा सफर के लिए नाविक का होना।

मसालों की दुनिया के बादशाह कहे जाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी का जीवन एक सामान्य तथा मेहनतकस व्यक्ति के लिए प्रेरक उदाहरण से कम नही है। अपने जीवनकाल मे उन्होने अनेक उतार-चढाव का सामना किया। आर्य समाज के शिखर पुरूष होने के साथ सामाजिक उन्नयन तथा जरूरतमंद लोगों के लिए उनके मन मे एक अलग भाव रहता था। जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए वह सदैव आगे रहते थे, इसलिए उनकी मदद प्राप्त करने वाले उन्हे भामाशाह तथा दानवीर आदि अनेक संज्ञाओं से उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते है। उन्होने फर्श से अर्श तक का मुकाम हासिल करने में जीवन की कठिन राहों से चलकर यह सफलता प्राप्त की ।

गुलाटी के पिता का नाम महाशय चुन्नीलाल और माता का नाम चानन देवी था। वह पाकिस्तान के सियालकोट में 27 मार्च 1923 को पैदा हुए थे। 1933 में उन्होंने 5वीं के बाद स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी थी। पाकिस्तान से भारत आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने 650 रुपये में तांगा खरीदा था। उस वक्त उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। वह धीरे-धीरे चलाना शुरू किए। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड और करोल बाग से बारा हिंदू राव के लिए तांगा चलाया।
1500 रुपये लेकर भारत आए गुलाटी ने करोड़ों का कारोबार शुरू किया। 98 साल की उम्र में भारत सरकार द्वारा उन्हे पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

आर्य समाज की अग्रणी संस्था गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय से भी उनका अनूठा प्रेम रहा है। गुरूकुल कांगडी के अनेक कार्यक्रमों मे उनकी उपस्थिति लोगों को उत्साहित एवं प्रेरणा प्रदान करती रही है।  03 दिसम्बंर 2020 को हदय गति रूकने के कारण उनका निधन हो गयाधर्मपाल गुलाटी जैसे जिंदादिल व्यक्तित्व का हमारे बीच से चला जाना एक अपूरणीय क्षति है। जिसको भविष्य में भरा जाना असम्भव प्रतीत होता है।

भेल हरिद्वार एक्जिम बैंक अवार्ड मान्यता 2020 से सम्मानित

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हरिद्वार  (कुल भूषण शर्मा) बीएचईएलनेएकवैश्विक इंजीनियरिंग उद्यम के रूप में अपनी सामर्थ्य को एक बार फिर साबित कर दिया है । संस्थान के हरिद्वार स्थित हेवी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट प्लांट (हीप) को व्यापारिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए “सीआईआई–एक्जिम बैंक अवार्ड की प्लेटिनम मान्यता-2020” से सम्मानित किया गया है । कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी ने यह सम्मान प्राप्त किया ।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर संजय गुलाटी ने व्यापारिक उत्कृष्टता विभाग के साथ-साथ सम्पूर्ण इकाई को बधाई दी । उन्होंने कहा कि हीप को मिला यह सम्मान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है । संजय गुलाटी ने बताया कि भेल हरिद्वार को मिला यह सम्मान बीएचईएल की अन्य इकाईयों के लिए भी प्रेरणाप्रद साबित होगा । उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व हीप इकाई कोवर्ष 2006 में “सीआईआई–एक्जिम बैंक अवार्ड” भी प्राप्त हो चुका है ।

इस पुरस्कार हेतु अनेक निजी और सार्वजनिक कंपनियों ने आवेदन किया था । लगभग 6 महीने तक चली मूल्यांकन प्रक्रिया में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित07 सदस्यीटीम द्वाराविभिन्न मापदंडों के आधार पर गहन एवं विस्तृत मूल्यांकन किया गया ।उल्लेखनीय है कि सीआईआई और एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया ने 1994 में संयुक्त रूप से सीआईआई – एक्जिम बैंक अवार्डकी शुरूआत की थी । इस पुरस्कार का उद्देश्य देश के औद्यौगिक संस्थानों को उत्कृष्टता के क्षेत्र में और अधिक जागरूक बनाना है ।