Wednesday, April 30, 2025
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5 लाख से अधिक उत्पाद अब उड़ान प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध

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देहरादून। उड़ान, भारत के सबसे बड़े बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने आज घोषणा की कि उसके प्लेटफॉर्म पर अब 5 लाख से अधिक उत्पाद और 2500 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय ब्रांड मौजूद हैं। प्लेटफाॅर्म पर सभी श्रेणियों के प्रमुख ब्रांड्स की मौजूदगी है, जिनमें एचयूएल, पीएंडजी, आईटीसी, कोका कोला, पेप्सिको, रेकिट बेंकाइजर, डाबर, कोलगेट, एप्पल, एलजी, एडिडास, रीबाॅक, गोदरेज, बजाज, प्रेस्टीज, बोट, सैनडिस्क, कार्बन, माइक्रोमैक्स, पीजन, हल्दीराम्स, जायड्स वेलनेस, बीबा, रिलेक्सो, वीकेसी आदि शामिल हैं। उड़ान ने इन सभी प्रमुख ब्रांड्स के साथ एक साझेदारी की है और वे सभी 12,000 से अधिक पिनकोड को कवर करने वाले 900 शहरों में हर रोज वितरण के साथ उड़ान के मजबूत वितरण नेटवर्क का लाभ उठा रहे हैं। उड़ान ने अपने लॉन्च के चार साल के भीतर इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल किया है।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने के मौके पर अपनी बात रखते हुए वैभव गुप्ता, सह-संस्थापक, उड़ान ने कहा कि “उड़ान स्थानीय स्तर पर वितरण का अवसर प्रदान करते हुए “इंटरनेट स्केल” के साथ कंपनियों को देश के हर कोने में और हर हिस्से में दुकानदारों तक पहुंच प्रदान कर रहा है।

तलाक की अर्जी देने के बाद आईएएस टीना डाबी का पहला पोस्ट, साझा की ये अहम जानकारी

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तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद आईएएस टॉपर टीना डाबी ने सोशल मीडिया में अपना पहला पोस्ट लिखा है। वे अपने पति अतहर खान से तलाक लेने की अर्जी दाखिल करने के बाद से ही सुर्खियों में बनी हुई हैं। इस पोस्ट में टीना ने हाल में पढ़ी गयी एक किताब का जिक्र किया है।

गौरतलब है कि टीना के पति अतहर खान भी आईएएस टॉपर रहे हैं। दोनों का चयन एक साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ था। दोनों ही ट्रैनिंग के दौरान एक-दूसरे के करीब आये और फिर शादी कर ली। शादी के करीब ढाई साल बाद रिश्तों में अनबन के चलते टीना ने अतहर से तलाक के लिए जयपुर की फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की।

टीना डाबी ने अपने इंस्टाग्राम पर ‘ए जेंटलमैन इन मॉस्को बुक’ किताब की समीक्षा शेयर की है। उन्होंने अपने हाथ से लिखी हुई समीक्षा पोस्ट की है। टीना ने लिखा, ‘काफी समय बाद मेरा पोस्ट है। मैंने पिछले कुछ महीनों में बहुत सारी किताबें पढ़ी हैं। मैंने इस पोस्ट में कुछ पर अपने विचार रखे हैं। मैंने ऐसे अंश शामिल किये हैं जो मुझे सबसे अच्छे लगे। आशा है कि आप इसे पढ़ने में उतना ही आनंद लेंगे जितना मैंने किया है।

टीना ने इंस्टाग्राम पर लिखा, मेरी तरफ से इस किताब की रेटिंग 10/10 है। एक दोस्त द्वारा मुझे इस किताब को पढ़ने का सुझाव दिया गया था। यह किताब इस वर्ष की सबसे अच्छी किताबों में से एक साबित हुई है। इसके अलावा टीना ने अपने पोस्ट में किताब के अच्छे उद्धरणों को भी साझा किया है।

आप को बता दें कि साल 2015 में सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाली आईएएस टीना डाबी और उनके पति अतहर आमिर आमिर ने अलग होने का फैसला किया है। इसके लिए दोनों ने आपसी सहमति से फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। दोनों ने साल 2018 में शादी की थी और इनका विवाह काफी सुर्खियों में भी रहा था।

रिपोर्ट्स की मानें तो शादी के बाद टीना और अतहर के रिश्ते में दरार उस वक्त आ गई जब टीना ने सोशल मीडिया पर अपने सरनेम से ‘खान’ हटा लिया। इसी के बाद अतहर ने भी इंस्टाग्राम पर टीना को अनफॉलो किया। माना जाता है कि इस विवाद के बाद दोनों के बीच कड़वाहटें बढ़ गईं।

उल्लेखनीय है कि 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में टीना डाबी ने जहां शीर्ष स्थान हासिल किया था वहीं जम्मू-कश्मीर निवासी आमिर अतहर उल शफी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था। अर्जी में दोनों ने कहा कि वह आपसी सहमति से अलग होने का फैसला कर रहे हैं। फिलहाल दोनों की तैनाती जयपुर में है।तलाक की अर्जी देने के बाद आईएएस टीना डाबी का पहला पोस्ट, साझा की ये अहम  जानकारी – Live Today | Hindi TV News Channel

बता दें कि टीना, वित्त विभाग में संयुक्त सचिव हैं तो आमिर सीईओ ईजीएस के पद पर तैनात हैं। टीना और आमिर की शादी जब होने वाली थी तब हिंदू महासभा ने इस पर एतराज जताते हुए इसे ‘लव जिहाद’ की साजिश करार दे डाला था। अब इनके तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद फिर विवाद शुरू हो सकता है।

भारत बंद के आह्वान का रुद्रपुर में व्यापक असर देखने को मिला

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(विजय आहूजा)

रुद्रपुर(उधम सिंह नगर) तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान का रुद्रपुर में व्यापक असर देखने को मिला। बाजार पूरी तरह बंद रहे सिर्फ मेडिकल स्टोर व आवश्यक वस्तुएं सम्बन्धी दुकानें ही खुली ।व्यापारियों व किसानों ने जनसभा कर कृषि कानूनों को काला कानून बताया और कहा कि सरकार पूरे देश का पेट भरने वाले किसानों को गुलाम बनाने की साजिश रच रही है।इस दौरान पुलिस पूरी तरह मुस्तेद रही।
जिला मुख्यालय रुद्रपुर में मंगलवार को भारत बंद का खासा असर दिखा। व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इक्का दुक्का व्यापारियों ने सुबह दुकानें खोली तो व्यापारी नेताओ के आग्रह पर उन्होंने भी दुकानें बंद कर दी। बंद के दौरान मेडिकल स्टोर,दूध आदि आवश्यक सेवाओ सम्बन्धी दुकानें खुली रही।

इस बंद को समर्थन देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने शहर में जलूस निकाला।
महाराजा रणजीत सिंह पार्क में आयोजित जनसभा में व्यापारियों व किसानों से सभा कर कृषि कानूनों को काला कानून की संज्ञा देते हुए वापिस लेने की मांग की।किसान नेताओ ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने नजदीकी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि बिल लाये है।

व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि मोदी सरकार की अन्नदाताओं को गुलाम बनाने की साजिश कभी सफल नही होगी।इस अवसर पर राम सिंह बेदी, संजय जुनेजा, तिलक राज बेहड़, सुशील गाबा, अभिषेक शुक्ला अंशु, गुरमीत सिंह, विकास शर्मा, हरविंदर सिंह हरजी, संदीप संधू, प्रतिपाल सिंह, सुरमुख सिंह विर्क, बलविंदर सिंह विर्क, राजू सीकरी, हरीश अरोरा , सौरभ शर्मा, मोहन खेड़ा आदि मौजूद थे।

उत्तराखंड़ : कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर “भारत बंद” का मिला जुला असर

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देहरादून, केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर उत्तराखंड में किसानों बंद को समर्थन मिल रहा है। विभिन्न किसान संगठन ने धरना दे रहे हैं। कहीं ट्रैक्टर रैली निकाली गई तो कहीं किसान धरने पर बैठ गए। वहीं पुतला दहन भी किया गया। राजधानी देहरादून में कांग्रेस ने रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया। बहरहाल राज्य में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है, राजधानी देहरादून में भारत बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेसी सड़कों पर निकले। महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने पलटन बाजार में घूमकर व्यापारियों से सहयोग मांगा। दुकानें बंद करने की अपील की । इस दौरान उनके साथ भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। किसान बंद के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली।किसानों के भारत बंद का असर सड़कों पर नज़र आया है बाज़ारों में बंद का मिला जुला असर दिखा है, किसान बिल के विरोध में कोंग्रेसी सडकों पर उतर कर अपना विरोध करते हुए देहरादून के घंटाघर तक पहुंचे मोदी विरोदी नारे लगते हुए कांग्रेस ने राजपुर रोड से जुलुस निकालते हुए क्लॉक टॉवर पर विरोध किया अंदोलन को लेकर समाजिक दूरी का पालन नज़र नहीं आया बाज़ारों में बंद के कारण दुकाने बंद रही।

भाकियू दोपहर बाद आशारोड़ी पर प्रदर्शन कर जाम लगाएगा। यह दो घंटे का जाम रहेगा। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि यूनियन दुकानों, प्रतिष्ठानों को नहीं बंद कराएगा। दो घंटे चक्काजाम कर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर में भारतीय किसान यूनियन ने बैठक की। देहरादून का ट्रांसपोर्ट नगर सूना पड़ा रहा।

राजधानी देहरादून के पलटन बाजार में भी व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर भारत बंद का समर्थन किया। हालांकि देहरादून में भी बंद का व्यापक असर नजर नहीं आया। डोईवाला में बंद के समर्थन में दुकानें बंद रखी गईं। वहीं किसानों द्वारा रैली निकाल कर विरोध दर्ज कराया गया।

बैंक कर्मियों ने काली फीती बांधकर किया समर्थन

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर शहर के विभिन्न बैंकों में कर्मचारी भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। इसके लिए हाथों में काली फीती बांधकर कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है।

हालांकि, बैंककर्मियों ने कार्य का बहिष्कार नहीं किया है। वहीं, उत्तरांचल बैंक इम्प्लाइज यूनियन के सदस्य भी किसान आंदोलन के समर्थन व कृषि कानूनों के विरोध में हाथों में काली फीती बांधकर कार्य कर रहे हैं।

उत्तराखंड़ के हरिद्वार शहरी और देहात क्षेत्र में भारत बंद बेअसर दिखाई दिया । रोजाना की तरह बाजार खुले हैं, आवाजाही है। पुलिस अलर्ट है और अलग~अलग थाना क्षेत्रों में मुस्तैद है। बंद के समर्थन करने वालों पर नजर रखी जा रही है। धनपुरा में कांग्रेस नेता महावीर रावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला दहन भी किया गया। ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, चमोली, श्रीनगर में भारत बंद का असर नहीं दिखा। यहां दुकान खुली हुई हैं। वाहनों की आवाजाही जारी है। भवाली में बंद बेअसर है।

ऊधमसिंह नगर में बंद सबसे ज्यादा असर
किसानों के आह्वान पर भारत बंद के समर्थन का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में देखने को मिला। यहां भारत बंद के समर्थन में सुबह से ही सभी दुकानें बंद रखी गईं। मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहा। भारत बंद और किसान आंदोलन को रुद्रपुर के व्यापारियों, मजदूरों, सिख संगठन और पेट्रोलियम एसोसिएशन ने अपना समर्थन दिया है, साथ ही पेट्रोल पंप सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बंद रहेंगे। रुद्रपुर रोडवेज डिपो से दिल्ली के लिए बसें संचालित नहीं हुई। रुद्रपुर मुख्य बाजार में खुली कुछ दुकानों को व्यापारियों ने बंद कराया। काशीपुर में भारत बंद को लेकर मुख्य बाजार बंद रहा।

काशीपुर में किसान धरने पर बैठे और यहां सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स मौजूद है। रुद्रपुर में बाटा चौक में किसानों के समर्थन में कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका। बाजपुर में भारत बंद के आह्वान पर बाजार बंद कराया। यहां भी पुलिस तैनात है। जसपुर में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना प्रदर्शन कर मार्ग को जाम कर दिया। पुलिस प्रशासन ने यहां ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया।

हल्द्वानी में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। यहां ट्रांसपोर्ट की दुकानें बंद रहीं। पुरानी सब्जी मंडी खुली रही। पिथौरागढ़ में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। लोहाघाट, चंपावत में बाजार पूरी तरह खुला।

 

व्यापार मंडल ने बंद को राजनीति बताते हुए शामिल नहीं होने का निर्णय लिया था |
राजधानी देहरादून के पलटन बाजार में भी व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर भारत बंद का समर्थन किया, काशीपुर में भारत बंद को लेकर मुख्य बाजार बंद रहा। ऊधमसिंह नगर जिले में किसानों के बंद को सबसे ज्यादा समर्थन मिलता दिख रहा है।

ब्रेकडांस अब 2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में होगा शामिल, आईओसी ने किया फैसला

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ब्रेकडांस अब आधिकारिक तौर पर ओलंपिक खेल हो गया है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने पेरिस में 2024 में होने वाले खेलों में इसे शामिल कर लिया है. युवा दर्शकों को लुभाने के लिए आईओसी ने यह फैसला किया है.

इसके अलावा स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट क्लाइम्बिंग और सर्फिंग को भी इन खेलों में शामिल किया गया है. इन तीन खेलों को टोक्यो ओलंपिक में शामिल किया जाना था, जो कोरोना वायरस महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए.

आईओसी ने पेरिस खेलों में पदक स्पर्धाओं की संख्या टोक्यो की तुलना में 10 कम कर दी यानी अब वहां 329 पदक स्पर्धाएं होंगी. भारोत्तोलन की 4 श्रेणियां कम कर दी गई हैं. इसके साथ ही 2024 में खिलाड़ियों का कोटा 10500 होगा, जो टोक्यो ओलंपिक से 600 कम है.
प्रशासनिक अनियमितताओं को झेल रहे मुक्केबाजी और भारोत्तोलन से सबसे ज्यादा कटौती की गई है. पेरिस खेलों में भाारोत्तोलन में 120 खिलाड़ी होंगे, जो रियो डि जिनेरियो की तुलना में आधे से भी कम है. डोपिंग के इतिहास और सुधार लागू करने की धीमी गति के कारण इसे पूरा भी हटाया जा सकता था.

आईओसी ने यह भी कहा कि ओलंपिक में उसका दीर्घकालिन लक्ष्य पुरुष और महिला खिलाड़ियों की समान भागीदारी है. ब्रेकडासिंग ओलंपिक में ब्रेकिंग के नाम से जाना जाएगा जैसा कि इसे सत्तर के दशक में अमेरिका में कहा जाता था.

पेरिस आयोजकों ने दो साल पहले ब्यूनस आयर्स में युवा खेलों में सफल ट्रायल के बाद इसे शामिल करने का प्रस्ताव रखा था. आईओसी बोर्ड ने बाद में इसे मंजूरी दे दी. सर्फिंग का आयोजन 15000 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में ताहिती के तटों पर होगा.

कृषि कानून को लेकर किसानों को भ्रमित कर रही कांग्रेस : मुख्यमंत्री

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देहरादून, , मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाये गये कानून है। कृषि कानून को लेकर किसानों को भ्रमित किया गया है। देश के एक विशेष राज्य पंजाब जहां कांग्रेस की सरकार है जिस तरह से आन्दोलन को गलत दिशा में मोड़ने का प्रयास किया गया है वह किसानों के हित में नही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञानी स्वामीनाथन कमीटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही किये जाने की लम्बे समय से मांग की जा रही थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर यह कानून बनाये गये हैं जो किसानों के व्यापक हित में हैं। इसमें किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं, पहले केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी, आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि एमएसपी समाप्त करने के सम्बन्ध में किसानों में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है जबकि एमएसपी कही भी समाप्त नही की जा रही है। किसानों का एमएसपी पर धान क्रय किया गया है तथा एमएसपी पर क्रय की व्यवस्था जारी है, इसके बावजुद भी किसानों को भ्रमित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के वास्तवित हित के लिए केन्द्र हो या राज्य सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाईन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानो को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानो के व्यापक हित में खाण्डसारी नीति बनाई गई है ताकि जो भी किसान खाण्डसारी उद्योग शुरू करना चाहे शुरू कर सकता है। मुख्यमंत्री ने किसानों को विश्वास दिलाया कि केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के हितों की संरक्षक है तथा उनके हितों के प्रति प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कांग्रेस पार्टी आज इस बिल का सबसे मुखर विरोध कर रही है और किसानों को भ्रमित कर रही है, उसी कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को 2019 के अपने घोषणापत्र में शामिल किया था। उनके घोषणापत्र में साफ-साफ लिखा था, “कांग्रेस ए.पी.एम.सी. एक्ट को निरस्त कर देगी और कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी। ये बातें उनके मेनिफेस्टो में पेज नंबर 17 के प्वॉइंट नंबर 11 में दर्ज है। आज वह एवं उनके मुख्यमंत्री इसके विरोध में जुड़े है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में 2003 से पहले किसानों को आधा घण्टा भी बिजली नही मिलती थी और उसका भी कोई समय नही था, श्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को सात घण्टे बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही दो साल के भीतर सपरेट फीडर की व्यवस्था की गई। पांच साल पहले तक वहां किसानों को 50 पैसे युनिट बिजली उपलब्ध कराई जा रही थी। किसानो का हितेषी ऐसा व्यक्ति आज प्रधानमंत्री है। वह कैसे किसान विरोधी हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसानों के हितों के प्रति वचनबद्ध है, वे किसी भ्रम में नही पड़े। उन्होंने कहा कि वे बन्द के विरोधी नही है किन्तु इस प्रकार के प्रयासों से अमन को नुकसान नही पहुचना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन के दृष्टिगत प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि किसानों को किसी भी तरह से माहौल को खराब करने का प्रयास नही करना चाहिए।

अपने बच्चों के लिए खुलवा सकते हैं ये खाता, नहीं रखना होता है बैलेंस, मिलती है ये सुविधाएं

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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों को ‘Pehla Kadam’ और ‘Pehli Udaan’ नाम से बचत खाता की सुविधा मिलती है। मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग से इस खाते को आसानी से चलाया जा सकता है। यह बचत बैंक खाते नाबालिगों के लिए हैं।

क्या है इस खाते की विशेषता

  • खाते में मासिक अवरेज बैलेंस रखने का झंझट नहीं है।
  • अधिकतम 10 लाख रुपये बैलेंस रख सकते हैं।
  • चेक बुक की सुविधा दोनों प्रकार के खातों के साथ उपलब्ध है। विशेष तौर पर डिजाइन किया गया 10 चेक बुक जारी की जाती हैं। पहले के खाते में यह नाबालिग के नाम पर गार्जियन को जारी किया जाएगा।
  • खाते में आपको फोटो एटीएम-कम-डेबिट कार्ड की सुविधा मिलेगी। ‘पहला कदम’ खाते के लिए निकासी सीमा 5,000 रुपये है।
  • नाबालिग और अभिभावक के नाम से कार्ड जारी किए जाएंगे। पहली उड़ान के लिए भी निकासी सीमा 5,000 रुपये है।
  • मोबाइल बैंकिंग सुविधा के साथ टॉप अप जैसे सीमित लेनदेन अधिकार मिलते हैं। प्रति दिन लेनदेन की सीमा 2,000 रुपये है।
  • इसके अलावा माता-पिता/अभिभावकों के लिए ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलती है।

SBI ग्राहकों को एटीएम फ्रॉड के बारे में अलर्ट करने के लिए नई सुविधा मिल रही है। जब भी बैंक को आपके खाते के लिए बैलेंस पूछताछ या मिनी स्टटेमेंट की रिक्वेस्ट प्राप्त होगी, तो तुरंत बैंक की ओर से एक एसएमएस ग्राहक के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। अगर ग्राहक द्वारा रिक्वेस्ट किये बिना ही उसे बैलेंस पूछताछ या मिनी स्टेटमेंट का मैसेज आएगा, तो वे अपना एटीएम कम डेबिट कार्ड को तुरंत ब्लॉक करा सकते हैं।

देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा के लिए यह फीचर लॉन्च किया है। एसबीआई की यह सुविधा इसके ग्राहकों को देश में तेजी से बढ़ते एटीएम धोखाधड़ी के मामलों से बचने में मदद करेगी।

SBI PPF

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है और सुनिश्चित रिटर्न की पेशकश करता है। यह एक काफी लोकप्रिय स्मॉल सेविंग स्कीम है। पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित निवेश योजना है। कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना में निवेश कर सकता है। किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है। अगर हम बैंकों की बात करें, तो एसबीआई पीपीएफ काफी अधिक लोकप्रिय है। ग्राहक एसबीआई की बैंक ब्रांच जाकर या ऑनलाइन माध्यम से एसबीआई पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।

उत्तराखण्ड़ : संगठन और सरकार को पांच मंत्र देकर रवाना हुये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

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देहरादून, अपनी चार दिवसीय यात्रा में उत्तराखण्ड़ आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव का गुरू मंत्र देकर चले गये, उनका यह चार दिवसीय प्रवास उत्तराखण्ड़ के सुदूर पर्वतीय भूभाग का भाग्य जगा पायेगा यह प्रश्न अब सत्ता के गलियारों में तैरने लगा है, क्या त्रिवेन्द्र सरकार पहाड़ी और पहाड़ी के दर्द को समझ कर विकास का खाका आमजन तक पहुँचायेगी, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद पहाड़ी हैं और यह भी कह कर चले गये कि मैं पहाड़ का दर्द समझता हूँ, अब उत्तराखण्ड़ के पहाड़ी क्षेत्रों के लिये क्या विकास की नयी किरण निकलने वाली है |

यह आने वाला समय ही बतायेगा, फिलहाल जे पी नड्डा जाने से पहले भाजपा संगठन और सरकार को पांच मंत्र दे गए। तीन दिन चली मैराथन बैठकों में शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं से हुए संवाद में उन्होंने साफ किया कि 2022 और 2024 में मिशन इलेक्शन का लक्ष्य हिंदुत्व कार्ड, मोदी मैजिक, मजबूत और सक्रिय सांगठनिक नेटवर्क, निरंतर प्रवास और सहज आचरण से ही साधा जा सकता है, अपने 120 दिन के देशव्यापी प्रवास की शुरुआत उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड से यूं नहीं की। कुंभनगरी हरिद्वार के गंगा तट हर की पैड़ी से प्रवास की शुरुआत करने के भी कई मायने हैं। लेकिन सियासी जानकार इसे आरएसएस और भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा मानते हैं। नड्डा ने गायत्री परिवार के संचालक उन प्रणव पंड्या से मुलाकात की, जिनकी संस्था के देश दुनिया में करीब 20 करोड़ अनुयायी हैं।

उत्तराखंड में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रवास अमित शाह ने भी किया था। शाह के दौरे के अनुभव के आधार पर पार्टी नेताओं ने नड्डा के दौरे को लेकर उसी तरह की धारणाएं बनाई थी, लेकिन शाह के आक्रामक रुख से जुदा नड्डा ज्यादा सहज और संतुलन साधते नजर आए।

नड्डा पहाड़ी हैं, शायद इसलिए पहाड़ के मर्म को समझे
उनकी बातों ने सरकार और संगठन दोनों को सहज किया। कोविडकाल की बंदिशों के बीच पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं से उन्होंने जितना भी संवाद बनाया, उसमें उन्होंने निरंतर प्रवास पर फोकस किया।

उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर शक्ति केंद्र के मुखिया और उसकी टीम को निरंतर प्रवास करने की सलाह दी। बदलती राजनीतिक चुनौती से मुकाबला करने के लिए उन्होंने सांगठनिक नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया। उनका मानना था कि भाजपा को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर लड़ेंगे, लिहाजा पार्टी को उसी हिसाब से तैयारी करनी है। इसके लिए उन्होंने अपना एजेंडा तय करने का मंत्र दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का यह मंत्र पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल, केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चाशनी में लिपटा है, जिसे जन जन के कान में फूंकने की उनकी योजना है। इससे साफ हो गया कि प्रदेश में पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता की जुबान पर मोदी ही नजर आएंगे।
सांगठनिक नेटवर्क की रीढ माने जाने वाले जमीनी कार्यकर्ता के बीच भी उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि संगठन नेतृत्व के जेहन में उनका सबसे ज्यादा ख्याल है। जिला, मंडल और बूथ अध्यक्ष के साथ मंच साझा करना इसी रणनीति का हिस्सा माना गया। साथ ही इसे प्रदर्शित करके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सहजता का संदेश भी दिया।

अपने चार दिवसीय प्रवॎस में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा मैं पहाड़ी हूं, इसलिए पहाड़ का दर्द खूब समझता हूं। उन्होंने पहाड़ पर महिलाओं के संघर्ष को बयान किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ हिमाचल का हो या उत्तराखंड का, संघर्ष दोनों ही जगह समान है इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की उज्ज्वला और सौभाग्य योजनाओं का जिक्र भी किया। नड्डा का मिशन उत्तराखंड़ का सीधा प्रश्न अब त्रिवेन्द्र सरकार के पाले में जाता है क्या लगातार असंतोष हो रहे पहाड़ में किस तरह खुशहाली का रोड़ मैप तैयार होगा और कैसे पहाड़ के लोगों के दिन बहुरेगे, जिसकी आश में वे आज भी राह देख रहे हैं |

देहरादून: दूल्हा-दुल्हन भी निकले कोरोना पॉजिटिव, बारात में आए दो रिश्तेदारों की मौत

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देहरादून के कोतवाली सदर इलाके में हुई एक शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन कोरोपा पाॅजिटिव पाए गए हैं। ववहीं शादी में शामिल हुए दो रिश्तेदारों की मौत से हड़कंप मच गया। शादी में शामिल अन्य लोगों को ट्रेस किया जा रहा है। दावत में आए अब तक नौ लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।

20 नवंबर को सेना के एक अधिकारी की बेटी और मर्चेंट नेवी में तैनात एक युवक की शादी कोतवाली इलाके में हुई। नवदंपति को कुल देवता की पूजा को हिमाचल जाना था, तो उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट में दोनों संक्रमित पाए गये। दूल्हे की मां, बहन भी संक्रमित मिली।

जांच में दूल्हे के मौसा, मौसी, मामा, मामी समेत करीब नौ लोग पॉजिटिव पाए गए। इसी बीच मौसा अहमदाबाद में एक अस्पताल में भर्ती हुए और दो दिसंबर को उनका निधन हो गया।  इसके बाद दून में दूल्हे के मामा की भी मौत हो गई। विभाग को जब इसकी सूचना मिली तो शादी में आए लोगों को ट्रेस किया गया। शादी में 70 लोग शामिल हुए थे। डा. राजीव दीक्षित, जिला सर्विलांस अधिकारी, देहरादून ने बताया कि शादी में शामिल होने वाले 58 लोगों को प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस की टीम ने ट्रेस किया है। जिनमें से नौ लोग संक्रमित पाए गए हैं। सभी के स्वास्थ्य की निगरानी रखी जा रही है। अन्य लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।

भारत बंद आज, किसानों का आज होगा हल्ला-बोल, करेंगे चक्का जाम, सरकार की रहेगी हर हलचल पर नजर

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानूनों का लगातार विरोध किया जा रहा है. किसान लगातार केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. इसको लेकर आज आठ दिसंबर को किसान संगठनों की ओर से भारत बंद बुलाया गया है. जिसका कई राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों की ओर से भी समर्थन किया गया है.

किसानों की ओर से कहा गया है कि भारत बंद में शामिल होने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाएगा. सभी से सांकेतिक बंद में शामिल होने की अपील करते हुए किसान नेताओं का कहना है कि प्रदर्शन के तहत सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम प्रदर्शन किया जाएगा. इसके तहत कई प्रमुख सड़कों को जाम किया जाएगा. इस प्रदर्शन के तहत उत्तरी राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसान सड़कों पर उतरे हैं.

 

किसान-सरकार के बीच बातचीत

वहीं केंद्र सरकार और किसानों के बीच लगातार बातचीत की जा रही है और मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है. पांच दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब किसान संगठन और केंद्र सरकार के लोग एक बार फिर से छठे दौर की बातचीत करेंगे, जो कि भारत बंद के एक दिन बाद होगी. माना जा रहा है कि इस बार भी किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रह सकते हैं और गतिरोध बना रह सकता है.

 

सरकार एक्टिव

वहीं भारत बंद के बीच सरकार भी एक्टिव है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श देते हुए कहा गया है कि प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत बंद के दौरान कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए. साथ ही किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शांति और धैर्य के साथ एहतियाती कदम उठाने की बात कही गई है.

होगी कार्रवाई

वहीं भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा को लेकर भी सरकार और सुरक्षा एजेंसियां सर्तक है. किसान पिछले करीब 10 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है जो लोगों की आवाजाही रोकने या जबरदस्ती दुकानें बंद कराने की कोशिश करेंगे.

किसानों की मांग क्या है?

केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में तीन कृषि कानूनों को लागू किया गया है. जिसका किसानों की ओर से विरोध किया जा रहा है. इसके चलते किसान पिछले कई महीनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जब किसानों की बात अनसुनी की गई तो पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के हजारों किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली और उसके आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. उन्हें नए कानूनों को किसान-विरोधी करार दिया है. किसानों ने कहा कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा और बड़े कॉर्पोरेट के आगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा.