Friday, May 16, 2025
Home Blog Page 1774

आकाश इंस्टिटयूट के मेरिटेशन ने देहरादून में प्रीमियम यूजर्स के उपयोग में शानदार वृद्धि दर्ज कीः लाइव क्लासेस के उपयोग की समयावधि में 10 गुना बढ़ोतरी

0

देहरादून,  कोविड-19 के बड़े पैमाने पर फैलने की वजह से पढ़ाई-लिखाई में आई बाधाओं के चलते शिक्षा व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आया है और अब शिक्षा का माध्यम ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन हो गया है। भारत में एडुटेक जगत के प्रमुख संस्थान तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले देश के अग्रणी संस्थान, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड की सहायक कंपनी, मेरिटनेशन ने उत्तराखंड के देहरादून शहर से अपने पेड यूजर्स, यानी सेवाओं के इस्तेमाल के लिए भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में शानदार वृद्धि दर्ज की है।

मेरिटनेशन ने हाल के महीनों में इस शहर में लाइव क्लासेस में भाग लेने वाले प्रीमियम यूजर्स द्वारा उपयोग के मिनटों में 10 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है। गणित और विज्ञान विषयों के लाइव क्लासेज के उपयोग में क्रमशः 6 गुना और 12 गुना की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।

लॉकडाउन की शुरुआत में प्रीमियम यूजर्स द्वारा इस प्लेटफॉर्म के उपयोग तथा हाल के महीनों में प्रीमियम यूजर्स द्वारा उपयोग के आंकड़ों की तुलना के आधार पर, उपयोग में प्रतिशत वृद्धि की गणना की गई है। आंकड़ों के अनुसार, 10वीं कक्षा के छात्रों ने इस विकास में शानदार योगदान दिया है, जबकि 6 से 12 कक्षा के छात्रों के बीच इस प्लेटफार्म के उपयोग में लगातार बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखी गई।

इस शानदार प्रगति पर टिप्पणी करते हुए श्री नरसिम्हा जयकुमार, सीईओ, आकाश एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा ’मार्च 2020 के बाद से कोविड-19 के बड़े पैमाने पर फैलने की वजह से ऑनलाइन लर्निंग अब पढ़ाई का नया तरीका बन चुका है। पढ़ाई-लिखाई की प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के जारी रखने के लिए, छात्रों ने बड़ी संख्या में वर्चुअल लर्निंग को अपनाना शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि कोविड के बाद के दौर में भी यह सिलसिला बरकरार रहेगा। देहरादून से मेरिटेशन प्लेटफॉर्म पर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि से यह स्पष्ट हो जाता है कि, छात्र हमारी पढ़ाई के तरीके, हमारे अध्यापकों और हमारे पाठ्यक्रमों को स्वीकार कर रहे हैं। हम निकट भविष्य में छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रमों को कस्टमाइज करना जारी रखेंगे, ताकि उन्हें अपने घरों में सुरक्षित रहकर पढ़ाई करने में मदद मिल सके।”

मेरिटनेशन भारत में ऑनलाइन लर्निंग के क्षेत्र में सबसे आगे है, जिसने वर्ष 2014 में लाइव क्लासेस की शुरुआत की थी। वर्तमान में इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत छात्रों की संख्या 2.5 करोड़ से अधिक है, साथ ही इस ऐप को इंस्टॉल करने वालों की संख्या 10 मिलियन से ज्यादा है तथा 47 मिलियन से ज्यादा बार यहां उपलब्ध टेस्ट पेपर को हल करने का प्रयास किया गया है। आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने जनवरी 2020 में 12वीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षण सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी, मेरिटेशन का अधिग्रहण किया, और एप्लेट लर्निंग सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने इन्फो एज (इंडिया) लिमिटेड के साथ एक स्थायी समझौता किया।

यूटीडीबी में एडवेंचर विंग का गठन

0

देहरादून । प्रदेश में पर्यटकों के लिए एडवेंचर पर्यटन को प्रोत्साहन देने और इससे जुड़ी गतिविधियों में और तेजी लाने के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा गढ़ीकैंट देहरादून में एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। कर्नल अश्विन पुंडीर (भारतीय थल सेना) द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) एडवेंचर स्पोर्ट्स के रूप में पदभार संभाला है। इनके अलावा जल क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में अनुज सिंह, थल क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में रणवीर सिंह नेगी और वायु क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में ग्रुप कैप्टन (रि0) आरके सिंह ने एडवेंचर विंग में पदभार संभाला है।

यूटीडीबी द्वारा गठित एडवेंचर विंग आने वाले दिनों में प्रदेश में होने वाले साहसिक खेलों की गतिविधियों का निरीक्षण करने के साथ ही नये साहसिक खेल स्थलों का चयन करेगी।

पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘हम राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए साहसिक खेलों को बेहतर तरीके से आयोजित करने के लिए एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। हम प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने के लिए कई अन्य गतिविधियों की भी योजना बना रहे हैं जो स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

पूनम चंद, अपर निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने बताया कि साहसिक खेल गतिविधियों के विकास हेतु के लिए एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा निकट भविष्य में एडवेंचर विंग संबंधित अन्य नियुक्तियां भी की जाएगी। जिससे राज्य के साहसिक पर्यटन के विकास को नये आयाम मिलेंगे।

कोरोना ब्रैकिंग : प्रदेश में आज मिले 577 नए संक्रमित, 06 मरीजों की हुई मौत, आंकड़ा 83006 पहुँचा

0

देहरादून, उत्तराखण्ड़ में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है, प्रदेश में आज 14 दिसम्बर सोमवार को कोरोना के 577 नए मामले सामने आए है। अब राज्य में कोरोना का आंकड़ा 83006 पहुंच गया है। जबकि राहत की बात यह रही कि आज 707 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए, राज्य में अब तक 74525 मरीज ठीक हो चुके हैं |

सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 577 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई , जिनमें देहरादून जिले से 164 ,हरिद्वार से 39 , नैनीताल जिले से 88 , उधमसिंह नगर से 28 ,पौडी से 80, टिहरी से 24 चंपावत से 08 , पिथौरागढ़ से 25 ,अल्मोड़ा 28 ,बागेश्वर से 16 ,चमोली से 39 , रुद्रप्रयाग से 11 , उत्तरकाशी से 28 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

जबकि राज्य में आज 06 मरीजों की मौत हुई जबकि 707 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए है, कोरोना से संक्रमित अब तक कुल 83006 मरीजों में से 74525 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं ,976 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके, हैं ,1361 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में 6144 कोविड-19 के एक्टिव केस हैं

एल.ई.डी. लाईट निर्माण में लगे सभी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा 50-50 हजार का रिवोल्विंग फंडः मुख्यमंत्री

0

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी के 11 उद्यमियों को ‘परियोजना आवंटन पत्र‘ वितरित किए। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाईट योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘एनर्जी वॉरियर्स‘‘ के रूप में सम्मानित किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘ऊर्जा दक्ष ग्राम‘ के प्रधानों को भी प्रशस्ति पत्र वितरित कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने सभी स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा अगला फोकस अपनी माँ-बहनों के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतारना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भी इस दिशा में विचार कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम में जनपदों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सहायता समूहों से इस सम्बन्ध में अपने सुझाव देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने एल.ई.डी. निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवाॅल्विंग फण्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की। उन्होंने कहा कि इनका ‘दरांती से साॅल्डरिंग रोड के बीच का सफर‘ अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ी है। उनके मन में विश्वास पैदा हुआ है कि वे उद्यम के क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल ड्रेस, डाॅक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड कैबिनेट ने अभी निर्णय लिया है कि जिलाधिकारी स्तर पर 05 लाख तक की खरीद में, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकों मंदिर हैं। मंदिरों के कपाट खुलने व बंद होने, व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों से भी क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुयी अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स में फैंसी आईटम पर भी फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए स्पेशिफिक प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है। इसके साथ ही, भ्रमण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा सकता है, ताकि स्वयं सहायता समूह कुछ नई चीजें सीख सकें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय दुकानदारों से बातचीत कर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यालयों, हैलीपैड, स्थानीय बाजारों में ‘वोकल फाॅर लोकल‘ का प्रचार-प्रसार करते हुए, एक विंडो उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि इनके उत्पादों को बाजार मिल सके।
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने ऊर्जा संरक्षण विषय पर सभी जनपदों में छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया। ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के चयनित विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन विजेता छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पेंटिंग को वर्ष 2021 के कैलेंडर के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने ‘‘ऊर्जा संरक्षण पुस्तिका‘‘ का विमोचन भी विमोचन किया।
विधायक  गणेश जोशी ने कहा कि पहाड़ की आर्थिकी महिलाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने हेतु आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर सचिव  राधिका झा एवं निदेशक उरेडा कै. आलोक शेखर तिवारी एवं पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किसान हित में है कृषि कानून, बरगलाया जा रहा किसानों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे : डाॅ. निशंक

0

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा-दो दशक से तैयार हो रही थी इस कानून की जमीन

बरगलाया जा रहा कृषकों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे

देहरादूनः किसान कानून किसानों के हित में है। यह कानून एक दिन में नहीं बना, 20 साल पहले इसकी जमीन तैयार होनी आरंभ हो गयी थी। एमएसपी, मंडियों, जमीनों आदि को लेकर किसान भ्रमित हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था खत्म नहीं होगी, एपीएमसी मंडिया बंद नहीं होंगी, किसानों की जमीनें सुरक्षित रहेंगी, उन्हें कोई नहीं छीन सकता तथा किसानों का एग्रीमेंट द्वारा कोई बंधन नहीं होगा। सरकार अपने अन्नदाता की समृद्धि के लिए संकल्पबद्ध है, लेकिन किसानों को विपक्ष द्वारा बरगलाया जा रहा है। उन्हें सच जानना चाहिए।
यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार के सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का सपना किसानों की आय को दुगुना करना है। किसानों की मांग पर ही यह कानून बना है। नए कानून के अनुसार किसान अपने अनुसार अधिक दाम के लिए खरीदार से मोल-भाव कर सकते हैं, वे एपीएमसी मंडियों में और बाहर भी जहां अधिक दाम मिले, वहां अपने उत्पाद बेच सकते हैं, एमएसपी सिस्टम बंद नहीं होगा, फसल के मूल्यों में अप्रत्याशि उतार-चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी। किसान की उच्च मूल्य की नई किस्म की फसलों के लिए बाजार उपलब्ध हो पाएगा। यह बात महत्त्वपूर्ण है कि फसल बुआई से पहले और कटाई के बाद दोनों स्थितियों में उसके सामने कमाई के बेहतर विकल्प होंगे।

डाॅ. निशंक ने कहा कि किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी व्यवस्था समाप्त होने, एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी, किसानों की जमीनेें खतरे में पड़ जाएंगी, किसानों पर बकाया वसूलने के लिए कांट्रैक्टर जमीनें हड़प लेंगे, कांट्रैक्ट फाॅर्मिंग के मामले में किसानों के लिए मूल्य की कोई गारंटी नहीं होगी, किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा, किसान कांट्रैक्ट को खत्म नहीं कर सकेगा। इन बातों में लेशमात्र भी सच नहीं है। जबकि सच यह है कि परिस्थितियां कोई भी हों, किसान की जमीन को आंच नहीं आएगी। एग्रीमेंट फसलों के लिए होगा, न कि जमीन के लिए। सेल, लीज और गिरवी समेत जमीन के किसी भी प्रकार के हस्तांतरण का करार नहीं होगा, एमपीएमसी मंडिया इस कानून के दायरे से बाहर हैं। फाॅर्मिंग एग्रीमेंट में कृषि उपज का खरीद मूल्य दर्ज किया जाएगा। क्या यह प्रावधान किसान हित में नहीं है कि किसान का भुगतान तय सीमा न करने पर कानून कार्रवाई होगी और जुर्माना लगेगा? एक सच यह भी है कि किसान किसी भी समय बिना जुर्माने के कांट्रैक्ट खत्म कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री डाॅ. निशंक ने इन बिंदुओं को गंभीरता से समझने के लिए किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान कानून एक दिन में नहीं बना है। इसके लिए लंबा मंथन चला है। इसके लिए दो दशक तक अध्ययन और चिंतन चला है। वर्ष, 2000 में शंकर लाल गुरु कमेटी से इसका आरंभ हुआ था। इसके बाद 2003 में माॅडल एपीएमसी एक्ट, 2007 के एपीएमसी रूल्स, 2010 में हरियाणा, पंजाब, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की समिति व 2013 में दस राज्यों के कृषि मंत्रियों की संस्तुति, 2017 के माॅडल एपीएलएम एक्ट के बाद आखिरकार 2020 में संसद ने इस कानून को मंजूर किया। किसानों के आंदोलन को सुलझने पर आश्वस्त डाॅ. निशंक का कहना है कि हम किसानों को मनाएंगे और हमें उम्मीद है किसान अवश्य हमारी सरकार की बात मानेंगे।

बारात में झपटामारों ने दूल्हे के गले झपटी सोने की चैन और नोटों की माला

0

नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में बैंड बाजे के साथ एक बारात विवाह स्थल की ओर जा रहें एक दूल्हे से तीन झपटमारों ने गले से नोटों की माला और सोने की चैन झपट कर फरार हो गए। दिल्ली में 48 घंटों में यह दूसरी वारदात हुई है, जिसमें बदमाशों ने घोड़ी पर बैठे दुल्हे को अपना निशाना बनाया है। दोनों वारदातों में दूल्हे के साथ मौजूद लोग नाचने गाने में मशगूल थे। तभी तीन झपटमार आए और वारदात अंजाम देकर फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जनकपुरी में एक बैंक्वेट हॉल में शादी समारोह आयोजित होना था। बैंक्वेट हॉल जाने के लिए बारात निकली। रात करीब सवा दस बजे जब बारात मेट्रो पीलर संख्या 555 के पास पहुंची। तभी घोड़ी पर बैठे को तीन झपटमारों ने अपना शिकार बना लिया। दूल्हे के गले से नोटों की माला बदमाश एक एक कर झपटने लगे। नोटों की तीन माला बदमाश झपटने में कामयाब रहे। लेकिन बदमाशों की कारिस्तानी यहीं नहीं रुकी, नोटों की माला झपटने के बाद बदमाशों ने दुल्हे के गले से सोने की चेन भी झपट ली। इसके बाद सभी बदमाश फरार हो गए।

बात जैसे ही बारातियों को पता चली, उन्होंने बदमाशों को ढूंढने की पूरी कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इधर बारात में झपटमारी की बात जैसे ही फैली सभी सभी लोग अपने अपने गले में पहनी सोने की चेन व अन्य आभूषण को ढूंढने लगे। उधर इस मामले में पुलिस अधिकारियों को जैसे ही शिकायत मिली वे आरोपियों की तलाश में जुट गए। फिलहाल घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि आरोपियों की पहचान हो सके।

केंद्र सरकार का अहम फैसला : तीन महीने राशन नहीं लिया तो कार्ड होगा निरस्त

0

नई दिल्ली, दुनिया भर में कोरोना के इस दौर की अनेक चुनौतियों में से एक है जरूरतमंदों को बिना किसी अवरोध के राशन मुहैया कराना। केंद्र सरकार समय-समय पर इससे जुड़े अहम फैसले लेती रहती है। इसी कड़ी में एक और फैसला लिया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य सरकारों ने राशन कार्ड संबंधी नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार यदि आपने तीन महीने तक राशन नहीं लिया है तो अपका राशन कार्ड रद्द हो सकता है। उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश ने इसपर अमल करना भी शुरू कर दिया है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर जिले से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। जानकारी मिलते ही इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

3 महीने राशन न लेने पर रद्द होगा राशन कार्ड

उत्तर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर जिले से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि केंद्र ने देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू कर दी है। इकृसका मतलब यह है कि अब किसी भी राज्य का राशन कार्ड होने के बावजूद आप जहां रह रहे हैं वहां से राशन ले सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति 3 महीने तक राशन नहीं ले रहा है तो इसके मतलब यह है कि वह अपना पेट भरने में सक्षम हैं। ऐसे में इन लोगों के राशन कार्ड रद्द करके वही लाभ किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जा सकता है।

देश के हर सबसे जरूरमंद तबकों को लाया जाएगा खाद्य सुरक्षा के दायरे में

सेक्स वर्कर्स के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्यों ने उनके लिए राशन कार्ड मुहैया कराने की पहल कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कुछ राज्यों ने गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों का भी राशन कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही कुछ राज्य सरकारें गरीब तबके के कैंसर, कुष्ठ और एड्स रोगियों को फ्री में राशन देगी।

केंद्र सरकार की योजना है कि 31 मार्च 2021 तक पूरे देश को वन वेशन वन राशन कार्ड योजना के सूत्र में पिरो दिया जाए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ आसानी से मिल सकेगा। देश के 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुविधा शुरू की गई है।

Kangana Ranaut ने फिल्म थलाइवी की शूटिंग पूरी, शेयर कीं दो फोटोज

0

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपनी फिल्म थलाइवी की शूटिंग पूरी कर ली है. यह फिल्म तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एक्ट्रेस जयललिता की बायोपिक है. कंगना इसमें मुख्य किरदार निभा रही हैं. शूटिंग पूरी होने का ऐलान करने के साथ कंगना रनौत ने दो तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिसमें वह हुबहू जयललिता की तरह दिख रही हैं.
कंगना रनौत ने ट्वीट कर बताया की शूटिंग पूरी होने के बाद उन्हें मिक्स फिलिंग हो रही है. उन्होंने लिखा, ‘और फिल्म रैप हो गई, आज हमने अपने सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘थलाइवी’ के क्रांतिकारी नेता की शूटिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली. ऐसा बहुत कम होता है कि एक एक्टर को ऐसे किरदार मिल जाए जो उसके अंदर जिंदा हो उठे.

मैं उनसे प्यार कर बैठी, लेकिन अब अलविदा कहने का समय आ गया है. मिक्स फिलिंग हो रही है. इसके बाद एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा- थलाइवी टीम के हर सदस्य, वंडरफुल क्रू का शुक्रिया, जिनके साथ मुझे अपनी लाइफ का यह अद्भुत मौका मिला। बहुत बहुत बहुत धन्यवाद.लाइवी’ फिल्म तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता की बायोग्राफी है जिसे हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषा में रिलीज किया जाएगा। इस किरदार के लिए कंगना ने अपना वजन 20 किलो तक बढ़ाया था. लॉकडाउन के चलते 7 महीने तक इसकी शूटिंग नहीं हो सकी थी. इसके चलते रिलीज डेट आगे बढ़ानी पड़ी. हालांकि, अभी तक नई रिलीज डेट का ऐलान नहीं हुआ है.

 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए राहत की खबर, सरकार जारी कर सकती है 14,500 करोड़ रुपये

0

नई दिल्ली. कोरोनो महामारी के दौरान ब्याज पर ब्याज की छूट से बैंकों पर पड़ने वाले बोझ को काम करने के लिए. वित्त मंत्रालय मार्च के महीने में 14,500 करोड़ रुपये बैंकों में डाल सकता हैं. आपको बता दें वित्त मंत्रालय को 12 बैंकों के छमाही प्रदर्शन पर जानकारी मिली थी कि पंजाब एंड सिंध बैंक को नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 5,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. ऐसे में सरकार ने बीते महीने इक्विटी शेयरों के तरजीही आवंटन से पंजाब एंड सिंध बैंक में पूंजी डालने की मंजूरी दी थी.

वित्त मंत्रालय ने बैंकों के लिए 20 हजार करोंड रुपये मंजूर किए- सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में अनुदान की पूरक मांगों को पूरा करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी. जिसमें से 5,500 करोड़ रुपये सरकार बीते महीने ही पंजाब एंड सिंध बैंक में डाल चुकी है. ऐसे में अब सरकार के पास कुल 14,500 करोड़ रुपये की राशि शेष बची है. जिसको वित्त मंत्रालय 12 बैंकों के तीसरी तिमाही के आंकडों के आधार पर आंवटित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट का भी आ जाएगा फैसला- सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज मांफी के मामले में चल रही सुनवाई पर भी इस वित्त वर्ष के आखिरी महीने तक फैसला आ जाएगा. ऐसे में सकार के सामने बैंकों पर पड़ने वाले बोझ की स्थिति की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी. आपको बता दें बीते वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था. हालांकि, 2020-21 के बजट में सरकार ने ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई थी, क्योंकि उसका मानना था कि बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से पैसा जुटा लेंगे.

इन बैंकों को मिल चुकी ही सहायता- बीते वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक को 16,091 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,768 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,571 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 2,534 करोड़ रुपये की पूंजी मिली थी. इनके अलावा इलाहाबाद बैंक को 2,153 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,666 करोड़ रुपये और आंध्रा बैंक को 200 करोड़ रुपये की पूंजी मिली थी. इन बैंकों का अब अन्य बैंकों में विलय हो चुका है. बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,360 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,142 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 787 करोड़ रुपये तथा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,353 करोड़ रुपये की पूंजी सरकार की ओर से मिली थी.(साभार -News18)

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, एक गिरफ्तार

0

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरनकोट के ऊंचे इलाकों में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि माना जा रहा है कि आतंकवादी करीब तीन दिन पहले नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर इस तरफ आए थे. वे दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की ओर जा रहे थे तभी उन्हें दोपहर बाद मुगल रोड के पास उन्हें पकड़ा गया.

उन्होंने कहा कि यह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों का संयुक्त समूह था और इसे जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों को प्रभावित करने के लिए यहां भेजा गया था. अधिकारियों ने बताया कि सेना की मदद से पुलिस ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुदूर छतापानी-दुगरन गांव में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया.

 

आत्मसमर्पण से किया इनकार

उन्होंने कहा कि आतंकवादी बर्फ से घिरे इलाके में फंस गए और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया और इसके बजाय घेराबंदी तोड़ने की कोशिश में सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और दो आतंकवादियों को मार गिराया.

एक आतंकी गिरफ्तार किया गया

अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी के दौरान एक अन्य आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया. मारे गए आतंकियों की पहचान साजिद और बिलाल के रूप में की गई है. अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि यह समूह तीन दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से घुसपैठ कर शोपियां जिले की ओर जा रहा था.

बर्फबारी के कारण अभियान में हुई दिक्कत

उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद सेना के साथ मिलकर पुलिस ने अभियान शुरू किया और भागने के सभी रास्तों को बंद कर दिया लेकिन बर्फबारी के कारण अभियान धीमा पड़ गया. अधिकारियों ने कहा कि मौसम में सुधार के साथ अभियान सुबह फिर शुरू हुआ और आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित कर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया और गोलीबारी शुरू कर दी.