Tuesday, May 13, 2025
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किसान हित में है कृषि कानून, बरगलाया जा रहा किसानों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे : डाॅ. निशंक

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा-दो दशक से तैयार हो रही थी इस कानून की जमीन

बरगलाया जा रहा कृषकों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे

देहरादूनः किसान कानून किसानों के हित में है। यह कानून एक दिन में नहीं बना, 20 साल पहले इसकी जमीन तैयार होनी आरंभ हो गयी थी। एमएसपी, मंडियों, जमीनों आदि को लेकर किसान भ्रमित हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था खत्म नहीं होगी, एपीएमसी मंडिया बंद नहीं होंगी, किसानों की जमीनें सुरक्षित रहेंगी, उन्हें कोई नहीं छीन सकता तथा किसानों का एग्रीमेंट द्वारा कोई बंधन नहीं होगा। सरकार अपने अन्नदाता की समृद्धि के लिए संकल्पबद्ध है, लेकिन किसानों को विपक्ष द्वारा बरगलाया जा रहा है। उन्हें सच जानना चाहिए।
यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार के सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का सपना किसानों की आय को दुगुना करना है। किसानों की मांग पर ही यह कानून बना है। नए कानून के अनुसार किसान अपने अनुसार अधिक दाम के लिए खरीदार से मोल-भाव कर सकते हैं, वे एपीएमसी मंडियों में और बाहर भी जहां अधिक दाम मिले, वहां अपने उत्पाद बेच सकते हैं, एमएसपी सिस्टम बंद नहीं होगा, फसल के मूल्यों में अप्रत्याशि उतार-चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी। किसान की उच्च मूल्य की नई किस्म की फसलों के लिए बाजार उपलब्ध हो पाएगा। यह बात महत्त्वपूर्ण है कि फसल बुआई से पहले और कटाई के बाद दोनों स्थितियों में उसके सामने कमाई के बेहतर विकल्प होंगे।

डाॅ. निशंक ने कहा कि किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी व्यवस्था समाप्त होने, एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी, किसानों की जमीनेें खतरे में पड़ जाएंगी, किसानों पर बकाया वसूलने के लिए कांट्रैक्टर जमीनें हड़प लेंगे, कांट्रैक्ट फाॅर्मिंग के मामले में किसानों के लिए मूल्य की कोई गारंटी नहीं होगी, किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा, किसान कांट्रैक्ट को खत्म नहीं कर सकेगा। इन बातों में लेशमात्र भी सच नहीं है। जबकि सच यह है कि परिस्थितियां कोई भी हों, किसान की जमीन को आंच नहीं आएगी। एग्रीमेंट फसलों के लिए होगा, न कि जमीन के लिए। सेल, लीज और गिरवी समेत जमीन के किसी भी प्रकार के हस्तांतरण का करार नहीं होगा, एमपीएमसी मंडिया इस कानून के दायरे से बाहर हैं। फाॅर्मिंग एग्रीमेंट में कृषि उपज का खरीद मूल्य दर्ज किया जाएगा। क्या यह प्रावधान किसान हित में नहीं है कि किसान का भुगतान तय सीमा न करने पर कानून कार्रवाई होगी और जुर्माना लगेगा? एक सच यह भी है कि किसान किसी भी समय बिना जुर्माने के कांट्रैक्ट खत्म कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री डाॅ. निशंक ने इन बिंदुओं को गंभीरता से समझने के लिए किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान कानून एक दिन में नहीं बना है। इसके लिए लंबा मंथन चला है। इसके लिए दो दशक तक अध्ययन और चिंतन चला है। वर्ष, 2000 में शंकर लाल गुरु कमेटी से इसका आरंभ हुआ था। इसके बाद 2003 में माॅडल एपीएमसी एक्ट, 2007 के एपीएमसी रूल्स, 2010 में हरियाणा, पंजाब, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की समिति व 2013 में दस राज्यों के कृषि मंत्रियों की संस्तुति, 2017 के माॅडल एपीएलएम एक्ट के बाद आखिरकार 2020 में संसद ने इस कानून को मंजूर किया। किसानों के आंदोलन को सुलझने पर आश्वस्त डाॅ. निशंक का कहना है कि हम किसानों को मनाएंगे और हमें उम्मीद है किसान अवश्य हमारी सरकार की बात मानेंगे।

बारात में झपटामारों ने दूल्हे के गले झपटी सोने की चैन और नोटों की माला

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नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में बैंड बाजे के साथ एक बारात विवाह स्थल की ओर जा रहें एक दूल्हे से तीन झपटमारों ने गले से नोटों की माला और सोने की चैन झपट कर फरार हो गए। दिल्ली में 48 घंटों में यह दूसरी वारदात हुई है, जिसमें बदमाशों ने घोड़ी पर बैठे दुल्हे को अपना निशाना बनाया है। दोनों वारदातों में दूल्हे के साथ मौजूद लोग नाचने गाने में मशगूल थे। तभी तीन झपटमार आए और वारदात अंजाम देकर फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जनकपुरी में एक बैंक्वेट हॉल में शादी समारोह आयोजित होना था। बैंक्वेट हॉल जाने के लिए बारात निकली। रात करीब सवा दस बजे जब बारात मेट्रो पीलर संख्या 555 के पास पहुंची। तभी घोड़ी पर बैठे को तीन झपटमारों ने अपना शिकार बना लिया। दूल्हे के गले से नोटों की माला बदमाश एक एक कर झपटने लगे। नोटों की तीन माला बदमाश झपटने में कामयाब रहे। लेकिन बदमाशों की कारिस्तानी यहीं नहीं रुकी, नोटों की माला झपटने के बाद बदमाशों ने दुल्हे के गले से सोने की चेन भी झपट ली। इसके बाद सभी बदमाश फरार हो गए।

बात जैसे ही बारातियों को पता चली, उन्होंने बदमाशों को ढूंढने की पूरी कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इधर बारात में झपटमारी की बात जैसे ही फैली सभी सभी लोग अपने अपने गले में पहनी सोने की चेन व अन्य आभूषण को ढूंढने लगे। उधर इस मामले में पुलिस अधिकारियों को जैसे ही शिकायत मिली वे आरोपियों की तलाश में जुट गए। फिलहाल घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि आरोपियों की पहचान हो सके।

केंद्र सरकार का अहम फैसला : तीन महीने राशन नहीं लिया तो कार्ड होगा निरस्त

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नई दिल्ली, दुनिया भर में कोरोना के इस दौर की अनेक चुनौतियों में से एक है जरूरतमंदों को बिना किसी अवरोध के राशन मुहैया कराना। केंद्र सरकार समय-समय पर इससे जुड़े अहम फैसले लेती रहती है। इसी कड़ी में एक और फैसला लिया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य सरकारों ने राशन कार्ड संबंधी नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार यदि आपने तीन महीने तक राशन नहीं लिया है तो अपका राशन कार्ड रद्द हो सकता है। उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश ने इसपर अमल करना भी शुरू कर दिया है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर जिले से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। जानकारी मिलते ही इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

3 महीने राशन न लेने पर रद्द होगा राशन कार्ड

उत्तर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर जिले से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि केंद्र ने देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू कर दी है। इकृसका मतलब यह है कि अब किसी भी राज्य का राशन कार्ड होने के बावजूद आप जहां रह रहे हैं वहां से राशन ले सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति 3 महीने तक राशन नहीं ले रहा है तो इसके मतलब यह है कि वह अपना पेट भरने में सक्षम हैं। ऐसे में इन लोगों के राशन कार्ड रद्द करके वही लाभ किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जा सकता है।

देश के हर सबसे जरूरमंद तबकों को लाया जाएगा खाद्य सुरक्षा के दायरे में

सेक्स वर्कर्स के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्यों ने उनके लिए राशन कार्ड मुहैया कराने की पहल कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कुछ राज्यों ने गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों का भी राशन कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही कुछ राज्य सरकारें गरीब तबके के कैंसर, कुष्ठ और एड्स रोगियों को फ्री में राशन देगी।

केंद्र सरकार की योजना है कि 31 मार्च 2021 तक पूरे देश को वन वेशन वन राशन कार्ड योजना के सूत्र में पिरो दिया जाए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ आसानी से मिल सकेगा। देश के 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुविधा शुरू की गई है।

Kangana Ranaut ने फिल्म थलाइवी की शूटिंग पूरी, शेयर कीं दो फोटोज

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपनी फिल्म थलाइवी की शूटिंग पूरी कर ली है. यह फिल्म तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एक्ट्रेस जयललिता की बायोपिक है. कंगना इसमें मुख्य किरदार निभा रही हैं. शूटिंग पूरी होने का ऐलान करने के साथ कंगना रनौत ने दो तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिसमें वह हुबहू जयललिता की तरह दिख रही हैं.
कंगना रनौत ने ट्वीट कर बताया की शूटिंग पूरी होने के बाद उन्हें मिक्स फिलिंग हो रही है. उन्होंने लिखा, ‘और फिल्म रैप हो गई, आज हमने अपने सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘थलाइवी’ के क्रांतिकारी नेता की शूटिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली. ऐसा बहुत कम होता है कि एक एक्टर को ऐसे किरदार मिल जाए जो उसके अंदर जिंदा हो उठे.

मैं उनसे प्यार कर बैठी, लेकिन अब अलविदा कहने का समय आ गया है. मिक्स फिलिंग हो रही है. इसके बाद एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा- थलाइवी टीम के हर सदस्य, वंडरफुल क्रू का शुक्रिया, जिनके साथ मुझे अपनी लाइफ का यह अद्भुत मौका मिला। बहुत बहुत बहुत धन्यवाद.लाइवी’ फिल्म तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता की बायोग्राफी है जिसे हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषा में रिलीज किया जाएगा। इस किरदार के लिए कंगना ने अपना वजन 20 किलो तक बढ़ाया था. लॉकडाउन के चलते 7 महीने तक इसकी शूटिंग नहीं हो सकी थी. इसके चलते रिलीज डेट आगे बढ़ानी पड़ी. हालांकि, अभी तक नई रिलीज डेट का ऐलान नहीं हुआ है.

 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए राहत की खबर, सरकार जारी कर सकती है 14,500 करोड़ रुपये

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नई दिल्ली. कोरोनो महामारी के दौरान ब्याज पर ब्याज की छूट से बैंकों पर पड़ने वाले बोझ को काम करने के लिए. वित्त मंत्रालय मार्च के महीने में 14,500 करोड़ रुपये बैंकों में डाल सकता हैं. आपको बता दें वित्त मंत्रालय को 12 बैंकों के छमाही प्रदर्शन पर जानकारी मिली थी कि पंजाब एंड सिंध बैंक को नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 5,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. ऐसे में सरकार ने बीते महीने इक्विटी शेयरों के तरजीही आवंटन से पंजाब एंड सिंध बैंक में पूंजी डालने की मंजूरी दी थी.

वित्त मंत्रालय ने बैंकों के लिए 20 हजार करोंड रुपये मंजूर किए- सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में अनुदान की पूरक मांगों को पूरा करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी. जिसमें से 5,500 करोड़ रुपये सरकार बीते महीने ही पंजाब एंड सिंध बैंक में डाल चुकी है. ऐसे में अब सरकार के पास कुल 14,500 करोड़ रुपये की राशि शेष बची है. जिसको वित्त मंत्रालय 12 बैंकों के तीसरी तिमाही के आंकडों के आधार पर आंवटित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट का भी आ जाएगा फैसला- सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज मांफी के मामले में चल रही सुनवाई पर भी इस वित्त वर्ष के आखिरी महीने तक फैसला आ जाएगा. ऐसे में सकार के सामने बैंकों पर पड़ने वाले बोझ की स्थिति की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी. आपको बता दें बीते वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था. हालांकि, 2020-21 के बजट में सरकार ने ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई थी, क्योंकि उसका मानना था कि बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से पैसा जुटा लेंगे.

इन बैंकों को मिल चुकी ही सहायता- बीते वित्त वर्ष में पंजाब नेशनल बैंक को 16,091 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,768 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,571 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 2,534 करोड़ रुपये की पूंजी मिली थी. इनके अलावा इलाहाबाद बैंक को 2,153 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,666 करोड़ रुपये और आंध्रा बैंक को 200 करोड़ रुपये की पूंजी मिली थी. इन बैंकों का अब अन्य बैंकों में विलय हो चुका है. बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,360 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,142 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 787 करोड़ रुपये तथा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,353 करोड़ रुपये की पूंजी सरकार की ओर से मिली थी.(साभार -News18)

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, एक गिरफ्तार

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरनकोट के ऊंचे इलाकों में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि माना जा रहा है कि आतंकवादी करीब तीन दिन पहले नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर इस तरफ आए थे. वे दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की ओर जा रहे थे तभी उन्हें दोपहर बाद मुगल रोड के पास उन्हें पकड़ा गया.

उन्होंने कहा कि यह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों का संयुक्त समूह था और इसे जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों को प्रभावित करने के लिए यहां भेजा गया था. अधिकारियों ने बताया कि सेना की मदद से पुलिस ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुदूर छतापानी-दुगरन गांव में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया.

 

आत्मसमर्पण से किया इनकार

उन्होंने कहा कि आतंकवादी बर्फ से घिरे इलाके में फंस गए और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया और इसके बजाय घेराबंदी तोड़ने की कोशिश में सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और दो आतंकवादियों को मार गिराया.

एक आतंकी गिरफ्तार किया गया

अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी के दौरान एक अन्य आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया. मारे गए आतंकियों की पहचान साजिद और बिलाल के रूप में की गई है. अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि यह समूह तीन दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से घुसपैठ कर शोपियां जिले की ओर जा रहा था.

बर्फबारी के कारण अभियान में हुई दिक्कत

उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद सेना के साथ मिलकर पुलिस ने अभियान शुरू किया और भागने के सभी रास्तों को बंद कर दिया लेकिन बर्फबारी के कारण अभियान धीमा पड़ गया. अधिकारियों ने कहा कि मौसम में सुधार के साथ अभियान सुबह फिर शुरू हुआ और आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित कर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया और गोलीबारी शुरू कर दी.

कृषि कानूनों के समर्थन में हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड किसान भी सामने आये, विपक्षी दलों पर बरसे कृषि मंत्री

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नई दिल्ली, हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड के किसानों ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कृषि मंत्री तोमर से मिल विपक्षी दलों पर बरसे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उत्तराखंड के किसानों के प्रतिनिधिमंडल को कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद कहा। ध्यान रहे कि पहले भी हरियाणा के किसानों का एक समूह कृषि मंत्री से मिलकर कृषि कानूनों का समर्थन कर चुका है। एक तरफ प्रदर्शनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उत्तराखंड के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इन कानूनों पर समर्थन जताया है।

यह प्रतिनिधिमंडल रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिला और तीन नए कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता इनके प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया | कृषि मंत्री ने बातचीत के दौरान किसानों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि विपक्षी दल आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। हालांकि, सिंघु बॉर्डर धरने पर बैठे उत्तराखंड के किसान नेता जसबीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि रविवार को कृषि मंत्री से किसानों की मुलाकात प्रोयजित है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री से मिलने वाले 90 में से 10 किसान ऐसे हैं जिनका दूसरा काम भी है। हरियाणा के किसानों का एक समूह कृषि मंत्री से मिलकर कृषि कानूनों का समर्थन कर चुका है। किसानों ने कृषि मंत्री से मिलकर कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांग के अनुसार कानून में सुधार करना चाहे तो उसका स्वागत है, लेकिन अगर कानून निरस्त किए गए तो वो इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे |

उत्तराखंड के मंत्री ने की विपक्ष की आलोचना
बहरहाल, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों की आय में बेतहाशा वृद्धि होगी और वह सशक्त तथा आत्मनिर्भर होगा। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कौशिक ने कहा कि आज कृषि कानूनों का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल 2014 से पूर्व इसके पक्ष में थे जो उनके लोकसभा और राज्यसभा में दिए बयानों से स्पष्ट है। कौशिक ने कहा कि किसानों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर वर्षों से लगी बंदिशों को कृषि कानूनों के माध्यम से प्रधानमंन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं को असली आजादी दी है। उन्होंने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा हमारे मेहनती किसानों को बरगलाने का काम किया जा रहा है।”(साभार NBT)

किसानों को बरगला रहे है विपक्षी दल : कौशिक

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देहरादून, शहरी विकास मंत्री  मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों के हितों को सर्वोच प्राथमिकता देती है इसी को दृष्टिगत रखते हुए नए किसान बिल लाये गए हैं इससे किसानों की आय में बेतहाशा वृद्धि होगी । आज भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने जो तीन विधेयक किसानों के हित में पारित किए हैं उससे किसानआत्मनिर्भर और सशक्त होगा।

कौशिक ने कहा कि किसानों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर जो बंदिशें वर्षों से लगी थी इन कृषि विधेयकों के माध्यम से प्रधानमंन्त्री  नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं को असली आजादी दी है। किसान ग्लोबलाइजेशन के दौर में आत्मनिर्भर , सशक्त व उनकी आय बढ़ सके इसी को मध्य नजर रखते हुए मोदी सरकार ने 3 कृषि विधेयक पारित किए हैं। लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा हमारे मेहनती किसान,अन्नदाताओं को बरगलाने का काम किया जा रहा है ।
कौशिक ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व आज इस बिल का विरोध करने वाले कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल इस विधेयक के पक्ष में थे ये उनके लोकसभा और राज्यसभा में दिए बयानों से स्पष्ट है।

लेकिन आज इन कानूनों के प्रति उनका रुख बहुत ही निराशाजनक है। लोकतंत्र में विरोध करना पूर्ण रूप से सभी का अधिकार है लेकिन देश के अन्नदाताओं को गुमराहित कर उनके हितों के साथ कुठाराघात करने का विपक्षी दलों का अभियान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों सदनों में स्वच्छ चर्चा के बाद ये बिल भारी बहुमत से पास हुए हैं जिसमें दूसरे दलों ने भी सदन में इस बिल का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि किसानों को गलत तथ्य देकर भ्रमित किया जा रहा है कि वह अपने जमीन का मालिकाना हक खो देगा किसान आज भी अपनी जमीन का मालिक है और कल भी रहेगा । सरकार ने इस बिल में किसानों के लिए बोनस की व्यवस्था रखी है इसके अंतर्गत यदि किसान को अपना करार समाप्त करना है तो इसके लिए वह पूर्ण स्वतंत्रत है।
श्री कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने स्पष्ट कहा है ये बिल किसानों के हितों व उनकी आय बढ़ाने के लिए लाया गया है बिल में एमएसपी जिस प्रकार से पहले थी उसी प्रकार से आगे भी चलती रहेगी । लेकिन एमएसपी को लेकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है वह बहुत ही निंदनीय है ।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के बीच में जाकर इस विधेयक की पूर्ण जानकारी साझा करेंगीं। उनके हकों के लिए केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दी है ये किसानों को बताएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानो को मंडी की समाप्ति को लेकर भ्रमित किया जारहा है जो कि सरासर गलत प्रचार है इसके लिए प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार मंडी पहले थी उसी तरह आगे भी रहेगी। इन विधेयकों से किसान हर प्रकार से स्वतंत्र हो गया है वह अब अपनी फसल मंडी के अंदर और मंडी के बाहर, राज्य में या राज्य के बाहर कहीं भी उचित दाम पर स्वेच्छा से बेचने के लिए स्वतंत्र है।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए कार्यों के बारे में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा 2013 -2014 कृषि बजट की तुलना में 2020- 2021 कृषि बजट में 6 गुना की वृद्धि हुई है यह एक ऐतिहासिक कार्य है कि 6 साल में 6 गुना की वृद्धि हुई है। 2020 में भारत सरकार ने एक लाख 34 हजार 399 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया है 2015-16 में 252 मीट्रिक टन अनाज था 2019-20 में 297 मीट्रिक टन अनाज का संग्रहण किया।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के द्वारा 10 करोड़ 60 लाख किसानों को इस योजना से लाभ मिला है। इस योजना पर अब तक भारत सरकार ने 95900 करोड़ रूपये खर्च किये है।
उन्होंने कहा पूरे विश्व में निर्यात बाजार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा हमारे किसान आने वाले दिनों में दूसरे देशों से भी मुकाबला करेंगे इसके लिए केंद्र सरकार ने अलग से किसानों के लिए एक लाख करोड़ की व्यवस्था की है  कौशिक ने कहा कि प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भी निरंतर किसानों के सशक्तिकरण का कार्य कर रही है जिसमें कि ऑर्गेनिक राज्य,अत्याधुनिक कृषि उपकरण वितरण व किसानों 0% ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही विपक्षी दल किसान आंदोलन का उपयोग कर रही है जो बहुत ही निंदनीय है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन प्रदेश, प्रदेश कार्यालय सचिव कौशतुभानंद जोशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजीव वर्मा, महानगर किसान मोर्चा अध्यक्ष व महामंन्त्री राजेश कांबोज, मुदगल उपस्थित रहे।

Skoda भारत में नई गाड़ियों को लाॅन्च करने के लिए तैयार, 5 नए नामों को कराया ट्रेडमार्क, जानें कौन-सी होगी पहली कार

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नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Skoda Upcoming Suv’s: स्कोडा ऑटो भारत में अपने लाइनअप पर विस्तार करने की पूरी तैयारी कर चुकी है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पेटेंट डिजाइन और ट्रेडमार्क पोर्टल पर हाल ही में कंपनी ने भारतीय बाजार के लिए पांच नए प्रोडक्ट नामों को रजिस्टर किया है। जिनमें Konarq, Kliq, Karmiq, Kosmiq, and Kushaq शामिल हैं।

Skoda Vision In होगी पहली कार: कुछ समय पहले खबर थी। Kliq नाम को कंपनी अपनी आगामी कार Vision In के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। हालांकि अभी इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की Vision In एसयूवी को अगले साल लाॅन्च किया जाएगा। जिसके प्रोडक्शन वर्जन पर कंपनी जनवरी से काम शुरू करेगी। जानकारी के लिए बता दें, नई स्कोडा विजन इन भारत में फॉक्सवैगन समूह के एमक्यूबी एओ इन प्लेटफॉर्म पर आधारित पहली एसयूवी होगी।

इस प्लेटफाॅर्म पर कंपनी वैश्विक स्पेक स्कोडा कामिक, वीडब्ल्यू टी.क्रॉस और पोलो हैचबैक को तैयार करती है। वहीं अपकमिंग फॉक्सवैगन ताइगुन, नेक्स्ट.जेन स्कोडा रैपिड और नई वेंटो को भी इसी पर तैयार किया जाएगा। फिलहाल इस एसयूवी के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कार में अपने सेगमेंट का मिलेगा सबसे लंबा व्हीलबेस दिया जाएगा। इस व्हीलबेस के चलते स्कोडा की इस एसयूवी के कैबिन में भी खासी जगह मिलेगी।

1.5 लीटर का मिल सकता है इंजन: विजिन इन भारत में तैयार होने पर Hyundai Creta और Kia Seltos को टक्कर देगी। इस कार के पार्टस 90 प्रतिशत तक मेड इन इंडिया होंगे। जो अपने सेगमेंट में ग्राहकों को आकर्षित करने में कामयाब होगी। दावा किया जा रहा है कि कंपनी इसमें 148 बीएचपी की पावर और 250 एनएम पीक टॉर्क के साथ 1.5 लीटर इंजन का विकल्प दे सकती है। जो 7 स्पीड डीएसजी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस होगा। वहीं कंपनी इस कार में 5 स्पीड मैन्युअल गियरबाॅक्स का विकल्प भी दे सकती है।

मेयर ने ज्वालापुर क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई व्यवस्था का किया निरीक्षण

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हरिद्वार,13 दिसम्बर (कुल भूषण) नगर निगम मेयर अनिता शर्मा द्वारा नगर में सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्वयं कमान संभाल कर नगर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर नगर के विभिन्न क्षेत्रो से कुडा उठवाने के कार्य को अंजाम दिया इसी के चलते उन्होने ज्वालापुर क्षेत्र का भ्रमण कर विभिन्न क्षेत्रों से कुडे को उठवाया मेयर अनिता षर्मा ने कहा की नगर में सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है इस कार्य की वह स्वयं कमान संभाल नगर का भ्रमण कर सफाई व्यवस्था का जायजा लेरही है उन्होने इस मौके पर निगम के अधिकारियो को नगर में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाये जाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए इस मौके पर उनके साथ पूर्व सभासद अशोक शर्मा देवेश शर्मा उपस्थित थे