Friday, June 20, 2025
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ओएनजीसी के सहयोग से 300 ट्रैकसूट व 50 सेट कुर्सी मेज वितरित किये

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उत्तरकाशी। ओएनजीसी के सहयोग से नौगांव ब्लॉक के राजकीय इंटर कालेज कुथनौर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुथनौर व आदर्श जूहा स्कूल गंगनाणी के छात्र- छात्राओं के लिए हिमालयी संस्कृति सरंक्षण और शिक्षा संस्थान द्वारा करीब 300 ट्रैकसूट व 50 सेट कुर्सी मेज वितरित किये गए हैं।

इस अवसर पर मुख्यअथिति राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार की सदस्य डॉ स्वराज विद्वान, विशिष्ट अथिति यमनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के प्रतिनिधि पूर्व ज्येष्ठ उपप्रमुख प्रकाश असवाल मौजूद रहे। जिन्होंने राजकीय इंटर कालेज कुथनौर में छात्र- छात्राओं को ट्रैकसूट वितरित की तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुथनौर व आदर्श जूहा स्कूल गंगनाणी के छात्रों की ट्रैकसूट विद्यालय के प्रधानाचार्यों को सौंपी है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ स्वराज विद्वान ने कहा कि ओएनजीसी की सराहना पहल पर ऐसे स्कूलों का चयन किया, जहां अनुसूचित जाति के अधिकांश छात्र- छात्राएं अध्ययनरत हैं और उन्हें ट्रैकसूट वितरित किया गया है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति प्रकाश असवाल ने कहा कि उत्तरकाशी सीमान्त जनपद है, इस सीमान्त जनपद में ओएनजीसी जो अपनी सामाजिक जिम्मदारियों का कार्यक्रम चला रही है वह स्वागत योग्य है। उन्होंने मांग की है कि अन्य स्कूलों में भी इस तरह की आवश्यकता है, भविष्य में क्षेत्र के अन्य स्कूलों में भी इस तरह ट्रैकसूट व फर्नीचर के लिए सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

इस दौरान स्कूलों की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। इस अवसर पर हिमालयी संस्कृति संरक्षण व शिक्षा संस्थान के प्रेम पंचोली, जीआईसी कुथनौर के प्रधानाचार्य सुनील राणा, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष कृष्णा राणा, कमला जुडियाल, सुमन शाह, अनिल कुमार, डीडी विद्वान, सीएल राही, मीमू देवी, राजेश कूमार, सुरेशी देवी, कमलेश सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं छात्र- छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम संचालन विजय रावत व रमेश रवांल्टा ने संयुक्त रूप से किया है।

नाबार्ड में संचालित कामों में लाए तेजी : डीएम

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रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने नाबार्ड के आरआईडीएफ फंड (रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड) रूरल इंनोवेशन प्रोमोशन स्कीम आदि योजनाओं में संचालित होने वाले कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि जनपद में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट फंड में रु 114 करोड़ के 36 प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही भारत सरकार की कृषक उत्पादक संगठन योजना में 2 क्लस्टर नेशनल कोऑपरेटिव विकास कारपोरेशन (एनसीडीसी) एवं स्माल फार्मर्स एग्री बिजनेस संगठन (एसएफऐएस) को करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने नाबार्ड द्वारा बनाई गई वर्ष 2021-22 के लिए बैंकों को रु 376 करोड़ संभाव्यता युक्त ऋण प्लान का विमोचन किया। साथ ही भारत सरकार की कृषि अवसंरचना निधि योजना के रु 1.1 करोड़ लक्ष्य का बैंकों को दिया। बैठक में जिलाधिकारी ने भविष्य में नाबार्ड में जनपद में संचालित होने वाले वाटर शेड के कार्यों को जिला विकास अधिकरी, उद्यान और कृषि विभाग की संयुक्त समिति की संस्तुति के बाद ही प्रस्तावों पर कार्य करने के निर्देश डीडीएम नाबार्ड को दिए।

सभी विभागों को रुरल इनोवेशन प्रमोशन योजना में अभिनव कार्यों का प्रोजेक्ट देने के भी निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ भरत चंद्र भट्ट, डीडीओ मनविंदर कौर, अग्रणी बैंक प्रबंधक एस के शर्मा, डीडीएम अभिनव कापड़ी, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह, कृषि अधिकारी एसएस वर्मा आदि मौजूद थे।

कपिल शर्मा बने दूसरे बच्चे के पापा, पत्नी गिन्नी ने दिया बेटे को जन्म

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कॉमेडियन कपिल शर्मा एक बार फिर से पापा बन गए हैं. आज यानि 1 फरवरी को तड़के उनके घर बेटे ने जन्म लिया है. कपिल शर्मा की पत्नी गिन्नी चतरथ नें बेटे को जन्म दिया है और ये गुड न्यूज़ कपिल ने सोशल मीडिया के जरिए फैंस के साथ शेयर की है. कपिल शर्मा ने ट्वीट किया है जो कि काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इसके साथ ही कॉमेडियन ने इस बात की जानकारी भी दी है कि मां और बेटा दोनों स्वस्थ हैं.

 

कपिल शर्मा ने सुबह 5:30 बजे ट्वीट करते हुए लिखा, “नमस्कार, आज सुबह हमें भगवान के आशीर्वाद के रुप में एक बेटा मिला है, ईश्वर की कृपा से बच्चा और मां दोनों स्वस्थ हैं, आपके प्यार और दुआओं के लिए सभी का शुक्रिया. गिन्नी और कपिल.” इसके साथ ही कपिल ने #gratitude का भी इस्तेमाल किया है.

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आईपीएल 2022 में खेलेंगी 10 टीमें, बीसीसीआई एजीएम की बैठक में इन फैसलों पर लगी मुहर

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अहमदाबाद : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को अहमदाबाद में वार्षिक बैठक (एजीएम) में एक बड़ा फैसला लिया। साल 2022 में खेले जाने वाले इंडियन प्रीमयर लीग में 8 की जगह 10 टीमों के हिस्सा लेने पर सहमति बनी है। इस बैठक के शुरू होने से पहले ही इस फैसले पर सभी की नजरें जमीं थी। आखिरकार क्रिकेट के इस सबसे टी-20 टूर्नामेंट में 10 टीमों के भाग लेने को मंजूरी मिल गई। इस बैठक में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे।

आईपीएल संचालन परिषद से इस बारे में काम करने के लिए कहा गया है। आईपीएल में फिलहाल आठ टीमों हिस्सा लेती हैं। बता दें कि बीसीसीआई ने दिसंबर के शुरू में अपने राज्य संघों में सूचित किया था कि एजीएम के एजेंडे में एक प्रमुख मुद्दा दो नयी आईपीएल टीमों को जोड़ना होगा। इस संदर्भ में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली, सचिव जय शाह और कोषाध्यक्ष अरुण धूमल तथा आईपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी हिमांग अमीन निजी तौर पर बातचीत कर चुके थे। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आईपीएल को बड़े प्रारूप में पेश करना चाहिए, जिससे दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को अवसर मिलेगा और नए शहर भी आईपीएल के साथ जुड़ेंगे। नयी टीम उस राज्य से होगी, जहां से अभी कोई टीम शामिल नहीं है। ऐसे में चर्चा है कि नयी टीमों के लिए अहमदाबाद राजकोट, विशाखापत्तनम, कोच्चि, तिरुवनंतपुर और लखनऊ शहर पसंदीदा है।

ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने का समर्थनएक अन्य बड़े फैसले में बीसीसीआई अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से कुछ स्पष्टीकरण के बाद क्रिकेट के टी-20 प्रारूप को 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में शामिल करने की आईसीसी की दावेदारी का सैद्धांतिक रूप से समर्थन करने को राजी हो गया। एजीएम के हिस्सा लेने वाले एक सदस्य ने कहा कि देखिए, बीसीसीआई स्वायत्त संस्था है और वह अपनी स्वायत्ता को बकरार रखना चाहती है। हमारी विधिक टीम कुछ स्पष्टीकरण चाहती है। बेशक, क्रिकेट का ओलंपिक में शामिल होना खेल के लिए शानदार होगा। उम्मीद करते हैं कि हम सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।—————————प्रथम श्रेणी के खिलाड़ियों को मुआवजाइसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी के कारण सभी प्रथम श्रेणी के खिलाड़ियों (पुरुषों और महिलाओं) को उपयुक्त घरेलू सीजन के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा। जनवरी में सैयद मुश्ताक अली टी-20 चैंपियनशिप के साथ कई महीनों की देरी के बाद बीसीसीआई की घरेलू सत्र की शुरुआत होने की योजना है। बीसीसीआई राज्य इकाइयों को एकमुश्त मुआवजा राशि देगा। अब वे अपनी स्वयं की सूची बनाएंगे और इसी के अनुसार अपने महिला और पुरुष खिलाड़ियों को मुआवजा देंगे।———————-कर छूट मामले पर मांगा समयइस बीच 2021 टी-20 विश्वकप के आयोजन के लिए आईसीसी को टैक्स में छूट देने के मामले के लिए बीसीसीआई ने थोड़ा और समय मांगा है। बीसीसीआई को इसके लिए भारत सरकार से इजाजत लेनी होगी, जिसके बाद ही वह इस बाबत कोई अंतिम फैसला ले पाएगा। बीसीसीआई को 31 दिसंबर 2020 तक आईसीसी को इस बारे में जवाब देना था। बीसीसीआई ने फैसला किया है अगले साल विश्व टी-20 की मेजबानी के लिए अगर उसे सरकार से पूर्ण कर छूट नहीं मिलती है जैसे कि आईसीसी ने मांग की है तो वह वैश्विक संस्था से मिलने वाले 39 करोड़ डॉलर के अपने वार्षिक राजस्व से कटौती के लिए तैयार हो जाएगा।

 

देश में चार और एनसीए खोले जाएंगे बीसीसीआई ने देश में चार और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) खोलने का निर्णय लिया है। बीसीसीआई की गुरुवार को 89वीं आम बैठक हुई जिसमें देश के विभिन्न शहरों में चार और एनसीए खोलने का फैसला लिया गया। अभी बेंगलुरु में एनसीए स्थित है लेकिन बोर्ड ने इसका विस्तार करने का निर्णय लिया है। चार और एनसीए खुलने से बेंगलुरु पर दबाव कम पड़ेगा और देश भर के खिलाड़ियों के लिए वहां पहुंचना आसान हो जाएगा। एनसीए के चार स्थल कहां होंगे इस बारे में हालांकि अभी फैसला नहीं किया गया है।

मंदिर में की शादी, फिर मां-बाप के साथ मिलकर मार डाला पति को, फंदे से लटकाया

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गोरखपुर , गोरखपुर की रामगढ़ताल पुलिस ने खिरवनिया गांव में हुई युवक की मौत के मामले में उसकी प्रेमिका समेत तीन नामजद और अज्ञात लोगों पर हत्या कर साक्ष्य मिटाने की धारा में केस दर्ज किया है। युवक के घरवालों ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि हत्‍या करने के बाद शव को पेड़ से लटकाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर मारने की बात लिखी गई है। कोर्ट के आदेश पर दो माह बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन कर रही है।

बेलीपार के खरोहवा गांव निवासी रामकरन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि उनके बेटे मजनू का रामगढ़ताल के खिरवनिया गांव की रहने वाली युवती गुड़िया से प्रेम संबंध था। दो जून 2019 को मजनू और गुड़िया ने बसियाडीह मंदिर में शादी कर ली थी। गुड़िया के घर वाले रिश्ते के खिलाफ थे। वे लोग मजनू को जान से मारने की धमकी दे रहे थे। कई बार उस खोजते हुए घर भी आए थे। शादी के कुछ दिन बाद गुड़िया अपने मायके चली गई। 22 अक्टूबर को मजनू के पास फोन करके उसने खिरनिया गांव में बुलाया था। 24 अक्तूबर को मजनू की लाश गांव के बाहर पेड़ पर लटकती हुई मिली। जानकारी होने पर परिवार के लोग पहुंचे तो। स्‍थानीय लोगों से पूछने पर पता चला कि पता चला कि 23 अक्तूबर की रात में गुड़िया ने अपनी मां सुधा, पिता रामसकल और कई अन्‍य लोगों के साथ मिलकर मजनू की गला दबाकर हत्या कर दी। आत्महत्या का रूप देने के लिए शव पेड़ से लटका दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर मारे जाने की पुष्टि होने पर उन्होंने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए रामगढ़लाल थाना प्रभारी और एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।(साभार -हिन्दुस्तान)

RBI ने महाराष्ट्र के एक और बैंक का लाइसेंस किया कैंसल, जमाकर्ताओं को वापस मिलेगी जमा राशि

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मुंबई, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सुभद्रा लोकल एरिया बैंक, कोल्हापुर (Subhadra Local Area Bank, Kolhapur) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। आरबीआई के मुताबिक बैंक का संचालन ऐसे तरीके से किया जा रहा था, जिससे बैंक के वर्तमान और भविष्य के डिपोजिटर्स के हितों को नुकसान पहुंचता। आरबीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दो तिमाहियों के दौरान न्यूनतम नेट वर्थ से जुड़ी अनिवार्यता का अनुपालन नहीं किया।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के पास अपने जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है।

आरबीआई ने कहा है, ”बैंक का कामकाज जिस तरह से हो रहा था, उसे जारी रखने की अनुमति दी जाती तो लोगों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।”

केंद्रीय बैंक ने सुभद्रा लोकल एरिया बैंक को जारी किया गया लाइसेंस कैंसल कर दिया है। आरबीआई का यह फैसला 24 दिसंबर, 2020 को बैंकिंग बिजनेस बंद होने के समय से प्रभावी हो गया है।

आरबीआई ने कहा है कि लाइसेंस कैंसल होने के बाद बैंक पर तत्काल प्रभाव से बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत किसी भी तरह की बैंकिंग या कोई अन्य कारोबार करने पर रोक लग गई है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक को बंद करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दिया जाएगा।

आरबीआई ने इसी महीने महाराष्ट्र के कराड जनता सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भी कैंसल कर दिया था। RBI ने सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं होने और भविष्य में आमदनी से जुड़ी अनिश्चितताओं को देखते हुए इस सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसल किया था। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि बैंक के 99 फीसद से अधिक जमाकर्ताओं को डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से पूरी जमा राशि मिलेगी।

आखिर क्यों नहीं बन सकी Akshay Kumar स्टारर Hera Pheri 3, अब सामने आई ये 3 वजह

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बॉलीवुड की माइलस्टोन कॉमेडी फिल्मों में से एक ‘हेराफेरी’ के तीसरे सीक्वल का इंतज़ार लोगों को एक लंबे अरसे से है. हालांकि, अब तक इस फिल्म के तीसरे पार्ट का श्री गणेश कई कारणों के चलते नहीं हो सका है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं.

फिल्म ‘हेरा फेरी’ आज से लगभग 2 दशक पहले रिलीज हुई थी और इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद भी किया था. इसके बाद आए इस फिल्म के सेकंड पार्ट ‘फिर हेराफेरी’ को भी लोगों ने काफी सराहा. फिल्म को मिली पॉपुलैरिटी को देखते हुए फिल्ममेकर फ़िरोज़ नाडियाडवाला इस फिल्म का तीसरा पार्ट बनाना चाहते थे. इसके लिए फ़िरोज़ ने एक्टर अक्षय कुमार से संपर्क भी किया था.

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म को लेकर अक्षय ने दो शर्तें रखीं थीं पहली शर्त यह थी कि इस फिल्म की 70 प्रतिशत प्रॉफिट शेयरिंग उन्हें मिले और इस फिल्म को डायरेक्टर राज शांडिल्य डायरेक्ट करें. फ़िरोज़ ने इसके बाद राज शांडिल्य से फिल्म डायरेक्ट करने की बात भी की थी लेकिन हेराफेरी के पिछले दोनों पार्ट्स को मिली सफलता को देखते हुए राज ने इससे हाथ खींच लिए थे.

राज का तर्क था कि वह इतनी लीजेंड्री फिल्म के साथ सही से इंसाफ नहीं कर सकेंगे.इसके बाद फ़िरोज़ ने जॉन अब्राहम और अभिषेक बच्चन को लेकर ‘हेरा फेरी’ का तीसरा पार्ट बनाना चाहा लेकिन बजट से जुड़ा मामला आने के चलते एक बार फिर यह फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई. आपको बता दें कि ‘फिर हेरा फेरी’ डायरेक्ट करने वाले नीरज वोरा इस फिल्म का तीसरा पार्ट भी डायरेक्ट करने वाले थे लेकिन साल 2017 में ब्रेन स्ट्रोक के चलते उनकी मौत होने कारण यह फिल्म अधर में अटक गई.

विधायक ममता राकेश की जल भराव की शिकायत पर ‘मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने लिया एक्शन, समाधान के दिये निर्देश

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देहरादून, उत्तराखंड़ के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने हरिद्वार के भगवानपुर तहसील के अन्तर्गत इण्डस्ट्रियल एरिया में जलभराव की समस्या का शीघ्र समाधान किए जाने के निर्देश दिए हैं। गुरूवार को सचिवालय में विधायक भगवानपुर ममता राकेश ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश से भेंट कर क्षेत्र में जल भराव की समस्या से अवगत कराया। वही मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को ड्रेनेज प्रोजेक्ट को निर्धारित समय-सीमा के अंदर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

कहा कि क्षेत्र में जलभराव की समस्या को दूर करने हेतु 15 फरवरी 2021 तक ड्रेनेज प्लान तैयार कर 28 फरवरी तक डीपीआर तैयार कर ली जाए। अगले एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करते हुए 1 अप्रैल 2021 से काम शुरू कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी 28, फरवरी तक पूर्ण करते हुए 31 मई, 2021 तक प्रत्येक स्थिति में कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए, इस दौरान सिडकुल के महाप्रबंधक एसए मुरूगेशन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहें।

रिज़र्व बैंक अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफ़ॉर्म/मोबाइल ऐप्स के बारे में आगाह करता है

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देहरादून, मुख्य महाप्रबंधक रिज़र्व बैंक,  योगेश दयाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि व्यक्तियों/छोटे व्यवसायों के बारे में ऐसी खबरें आई हैं कि वे अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म/मोबाइल ऐप्स की बढ़ती संख्या के कारण त्वरित और परेशानी रहित तरीके से ऋण प्राप्त करने के वादों का शिकार हो रहें हैं। इन रिपोर्टों में ब्याज की अत्यधिक दरों और उधारकर्ताओं से मांगे जाने वाले अतिरिक्त छिपे हुए शुल्क, अस्वीकार्य और कठोर वसूली के तरीकों को अपनाना और उधारकर्ताओं के मोबाइल फोन पर डेटा तक पहुंचने के लिए करार का दुरुपयोग का भी उल्लेख है।

उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य संस्थाओं जो सांविधिक प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा विनियमित किये गए हों, द्वारा वैध सार्वजनिक ऋण देने की गतिविधियां जैसे कि संबंधित राज्यों के धन उधार कार्य कर सकते हैं।

आम जनता को यह आगाह किया जाता है कि वे इस तरह की बेईमान गतिविधियों का शिकार न हों और ऑनलाइन मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण प्रदान करने वाली कंपनी/फर्म के पूर्व मामलों को सत्यापित करें। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को अज्ञात व्यक्तियों, असत्यापित/ अनधिकृत ऐप्स के साथ केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियों को कभी भी साझा नहीं करना चाहिए और ऐसे ऐप्स से संबंधित ऐप्स/बैंक खाते की जानकारी को संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों या सचेत पोर्टल https://sachet.rbi.org.in का उपयोग कर ऑन लाइन शिकायत दर्ज करना चाहिए।

मुख्य महाप्रबंधक श्री योगेश दयाल ने बताया कि रिजर्व बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी की ओर से उपयोग किए जाने वाले डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म को बैंक (को) या एनबीएफसी (यों) के नाम का खुलासा ग्राहकों के सामने करना अनिवार्य किया है। रिजर्व बैंक में पंजीकृत एनबीएफसी के नाम और पते यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं और रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए पोर्टल https://cms.rbi.org.in के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।

स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों के अंक सुधार का विश्वविद्यालय ने उपलब्ध कराया अवसर: डा0 बत्रा

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हरिद्वार, 24 दिसम्बर (कुल भूषण) एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि ऐसे समस्त छात्र-छात्रा जो हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर की स्नातक तृतीय वर्ष वार्षिक प्रणाली की परीक्षा/अंक सुधार परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए हैं तथा जिनके नामांकन को 06 वर्ष पूर्ण नहीं हुए हैं, (नामांकन वर्ष 2014-15 तक के समस्त छात्रा-छात्रा), ऐसे छात्र-छात्रा को विश्वविद्यालय द्वारा अन्तिम अवसर प्रदान किया जाता है वे दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 तक विश्वविद्यालय की वेबसाईट से आवेदन पत्र निकालकर सम्बन्धित महाविद्यालय में निर्धारित शुल्क के साथ आफलाईन जमा करा सकते हैं। अन्तिम तिथि के पश्चात आवेदन पत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित विलम्ब शुल्क के साथ जमा किया जायेगा।

प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि जिनकी बी.ए. अथवा बी.काॅम. द्वितीय अथवा तृतीय वर्ष में पर्यावरण विज्ञान तथा बी.काॅम. द्वितीय, तृतीय वर्ष में एलीमेंट्री बुक कीपिंग की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हुई है, ऐसे छात्र पर्यावरण विज्ञान अथवा एलीमेंट्री की परीक्षा देने हेतु आवेदन पत्रा के साथ निर्धारित शुल्क के साथ महाविद्यालय में दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 तक जमा करा सकते हैं। डाॅ. बत्रा ने बताया कि पर्यावरण विज्ञान अथवा एलीमेंट्री बुक कीपिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् ही सम्बन्धित छात्र-छात्रा को उक्त कक्षा की उपाधि प्राप्त हो सकेगी। अतः जिनकी उक्त परीक्षा किसी कारणवश अभी तक उत्तीर्ण नहीं हुई है वो तुरन्त पर्यावरण विज्ञान अथवा एलीमेंट्री बुक कीपिंग की परीक्षा देने हेतु महाविद्यालय में अपना आवेदन-पत्र जमा करा दे।

उन्होंने बताया कि ऐसे समस्त छात्र-छात्राओं की परीक्षा गत वर्ष की भांति बिड़ला परिसर, श्रीनगर में ही आयोजित की जायेगी। प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने विश्वविद्यालय को धन्यवाद प्रेषित करते हुए बताया कि छात्र-छात्राओं को अब अपनी प्रोविजनल डिग्री प्रमाण-पत्र हेतु परेशान नहीं होना पड़ेगा, जिन छात्र-छात्राओं ने सत्र 2015-16 के पश्चात् सीबीसीएस प्रणाली के अन्तर्गत स्नातक अथवा स्नातकोत्तर कक्षाओं में अपना नामांकन करवाया है तथा उनकी परीक्षा उत्तीर्ण हो चुकी है, ऐसे छात्र विश्वविद्यालय की बेबसाईट पर जाकर निर्धारित शुल्क जमा करके अपना प्रोविजनल प्रमाण-पत्र  आॅनलाईन निकाल सकते हैं।