Sunday, June 22, 2025
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कोटद्वार क्षेत्र के कण्वाश्रम में आयुर्वेद की रचना चरक डांडा में महर्षि चरक ने की थी :डॉ.हरक सिंह रावत

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(प्रमोद खण्डूडी)

‘पौड़ी में हुआ आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के आवासीय और अनावासीय भवन का शिलान्यास’

पौड़ी, प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, श्रम सेवायोजन, कौशल विकास, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने आज रविवार को माल रोड़ पौड़ी में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग के आवासीय और अनावासीय भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने निर्माण दायीं संस्था को शीघ्र ही भवन को तैयार करने के निर्देश दिए।
काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि करीब दो करोड़ 88 लाख की लागत से भवन का निर्माण कार्य किया जाना है। उन्होंने निर्माणदायी संस्था को राज्य स्थापना दिवस तक भवन को तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इस भवन का लोकार्पण किया जाएगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कबीना मंत्री डाॅ. रावत ने राज्य आंदोलन के समय की अपनी यादों को साझा किया। उन्होंने कहा कि पौड़ी जनपद के कोटद्वार क्षेत्र के कण्वाश्रम में आयुर्वेद की रचना चरक डांडा में महर्षि चरक ने की थी। उन्होंने कहा कि यह जनपद के लिए बड़ा हर्ष का विषय है कि आयुर्वेद की रचना पौड़ी जनपद में हुई थी। उन्होंने आयुर्वेदिक अधिकारी के प्रयासों को सराहनीय बताते हुए कहा कि जिस प्रकार से जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने भवन निर्माण के लिए स्थल चयन हेतु दौड़-धूप की है उसे अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। कहा की आयुर्वेदिक विभाग के लिए आज का दिन होली और दिवाली से कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कोटद्वार से लेकर पौड़ी व श्रीनगर तक सड़क मार्ग को ऑल वेदर रोड से जोड़ा जाएगा। इस कार्य के लिए करीब 1000 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है, जिससे पौड़ी को चारधाम यात्रा रूट से जोड़कर इस क्षेत्र का विकास किया जा सकेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र ने भवन में बनने वाले विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित भवन में भूतल पर पार्किंग तथा प्रथम व द्वितीय तल में कार्यालय गोदाम के साथ ही वैलनेस सेंटर और योगा सेंटर भी विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का मूल मंत्र ही वैलनेस और योगा है।

इसी तर्ज पर भवन में इन सेंटरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम में आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए उनका स्वागत और अभिनंदन किया।
इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी डॉ. एस.के. बरनवाल, विधायक प्रतिनिधि जगत किशोर बड़थ्वाल, सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश जुगरान, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेखा सिंह, डॉ अनुज कुमार, डॉ. राकेश सेमवाल, डॉ राजेश कुमार, डॉ. रितु जख्मोला, डॉ. अब्दुल कयूम खान, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. दीप्ति राणा, डॉ. रीना, संचालक गणेश खुगशाल ‘गणी‘, प्रदीप सजवाण, राजकुमारी सहित संबंधित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

पौड़ी : पंचायत कर्मचारी आवासीय भवन टाइप 2 का उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने किया लोकार्पण

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(प्रमोद खण्डूडी) “विकासखंड खिर्सू, पाबौ व थलीसैंण के पंचायत प्रतिनिधियों (ग्राम प्रधान, सदस्य पंचायत तथा सदस्य जिला पंचायत) का पीएफएमएस/पीईएस विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बतौर मुख्य अथिति डाॕ. धनसिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर किया शुभारम्भ”

पौड़ी, प्रदेश के उच्च शिक्षा, सहकारिता, दुग्ध विकास, प्रोटोकॉल (स्वतन्त्र प्रभार) मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज जनपद भ्रमण के दौरान पौड़ी में विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कर जिला पंचायत कर्मचारी आवासीय भवन टाइप-2 का लोकार्पण किया। तत्पश्चात् मा. मंत्री डाॅ. रावत ने प्रेक्षागृह पौड़ी में विकासखंड खिर्सू, पाबौ व थलीसैंण के पंचायत प्रतिनिधियों (ग्राम प्रधान, सदस्य पंचायत तथा सदस्य जिला पंचायत) का पीएफएमएस/पीईएस विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति के रूप में शिरकत कर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम में मा. मंत्री डाॅ. रावत ने कहा कि प्रत्येक गांव के लिए पांच योजनाओ को मुख्यरूप से शामिल किया गया है, जिसके तहत गांव का प्रवेश द्वार भव्य बनाया जाना, गांव में बेहतर यात्री शेड, पुस्कालय, पंचायत घर तथा स्कूल को बेहतर गुणवत्ता के साथ कार्य किया जायेगा। कहा कि समस्त जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि हर माह गांव में स्वच्छता व नशामुक्ति अभियान चलाए।

उन्होंने कहा कि सबसे स्वच्छ गांव को 50 हजार तथा नशामुक्त गांव को 01 लाख रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों व ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को समान्नित भी किया।
मा. मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के तीनों विकासखंडों में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले प्रधानों को चार राज्यों के प्रशिक्षण भ्रमण पर भेजेंगे। उन्होंने कहा कि विकासखंड खिर्सू व पाबौ के लिए नए विकासखण्ड भवन का निर्माण कार्य जल्द किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉकों को दो-दो नई एम्बुलेंस दी गयी है और अटल आयुष्मान योजना के तहत 05 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त किया गया है।

कहा कि जिन क्षेत्रों में थाने नहीं हैं उन क्षेत्रों में शांति व्यवस्था के लिए थाने भी खोलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा नारा है ‘सबका काम करना है‘‘, उन्होंने जनप्रतिनिधियों को कहा अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करें। कहा कि सरकार ने सभी स्कूलों को 100 प्रतिशत फर्नीचर वितरित किया है।साथ ही उज्ज्वला गैस कनेक्शन, हर गांव में सड़क, हर घर मे नल व हर नल में जल, बिजली कनेक्शन तथा शौचालय बनवा रहे हैं। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन परिवारों के शौचालय नही बन पाए हैं तथा जो परिवार उज्ज्वला कनेक्शन से छूट गए हैं उन्हें चिन्हित्त कर 100 दिन में योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें।

कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री घस्यारी योजना प्रारम्भ की है, जिसके तहत घस्यारियों को घास दिया जाएगा। साथ ही श्रीनगर विधनसभा के अंदर लगभग 15 हजार घस्यारियों को 02 दरांती, 01 कुदाल व 01 रस्सी दी जाएगी तथा हल लगाने वाले किसानों को प्रथम फेज में खिर्सू व पाबौ को 90 प्रतिशत सब्सडी पर हल दिया जाएगा। कहा कि सरकार शाहिद के परिवार से 01 व्यक्ति को सरकारी नौकरी दे रही है। कहा कि 1905 हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है, जिस पर फोन कर के अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।

सचिव पंचायती राज हरि चंद्र सेमवाल ने कहा कि पंचायती राज में कई बेहतर कार्य किये जा रहे हैं और राष्ट्रीय पंचायती राज पुरस्कार में पिछले वर्ष उत्तराखण्ड को 09 पुरस्कार मिले हैं। साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा प्लास्टिक का उपयोग कर विभिन्न वस्तुएं बनाई जा रही हैं। कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पंचायत प्रतिनिधि उत्तराखण्ड के प्रशिक्षण भ्रमण पर आए, जो कि पूरी तरह सफल रहा। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने ई-ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इसका शुभारंभ पारदर्शिता व उत्तरदायित्व के लिए प्रारम्भ किया गया। उन्होंने इस अवसर पर पंचायत भवन रिन्युवेशन, जल संवर्द्धन, ठोस तरल अवशिष्ट निस्तारण, स्वामित्व योजना तथा पंचायत इंटर प्राइज सूट के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, बहुउद्देशीय सहकारी संघ अध्यक्ष/भाजपा जिलाध्यक्ष संपत रावत, डीबीसी अध्यक्ष नरेंद्र रावत, नगर पालिकाध्यक्ष , अपर जिलाधिकारी डॉ. एस. के. बरनवाल, डीपीआरओ एम. एम. खान, पीएम स्वजल दीपक रावत सहित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी दीपक नेगी, ग्राम प्रधान मनीषा बहुगुणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

आयुष्मान कार्ड बनवाये  

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हरिद्वार 28 फरवरी (कुल भूषण) मानव अधिकार संरक्षण समिति एवं जुर्स कंट्री रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त संयुक्त तत्वाधान में आयुष्मान कार्ड बनवाने का शिविर जूस कंट्री वर्धमान टावर में लगाया गया जिसमें 80 लोगो ने  कार्ड  बनवाये । मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन आर्य ने कहा उक्त कार्ड के माध्यम से प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का इलाज बड़े अस्पतालों व सरकारी अस्पताल में करा सकते हैं।

डॉ मनीषा दीक्षित ने कहा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में प्रदेश के हर परिवार को निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। सरकारी और निजी अस्पताल में उपचार के लिए किसी को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

इस अवसर पर सुरेश चंद गुप्ता  जुर्स कंट्री रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के राजीव राय जितेन्द्र कुमार शर्मा अरविंद सिंह शुभाशीष डी एन जौहरी अजय दुर्र्गा  रोहित शर्मा  डॉ पंकज कौशिक डॉ विशाल गर्ग महामंत्री श्रीराम गुप्ता कमला जोशी अन्नपूर्णा बंधुनी  आदि ने भाग लिया।

गैरसैंण में बजट सत्र : दिखेंगे नए-नए आयाम, गांव-शहर का होगा समावेश : मुख्यमंत्री

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देहरादून, गैरसैंण में त्रिवेंद्र सरकार अपना पांचवा बजट पेश करेगी, कोविड महामारी से प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार एक मार्च को गैरसैंण में अपना पांचवां बजट पेश करेगी। चुनावी वर्ष में सरकार करीब 57 हजार करोड़ से अधिक का बजट लेकर आ रही है |

शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुये सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार को 2022 तक राज्य के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के संकल्प पूरा करना है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का भी दबाव है। जाहिर है कि बजट में सेहत और किसानों की चिंता देखने को मिल सकती है, त्रिवेंद्र सरकार के पांचवें बजट से खेती किसानी और स्वास्थ्य सुधार को लेकर काफी उम्मीदें है। कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ ही सरकार के सामने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने और जानलेवा वायरस कोरोना जैसी बीमारियों से निपटने की एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने कृषि व बागवानी के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन इन्हें धरातल पर उतारने के लिए बजट की दरकार है।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, खनन, विनिर्माण, व्यापार, होटल व अन्य सेवा क्षेत्रों पर निर्भर है। खेतीबाड़ी में मुनाफा न होने के कारण किसान खेती छोड़ कर पलायन कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद कृषि क्षेत्रफल में लगभग 17 प्रतिशत कम हुआ है। पहाड़ों में सिंचाई सुविधाओं का अभाव, कोल्ड चेन, मार्केटिंग का अभाव है। वहीं, राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। डॉक्टरों की कमी, वेंटीलेटर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन, डायलिसिस, नए मेडिकल कालेज समेत अन्य सुविधाओं के लिए अधिक बजट की दरकार है।

कृषि, स्वास्थ्य की सेहत पर रहेगी नजर :

राज्य में कृषि भूमि लगातार कम होने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादकता बढ़ी है। लेकिन पलायन के कारण लोग खेतीबाड़ी छोड़ रहे हैं। जिससे कृषि क्षेत्रफल कम हो रहा है। वर्ष 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कृषि क्षेत्र 0.81 प्रतिशत वृद्धि दर आंकी गई। प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। लेकिन पर्वतीय जिलों में सिंचाई की सुविधा मात्र 11 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में है। चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी, नैनीताल जिलों में सिंचित क्षेत्र 10 प्रतिशत से भी कम है।

राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में जीडीपी का लगभग तीन प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। पहले की तुलना में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट हर साल बढ़ रहा है। इसके बावजूद भी दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश का स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू कर दिया। इस पर खरा उतरने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार की जरूरत है। इसके लिए आम लोगों की सेहत के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के ज्यादा बजट जरूरत है।

वर्ष 2018 -19 कृषि 966.68, स्‍वास्‍थ्‍य 2286.57
वर्ष 2019-20 कृषि 1341.34 स्वास्थ्य 2545.40
वर्ष 2020-21 कृषि 1048.10 स्वास्थ्य 2477.23
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित विधानसभा में एक मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में पेश होने वाले बजट में गांव और शहर का समावेश होगा। यह कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। मुख्यमंत्री के मुताबिक, इस बार के बजट में नए-नए आयाम देखने को मिलेंगे,
मुख्यमंत्री शनिवार को मीडिया कर्मचारियों से बातचीत कर रहे थे। बता दें कि एक मार्च से शुरू हो रहा बजट सत्र त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसके बाद सत्तारूढ़ दल को चुनाव की तैयारी में जुटना है। इस लिहाज से इसे चुनावी बजट माना जा रहा है।

सरकार के इस बजट से खास उम्मीदें लगी हैैं। हालांकि, बजट के स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने चिर परिचित लहजे में जता दिया कि बजट में प्रदेश के हर वर्ग को सौगातें मिलेंगी।

बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर विधान सभा का करेंगे दौरा

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चमोली, रानीखेत व द्वाराहाट होते हुए मुख्यमंत्री कल सोमवार (1मार्च) से शुरू हो रहे बजट सत्र के लिये गैरसैंण (भराड़ीसैण) पहुँच गये |
मुख्यमंत्री का कहना है कि जनता से संवाद के दौरान कई बार ऐसे सुझाव मिलते हैं, जो ज्यादा व्यावहारिक होते हैं। नॉलेज शेयरिंग का यह सिलसिला स्वस्थ लोकतंत्र का लक्षण है। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछली बार सत्र के दौरान वह सड़क मार्ग से ही गैरसैण गए थे। उस दौरान उन्होंने स्थान-स्थान पर जनता से संवाद किया और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने द्वाराहाट में शिक्षा में सुधार को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्तर के उन स्कूलों को क्लब किया जाएगा, जिनमें छात्रों की संख्या कम है। क्लब करने के बाद प्रत्येक स्कूल में पांच-पांच शिक्षक तैनात किए जाएंगे और स्कूल वैन भी लगाई जाएगी,

राज्यपाल भी पहुंचेंगी भराड़ीसैंण
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी आज शाम तक भराड़ीसैंण पहुंचेंगी। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि राज्यपाल रविवार को हेलीकॉप्टर से भराड़ीसैंण हेलीपैड पहुंचेंगी। वहां से कार से विधानसभा आवास पहुंचेंगी और एक मार्च को बजट सत्र में अभिभाषण देंगीं।
गैरसैंण रवाना होने से पहले सीएम त्रिवेंद्र ने कुमाऊं मंडल भ्रमण के दूसरे दिन यानी आज सुबह रानीखेत में हैड़ाखान मंदिर जाकर भोले बाबा के दर्शन किए।
बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर विधानसभा का दौरा करेंगे। इस दौरान वे जन समस्याओं का सुनेंगे और मौके पर ही उसके समाधान का प्रयास करेंगे। बकौल, मुख्यमंत्री जनता और जनप्रतिनिधि के बीच निरंतर संवाद होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकतर विधानसभाओं का दो से तीन बार दौरा किया है। आने वाले समय में एक बार फिर हर विधानसभा का दौरा करूंगा। इस दौरान जनता से मिलूंगा और उनकी समस्याएं सुनूंगा। उनकी पूरी कोशिश है कि वह जनता से जितना अधिक संवाद कर सकते हैं, करेंगे। उनका मानना है कि जनता और जनप्रतिनिधि के बीच जितना अधिक संवाद होगा, उतना ही जनता के मन को समझने का अवसर मिलेगा।

हल्द्वानी : गमगीन माहौल में हजारों लोग पहुॕचे अंतिम यात्रा में, एक ही परिवार ने खोये 4 सदस्य

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( चन्दन सिंह बिष्ट )

हल्द्वानी- लालकुआं इंडियन ऑयल डिपो के पास देर रात हाईवे में हुए भीषण दर्दनाक हादसे में हल्द्वानी के इंदिरा नगर ठोकर के रहने वाले शाहिद और उसके परिवार के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई सितारगंज से सगाई समारोह से लौट रहे परिवार जनों की ऑल्टो एक ट्रक से टकरा गई इस भीषण हादसे में साजिद की मौके पर ही मौत हो गई थी और परिवार के तीन लोगों की मौत उपचार के दौरान हुई जबकि दो गंभीर घायलों का इलाज चल रहा है। रविवार को इस गम के माहौल में जनाजे में हजारों लोगों ने शिरकत की।
शाहिद, आसमा, अरशूल, गाजी के जनाजे को देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई संवेदना व्यक्त करने पहुंचे उप जिला अधिकारी और तहसीलदार को आक्रोशित स्थानीय लोगों ने वापस कर दिया। इस दौरान प्रशासन को भी स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ा। उप जिलाधिकारी सहित प्रशासनिक अमला जब पीड़ित परिजनों के घर पहुंचा तो वहां जनप्रतिनिधियों ने भारी आक्रोश जताया लोगों का कहना था कि इतनी भीषण हादसे के बाद भी डॉक्टरों की उपलब्धता अस्पताल में नहीं रही वहीं उप जिलाधिकारी विवेक राय ने कहा कि इस पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जा रही है साथ ही नियमों के अनुसार यदि मुआवजा मिलने की गुंजाइश होगी तो वह भी दिया जाएगा।

इस दर्दनाक हादसे में काल कलवित लोगों के अंतिम यात्रा में हजारों लोगों का जनसैलाब गमगीन माहौल में उमरा लाइन नंबर 17 से मंगल पड़ाव तक हजारों लोग जनाजे में शामिल रहे इस दौरान पूर्व सड़क में जाम की स्थिति बनी रहे अचानक हुई इस घटना की वजह से एक परिवार की खुशियां मातम में बदल गई लिहाजा हर कोई गम जदा दिखाई दिया।

रानीखेत : हेडाखान भोले बाबा आश्रम में शिव मंदिर में मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना

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अल्मोड़ा/रानीखेत , जनपद भ्रमण पर आए मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रानीखेत के निकट स्थित चिलियानौला में हेडाखान भोले बाबा जी के आश्रम में स्थित शिव मंदिर में भगवान के दर्शन के साथ की। ईश्वर से उन्होंने उत्तराखंड की उन्नति, खुशहाली और समृद्धि की कामना की।

बाबा की विद्वता व सिद्धि को देखते हुए स्थानीय लोग उनकी पूजा करते थे। अब बाबा के ब्रह्मलीन होने के पश्चात् इस मंदिर में बाबा के मूर्ति रूप की पूजा की जाती है। उनके असंख्य भक्त बाबा को भगवान शिव का अवतार मानते हैं और बाबा को हेड़ाखान महाराज के नाम से जाना जाता हैं। यह मंदिर भगवान शिव और बाबा हेड़ाखान जी महाराज को समर्पित हैं।

इस अवसर पर चाय बोर्ड उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलख्वाल, अध्यक्ष आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति कैलाश पंत, भाजपा जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग ज्योति साह, कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल, आयुक्त कुमाऊं मंडल अरविंद सिंह ह्यांकी, डीआईजी कुमाऊं अजय रौतेला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत अपूर्वा पांडे, नगर पालिका अध्यक्ष कल्पना देवी, भाजपा के रविंद्र जायसवाल, प्रेम शर्मा, जीवन सिंह, मंदिर के जनरल सेक्रेटरी संजीव शर्मा, वित्तीय सलाहकार मनोज आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड का गैरसैंण में 4 मार्च को बजट सत्र : दिखेंगे नए-नए आयाम, गांव-शहर का होगा समावेश : मुख्यमंत्री

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देहरादून, गैरसैंण में त्रिवेंद्र सरकार अपना पांचवा बजट पेश करेगी, कोविड महामारी से प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार चार मार्च को गैरसैंण में अपना पांचवां बजट पेश करेगी। चुनावी वर्ष में सरकार करीब 57 हजार करोड़ से अधिक का बजट लेकर आ रही है | शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुये सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार को 2022 तक राज्य के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के संकल्प पूरा करना है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का भी दबाव है।

जाहिर है कि बजट में सेहत और किसानों की चिंता देखने को मिल सकती है, त्रिवेंद्र सरकार के पांचवें बजट से खेती किसानी और स्वास्थ्य सुधार को लेकर काफी उम्मीदें है। कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ ही सरकार के सामने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने और जानलेवा वायरस कोरोना जैसी बीमारियों से निपटने की एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने कृषि व बागवानी के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन इन्हें धरातल पर उतारने के लिए बजट की दरकार है।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, खनन, विनिर्माण, व्यापार, होटल व अन्य सेवा क्षेत्रों पर निर्भर है। खेतीबाड़ी में मुनाफा न होने के कारण किसान खेती छोड़ कर पलायन कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद कृषि क्षेत्रफल में लगभग 17 प्रतिशत कम हुआ है। पहाड़ों में सिंचाई सुविधाओं का अभाव, कोल्ड चेन, मार्केटिंग का अभाव है। वहीं, राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। डॉक्टरों की कमी, वेंटीलेटर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन, डायलिसिस, नए मेडिकल कालेज समेत अन्य सुविधाओं के लिए अधिक बजट की दरकार है।

कृषि, स्वास्थ्य की सेहत पर रहेगी नजर :

राज्य में कृषि भूमि लगातार कम होने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादकता बढ़ी है। लेकिन पलायन के कारण लोग खेतीबाड़ी छोड़ रहे हैं। जिससे कृषि क्षेत्रफल कम हो रहा है। वर्ष 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कृषि क्षेत्र 0.81 प्रतिशत वृद्धि दर आंकी गई। प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। लेकिन पर्वतीय जिलों में सिंचाई की सुविधा मात्र 11 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में है। चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी, नैनीताल जिलों में सिंचित क्षेत्र 10 प्रतिशत से भी कम है।

राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में जीडीपी का लगभग तीन प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। पहले की तुलना में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट हर साल बढ़ रहा है। इसके बावजूद भी दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश का स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू कर दिया। इस पर खरा उतरने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार की जरूरत है। इसके लिए आम लोगों की सेहत के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के ज्यादा बजट जरूरत है।

वर्ष 2018 -19 कृषि 966.68, स्‍वास्‍थ्‍य 2286.57
वर्ष 2019-20 कृषि 1341.34 स्वास्थ्य 2545.40
वर्ष 2020-21 कृषि 1048.10 स्वास्थ्य 2477.23
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित विधानसभा में एक मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में पेश होने वाले बजट में गांव और शहर का समावेश होगा। यह कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। मुख्यमंत्री के मुताबिक, इस बार के बजट में नए-नए आयाम देखने को मिलेंगे,
मुख्यमंत्री शनिवार को मीडिया कर्मचारियों से बातचीत कर रहे थे। बता दें कि एक मार्च से शुरू हो रहा बजट सत्र त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसके बाद सत्तारूढ़ दल को चुनाव की तैयारी में जुटना है। इस लिहाज से इसे चुनावी बजट माना जा रहा है।

सरकार के इस बजट से खास उम्मीदें लगी हैैं। हालांकि, बजट के स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने चिर परिचित लहजे में जता दिया कि बजट में प्रदेश के हर वर्ग को सौगातें मिलेंगी।

मैसूर मसाला डोसा से वीकेंड पर बनाएं ………

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डोसा (Dosa) कई लोगों को काफी पसंद होता है. डोसे कई तरह के होते हैं मसलन – मसाला डोसा, रवा डोसा, पनीर डोसा लेकिन मैसूर मसाला डोसे (Mysore Masala Dosa) की बात ही अलग होती है. यह बाहर से क्रिस्पी होता है और अंदर से लाल चटनी की परत लगी होती है जो इसके स्वाद को बढ़ाती है. यह खाने में चटपटा होता है. इस बार वीकेंड पर घर वालों के लिए मैसूर मसाला डोसा जरूर बनाएं. आइए आपको बताते हैं मैसूर मसाला डोसा बनाने की रेसिपी (Recipe) के बारे में.

मैसूर मसाला डोसा बनाने की सामग्री
1 कप (हल्के उबले हुए) चावल
1/4 कप उड़द दाल3 टेबल स्पून तूर दाल
3 टेबल स्पून सूजी
1 टी स्पून मेथी दाना
स्वादानुसार नमक

मसाला बनाने के लिए-
250 आलू
1 कप प्याज (कटा हुआ)
1 टी स्पून लहसुन (टुकड़ों में कटा हुआ)
1 टी स्पून अदरक (टुकड़ों में कटा हुआ)
2 टेबल स्पून हरा धनिया (टुकड़ों में कटा हुआ)
स्वादानुसार नमक
तेल
1 टी स्पून सरसों के दाने
एक टहनी कढ़ीपत्ता

लाल चटनी बनाने के लिए-
5-6 लहसुन की कलियां
एक चुटकी अदरक
2 लाल साबुत मिर्च
1 टेबल स्पून चना दाल (तला हुआ)
स्वादानुसार नमक

मैसूर मसाला डोसा बनाने की वि​धि
– सूजी को छोड़कर सारी सामग्री को 4 घंटे के लिए भिगो दें. फिर इसमें सूजी, नमक और पानी मिलाएं. बैटर बनाकर इसे एक तरफ रख दें पूरी रात इसे खमीर होने दें.

– दूसरी तरफ आलू को उबाल लें और उन्हें मैश करें. अदरक, लहसुन, हरा धनिया, हरी मिर्च और प्याज को पीसकर एक पेस्ट बना लें.

– एक पैन में तेल गर्म करें और इसमें सरसों के दाने डालें. इसमें प्याज को डालकर भूनें. इसमें पेस्ट डाले और उसे कुछ देर फ्राई करें. इसमें टमाटर, आलू, नमक और कढ़ीपत्ता डालें.

– वहीं लाल चटनी बनाने के लिए चने की दाल को हल्का ब्राउन होने तक रोस्ट करें. आप चाहे तो प्याज, लहसुन और अदरक को भी पीसने से पहले एक मिनट के लिए रोस्ट कर सकते हैं.

– सभी सामग्री को पीसकर पेस्ट बना लें. अब डोसा बनाने के लिए एक पैन पर थोड़ा सा तेल डालकर गर्म करें और इस पर बैटर फैलाएं. डोसे के चारों तरफ तेल डालकर अच्छे से फ्राई करें. डोसे पर लाल चटनी लगाएं. थोड़ी सी आलू की फीलिंग लगाएं और गर्म-गर्म डोसा सर्व करें.

मार्च का महीना शुरू, इस महीने 11 दिन रहेंगे बैंक बंद, जानिये..!

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नई दिल्ली, मार्च का महीना शुरू हो गया है इसी के साथ ही ये फाइनेंशियल ईयर का आखिरी महीना होगा। इस महीने में आमतौर पर बैंकों से जुड़े कामकाज कुछ ज्यादा बढ़ जाते हैं। इसी लिए बैंक जाने से पहले ही मार्च महीने की छुट्टियों की लिस्ट जान लें। जानकारी के अनुसार इस महीने 11 दिन बैंक बंद (Bank Holidays) रहने वाले हैं। आरबीआई (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार देश में कार्यरत बैंक रविवार के अलावा महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं, साथ ही मार्च में कुछ अतिरिक्त छुट्टियां भी हैं और कुछ क्षेत्रीय त्योहार भी हैं। इन त्योहारों पर देश के कुछ राज्यों में बैंकों की छुट्टियां होंगी।

मार्च महीने में इस-इस तारीखों और दिन को बन रहेगा बैंक।

5 मार्च : 5 मार्च को Chapchar Kut पड़ रहा है। इस दिन Aizawl (आइजोल- मिजोरम की राजधानी) में सारे बैंक बंद रहेंगे।
11 मार्च : 11 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) है। इस दिन देश के कई राज्यों में बैंकों में कामकाज बंद रहेगा।
13 मार्च : महीने का दूसरा शनिवार होने की वजह से अवकाश रहेगा।
14 मार्च : रविवार होने की वजह से बैंकों का साप्ताहिक अवकाश रहेगा।
15 मार्च : 15 मार्च दिन सोमवार को कुछ बैंक यूनियनों ने हड़ताल करने की घोषणा की है।
21 मार्च : रविवार होने की वजह से बैंकों का साप्ताहिक अवकाश रहेगा।
22 मार्च : 22 मार्च को बिहार दिवस है। ऐसे में बिहार राज्य में लगातार 2 दिन तक बैंक बंद रहेंगे।
27 मार्च : 27 मार्च को चौथे शनिवार की वजह से देशभर में बैंक बंद रहेंगे।
28 मार्च : 28 मार्च को रविवार है। लिहाजा देश के कुछ राज्यों में लगातार 4 दिन बैंक बंद रहेंगे।
29 और 30 मार्च: 29 और 30 मार्च को होली का त्योहार होने की वजह से बैंकों में अवकाश रहेगा।