Friday, June 13, 2025
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जरुरत पड़ी तो भाजयुमो दूसरे चरण में भी ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कराएगा: मदन कौशिक

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देहरादून , प्रदेश के अस्पतालों में ब्लड की कमी को दूर करने के लिए भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश भर में ब्लड डोनेशन कैंप कर रहा है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर भाजयुमो और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश भर के कैंप आयोजित किये जा रहे है।

शुक्रवार को भाजपा के महानगर कार्यालय में आयोजित ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन कैम्प में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी भाजपा दुष्यन्त कुमार ,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय जी व युवा मोर्चा अध्यक्ष कुन्दन लटवाल पहुंचे।

राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा की भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुन्दन लटवाल व उनकी युवा मोर्चा की टीम को बधाई देता हूँ जिन्होंने इस संकट की घड़ी में प्रदेशव्यापी रक्त दान शिविर जैसे अभियान का संकल्प लिया उन्होंने कहा स्वेच्छा से रक्तदान करना पुण्य काम है क्योंकि यह किसी दूसरे के जीवन की रक्षा करता है। और साथ ही दिल की बीमारियों और रक्तचाप के खतरों को भी कम करता है।
उन्होंने कहा एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह में रक्तदान कर सकता है। उन्होंने अपील भी की कि टीका लेने के 15 दिनों के अंदर रक्तदान न करें।

प्रदेश प्रभारी भाजपा दुष्यन्त कुमार ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगो को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा पूरा देश इस बीमारी से आजाद होने के लिए लड़ रहे हैं। जैसे देश को आजाद कराने में युवाओं ने अपना बलिदान दिया था। वैसे ही भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ता इस लड़ाई संघर्ष करते रहेंगे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कोविड काल में लोगों को खून की कमी के कारण परेशान नहीं होना पड़े। इसलिए शिविर लगाकर रक्त संग्रह की सार्थक शुरुआत की गई है। कहा कि युवा मोर्चा को पहले चरण में 2 हज़ार यूनिट ब्लड एकत्रित करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लड की कमी नहीं होने दी जायेगी। मोर्चा जरुरत के मुताबिक दूसरे चरण में भी ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करेगा।

प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय जी ने कहा ने कहा कि कोरोना की इस वैश्विक महामारी में सेवा ही संगठन की उद्दात भावना को साथ लेकर कार्य करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा पुरे कोरोना काल मे पीड़ितों के साथ हर कदम पर खड़ा रहा।

ब्लड डोनेशन कैंप के संयोजक प्रदेश मंत्री आदित्य चौहान ने कहा कि इस महामारी से जूझ रहे जनमानस उत्तम और स्वस्थ्य रहें। आदित्य चौहान ने बताया कि आज प्रदेश भर से यूनिट ब्लड स्टोर किया गया
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुन्दन लटवाल ने युवाओं से अपील करते कहा कि, जरूरतमंदों की सेवा के लिए युवा मोर्चा के अभियान से जुड़ें और प्रदेश में सकारात्मक वातावरण के निर्माण में सहयोग दें। प्रदेश में कोरोना रोगियों के लिये रक्त
की बहुत आवश्यकता है, आप सभी से अपील है कि वैक्सीनेशन से पहले उदारता से करें, और किसी का जीवन बचायें।
इस मौके पर राजपुर विधायक खजान दास, भाजपा जिलाध्यक्ष महानगर सीताराम भट्ट, युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री रंजन बर्गली, हरजीत सिंह, युवा मोर्चा जिला प्रभारी नीरज पंत, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अंशुल चावल प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल विपुल मेंदोली, आशिष रावत विवेक जैन, राकेश नेगी,विमल चौधरी, विवेक जैन , अर्चित डाबर व अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मुनस्यारी : ‘गुरुप’ की पहल, कोविड संक्रमितों की मदद को आगे आये एसडीआरएफ के जवान

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पिथौरागढ़ (मुनस्यारी), कोविड प्रबधंन गुरुप नित नये आयामों के साथ कार्य कर रहा है। गुरुप के पहल के बाद आज बुई से एक कोविड संक्रमित को स्टेचर में पैदल लाने का काम एस.डी.आर.एफ.के जवानों ने किया। एक फोन पर दरांती के कोविड संक्रमित विधवा महिला के तीन नाबालिक बच्चों के लिए राशन किट भेजा गया। मुनस्यारी में कोविड संक्रमितों के इलाज से लेकर उनके घर – परिवार तक की देखभाल की जा रही है।

कोविड नियंत्रण के लिए जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया द्वारा इस गुरुप को बनाया गया। बुई में दो पोजिटिव को होम आइसोलेशन किया गया था। बुई की ग्राम प्रधान लक्ष्मी रलमाल तथा आशा कार्यकत्री पानुली गनघरिया ने बताया कि कोरोना पोजेटिव गोपाल सिंह पुत्र हिम्मत सिंह उम्र 76 वर्ष की हालात बहुत खराब हो गयी है। पीपीई किट के अभाव में कोई भी गांव वाले संक्रमित को इलाज के लिए मुनस्यारी लाने पर सहमत नहीं हो रहे है। तीन किमी पैदल यात्रा के साथ लीलम में वाहन की सुविधा उपलब्ध है।

जिपं सदस्य मर्तोलिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम, एडीएम, एसडीएम तथा नोडल अधिकारी स्वास्थ को मैसेज किया। एसडीएम अभय प्रताप सिंह तथा नोडल अधिकारी डां चंदोला ने बुई के लिए एस.डी.आर.एफ.के जवानों को रवाना किया।
पीपीई किट में जवानों ने इस कोरोना पोजेटिव को तीन किमी स्टेचर में पैदल अपने कंधों में लाते हुए लीलम सड़क पर पहुंचाया। गोपाल सिंह के कोई बच्चे नहीं है। पत्नी खिमुली देवी को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
इस संक्रमित को मुनस्यारी में कोविड अस्पताल में रखा जायेगा।

दरांती की आशा कार्यकत्री कलावती बरफाल का फोन आया कि गांव की विधवा महिला जानकी मेहता कोरोना पोजेटिव आई थी, इनकी हालात खराब होने पर इन्हे टी.आर.सी.में बने कोविड सेन्टर में भर्ती किया गया है। घर में तीन नाबालिक लड़किया है। राशन आदि सामान खत्म हो गया है। दस बजे के बाद सड़क मे वाहन नहीं चलते है। समय की नजाकत को देखते हुए जिपं सदस्य मर्तोलिया ने थानाध्यक्ष हेम चन्द्र पंत को राशन का किट दरांती पहुंचाने का अनुरोध किया। थानाध्यक्ष पंत ने राशन का किट आशा कार्यकत्री के साथ दरांती इन बच्चों के पास पहुंचा दिया।

आज जलथ गांव में 7 लोगों की कोविड रिर्पोट पोजेटिव आई है। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
सीमांत में यह गुरुप कोविड रोकथाम तथा संक्रमितो की सेवा में 24 घंटे लगा हुआ है।
जिपं सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि हर गांव पर इस गुरुप के माध्यम से नजर रखना बेहद आसान है। इससे हम कुछ बेहतर कर पा रहे है। पुलिस , प्रशासन तथा स्वास्थ विभाग से अच्छा सहयोग मिल रहा है।

खास खबर : उत्तराखंड़ कैबिनेट बैठक समाप्त, लिये गये 12 निर्णय, कोविड के लिये विधायकों एक करोड़

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देहरादून, कोरोना संकट के बीच उत्तराखण्ड़ सरकार की कैबिनेट बैठक हुई, बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों में चर्चा के बाद निर्णय लिया गया, कैबिनेट में लिये गये 12 निर्णयों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता श्री सुबोध उनियाल ने दी।

+फूलों की घाटी ईको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत हेमकुंड साहेब, घांघरिया, लोकपाल मन्दिर संशोधित प्रस्ताव के अंतर्गत बाहर करते हुए आबादी विहीन क्षेत्र के रूप में पुनः प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।

+ध्वनि प्रदूषण विनियमन नियंत्रण 2000 के अंतर्गत राज्य के विभिन्न क्षेत्र आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं शांत क्षेत्र में जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत प्रथम उल्लंघन पर व्यक्ति के लिये 01 हजार, मनोरंजन संचालक के लिये 05 हजार, होटल संचालक के लिये 10 हजार औद्योगिक एवं खनन के लिये 20 हजार की क्षति पूर्ति ली जायेगी।

+कोविड के लिये विधायकों को 1 करोड़ रूपये की धनराशि दी गयी थी। एक बार में सुदूर क्षेत्र में 25 लाख व्यय की सीमा को प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिससे सुदूर क्षेत्र में मेडिकल की सुविधा मिलने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाली अधिप्राप्ति नियमावली की छूट भी इस पर लागू होगी।
+ईको पार्क, नरेन्द्र नगर, मुनिकीरेती, सोसायटी मॉडल में चलाई जायेगी। हिमालयन पारिस्थितिकी सुधार जैव विविधता आजीविका संवर्धन संस्थान (हर्बल) को गवर्निंग बॉडी जिसके मुख्य संरक्षक मुख्यमंत्री होंगे, वन मंत्री संरक्षक तथा क्षेत्रीय विधायक सह संरक्षक होंगे। इसके अतिरिक्त प्रबंधकीय समिति के मुख्य संरक्षक अपर मुख्य सचिव और पदेन अध्यक्ष विभागाध्यक्ष वन तथा उपाध्यक्ष प्रमुख वन संरक्षक तथा वनाधिकारी, जन प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे।

+राजस्व परिषद, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी की सेवा नियमावली प्रख्यापित की गयी।

+रामनगर में पुरानी तहसील की खाली भूमि प्राधिकरण को बहुमंजिला पार्किंग बनाने के लिये निःशुल्क दिया जायेगा।

+राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भटवाड़ी में स्वामी विवेकानंद हैल्थ सोसायटी को 2.4 हैक्टेयर जमीन खरीदने के लिये स्टांप ड्यूटी में छूट होगी। जिसकी धनराशि 12 लाख 68 हजार 750 है।

+हरिद्वार मेडिकल कालेज 90ः10 के अनुपात की केन्द्र सहायतीत योजना के अंतर्गत जगजीतपुर में बनने वाले 325 करोड़ लागत के निर्माण कार्य की तकनीकी परीक्षण लागत अधिक पाये जाने पर इसकी लागत बढ़कर 538.40 करोड़ रूपये आंकलित की गयी है। इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा 25 करोड़ अवमुक्त किया गया है, इसी अनुपात में राज्यांश में वृद्धि होगी।
+हरिद्वार, पिथौरागढ़, रूद्रपुर मेडिकल कालेज में संविदा के आधार पर कार्य करने वाले प्राचार्य को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार इस आशय से दिया जायेगा कि इनके साथ संयुक्त हस्ताक्षर वित्त नियंत्रक के भी होंगे |
+मेला अस्पताल हरिद्वार को मिलने वाली एम.आर.आई मशीन को दिल्ली से इस आशय से लाने की अनुमति दी गयी है कि पहले केन्द्र सरकार से अनुमति ले ली जाये |
+कोविड को देखते हुए राष्ट्रीय एवं राजकीय खाद्य योजना के अंतर्गत 03 माह (जून, जुलाई, अगस्त) के लिये 02 किलो चीनी प्रति कार्ड 25 रू./किलो की दर से दिया जायेगा।
+ जल जीवन मिशन में 2 करोड़ तक के कार्य की तकनीकि परीक्षण स्वीकृति अब शासन के बजाय जिलाधिकारी जनपद स्तर की समीति के माध्यम से अनुमति दे सकेंगे |

किसान आंदोलन : ‘न हम हारे, न तुम जीते’, वाला फार्मूला अपनाने से बनेगी बात

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(नरेन्द्र भल्ला)

नई दिल्ली, आज़ाद भारत के इतिहास में किसी सरकार और किसानों के बीच यह पहला ऐसा टकराव है जिसे आज छह महीने पूरे हो गए. लेकिन दोनों में से कोई भी पक्ष झुकने को जरा भी राजी नहीं है. तीन कृषि कानूनों को लागू करना सरकार ने जहां अपनी नाक का सवाल बना लिया है, तो वहीं किसान इसे वापस लेने के सिवा और किसी समझौते के लिए तैयार नहीं दिखते. ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले सात बरस में हर समस्या का समाधान निकालने वाली मोदी सरकार आखिर पिछले छह महीने से किसान आंदोलन को ख़त्म करने का फार्मूला क्यों नहीं निकाल पा रही है ?

जब दोनों ही पक्ष जिद पर अड़े हों, तो समाधान निकालने के लिए किसी एक पक्ष को तो अपनी जिद छोड़नी ही पड़ेगी, लेकिन छोड़ेगा कौन? यही बड़ा सवाल है. लगता तो यही है कि किसान आंदोलन को ख़त्म कराने के लिये अब सरकार को ‘न हम हारे और न तुम जीते’ वाले फार्मूले पर ईमानदारी से काम करना होगा |

 

जानकार मानते हैं कि सरकार में बैठे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे शख्स हैं जिनका किसान संगठनों के बीच इतना इक़बाल तो आज भी है कि किसान उनकी बात को सिरे से ठुकरा नहीं सकते. लिहाजा, सरकार को उन्हें किसानों से बातचीत के लिए आगे करने में कोई हिचक है या फिर उन पर पूरा भरोसा नहीं है कि वे इन कानूनों के जरिये उद्योगपतियों को होने वाले हितों का ख्याल नहीं रखेंगे? ये सवाल इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में अगर राजनाथ के प्रयासों से कोई रास्ता निकलता है, तो उन चुनावों में किसानों के गुस्से से बीजेपी को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है |

पिछले छह महीने से हर मौसम की मार झेलने के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के हौसलों को पस्त करने-कराने की हर तरक़ीब आजमाने के बाद अब सिर्फ बातचीत के जरिये ही इस आंदोलन को ख़त्म करने का रास्ता बचा है. जाहिर है कि सरकार कोई भी हो, वो पहले अपना ही फायदा देखती है. लेकिन सियासी इतिहास गवाह है कि कुछ मसले ऐसे भी आ जाते हैं, जब सरकार के हुक्मरानों ने अहंकार छोड़कर थोड़ा झुकने से ही अपना राजनीतिक फायदा हासिल किया है. किसानों का मसला भी कुछ इसी तरह का है |

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि “हम अगले तीन साल की तैयारी से यहां आये हैं, यानी जून 2024 तक इसी तरह से डटे रहेंगे. बेहतर होगा कि उससे पहले ही सरकार हमारी बात मान ले.” इन तेवरों से साफ है कि किसानों की प्लानिंग अगले लोकसभा चुनाव तक की है, जिसमें वे सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ हवा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. साथ ही टिकैत यह याद दिलाना नहीं भूलते कि “कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रुप से कहा था कि मेरे और किसानों के बीच सिर्फ एक टेलीफोन कॉल की दूरी है. तो अब प्रधानमंत्री हम लोगों से बात करने में क्यों घबरा रहे हैं |”

सरकार और किसानों के बीच पिछले अक्टूबर से लेकर अब तक 11 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी भी किसानों को मनाने में नाकाम रही है. लिहाज़ा सरकार अब अपने एक ठोस फार्मूले का इस्तेमाल करके इसका हल निकालने की कोशिश कर सकती है. पहले राजनाथ किसानों से बातचीत करके इतनी जमीन तैयार कर लें कि जहां दोनों पक्ष किसी समझौते तक पहुंच सके. उसके बाद खुद प्रधानमंत्री किसान संगठनों के चुनिंदा प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे चर्चा करें जिसमें राजनाथ भी मौजूद हों और तब अंतिम समझौते का ऐलान किया जाये जिसमें न किसी की हार होगी और न ही जीत(साभार एबीपी न्यूज)|

उत्‍तराखंड में ब्लैक फंगस से एक और मरीज की मौत, 15 नए मरीज मिले

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देहरादून, उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को प्रदेश में 15 नए मरीज मिले हैं, जबकि एक मरीज की मौत हुई है। देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में कुल 148 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 12 मरीजों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, देहरादून जिले में अब तक सबसे अधिक 141 मरीजों का उपचार चल रहा है। जबकि नैनीताल में छह और ऊधमसिंह नगर जिले में एक मरीज मिला है। देहरादून जिले में 10, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

उधर, एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के कुल 101 मरीज आ चुके हैं। वहीं एम्स में अब तक सात मरीजों की मौत हो चुकी है। बुधवार को यहां नौ नए मरीज भर्ती किए गए। अभी तक दो मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। फिलहाल एम्स में 92 रोगी भर्ती हैं। उधर, हिमालयन हॉस्पिटल जौली ग्रांट में 18 मामले आ चुके हैं। दो की मृत्यु हो गई है। छह मरीजों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

मसूरी में तीन लोग मिले संक्रमित

शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को कुल 89 लोग की रैपिड एंटीजन जांच की गई, जिसमें तीन लोग संक्रमित पाए गए। इसके अलावा 58 लोग के सैंपल आरटीपीसीआर जांच को लिए गए हैं। उप जिलाधिकारी मनीष कुमार के अनुसार, शहर में अभी सात कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं। वहीं 90 व्यक्तियों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। इसके अलावा 29 लोग ने कोरोना से जंग जीत ली है।

हाई कोर्ट का उधमसिंह नगर के डीएम को अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई का आदेश, 23 जून तक रिपोर्ट करें पेश

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नैनीताल, उत्तराखंड़ हाई कोर्ट ने पंतनगर में नेशनल हाइवे, नंगला और पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर से अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही कर 23 जून तक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 जून की तिथि नियत की है,

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने रिपोर्ट पेश कर माना है कि इन जगहों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है।

पंतनगर निवासी अजय कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जिला उधमसिंह नगर के पंतनगर, नगला, नेशनल हाइवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी की सरकारी भूमि पर पिछले कई सालों से अतिक्रमण कर अवैध रूप से निर्माण कर लिया है। जिससे नेशनल हाइवे की सड़क संकरी हो गई है। और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में सार्वजनिक सम्पत्ति पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है नेशनल हाइवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी की भूमि में अतिक्रमण कारियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए और उन्हें हटाया जाय।

चमोली : अतिक्रमण हटाने गई नगर पंचायत व राजस्व टीम डंडे और पथरों से हुआ हमला, तीन अधिकॎरियों के साथ कई हुये चोटिल

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चमोली (पोखरी) जनपद चमोली के पोखरी में गोदी बैंड के समीप वन पंचायत की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने गई नगर पंचायत व राजस्व पुलिस की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया। पथराव में पुलिस टीम के तीन अधिकारियों समेत छह लोग चोटिल हो गए जबकि राजस्व व नगर पंचायत के अधिकारियों को भी चोटें आई हैं। मौके को देखते हुए जिले से अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई। एसडीएम वैभव गुप्ता ने कहा कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, नगर पंचायत पोखरी के देवस्थान वार्ड व पोखरी नगर के मध्य स्थित गोदी बैंड के समीप लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायतें नगर पंचायत और राजस्व विभाग को मिल रही थीं। बृहस्पतिवार को एसडीएम के निर्देश पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रोशन पुंडीर, राजस्व उपनिरीक्षक मनोज बर्तवाल, शांति प्रसाद डिमरी व देवेंद्र मडवाल तथा थानाध्यक्ष वैभव गुप्ता पुलिस टीम के साथ नगर पंचायत व राजस्व अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम की ओर से जैसे ही अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई, तभी करीब 30 से अधिक अतिक्रमणकारी महिला-पुरुषों ने पुलिस अधिकारियों व जवानों पर डंडे मारना और पथराव शुरू कर दिया।

 

बीच बचाव में पहुंचे नगर पंचायत और राजस्व विभाग के अधिकारियों पर भी डंडों से वार किया और उन्हें मौके से खदेड़ दिया। इस दौरान थानाध्यक्ष वैभव गुप्ता के साथ ही एसआई शिवदत्त, एसआई देवेंद्र सिंह, महिला सिपाही किरन, माहेश्वर व होमगार्ड का जवान अशोक भट्ट चोटिल हुए हैं, जबकि पटवारी मनोज बर्तवाल, शांति प्रसाद डिमरी, देवेंद्र मडवाल व नगर पंचायत के ईओ रोशन पुंडीर चोटिल हो गए। इसके बाद लोग अतिक्रमणकारी वहां से भाग गए।

मौके को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस फोर्स मंगानी पड़ी। थानाध्यक्ष वैभव गुप्ता ने बताया कि पथराव में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं जबकि कई लोगों के सिर पर चोट लगी है। उनको उपचार के लिए सीएचसी कर्णप्रयाग ले जाया गया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने कहा कि तहसीलदार को फोर्स के साथ मौके पर भेज दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी इस घटना में शामिल होगा और जिसने भी अतिक्रमण किया है उसको बख्शा नहीं जाएगा।

तहसील, पुलिस और नगर पंचायत की टीम सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गई थी,जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा पुलिस टीम व अन्य टीमो पर पत्थरों और डंडों से हमला किया गया, जिसमें कुछ पुलिस के जवान और अन्य कर्मचारी घायल हुए हैं। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल रवाना कर दिया गया है। दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना की मौजूदा गाइडलाइन्स को 30 जून तक जारी रखने का आदेश दिया

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि कोविड-19 को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो दिशा निर्देश 25 अप्रैल को जारी किए गए थे, अब यह आदेश 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्यों में कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने का अधिकार राज्यों का होगा. साथ ही मंत्रालय ने मुख्य सचिवों से यह भी कहा है कि यदि राज्य सरकार अपने इलाकों में किसी तरह की कोई छूट दे रही है, तो उन्हें बहुत सोच समझ कर लागू करें और इन छूटों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए.

 

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की तरफ से राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों यह देखा गया है कि कोरोना के मामलों में कमी आई है. लेकिन अभी भी सख्त निगरानी की बेहद आवश्यकता है. क्योंकि एक्टिव केसों की संख्या अभी भी ज्यादा है.

 

गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों के इलाकों में पॉजिटिविटी रेट 10% ज्यादा है और अस्पतालों में 60% से ज्यादा बेड भरे हुए हैं, उन इलाकों को संवेदनशील घोषित किया जाए और राज्य सरकार का स्थानीय प्रशासन मामले क्यों बढ़ रहे हैं इसकी गहनता से जांच करें और उन्हें किस प्रकार से कंट्रोल किया जाए इस तरफ उचित दिशा में कदम उठाए जाएं.

 

मंत्रालय का कहना है कि जिन राज्यों में कोविड-19 के मामले ज्यादा हैं, वो केंद्र सरकार की टीम या राज्य सरकार की टीम जाकर स्थिति का आंकलन करें और जरूरत पड़ने पर कुछ समय तक रुक कर स्थिति का आंकलन कर समीक्षा करें. मंत्रालय ने उत्तर पूर्व के राज्य में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने पर भी चिंता जाहिर की है.

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से आज जारी किए गए निर्देश के मुताबिक सभी दिशानिर्देश पिछले महीने की ही तरह है और उनमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. राज्यों में चल रहे लॉकडाउन को बढ़ाने या घटाने या फिर उसमें कोई ढील दिए जाने कि पूरे अधिकार भी राज्यों को ही दिए गए हैं. अब यह राज्यों को तय करना है कि वह अपने राज्यों में चल रहे लॉकडाउन में कोई ढील देना चाहते है या नहीं. माना जा रहा है कि राजधानी दिल्ली समेत आने वाली 1 जून से अनेक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे लॉकडाउन में काफी हद तक छूट मिल सकती है.

मध्यप्रदेश में 1 जून से अनलॉक, शादियों को शर्तों से साथ इजाजत, सरकार ने जारी की गाइडलाइंस

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देश में कोरोना की दूसरी लहर जारी है। ज्यादातर राज्यों में लगे लॉकडाउन जैसी पाबंदियों की वजह से कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी देखते हुए जनता कर्फ्यू में ढील देने का फैसला लिया है। ढील उन जिलों में ही दी जाएगी, जहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम है। यह फैसला कैबिनेट में लिया गया।

राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि सूबे में कारोबारी गतिविधियों को 1 जून से एक बार फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया। निर्माण कार्य और अन्य कारोबारी गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। हालाकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े आयोजनों से परहेज करने की अपील करते हुए कहा कि इससे एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है।

गृहमंत्री ने कहा, ‘सरकारी दफ्तरों को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोला जाएगा। रजिस्ट्रार ऑफिस, कृषि मंडियों और किसान कल्याण विभाग के कार्यालयों में कर्मचारियों की 100 फीसदी उपस्थिति रहेगी।’ हीं राज्य में शादियों की भी अनुमति देने का फैसला लिया गया है। लेकिन दूल्हा और दुल्हन समेत सिर्फ 20 लोगों की ही मौजूदगी की अनुमति रहेगी। शादी में आने वाले सभी अतिथियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना जरूरी होगा। मंदिरों, मस्जिदों समेत सभी धार्मिक स्थलों को भी खोलने का फैसला लिया गया है। लेकिन एक समय में परिसर में दो लोगों की ही मौजूदगी रहेगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि सार्वजनिक गतिविधियों पर अभी रोक रहेगी। राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों के जुटान पर रोक जारी रहेगी। क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की ओर से प्रतिबंधों को हटाने पर फैसला लिया जाएगा। राज्य में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 23 पर्सेंट तक पहुंच जाने पर जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था। इससे पहले भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई शहरों में नाइट कर्फ्यू लागू किया गया था। हालामें काबू न हो पाने पर जनता कर्फ्यू लागू करने का फैसला हुआ था।

बुधवार को जनता को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि लोगों ने कई परेशानियां उठाई हैं. कई लोगों की जान चली गई. ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि ऐसी परिस्थिति दोबारा आए। बता दें कि दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना के मामलों में काफी कमी दर्ज की जा रही है।

हैरान कर देने वाला मामला, मां की रिपोर्ट आई निगेटिव लेकिन डिलीवरी के बाद जन्मी बच्ची निकली पॉजिटिव

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 वाराणसी में गुरुवार को एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जान कर आप यकीनन चौंक जाएंगे। बीएचयू अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला की रिपोर्ट निगेटिव निकली लेकिन उसकी नवजात जन्मी बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

मूल रूप से चंदौली के सेमरा की निवासी महिला 26 वर्षीय सुप्रिया प्रजापति वाराणसी में कैंट इलाके में रहती है। उसके परिजनों ने महिला को डिलिवरी के लिए बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां 24 मई को उसका आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया जिसमें उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई, वहीं 25 मई को दोपहर एक बजे डिलीवरी हुई तो उसने एक बच्ची को जन्म दिया। नियमानुसार बच्ची की सैंपलिंग 25 मई को हुई तो उसकी रिपोर्ट 26 मई को पॉजिटिव आई है।

फिलहाल डॉक्टरों की सलाह पर बच्ची को मां के साथ ही रखा गया है और वह बिल्कुल स्वस्थ्य है। रिपोर्ट को लेकर सुप्रिया प्रजापति का कहना है कि वह अब तक कोरोना संक्रमित नहीं हुई है और इसके परिवार में भी किसी को कोरोना नहीं हुआ है। अब बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे भी काफी हैरानी हो रही है।