हरिद्वार 8 जून (कुलभूषण ) अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर ने कहाॅ कि आने वाला समय संगठित एवं शक्ति के बल पर चलने वाला होगा जिसमे केवल उन लोगो का अस्तित्व रहेगा जो आज इसके महत्व को समझकर स्वयं को संगठित करने का प्रयास करेगे। ठाकुर महेन्द्र सिंह तंवर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा पृथ्वीराज चैहान जयन्ती के अवसर पर आयोजित आॅनलाईन राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने सभी से संघे शक्ति के साथ अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करते हुए आगे बढने का आवहान किया।
अधिवेशन मे उत्तराखंड प्रदेश अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ठाकुर यशपाल सिंह राणा ने विचार रखते हुए कहाॅ कि क्षत्रियों ने अग्रणी रूप से देश को संगठित एवं शक्तिशाली बनाने के लिए सदैव प्रयास किया जो इतिहास मे अविस्मरणीय है। प्रदेश महासचिव डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने वीर प्रतापी एवं हदय सम्राट पृथ्वीराज चैहान का स्मरण करते हुए विषम परिस्थितियों में चुनौतियों से रास्ता निकालने की कला का सर्वोत्तम उदाहरण पृथ्वीराज चैहान का सम्पूर्ण जीवन है। दया, बल, शौर्य, शक्ति एवं वचन पालन उनके जीवन का अभिन्न अंग रहे।
जिसका उन्होने अपने अंतिम समय तक पालन किया। इसलिए आज देश मे कटटरपंथी एवं विघटनकारी शक्तियों का मुकाबला करना जरूरी हो गया है अन्यथा आने वाली पीढी इसके लिए हमे कभी माफ नही करेगी। आॅन लाईन एक दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में पंजाब, हरियाणा, उ0प्र0, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ, राजस्थान, उत्तराखंड, चण्डीगढ, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के पदाधिकारियों ने पृथ्वीराज चैहान को स्मरण करते हुए प्रदेशों में चलरही योजनाओं एवं महत्वपूर्ण कार्यो के सम्बंध मे विस्तार से चर्चा की।
उत्तराखंड प्रदेश महासचिव डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने कहाॅ कि क्षत्रिय महापुरूषों के वीरता एवं शौर्य को स्मरण रखने तथा प्रदेश की विकास योजनाओं मे इसका स्वरूप दिखना जरूरी है। जिसके लिए प्रयास किये गये थे परन्तु नेतृत्व परिवर्तन के बाद फिर नये रूप से इस पर कार्य योजना तैयार करते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से एक प्रतिनिधि मण्डल शीघ्र मिलकर बात करेगा।
राष्ट्रीय महासचिव अनिल सिंह चन्देल ने अधिवेशन के समापन अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहाॅ कि भारत भूमि असंख्यों वीरों के शौर्य एवं वीर गाथाओं का एक जीवन्त प्रमाण है। वचन पालन के लिए इस धरती पर न जाने कितने वीरों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग करके वीरता की अनूठी परम्परा स्थापित की। जिसको संभाल कर रखने का कार्य हम सभी का है। जिसके लिए प्रयास करते रहना जरूरी है। इस अवसर पर डाॅ0 धीरज कुमार सिंह, रतन ठाकुर, हरदयाल सिंह, अजय संेगर, आनन्द सिंह, अनिता ठाकुर, अनूप चैहान, बहादुर सिंह तोमर, चन्द्रकला सिसोदिया, धर्मपाल सिंह, दिग्विजय सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम कां संचालन कंुवरानी सीमा द्वारा किया गया।