Sunday, June 15, 2025
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फिलिप्स एजुकेशन के सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स ने उत्तराखण्ड में अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग के ग्रेजुएट्स को किया सम्मानित

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हरिद्वार का यह आधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र प्रेसीज़न मैनुफैक्चरिंग में कौशल के अंतराल को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

100 से अधिक ग्रेजुएट्स को जानी-मानी कंपनियों में अच्छी नौकरियां मिलीं

देहरादून,  फिलिप्स एजुकेशन ने उत्तराखण्ड सरकार के साथ साझेदारी में अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) से अपने छात्रों के नए बैच की ग्रेजुएशन का जश्न मनाया। हरिद्वार के विशिष्ट आईटीआई में स्थित यह आधुनिक युनिट ग्रेजुएट्स को उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार अत्याधुनिक कौशल प्रदान करती है और उन्हें प्रीमियम मैनुफैक्चरिंग कंपनियों में अच्छे वेतन की नौकरियां हासिल करने में सक्षम बनाती है।May be an image of 2 people, dais and text

फिलिप्स मशीन टूल्स (फिलिप्स कॉर्पोरेशन, यूएसए के भाग) के डिविज़न फिलिप्स एजुकेशन ने सीओई के पाठ्यक्रम के डिज़ाइन एवं डिलीवरी में सक्रिय भूमिका निभाई है, जो आधुनिक उपकरणों जैसे सीएनसी मशीनों (एचएएएस ऑटोमेशन से), कोलाबोरेटिव रोबोट्स (युनिवर्सल रोबोट्स से) और 3 डी प्रिंटर्स (मार्कफोर्ज्ड से) के साथ व्यवहारिक एवं वास्तविक दुनिया के ऐप्लीकेशन्स पर ध्यान केन्द्रित करता है।

आईटीआई ग्रेजुएट्स में कौशल की खामियों को दूर करने के लिए अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) की स्थापना सितम्बर 2023 में की गई। इन ग्रेजुएट्स के पास बुनियादी व्यवसायिक कौशल होता है, लेकिन इन्हें आधुनिक तकनीकों के ज्ञान की ज़रूरत होती है। फिलिप्स एजुकेशन अपने सीओई के माध्यम से उन्हें अडवान्स्ड मशीनिंग, ऑटोमेशन, 3 डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह प्रशिक्षण छात्रों को आधुनिक मैनुफैक्चरिंग में सफलता हासिल करने के लिए तैयार करता है।

इस प्रोग्राम ने ज़बरदस्त सफलता हासिल की है, 100 से अधिक ग्रेजुएट्स को जानी-मानी कंपनियों जैसे हीरो, वीबीएन और ज्योति सीएनसी में नौकरियां मिली हैं। इन ग्रेजुएट्स का शुरूआती वेतन आईटीआई ग्रेजुएट्स के आम वेतन की तुलना में दोगुना होता है। जल्द ही तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) स्थापित किए जाएंगे- इनमें से दो की स्थापना सहसपुर में और एक की स्थापना बज़पुर में होगी। यह विकास कार्य आधुनिक कौशल विकास के साथ उत्तराखण्ड के युवाओं को सशक्त बनाने की प्रोग्राम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान फिलिप्स ग्लोबल एजुकेशन के प्रेज़ीडेन्ट रक्षित केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह प्रोगाम छात्रों को उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार कौशल प्रदान करता है, और उन्हें अच्छी नौकरी के लिए तैयार करता है। इन छात्रों को बदलावकारी अवसरों के साथ सशक्त बनाने और भारत के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में योगदान के लिए उत्तराखण्ड सरकार के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है।’May be an image of 6 people and text

कौशल विकास एवं रोज़गार मंत्री, सौरभ बहुगुना ने प्रोग्राम सफलता की सराहना करते हुए कहा, ‘‘उत्तराखण्ड सरकार युवाओं को रोज़गार के अवसरों के साथ जोड़ने के लिए निरंतर काम कर रही है। हरिद्वार में यह आधुनिक मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स उत्तराखण्ड के युवाओं को उद्योग-उन्मुख कौशल के साथ सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयास कौशल की खामियों को दूर कर तथा उच्च गुणवत्ता की नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराकर राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रशिक्षण एवं प्रोग्राम के कारण, ग्रेजुएट्स को अच्छे वेतन के साथ नौकरी शुरू करने का मौका मिला है, इन्हें आम आईटीआई ग्रेजुएट्स की तुलना में दोगुना वेतन मिल रहा है। ये प्रयास राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ओद्यौगिक विकास को बढ़ावा देने में कारगर होंगे।’’

उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के माध्यम से 13 ज़िलों के युवाओं को कौशल प्रदान कर बेरोज़गारी को हल करने का लक्ष्य रखा है।

विशिष्ट आईटीआई युनिट 1800 वर्गफीट में फैली है, जहां एडिटिव एवं सब्सट्रेटिव मैनुफैक्चरिंग तथा सीएडी/सीएएम के लिए विशेष क्लासरूम एवं लैब्स की सुविधाएं हैं। सीओई आईटीआई ग्रेजुएट्स के लिए ‘फिनिशिंग स्कूल’ की तरह काम करता है और उन्हें बिना कोई शुल्क लिए तीन माह का गहन प्रशिक्षण देता है। फिलिप्स एजुकेशन द्वारा पावर्ड इस प्रोग्राम के लिए फंडिंग पूरी तरह से सरकार और वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई है।

अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सीओई चार बैचों को सफलतापूर्वक ग्रेजुएट के रूप में प्रशिक्षित कर चुका है और इस समारोह के दौरान पांचवे एवं छठे बैच का ग्रेजुएशन पूरा हुआ है। यह पहल मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में कौशल की खामियों को दूर करने, रोज़गार को बढ़ावा देने तथा इनोवेशन को प्रोत्साहित करने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की बदलावकारी क्षमता को दर्शाती है।

बीरपुर में धूमधाम से मनाया गया केंद्रीय विद्यालय संगठन का 62 वा स्थापना दिवस

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देहरादून , केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में आज केंद्रीय विद्यालय संगठन का 62 वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया ! कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विद्यालय की प्राचार्य बसंती खंपा विशिष्ट अथिति उप प्राचार्य मनीषा मखीजा और आरती उनियाल रहे l विद्यालय परिसर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ की गई !

इस अवसर पर प्राथमिक विभाग के बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना और नृत्य प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में गढ़वाली , पंजाबी,और जौनसारी नृत्य का आयोजन किया गया, रचना पंत निर्देशित योग नृत्य के माध्यम से योग के महत्व पर प्रकाश डाला गया ! स्थापना दिवस पर छात्र शुभ्रांश एवं शिक्षक जितेंद्र डिमरी द्वारा अपने विचार रखे गए , शिक्षिका पूजा नेगी ने गढ़वाली में उत्तराखंड के गांधी स्व इंद्रमणि बड़ोनी के संस्मरण गढ़वाली भाषा में सुनाए,

May be an image of 11 people and text सविता कुमारी एवं प्रवीण कुमार ने अपने गीत के माध्यम से स्थापना दिवस में प्रतिभाग किया! के वी बीरपुर के पूर्व छात्र चार्टेड एकाउंटेंट दिव्यांश गोयल ने बीरपुर की यादों को ताजा करते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य द्वारा बच्चों को केंद्रीय विद्यालय संगठन की उपलब्धियां की जानकारी देते हुए बच्चों और शिक्षकों को भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान से जुड़ने के लिये भाग्यशाली बताया! कार्यक्रम का सफल संचालन सुशील कुमार एवं कपिल कुमार द्वारा किया गया ! इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्रमोद थपलियाल, देवेंद्र सिंह, सीमा श्रीवास्तव, डी एम लखेड़ा, अनू थपलियाल, मनीषा धस्माना, विनोद कुमार , गौरव रावत, रिकी, एस जवाद, अरविंद कुमार,पल्लवी गुरंग, नवीन कुमार आदि शिक्षक विराजमान थे

बड़कोट नगर पालिका वार्ड 3 के पुराने बाजार मे लगी भीषण आग

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उत्तरकाशी डॉक्टर उनियाल l
नगर पालिका बड़कोट के वार्ड तीन पुराने बाजार में एक होटल के पास आग लगने से दो मंजिल इमारत आग लगने से राख हो गई है l पुलिस व वन विभाग, स्थानीय लोगों की मदद सेआग पर काबू पा लिया गया है बताया जा रहा है कि आग रात्रि के लगभग 3:45 बजे के आसपास शाट सर्किट होने से लगी है l मिली जानकारी के अनुसार यह आग वार्ड नंबर 3 पुराना बाजार मास्टर होटल के बगल में एक दो मंजिला इमारत में रात के तीसरे प्रहर मे अचानक आग लग गई आग इतनी तीव्रता थी कि भूतल में बनी तीन दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया l इस इमारत में पांच कमरे व तीन दुकानें भी बताई जा रही है,इस भवन मे भवन स्वामी के परिवार सहित किराएदार भी रहते थे, इस भयंकर अग्निकांड में खाद्यान्न तथा घरेलू सामग्री भवन स्वामी व किराएदार का जल कर राख हो गया है, बताया जा रहा है कि इस अग्निकांड में दो सिलेंडरों के ब्लास्ट होने के भी समाचार है इसके कारण अग्नि ने भयंकर रूप धारण किया l
जिस इमारत में आग लगी वह मकान राकेश भंडारी रीना भंडारी कल्याण सिंह एवं चंद्रपाल का बताया जा रहा है इस मकान के दूसरे मंजिल में भंडारी परिवार निवास करता था, इसमें तीन दुकान थी जो की ड्राई क्लीन फास्ट फूड तथा सब्जी की बताई जा रही है, आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है, जिस समय आग लगी उस समय सभी लोग अपने-अपने कमरे में सोए थे, उठते धुंए को देखकर लोगों की आंखें खुली, सभी आग बुझाने के प्रयास में लगे रहे आग के भीषण रूप को देखकर दमकल और पुलिस विभाग को सूचित किया गया, कुछ समय बाद टीम घटनास्थल पर पहुंची और भवन में रह रहे परिवारों को बाहर निकाला और आग को काबू पाने में जुट गए काफी मशक्क़त के बाद आग पर काबू पाया गया, गनीमत यह रही कि इस घटना में जनहानि तो नहीं हुई परंतु नुकसान कितना हुआ इसकी पुष्टि नहीं हो पाई, घटना को देखते हुए प्रशासन नुकसान का आकलन करने में जुटा है l

उत्तराखंड़ लागू करेगा देश की प्रथम योग नीति : सीएम धामी

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-केंद्र सरकार से उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खोलने का अनुरोध किया

-10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो – 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी जानकारी

देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार देश की ‘प्रथम योग नीति’ लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। गुरुवार को परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो -2024 को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता का प्रमाण दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने आयुष के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में, हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 ‘आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’ का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
अब प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा सरकार प्रत्येक जनपद के एक गांव को मॉडल आयुष गांव के रूप में स्थापित कर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए ‘उत्तराखंड आयुष नीति’ लागू कर चुकी है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ- साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का प्रस्ताव :

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, ये संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी जड़ी-बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को भी प्रचारित किया जाए। इससे स्थानीय जड़ी बूटियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में हम ‘किलमोड़े’ को जानते है लेकिन उसके अंग्रेजी नाम ‘बेरीबेरीज’ को अधिकतर लोग नहीं जानते हैं जबकि इस नाम को पूरा विश्व जानता है और इससे दवाएं बनती हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम भी प्रचारित किया जाना चाहिए।

*उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि :
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीनकाल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र जड़ी-बूटियों और औषधियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ट कला है। ये हमें सही जीवन शैली के बारे में बताता है, इसका उद्देश्य रोगों को ठीक करना ही नहीं है बल्कि इसका अंतिम लक्ष्य रोग को होने ही न देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक्सपो का विधिवत शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

एक छत के नीचे मिलेगी आयुर्वेद की दवाएं :

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल के दौरान आयुष के क्षेत्र में हुई पहलों से आयुष उत्पाद निर्माण में आठ गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अब आयुष और हर्बल उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग उपकरणों के जैसी तकनीकी को अपना कर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि भारत में लोग सामान्य तौर पर आयुर्वेद से उपचार पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में तक डॉक्टर एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा परामर्श देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर सारे रोगों की सारी दवाएं एक ही जगह पर मिलनी तकरीबन मुश्किल होती हैं।
इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्रों की स्थापना करने का प्रयास कर रही है। ऐसा पहला केंद्र दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में शुरू हो चुका है। देशभर में ऐसे केंद्र खुलने से आयुष चिकित्सक परामर्श में आसानी से दवा लिख सकेंगे। उन्होने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस नवीन विचारों, प्राचीन संस्कृति और नवाचारों का संगम साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान आस पास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह आयोजन व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही केंद्र सरकार ने देशभर में 29 अक्तूबर से प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन से आयुष पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद तो मितती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आस पास इस सेक्टर की ग्रोथ भी बढ़ती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए उत्तराखंड का आदर्श राज्य बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों में वर्णित कई जड़ी बूटियां हिमालय में मिलती हैं।
सम्मेलन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर भेजे गए संदेश को पढ़ा। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय आयोजन सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव कुमार शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के चेयरपर्सन वैद्य पीएम वॉरियर, उत्तराखंड शासन में सचिव आयुष रविनाथ रमन ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख तौर पर शामिल हुए।

फैक्ट्री में हुई चोरी का पुलिस ने किया खुलासा, पति पत्नी सहित 3 गिरफ्तार, 30 लाख का माल बरामद

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देहरादून, जनपद के कुआवाला फैक्ट्री में हुई चोरी के मात्र 10 घंटों के अंदर खुलासा करते हुए पुलिस ने पति—पत्नी सहित तीन कबाड़ियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से चुराया गया 30 लाख रूपये का माल भी बरामद किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते रोज शिवशंकर पुत्र ध्रुवेश रंजन निवासी सुन्दरवाला, (जनरल मैनेजर हिमालयन पावर मशीन कंपनी कुआवाला हर्रावाला डोईवाला) देहरादून ने थाना डोईवाला में तहरीर देकर बताया गया था कि उनकी फैक्ट्री में अज्ञात चोरों द्वारा फैक्ट्री की खिडकी का ग्रिल तोडकर अन्दर से काफी मात्रा में पोर्टेबल जनरेटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले इपोर्टेड व कीमती काँपर के पार्ट, अल्टरनेटर, स्वार्टटर मोटर स्टार्ट स्विच, इग्निशन चार्जिंग कोइल मैग्नेट रोटर तथा एल्मूनियम पार्ट (कीमत करीब 30 लाख रूपये) चोरी कर लिये गये है। मामले मे पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी गयी। चोरों की तलाश में जुटी पुलिस ने कड़ी मशक्कत व देर रात एक सूचना के बाद घटना में शामिल 3 आरोपियों बसन्त साहनी पुत्र जरोखी साहनी गणेश साहनी पुत्र सुक्तु साहनी व पूनम पत्नी गणेश साहनी को लोडर में फैक्ट्री से चोरी किये गये सामान सहित गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह लोग कूडा—कबाड़ बीनने का कार्य करते है। कूडा—कबाड़ बीनने के बहाने उक्त फैक्ट्री में रैकी कर मौका मिलने पर फैक्ट्री की खिडकी तोडकर फैक्ट्री में बनने वाले पोर्टेबल जनरेटर में इस्तेमाल किये जाने वाले इपोर्टेड व कीमती काँपर पार्ट, अल्टरनेटर , स्वार्टटर मोटर स्टार्ट स्विच, इग्निशन चार्जिंग कोइल मैग्नेट रोटर तथा एल्मूनियम पार्ट आदि चोरी कर लिया गया, साथ ही बताया कि फैक्ट्री में बनने वाले जनरेटर में जो सामान लगता है वो सभी कॉपर (तांबा) का है, जो कि ऊँचे दामों पर बिकता है, इसलिए वे लोग उक्त कॉपर के पार्ट को तोडकर/जलाकर थोडा—2 कर थोक का कार्य करने वाले कबाडियों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते है। पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

प्रदेश सरकार निकाय चुनावों पर स्थिति तत्काल स्पष्ट करे : धस्माना

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“निकायों में आरक्षण पर भाजपा में खींचतान के कारण आरक्षण घोषणा में देरी”

देहरादून, कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की धामी सरकार से राज्य के निकायों में आरक्षण की स्थिति तत्काल स्पष्ट करने की मांग की है। आज प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय ईसी रोड पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि राज्यपाल द्वारा ओबीसी आरक्षण विधेयक को हरी झंड़ी दिखाने के बाद भी प्रदेश सरकार राज्य की निकायों में आरक्षण घोषित नहीं कर रही जिसके कारण राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश के निकाय चुनाव के कार्यक्रम घोषित नहीं कर पा रहा।
धस्माना ने कहा कि उन्होंने इस बाबत राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील कुमार से फोन पर बातचीत कर जब यह जानने की कोशिश करी कि निकाय चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग कब फैसला करेगा तो श्री सुशील कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पूरी तैयारियां हो चुकी है लेकिन जब तक राज्य सरकार आरक्षण घोषित नहीं करेगी तब तक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया जा सकता। श्री धस्माना ने कहा कि नगर निगमों नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में अपने अनुकूल आरक्षण करवाने को लेकर प्रदेश भर में भाजपा नेता आपस में उलझे हुए हैं इसीलिए सरकार आरक्षण पर फैसला नहीं ले पा रही। श्री धस्माना ने कहा कि प्रदेश की शहरी जनता पिछले एक वर्ष से बिना जन प्रतिनिधियों के है और भाजपा सरकार आज भी चुनाव से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही है जो कि लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करी कि तत्काल सरकार आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करे जिससे राज्य में निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त हो सके।

भारत में पहली बार हुआ ढाई दिन की बच्ची का देहदान, हार्ट प्रॉब्लम से हुई थी मौत

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देहरादून (दीपिका गौड़), अपनी मौत के साथ ही ढाई दिन की सरस्वती दुनिया की सबसे छोटी देहदाता बन गई। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित सरस्वती का निधन होने पर उसके माता-पिता ने उसका शरीर दून मेडिकल कॉलेज को दान दिया। सरस्वती का शरीर अब चिकित्सा शिक्षा में काम आएगा, जिसे कश्यप कॉलेज संग्रहालय में संरक्षित रखा जाएगा।

रक्तदान और नेत्रदान के साथ-साथ देहदान को महादान माना जाता है। जिसके जरिए अनुसंधान और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा मिलता है। राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां भारत समेत दुनिया में पहली बार ढाई दिन की बच्ची सरस्वती का देहदान किया गया। दरअसल, 8 दिसम्बर को सरस्वती की मां को लेबर पैन हुआ। जिसके तुरंत बाद सिजेरियन विधि से उनकी डिलीवरी की गई। घर में लक्ष्मी के रूप में बेटी के आने से सभी परिजन खुश थे, लेकिन यह खुशी चंद लम्हों में ही सिमट के रह गई क्यूंकि बच्ची की हृदय संबंधित बीमारी जांच में पता चली तो परिवार मायूस हो गया। नीकू वार्ड में बच्ची को रखा गया। लेकिन, 10 नवंबर को बच्ची ने दम तोड़ दिया।
देहरादून में ढाई दिन की बच्ची का दून मेडिकल कॉलेज में देहदान किया गया। दो दिन की जन्मी बच्ची मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में हृदय संबंधी रोग के कारण भर्ती थी। लेकिन दुर्भाग्यवश बच्ची नहीं बच पाई। देहरादून में दंपत्ति ने अपनी ढाई दिन की बच्ची का शव दून मेडिकल कॉलेज को दान दिया है। बताया गया कि हार्ट प्रॉब्लम के कारण बच्ची का निधन हुआ था। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल से मिली जानकारी के अनुसार 8 दिसंबर को दून अस्पताल में जन्मी बच्ची को हार्ट से रिलेटेड प्रॉब्लम थी। जिसका 10 दिसंबर को निधन हो गया। उन्होंने बताया कि मोहन फाउंडेशन और दधीचि देहदान समिति ने बच्ची के माता-पिता को देहदान करवाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्ची 2 दिन पहले ही इस दुनिया में आई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश बच्ची की जान बच नहीं पाई। उन्होंने कहा कि, इस तरह के महान कार्यों से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है कि हम भी यदि अपना देहदान कर सकें, तो इससे डॉक्टरों को मानव संरचना आसानी से समझने के साथ मदद मिल सकेगी। दून अस्पताल प्रशासन ने भी बच्ची के परिजनों को साधुवाद दिया। साथ ही दून मेडिकल कॉलेज ने बच्ची का देहदान करने वाले माता-पिता को पौधा भेंट कर सम्मानित किया।

राष्ट्रीय खेलों के 15 दिसंबर को लॉन्च होंगे लोगो, एंथम और शुभंकर समेत 5 सिंबल

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देहरादून, आगामी 28 जनवरी से उत्तराखंड़ में होने वाले 38 वे राष्ट्रीय खेलों के पांच सिंबल लोगो, एंथम, शुभंकर, टॉर्च और जर्सी 15 दिसंबर को लॉन्च किए जाएंगे । इस मौके पर केंद्रीय खेल राज्य मंत्री और भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा भी मौजूद रहेंगे । गुरुवार को राज्य की खेल मंत्री रेखा आर्या ने यह जानकारी सचिवालय मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद वह दिल्ली रवाना हो गई थी, जहां उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडवीया, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे और भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी उषा से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर को होने वाले सिंबल लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री और पीटी उषा को निमंत्रण भी दिया । खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगामी राष्ट्रीय खेलों का लोगो, एंथम, शुभंकर और टॉर्च लॉन्च करेंगे। इसके अलावा इन खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई जर्सी की लॉन्चिंग भी की जाएगी। लॉन्चिंग के बाद टॉर्च को एकता और सामूहिकता के प्रतीक के रूप में पूरे राज्य में घुमाया जाएगा। खेल मंत्री ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के मकसद से कुल 42 कैंप चल रहे हैं जिनमें 1260 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। बेहतर प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से न सिर्फ दूसरे राज्यों से अच्छे कोचों को बुलाया गया है बल्कि कुछ कोचों को विदेशों से भी आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर विशेष सचिव अमित सिन्हा भी मौजूद रहे।

*परंपरागत खेलों को मेडल गेम्स में लाने के लिए पीटी उषा से वार्ता :

इस मौके पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि प्रदेश के परंपरागत खेलों योग, मलखंब, राफ्टिंग, कलारीपट्टू आदि को कोर इवेंट के रूप में राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने के मुद्दे पर बुधवार रात को उनकी भारतीय खेल संघ अध्यक्ष पीटी उषा से वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि संघ अध्यक्ष पीटी उषा ने इस पर सकारात्मक रवैया दिखाया है और संभावत: 15 दिसंबर को सिंबल लॉन्चिंग होने से पहले इस पर फैसला भी हो जाएगा ।

*जहां इवेंट वही ट्रेनिंग लेंगे प्रदेश के खिलाड़ी :
खेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश के खिलाड़ियों का इन खेलों में प्रदर्शन बेहतर से बेहतर हो सके इसके लिए यह कोशिश की जा रही है कि जिन स्थानों पर जो इवेंट होने हैं उनके खिलाड़ियों को उन्हीं स्थानों पर प्रशिक्षण दिया जाए । ताकि वह खेल स्थल के वातावरण से पूरी तरह परिचित हो सके । उन्होंने कहा कि वह खुद खेल प्रशिक्षण शिविरों का लगातार निरीक्षण करके खिलाड़ियों से बातचीत कर रही है, ताकि उन्हें सारी सुविधाएं मिल सकें ।

खिलाड़ियों से पूछा और क्या चाहिए बताओ :
खेल मंत्री रेखा आर्या में गुरुवार को बास्केटबॉल और लाॅनबॉल शिविरों का निरीक्षण भी किया । राजीव गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रहे बास्केटबॉल प्रशिक्षण सिविर में उन्होंने पहले ही प्रयास में बाॅल पाॅड कर खिलाड़ियों की तालियां बटोरी। उन्होंने खिलाड़ियों से पूछा कि उन्हें डाइट में क्या-क्या मिल रहा है, कोच कैसे हैं, ट्रेनिंग अच्छी हो रही है या नहीं । मंत्री ने खिलाड़ियों से एक-एक कर यह भी पूछा कि अगर उन्हें किसी और चीज की आवश्यकता है या कोई कमी महसूस होती है तो उसके बारे में भी बताइए । उन्होंने खिलाड़ियों को नेशनल गेम्स में बेस्ट परफॉर्मेंस देने के लिए प्रेरित भी किया।

आयुर्वेद वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बना सकता है -पीएम मोदी

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देहरादून,  देहरादून में आज 10वें वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणाली को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की क्षमता है।

इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उनके संदेश को पढ़ा गया। इस सम्मेलन में 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। श्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि आयुर्वेद में वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की क्षमता है अगर यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का ‘ व्यापक रूप से उपचार उपलब्ध कराए और बचाव, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर समान बल दे।

श्री मोदी ने विश्वास जताया कि यह चार दिवसीय बैठक वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को बढ़ावा देने में तेजी लाए गी । उन्होंने प्रतिभागियों से इस प्रयोजन के लिए एक नया ‘ ब्लू प्रिंट ‘ प्रस्तुत करने का आग्रह किया।

इस सम्मेलन और एक्सपो का आयोजन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है जो विज्ञान भारती, केंद्रीय आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार की एक पहल है।

सत्र को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भारत सरकार के आयुष राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने प्रतिनिधमंडलों को आश्वस्त किया कि आयुर्वेद को देश के कोने कोने में फैलाया जाएगा और हर्बल उत्पादों से जुड़े चिकित्सकों तथा विनिर्माताओं के घनिष्ठ सहयोग के साथ इसे विदेशों में लोकप्रिय बनाया जाएगा।

श्री धामी ने कोविड-19 के दौरान इस महामारी से निपटने में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को इस महामारी की शुरुआत से ही कोविड रोगियों के उपचार में प्रभावी पाया गया जबकि एलौपैथ के चिकित्सकों को इसका प्रभावी रुप से उपचार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने इस पर जोर देते हुए कि पूरे विश्व ने इसके समग्र उपचार दृष्टिकोण के कारण आयुर्वेद के महत्व को स्वीकार करना आरंभ कर दिया है, श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार 10/50 बेड के साथ 300 आयुर्वेद अस्पतालों का निर्माण कर रही है। उन्होंने एक देशव्यापी स्तर के अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने की इच्छा जताई। उन्होंने प्रतिभागियों से विभिन्न दवाओं के अंग्रेजी नामों को लोकप्रिय बनाने की अपील की जिससे कि उनकी बिक्री बढ़ाई जा सके और जरुरतमंद से बाजार से प्राप्त कर सकें।

केंद्रीय मंत्री श्री जाधव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और टेलीमेडिसिन जैसी उभरती प्रौद्योगिकीयों का उपयोग आयुर्वेद, युनानी, सिद्धा और होमियोपैथ को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा जिसमें पिछले कुछ समय में आठ गुनी बढोतरी हुई है।

आयुष दवाओं को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में, प्रत्येक नगर और शहर में केवल इन्हीं दवाओं को बेचने वाले आउटलेटों को खोला जाएगा। ऐसा पहला आउटलेट इसी वर्ष अक्तूबर में दिल्ली में खोला गया था।

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि 1.3 बिलियन डालर के निवेश के प्रस्ताव पूरी तरह अग्रिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि ‘ प्रकृति परीक्षा प्रोग्राम को आशातीत सफलता प्राप्त हुई है और इससे नई दवाओं की खोज करने में सहायता मिलेगी।

उत्तराखंड के आयुष सचिव श्री रविनाथ रमण ने कहा कि राज्य में 300 आयुष्मान आरोग्य केंद्र हैं और आयुर्वेद तथा हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में 8,000 से अधिक शिविरों का आयोजन किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन आयुर्वेद को और आगे ले जाएगा।

10वें आयुर्वेद सम्मेलन के नेशनल आर्गेनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष डा. पी एम वारियर ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों की बदौलत इस सेक्टर के विकास को काफी गति मिली है और आयुर्वेद को स्वास्थ्य प्रणाली की मुख्यधारा में पूरी तरह एकीकृत करने के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरुप, आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में काफी सम्मान प्राप्त होने लगा है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा एवं बेघर लोगों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव हेतु कंबल बांटे

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मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे का किया औचक निरीक्षण
   – राज्य सरकार की प्राथमिकता :राज्य में कोई भी व्यक्ति सर्दी की चपेट में ना आए
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को  देर शाम आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा एवं बेघर लोगों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव हेतु कंबल वितरित किए। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी स्थित रैन बसेरे का भी औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने रैन बसेरे में रह रहे लोगों का कुशलक्षेम जाना।
मुख्यमंत्री ने आई.एस.बी.टी में कंबल वितरण के दौरान सभी का कुशलक्षेम जाना एंव प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कंबल, गर्म कपड़े वितरण के साथ ही सर्दी से बचाव के लिए अलाव  जलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आईएसबीटी में यात्रियों के लिए भी ठंड से बचाव हेतु व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे के औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने वहां रह रहे श्रमिकों के साथ अलाव भी सेखा। उन्होंने अधिकारियों को रैन बसेरों में पर्याप्त सुविधाओं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा रैन बसेरे पर्याप्त मात्रा में बिस्तर हो। उन्होंने कहा शहर में सड़को किनारे रह रहे लोगों, आवासहीन लोगों और परिवारों को भी रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा  खासकर बच्चों, दिव्यांगजनों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैन बसेरा की सुविधा दी जाए। उन्होंने रैन बसेरे में आवश्यकता अनुसार भोजन की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जरूरतमंद लोगों को तय समय के अंदर कंबल वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति सर्दी की चपेट में ना आए। उन्होंने कहा हमने जन सेवा के भाव से इस पूरे शीतकाल में बेसहारा लोगों की हर संभव सहायता करनी है। मुख्यमंत्री ने शहर में विभिन्न प्रमुख स्थानों में भी विशेष रूप से अलाव जलाने के भी निर्देश दिए।

 

उत्तराखंड में सतत विकास और युवा सशक्तिकरण के लिए नेटवर्किंग पर व्याख्यान

देहरादून, सतत विकास मंच उत्तरांचल (एसडीएफयू) के समर्थन में द नैनीताल बैंक, हिमोत्थान सोसाइटी, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने बुधवार को “उत्तराखंड में सतत विकास और युवा सशक्तिकरण के लिए नेटवर्किंग” पर 7वें आरएसटी फोरम 2024 का आयोजन किया, यह सम्मेलन आईआरडीटी सभागार, देहरादून में आयोजित किया गया था।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजशेखर जोशी, कुलपति ‘स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड ‘एसआईईटीयू’ थे। सम्मानित अतिथि रमेश नेगी (आईएएस), अध्यक्ष सुश्री विभा पुरी दास (आईएएस), एसडीएफयू के सदस्य डॉ जीएस रावत, एसटीएस लेप्चा और मी बिंटा शाह। आरएसटी व्याख्यान 2024 का शीर्षक “उत्तराखंड की अनूठी जैव विविधता के माध्यम से हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना: प्रभाव निवेश की संभावना की तलाश में” सुश्री ज्योत्सना सिटिंग (पूर्व पीसीसीएफ वन पंचायत और सेवानिवृत्त आईएफएस) द्वारा दिया गया था। श्री राजशेखर जोशी (उपाध्यक्ष, सिएटू आयोग, उत्तराखंड सरकार) द्वारा उजागर किए गए महत्वपूर्ण बिंदु उत्तराखंड सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक थे, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करते थे। उन्होंने उत्तराखंड में दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों और स्थायी पहलों के बारे में भी चर्चा की। सम्मेलन आईआरडीटी सभागार, देहरादून में आयोजित किया गया था | कार्यशाला को तीन समानांतर सत्रों में विभाजित किया गया था।
प्रतिभागी विलेज वेज टीम के प्रतिनिधियों, नवीन सदाना (वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी), सुश्री दिव्या चौफिन (हिमालयन हाट), सुश्री सारिका पंछी (जिविसा), केदार सिंह मर्तोलिया (जौहर सिंह स्पोर्ट्स क्लब), अभिषेक सिंह (बीएसआर फार्म्स रिज़ॉर्ट पौड़ी), अनंत मित्रा (एनआईयूए), लोकेश सकलानी (तापिश सोलर प्राइवेट लिमिटेड), डॉ पंकज नैथानी (अतिरिक्त निदेशक, निदेशालय ई एंड एस), डॉ. राजेंद्र बिष्ट (सेवानिवृत्त आईएफएस), सुश्री पूनम चंद (अतिरिक्त निदेशक, यूटीडीबी), एसवी शर्मा (सेवानिवृत्त आईएफएस), रोशन राय (सचिव आईएमआई ), डॉ. राजेंद्र कोश्यारी (हिमोथन सोसाइटी), हिमोत्थान सोसाइटी, श्रमयोग, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, एसएआरजी विकास समिति की सामुदायिक भागीदारी भी उपस्थित थी।

 

 

एसजीआरआरयू में फिजियोथैरेपी शोध की विभिन्न विधाओं पर हुआ मंथन

-400 से अधिक छात्र-छात्राओं एवम् शाधार्थियों ने किय प्रतिभाग

-दो दिवसीय सेमिनार में शोध एवम् अनुसंधान के मॉर्डन प्रारूपों पर जानकारियां सांझा

देहरादून, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एण्ड एलाइड हैल्थ साइंसेज के फिजियोथैरेपी विभाग द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ 11 व 12 दिसम्बर 2024 को फिजियोथैरेपी के शोध की कला और विज्ञान से जुड़ महत्वपूर्णं विषयों पर जानकारियों सांझा करेंगे। एसजीआरआरयू के आईक्यूएसी सैल के सहयोग से आयोजित सेमीनार में 400 से अधिक छात्र-छात्राओं, पीएचडी शोधार्थियों एवम् फेकल्टी एवम् डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के सभागार में सेमीनार का शुभारंभ श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राईसैटेनरी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हरियाणा के फिजियोथैरेपी विभाग के प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो.(डॉ.) कुमुद सकलानी, समन्वयक डॉ. आर.पी. सिंह, डीन, स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एण्ड एलाइड हैल्थ साइंसेज, प्रो. (डॉ.) कीर्ति सिंह, विभागाध्यक्ष, फिजियोथैरेपी विभाग, डॉ. शारदा शर्मा व प्रो.(डॉ.) नीरज कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
मुख्य वक्ता श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राईसैटेनरी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हरियाणा के फिजियोथैरेपी विभाग के प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन ने अपने व्याख्यान मे फिजियोथैरेपी विषय में शोध के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होेने शोध के विभिन्न चरणों को विस्तारपूर्वक समझाया।
उन्होंने जानकारी दी कि शोध का प्रथम चरण समस्या को पहचानना, द्वितीय चरण उससे सम्बधित साहित्या का अध्ययन, तृतीय चरण शोध के उद्देश्यों पर आधारित परिकल्पना पर अभिधारणा बनाना, चौथा चरण शोध के स्वरूप को पहचानना, पांचवां चरण डेटा संग्रहण, छठा चरण सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण करना, सातवाँ चरण विश्लेषण के परिणामों को लिखकर अभिलेख बनाना, आठवां चरण परिणामों पर चर्चा- परिचर्चा करना एवं नवां चरण शोध का निष्कर्ष निकालना होता है।
उन्होंने बताया कि फिजियोथैरेपी शोध का दायरा काफी विस्तृत है क्योकि फिजियोथैरेपी का उपयोग हड्डी रोग, न्यूरो, हदय रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग एवं अन्य रोगों के उपचार में भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी शोध सीधे तौर पर इजीनियरिंग से भी जुडी हुई है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी मे इस्तेमाल होेने वाले सभी उपकरण इजीनियरों द्वारा बनाये जाते है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी मे होने वाले शोध इंजीनियरों को उपकरणों के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने फिजियोथैरेपी के विभिन्न आयामों में होने वाले शोध के विषय में फिजियोथैरेपी छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों, फैकल्टी व डाक्टरों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देकर उनका ज्ञानवर्धन किया।
प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने विश्वविद्यालय की ओर से आए हुए मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) सिद्वार्थ सेन का स्वागत किया। उन्होने कहा कि फिजियोथैरेपी अपने आप में सबसे भिन्न विशेषज्ञता विधा है। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी में शोध द्वारा कई प्रकार के रोगों का उपचार संभव है। उन्होने कहा कि यह सेमिनार फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों व शोधकर्तााओं हेतु ज्ञान संवर्धन का अनुठा मंच है।
डॉ. आर.पी.सिंह ने कहा कि रोकथाम उपचार से बेहतर है सिद्वांत पर फिजियोथैरेपी काम करती है। उन्होनें कहा कि शोध हमे यह प्रमाणित करने में सहयोग करता है कि कोई भी तथ्य आस्तित्व में है य नही एवं है तो कितना कार्यात्मक है।
प्रो.(डॉ.) कीर्ति सिंह ने कहा कि इस सेमिनार का आयोजन करवाना फिजियोथैरेपी विभाग की एक सराहनीय पहल है। उन्होनंे कहा कि अन्य विषयो की तरह फिजियोथैरेपी में भी शोध का काफी महत्व है।
सेमिनार के आयोजन में डॉ. शमां परवीन, डॉ. सन्दीप कुमार, डॉ. मंजुल नौटियाल, डॉ. तबस्सुम, डॉ. सुरभि थपलियाल, डॉ. रविन्दर, डॉ. दीपा एवं डॉ. जयदेव का विशेष सहयोग रहा।