Wednesday, May 14, 2025
Home Blog Page 124

लापता ऑटो चालक की हत्या का खुलासा, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कराई थी पति की हत्या

0

-आरोपियों की निशानदेही पर गड्ढे से हुआ शव बरामद

उधमसिंहनगर, नौ दिनों से लापता चल रहे आटो चालक की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक की पत्नी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनकी निशानदेही पर नदी किनारे गढ्ढे से आटो चालक का शव भी बरामद किया गया है। हत्या की यह वारदात प्रेम प्रसंग के चलते अंजाम दी गयी थी। मामले में दो आरोपी फरार है जिनकी तलाश जारी।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि बीते 16 नवम्बर को कोतवाली रुद्रपुर पर एक महिला रेनू ने अपने आटो चालक पति सुमित के 14 नवम्बर से गायब होने की सूचना दर्ज करायी गयी थी। मामले में पुलिस ने जांच शुरू की और संदिग्धो से पूछताछ की गयी। संदिग्ध गणेश पुत्र पूरन निवासी रम्पुरा थाना रुद्रपुर से जब पूछताछ की गई तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा। लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गयी तो वह टूट गया और उसने बताया कि वह सुमित की पत्नी रेनू के प्यार में पड़ गया था तथा रेनू के कहने पर ही उसने अपने साथियों वंश, दीपक, शिवम, गोविन्दा के साथ मिलकर सुमित की गला दबाकर हत्या कर दी है तथा उसका शव प्रीत विहार से आगे कल्याणी नदी के पास खेत में गडडा खोदकर दबा दिया है। जिस पर पुलिस द्वारा वंश, दीपक, तथा सुमित की पत्नी रेनू से पूछताछ की गई तो सभी ने अपने अपराध को स्वीकार लिया। जिनकी निशानदेही पर गढ्ढे में दफनाये शव को बरामद कर लिया गया है। मामले में दो आरोपी फरार है जिनकी तलाश जारी है। वहीं पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। बता दें कि सुमित और रेनू का सात वर्ष पूर्व प्रेमविवाह हुआ था। जिनका एक पांच साल का बेटा भी है।

विभागीय लेटलतीफी के चलते 63 कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति में देरी

0

देहरादून, उत्तराखंड राज्य में ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा कनिष्ठ अभियंता (सिविल/प्राविधिक/विद्युत) के पद पर चयनित अभियंताओं की नियुक्ति में हो रही देरी के कारण अभ्यर्थियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में नवनियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं ने 19 अक्टूबर को एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया और जल्द से जल्द नियुक्ति की मांग की l

आपको बता दें कि 20 सितंबर 2024 को प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में दून के गढ़ी कैंट स्थित सांस्कृतिक विभाग ऑडिटोरियम में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में इन सभी कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए थे। इसके बाद विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा 27 से 30 सितंबर 2024 तक सभी नवनियुक्त अभियंता अपने दस्तावेजों का सत्यापन भी पूरा कर चुके हैं। लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पायी l
शुक्रवार को अपनी इसी पीढ़ा को लेकर कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर कई नव नियुक्त कनिष्ठ अभियंता स्थानीय प्रेस क्लब पहुंचे और पत्रकारों के समक्ष अपना दुखड़ा रखा और अत्यधिक निराशाजनक है कि अभी तक केवल ग्रामीण निर्माण विभाग की लेटलतीफी से नवनियुक्त अभियंताओं की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की है, विभाग द्वारा 201 अभियंताओं में से 138 अभियंताओं की नियुक्ति प्रक्रिया करवा दी गयी है जबकि 63 अभियंताओं की नियुक्ति प्रक्रिया अभी भी पूर्ण नही हो पायी है, इससे चयनित अभियंता मानसिक तनाव और असमंजस की स्थिति में हैं।
यह गौर करने योग्य है कि इस भर्ती में ग्रामीण निर्माण विभाग का कट ऑफ स्तर उच्चतम रहा है, और इस विभाग को शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों ने अपनी प्राथमिकता दी थी। इनमें से कई प्रतिभाशाली अभियंता रेलवे, जल निगम, NBCC, BRO, THDC जैसी संस्थाओं से इस्तीफा देकर इस विभाग में योगदान देने के लिए तैयार हैं। लेकिन नियुक्ति में हो रही देरी के कारण उनका भविष्य संकट में पड़ गया है। पत्रकारों के समक्ष सरकार से सभी नवनियुक्त कनिष्ठ अभियंता जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करवाने की मांग की ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें और विभाग के कार्यों में योगदान कर सकें।

अनुशासन तथा प्रतिबद्धता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं खो-खो का खेल: प्रो बत्रा।

0

हरिद्वार हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा) श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, बादशाहीथाॅल, टिहरी-गढ़वाल की अन्तर्महाविद्यालयी खो-खो (छात्र/छात्रा) चैम्पियनशिप-2024-25 का उद्घाटन आज एस.एम.जे.एन. काॅलेज में विश्वविद्यालय के कुलगीत तथा उत्तराखंडी संस्कृति को संजोए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया। प्रतियोगिता का शुभारंभ श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के क्रीड़ा सचिव श्री पुष्कर गौड़, मुख्य चयनकर्ता श्री नागेश राजपूत, श्री मनीष गोस्वामी, विश्वविद्यालय के ऑफिशियल श्री ढेक सिंह राणा, श्री विकास वर्मा, श्री हेमंत भारती, श्री मनीष तथा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा, मुख्य खेलकूद अधीक्षक़ प्रो तेजवीर सिंह तोमर, खेलकूद अधीक्षक प्रो विनय थपलियाल, डॉ सुषमा नयाल द्वारा शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर प्रयागराज से श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति ने खिलाड़ियों को भेजे गए शुभकामना संदेश में कहा कि खो-खो एक प्राचीनतम और अनूठा भारतीय खेल है, जो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्शषील जोश भरने वाला खेल है, यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक दोनों में अत्यधिक कौशल, गति और उर्जा की मांग करता है। कार्यक्रम में उपस्थित क्रीड़ा सचिव श्री पुष्कर गौड़ ने खिलाड़ी छात्र-छात्राओं से अनुशासन एवं प्रतिबद्धता से खेलकूद में भाग लेने का आह्वान किया।
प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत प्रेषित करते हुए कहा कि खेल प्रतियोगिताएं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के फिट इंडिया मूवमेंट का अभिन्न हिस्सा है। प्रो बत्रा ने कहा कि खो-खो का यह खेल अनुशासन तथा प्रतिबद्धता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं जो न केवल खेल भावना को विकसित करता हैं अपितु एक सशक्त युवा का निर्माण करता हैं। उन्होंने कहा कि एस एम जे एन कॉलेज, भारतीय खेलों को इसी प्रकार से भविष्य में भी प्रोत्साहन देता रहेगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ नागेंद्र प्रसाद शर्मा, खेल निदेशक, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल ने कहा कि तीर्थनगरी हरिद्वार का एस एम जे एन कॉलेज समग्र शिक्षा का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय खो खो प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए बधाई का पात्र हैं । विशिष्ट अतिथि श्री राहुल अग्रवाल, उपकोषाधिकारी हरिद्वार ने महाविद्यालय तथा प्रतियोगिता में सम्मिलित सभी टीमों को अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर डॉ राजेश नौटियाल, डॉ रामभरोसे, डॉ अनिल शर्मा ने भी टीमों के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। आज बालक वर्ग में एस एम जे एन कॉलेज तथा कोटद्वार महाविद्यालय के बीच पहला सेमीफाइनल खेला गया जिसमें कोटद्वार महाविद्यालय की टीम ने बाजी मारी। मुख्य खेलकूद अधीक्षक प्रो. तेजवीर सिंह तोमर ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों को स्वागत व शुभकानायें प्रेषित करते हुए बताया कि खो-खो चैम्पियनशिप छात्र वर्ग का फाइनल तथा छात्रा वर्ग में सेमीफाइनल तथा फाइनल कल खेले जाएंगे। उन्होंने खेलकूद अधीक्षक विनय थपलियाल, डाॅ. सुषमा नयाल व खेलकूद प्रशिक्षक संदीप सैनी, रंजीता व खेलकूद प्रशिक्षु मधुर अनेजा के सक्रिय सहयोग की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
प्रतियोगिताओं को सम्पन्न कराने में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. जे.सी. आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज कुमार सोही, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. विनीता चौहान, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. पुनीता शर्मा, डाॅ. रजनी सिंघल, विनीत सक्सेना, डाॅ. लता शर्मा, अंकित बसंल, मोहन चन्द पाण्डेय आदि का विशेष सहयोग रहा।

गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के द्वारा वॉलीबाल महाकुम्भ 22 से 26 नवम्बर प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

0

हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा) गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के द्वारा वॉलीबाल महाकुम्भ का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर. क्षेत्र अन्तर विश्वविद्यालय वॉलीबाल पुरूष वर्ग प्रतियोगिता 22 से 26 नवम्बर 2024 तक दयानन्द स्टेडियम में 95 विश्वविद्यालयों के प्रतियोगी छात्र वॉलीबाल टूर्नामेन्ट में प्रतिभाग करेंगें। महाकुम्भ का मुख्य अतिथि बतौर उद्द्याटन करते हुए उत्तराखण्ड सरकार के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि छात्रों को खेल जिन्दगी का हिस्सा बनाना चाहिए खेलों को अपने जीवन का अंगीकार बनाते हुए जीवन में उपलब्धियां हासिल करनी चाहिए। खेलविधा में छात्र अपना जीवन ऊंचे-ऊंचे पदो पर स्थापित कर रहे है। उन्होंने कहा कि खेल में सरकारों द्वारा कोटा निश्चित कर दिया गया है। खेल कोटा निश्चित होने से खिलाडी अलग-अलग विभागों में नौकरियां पर रहे है।
वॉलीबाल महाकुम्भ के कार्यक्रम अध्यक्ष व समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा0 सत्यपाल सिंह ने कहा कि गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय का भी एक गौरवशाली इतिहास रहा है जिसमें हॉकी और अन्य खेलों में यहां के छात्रों ने अन्य विश्वविद्यालयों में पदक जीतकर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। 95 विश्वविद्यालय उत्तर. क्षेत्र अन्तर विश्वविद्यालय में भाग लेकर अपने कौशल और प्रतियोगिता का प्रदर्शन करेंगें। चार दिनों में हरिद्वार में अलग-अलग विश्वविद्यालयों की टीमों के द्वारा खेल का प्रदर्शन किया जाऐगा।
गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 हेमलता के. ने कहा कि वॉलीबाल खेल हमे शक्ति प्रदान करता है और कौशल का प्रदर्शन करने के बाद टीम अच्छे पदक प्राप्त कर सकती है। देश के अन्य विश्वविद्यालयों से टीम का आना इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश के छात्र और छात्राओं में खेल का एक जजबा देखने को मिलता है।
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा के पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती और स्वामी श्रदानन्द ने देश में आजादी की अलख जगाने में विशेष योगदान दिया है। स्वामी श्रदानन्द ने जामामज्स्दि से गैर हिन्दुओं को हिन्दु बनाने के लिए भाषण दिया था। आज जिस जगह पर हम लोग बैठे है उस स्थान को तप और तपस्या से परिपूर्ण कर दिया था। इस भूमि से आपके पास सकारात्मक ऊर्जा सम्प्रेषित हुई।
समविश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 सुनील कुमार  ने कहा कि शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 अजय मलिक और डा0 शिव कुमार चौहान ने मिलकर वॉलीबाल महाकुम्भ का आयोजन किया है यह बात अपने आप में ऐतिहासिक और गौरवमय है विभाग की सारी टीम ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में पूर्ण मेहनत और कुशल नेतृत्व दिखाई पड़ रहा है।
इस अवसर पर एस०एस०पी० प्रमेन्द्र डोभाल, जयंत सरस्वती, प्रो0 डी.एस. मलिक, प्रो0 आर.के.एस. डागर, प्रो0 कर्मजीत भाटिया, प्रो0 एल.पी. पुरोहित, प्रो0 ब्रह्मदेव, प्रो0 प्रभात कुमार, प्रो0 देवेन्द्र कुमार गुप्ता, धर्मेन्द्र बालियान, यशपाल राणा, रजनीश भारद्वाज, नरेन्द्र मलिक, दुष्यन्त राणा, कपिल मिश्रा, धर्मेन्द्र बिष्ट, अश्वनी, देवेन्द्र सिंह, डॉ पंकज कौशिक, हेमंत सिंह नेगी, कुलभूषण शर्मा, सुनील, विकास कुमार, नीरज सहित विभिन्न पुलिस अधिकारी व् गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

समाज की जीवन रेखा थीं कभी दून की नहरें

0

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज संस्थान के सभागार में दून घाटी की नहर प्रणाली पर एक सार्थक कार्यक्रम किया गया। दून घाटी की लुप्त होती कई ऐतिहासिक नहरों पर विजय भट्ट और इंद्रेश नौटियाल द्वारा एक सचित्र वार्ता का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें भारत ज्ञान विज्ञान समिति का सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में आज दून घाटी की पुरानी व ऐतिहासिक नहरों के योगदान को याद करते हुए उन पर व्यापक चर्चा हुई और लोगों ने इस पर अपने सवाल-जबाब किये।
इस वार्ता में विजय भट्ट ने बताया कि पुराने सालों में दून घाटी में जहां साल के घने जंगल, बहती बारहमासी जलधाराएँ, उनसे निकलती नहरें यहां की आबो-हवा को जहां ख़ुशनुमा बनाती थीं वहीं यहां की विस्तृत कृषि भूमि को भी उपजाऊ भूमि में तब्दील करती थी। साल 1815 में जब यह क्षेत्र ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन आया और अंग्रेज़ अधिकारी यहाँ आये। ब्रिटिश अधिकारियों ने यहाँ बहने वाली प्राचीन राजपुर नहर को देखा। कहा जाता है कि इस नहर का निर्माण रानी कर्णावती ने करवाया था । इस नहर को देखने के बाद उन्होंने इसके रखरखाव का ज़िम्मा अपने ऊपर ले लिया जिसका देखभाल उस समय दरबार श्री गुरु राम राय साहब करता था । कृषि भूमि को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने भूमि अनुदान दिए और सिंचित क्षेत्र में बढ़ोतरी करने के लिए नहरों का निर्माण भी किया। ब्रिटिश शासन काल में, बीजापुर नहर, कटापत्थर,रायपुर वहर, जाखन नहर सहित पाँच नहरों का निर्माण करवाया। नहरों के निर्माण के लिए कैप्टन काटली के योगदान पर भी चर्चा हुई । नहरों ने दून घाटी की भूमि के विशाल क्षेत्रफल को सिंचित क्षेत्र में तब्दील कर दिया ।
भट्ट ने इस महत्वपूर्ण सन्दर्भ को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस वजह से दून घाटी की ज़मीन उपजाऊ हुई, किसानों को लाभ हुआ और शासन की कर के रूप में कमाई बढ़ी। चाय, लीची के बाग लगे, बासमती की खेती शुरू हुई जिसके चलते चाय, लीची, चावल, चूना यहाँ की पहचान बन गये। बासमती की ख़ुशबू और लीची के स्वाद ने देहरादून को विश्व पटल पर ला खड़ा कर दिया।यहाँ की जलवायु भी लोगों की पसंदीदा बन गई। जिसके चलते जो यहाँ आया वह यहीं का होकर रह गया । धीरे-धीरे आबादी इस क़दर बढ़ी कि वह यहाँ की कृषि भूमि को कम करने लगी। राज्य बनने के बाद तो आबादी का दबाव तेज़ी से बढ़ा ।बाग बगीचे, खेती बाड़ी ख़त्म सी होने लगी और नहरें लुप्त प्रायः हो गईं।
इंद्रेश नौटियाल ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज विकास के पर इन नहरों को दफ़्न कर ंसड़कों का निर्माण करवाया दिया गया । उन्होनें कहा कि आज दून की इस विरासत को बचाना और संरक्षण देना हमारे समय की बड़ी चुनौती है। वार्ता के दौरान नहरों के ख़त्म होने व दून घाटी के बढ़ते तापमान के बीच के अन्तरसंबंधों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम के आरम्भ में सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने दून की नहरों पर आधार वक्तव्य दिया। किया। इस अवसर पर, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, पर्यावरण विद डॉ. रवि चोपड़ा, अजय शर्मा, मेघा विल्सन, इरा चौहान,त्रिलोचन भट्ट, हर्षमणि भट्ट,जनकवि अतुल शर्मा, चन्दन सिंह बिष्ट, सुंदर सिंह बिष्ट, दीपा कौशलम, डॉ. चौनियाल, विवेक तिवारी,सुधीर सिंह बिष्ट,जगदीश सिंह महर, शैलेन्द्र नौटियाल, विनोद सकलानी, हिमांशु आहूजा सहित शहर के अनेक लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सहित दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।

लोक गायिका हेमा नेगी करासी के गीतों पर झूमे लोग

0

श्रीनगर गढ़वाल(आरएनएस)। बैकुण्ठ चतुर्दशी एवं विकास प्रदर्शनी की आखिरी सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी के नाम रही। उन्होंने अपने गीतों से पांडाल में समां बांध दिया। कार्यक्रम का शुरुआत गायिका हेमा ने जय बदरी विशाल के जागर से की। उसके बाद उन्होंने आंछरी जागर, नरसिंह जागर से लोगों का मनमोहा। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मातबर सिंह रावत ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि श्रीनगर का बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला देश-विदेश में प्रसिद्धी प्राप्त कर चुका है। समापन पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि बैकुण्ठ मेला भव्य और दिव्य रूप से मनाया गया है। इस बार मेले में सरकार की ओर से कोई भी पैसा खर्च नहीं हुआ है, नगर निगम ने अपने प्रयासों से ही मेला सम्पन्न करवाया है। कैबिनेट मंत्री रावत ने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के विकास के लिए उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। बेस चिकित्सालय में जल्द ही कार्डियोलॉजिस्ट की व्यवस्था की जाएगी। जिससे दिल के मरीजों को बेस चिकित्सालय श्रीनगर में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मरीजों के लिए किसी प्रकार की कमी न हो इसके लिए वह हर प्रकार की सुविधाएं मरीजों को देने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही गढ़वाल विवि के छात्रावासों के लिए एम्बुलेंस और डॉक्टरों को तैनात करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक करोड़ की लागत से रामलीला मैदान का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही कमलेश्वर महादेव मंदिर के पास भव्य एवं दिव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इस मौके पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर नुपूर वर्मा, तहसीलदार धीरज राणा, सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवांण, व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल, वासुदेव कंडारी, सौरभ पाण्डेय, विजयलक्ष्मी रतूड़ी, प्रमीला भंडारी सहित आदि मौजूद थे।

महिला को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, बेटी से भी छेड़खानी

0

हल्द्वानी(आरएनएस)।  तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर मुक्तेश्वर निवासी युवक ने एक साल तक दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़ित महिला की नाबालिग बेटी से भी छेड़खानी कर डाली। मुखानी पुलिस ने मामले में पीड़ित की तहरीर पर दुष्कर्म समेत पॉक्सो के तहत केस दर्ज कर लिया है। मुखानी पुलिस को दी तहरीर में बरेली निवासी महिला ने बताया है कि वह मुखानी क्षेत्र में अपनी 12 साल की बेटी के साथ किराये में रहती है। यहीं किराये में ब्यूटीपार्लर चलाती है। कहा कि उसका पति के साथ पूर्व में ही तलाक हो चुका है। आरोप है कि एक साल पहले वह अल्मोड़ा से हल्द्वानी की ओर आ रही थी। इसी दौरान टैक्सी मालिक निर्मल कुमार निवासी सलियाकोट, मुक्तेश्वर से उसकी दोस्ती हो गई। इसके बाद उसका घर में आना-जाना शुरू हो गया। आरोप लगाया कि युवक ने उसे शादी का झांसा दिया और एक साल तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में शादी की बात आई तो युवक मुकर गया। कहा कि 10 और 11 नवंबर को वह अपने दुकान में थी। इस दौरान निर्मल उसके घर आया और उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ कर दी। एसओ मुखानी विजय मेहता ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शीघ्र आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी।

यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी   :  मुख्यमंत्री

0

देहरादून(आरएनएस)।   चारधाम यात्रा – 2024, के सकुशल सम्पन्न होने के साथ ही प्रदेश सरकार, आगामी चारधाम यात्रा की तैयारी में जुट गई है। चार धाम यात्रा को प्रदेश की आर्थिकी का आधार मानते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यात्रा प्राधिकरण का गठन प्राथमिकता पर करने के साथ ही आगामी यात्रा तैयारियां अभी से शुरू करने को कहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रा को बढ़ावा देने के साथ ही इसे व्यवस्थित करने के लिए यात्रा प्राधिकरण का गठन प्राथमिकता पर किया जाए, इसके लिए सभी हितधारकों की राय ली जाए। साथ ही बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट को और अधिक बेहतर बनाया जाए, ताकि यात्रा संबंधित सभी जानकारी वेबसाइट पर ही मिल जाए। मुख्यमंत्री ने आगामी चार धाम यात्रा की तैयारी समय पर पूरा करने के लिए अभी से बैठक बुलाते हुए, आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा काल में क्षतिग्रस्त मुख्य मार्गों के साथ ही आंतरिक मार्गों को भी प्राथमिकता पर ठीक किया जाए, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
राष्ट्रीय खेल का आयोजन महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के लिए अलग अलग सचिवों को दायित्व दिए जाने के साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर सप्ताह बैठक करने और कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं।

कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कई बार ज्ञापन सौंपा

0

हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा)  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों नेआयुर्वेद विश्विद्यालय से अलग होने का मन बनाया निदेशक आयुर्वेद निदेशालय देहरादून के अंतर्गत जिला हरिद्वार में पोस्टिंग की मांग की।
आज दिनांक 21नवंबर 2024 को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा एवं उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मंत्री दिनेश ठाकुर के नेतृत्व में अपनी मांगों के निस्तारण हेतु परिसर निदेशक डा डी सी सिंह से मिलकर उनको कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण हेतु उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मंत्री दिनेश ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन दो माह होने वाले हैं अभी तक कुछ पता नहीं चल पा रहा है, वर्दी भत्ता के शासनादेश लागू हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है किंतु अभी तक कर्मचारियों के वेतन में 2400 रुपए वर्दी भत्ते के नहीं मिले हैं, कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कई बार ज्ञापन सौंपा गया किंतु आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो कि न्यायोचित नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि कर्मचारियों के अंदर विश्विद्यालय के कार्य कलापों, वेतन न मिलना,जी, पी एफ, समय से न मिलना सेवानिवृत कर्मचारियों के देयकों का समय से न मिलना को लेकर इतना रोष है कि सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आयुर्वेद विश्विद्यालय से अलग होकर निदेशक आयुर्वेद निदेशालय देहरादून के अंतर्गत जिला हरिद्वार में अपनी पोस्टिंग/योगदान देना चाहते हैं, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि कर्मचारियों का इतना शोषण एवं उत्पीड़न प्रदेश में आज तक नही हुआ है जितना आयुर्वेद विश्विद्यालय के कर्मचारियों का हो रहा है संगठन जल्द से जल्द कुल सचिव महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय लेकर उनको कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया जायेगा जिससे कर्मचारियों का शोषण एवं उत्पीड़न बंद हो सके।
परिसर निदेशक डा डी सी सिंह से वार्ता करने वालों में सर्व श्री दिनेश लखेड़ा,छत्रपाल सिंह, दिनेश ठाकुर मनोज पोखरियाल, अजय कुमार, विनोद कुमार, सुमंत पाल, चंद्रपाल , प्रमोद कुमार,राकेश, सुरेन्द्र चौहान, अमित ठाकुर कल्लू, कैलाशो देवी, ब्रजेश देवी, बुगली देवी, इत्यादि शामिल थे।

वैदिक आनंदोत्सव-संस्कृति की सुरभि 2024-सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने ’स्वागतम्-स्वागतम् शुभ मंगल स्वागतम्’ गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया

0

हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा)  डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के प्रधान परम श्रद्धेय पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी के निर्देशन में 10 वर्षों से निरंतर संचालित होता आ रहा वार्षिक वैदिक आनंदोत्सव वैदिक संस्कृति की सुगंध बिखेरता तथा आधुनिक परिवेश में भारतीय वैदिक संस्कारों की पकड़ को मजबूत बनाते कार्यक्रम के द्वितीय दिवस का  आयोजन 19 नवंबर 2024 को  किया गया।
यह आयोजन स्कूल की वार्षिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ वेदिक चेतना, संस्कार, समाज, परिवार और माता-पिता के प्रति कर्तव्यों की शिक्षा दी जाती है, साथ ही साथ भारत की गौरवशाली संस्कृति की झलक प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम  अभिभावकों और शिक्षकों को मिलकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण करने में सहयोग देते हैं। शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ आने और स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का अवसर मिलता है।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता आर्य समाज के प्रबुद्ध विद्वान तथा आर्य युवा समाज के प्रधान, योगी सूरी रहे। सर्वप्रथम उन्होनें उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, नित्यानंद स्वामी , उत्तराखण्ड के ज़ोन-ए के डीएवी विद्यालयों के क्षेत्रीय निदेशक एवं विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य पी.सी. पुरोहित, उत्तराखंड के डीएवी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ संयुक्त रूप से यज्ञशाला में हवन की पवित्र अग्नि में संध्याकालीन आहुतियां देकर परमपिता परमात्मा का आशीर्वाद लिया।
’दीपक’… तमसो मां ज्योतिर्गमय.. वाली रोशनी है जिसका अर्थ है परमात्मा हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाएं। मंच पर उपस्थित मुख्यातिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा मंत्रोच्चारण किया गया जो सभी को एक पवित्र और शांत वातावरण में ले आया।
मंच पर मुख्यातिथि माननीय योगी सूरी के विधिवत स्वागत के उपरांत अन्य अतिथियों का भी स्वागत कर अतिथि देवो भवः को चरितार्थ करते हुए कार्यक्रम आरंभ किया गया।
सांयकाल में तारों की जगमगाहट के नीचे चित्रपटल (स्क्रीन डिस्प्ले) के माध्यम से उपस्थित गणमान्य अतिथि एवं दर्शक दीर्घा के द्वारा डीएवी गान गाया गया।
सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने ’स्वागतम्-स्वागतम् शुभ मंगल स्वागतम्’ गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया।  अतिथि देवो भवः की भावना से ओत-प्रोत प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत व अभिनन्दन किया गया। प्रधानाचार्य ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और अपने उद्बोधन में उन्होंने उन अतिथियों का जो कि भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाए, की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए आभार प्रकट किया । उन्होने डीएवी काॅलेज प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के सचिव, एवं विद्यालय के उपाध्यक्ष एवं प्रबंधक जे.के. कपूर तथा पब्लिक स्कूलों के निदेशक डाॅ0 वी. सिंह का भी धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से ही विद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसमें महात्मा आनंद स्वामी पर आधारित एक नृत्य नाटिका का मंचन किया जाना है । हमारे लिए यह परम सौभाग्य की बात कि महात्मा आनन्द स्वामी आज के हमारे मुख्य अतिथि के Great Grandfather हैं।
प्रधानाचार्य के स्वागत उद्बोधन के पश्चात ‘आओ मिलकर यज्ञ करें’ नामक सूक्ष्म यज्ञ विधि का मंचन किया गया, वैदिक संस्कृति के प्रचार के साथ-साथ सभी को एक साथ मिलकर यज्ञ करने के महत्व को समझाया तथा महर्षि दयानन्द के सैनिक पर छात्रों ने सुन्दर नृत्य प्रकट कर दर्शकों का मन मोह लिया।
‘छात्र अभिनंदन’ कार्यक्रम में विगत सत्र 2023-2024 में विद्यालय में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति, शैक्षणिक सत्र की वार्षिक परीक्षा में कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों, रन फाॅर डीएवी, जो कि गाँधी जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी’ उसमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं तथा अन्य विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले छात्रों का अभिनंदन कर उनकी मेहनत और समर्पण को प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार तथा ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथि योगी सूरी, प्रधान आर्य युवा समाज ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के आयोजन की भूरि-भूरि प्रषंसा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने पितामह महात्मा आनंद स्वामी के साथ अपना बचपन बिताया। महात्मा आनंद स्वामी जी के मुख मंडल पर जो स्थाई मुस्कान है, उसका भी रहस्य उन्होंने उपस्थितजनों के सामने खोला। उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों में मुस्कुराते रहने का जो महामंत्र उन्हें अपने पूर्वजों एवं अपने पिता से मिला है, वे उसका महत्व समझ गए हैं। हर परिस्थिति में अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने से जीवन की कई परेशानियों का हल सहज ही मिल जाता है। वैदिक मूल्य और आर्य समाज हमेशा उनके दिल के करीब रहे हैं। श्री योगी सूरी जी के वचनों ने सभी को प्रेरित और उत्साहित किया।
तत्पश्चात् ‘बूंद बूंद मिलके बने सागर’ समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी को सहयोग और कर्तव्य निष्ठा की प्रेरणा दी। दर्शक दीर्घा ने करतल ध्वनि से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
आज हर अभिभावक अपने बच्चों को सफल बनते हुए देखना चाहता है, बच्चों की सफलता निश्चित ही माता-पिता के लिए सुखकारक है, किंतु उस सफलता की, उस सुख की परिभाषा क्या है, इस विषय पर एक नाटक का मंचन विद्यार्थियों द्वारा किया गया। जिसने सभी उपस्थितजनों को वास्तव में सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई में बच्चों को जीवन यापन के लिए विदेष भेज देने में ही सुख है अथवा अपने परिवार के साथ थोड़ी कम सुविधाओं में जीवन जीने में भी परम सुख का अनुभव किया जा सकता है। बच्चों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्षकों की आँखों को नम भी किया।
विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा प्रस्तुत भजन ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में विद्यार्थियों के द्वारा नृत्य – नाटिका ‘महात्मा आनंद स्वामी’ प्रस्तुत की गई जिसने सभी को महात्मा आनंद स्वामी के जीवन और उनके संदेश सादा जीवन उच्च विचार, अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से अथाह प्रेम, ईश्वर में आस्था जीवन के इसी सार के साथ को समझने का अवसर प्रदान किया।
यह आयोजन स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का एक अवसर था, और इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका प्रतिभा शर्मा के द्वारा किया गया।
अंत में विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल द्वारा सभी उपस्थित जनों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद किया गया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।