Monday, June 9, 2025
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“माली” ने सिल्वर सिटी में रचा इतिहास, दर्शकों के दिलों पर छोड़ी गहरी छाप

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देहरादून, बहुप्रतीक्षित फिल्म “माली” को सिल्वर सिटी में पहले दिन ही जबरदस्त कामयाबी मिली। “माली” ने न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी अद्भुत सफलता का परचम लहराया है। यह फिल्म स्वीडिश इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म का पुरस्कार जीतने के साथ ही 13वें शिकागो साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल 2022 में भी इसी श्रेणी का सम्मान प्राप्त कर चुकी है। इसके अलावा, निर्देशक शिव शेट्टी को 12वें क्वीन्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल 2022 में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक नरेटिव फीचर का पुरस्कार दिया गया। ये सम्मान फिल्म की वैश्विक प्रभावशीलता और इसके प्रेरक विषयों – संघर्ष, आशा और सशक्तिकरण – को प्रमाणित करते हैं।

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दर्शकों ने फिल्म के संघर्ष, प्रकृति संरक्षण, और महिला सशक्तिकरण के संदेश से गहरा जुड़ाव महसूस किया और फिल्म की शानदार अदाकारी के तारीफों के पुल बांधे। “माली” एक ऐसी खूबसूरत फिल्म है जो किसी को भी अंतरमन में झांकने के लिए मजबूर करती है।

फिल्म की कहानी मुख्य किरदार तुलसी पर आधारित है, जिसे अनिता नेगी ने बखूबी निभाया है। इस फिल्म की एक और खास बात यह है कि इसे उत्तराखंड के स्थानीय तकनीशियनों और कलाकारों की टीम ने बनाया है। फिल्म का निर्देशन शिव सी. शेट्टी ने किया है, जबकि इसका निर्माण सोनाली राणा ने किया है। सिनेमैटोग्राफी (DOP) की जिम्मेदारी हृतिक एस. नौडियाल ने निभाई, और उनके सहायक अंकित श्रेष्ठा ने उनके काम में सहयोग दिया।May be an image of 7 people and people smiling

इस शानदार प्रयास को और अधिक समर्थन देने और प्यार बरसाने के लिए, प्रतिष्ठित अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे आयोजित इस विशेष प्रीमियर में उपस्थिति रही।

“माली” का रोजाना शो सिल्वर सिटी, देहरादून में शाम 4:45 बजे आयोजित किया जा रहा है। बड़े पर्दे पर “माली” का अनुभव करें और इस स्थानीय प्रयास को अपना समर्थन दें।

पर्यावरण पर बनी फिल्म ‘माली’ ने उठाए कई सवाल

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देहरादून।  राजपुर रोड स्थित सिल्वरसिटी मल्टीप्लेक्स में शनिवार को उत्तराखंड में निर्मित फिल्म माली का प्रदर्शन किया गया। फिल्म के कंटेंट को दर्शकों ने काफी सराहा है। फिल्म प्रकृति संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का संदेश देती है। फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों के दिल को छुआ बल्कि समाज में अहम चर्चाओं की शुरुआत भी की है। रविवार को बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री पदमिनी कोल्हापुरी भी सिल्वर सिटी में इस फिल्म को देखेंगी। फिल्म के निर्देशक शिव सी शेट्टी ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिए उत्तराखंड मुफीद साबित हो रहा है। बॉलीवुड के अनेक फिल्म निर्माता उत्तराखंड में शूटिंग के लिए आना चाहते हैं। इससे पर्वतीय क्षेत्रों की प्रतिभाओं को भी सामने आने का मौका मिल रहा है। फिल्म ‘माली’ की धमक विदेशी फिल्म फेस्टिवल में भी सुनाई दी है। दर्शकों ने फिल्म की कहानी और शानदार अदाकारी की तारीफ की है। साथ ही और लोगों को भी इस फिल्म को देखने के लिए प्रोत्साहित किया। फिल्म के मुख्य कलाकारों में अनिता नेगी, सुजाता शर्मा, सुशीला यादव शामिल हैं।

 केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ली  100 दिवसीय टी.बी उन्मूलन अभियान के सम्बन्ध में बैठक

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देहरादून(आरएनएस)।  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शनिवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 100 दिवसीय टी.बी उन्मूलन अभियान के सम्बन्ध में बैठक की। उक्त बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय, देहरादून से वर्चुअल रूप में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए वृहद 100 दिवसीय  टी.बी उन्मूलन अभियान हेतु उनके मार्गदर्शन को महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री ने बैठक में अवगत करवाया कि राज्य के 13 में से 8 जनपद 100 दिवसीय  टी.बी उन्मूलन अभियान हेतु चिन्हित हैं। जिनमें राज्य सरकार लगातार  पता लगाना, उपचार और रोकथाम पर कार्य कर रही है। राज्य के सभी जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, अधिकारी एवं आमजन भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सभी के सहयोग से अब तक 23800 टीबी मरीजों को निक्षय मित्रो द्वारा गोद लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने हैन्डहेल्ड मोबाइल एक्स-रे मशीनों की पर्याप्त व्यवस्था कर ली है। राज्य के पास कुल 33 हैन्डहेल्ड मोबाइल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध हैं। राज्य के पास 131 नॉट मशीने भी हैं, तथा सभी ब्लॉक में कम से कम 01 मशीन उपलब्ध है। राज्य में  स्क्रीनिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर भी लगातार जोर दिया जा रहा है। इस अभियान के दौरान 8 जनपदों में कुल 25 निःक्षय वाहन तैनात किए गए हैं। निःक्षय वाहन का उपयोग समुदाय को जागरूक करने और शिविर स्थल पर एक्स-रे के लिए किया जा रहा है। इस अभियान के तहत टी.बी. के प्रति संवेदनशील आबादी की जांच के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर, कार्यस्थल, जेल, वृद्धाश्रम और अन्य चिकित्सा इकाईयों जैसे सामूहिक स्थानों पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से टीबी उपचार संबंधित औषधियों को उपलब्ध करने का आग्रह किया, जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया।
गौरतलब है कि 100 दिवसीय टी.बी. उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत भारत के 347 उच्च फोकस जिलों को चयनित किया गया है। इस अभियान के लिए उत्तराखण्ड राज्य के आठ जनपदों (बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग) को चयनित किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य टी०बी० के प्रति संवेदनशील आबादी (मधुमेह रोगी, कुपोषित, धूम्रपान करने वाले, शराब पीने वाले, पिछले टीबी के मामले, संपर्क, एचआईवी से पीड़ित लोग आदि) की स्क्रीनिंग किया जाना, तत्पश्चात टी०बी० से ग्रसित रोगियों को समयार्न्तगत उपचार उपलब्ध कराना है।
इन शिविरों में संवेदनशील आबादी  की स्क्रीनिंग की जा रही है। जिसके अन्तर्गत पोर्टेबल हँडहेल्ड एक्स-रे मशीन द्वारा शिविर स्थल पर ही उन लोगों का एक्स-रे किया जा रहा है। यदि शिविर स्थल पर एक्स-रे सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो चिन्हित व्यक्तियों का एक्स-रे नजदीकी चिकित्सा इकाई पर किया जा रहा है। एक्स-रे के पश्चात, यदि व्यक्ति को टी०बी० होने का संदेह है, तो उसे न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (नॉट) के लिए संदर्भित किया जा रहा है।

 

 

प्रख्यात कत्थक सेलिब्रिटी कुमार शर्मा की 6 जनवरी को होगी एक दिवसीय वर्कशॉप

देहरादून, उत्तराखंड़ के डांस प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी है कि 6 जनवरी 2025 को प्रख्यात कत्थक सेलिब्रिटी “कुमार शर्मा” एक दिवसीय डांस वर्कशॉप का आयोजन दून में करने जा रहे हैं, इस आयोजन को “इनक्रेडिबल्स ऑफ उत्तराखंड” आयोजित कर रहा है। इस वर्कशॉप का आयोजन देहरादून में कुँआवला स्थित प्रतिष्ठित संस्थान सीआईएमएस में होने जा रहा है। कुमार शर्मा कत्थक और फ्यूजन कत्थक के क्षेत्र में एक जाना पहचाना चेहरा है जो कि ना केवल अपने देश बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी इस तरह की वर्कशॉप देते आ रहे हैं साथ ही अनेकों रियल्टी शोज़ में बतौर जज और मुख्य मेहमान आमंत्रित किए जाते हैं। कुमार शर्मा का युवा डांसर्स के बीच बहुत क्रेज है। इस स्पेशल वर्कशॉप में प्रतिभाग करने के लिये आॕन लाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा, प्रतिभागी 25 दिसंबर तक अपना पंजीकरण कर सकते हैं, आयोजन की विस्तृत जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9837091809, 8433407231 पर संपर्क किया सकता हैं l

 

रफ़ी 100वें जन्म दिवस पर ‘सौ साल बेमिसाल’ नाम से संगीत समारोह का आयोजन

देहरादून, श्रृंखला म्यूजिकल ग्रुप अपने नए फॉरमेट में दून शहर में इतिहास बनाने जा रहा है। स्वर सम्राट मोहम्मद रफ़ी साहब के 100वें जन्मदिवस के अवसर सौ साल बेमिसाल नाम से संगीत समारोह का आयोजन होगा। जिसमें देहरादून शहर के बेहतरीन 40 गायक रफ़ी साहब के 100 सदाबहार गीतों को गाकर शहर में इतिहास रचेंगे, साथ ही गीतों के माध्यम महान गायक रफ़ी साहब को याद करेंगे।
अध्यक्ष पीयूष निगम ने बताया कि इस कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित विभूतियों व गणमान्य शख्सियतों को उनके विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यों हेतु सम्मानित भी किया जाएगा,ये आयोजन 22 दिसंबर 2024 को शहर के एक प्रतिष्ठित होटल में किया जा रहा है। जिसमें निवर्तमान मेयर श्री सुनील उनियाल गामा जी मुख्य अतिथि होंगे तथा विधायक श्रीमती सविता कपूर जी व भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल जी विशिष्ट अतिथि के रूप में होंगे। कार्यक्रम सुबह 10:00 से शाम 8:30 बजे तक चलेगा।

राजनीतिक दल अब धर्म के नाम पर महिलाओं को बांटने का कर रहे हैं प्रयास : आरफा

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देहरादून, सुपरिचित पत्रकार और द वायर की संपादक आरफा खानम शेरवानी ने महिलाओं का आह्वान किया है कि वे अपने अधिकार लेने के लिए एकजुट हो जाएं। इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं धर्म और जातियों के दायरे से बाहर निकलें।
आरफा खानम शेरवानी नगर निगम सभागार में आयोजित उत्तराखंड महिला मंच के 31वें स्थापना दिवस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हर धर्म में महिलाओं को हमेशा से दोयम दर्जे का माना जाता रहा है। हाल के दौर में किसान आंदोलन और शाहीन बाग आंदोलन के दौरान महिलाओं ने आगे आकर एक नई भूमिका अपने कंधों पर ली है, लेकिन राजनीतिक दल अब धर्म के नाम पर महिलाओं को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक पत्रकारिता में महिलाओं के लिए कोई खास जगह नहीं होती थी। लेकिन, कई महिलाओं ने पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे आकर इस क्षेत्र में आने वाली महिलाओं के लिए नए दरवाजे खोले हैं। पहले महिलाओं को सिर्फ फैशन और इसी तरह की रिपोर्टिंग करने के लिए कहा जाता था। लेकिन, आज महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक और विदेशी मामले जैसी बीट पर काम कर रही हैं। यह आशाजनक है। उन्होंने अफसोस जताया कि आज महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बातें तो बहुत होती हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व करने वाली महिलाओं की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत है।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पर्यावरण विद डॉ. रवि चोपड़ा ने हिमालय और हिमालय की चुनौतियां विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हिमालय देखने में हमें बेशक बहुत मजबूत पर्वत लगता हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। यह बहुत खोखला और बहुत कमजोर पहाड़ है। उन्होंने कहा कि आज हम विकास के नाम पर हिमालय को तबाह करने में जुटे हुए हैं। बड़े-बड़े बांध और चौड़ी-चौड़ी सड़कें बनाकर हमने हिमालय को और ज्यादा कमजोर कर दिया है। इसके साथ ही मध्य हिमालय क्षेत्र के घने जंगल भी हमने काट दिए हैं, जिससे भूजल का स्तर लगातार कम हो रहा है। प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं और नदियों में पानी की कमी हो रही है । डॉक्टर चोपड़ा ने कहा कि यदि आज से ही इस स्थिति से निपटने के प्रयास नहीं किए गए तो यह भीषण तबाही को निमंत्रण होगा।
सम्मेलन में उत्तराखंड महिला मंच की ओर से चार प्रस्ताव भी पारित किए गए। ट्रांसजेंडर समुदाय की ओर से ओशीन ने अपने समुदाय के लोगों को संवैधानिक अधिकार और सामाजिक सम्मान दिलाने के लिए आम लोगों से सहयोग की अपेक्षा की। शीला रजवार ने मुज्जफरनगर नगर कांड के दोषियों को सजा, गैरसैंण राजधानी और अंकिता के वीआईपी का नाम उजागर करने का प्रस्ताव रखा। विमला कोली ने जल, जंगल जमीन पर अधिकार और निर्मला बिष्ट नफरत की राजनीति और उत्तराखंड में साम्प्रदायिक वैमनस्य के खिलाफ प्रस्ताव रखा। डॉ. उमा भट्ट ने अपने अध्यक्षीय भाषण में राज्य आंदोलन से अब तक जन मुद्दों महिला मंच के कार्यों का उल्लेख किया और कहा कि मंच जनता के सहयोग से अपनी गतिविधियां चलाता है।
इससे पहले उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने मंच के 30 वर्षों के की यात्रा पर विस्तृत रिपोर्ट सम्मेलन में प्रस्तुत की। उत्तराखंड आंदोलन में सक्रिय रही महिलाओं ने 30 वर्ष की यात्रा पर एक गीत नाटिका भी प्रस्तुत की, जिसका निर्देशन सतीश धौलाखंडी ने किया।
कार्यक्रम की संचालन चंद्रकला और निर्मला बिष्ट ने किया। मंच की संस्थापक सदस्य भुवनेश्वरी कठैत का खासतौर पर सम्मान किया गया।

सम्मेलन में यह रहे मौजूद :
सम्मेलन में माया चिलवाल, ज्योति सनवाल, मनोरमा नेगी, प्रभा रतूड़ी मुन्नी तिवारी, लीला बोहरा, ऊषा भट्ट, पद्मा गुप्ता,मंजु बलोदी, सीमा नेगी, मातेश्वरी, शांति सेमवाल, शांता नेगी, विजय नैथानी, सरोज कलोड़ा, शकुंतला मुंडेपी, तुषार रावत, जनकवि अतुल शर्मा, रोशन धस्माना, त्रिलोचन भट्ट, इंद्रेश मैखुरी, अनूप नौटियाल, परमजीत सिंह, गजेंद्र भंडारी के साथ हघ सरस्वती विहार समिति सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।

निर्धन कन्याओं के विवाह से पूर्व निकली 52 धूलो की मनमोहक बारात

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देहरादून, दून में 52 निर्धन कन्याओं के विवाह से पूर्व संध्या पर निकली 52 धूलो की मनमोहक बारात। बारात कालिका मन्दिर से 4:30 बजे प्रारंभ होकर अंसारी मार्ग- पल्टन बाजार, रामलीला बाजार ,झण्डा बाजार होते हुए शिवाजी धर्मशाला पर रुकी जहां सबी धूलो का महिला मंडल ने स्वागत किया व रात्रि भोज के साथ विश्राम भी शिवाजी धर्मशाला में हुआ।
अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल  ने बताया कि अब 22 दिसंबर को सुबह नाश्ते के पश्चात धूले ढोल नताशै के साथ हिन्दूनैशनल स्कूल पहुंचेंगे जहां सुन्दर वातावरण मे वर-वधु एक दूसरे को जयमाला पहना एक दूजे के हो जाएंगे ।
समिति उपाध्यक्ष  सचिन गुप्ता ने बताया कि सरकार का नारा है बेटी बचाओ-बेटी पढाओ पर संस्था ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक पक्ति और जोड़ी की बेटी बचाओ-बेटी पढाओ व बेटियों का घर बसाओ 52 कन्याओं में टिहरी, पौड़ी,चमोली, देहरादून ग्रामीण क्षेत्रो तक कि कन्याओं का विवाह कराया जा रहा है ।
इस अवसर पर सचिव मनोज खण्डेलवाल, राजीव गुप्ता, ओपी गुप्ता, चन्द्रेश अरोरा, संजय अग्रवाल, मनोज गोयल, उमाशंकर, धर्मपाल धीमान, विजय बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

मोहयाल पब्लिक स्कूल का वार्षिक समारोह “आगाज़: सपनों की उड़ान का” धूमधाम से मनाया

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हरिद्वार ( कुलभूषण)  मोहयाल पब्लिक स्कूल का वार्षिक समारोह “आगाज़: सपनों की उड़ान का” आज 21 दिसंबर को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री विनोद दत्त, अध्यक्ष, जनरल मोहयाल सभा, दिल्ली और विशिष्ट अतिथि  शिवानी भास्कर, प्रिंसिपल, डीपीएस फेरूपुर उपस्थित थीं।  राकेश बाली, सदस्य, जीएमएस प्रबंधन समिति भी इस अवसर पर उपस्थित थे ¹।

सभी अतिथियों का स्वागत सीए गिरीश मोहन, संयोजक, मोहयाल पब्लिक स्कूल ने पुष्पगुच्छ और बुके के साथ किया। स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती शुभांगी और शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि  विनोद दत्त,  शिवानी भास्कर और सीए गिरीश मोहन ने बच्चों के सुंदर प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया। प्ले क्लास से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का प्रदर्शन किया।  विनोद दत्त ने बच्चों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

शीतकालीन चारधाम यात्रा कर पुण्य के भागी बने श्रद्धालु- शंकराचार्य

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रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- शीतकाल में चार धामों के दर्शन कर पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है। सनातन धर्मावल्बियों को बढ़ चढ़ कर शीतकाल में चार धाम दर्शनों को आना चाहिये। शीतकाल में पहाड़ का मौसम भी अनुकूल रहता है व शीतकालीन गद्धीस्थलों में विधिवत पूजा अर्चना कर पुण्य अर्जित करने का अवसर मिलता है।
यह बात आज चार धाम शीत कालीन यात्रा पर आये ज्योर्तिपीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्वती महराज ने रुद्रप्रयाग में पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होने कहा उत्तराखण्ड देवी देवताओं की पवित्र भूमि है यहाँ के मठ मंदिरों में पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालु पूण्य के भागी होते है। उन्होने कहा कि लोगों में भ्रान्ति थी कि ग्रीष्मकाल में ही चारधामों के कपाट खुलते है, श्रद्धालु शीतकालीन गद्धी स्थलों की महिमा व वहाँ पूजा अर्चना के पूण्य फल से अनभिज्ञ थे यही कारण है कि उन्होने शीतकालीन यात्रा को बढावा देने की बात कही व स्वयं चार धामों की शीत कालीन यात्रा पर निकले है। उन्होने कहा कि शीतकाल में देव भूमि में मौसम अत्यन्त सुहावना होता है , श्रद्धालु यहाँ आकर धामों के दर्शन कर पर्यटन का आंनद भी ले सकते है।
उन्होने कहा कि शीतकालीन यात्रा का प्रचार प्रसार धार्मिक रूप से यात्रा की व्यवस्थाएं करना संबंधित मंदिर समिति, हक-हकूकधारी, वेदपाठी, स्थानीय पुरोहितों और धर्मावल्बियों का काम है, जबकि अन्य सभी व्यवस्थाएं करना सरकार और प्रशासन का काम हैं। सभी के प्रयासों से शीतकालीन यात्रा बेहतर संचालित होगी।
इससे पूर्व आज रुद्रप्रयाग पहुँचने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महराज का स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा कर भब्य स्वागत किया, गुलाबराय मैदान के पास स्थित हनुमान मंदिर में पहुँचकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्लती महराज ने पूजा की व सनातन धर्मावलम्बियों से सनतान धर्म, गौ रक्षा , गंगा स्वच्छता के लिये बढ़ चढ़ कर भागीदारी करने का आवाह्न किया। इस अवसर पर चारधाम महापंचायत के सचिव डा. बृजेश सती, पूर्व नगर पालिक अध्यक्ष राकेश नौटियाल, रेखा सेमवाल, वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल सुंदरियाल, शकुंतला नौटियाल, यमुनोत्री के रावल अनिरुद्ध उनियाल, ब्रह्मकपाल तीर्थपुरोहित के अध्यक्ष उमेश सती, ब्रह्मचारी मुकुदानंद, भगवाताचार्य रोहित गोपाल, योगेश्वर खंडूरी, सहित सैकडो की संख्या मे नगर छैत्र के श्रद्धालु मौजूद थे।

पीआरएसआई देहरादून ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का किया सम्मान

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केदारनाथ जी का प्रतीक चिन्ह, ब्रह्मकमल की टोपी, और उत्तराखंड के विकास पर आधारित पुस्तिका भेंट की*

*उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा के लिए आमंत्रित किया*

*उत्तराखंड की ब्रह्म कमल टोपी पीआरएसआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में बनी आकर्षण का केंद्र*

*रायपुर में चल रहा है पीआरएसआई का राष्ट्रीय अधिवेशन*

पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई), देहरादून चैप्टर ने रायपुर में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का सम्मान किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री को केदारनाथ का प्रतीक चिन्ह, ब्रह्मकमल की टोपी, और उत्तराखंड के विकास पर आधारित पुस्तिका भेंट की गई।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 20 से 23 दिसंबर तक पीआरएसआई का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। देहरादून चैप्टर के सदस्य भी इस अधिवेशन में प्रतिभाग कर रहे हैं।

पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारणियां, सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश भट्ट, उपाध्यक्ष ए एम त्रिपाठी ने उप मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उन्हें बताया गया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखंड के चार धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री को उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा के लिए आमंत्रित किया।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस सम्मान के लिए पीआरएसआई का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की सराहना की। उन्होंने उत्तराखंड में बिताए गए दिनों की यादें साझा करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के प्रति हर देश वासी के मन में अपार श्रद्धा है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के विकास कार्यों पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही उत्तराखंड के सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका “संकल्प सतत विकास का” वितरित की गई।

*उत्तराखंड की ब्रह्म कमल टोपी पीआरएसआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में बनी आकर्षण का केंद्र*

उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का प्रतीक मानी जाने वाली ब्रह्म कमल टोपी ने पीआरएसआई (पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अधिवेशन में खास पहचान बनाई। पीआरएसआई देहरादून के सभी सदस्यों ने ब्रह्मकमल टोपी पहनकर अधिवेशन में प्रतिभाग किया। साथ ही अन्य राज्यों के प्रतिभागियों को भी ये टोपी भेंट की। अधिवेशन में दूसरे राज्यों से आए सभी लोगों ने इस टोपी की प्रशंसा की। उत्तराखंड के पारंपरिक प्रतीक ब्रह्म कमल, जो राज्य का राजकीय पुष्प है, को इस टोपी के डिजाइन में खूबसूरती से उकेरा गया है। यह टोपी न केवल उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को दर्शाती है, बल्कि इसे पहनने वाले को भी अपनी जड़ों से जोड़ती है।

इस अवसर पर पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजीत पाठक, पीआरएसआई देहरादून के सदस्य वैभव गोयल, अनिल वर्मा, अजय डबराल, महेश, दीपक कुमार, ईशान, काजल उपस्थित थे।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं : सीएम

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–  यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं।
– डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए।

देहरादून(आरएनएस)।  बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। उत्तराखण्ड की आगामी चारधाम यात्रा के सफल संचालन और सुगम बनाने के लिए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं। 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं। तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए। सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। उन्होंने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रियों की हर प्रकार की सुविधा, यातायात प्रबंधन, अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत धामों की धारण क्षमता, यात्रा मार्गों पर विभिन्न व्यवस्थाओं और अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। गत वर्ष चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।इसके बेहतर के लिए भी अभी से पूरी योजना बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जिन स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था हो, उन स्थानों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही होटल, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता और अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चारों धामों के आस-पास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जाएं। शीतकालीन यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं बनने से चारधाम यात्रा के दौरान भी इससे व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के इन चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों के आस-पास के पौराणिक क्षेत्रों के विकास के साथ ही पंच बद्री और पंच केदार के महत्व के बारे में भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए और इनका सुनियोजित विकास भी किया जाए।
इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गत वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान आई प्रमुख कठिनाइयों और उनके समाधान के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं? चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन और पंजीकरण व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जानकारी दी।
बैठक में प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, सचिव  आर. मीनाक्षी सुंदरम,  शैलेश बगोली,  सचिव कुर्वे, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग  भाष्कर खुल्बे, अपर पुलिस महानिदेशक  ए.पी अंशुमन उपस्थित थे।

ओलंपिक में योग अभियान, उत्तराखंड से चढे़गा परवान

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– 38 वें राष्ट्रीय खेल में योग को शामिल करने के बाद मुहिम तेज होना तय
–  योग संग राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी राज्य के लिए दोहरी खुशी
– अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ से संभव हो पाएगी प्रभावशाली पैरवी

देहरादून(आरएनएस)।   ओलंपिक में योग को शामिल करने की मुहिम अब उत्तराखंड से परवान चढे़गी। 38 वे राष्ट्रीय खेलों में योग को शामिल करने के दूरगामी परिणाम तय माने जा रहे हैं। उत्तराखंड के लिए यह दोहरी खुशी का मौका है। पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की खुशी अपनी जगह है। इसके अलावा, एक खेल के रूप में योग का राष्ट्रीय खेलों में पदार्पण भी उत्तराखंड की ही धरती पर हो रहा है।
योग को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार ने एक अभियान छेड़ा हुआ है। कई मंचों पर भारत अपनी इस मांग को प्रभावशाली ढंग से उठा चुका है। केंद्र सरकार प्रयासरत है कि अगले ओलंपिक खेलों में योग को र्प्रारंभिक तौर पर शामिल कर लिया जाए। इसके बाद, वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में योग को एक मेडल गेम के रूप में मान्यता मिल जाए। राष्ट्रीय खेलों का योग को हिस्सा बनाने की बातें पहले से होती रही हैं, लेकिन उत्तराखंड में होने जा रहे 38 वें राष्ट्रीय खेल में इसे औपचारिक तौर पर शामिल कर लिया गया है। उत्तराखंड और योग प्रेमियों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डा डीके सिंह इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दे रहे हैं। बकौल, डा सिंह-मुख्यमंत्री ने भारतीय ओलंपिक संघ से इसके लिए ठोस पैरवी की। इसके नतीजतन ही योग अब राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ पर पडे़गा अब दबाव
भारत की ओर से अभी तक ओलंपिक खेलों में योग को शामिल करने की मांग जरूर की जा रही थी, लेकिन उसके अपने राष्ट्रीय खेलों में ही यह शामिल नहीं था। अब 38 वें राष्ट्रीय खेलों में योग के शामिल होने से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के समक्ष प्रभावपूर्ण पैरवी संभव हो सकेगी।
दुनिया में लगातार बढ़ रही योग की स्वीकार्यता
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के काबिज होने के बाद से योग की स्वीकार्यता पूरी दुनिया में बढ़ी है। योग के ब्रांड अंबेसडर बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रभाव भी बढ़ा है। केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने योग को लेकर एक अलग फेडरेशन का निर्माण किया है। इस फेडरेशन के मार्फत ही योग को ओलंपिक में शामिल करवाने की पैरवी की जा रही है।
दो-तीन दिन के भीतर डीओसी उत्तराखंड में
योग और मलखंब को राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने का औपचारिक पत्र उत्तराखंड को प्राप्त हो गया है। शुभंकर समारोह में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष डा पीटी ऊषा ने सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी साझा की थी। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डा डीके सिंह के अनुसार-दो-तीन दिन के भीतर इस संबंध में डायरेक्टर ऑफ कम्पटीशन (डीओसी) की टीम उत्तराखंड पहुंच रही है। योग की प्रतिस्पर्धा अल्मोड़ा में कराई जा रही है, जबकि मलखंब के लिए खटीमा चयनित किया गया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में योग का दुनिया भर में व्यापक प्रचार प्रसार हुआ है। वह दिन दूर नहीं, जब योग ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा होगा। उत्तराखंड इस मामले में सौभाग्यशाली है कि वह 38 वें खेलों की मेजबानी योग खेल के साथ कर रहा है। निश्चित तौर पर इससे ओलंपिक में योग को शामिल करने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।    – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री