Friday, June 13, 2025
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चुनाव आते ही सैनिको का गुणगान कर रही कांग्रेस सैनिको से मांगे माफ़ी : चौहान

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देहरादून, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस का सैन्य प्रेम आडम्बर से कम नहीं है और उसकी कथित विजय सम्मान रैली भी उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की अगुवाई करते हुए सर्जिकलस्ट्राइक में जाबांजो को ललकारते हुए सेना से सुबूत मांग रही थी आज उसे सेना का पराक्रम याद आ रहा है। बेहतर होता की पहले कांग्रेस देश की जनता से माफ़ी मांगती। दुश्मनो से जब भी सेना सीमा पर जूझती है तो कांग्रेस की ओर से दुश्मनो की भाषा में बात की जाती हैं और इसका असर सीधे सैनिको के मनोबल पर पड़ता है।
जनरल बिपिन रावत को सड़क का गुंडा बताना, फ़ील्ड मार्शल सैम बहादुर को राजकीय सम्मान न देना, सैनिकों के बलिदान को खून की दलाली बताना यह ही कांग्रेस की सैन्य-विरोधी मानसिकता दर्शाता है।

श्री चौहान ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 की घटना के वक़्त विपक्ष ने तत्कालीन सरकार के फैसले को सराहा था,लेकिन आज कांग्रेस कभी सैनिको तो कभी सनातनियों की भावनाओं पर प्रहार करती हैं। कांग्रेस को अपने शीर्ष नेताओं का भी इस बारे में मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐन चुनाव से पहले देश भक्ति और सैनिको के गुणगान करने के लिए राजनीति से प्रेरित भीड़ से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला,क्योंकि जनता उसके स्वार्थ और प्रोपेगेंडा को बेहतर ढंग से जानती है और उसके झांसे में नहीं आने वाली। राज्य का बहुमुखी विकास मोदी सरकार में ही संभव है और अब तक डबल इंजन की सरकार में यह देखने को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्ता में रहते कांग्रेस ने कभी उतराखंड के हित में कोई सोच नहीं दिखाई और हमेशा ही जन भावनाओं का अनादर किया। भ्रष्टाचार में लिप्त रही कांग्रेस को जनता पहले ही ख़ारिज कर चुकी है और जनता अभी भी उस अराजकता के दौर को भूली नहीं है।

चकबंदी में धांधली : शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई, नाराज ग्रामीण आत्मदाह के लिये पेड़ पर चढ़ा

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हरिद्वार, जनपद में चकबंदी मामलों में धांधली को लेकर एक ग्रामीण के पेड़ पर चढ़ कर आत्मदाह करने की खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया, मामला हरिद्वार के कनखल का है जहां नाराज एक ग्रामीण आत्मदाह करने तहसील कार्यालय पहुंच गया। वहां पर पुलिस को तैनात देखकर ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गया। उसके पास एक बैग भी है। पुलिस कर्मियों ने ग्रामीण को पेड़ से उतारने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अभी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है |

हरिद्वार के कनखल निवासी जगजीवन राम ने चकबंदी के बंदोबस्त अधिकारी को तीन दिसंबर को एक ज्ञापन दिया था। इसमें बताया गया था कि बेलड़ा और कुछ गांव में चकबंदी प्रकिया में धांधली की गई है। इसमें कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है |

इन मामलों में कार्रवाई नहीं होने पर जगजीवन राम ने 15 दिसंबर को चकबन्दी के बंदोबस्त अधिकारी कार्यालय पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी, जिसे लेकर खुफिया विभाग में ग्रामीण की तलाश कर रहा था। बुधवार सुबह करीब 10 बजे ग्रामीण जगजीवन राम एक बैग लेकर तहसील कार्यालय आत्मदाह करने के लिए पहुंचा। बंदोबस्त अधिकारी के कार्यालय पर पहले से ही पुलिस तैनात थी।
पुलिस को देखते ही ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गया। मौके पर मौजूद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र चौहान ने ग्रामीणों को समझाने बुझाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, अन्य अधिकारियों को भी मामले की सूचना दी गई है। अभी तक ग्रामीण पेड़ से उतरने को तैयार नहीं है ।ग्रामीणों का कहना है कि जब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हो जाती वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों को समझाने बुझाने में लगे हैं। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण पेड़ पर चढ़ा हुआ था |

उत्तराखंड वीरों और शौर्य-पराक्रम की भूमि है, यहां के किसी भी हिस्से में चले जाइये वीरता के किस्से ही सुनाई देते हैं : रक्षा मंत्री

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“सैन्यधाम का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया शिलान्यास”

देहरादून, देश के रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह के हाथों आज उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में बनने वाले सैन्यधाम का शिलान्यास हो गया । इस अवसर बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने शहीदों की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की और जनता को संबोधित करते हुए उत्तराखंड सरकार का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने चार साल पहले पांचवें धाम की बात कही थी। राज्य सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सैन्य धाम का निर्माण जल्द से जल्द पूरा होगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, उत्तराखंड वीरों की और शौर्य-पराक्रम की भूमि है और यहां के किसी भी हिस्से में चले जाइये वीरता के किस्से ही सुनाई देते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी सैन्यधाम आएगा, यहां से प्रेरणा लेकर जाएगा। इस दौरान उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी याद किया। यहीं पर शहीद सम्मान यात्रा का भी समापन हुआ। कार्यक्रम में 204 शहीदों के स्वजन व वीर नारियों को सम्मानित किया गया । सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है|

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केंद्र सरकार ने सैनिकों का मनोबाल बढ़ाने का काम किया है। सेना के सशक्तिकरण की रक्षामंत्री की जो दूरदृष्टि है, उसका आगे भी अनुसरण किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद किया। कहा, उत्तराखंड से उन्हें गहरा लगाव था। उनके राज्य को लेकर कई सपने थे, जो अब राज्य सरकार पूरा करेगी। यह स्थान युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करेगा। कई पीढियां यहां शहीदों की वीर गाथा से रूबरू होती रहेगी | सीएम धामी ने कहा कि सैनिकों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सैन्य धाम को पूर्ण मनोयोग से बनाया जाएगा। सैनिकों का सम्मान ही हमारा सम्मान है। मोदी सरकार ने सेना को छूट दी है। आज गोली का जवाब गोली से दिया जाता है। सेना को सशक्त बनाया जा रहा है। हम शहीदों का कर्ज कभी नहीं चुका सकते।

अपने सम्बोद्धन में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश शहीदों का ऋणी है। सैन्य धाम एक ऐतिहासिक पहल है। देश-दुनिया के लोग इसे देखने आएंगे। आज प्रधानमंत्री की अगुआई में देश एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा है। जमीन पर, नभ और जल में दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। हम रक्षा उत्पाद में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सेना के साजोसामान निर्यात करने वाले टाप-25 में आ गए हैं।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। देश में हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। सेना में 17.5 प्रतिशत मैनपावर यहीं से है। सैनिकों के हित को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में आम जनमानस का सहयोग मिल रहा है। सैन्यधाम ऐसा बनेगा कि लोग चारधाम की यात्रा को आएंगे तो इस पांचवें धाम के भी दर्शन करेंगे |

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि रक्षा मंत्री के नेतृत्व और प्रधानमंत्री के निर्देशन में सेना का आधुनिकीकरण हो रहा है। पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। राफेल के पूजन से भी एक अलग संदेश दिया गया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सैन्यधाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है। शहीदों के आंगन से लाई गई मिट्टी को एक बड़े कलश में रखा गया है । इसके बाद इसे सैन्यधाम में बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि लगभग 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम के निर्माण में 63 करोड़ रुपये की लागत आयेगी । इसके प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जाएगा। इन दोनों वीर सैनिकों को सेना में भी पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष के भीतर सैन्यधाम के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। सैन्यधाम में द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक प्रदेश के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, सबके चित्र लगाए जाएंगे और उनके बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा धाम में लाइट एंड साउंड सिस्टम, टैंक, जहाज व अन्य सैन्य उपकरण भी रखे जाएंगे।

जिंदगी की जंग हार गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, CDS बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में हुए थे घायल

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हेलिकॉप्टर हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है लेकिन उनकी हालत स्थिर है। वह बेंगलुरु कमांड अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। इंडियन एयरफोर्स के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। आपको बता दें कि बेंगलुरु के आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने इससे पहले बताया था कि बीते गुरुवार को वरुण सिंह को तमिलनाडु के वेलिंगटन से बेंगलुरु के कमान अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पिछले साल एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।

वरुण सिंह का जीवन बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने मां पाटेश्वरी से की थी प्रार्थना
तमिलनाडु के कुन्नूर में एयर फोर्स का हेलिकॉप्टर क्रैश होने की घटना में एकमात्र जिवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की सलामती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां पाटेश्वरी से शनिवार को प्रार्थना की थी। बलरामपुर में सरयू नहर के लोकार्पण समारोह के बाद सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देवरिया के सपूत को याद करते हुए कहा था कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है। राजनाथ ने की ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता से बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता से बात की जिनका बेंगलुरु के अस्पताल में इलाज चल रहा है। बुधवार को कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

बारात लेकर काला चश्मा लगाए Scooty से पहुंची दुल्हन, बैक सीट पर दूल्हे को बैठाकर मारी एंट्री

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फिरोजाबाद के ब्लॉक एका के गांव रामपुर में राम बहादुर के बेटे राहुल की शादी दिल्ली शाहदरा मौजपुर निवासी अभिलाषाराम की बेटी काजल से तय हुई। सोमवार को रामपुर गांव में विवाह का आयोजन किया गया। खास बात ये रही कि राहुल अपनी बारात लेकर नहीं, बल्कि काजल अपनी बारात लेकर अपनी ससुराल पहुंची और दूल्हे पक्ष के लोगों ने सारी रस्मों को पूरा किया। एक-दूसरे को पहले से जानते थे दूल्हा-दुल्हन
बता दें, राहुल और काजल एक-दूसरे को पहले से जानते थे। काजल और उनका परिवार रविवार की शाम को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियो के साथ फिरोजाबाद के रामपुर गांव आ गया था। सोमवार को यहीं से काजल लगभग 100 मीटर की दूरी पर अपने दूल्हे को जयमाल स्थल तक स्कूटी पर ले गई। गांव में जिसने भी दुल्हन को इस अंदाज में देखा जमकर तारीफ की।

जयमाला में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। गांव में इस नई परंपरा की शादी को जिसने भी देखा वह कौतूहल का विषय बना रहा। वहीं, कुछ लोगों ने इसे बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ के तहत आधुनिक विवाह करार देते हुए इसे एक अच्छा कदम बताया। आधुनिक तरीके से हुई शादी चर्चा का विषय रही।

इस राज्य के 64 हजार शिक्षकों को बड़ा तोहफा देने जा रही है सरकार, इतनी बढ़ जाएगी सैलेरी

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झारखंड के सरकारी स्कूलों में 64 हजार ऐसे शिक्षक (64 thousand teachers) वर्षों से कार्यरत हैं, जो एक तयशुदा मानदेय पर काम करते हैं, लेकिन उनकी सेवा स्थायी नहीं है। राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को पारा टीचर का नाम दे रखा है।

इन पारा टीचर्स (Para Teachers in Jharkhand) के लिए राज्य सरकार ने नई सेवा शर्त नियमावली तैयार कर ली है। जिसे आगामी एक जनवरी 2022 से लागू किया जा सकता है। इस नियमावली के ड्राफ्ट पर मंगलवार को राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने पारा टीचर्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि तकनीकी वजहों से इनके लिए पे-स्केल लागू नहीं होगा, लेकिन नई सेवा शर्त नियमावली के अनुसार टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट (teacher eligibility test) पास करने वाले ऐसे शिक्षकों को मिलने वाली मानदेय राशि में एकमुश्त 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जायेगी। जिन शिक्षकों ने टेट परीक्षा पास नहीं की है, उनका मानदेय 40 प्रतिशत बढ़ेगा। टेट परीक्षा पास नहीं करने वाले पारा टीचर्स (Para Teachers) के लिए चार बार आंकलन परीक्षा आयोजित की जायेगी। इसमें पास करने के बाद उनके मानदेय में अलग से 10 फीसदी बोनस के रूप में बढ़ोतरी होगी। पारा शिक्षकों का पदनाम भी बदल दिया जायेगा। नई नियमावली के अनुसार इन्हें नियोजित शिक्षक (employed teacher) के रूप में जाना जायेगा। नियमावली ड्राफ्ट के अनुसार आकलन परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी के पारा शिक्षकों को 40 फीसदी और रिजर्व श्रेणी के पारा शिक्षकों को 30 फीसदी अंक लाना होगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आंदोलन के दौरान पारा शिक्षकों पर सरकार की ओर से जितने भी मुकदमे दर्ज कराये गये हैं, उन्हें वापस ले लिया जायेगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने कहा कि राज्य सरकार ने पारा टीचर्स को सरकारी प्रावधान के अनुसार नियोजित करने की जो नियमावली बनाई है, उसमें उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। दूसरी तरफ एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि उन्हें हर हाल में वेतनमान के आधार पर नियोजन चाहिए। सरकार बिहार की तर्ज पर नियमावली लागू करे। मानदेय बढ़ाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में 1500 किलोवॉट के रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित

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-2017 से करीब 68,51,600 किलोवॉट (यूनिट) बिजली बचत कर बनाया रिकॉर्ड

-40 फीसदी बिजली की जरूरत को सौर ऊर्जा से कर रहे पूरा

देहरादून (डोईवाला), देश का प्रतिष्ठित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय ने संस्थान में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली बचत में मिसाल कायम की |
एसआरएचयू की प्रयोजित संस्था हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) स्वास्थ्य व शिक्षा की संगम स्थली के रुप में पहचान कायम कर चुका है। इसी कड़ी में एसआरएचयू ऊर्जा संरक्षण में भी योगदान कर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन महामारी के पूर्व के स्तर तक पहुंचने के करीब है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि इसका प्रमुख कारण है बड़े संस्थानों में बिजली की खपत में बेइंतहा वृद्धि। बिजली की खपत को कम करने के लिए सौर ऊर्जा सबसे बेहतरीन विकल्प है। सूर्य हमेशा से ऊर्जा का सबसे भरोसेमंद स्रोत रहा है।

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सौर ऊर्जा के महत्व को हम समझते हैं। इसके लिए संस्थान में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। भविष्य की जरूरत को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण की ओर हमने साल 2007 में पहला कदम बढ़ाया था। तब हिमालयन हॉस्पिटल, कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट सहित सभी हॉस्टल में सोलर वाटर हीटर पैनल लगाए गए थे।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि साल 2017 में राष्ट्रीय सौर मिशन से जुड़ने का फैसला किया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान की व्यापक योजना बनाई। साल 2017 में हिमालयी राज्यों में रूफ टॉप सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार की ओर से प्रदान की जा रही 70 फीसदी सब्सिडी को देखते हुए सोलर पैनल लगाने का फैसला लिया। नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज में 500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल लगा, कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि 2017 से अब तक विश्वविद्यालय कैंपस स्थित विभिन्न भवनों की छतों में 1500 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इससे अब तक एसआरएचयू 68,51,660 किलोवॉट (यूनिट) बिजली की बचत कर चुका है। इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग प्रभारी गिरीश उनियाल ने बताया कि संस्थान में ऊर्जा मांग के अनुसार 3500 किलोवॉट का बिजली संयंत्र लगाया गया है। अब करीब 1500 किलोवॉट रुफ टॉप सोलर पैनल की मदद से संस्थान बिजली की 40 फीसदी मांग सौर ऊर्जा से पूरा कर रहा है।

सोलर पैनल को अपनाने की अपील

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए सभी नागरिकों से सजग भूमिका निभानी होगी। आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग से आम जनजीवन को बड़ा खतरा होने वाला है। इसलिए अभी से प्राकृतिक ऊर्जा पर निर्भर रहने की आदत डालनी होगी। प्रकृति के संरक्षण के लिए ऊर्जा का संरक्षण जरूरी है।

सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पहाड़ों में पहुंचाया पानी

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हमने पहाड़ों के दुरस्थ गांवों में पानी पहुंचाने के लिए भी किया है। साल 2014 में टिहरी के चंबा में ग्राम चुरेड़धार में सोलर पंपिंग प्लांट के जरिये गांव में पानी पहुंचाया। इसकी मदद से 23 यूनिट बिजली रोजाना के हिसाब से गांव के करीब 43 हजार रुपये सलाना बचत हुई। इसके अलावा पौड़ी के तीन व हरिद्वार के एक गांव में सोलर पंपिंग योजना पर काम जारी है।

करीब 1455 टन कार्बन उत्सर्जन की कमी

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के खतरे दिखने लगे हैं। इसका बड़ा कारण है कार्बन उत्सर्जन। एसआरएचूय में 1500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल की मदद से 1455 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। उत्तराखंड के किसी भी संस्थान की तुलना में यह एक रिकॉर्ड है।

प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान किसानों को करेंगे संबोधित

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 दिसम्बर, 2021 को प्रात: 11 बजे आणंद (गुजरात) में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को संबोधित करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में प्राकृतिक खेती पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने के लाभों के बारे में सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकार किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित है। सरकार उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि किसान अपनी कृषि क्षमता को अधिक-से-अधिक करने में समर्थ हों। सरकार ने कृषि में बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक उपाय शुरू किए हैं। प्रणाली की स्थिरता, लागत कम करने, बाजार पहुंच और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए की जा रही पहलों को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बिना लागत (शून्य बजट) प्राकृतिक खेती की कृषि लागत सामग्री की खरीदारी पर किसानों की निर्भरता को कम करने और परंपरागत क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करते हुए कृषि की लागत को कम करने के लिए आशाजनक साधन के रूप में पहचान की गई है, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार को बढ़ावा मिलता है। देसी गाय, उसका गोबर और मूत्र इस बारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे विभिन्न इनपुट खेतों में ही बन जाते हैं, जो खेत को आवश्यक तत्व उपलब्ध कराती हैं। अन्य पारंपरिक प्रथाएं जैसे बायोमास के साथ मिट्टी में गीली घास डालना या मिट्टी को पूरे साल हरित आवरण से ढक कर रखना, यहां तक कि बहुत कम पानी की उपलब्धता की स्थिति में भी ऐसे कार्य किए जाते हैं जो पहले साल अपनाने से ही सतत उत्पादकता सुनिश्चित करते हैं।
ऐसी रणनीतियों पर जोर देने और देश के किसानों को संदेश देने के लिए, गुजरात सरकार प्राकृतिक खेती पर ध्यान देते हुए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही है। यह तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन 14 से 16 दिसम्बर, 2021 तक आयोजित किया जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में आईसीएआर के केन्द्रीय संस्थानों और राज्यों में कृषि विज्ञान केन्द्रों और एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध एजेंसी) नेटवर्क के माध्यम से लाइव जुड़ रहे किसानों के अलावा 5,000 से अधिक किसान उपस्थित रहेंगे।

कोविड-19 : दिल्ली में फूटा ओमिक्रॉन बम, 4 नए मरीज मिले, अब तक 6 लोग संक्रमित

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नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। चार और मरीजों में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है, जिससे यहां कुल मामलों की संख्या बढक़र 6 हो गई है। इन सभी छह मरीजों में हल्के लक्षण हैं और उनमें से एक ठीक भी हो गया है, लेकिन 5 मरीज अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में अभी तक 6 लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 1 मरीज ठीक होकर घर जा चुका है। ओमिक्रॉन के सारे मामले विदेश से आए लोगों में पाए गए हैं, सभी मामले स्टेबल हैं और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। जैन ने बताया कि वर्तमान में 35 कोविड संक्रमित मरीज और 3 संदिग्ध मामले एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

विदेशों से आए कुल 74 लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट से अब तक रुहृछ्वक्क में भर्ती कराया गया था, इनमें से 36 को डिस्चार्ज किया जा चुका है, अभी 38 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 35 कोरोना मरीज हैं, जिनमें से 5 ओमिक्रॉन पॉजिटिव हैं और 3 संदिग्ध हैं। एक ओमिक्रॉन संक्रमित को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के पहले ओमिक्रॉन मरीज को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। रांची का रहने वाला यह 37 वर्षीय व्यक्ति 2 दिसंबर को कतर एयरवेज की फ्लाइट से तंजानिया से दोहा और वहां से दिल्ली आया था। वह एक हफ्ते तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सिबर्ग में रहा और उसमें हल्के लक्षण थे। लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल को कोविड -19 के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए नामित किया गया है।
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार क्रिसमस और नववर्ष से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर भी रोक लगा सकती है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान के हालात को देखते हुए ऐसे किसी उपाय की आवश्यकता नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और वह इस मुद्दे पर लगातार विशेषज्ञों से संपर्क बनाए हुए हैं। दिल्ली में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मरीज सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो हम प्रतिबंध लगाएंगे। वर्तमान में प्रतिबंधों की कोई आवश्यकता नहीं है। हम लगातार विशेषज्ञों के संपर्क में हैं और अगर दिल्लीवासियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रतिबंध लगाने की जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है। मैंने ऑक्सीजन आपूर्ति, बेड्स और दवाओं के संबंध में कई समीक्षा बैठक की है। हम दिल्ली में ओमिक्रॉन संकट नहीं चाहते, लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है तो हम तैयार हैं।

ऐतिहासिक और भव्य होगी राहुल गांधी की रैली – ललित जोशी

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, उत्तराखंड के हल्द्वानी में कांग्रेस की रैली में शामिल होने देहरादून जा रहे राज्य आंदोलनकारी कांग्रेसी राहुल गांधी की रैली में जाने के लिये एकत्रित होने शुरू हो गये । ललित जोशी कहा कि 16 दिसंबर को राहुल गांधी की रैली ऐतिहासिक और भव्य होगी जिसमें शहीदों और पूर्व फ़ौजियों को सम्मान किया जायेगा । राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने कहा कि हल्द्वानी से सभी लोग सामूहिक रूप से रैली में प्रतिभाग करेंगे ।
ललित जोशी ने हल्द्वानी के एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस पार्टी से जुड़े राज्य आंदोलनकारी जुटे । उन्होंने बताया कि देहरादून में 16 दिसंबर को होने वाली राहुल गांधी की रैली में वो सभी एकजुट होकर जाएंगे । ये सभी लोग हल्द्वानी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी से टिकट के दवेदार भी हैं । उन्होंने कहा कि हल्द्वानी से वो लोग सामूहिक रूप से रैली में जा रहे हैं । उन्होंने अनुमान जताया कि जनता के बदले मन को देखते हुए उनकी रैली में मोदी की रैली से दोगुनी भीड़ होगी । बता दें कि बीते रोज दिवंगत पूर्व कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदेश ने पत्रकार वार्ता कर हल्द्वानी से हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के जाने का दावा किया था । आज इस ग्रुप ने पत्रकारों से कहा कि वो सामूहिक रूप से कार्यकर्ताओं को रैली में ले जा रहे हैं । इस दौरान हेमंत बगडवाल, हुकुम सिंह कुंवर, शोभा बिष्ट, शशि वर्मा, शोभा बिष्ट और पुष्पा नेगी नेहा अग्रवाल आदि मौजूद रहे ।