Tuesday, May 13, 2025
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बड़ी खबर : भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों पहली लिस्ट, कहां से किसे मिला टिकट

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नई दिल्ली/ देहरादून, उत्तराखंड विधान सभा के लिये भारतीय जनता पार्टी ने जारी की अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे जबकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे गदरपुर एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चौवाटा काल से अपना भाग्य आजमा आएंगे। उमेश शर्मा काऊ रायपुर विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर मैदान में है जबकि गणेश जोशी मसूरी से चुनाव लड़ेंगे।

खटीमा से पुष्कर सिंह धामी
हरिद्वार से मदन कौशिक
पुरोला से दुर्गेश्वर लाल
यमुनोत्री से केदार सिंह रावत
गंगोत्री से सुरेश चौहान
बद्रीनाथ से महेंद्र भट्ट
थराली से गोपाल राम
करणप्रयाग से अनिल नौटियाल
रुद्रप्रयाग से भरत सिंह चौधरी
घनसाली से शक्ति लाल शाह
देवप्रयाग से विनोद कण्डारी
सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर से
प्रीतम सिंह पंवार धनोल्टी
चकराता से रामशरण नौटियाल
विकासनगर से मुन्ना सिंह चौहान
सहसपुर से सहदेव सिंह पुंडीर
धर्मपुर से विनोद चमोली
रायपुर से उमेश शर्मा काऊ
राजपुर रोड से खजान दास
देहरादून कैंट से श्रीमती सविता कपूर
मसूरी से गणेश जोशी
ऋषिकेश से प्रेमचंद्र अग्रवाल
बीएचईएल रानीपुर आदर्श सिंह चौहान
ज्वालापुर से सुरेश राठोर
रुड़की से प्रदीप बत्रा
खानपुर से कुंवर रानी देवयानी
मंगलौर से दिनेश पवार
लक्सर से संजय गुप्ता
हरिद्वार ग्रामीण से स्वामी यतिश्वरानंद महाराज
यमकेश्वर से श्रीमती रेणु बिष्ट
पौड़ी से राजकुमार
श्रीनगर से डॉक्टर धन सिंह रावत
चौबत्ताखाल, सतपाल महाराज
लैंसडाउन से दिलीप सिंह रावत
धारचूला से धन सिंह धामी
डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल
पिथौरागढ़ से चंद्र पंत
कपकोट से सुरेश गाडीया
बागेश्वर से चंदन राम दास
द्वाराहाट से अनिल साही
सल्ट से महेश जीना
सोमेश्वर से रेखा आर्या
अल्मोड़ा से कैलाश शर्मा
लोहाघाट से पूरन सिंह फर्त्याल
चंपावत से कैलाश खेर थोड़ी
भीमताल से राम सिंह खेड़ा
नैनीताल से सरिता आर्या
कालाढूंगी से बंशीधर भगत
रामनगर से दीवान सिंह बिष्
जसपुर से शैलेंद्र मोहन सिंघल
बाजपुर से राजेश कुमार
गदरपुर से अरविंद पांडे
किच्छा से राजेश शुक्ला
सितारगंज से सौरभ बहुगुणा
नानकमत्ता से प्रेम सिंह राणा

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May be an image of text that says '52. विधानसभा Jaspur 62 नंबर एवं नाम 53. 54. Kashipur काशीपुर Bajpur (SC) 64 बाजपूर (अजा) Gadarpur 55. 65 56. 57. उम्मीदवार का नाम Dr. Shailendra Mohan Singhal शैलेंद्र मोहन सिंघल Shri Cheema सिंह चीमा Shri Rajesh Kumar राजेश कृमार Shri Arvind Pandey श्री अरविन्द पाण्डेय Shri Rajesh Shukla राजेश शुक्ला Shri Saurabh Bahuguna श्री सौरभ बहुगुणा Dr. Prem Singh Rana डॉ सिंह राणा Shri Pushkar Singh Dhami श्री पष्कर सिंह धामी 58. Kichha 67 किच्छा 68 Sitarganj सितारगंज Nanak Matta (ST) 69 नानक मत्ता (अजजा) 70 Khatima खटीमा 59. இર (अरुण सिंह) राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी el:23500000'

‘शेरे ऐ गढ़वाल’ हरक सिंह क्यों हरदा के सामने हुआ ढे़र… ?

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अमूमन पूर्व कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत अपने समर्थकों में ‘शेर ऐ गढ़वाल’ के नाम से पहचाने जाते हैं | लेकिन चंद दिनों में राजनीति की चौसर पर ऐसी बाजी पलटी कि अब इस शेर को पूर्व सीएम हरीश रावत के सामने बकरी बनकर मिमियाने से भी गुरेज नहीं है | कम से कम उनका हरदा से एक नही सौ बार माफी मांगने का बयान तो यही दर्शाता है | हालांकि हरदा की स्थिति भी कांग्रेस में कुछ अच्छी नहीं है, वह पार्टी में उस बूढ़े शेर की तरह हैं जिसका शिकार खुद उसके शिष्य तक छीनने की जुगत में हैं |
उत्तराखंड की राजनीति में हरक सिंह रावत उन गिने चुने नेताओं में हैं जो यूपी स्टाइल में अपनी दबंग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं | उनपर भ्रष्टाचार से लेकर बलात्कार तक के बड़े चर्चित और सनसनीखेज आरोप लगे, लेकिन उनका राजनैतिक रसूख लगातार बढ़ता रहा | 1991 से शुरू हुआ उनका विधायकी का सफर यूपी और उत्तराखंड में 4-4 बार कैबिनेट मंत्री पद से होकर गुजरा | लेकिन 2016 में वह पूर्व सीएम विजय बहुगुणा व नौ अन्य विधायकों के साथ अपनी राजनैतिक जान बचाकर कांग्रेस से भाजपा में भागे थे | उनके इस राजनैतिक पलायन का एक ही प्रमुख कारण था कि उन्हें लगता था, तत्कालीन सीएम हरीश रावत उनकी राजनैतिक हत्या कर सकते है | हालांकि भाजपा ने भी उन्हें पूरा-पूरा सम्मान दिया और पूरे 5 वर्ष भारी भरकम विभागों के साथ मंत्रीमण्डल में शामिल किया | इस दौरान उनके तल्ख बयानों में हरीश रावत को लेकर उनकी अदावत सदैव झलकती रही | उनकी कार्यशैली और भ्रष्टाचार के आरोपों ने भाजपा के लिए कई मर्तबा स्थिति असहज भी की | लेकिन 2022 का चुनाव आते आते उनका अपनी बहू और मॉडल अनुकृति गुसाई और अन्य परिचित के लिए टिकट की जिद्द ने आखिरकार पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया |
इस दौरान उनकी तैयारी महीनों पहले से कांग्रेस में वापिसी की चल रही थी | कांग्रेस का केंद्रीय आलाकमान तैयार भी था लेकिन हरीश रावत ने उनके नाम पर वीटों लगाकर उनके लिए पार्टी का दरवाजा बंद किया हुआ है | भाजपा से बर्खास्तगी के बाद हरक की स्थिति ‘न घर के न घाट’ के वाली बन गयी है | जिन विधायकों के दम पर वह भाजपा व कांग्रेस को दबाब में लेने की कोशिश कर रहे थे उन्होंने हरक के लिए दोनों पार्टियों के बंद दरवाजे देखकर ही पाला बदलने से ही इंकार कर दिया | हरदा किसी भी कीमत पर हरक को कांग्रेस में स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हैं, हालांकि आलाकमान के दबाब में उन्होंने पैरों में गिड़गिड़ाने वाली शर्त सामने रखी है | उन्होंने कहा है कि पार्टी में आने से पहले हरक को सार्वजनिक रूप में 2016 में पार्टी बदलने के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है | जिस तरह की राजनीति हरक करते हैं, उनके लिए माफी मांगने की शर्त बेहद अपमानजनक है | लेकिन मरता क्या न करता की तर्ज़ पर हरक का एक नहीं सौ-सौ बार भी हरीश रावत से माफी मांगने को तैयार होना साफ जाहिर करता है कि गढ़वाल का यह ‘शेर’ हो गया ढेर | वर्तमान में भाजपा से यूं बाहर किए जाने से हरक की स्थिति बेहद खराब है, जिसका हरदा को भी बखूबी एहसास है | लेकिन उन्हें पता है कि हरक की वापिसी पार्टी में अपने विरोधियों को अधिक मजबूत करना है इसलिए सार्वजनिक माफी की अपमानजनक शर्त जोड़ दी गयी है | अब चूंकि हरक सिंह को भी भलीभांति एहसास है कि कांग्रेस में आकर ही वह हरदा विरोधियों से मिलकर ही खोई ताकत वापिस पा सकता है | लिहाजा अपमान का घूट पीने में ही भलाई है, जानकार फिलहाल कहा जा सकता है कि ‘शेर हो गया है ढे़र’ |

https://fb.watch/aEHCBxC7fX/

 

क्या..! डोईवाला से प्रेमचंद अग्रवाल, नरेन्द्रनगर ओम गोपाल तो सुबोध ऋषिकेश से होंगे प्रत्याशी

देहरादून, इधर भाजपा दमखम के साथ विधान सभा चुनाव की तैयारी में लगी है, उधर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत अब चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद दून की डोईवाला सीट चर्चाओं में है । पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। ऐसे में लगातार यह कयास लग रहे हैं कि भाजपा डोईवाला विधानसभा सीट में ऋषिकेश से वर्तमान विधायक और स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल को चुनाव लड़ा सकती है। भाजपा के लिये एक तो नरेन्द्रनगर सीट पर हो रहे घमासान को शान्त करने का मौका मिलेगा और ऐसी स्थिति में पार्टी नरेंद्रनगर से वर्तमान विधायक सुबोध उनियाल ऋषिकेश से चुनाव लड़ा सकती है और नरेंद्रनगर में पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत को पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है। सोशल मीडिया में पिछले कई घंटों से ही बातें लगातार चल रही है। सूत्र बताते हैं डोईवाला में प्रेमचंद अग्रवाल, ऋषिकेश में सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर से ओम गोपाल रावत चुनाव लड़ सकते। पार्टी में इसको लेकर मंथन भी चल रहा है और पार्टी बहुत ज्यादा प्रयोग करने के मूड में नहीं है और विधायकों ने उसी क्षेत्र के हिसाब से तैयारी की है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा हाई कमान इस पर अपनी मोहर लगा सकता है |Big breaking:-तो बीजेपी केवल डोईवाला में ही बदलेगी अपना प्रत्याशी , बाकी  अपनी सीटो से ही लड़ेंगे चुनाव , अब ये आई महत्वपूर्ण जानकारी - News Height

कांग्रेस में हरक का विरोध जारी, रुद्रप्रयाग जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने दिया पद से इस्तीफा

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“हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में राजनीति का मजाक बनाकर रख दिया है। जब मर्जी जहां से चुनाव लड़ा जाए और जब मर्जी जिस पार्टी में शामिल हो जाए : गोस्वामी”

रुद्रप्रयाग, भाजपा से निष्कासित होने के बाद पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत का कांग्रेस में शामिल होने अटकलों पर पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो गये, कांग्रेस के रुद्रप्रयाग जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष को सौंप दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान को 2016 की घटना को नहीं भूलना चाहिए, जिसमें हरक सिंह ने बगावत कर सरकार गिराई थी। उन्होंने प्रदेश में सिर्फ गलत राजनीति को बढ़ावा दिया है, जो सही नहीं है।रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर 2012 में विधानसभा पहुंचने वाले डा. हरक सिंह रावत ने 2016 में पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब, भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया है, जिससे वह पुन: कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली में डटे हुए हैं। लेकिन रुद्रप्रयाग कांग्रेस में डा. हरक सिंह रावत का विरोध जोर पकड़ने लगा है
तीन दिन पूर्व केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने जहां पुरजोर हरक सिंह का विरोध किया था। वहीं, अब, जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा की प्रति प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट को सौंप दिया |
गोस्वामी का कहना है कि हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में राजनीति का मजाक बनाकर रख दिया है। जब मर्जी जहां से चुनाव लड़ा जाए और जब मर्जी जिस पार्टी में शामिल हो जाए, यह परिपाटी प्रदेश के लिए सही नहीं है। इससे, पूरे देश में उत्तराखंड की किरकिरी हो रही है।

साथ ही सालों से निस्वार्थ भाव से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं का मजाक बन रहा है। इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। दूसरी तरफ चर्चाओं का बाजार जोर पकड़ रहा है कि डा. हरक सिंह रावत को कांग्रेस भी केदारनाथ विस से प्रत्याशी बना सकती है। इन अटकलों के बीच पार्टी में तेजी रोष पनप रहा है, जो कभी भी विद्रोह के रूप में फूट सकता है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने बताया कि जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने इस्तीफा दिया है, जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। साथ ही अन्य कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भी नाराजगी जताते हुए पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष व हाईकमान को अवगत करा दिया गया है |

खास खबर : भाजपा में विधानसभा सीटों को लेकर मंथन जारी, 16 से अधिक सिटिंग विधायकों के टिकट कटने की संभावना

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देहरादून, जैसे जैसे विधान सभा चुनाव में मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे चुनाव में टिकट को लेकर दोनों बड़े राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों की बैचनी बढ़ती जा रही है, अभी मंथन पर लगी भाजपा और कांग्रेस में टिकट को लेकर जबरदस्त उठापोह की स्थिति बनी है, आप और यूकेडी के साथ अन्य दल जहां अपने अपने प्रत्याशियों की सूची लगभग जारी कर चुके हैं, इधर उत्तराखंड भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा आज जल्द अपने प्रत्याशियों का एलान कर सकती है। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में उत्तराखंड से भेजे गए नामों के पैनल पर मंथन हुआ है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी भाग लिया। प्रदेश भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने भी बैठक में शिरकत की। प्रदेश अध्यक्ष कौशिक के मुताबिक, पार्टी के कोर ग्रुप और चुनाव समिति में विचार-विमर्श के बाद प्रदेश से केंद्रीय संगठन को सभी 70 विधानसभा सीटों पर पैनल तैयार करके भेजे जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, 15 जनवरी को प्रदेश मुख्यालय में हुई चुनाव समिति की बैठक में करीब 50 नामों पर पार्टी की सहमति बन चुकी है। शेष 20 विधानसभा सीटों पर भेजे गए पैनल में तीन से अधिक नाम भी बताए जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ही चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं | केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गए पैनल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में एक बैठक हो भी चुकी है। इस बैठक में पैनल में भेजे गए नामों के कद और उनके जिताऊ होने की संभावना पर गंभीरता से विचार किया गया।

उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर नामों के पैनल भेज देने के बाद भाजपा में करीब 16 वर्तमान विधायकों का टिकट काटे जाने की चर्चा भी जोरों पर है। कई विधायक पिछले कुछ दिनों से पार्टी नेताओं के चक्कर काटते नजर आ रहे थे। इधर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भाजपा से हटाए जाने के बाद कुछ विधानसभा सीटों पर समीकरण बदले हैं। मिसाल के तौर पर हरक के जाने से कोटद्वार सीट के अलावा उन सीटों पर भी पार्टी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ सकती है, जिन पर हरक सिंह की नजर है। हरक सिंह लैंसडौन, डोईवाला और केदारनाथ पर दावा ठोकते आ रहे थे। भाजपा को अब इन तीनों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय करने में नई रणनीति के तहत प्रत्याशी घोषित कर सकती है।

विश्वस्त सूत्रों ने मिली जानकारी के अनुसार कोटद्वार सीट पर भाजपा सीडीएस बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत का टिकट लगभग तय माना जा रहा है , नरेंद्रनगर ओमगोपाल रावत, डोईवाला प्रेमचंद्र अग्रवाल, ऋषिकेश सुबोध उनियाल, घनसाली विधानसभा में दर्शनलाल आर्य ,टिहरी में लाखी राम जोशी, प्रतापनगर में राजेश्वर पैन्यूली, पौड़ी से घनानंद, रायपुर उमेश शर्मा, विनोद चमोली, धर्मपुर, कैंट से जोगेन्द्र सिंह पुंडीर, गंगोत्री मनवीर चौहान, कर्णप्रयाग सतीश लखेडा, थराली भोपाल राम टम्टा, गंगोत्री शांति रावत के नाम टिकट की दौड़ में आगे चल रहे हैं |

 

आपके एक वोट से चार धाम आल वेदर रोड समेत पहाड़ों में सड़कों का जाल बिछाया गया : डा. निशंक

देहरादून, भारतीय जनता पार्टी द्धारा आयोजित वर्चुअल सभाओं के क्रम में आज पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया | देहरादून स्थित पार्टी स्टुडियो से किए अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है मोदी जी जैसे लोकप्रिय और दूरदर्शी नेता के रूप में हमे कार्य करने का मौका मिला है अन्यथा एक पीएम कांग्रेस सरकार में थे जिनके नाम आते ही निराशा हताशा छा जाती थी | प्रदेश में संचालित केंद्र और प्रदेश सरकार के लाखों करोड़ के कार्य हैं जिन्हें हमे सिर्फ जनता तक पहुंचाना है और जन आशीर्वाद से रिकॉर्ड जीत तय है |उत्तराखंड की जनता को बरगलाने वाली कांग्रेस अब सत्ता में वापस नहीं आ सकती: डा निशंक* | Janpaksh Aajkal

इस वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने कार्यकर्ताओं से एक महीने प्राणप्रण से जुट जाने का आग्रह किया ताकि 2025 में रजत जयंती से पहले ही उत्तराखंड का दशक बनाने के सपने को पूरा किया जा सके | उन्होंने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाते हुए कहा कि भाजपा आपके पुरुषार्थ से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, उस पर 2014 से देश में मोदी जी के नेतृत्व में बह रही विकास की गंगा का उदाहरण हमारे सामने है | आज जनता को बरगलाने का काम करने वाली विपक्ष और मुख्यता कांग्रेस पार्टी तो सपने में भी इस दौरान सूबे में हुए जबरदस्त विकास कार्यों की कल्पना भी नहीं कर सकती है | मोदी जी के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार ने महिलाओं,  युवाओं, पिछड़ों,मुस्लिम आदि समाज के सभी वर्गों के विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया है |
कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपके एक वोट से प्रदेश में डेढ़ लाख करोड़ के विकास कार्य संपादित हो रहे हैं, आपके एक वोट से आयुष्मान योजना से सभी प्रदेशवासियों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज हो रहा है, आपके एक वोट से अटल आवास योजना से निराश्रित लोगों के सर पर छत की व्यवस्थता की जा रही है, एक वोट से चार धाम आल वेदर रोड समेत पहाड़ों में सड़कों का जाल बिछाया गया है, आपके एक वोट से पहाड़ में ट्रेन चलाने का सपना साकार हुआ है | एक वोट से राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण, सीमा पार करके सर्जिकल स्ट्राइक करने, धारा 370 हटाने, तीन तलाक कानून पास कराने अनेकों अनेक राष्ट्र की दशा दिशा बदलने वाले कार्य हुए हैं |

इसी तरह आपके एक वोट से प्रदेश में पुनः भाजपा की सरकार प्रचंड बहुमत से आएगी और प्रधानमंत्री मोदी जी द्धारा दिये 2025 में उत्तराखंड का दशक बनाने के लक्ष्य को अवशय पूरा करेगी | इस वर्चुअल सभा में हरिद्वार ग्रामीण के स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, वर्चुअल जनसभा संयोजक पुष्कर काला, शेखर वर्मा, अजीत नेगी आदि अनेक पार्टी प्रभारी उपस्थित थे |

जातिगत समीकरण साध कर चल रही बसपा ने 47 प्रत्याशियों की सूची की जारी

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हरिद्वार, उत्तराखंड़ में विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 47 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। हरिद्वार की कई सीटों पर पहले से प्रभारी बनाए जा चुके नेताओं को भी उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया गया है। जबकि हरिद्वार शहर और रुड़की शहर सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा गया है। खास बात यह है कि इन 47 प्रत्याशियों की सूची में दलित और मुस्लिम के अलावा ब्राह्मण व ठाकुरों को भी टिकट दिया गया है। ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व भी रखा गया है।
उत्तराखंड में सबसे ज्यादा दलित व मुस्लिम जनसंख्या वाले हरिद्वार जिले में बसपा का अच्छा खासा जनाधार माना जाता है। राज्य गठन के बाद हुए पहले चुनाव में बसपा के साथ विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि इस चुनाव के बाद बसपा विधायकों की संख्या घटकर शून्य पर पहुंच गई। लेकिन इस बार बसपा फिर से जोर आजमाइश में लगी हुई है। मंगलवार को बसपा ने आखिरकार प्रदेश की 47 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। इनमें ज्वालापुर सुरक्षित सीट से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हैं। पिरान कलियर सीट से सुरेंद्र सैनी, खानपुर सीट से सुरेंद्र पनियाला, लक्सर से मोहम्मद शहजाद, हरिद्वार ग्रामीण से दर्शन लाल शर्मा, भगवानपुर से सुबोध राकेश, झबरेड़ा से आदित्य बृजवाल, मंगलौर से सरवत करीम अंसारी को टिकट दिया गया है। इस सूची में बसपा द्वारा सभी जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास किया गया है।

ओमिक्रॉन के डेल्टा की जगह लेने पर कमजोर होगा कोरोना: विशेषज्ञ

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नई दिल्ली, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख समीरन पांडा ने बुधवार को कहा है कि 11 मार्च तक कोरोना का प्रभाव बेहद कमजोर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आता है, तो 11 मार्च तक कोरोना कमजोर हो जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार पांडा ने दावा करते हुए कहा कि हमारे गणितीय प्रक्षेपण से पता चलता है कि ओमिक्रॉन की लहर पिछले 11 दिसंबर से तीन महीने तक चलेगी। उन्होंने कहा कि 11 मार्च से हम कुछ राहत देखेंगे। पांडा ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में कोरोनोवायरस के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के लिए लगभग 80:20 का अनुपात है।अलग-अलगर राज्य महामारी के विभिन्न चरणों में हैं और आईसीएमआर ने भी अपनी परीक्षण रणनीति बदल दी है क्योंकि वायरस में महामारी विज्ञान भिन्नताएं और महामारी अपना स्वरूप बदल रही है। समीरन पांडा ने कहा, हमने राज्यों से कभी भी परीक्षण कम नहीं करने के लिए कहा। हमने अधिक निर्देशित और उद्देश्यपूर्ण परीक्षण के लिए कहा। महामारी ने भी अपना स्वरूप बदल दिया है और इसलिए परीक्षण और प्रबंधन रणनीतियां बदली जाएंगी। घरेलू परीक्षण आदि पर स्थानीय भाषाओं में दिशानिर्देश उपलब्ध कराने से सही संदेश जाएगा।जीनोमिक सिक्वेंसिंग के बारे में उन्होंने कहा, जीनोमिक सिक्वेंसिंग एक गतिशील घटना है। लेकिन एक मृत शरीर पर जीनोमिक सिक्वेंसिंग यह समझने के लिए है कि क्या उसके पास ओमिक्रॉन था। कई रोगी अंतर्निहित स्थितियों से मर जाते हैं। हां, हम गंभीरता को समझने के लिए अस्पतालों में संक्रमण का अध्ययन कर रहे हैं।
इसी बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर के एक वैज्ञानिक के अनुसार, भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है और इस दौरान रोजाना संक्रमण के चार लाख से कुछ कम मामले सामने आ सकते हैं। आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर सूत्र कोविड मॉडल से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं में शामिल मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पहले ही, बीते सात दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या चरम पर पहुंच चुकी है। महामारी की शुरुआत के बाद से देश में कोविड मामलों की संख्या का पता लगाने और इस संबंध में अनुमान जताने के लिये सूत्र कोविड मॉडल का उपयोग किया गया है। अग्रवाल के अनुसार इस सप्ताह महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में कोविड -19 के मामले चरम पर होंगे, जबकि आंध्र प्रदेश, असम और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अगले सप्ताह इनके चरम पर पहुंचने की आशंका है।

विधानसभाओं के लिए ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का किया गया रेंडमाइजेशन, विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि रहे मौजूद

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देहरादून, जिले की समस्त विधानसभाओं के लिए ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का प्रथम रेंडमाइजेशन किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ आर राजेश कुमार और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह प्रक्रिया पूरी की गई।

जिले की सभी 10 विधानसभाओं के लिए ईवीएम और वीवीपैट के पहले रेंडमाइजेशन में 2370 ईवीएम (2370 बीयू (बैलेट यूनिट), 2370 सीयू (कन्ट्रोल यूनिट) और 2714 वीवीपैट मशीनों का रेंडमाइजेशन किया गया। विधानसभा चकराता के लिए 341 ईवीएम व 414 वीवीपैट, विकासनगर के लिए 171 ईवीएम व 192 वीवीपैट, सहसपुर के लिए 253 ईवीएम व 285 वीवीपैट, धर्मपुर के लिए 292 ईवीएम व 333 वीवीपैट, रायपुर के लिए 270 ईवीएम व 312 वीवीपैट, राजपुर के लिए 178 ईवीएम व 206 वीवीपैट, देहरादून कैंट विधानसभा के लिए 190 ईवीएम व 213 वीवीपैट, मसूरी के लिए 221 ईवीएम व 244 वीवीपैट, डोईवाला के लिए 239 ईवीएम व 272 वीवीपैट और ऋषिकेश के लिए 215 ईवीएम व 243 वीवीपैट का प्रथम रेंडमाइजेशन किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि ईवीएम रेंडमाईजेशन कार्य को राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए गए ईएमएस साफ्टवेयर से रेंडमाईजेशन किया गया। जिसकी एक-एक प्रति सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 22 और 23 जनवरी 2022 को सम्बन्धित रिर्टनिंग अधिकारियों को ईवीएम प्राप्त कराई जाएंगी। उन्होंने सभी विधानसभा वार नियुक्त किए गए रिटर्निंग अधिकारियों को पूर्ण सावधानी बरतने और ईवीएम प्राप्त करने के लिए कर्मचारी नामित करने के निर्देश दिए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ शिव कुमार बरनवाल, उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार, रिटर्निंग अधिकारी, राजनैतिक दलों में भाजपा से अरविन्द जैन, कांग्रेस से अरूण कुमार शर्मा, सीपीआई (एम) से अनंत आकाश, सीपीआई से एसएस राजवर, यूकेडी से अभिषेक बहुगुणा, आम आदमी पार्टी रविन्द्र पुंडीर, बसपा से सत्यपाल आदि मौजूद थे।

बेटी के प्रेम विवाह से नाराज पिता ने पार कर दी सारी हद, बेगूसराय की घटना जान खड़े हो जाएंगे रोंगटे

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शाम्हो (बेगूसराय), संवाद सूत्र। जमुई निवासी एक पिता ने बेगूसराय के सुदूर दियारा इलाके में अपनी नवविवाहिता बेटी को मारने की कोशिश की। घटना मंगलवार की देर शाम घटी।

पुत्री के प्रेम विवाह से नाराज पिता ने उसकी जान लेने की कोशिश की। उसे मरा हुआ समझकर शाम्हो थाना क्षेत्र में फेंक गए। स्थानीय लोगों की सहायता से बुधवार की सुबह युवती ने थाने पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

गांव के युवक से छह माह पहले की थी शादी

युवती ने बुधवार को बताया कि वह अपने गांव के ही अमित कुमार के साथ प्रेम करती है। करीब छह माह पूर्व जमुई कोर्ट में दोनों ने शादी कर ली। इसकी जानकारी जब घर वालों को हुई तो दोनों परिवारों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। वह पति अमित के घर जाकर रहने लगी। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। मंगलवार की दोपहर घर से बाहर काम के लिए निकली थी। रास्ते में उसके पिता, स्कार्पियो चालक व एक अन्य व्यक्ति ने जबरदस्ती उठा लिया और बैठाकर शाम्हो थाना क्षेत्र में पहुंच गए।

जबरन स्‍कार्पियो पर बिठाकर ले गए पिता

युवती ने बताया कि शाम छह बजे उसे स्कार्पियो से सड़क से गुजरते वक्त शाम्हो थाना का बोर्ड दिखा। लगभग दो किलोमीटर दूर आने पर बिजुलिया गांव का बोर्ड दिखा। फिर एक किलोमीटर सड़क से गुजरने के पश्चात एक सुनसान जगह, जहां पर सिर्फ बबूल का पेड़ अंधेरे में दिखाई दे रहा था, उसे वहां गाड़ी से उतार दिया। पिता ने उसका मुंह दबाया और अन्य दो लोगों ने उसके गले में रस्सी डालकर पहले गाड़ी में बांधकर घसीटा। उसकी हालत खराब होने पर जमीन पर पटक दिया। वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे मरा हुआ समझ कर पिता और अन्य दोनों फरार हो गए।

हिम्‍मत कर पहुंची पास के गांव

कुछ घंटे बाद जब उसे होश आया तो हिम्मत जुटाकर जैसे-तैसे एक गांव में पहुंची। वहां ग्रामीणों ने तुरंत मदद की। स्थानीय डाक्टर को बुलाकर इलाज कराया और पूरी रात सुरक्षित रखा। बुधवार को वह ग्रामीणों के साथ शाम्हो थाना पहुंची। शाम्हो थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि करीब 10 बजे सिसबन्नी गांव में कुछ लोग लड़की को साथ लेकर थाना पहुंचे और सारी जानकारी दी। लड़की की आंखों में चारों ओर लाली है। गले पर रस्सी के निशान होने से घाव बन गए हैं। लड़की द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क कर उसके पति को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है।

चुनाव ड्यूटी प्रशिक्षण के तीसरे दिन 60 कार्मिक रहे नदारद, अब तक 195 कार्मिकों की अनुपस्थिति हुई दर्ज

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देहरादून, राज्य में विधान सभा की चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए कार्मिकों के प्रशिक्षण के तीसरे दिन 60 कार्मिक नदारद मिले। प्रशिक्षण में अब तक 195 कार्मिकों की अनुपस्थिति दर्ज की जा चुकी है। सभी अनुपस्थित कार्मिकों को नोडल अधिकारी कार्मिक केके मिश्रा ने नोटिस जारी किया है।
नोडल अधिकारी कार्मिक/अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण को 1200 कार्मिकों के नाम शामिल किए गए हैं। इनमें से पहले दिन 71 व दूसरे दिन 64 कार्मिक नदारद पाए गए। मंगलवार को अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों में से 10 ने फोन कर जानकारी दी कि वह कोरोना से संक्रमित हैं। लिहाजा, ऐसे कार्मिकों से सरकारी लैब की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट मांगी गई है। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जो कार्मिक प्रशिक्षण के अंतिम दिन 21 जनवरी तक अनुपस्थित रहेंगे, उनका ब्योरा तलब गया जाएगा। क्योंकि कुछ कार्मिक एक दिन की अनुपस्थिति के बाद अगले दिन उपस्थित हो जा रहे हैं। यदि अनुपस्थिति का कारण वाजिब नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही चुनाव ड्यूटी कटवाने की अर्जी लगाने वाले कार्मिकों का भी परीक्षण किया जा रहा है। अभी तक किसी भी कार्मिक की अर्जी मंजूर नहीं की गई है। वास्तविक आधार पर भी अर्जी को मंजूरी दी जाएगी।

दिवंगत जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत ने थामा भाजपा दामन, डोईवाला से लड़ सकते हैं चुनाव

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देहरादून, दिवंगत जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत (सेवानिवृत्त) भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे पहले उन्होंने बुधवार की सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दिल्ली में मुलाकात की थी। जिसके बाद शाम को वह पार्टी में शामिल हो गए। सूत्रों से खबर है कि विजय रावत डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। विजय रावत
इस दौरान विजय रावत ने कहा कि मैं आभारी हूं कि मुझे भाजपा में शामिल होने का मौका मिला। मेरे पिता रिटायर होने के बाद बीजेपी में थे और अब मुझे मौका मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच बहुत बुद्धिमान और भविष्यवादी है। इस अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बिपिन रावत व उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखंड बनाने हेतु कार्य करता रहूंगा, गौरतलब है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत अन्य 12 अन्य लोगों का पिछले साल आठ दिसंबर को कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था।