Monday, June 2, 2025
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मोदी की महारैली की सफलता के लिए किये हवन यज्ञ

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रूद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 12 फरवरी को प्रस्तावित रैली के निर्विघ्न संपन्न होने तथा रैली की सफलता के लिए मोदी मैदान में भूमि पूजन और हवन यज्ञ किया गया इसके अलावा बूथ स्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने हवन यज्ञ किये।
मोदी ग्राउण्ड में हवन यज्ञ का आयोजन केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की मौजूदगी में किया गया। आर्य समाज के पुरोहित प्रभात कुमार आर्य ने वैदिक मंत्रों के साथ हवन यज्ञ संपन्न कराया। इस दौरान अजय भट्ट समेत अन्य भाजपा नेताओं ने हवन यज्ञ में आहूति देते हुए महारैली के निर्विघ्न संपन्न होने और रैली के सफल होने की कामना की।
इसके अलावा बूथ स्तर पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने शक्ति केन्द्र संयोजक और बूथ अध्यक्षों की मौजूदगी में आज पीएम मोदी की सभा की सफलता के लिए हवन यज्ञ आयोजित किये।

मोदी मैदान में हवन यज्ञ के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक आध्यात्मिक और दिव्य व्यक्तित्व वाली शख्सियत है। पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मान की दृष्टि से देखता है और उन्हें एक महान नेता मानता है। ऐसी महान विभूति के कदम जहां भी पड़ते हैं वहां सब शुभ ही शुभ होता है।
भट्ट ने कहा कि ऐसे महापुरूष के आगमन के लिए पूरे वातावरण को शुद्ध करने के उद्देश्य से आज जनसभा स्थल ही नहीं बल्कि रूद्रपुर के सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं ने हवन यज्ञ कर वातावरण को शुद्ध बनाने का काम किया है। हिंदू संस्कृति में किसी भी अच्छे काम से पूर्व हवन यज्ञ की परंपरा रही है और रूद्रपुर की जनता एक बार फिर भाजपा को जनादेश देकर अच्छा काम करने जा रही है इसी अच्छे काम की शुरूआत के निमित्त भी यह हवन यज्ञ किया गया है।
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यह जनसभा ऐतिहासिक होगी। रैली को लेकर कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। जिले भर से इसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचेंगे। यह रैली जिले में एक बार फिर भाजपा का परचम लहराने में अहम भूमिका निभायेगी।

इस दौरान जिला प्रभारी एवं रैली के सहसंयोजक राजेन्द्र बिष्ट, आशीष काला, विवेक सक्सेना, भारत भूषण चुघ, ललित मिगलानी, नेत्रपाल मौर्या, मनीष अग्रवाल,राहुल कुमार, अशोक सिंघल आदि भी मौजूद थे।

खास खबर : फर्जी आयकर अधिकारियों ने फिल्मी स्टाइल में डाक कर्मी के घर मारा छापा, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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ॠषिकेश, फिल्मी स्टाइल में फर्जी आयकर अधिकारी बन कर डाली गयी छापेमारी से हलचल मच गयी, वाकया ऋषिकेश की वाल्मीकि बस्ती में एक डाक कर्मी के घर में छापामारी कर रहे फर्जी आयकर अधिकारियों को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने एक महिला समेत छह फर्जी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। सभी लोग दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह वाल्मीकि बस्ती में छह लोग एक डाक कर्मी के घर पहुंचे। लोगों ने डाक कर्मी को बताया कि वह आयकर विभाग के अधिकारी हैं और उसके घर पर छापामारी की कार्रवाई हुई है,
पहले तो डाक कर्मी के परिवार में हड़कंप मच गया। लेकिन परिवार के लोगों को शक हुआ तो उन्होंने पड़ोसियों की मदद से फर्जी अधिकारियों को पकड़ लिया। स्थानीय लोगों ने फर्जी अधिकारियों को पुलिस के हवाले कर दिया है। कोतवाली पुलिस फर्जी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है।

कैसे आये फर्जी आयकर अधिकारी गिरफ्त में :

शुक्रवार को कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता संदीप पुत्र श्रीराम सिंह निवासी बाल्मीकि नगर ऋषिकेश ने एक शिकायत दर्ज कराई कि आज सुबह 4:30 बजे मेरे घर पर कुछ लोग इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आए और कहा कि तुम्हारे घर पर नकदी तथा ज्वेलरी है। इन सब बातों को सुनकर में भयभीत हो गया तथा दरवाजा खोल दिया। वह सभी लोग घर में घुस गए। वह पांच व्यक्ति थे। जिनमें एक महिला भी थी। इन सभी ने मेरे घर को खंगालना शुरू किया और घर से नगद रुपया तथा ज्वेलरी लेकर जाने लगे। जब मैंने कहा कि मैं भी आपके साथ चलूंगा तो सभी मना करने लगे और कहने लगे कि आप सुबह 10:00 बजे हमारे आईडीपीएल स्थित इनकम टैक्स ऑफिस में आना। तब मुझे उन पर शक हुआ तो मैंने उन्हें रोका तो यह लोग गाली गलौज तथा जान से मारने की धमकी देकर नगदी वे ज्वेलरी लेकर जाने लगे। मोहल्ले के लोग हल्ला सुनकर इकट्ठा हो गए। तब इनमें से एक आदमी रुपए तथा ज्वेलरी का बैग लेकर भाग गया तथा अन्य साथी भागने लगे तो मोहल्ले के लोगों ने 3 लोगों को पकड़ कर पुलिस को सूचना दी तथा तीनों व्यक्ति को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। एक महिला व एक आदमी रुपया तथा ज्वेलरी लेकर फरार हो गया है। वह लोग मेरी पत्नी का मोबाइल भी अपने साथ ले गए हैं। शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर तत्काल संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश व एसओजी देहात प्रभारी के निर्देश पर में फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी व माल बरामदगी के लिए पुलिस टीम गठित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान नवदीप सिंह पुत्र स्वर्गीय करतार सिंह निवासी 824 गांधी कॉलोनी फरीदाबाद हरियाणा, महेंद्र पुत्र देवानंद निवासी मकान नंबर 161 कृष्णा एनक्लेव डिचाऊ कलां नजफगढ़ दिल्ली 4, व सुमित कुमार पुत्र विशंभरदत्त केशव निवासी गली नंबर 27, नजदीक हुंडई शोरूम अमित ग्राम गुमानीवाला श्यामपुर ऋषिकेश के रूप में की। जिनके पास से पुलिस ने फर्जी सर्च वारंट, फर्जी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आईकार्ड बरामद किया है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस पर स्पेक्स ने किया विज्ञान संचारक सम्मान -2022 का आयोजन

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देहरादून, अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस के सुअवसर पर स्पेक्स देहरादून एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् ( UCOST) के संयुक्त तत्वाधान में सनराइज एकेडमी में ग्रासरूट एवेयरनेस एण्ड टेक्निीकल इंस्टीट्यूट (गति संस्था) व मंथन संस्था के सहयोग से उत्तराखंड में “प्रथम महिला विज्ञानी सम्मान समारोह” – 2022 का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को विज्ञान के क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले, भागीदारी के लिए पूर्ण और समान रूप से बढ़ावा देने एवं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं और बालिकाओं की समान सहभागिता और भागीदारी सुनिश्चित करने और इन क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं और बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रोत्साहन देना है, जिसमें उत्तराखंड राज्य से वह महिलाएं जिन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाज में विज्ञान को संचारित करने का कार्य किया है, को स्पेक्स द्वारा विज्ञान संचारक सम्मान -2022 द्वारा सम्मानित किया गया । स्पेक्स द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं विज्ञान दिवस पहली बार राज्य में मनाया जा रहा है , स्पेक्स विगत तीन दशको से विज्ञान संचार के क्षेत्र में मूख्य भूमिका निभा रहा है, तथा समय-समय पर विज्ञान के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहित व सम्मानित करता रहा है , इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में विज्ञान लोकव्यापीकरण के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को 11 फ़रवरी, 2022 को विज्ञान संचारक सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्य की मुख्य अतिथि डॉ0 गीता खन्ना अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग, डॉ अनीता रावत निदेशक, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसन्धान केंद्र (USERC), डॉ अपर्णा शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् देहरादून, डॉ आरती दीक्षित, प्राचार्या , दयानंद वोमेन्स ट्रेनिंग कॉलेज, देहरादून, श्रीमती मोना बाली प्राध्यापिका अंग्रेजी, नारी शिल्प मंदिर महिला इन्टर कॉलेज, श्रीमती पूजा पोखरियाल प्रबंध संचालक सनराइज एकेडमी, श्रीमती गुडडी देवी द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत श्रीमती नीतू तोमर प्राधानाचार्या सनराइज एकेडमी द्वारा किया गया, कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए श्रीमती मोना बाली, प्राध्यापिका अंग्रेजी, नारी शिल्प मंदिर महिला इन्टर कॉलेज द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया गया की यह दिवस वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के तौर पर अपनाया गया था । इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी । यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला (UN-WOMEN) द्वारा इसको लागू किया गया । इसमें सरकारी एजेंसियों और संस्थानों के साथ-साथ नागरिक समाज का भी साथ रहा ताकि महिलाओं और बालिकाओं को विज्ञान के क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले, भागीदारी के लिए पूर्ण और समान रूप से बढ़ावा दिया जा सके।
विश्व भर में 11 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय महिला और बालिका विज्ञान दिवस मनाया जाता है । इस दिन को मनाये जाने की वजह एक अध्य्यन भी रही । 14 देशों में कराए गए अध्ययन से पता चला, कि विज्ञान से जुड़े क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री, मास्टर्स डिग्री और डॉक्टर्स डिग्री करने वाली महिला छात्राओं का प्रतिशत पुरुषो की अपेक्षा कम है यूनेस्को के आंकड़ों के (वर्ष 2014-16) के अनुसार, लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं उच्च शिक्षा में एसटीईएम (STEM : Science, Technology Engineering and Mathematics) से संबंधित क्षेत्रों का चयन करती हैं, इस क्षेत्र में महिलाएं और बालिकाएं भी आगे बढ़ सकें इसलिए इस दिन को मनाया जाता है ।
डॉ पारुल सिंघल ने अपने व्याखान में विज्ञान , प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं और बालिकाओं के योगदान पर चर्चा की । उत्तराखंड राज्य से सम्मान हेतु जिन महिलाओं का चयन किया गया वे सभी विज्ञान के अलग-अलग क्षेत्रों से सम्बंधित है एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाज को अपनी सेवाओं से लाभान्वित कर रही हैं। सम्मान प्राप्त करने वाली महिलाओं में जानीमानी समाज सेवी एवं बाल विशेषज्ञ एवं बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ0 गीता खन्ना मुख्य अतिथि के तौर पर रही उन्होनें सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मेडिकल के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। सभी लिंग जाति के लोगों को बिना किसी भेद-भाव के एक दूसरे को परस्पर प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके पश्चात डॉ अनीता रावत निदेशक, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसन्धान केंद्र (USERC) देहरादून द्वारा अपने विचारों को रखा गया उन्होनें कहा 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाना एक नई दिशा देगा हम हमेशा ईश्वर के नारी स्वरूप की पूजा करते हैं लेकिन हम अपने आस-पास महिलाओं के प्रति बहुत कम मात्रा में संवेदनशील है महिलाओं को स्वयं के भीतर की शक्ति को खोजना होगा। उन्होने सतत् विकास लक्ष्यों को पूरा करने में महिलाओं के महत्व पर चर्चा की और उन्होनें इस दिवस पर सभी से यह प्रण लेने के लिए कहा की अपने भीतर के दीपक को प्रज्जवलित कर आगे बढना चाहिए।
डॉ अपर्णा शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् देहरादून, वैज्ञानिक बनने की अपनी यात्रा सांझा करते हुए बताया कि जैसे हर सफल पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है वैसे ही हर महिला के पीछे एक पुरूष की भूमिका भी होती है जो आपको हर दम सहयोग प्रदान करते है एवं आप पर भरोसा रखते है।
डॉ आरती दीक्षित, प्राचार्या , दयानंद वोमेन्स ट्रेनिंग कॉलेज, देहरादून ने बच्चों को सम्बोधित कर कहा कि आप अपने सहपाठियों को हमेशा प्रोत्साहित करें।
उत्तराखंड की प्रथम महिला जो वैज्ञानिक विधि से ई- कचरा न्यूनीकरण कर रोजगार प्राप्त कर रही ई-कचरा न्यूनीकरण केंद्र , भोगपुर की संचालिका श्रीमती गुड्डी देवी सम्मिलित हैं । गुड्डी देवी वह महिला है जिन्हें विज्ञान का कोई तकनीकी ज्ञान नहीं था न ही वह ज्यादा शिक्षित महिला है बावजूद इसके उन्होंने विज्ञान से सम्बंधित तकनीकी ज्ञान को प्राप्त कर अपने लिए स्वरोजगार का मार्ग इसी में चुना इनके द्वारा डोईवाला विकासखंड के अधिकांश क्षेत्रों से एल० ई० डी० के खराब बल्ब, ट्यूबलाइट्स , झालरे व अन्य उपकरण रिपेरिंग के लिए आते हैं जिन्हें उनके द्वारा बहुत ही कम खर्चे में रिपयर किया जाता है देखा जाए तो गुड्डी देवी द्वारा ई- कचरे का वैज्ञानिक विधि द्वारा निस्तारण किया जा रहा है यह उनके क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर रही हैं ।
इस कार्यक्रम में कोविड-19 महामारी के विषय में विशेष जानकारी सत्र भी संचालित किया गया जिसमे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में रसोई की भूमिका एवं ऐसे औषधि पौंधे जो घर में आसानी से उगाये जा सकते हैं से “इम्युनिटी गार्डन” के विषय में स्पेक्स से डॉ० पारुल सिंघल द्वारा अपने व्याखान में बताया गया इसके साथ ही स्पेक्स से श्री नीरज उनियाल एवं कुमारी चंद्रा आर्य द्वारा सेनिटाइज़र बनाना, जाँच करना एवं मास्क का सही प्रयोग व रख दृरखाव के विषय पर विद्यार्थियों व अतिथियों को बताया गया । अंत में श्रीमती मोना बाली ने सभी आए हुए अतिथियों का कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सौम्या डबराल, राहुल मौर्य, अशोक कुमार, संजीव गुप्ता मंथन एवं गति संस्था के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कुमारी शिवांगी सिंह अध्यापिका सनराइज एकडमीद्वारा किया गया।

 

 

उत्तराखंड के विकास की सोच और दृष्टि भी भाजपा ही रखती हैं : रवीन्द्र जुगरान

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ऋषिकेश, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र जुगरान ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की देन है, इसलिए उत्तराखंड के विकास की सोच और दृष्टि भी भाजपा ही रखती हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद उत्तराखंड को संवारने का काम भी भाजपा ने ही किया है |

देहरादून मार्ग स्थित होटल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने प्रेस वार्ता कर राज्य के प्रति भाजपा के विजन को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी उत्तराखंड की हितेषी नहीं रही है। उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाने के पक्ष में भी कांग्रेस नहीं रही। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड निर्माण के कार्य में रोड़ा अटकाने का काम किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, जो राज्य आंदोलनकारियों की हत्या का दोषी रहा है। उन्होंने कहा कि इस राज्य के लिए बड़ी संख्या में मातृशक्ति और नौजवानों ने त्याग किया है, उनके सपनों का राज्य बनाने के लिए भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकार ने हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य की डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड में आल वेदर रोड तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग जैसी रेल परियोजना को साकार रूप देकर राज्य के विकास का मजबूत आधारभूत ढांचा खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में अब रोपवे योजनाओं को बढ़ावा देने का भी विजन दिया है, जिसे सरकार बनने के बाद मूर्त रूप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव रखते हैं, यही वजह है कि वह अब तक पांच बार केदारनाथ आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के नागरिकों को सीडीएस, डीजीएमओ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर बिठाकर उत्तराखंड के प्रति अपना विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने विकास कार्यों के बूते चुनाव मैदान में है, जिसे जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। दावा किया कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। इस अवसर पर भाजपा के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, रविंद्र राणा, जयंत शर्मा आदि मौजूद रहे।

पुलिसकर्मी परिजनों के राजनैतिक दलों के प्रचार-प्रसार में सम्मिलित होने पर पुलिस कर्मियों के विरुद्ध होगी कार्यवाही

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देहरादून, उत्तराखंड पुलिस कर्मियों के परिजन यदि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रचार प्रसार में सम्मिलित होते हैं तो ऐसे पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। यही नहीं यदि ऐसे पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक नोडल अधिकारी निर्वाचन उत्तराखंड डॉ. वी. मुरुगेशन द्वारा आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि संज्ञान में आ रहा है कि पुलिस कर्मियों की परिजन राजनीतिक दलों के प्रचार प्रसार में सम्मिलित हो रहे हैं, जो उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 दो में वर्णित प्रस्तरों के अनुसार नियम विरुद्ध है।

सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को किसी ऐसे आंदोलन या गतिविधियों में, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्थापित सरकार के प्रति ध्वंसक है या उसके प्रति ध्वंसक कार्यवाही करने की प्रवृत्ति पैदा करती है, हिस्सा लेने, सहायता के लिए चंदा देने या किसी अन्य तरीके से उसकी मदद करने से रोकने का प्रयास करे और उस दशा में जब कोई सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य को किसी ऐसे आंदोलन या क्रिया में भाग लेने, मदद के लिए चंदा देने या किसी अन्य तरीके से मदद से रोकने में असफल रहे तो इसकी रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी जाएगी।
कोई सरकारी कर्मचारी किसी विधानमंडल या स्थानीय प्राधिकारी के चुनाव में न तो समर्थन करेगा न ही मतार्थन करेगा और न ही उसमें हस्तक्षेप करेगा। इसके अलावा उसके संबंध में अपने प्रभाव का प्रयोग और उसमें भाग भी नहीं लेगा। आदेश में कहा गया है कि यदि जनपद प्रभारी उपरोक्त संबंध में कोई कार्यवाही नहीं करते हैं तो इसे कर्तव्य पालन करने में चूक माना जाएगा।

हिजाब मामला : सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल की जल्द सुनवाई वाली अर्जी की खारिज, कहा- हाईकोर्ट को फैसला करने दें

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नई दिल्ली, हिजाब मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत की दहलीज पर पहुंच गया। वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी दी गई कि वो इस मामले की जल्द सुनवाई करे और नौ जजों की बेंच के द्वारा इसकी सुनवाई हो। लेकिन शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस स्थिति में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामलों को उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में तत्काल स्थानांतरित करने की प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया।

चीफ जस्टिस की तरफ से वकील कपिल सिब्बल से पूछा गया कि आप चाहते हैं कि मामला स्थानांतरित हो। लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि हाईकोर्ट को फैसला करने दें। हमारे द्वारा हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी। हम एक या दो दिन इंतजार करेंगे। सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया कि इसे सूचीबद्ध किया जाए, आदेश पारित न करें। जिस पर कोर्ट की तरफ से कहा गया कि ऐसा करने से हाईकोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर पाएगा। कोर्ट ने वकील को साफ कहा कि हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है और उन्हें समय दें।
गौरतलब है कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कर्नाटक के हिजाब विवाद संबंधी याचिका का उच्चतम न्यायालय में उल्लेख किया, मामले को स्थानांतरित करने और नौ-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनवाई का अनुरोध किया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई नौ-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा कराने का अनुरोध करते हुए कहा था, ‘‘ दिक्कत यह है कि स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लड़कियों पर पथराव हो रहा है। यह विवाद पूरे देश में फैल रहा है।’’

खास खबर : हिजाब पहनने की मांग वालों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, खोले जा सकते हैं स्कूल-कॉलेज, धार्मिक पोशाक की मनाही

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कर्नाटक, हिजाब पहनकर कक्षा में जाने की मांग करने वालों को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक हिजाब मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए स्कूलों में ड्रेस कोड पर राज्य सरकार के नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी है। तब तक किसी भी धार्मिक प्रतीक को पहनकर स्कूल-कॉलेज जाने की इजाजत नहीं होगी।

हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला आने तक स्कूल-कॉलेज में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा- हम जल्द से जल्द फैसला सुनाएंगे, लेकिन शांति होना जरूरी है। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पहले कहा कि हम देखेंगे कि हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है या नहीं। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मीडिया से किसी भी मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्ट नहीं करने और अंतिम आदेश की प्रतीक्षा करने को कहा।

सीएम की अहम बैठक

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को नेताओं समेत सभी से आग्रह किया कि वे कॉलेज में हिजाब पहन कर आने के मुद्दे पर, लोगों को भड़काने वाले बयान न दें और शांति कायम रखें। बोम्मई आज शिक्षा और गृह विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में सौहार्दपूर्ण माहौल बहाल करने और अनुशासन कायम रखने के लिए कदम उठाने पर चर्चा की जाएगी।

राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 171.28  करोड़ से अधिक लगे टीके

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नई दिल्ली ,। 24 घंटों में 46.44 लाख से अधिक (46,44,382) वैक्सीन की खुराक देने के साथ ही भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 171.28 करोड़ (1,71,28,19,947) से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 1,90,41,308 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है। पिछले 24 घंटों में 1,67,882 रोगियों के ठीक होने के साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों (महामारी की शुरुआत के बाद से) की कुल संख्या बढक़र 4,11,80,751 हो गई है।
नतीजतन, भारत में स्वस्थ होने की दर 96.95 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में 67,084 नए मरीज सामने आए हैं। वर्तमान में 7,90,789 सक्रिय रोगी हैं। वर्तमान में ये सक्रिय मामले देश के कुल पुष्टि वाले मरीजों का 1.86 प्रतिशत हैं। देश भर में जांच क्षमता का विस्तार लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में कुल 15,11,321 जांच की गई हैं। भारत ने अब तक कुल 74.61 करोड़ (74,61,96,071) जांच की गई हैं।
देश भर में जांच क्षमता को बढ़ाया गया है, साप्ताहिक पुष्टि वाले मामलों की दर 6.58 प्रतिशत है, दैनिक रूप से पुष्टि वाले मामलों की दर 4.44 प्रतिशत है।

उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है : पीएम मोदी

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‘पीएम ने कहा-उत्तराखंड के लोगों के पास न केवल पहाड़ जैसा साहस होता है बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है।’

श्रीनगर(पौड़ी), उत्तराखंड़ के श्रीनगर स्थित एनआईटी के मैदान में चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़वाली में सबसे पहले अपना संबोधन शुरू किया। पीएम ने कहा कि चुनाव मैदान में होने के बावजूद पूर्व में मैं देवभूमि आया। देवभूमि की माटी को माथे लगाने का मन था। बाबा केदार ने मुझे पुकारा और मैं यहां सीधे चला आया। उन्होंने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली, पंथ्या दादा, माधो सिंह भंडारी जैसे वीरों की भूमि को मैं प्रणाम करता हूं। पीएम ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र उत्तराखंड का विकास करेगा। ये संकल्प पत्र, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए, यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नए संकल्प लिए गए हैं | प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मनोरथ सच्चा हो तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरा कर ही देते हैं। उनके आशीर्वाद से चुनाव आयोग ने भी और मौसम ने भी मुझे आपके बीच आने और आपके दर्शन करने का सौभाग्य दिया। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है | आज पौड़ी गढ़वाल के ऐसे ही वीर सपूत जनरल बिपिन रावत जी की स्मृतियाँ मुझे भावुक कर रही हैं। उन्होंने देश को दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास न केवल पहाड़ जैसा साहस होता है बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते। सेना को लेकर इन लोगों का रवैया क्या रहा है। सेना पर ही सवाल उठाते रहे हैं।

उन्होंने कहा मेरे मन में एक गहरी तकलीफ़ भी है। मुझे ये ज़िक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि काँग्रेस पार्टी कभी जनरल बिपिन रावत जी को सड़क का गुंडा कहकर अपमानित कर रही थी। आज अपने प्रचार में उन्हीं के कट आउट लगाकर, उनकी फोटो लगाकर वोट मांग रही है। कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा, इतने सालों तक ये सत्ता में थे, लेकिन ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लेकर झूठ बोलते रहे। ये हमारी ही सरकार है जिसने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू की। ये भी भाजपा सरकार ही है, जो देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों के सम्मान में ‘सैन्य धाम’ बना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब अलग उत्तराखंड राज्य बना था, अटल बिहारी वाजपेयी ने आपके सपनों को साकार करने के लिए बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उत्तराखंड के लिए सपनें भी हमने मिलकर देखे थे।

जिन्हें आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चारधाम की याद क्यों आ रही

जब ये सत्ता में थे, तब इनको कभी ‘चारधाम’ की याद नहीं आई। जिन्हें यहां आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चारधाम की याद क्यों आ रही है? क्योंकि, उन्हें ये कुर्सी हासिल करने का रास्ता लग रहा है। जबकि भाजपा के लिए चारधाम और देवभूमि का विकास आस्था, संस्कृति और जनसेवा का विषय है।

पीएम की सभा के मुख्य बिन्दू :

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बजट में किसानों के लिए कई ऐतिहासिक योजनाएं की। उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र की योजनाओं का प्रदेश में लाभ मिलेगा। देहरादून में ऐसे लोग सत्ता में न आ जाएं जो केंद्र की योजना को पहुंचने न दें। जनता 14 तारीख को मतदान के दिन बेईमानी और भ्रष्टाचार को रोके। परिवारवाद और संप्रदाय वाद को ब्लॉक कर दें।
प्रधानमंत्री ने आल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में हेली सर्विस शुरू की जा रही है। उत्तराखंड को केंद्र सरकार के बजट का बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के लिए बजट में पर्वतमाला योजना की घोषणा। पहाड़ों में आवागमन के लिए रोपवे सुविधा का निर्माण होगा। प्रदेश के सीमांत इलाकों को कांग्रेस में जान बूझकर विकास से दूर रखा, उन इलाकों के लिए वाइब्रेंट योजना शुरू होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देवभूमि का विकास, आस्था, संस्कृति का संरक्षण भाजपा का संकल्प। केदार धाम में पुनर्निर्माण कार्य 2017 मे शुरू किए, ज्यादातर पूरे हो चुके। बदरीनाथ धाम के विकास के लिए भी कई सौ करोड़ की योजना।
पीएम ने कहा पांच साल में डबल इंजन सरकार ने इतना काम किया कि ब्रेक लगाने वालों को भी अब वही वादे करने पड़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर पीछे धकेला गया। कांग्रेस सिर्फ ब्रेक लगाना जानती है। 2014 में एक ब्रेक हटा केंद्र में भाजपा आई और 2017 में दूसरा ब्रेक हटा, उत्तराखंड में भी भाजपा आई। डबल इंजन की सरकार आते ही उत्तराखंड तेजी से विकास की पटरी पर दौड़ने लगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, भाजपा देहरादून में सैनिक सम्मान में सैन्य धाम बना रही है। उत्तराखंड में सदियों से चारधाम हैं, लेकिन अब पांचवा धाम भी है, सैन्य धाम। उत्तराखंड बनाने का संकल्प यहां के लोगों ने और भाजपा ने मिलकर पूरा किया। दुर्भाग्य से कई साल उत्तराखंड की कमान उनके हाथ में रही, जिन्होंने उत्तराखंड को अस्तित्व में आने से रोका था।
प्रधानमंत्री ने कहा, कांग्रेस की सोच सत्ता के सुख तक सीमित, वे बलिदान और त्याग को नही समझ सकते। वन रैंक, वन पेंशन पर कांग्रेस ने झूठ बोला, भाजपा ने कर दिखाया।
पीएम ने कहा कांग्रेस ने सेना से सबूत मांगे। इन्होंने जनरल रावत को सीडीएस बनाने पर विरोध किया। उन्हें सड़क का गुंडा तक कहा। आज वोट के लिए जनरल रावत के नाम का सहारा ले रहे हैं। कांग्रेस को जवाब देने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के लोग की है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा, जनरल रावत का फोटो लगाकर प्रचार कर रही कांग्रेस हमेशा सेना पर सवाल उठाती रही है।
कहा- उत्तराखंड के लोग ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है। स्व जनरल बिपिन रावत को याद कर भावुक हुए। कहा, उत्तराखंड के वासियों में हिमालय जैसी हिम्मत और सोच।
प्रधानमंत्री ने सीडीएस स्व जनरल बिपिन रावत का स्मरण किया।
पीएम मोदी ने कहा- पिछले लोकसभा में खुद का चुनाव होने के बावजूद मुझे बाबा केदार ने बुलाया और मैं चला आया था। इसका कारण देवभूमि के प्रति मेरी भक्ति, ये देवभूमि है और वीरभूमि भी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनसभा के लिए श्रीनगर पहुंचे। राज्य विधानसभा चुनाव में यह उनकी पहली जनसभा है। इससे पहले दो सभाओं को प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर चुके हैं।प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल, तीरथ रावत, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पहुंचे हैं।

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अटलजी, जॉर्ज, बहुगुणा हारे क्यों ?

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(के. विक्रम राव)

समय के थपेड़े दिग्गज को भी अतीत की परतों में दफन कर देते हैं। इतिहास निर्मम होता है। पीवी नरसिम्हा राव ऐसे प्रारब्ध से बच गये थे। मगर सिर्फ आधे अधूरे। इन्दिरा गांधी की हत्या (31 अक्टूबर 1984) से उपजी हमदर्दी की लहर में उनकी कांग्रेस पार्टी ने दिग्गजों को आठवीं लोकसभा (1984) में पराजित कर दिया था। मगर पीवी नरसिम्हा अकेले कांग्रेसी थे जो प्रधानमंत्री की कुर्बानी के बावजूद शिकस्त खा गये थे। उन्हें हराया गया था। ऐसे विजयी इतिहास पुरुष थे चेन्दुलपटल जंगा रेड्डि। प्रारंभ में वे मात्र एक जिला स्तरीय पार्टी भाजपाई कार्यकर्ता थे। उस वर्ष (1984 : आठवीं लोकसभा) भाजपा केवल दो ही सीटें जीत पायी थी। एक थी जंगा रेड्डि की, दूसरी अकोला (महाराष्ट्र) से श्री एके पटेल की। अटल बिहारी वाजपेयी, हेमवती नन्दन बहुगुणा, जॉर्ज फर्नांडिस आदि हार गये थे। नाम करने वालेजंगा रेड्डि तब 44 वर्ष के युवा थे, मगर स्थानीय थे, तेलंगाना तक ही सीमित थे। उनके गत सप्ताह (5 फरवरी 2022) निधन से इतिहास का एक अमिट पृष्ठ तीन दशकों बाद स्मृति पटल पर अनायास दिख गया। उनसे जुड़ी, कम ज्ञात मगर दिशासूचक घटना काफी कुछ कह देती है। खासकर आज के चुनावी मौसम के दौरान।

तेलुगु गोप्पतनमु (गौरव) के हित में तेलुगु देशम पुरोधा एन.टी. रामाराव के समर्थन के कारण नरसिंह राव नान्द्याल संसदीय क्षेत्र सातवीं लोकसभा (1980) से जितने मतों से विजयी हुए वह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक अपराजेय कीर्तिमान है। लेकिन शीघ्र उनसे मोहभंग होते ही एनटी रामाराव ने फिर रणभेरी बजायी। अगली राज्य विधानसभा निर्वाचन में नरसिम्हा राव के लोकसभाई क्षेत्र की विधान सभा की सारी सीटें कांग्रेस ने गवां दीं। रामाराव को लगा उन्होंने प्रायश्चित कर लिया। ग्यारहवीं लोकसभा चुनाव में उनका प्रण था कि राष्ट्रीय भूल दुरुस्त हो जाये। नरसिम्हा राव को संसदीय मतदान में हराना है।

उसी दौर की एक बात है। इन्दिरा गांधी की हत्या तब हो चुकी थी। राजीव के पक्ष में आंधी थी। जिसकी कुछ माह तक चर्चा हुई, फिर आई गयी सी हो गयी। ”टाइम्स आफ इण्डिया” के हैदराबाद संवाददाता के रूप में (1984 में) मैंने एक रपट भेजी भी थी और वह घटना आठवीं लोकसभा (1984) में बड़ी कारगर होती, अगर हो जाती तो, मगर घटी ही नहीं।

बस इतिहास का अगर-मगर बनकर वह बात रह गयी। संदर्भ महत्वपूर्ण इसलिए था कि आठवीं लोकसभा में विपक्ष के लगभग सारे कर्णधार धूल चाट गये थे। इन्दिरा गांधी के बलिदान के नाम राजीव गांधी को जितनी सीटें मिलीं वह उनके नाना या अम्मा को भी नहीं मिली थी। कुल 542 में 415 सीटें जीती थीं राजीव ने। जवाहरलाल नेहरू का अधिकतम रहा था 371 सीटें 1957 में, और इन्दिरा गांधी का ”गरीबी हटाओ” के नारे में 342 रहा 1971 में तथा 353 रहा 1980 में। तब प्याज के बढ़ते दाम वोट उनको दो जो सरकार चला सकें’ का नारा दिया गया था। खुद इमर्जेंसी के बाद 1977 में जनता पार्टी 295 सीटें ही हासिल कर पायी थी। एनटी रामाराव 1984 के लोकसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री थे। वे डेढ़ वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके थे। उन्हीं दिनों एक सप्ताह भर इन्दिरा गांधी का शव भी प्रदेश के घर-घर में दूरदर्शन के पर्दे पर दिखाया जा रहा था। आमजन की सहानुभूति राजीव गांधी के साथ थी मगर आंध्र प्रदेश के एनटी रामाराव का करिश्मा बना रहा। कांग्रेस जिस राज्य से 42 में से 41 सीटें जीतती रही थी, केवल छह संसदीय सीटें ही जीत पायी। न राजीव के प्रति हमदर्दी और न इन्दिरा गांधी का नाम कांग्रेस मतदाताओं को रिझा सका।

उसी दौर में यह वाकया हुआ था। राजीव गांधी के सलाहकारों ने एक बड़ी गोपनीय तौर पर शकुनीवाला पासा फेंका। विपक्ष के जितने दिग्गज थे उन्हें राजनीतिक रूप से पराभूत करने का, अर्थात् वोटों से पराजित करने का। अमिताभ बच्चन, माधवराव सिन्धिया आदि लोगों का ऐन वक्त पर बदले हुए लोकसभा क्षेत्रों से नामांकन दाखिल कराया गया। परिणाम में सभी लोकसभाओं के इतिहास में आठवीं लोकसभा की चर्चा रहेगी कि विपक्ष क्लीव ही नहीं, नगण्य भी हो गया। तभी अमूल डेयरी का विज्ञापन भी छपा था कि अमूल मक्खन के लिए ‘देयर ईज नो आपोजीशन इन दि हाउस’ (सदन में विरोध ही नहीं है)। ऐसा द्विअर्थी विज्ञापन एक कड़ुवा सच था।