Wednesday, April 30, 2025
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जयंती पर कांग्रेसजनों ने किया बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण

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(के एस बिष्ट) देहरादून, संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस के दर्जनों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में घंटाघर स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने भारत को एक ऐसा पवित्र ग्रंथ संविधान के रूप में दिया है जिसे भारत के सभी एक सौ चालीस करोड़ लोग मानते हैं ।

उन्होंने कहा कि भारत एक बहु धर्मी बहु भाषाएं बहु संस्कृति अलग अलग खान पान अलग अलग रंग रूप वाला देश है और ऐसी विषम परिस्थितियों वाले देश के सारे जनमानस को एक सूत्र में पिरो के रखने वाला संविधान संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर जैसे विलक्षण गुण वाले व्यक्ति ही बना सकते थे।

इस अवसर पर धस्माना ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने जो संविधान भारत को दिया है आज कुछ विघटनकारी शक्तियां उस संविधान को बदलना ही नहीं बल्कि समाप्त हो करना चाहती हैं लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता ऐसा कभी होने नहीं देंगे चाहे उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर ही क्यों न करने पड़ें।

इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने बाबा साहेब के बनाये हुए संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

इस अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष मदन लाल, सी पी सिंह, देवेंद्र सिंह, दिनेश सिंह कौशल, गगन छाछर, करण घाघट, आशीष देसाई, कैलाश वाल्मीकि, एस पी यादव आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा सम्मानित किया गया

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*संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में किया गया सम्मानित* 

 

*मुख्यमंत्री के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में चिलचिलाती धूप में पहुंचे हजारों लोग।*

 

*हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का होगा निर्माण।* 

 

*उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बनेंगे बहुद्देशीय भवन।*

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

 

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कि चिलचिलाती धूप में बङी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही।

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बङी संख्या में उमङी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।

 

उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है — जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

 

सीएम ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं है— यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

 

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है — जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

 

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी, सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आएगी।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

 

इस अवसर पर श्री निर्मल दास महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, श्री विनोद दास, श्री उमेश कुमार, श्री रामपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, दर्जा मंत्री श्री विनय रुहेला, श्री जयपाल चौहान, श्री देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष श्री आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक श्री संजय गुप्ता, श्री कुंवर प्रणव चैंपियन, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री संदीप शर्मा, मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैशाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को किया संबोधित

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कर्णप्रयाग (चमोली)  श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय, देहरादून से वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैशाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को संबोधित किया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में सरस्वती शिशु मन्दिर से बाजार की ओर पिण्डर नदी पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने। कर्णप्रयाग में बाजार के समीप एक पार्किंग का निर्माण किए जाने। नंदा देवी राजजात यात्रा को देखते हुए कनखुल टैक्सी स्टैण्ड के समीप बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किए जाने। शिमली में मोटर पुल के समीप पार्किंग का निर्माण किए जाने। राजकीय इंटर कॉलेज से सांकरीसेरा, पलेठी एवं पाडली तक सड़क का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।

 

मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती एवं वैशाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो स्वयं सभी के मध्य उपस्थित होकर इस विशिष्ट मेले का साक्षी बनना चाहते थे, लेकिन पूर्व निर्धारित शासकीय व्यस्तताओं के कारण वर्चुअल माध्यम से ही जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा इस प्रकार के मेले क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का काम करते हैं। मेले हमारे समाज को जोड़ने के साथ ही लोक कलाकारों को एक सम्मानित मंच भी प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार आपदा पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। उन्होंने कहा आपदा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के चहुँमुखी विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। चारधाम सड़क परियोजना, विभिन्न पर्वतीय नगरों को हेली सेवा से जोड़ना, सरकारी हेली एंबुलेंस की शुरुआत, एवं प्रदेश के कोने-कोने में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के पूर्ण होने से पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी साकार होने जा रहा है। जिससे कर्णप्रयाग सहित पूरे क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेंगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है। केदारनाथ धाम में करोड़ों की लागत से वृहद स्तर प पुनर्विकास के कार्य किए जा रहे हैं । बद्रीनाथ धाम में 424 करोड़ रूपए की लागत से मास्टर प्लान के अंतर्गत विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। बाबा केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की भी स्वीकृति भारत सरकार से प्रदान हो गई है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष कर्णप्रयाग के नौटी गांव से मां नंदा देवी की राजजात यात्रा प्रारंभ होगी, जिसके लिए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। उन्होंने कहा इस बार की राजजात यात्रा को हम सब मिलकर और अधिक भव्य और दिव्य रूप में मनाएंगे। पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य गतिमान है। एक जनपद-दो उत्पाद योजना, लखपति दीदी योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, एवं पर्यटन और कृषि क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।

संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा स्वामी शंभूदेव जी महाराज का जीवन : मदन कौशिक

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हरिद्वार, (कुलभूषण)। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम में संस्था के परमाध्यक्ष महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में ब्रह्मलीन स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज की 50वीं पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ आयोजित की गयी। तीन दिवसीय गुरुजन स्मृति समारोह की अध्यक्षता म.मं. स्वामी अनन्तानन्द जी महाराज व संचालन रविदेव शास्त्री ने की।
इस अवसर पर आचार्य गरीब दास जी की अखण्ड वाणी का पाठ व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में संत समाज ने स्वामी शंभू देव महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट की।
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, विधायक मदन कौशिक ने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज का समूचा जीवन संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज की स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु उनके शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद जी महाराज ने उनकी स्मृति में स्वामी शम्भुदेव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। स्वामी शंभू देव जी महाराज संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय रहेगा। उन्हांेने सदैव सनातन संस्कृति के उन्नयन हेतु कार्य किया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में म.मं. स्वामी अनन्तानन्द जी महाराज ने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज व स्वामी शातानन्द शास्त्री जैसी विभूतियों ने इस संस्था को परोपकार व धार्मिक कार्यों के लिए सदैव समर्पित रखा। उनके सुयोग्य शिष्य स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री पूर्ण मनोभाव से सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं।
स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व म.मं. स्वामी ललितानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि अपने गुरुजनों की परम्परा पर चलते हुए स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री निरन्तर धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों व सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कुशल कार्यशैली से संस्था को ऊंचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर भाजपा नेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि श्री जगदीश आश्रम की धार्मिक परंपराओं व समाजहित के कार्य को आगे बढ़ाने का काम स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज निरन्तर कर रहे हैं। उन्होंने अपने गुरुदेव स्वामी शांतानंद जी महाराज के पद चिन्हों पर चलते हुए सेवा कार्यों की मिसाल कायम की है। वर्तमान में प्रतिदिन निराश्रित लोगों को भोजन वितरण करने का जो महान कार्य कर रहे हैं, वह जगदीश आश्रम की समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य है।
गुरुजन स्मृति समारोह में आए हुए श्रद्धालु भक्तों, संत समाज का स्वागत करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान गद्दी नशीन महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरुदेव ने अपने जीवन काल में धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किया है वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकाश स्तम्भ बनकर उनका मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने स्वामी पं. शम्भुदेव जी महाराज व स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सद्गुरुदेव स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज के जीवन काल में संस्था ने उत्तरोत्तर वृद्धि की है। मीरा चेतन आतिथेयम्, श्री स्वामी शंभु देव संस्कृत महाविद्यालय सहित हरियाणा, पंजाब में अनेकों संस्थाएं स्थापित की गई, जो धर्म सेवा का कार्य कर रही है। अपने गुरुजनों द्वारा स्थापित उच्च परम्पराओं का वह सदैव निर्वाह करेंगे।
इस अवसर पर महंत दुर्गादास, स्वामी आनन्द बल्लभ शास्त्री, महंत मोहन सिंह, स्वामी विवेकानन्द, आचार्य सूर्यदेव, महंत नित्यानन्द, स्वामी कमलानन्द, स्वामी धर्मदास, स्वामी रामानन्द, स्वामी कमल मुनि, स्वामी अमृतानन्द, महंत शुभम, महंत शिवम वशिष्ठ, स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती, महंत जमुनादास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, स्वामी केशवानन्द, संत हिमांशु, स्वामी ओमानन्द, स्वामी कृष्णदेव जी महाराज, महंत दिनेश दास, स्वामी प्रकाशानन्द जी महाराज, प्रहलाद दास जी, विदित शर्मा, पार्षद आकाश भाटी, व्यापारी नेता सुनील सेठी, डॉ. डी. एन. बत्रा, दीपांशु विद्यार्थी, सुखेन्द्र तोमर, हरपाल सिंह उप्पल, राहुल बंसल, राघव ठाकुर समेत ट्रस्टीगण व देश भर से आये हुए श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

2 मई को खुलेंगे भगवान तुंगनाथ के कपाट, 30 अप्रैल को मक्कू से करेगी डोली प्रस्थान

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रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- पंच केदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट खुलने की तिथि आज बैशाखी के पावन पर्व घोषित हो गयी। भगवान तुंगनाथ के कपाट 2 मई को देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये जायेगें।

बैसाखी के पावन पर्व पर मर्केटेश्वर मन्दिर मक्कूमठ मैं तुंगनाथ जी के तीर्थ पुरोहितों के द्वारा पंचाग गणना के उपारान्त ग्रीष्म काल के लिये तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गयी।

कार्यक्रम के अनुशार भगवान जी की चल विग्रह उत्सव डोली 30 अप्रैल 2025 को मर्केटेश्वर मन्दिर प्रांगण से भूतनाथ मन्दिर मक्कू मैं रात्रि विश्राम करेगी। इस अवसर पर पुणखी नामक स्थान पर सभी गाँव वासियों के द्वारा भगवान जी के लिये भोग बनाया जाता हैं जिसमें पूरी,पकोड़ी,लाल चावलों का भात, चौंसा आदि बनाया जाता हैं इस दिन मेला भी लगता हैं। 1मई को डोली चोपता रात्रि विश्राम के लिये रवाना होगी, 2 मई को बाबा के कपाट सभी भक्तों के लिये शुभ मुहूर्त में लग्नानुशार वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाबा तुंगनाथ के कपाट खोले जायेंगे। ग्रीष्म काल मे 6 माह तक बाबा की पूजा अर्चना यही पर होगी।

स्मार्ट मीटर लगने के बाद 12 दिन का बिल आया 46.60 लाख, विभाग ने मानी गलती, जांच शुरू

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नैनीताल, उत्तराखंडं उर्जा विभाग के कारण एक उपभोक्ता बिल इतना अधिक आया कि वह हकबका रहा गया, एक ओर जहां विभाग स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों को जागरुक कर रहा है वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर के कारण लोगों का समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी मे सामने आया है। यहां स्मार्ट मीटर लगाने के बाद एक उपभोक्ता का 10 दिन का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए आया जिसे देखकर उपभोक्ता दहल गया। मामले की शिकायत जब विभाग से की गयी तो उनके द्वारा दलील दी गयी कि ऐसा पुराने मीटर की रीडिंग एलईडी के फॉल्ट के वजह हुआ है। जिसकी जांच करायी जा रही है।

आपको बता दें कि हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड संख्या 43 अरावली वाटिका छड़ैल निवासी हंसा दत्त जोशी ने 24 मार्च को स्मार्ट मीटर लगाया। लेकिन 12 दिन बाद 8 अप्रैल को जब स्मार्ट मीटर से पहला बिल आया तो वह दहल गये। क्याेंंकि मात्र 12 दिनों का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए का था। जबकि पुराने मीटर के हिसाब से उनका बिल करीब 800 रुपए मासिक आता था। हंसा दत्त जोशी ने मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की। हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले ही कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए थे। जब उनका ऑनलाइन बिजली का बिल आया। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था। मामले में अधीक्षण अभियंता विघुत विभाग नवीन मिश्रा ने बताया कि 24 मार्च को पुराना विघुत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पुराने मीटर की एलईडी खराब होने के चलते मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। पुराने बिल में 339 रीडिंग थी जिसे एलईडी खराब होने के कारण 7 लाख 339 दर्ज किया गया और उसी आधार पर 46 लाख का बिल जेनरेट हो गया। विभाग ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।

महिला समूहों को रोजगार के साथ ही, उत्पादों के विपणन के लिए मिलेगा उचित प्लेटफार्म, 01 आउटलेट में लगभग 25 महिलाओं को मिल सकेगा रोजगार

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देहरादून,, डीएम सविन बंसल के निर्देशन में जिला प्रशासन निंरतर आगे बढ रहा है। हिलांस आउटलेट के माध्मय से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने तथा राज्य की महिला समूहों के उत्पादों को विपणन की सुविधा, मरीजों एवं तीमारदारों को अस्पताल तथा जन सामान्य को पयर्टन एवं सार्वजनिक में कैंटीन की सुविधा देने के कैन्टीन आधुनिक आउटलेट निर्माण आदि कार्य गतिमान है। जिनकी जिलाधिकारी द्वारा मॉनिटिरिंग की जा रही है।

जनपद में स्वयं सहायता समूहों का आजीविका बढाने तथा राज्य के स्थानीय उत्पादों को विपणन हेतु प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सविन बसंल के निर्देशन में आधुनिक आउटलेट/कैफे/रेस्टोरेंट खोले जाने की योजना के अन्तर्गत शुरूआती चरण में 04 स्थानों कचहरी परिसर, सुद्धोवाला (पंचायतघर के निकट), कोरोनेशन हास्पिटल, गुच्चुपानी में जल्द ही आधुनिक आउटलेट/कैफे/रेस्टोरेंट, खोंले जा रहे हैं। इन आउटलेट के खुलने से जहां जनमानस को जहां पौष्टिक भोजन एवं आर्गेनिक उत्पाद मिलेंगे, वहीं महिला स्वंय सहायता समूहों को रोजगार के साथ ही उनके उत्पादों को विपणन की सुविधा हेतु उचित प्लेटफार्म मिलेगा। वही कोरोनेशन में कैंटीन के खुलने से जहां मरीजों एवं उनके तीमारदारों को पौष्टिक आहार मिलेगा तथा बाजार रेट से कम कीमत पर पौष्टिक भोजन मिलेगा।

 

चारधाम यात्रा को मिलेगा स्वास्थ्य कवच : धामी सरकार की पहल पर मोदी सरकार की मुहर

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देहरादून, चारधाम यात्रा जैसे विशाल और संवेदनशील आयोजन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में उत्तराखंड की धामी सरकार के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission – NMC) ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसमें पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती की अनुमति मांगी गई थी। एनएमसी द्वारा दी गई स्वीकृति न केवल उत्तराखंड की तैयारी को मजबूती देती है, बल्कि यह भविष्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों के लिए भी एक मार्गदर्शक बन सकती है। यह निर्णय देश के भावी डॉक्टरों को समाजसेवा, प्रशिक्षण और अनुभव का एक दुर्लभ मंच प्रदान करेगा। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों पर स्वास्थ्य महकमा चारधाम यात्रा में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

 

*डीआरपी प्रमाणपत्र के लिए मिलेगा व्यावहारिक अवसर*

 

अब पहली बार, एमडी/एमएस/डीएनबी जैसे पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर चारधाम यात्रा में सेवा देकर डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (DRP) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान दी गई सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के अंतर्गत मान्य होंगी और डॉक्टरों को इसके लिए अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी।

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया, “यह निर्णय न केवल तीर्थयात्रियों के लिए उपयोगी है, बल्कि प्रशिक्षु डॉक्टरों को उच्च हिमालयी चिकित्सा और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव भी देगा। स्वास्थ्य विभाग सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा ताकि यह पहल प्रभावी ढंग से लागू हो सके।”

 

*हिमालयी चिकित्सा का प्रशिक्षण और सेवाभाव का अनुभव*

 

एनएमसी के सचिव डॉ. राघव लैंगर ने कहा कि यह एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां शैक्षणिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र का समन्वय समाजहित में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़, मौसम की प्रतिकूलता और भौगोलिक कठिनाइयों के बीच चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।

 

*राज्य सरकार करेगी लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्था*

 

उत्तराखंड सरकार इन डॉक्टरों के लिए समुचित आवास, खानपान, प्रशिक्षण, सेवा प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करेगी। यात्रा मार्गों पर विशेष चिकित्सा इकाइयों को सुदृढ़ किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को त्वरित और विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवा मिल सके।

 

*देशभर से मिल रही है भागीदारी की इच्छा*

 

एनएमसी की स्वीकृति के बाद देशभर के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों से प्रशिक्षु डॉक्टरों की भागीदारी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। युवा डॉक्टर इस पहल को सेवाभाव और करियर विकास दोनों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण अवसर मान रहे हैं।

 

*सहकारी शासन का सफल उदाहरण*

 

यह पहल सहकारी संघीय शासन के सिद्धांतों पर आधारित एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरी है, जहां राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक धार्मिक यात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए नवाचार और भागीदारी आधारित समाधान विकसित कर रहे हैं।

 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश : “चारधाम यात्रा हो सुरक्षित, सुगम और संतुलित”*

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा की यात्रा हो, बल्कि सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से भी एक मिसाल बने। एनएमसी द्वारा दी गई स्वीकृति हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत है और यह दर्शाता है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जनता के हित में निर्णायक कार्य कर रही हैं। यह पहल न केवल तीर्थयात्रियों को सशक्त स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि युवा डॉक्टरों को सेवाभाव के साथ प्रशिक्षण का अद्वितीय अवसर भी देगी।”

मुर्शिदाबाद हिंसा : इंटरनेट सेवाएं बंद, 150 से ज्यादा लोग गिरफ्तार; हिंदुओं ने भागकर ली स्कूलों में शरण

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नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाने के बाद मुर्शिदाबाद से कथित तौर पर हिंदू समुदाय के लोगों के पलायन की खबरें आ रही हैं। हिंसक प्रदर्शन के कारण इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। पुलिस ने 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कई पाबंदियां लागू की गई हैं। सुरक्षाबल मुख्य मार्ग से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है। जांच अभी चल रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

 

पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि 400 से अधिक हिंदुओं को मुर्शिदाबाद के धुलियान से भागने, नदी पार करने और स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने हिंदुओं की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए।

 

भाजपा नेता ने कहा, “धार्मिक कट्टरपंथियों के डर से मुर्शिदाबाद के धुलियान में 400 से अधिक हिंदू नदी पार करके मालदा के बैष्णबनगर के देवनापुर-सोवापुर जीपी के पार लालपुर हाई स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर हुए।” अधिकारी ने पोस्ट में कहा कि बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न वास्तविक है। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “टीएमसी की तुष्टिकरण नीतियों ने कट्टरपंथी तत्वों को प्रोत्साहित किया है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, हमारे लोग अपनी ही जमीन पर अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। कानून-व्यवस्था की इस विफलता के लिए राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए।”

 

उन्होंने जिले में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से इन विस्थापित हिंदुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और उनके जीवन की रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “बंगाल जल रहा है। सामाजिक ताना-बाना टूट चुका है। अब बहुत हो चुका।” इससे पहले शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया।

 

कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हाल के दिनों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक अशांति को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपाय पर्याप्त नहीं थे। बेंच ने यह भी कहा कि अगर पहले सीएपीएफ तैनात किया गया होता, तो स्थिति इतनी गंभीर और अस्थिर नहीं होती।

 

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि समय पर पर्याप्त उपाय नहीं किए गए।” खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति गंभीर और अस्थिर है। बेंच ने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और निर्दोष नागरिकों पर हुए अत्याचारों को रोकने की जरूरत पर बल दिया।

 

आदेश में कहा गया, “जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो, तो संवैधानिक न्यायालय मूक दर्शक नहीं रह सकता और तकनीकी बचाव में उलझ नहीं सकता।” सुवेंदु अधिकारी की तरफ से याचिका दायर किए जाने के बाद न्यायालय ने यह आदेश जारी किया। सुवेंदु ने कहा था कि उन्होंने राज्य सरकार से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांग करके तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, लेकिन राज्य ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके कारण उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा (साभार उत्तम हिन्दू)।

मानव सेवा समिति ने आयोजित किया रक्तदान शिविर, डॉ. अनिल वर्मा सम्मानित

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देहरादून में मानव सेवा समिति द्वारा आयोजित तथा उत्तराखण्ड ग्रुप रियल स्टेट डेवलपर्स द्वारा प्रायोजित रक्तदान शिविर एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह शिविर यूथ रेड क्रॉस और आईएमए ब्लड बैंक के सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें कुल 52 युवाओं ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानव सेवा का परिचय दिया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे डॉ. अनिल वर्मा, जिन्हें 155 बार रक्तदान करने के लिए “मानव सेवा समिति अवॉर्ड – 2025” से सम्मानित किया गया। सम्मानित करते हुए समिति ने उन्हें “रक्तदाता शिरोमणि” की उपाधि भी प्रदान की।

शिविर का उद्घाटन फीता काटकर किया गया, जिसमें प्रमुख अतिथियों में फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर्स ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय सचिव एवं यूथ रेड क्रॉस के प्रतिनिधि डॉ. अनिल वर्मा, एड्स कंट्रोल के संयुक्त निदेशक अनिल सती, आईएमए ब्लड बैंक के डॉ. मनीष कुमार, पीआरओ ज्योति छेत्री, मानव सेवा समिति अध्यक्ष महेश खंकरियाल, उत्तराखंड ग्रुप रियल एस्टेट डेवलपर्स के निदेशक चक्रधर खंकरियाल और समाजसेवी साहिब सिंह भंडारी शामिल रहे।

 

डॉ. अनिल वर्मा ने इस अवसर पर कहा, “रक्तदान समाज सेवा का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। यह न केवल जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि रक्तदाता को भी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।” उन्होंने बताया कि नियमित रक्तदान से हृदय रोग और कैंसर की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।

 

कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य मंत्री प्रताप सिंह पंवार ने रक्तदान को “जीवनदान” बताते हुए कहा, “मानवता की सेवा ही सच्ची ईश्वर भक्ति है। हर स्वस्थ व्यक्ति को समय-समय पर रक्तदान अवश्य करना चाहिए।”

 

डॉ. वर्मा ने उन्हें सम्मानित करने के लिए समिति के अध्यक्ष महेश खंकरियाल का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

शिविर के सफल आयोजन में पंकज शर्मा, भूपेंद्र मेहरा, पूनम डोभाल, भूपेंद्र चौहान, आयुष खंकरियाल, पीयूष खंकरियाल, सुदर्शन रावत, नरेश पोखरियाल, विमल भट्ट, प्रकाश बिष्ट, मदन पंवार और पंकज सिंह ने एवं शिविर संचालन में आई एम ए ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० मनीष कुमार, शिवम् गुप्ता , फरमान खान, तथा आनंदी शर्मा ने विशेष सहयोग किया l संचालन महेश खंकरियाल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन चक्रधर खंकरियाल ने किया।

इस प्रेरणादायक आयोजन ने समाज को रक्तदान के महत्व और मानव सेवा की भावना से अवगत कराया।