Saturday, June 7, 2025
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राज्यपाल ने नई दिल्ली में रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3001 के वार्षिक सम्मेलन में किया प्रतिभाग

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देहरादून/नई दिल्ली, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को नई दिल्ली में रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3001 के वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने रोटरी क्लब द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि रोटरी क्लब सेवा और परोपकार का ऐसा मंच है, जो समाज के कमजोर, वंचित और जरूरतमंद वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3001 के सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, रोग निवारण, आर्थिक विकास और शांति स्थापना जैसे क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की प्रशंसा की।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। कहा कि सेवा की भावना समाज में एकता, समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देती है। उन्होंने रोटरी के आदर्श वाक्य ‘सेवा सर्वोपरि’ की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
राज्यपाल ने विशेष रूप से रोटरी द्वारा ब्लड बैंक, नेत्र बैंक, कैंसर अस्पताल (AIIMS), व्यावसायिक केंद्र, कौशल विकास केंद्र, डायलिसिस केंद्र जैसे सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों को समाज के कमजोर वर्गों के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं समाज को सशक्त बना रही हैं और जरूरतमंदों की सहायता कर रही हैं।

जल जीवन मिशन में भुगतान में हो रही देरी : ठेकेदारों पर बिना भुगतान के काम पूरा करने का बनाया जा रहा दबाव

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देहरादून, देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा हरिद्वार बाइपास स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया । इस प्रेस वार्ता को देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल एवं अन्य सदस्यों ने संबोधित किया। अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा हमारे प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य हर घर जल, हर घर तक नल पहुंचना था जिसको हमारे प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यों को करवाने के लिए अथक प्रयास किए गए जिसमें हमारे ठेकेदारों ने काफी तेजी से कार्य किया। परंतु वन भूमि का परमिशन न मिलाना, जलस्यों के लिए भूमि समय से ना मिल पाने के कारण कार्यों में देरी आई। वेरिएशन न बनने के कारण फिजिकल प्रोग्रेस नहीं मिल पा रही है एवं केंद्र सरकार से पैसा ना आने के कारण फाइनेंशियल प्रोग्रेस भी नहीं मिल पा रही है।
इन सभी प्रोजेक्ट के ठेकेदार दोनों तरफ से फंस चुके है फंड न आने के कारण एवं समय पर काम करने का दबाव बनता जा रहा है। अब ठेकेदारों का फाइनेंशियल स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है की वे लेबर, स्टाफ, मशीनरी एवं अन्य वेंडरों को पेमेंट करने तक की स्थिति में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं में ठेकेदार द्वारा किए गए काम जो की अधूरे हैं, नलों में पानी न होने के कारण या सड़क भराई न होने के कारण जनता में काफी रोष भी है और जनता की नाराजगी ठेकेदारों को उठानी पर रही है। अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन के काम में ठेकेदारों का करीब दो हजार करोड़ का भुगतान किया जाना है। बिना बजट भुगतान के ही ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और सामाजिक कार्य के लिहाज से 80 से लेकर 95 प्रतिशत तक काम पूरे कर दिए हैं। इसके बाद भी समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है।
देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने माननीय मुख्यमंत्री जी को हस्तक्षेप करने को कहा एवं विभागों से आग्रह किया है कि पेमेंट जारी किया जाए, हमारे ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है और जनता के गुस्सा का सामना भी करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम में सचिन मित्तल, सूरत राम शर्मा, सुल्तान सिंह पवार, सुनील गुप्ता, सौरभ गोयल, संदीप मित्तल, शैलेंद्र मोहन भगत एवं सिंगल जी उपस्थित रहे।

निकाय चुनावों में जनता भाजपा को आईना दिखाने का काम करेगी – करण माहरा

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हरिद्वार दौरे पर पहुचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने विस्तार से विभिन्न मुददो पर की चर्चा

हरिद्वार ( कलभूषण ) नगर निकाय चुनावों को चलते रविवार को  हरिद्वार पहुचे उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण  माहरा ने भेटवार्ता में  नगर निकाय चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियो पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि निकाय चुनावों में कंाग्रेस पार्टी मजबूती के साथ जनता के मुददो को लेकर चुनावी मैदान में जा रही है।
उन्होने कहा कि कंाग्रेस निकाय चुनावों में प्रदेश भर में स्थानीय स्तर पर जनता की समस्याओ व जनहीत के मुददो को उठाने का काम कर प्रदेश की भाजपा सरकार को जनता के बीच कटघरे में खडा करने का काम करेगी। उन्होने का की निकाय चुनावों में भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था प्रदेश में महिलाओ के प्रति बढते अपराध के मामले नशा खोरी प्रमुख मंुददे होगें।
पार्टी में अंसतोष के मुददे पर उन्होने कहा की पार्टी प्लेटफार्म पर सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। संगठन में किसी प्रकार का काई असंतोष नही है। पार्टी संगठन द्वारा जिन्हे अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सभी कंाग्रेसजन एक होउनको  जिताने के लिए काम कर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करेगें।
पार्टी में खेमेबाजी के मुददे पर उन्होने कहा की सभी को साथ लेकर पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन सक्रिय रूपसे कार्य कर रहा है। पार्टी में किसी प्रकार की गुटबाजी नही है सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है इसे गुटबाजी कहना गलत है। सभी कंाग्रेसजन एकजुट होकर कांग्रेस के उम्मीदवारो को जिताने के लिए मजबूती के साथ काम कर रहे है।

हरिद्वार में निकाय चुनाव को लेकर बोलते हुए उन्होने कहा कि हरिद्वार में निवर्तमान बोर्ड में कांग्रेस की महापौर ने विभिन्न जनहीत के कार्यो को करने का काम किया है। जिसके चलते होने वाले इन चुनावों में कंाग्रेस महापौर सहित नगर निगम बोर्ड में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर अपना बोर्ड बनाने जा रही है। उन्होने कहा कि भाजपा ने लगाातार हरिद्वार की जनता ठगने का काम किया है। हरिद्वार में बढता नशे का व्यापार कोरिडोर योजना बढते अपराध प्रमुख चुनावी मुददे है जिन्हे लेकर कंाग्रेस जनता के बीच जायेगी।
उन्होने कहा कि किसी भी कीमत पर हरिद्वार के व्यापारियो का उत्पीडन नही होने दिया जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कंाग्रेस ने हमेशा से आम आदमी के अधिकारो के हीतो की लडाई को लडने का काम किया है।इस लडाई को आगे भी कंाग्रेस जारी रखेगी। उन्होने कहा कि निकाय चुनावों में कांग्रेस प्रदेश के विभिन्न नगर निगम नगर पालिका तथा नगर पंचायत चुनावों में जीत दर्ज करने जा रही है। प्रदेंश की जनता भाजपा सरकार की नीतियो से  त्रस्त है। इन चुनावों मेंप्रदेश की जनता  भाजपा को आईन दिखाने का काम करेगी।ं

भ्रामक सूचनाओं से बचने के लिए थिंक बिफ़ोर यू शेयर के साथ साथ थिंक बिफ़ोर यू केयर जरूरी : उपाध्याय

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साइबर क्राइम की शिकायत के लिए 1930 पर तुरंत कॉल करें : मिश्रा*

 

*साइबर क्राइम और मिस इनफॉर्मेशन पर पी आर एस आई ने कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया*

 

देहरादून। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI), देहरादून चैप्टर द्वारा रविवार को “साइबर क्राइम और मिस इन्फोर्मेशन : चुनौतियां और समाधान” विषय पर एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्वलन कर किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य साइबर अपराध और गलत सूचना के बढ़ते खतरे पर जागरूकता बढ़ाना और इन चुनौतियों का समाधान ढूंढना था।

 

मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक सूचना विभाग, डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि सोशल मीडिया में मिलने वाली किसी भी सूचना को मानने या फॉरवर्ड करने से पहले उस पर कुछ पल के लिए विचार कर लेना चाहिए। हमारी जिम्मेवारी है कि जल्दी सूचना देने में गलत या भ्रामक सूचना न चली जाए। थिंक बिफ़ोर यू शेयर के साथ साथ थिंक बिफ़ोर यू केयर भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने

फेक न्यूज़ या मिस इनफार्मेशन के लिए AAA प्लान की बात कही। इसमें अवेयरनेस यानी जागरूकता, एडवोकेसी यानी सही नीतियों नियम क़ानून के लिए बात उठाना और एक्शन यानी सही जानकारी देकर मिस इंफ़ॉर्मेशन को ख़त्म करना शामिल है।

 

श्री अंकुश मिश्रा, उप पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राइम स्टेशन ने कहा कि 1930 भारत में राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन का टोल-फ्री नंबर है, जिसके माध्यम से नागरिक ऑनलाइन साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह सेवा 24×7 उपलब्ध है और साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद करती है।

 

उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम से बचाव केवल जागरूकता के माध्यम से ही हो सकता है। आम लोगों को जागरूक करने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

 

श्री मिश्रा ने साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डीप फेक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर नकली वीडियो और ऑडियो तैयार किए जाते हैं। पेंशन धारकों को फर्जी कॉल्स और मैसेज भेजकर ठगी के मामले होते हैं। श्री मिश्रा ने सिम अपग्रेडेशन फ्रॉड, निवेश धोखाधड़ी, बायोमेट्रिक डेटा चोरी कर ठगी, अवैध गतिविधियों का डिजिटल नेटवर्क डॉकनेट, कूरियर फ्रॉड, फिशिंग और विशिंग, स्किमिंग और आरएफआईडी स्किमिंग, नकली क्यूआर कोड के माध्यम से पैसा चुराना, केवाईसी धोखाधड़ी,नकली मोबाइल ऐप के जरिए ठगी, एआई आधारित वॉयस क्लोनिंग की विस्तार से जानकारी देते हुए इनसे बचाव के उपाय बताए।

 

श्री मिश्रा ने कहा कि साइबर अपराधियों को ट्रेस करने और कार्यवाही करने में उत्तराखंड पुलिस की परफोर्मेंस काफी बेहतर रही है। उन्होंने ऐसे बहुत से मामलों की भी जानकारी दी कि किस प्रकार लोग शिकार हुए और उत्तराखंड पुलिस ने कार्यवाही की। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हमें अपने बायोमैट्रिक जानकारी को लॉक करके रखना चाहिए। आधार की वेबसाइट पर जाकर आसानी से ये किया जा सकता है। किसी भी अनजान लिंक को भूलकर भी ना खोलें। हेल्पलाइन नंबर गूगल से न लेकर संबंधित की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें। अंजान नंबर से आए व्हाट्सप्प वीडियो कॉल को न उठाएं। अंजान नंबर से कोई धमकी दी जाती है या किसी भी तरह की बात की जाती है तो घबराएं नहीं, एकदम से रिएक्ट न करें और दी गई जानकारी को वेरिफाई करा लें। जागरूक बने, भय और लालच से बचें।

 

श्री ईशान भूषण, सहायक प्रबंधक, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, टीएचडीसी ने कहा कि स्मार्टफोन की उपलब्धता आज सभी को है। हम जो भी बोलते हैं, सर्च करते हैं, उस पर नजर रहती है। व्यक्ति विशेष के अनुसार भ्रामक सूचनाएं सृजित कर भेजी जाती हैं। ऐसे में निरंतर सजगता बहुत जरूरी है। उन्होंने बिग डाटा और सूचनाओं के सोर्स की जानकारी के लिए विभिन्न टूल्स के बारे में बताया।

 

इस अवसर पर पीआरएसआई देहरादून के अध्यक्ष रवि बिजारणियां ने कहा कि देहरादून चैप्टर द्वारा जनजागरूकता के उद्देश्य से आज का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। भविष्य में भी अन्य विषयों पर ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस अवसर पर उपाध्यक्ष डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी, सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र भट्ट, वैभव गोयल, संजय सिंह, शिवांगी सिंह, अजय डबराल, संजय भार्गव, अनिल दत्त शर्मा, अनिल सती सहित अन्य सदस्य और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा द्वारा किया गया।

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तिथियां घोषित

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-21 फरवरी से शुरू होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं 11 मार्च तक चलेंगी
-कुल 1245 परीक्षा केंद्र बनाए गए

नैनीताल, 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों का इंतजार खत्म हुआ। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की तिथियां घोषित करते हुए बताया कि 21 फरवरी से शुरू होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं 11 मार्च तक चलेंगी। शनिवार को बोर्ड कार्यालय सभागार में सभापति एसबी जोशी की अध्यक्षा में परीक्षा समिति की बैठक हुई।
बैठक में बताया कि इस बार बोर्ड परीक्षा के लिए 49 एकल व 1196 मिश्रित कुल 1245 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। इस बार परीक्षा में 2,23,403 परीक्षार्थी देंगे। हाईस्कूल में 1,13,690 व इंटरमीडिएट में 1,09,713 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। बताया कि 21 फरवरी से परीक्षाएं शुरू होनी है। 11 मार्च तक परीक्षाएं चलेंगी। सुबह दस से एक बजे तक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

 

श्याम बेनेगल की फिल्म जुनून का दून पुस्तकालय में प्रदर्शन

देेहरादून, सिनेमार्ग और द्विजेन सेन मेमोरियल कला केन्द्र की ओर से दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में श्याम बेनेगल की चर्चित फिल्म जुनून का प्रदर्शन दून पुस्तकालय के सभागार में किया गया।
इस अवसर पर श्याम बेनेगल के भारतीय सिनेमा को दिये गये उनके कलात्मक योगदान को याद किया गया। उनकी निर्देशित यह जुनून फिल्म मशहूर लेखक और कहानीकार रस्किन बॉण्ड द्वारा लिखित द फ्लाइट ऑफ द पिजन्स नामक पुस्तक पर आधारित एक शानदार फिल्म है जो 1857 के गदर और उसके बाद की घटनाओं पर आधारित है।
इस विद्रोह को अब पहला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है, जावेद खान, एक पठान, अपने शहर में आता है और एक आदमी को भविष्य की भविष्यवाणी करते हुए देखता है लेकिन अपने घर के रास्ते में उसे एक अंग्रेज लड़की, रूथ दिखाई देती है और वह उसके प्रति इस हद तक जुनूनी हो जाता है कि जब भी वह उसे देखता है, उसे देखता रहता है। यह स्वाभाविक रूप से उसे डराता है और वह अपने पिता को इस बारे में बताती है, वह उसे अनदेखा करने के लिए कहता है। लेकिन इस बीच, रूथ की दादी, जो भारतीय है, को उनके नौकर द्वारा सूचित किया जाता है कि उसे लगता है कि अगले दिन किसी को भी चर्च नहीं जाना चाहिए क्योंकि उसने सुना है कि विद्रोहियों द्वारा छापा मारा जाएगा। लेकिन इसे अनदेखा कर दिया जाता है और रूथ और उसके पिता अगले दिन चर्च जाते हैं और उसके बाद खून-खराबे में शामिल हो जाते हैं।
श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित, रस्किन बॉन्ड की किताब पर आधारित और लिखित तथा शशि कपूर द्वारा निर्मित, यह शोध परख कहानी है, जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों और उनके खिलाफ लड़ने वालों की क्रूरता को प्रदर्शित करती है। फिल्म में एक से एक शानदार कलाकार हैं। शशि कपूर, जेनिफर केंडल, शबाना आज़मी, टॉम ऑल्टर, बेंजामिन गिलानी, कुणाल कपूर, करण कपूर, पर्ल पद्मसी, जेफ्री केंडल, संजना कपूर, कुलभूषण खरबंदा और नसीरुद्दीन शाह बेहतरीन भूमिकाओं में आते हैं। समाजिक विचारक बिजू नेगी, ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया।
इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ,डॉ.अतुल शर्मा, हिमांशु आहूजा,कमल पाठक, कुल भूषण, जगदीश महर, मदन बिष्ट, डॉ.वी के डोभाल,जगदीश बाबला अरुण असफल,विजय कुमार यादव, डॉ.लालता प्रसाद, वैभव जैन, रीता शर्मा, अश्विनी त्यागी, मानवेन्द्र बर्थवाल, डॉ. अतुल शर्मा, आलोक सरीन,सुन्दर सिंह बिष्ट, सहित, फ़िल्म प्रेमी, साहित्यकार, लेखक व युवा पाठक उपस्थित थे।

 

नेशनल गेम्स को ग्लोबल बनाने में जुटेंगे प्रदेश के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर

‘खेल मंत्री रेखा आर्या की पहल पर सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर सहयोग को तैयार! खेलों के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यटन, प्रकृति, खान-पान का भी करेंगे चित्रण’
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देहरादून, प्रदेश के सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी अब 38वीं राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में जुटेंगे। खेल मंत्री रेखा आर्या की पहल पर प्रदेश भर के इनफ्लुएंसर और सोशल मीडिया क्रिएटर्स राष्ट्रीय खेलों को स्पेशल कवरेज देने के लिए जुट गए हैं ।
खेल मंत्री रेखा आर्या के निर्देशों पर विभाग नें शनिवार को खेल सचिवालय में प्रदेश के लोकप्रिय सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को बुलाया था। बैठक में खेल मंत्री ने उन्हें कहा कि इन खेलों की औपचारिक कवरेज के अलावा आप सभी अपने-अपने ब्लॉग, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम एकाउंट्स के जरिए भी कंटेंट तैयार करिए। खेल मंत्री का कहना था कि खेल के अलावा उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों, धार्मिक स्थलों, सांस्कृतिक रीति रिवाज, खानपान आदि को भी अपने कंटेंट में चित्रित करें, जिससे दुनिया भर में देवभूमि की सभी विशेषताएं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय खेलों को लोकप्रियता से मिलने के साथ-साथ दीर्घकाल में प्रदेश के पर्यटन में भी इजाफा होगा।
बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आगामी नेशनल गेम्स को जन आयोजन बनाना है और इसमें सिर्फ सरकार ही नहीं प्रदेश के हर नागरिक को उत्तराखंड के एंबेस्डर के रूप में अपनी भूमिका निभानी होगी। खेल मंत्री ने सभी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर से पूछा कि उन्हें इस काम में खेल विभाग किस तरह से सहयोग कर सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को सभी जरूरी सूचना उपलब्ध करने का भी भरोसा दिलाया । बैठक में मौजूद सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स ने भी राष्ट्रीय खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए।

खास मुलाकात : ‘स्पार्कलिंग सरोद’ और ‘मूड आॕफ पुरिया कल्याण’ ने दिलाई एक सशक्त पहचान : लाहिड़ी

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(एल मोहन लखेड़ा)

पौणारिक काल से ही भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। माना जाता है कि संगीत का प्रारम्भ सिंधु घाटी की सभ्यता के काल में हुआ, सिंधु घाटी की सभ्यता के पतन के पश्चात् वैदिक संगीत की अवस्था का प्रारम्भ हुआ जिसमें संगीत की शैली में भजनों और मंत्रों के उच्चारण से ईश्वर की पूजा और अर्चना की जाती थी। इसके अतिरिक्त दो भारतीय महाकाव्यों – रामायण और महाभारत की रचना में संगीत का मुख्य प्रभाव रहा। भारत में सांस्कृतिक काल से लेकर आधुनिक युग तक आते-आते संगीत की शैली और पद्धति में जबरदस्त परिवर्तन हुआ है। भारतीय संगीत के इतिहास के महान संगीतकारों जैसे कि स्वामी हरिदास, तानसेन, अमीर खुसरो आदि ने भारतीय संगीत की उन्नति में बहुत योगदान किया है और उनका यह योगदान आज के युग में भी कायम रखा हुआ है। संगीत के इन सब अनछुये पहलुओं को लेकर देहरादून में आयोजित ‘विरासत’ में खास मेहमान बने सांस्कृतिक कलाकार अभिषेक लाहिड़ी से रूबरू होने का मौका मिला |
‘स्पार्कलिंग सरोद’ से संगीत की मदमस्त दुनिया में शानदार कदम रखते हुए विश्व विख्यात बने अभिषेक लाहिड़ी एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपने सांस्कृतिक प्रदर्शन से विश्व भर में भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है I ऐसी महान शख्सियत अभिषेक लाहिड़ी से खास मुलाकात उनके द्वारा बुलंदियों को छू लेने के संबंध में हुई I
उन्होंने इस खास मुलाकात के दौरान कहा कि उनके संगीत एल्बम “स्पार्कलिंग सरोद” और “मूड ऑफ पुरिया कल्याण” ने दिलाई एक सशक्त पहचान, और इसमें लोगों की दुआएं और प्रशंसाएं मेरे लिए निश्चित रूप से हौसला अफजाई वाली साबित हुई है I देश विदेश में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के इसी संगीत मय सफर में अभिषेक का नाम पूरे रुतबे के साथ सुना और लिया जाता रहा है I भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रमुख विशेषताओं में से एक पारंपरिक सार के बावजूद प्रसार भारती और दूरदर्शन के सबसे युवा राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता “ए” ग्रेड सरोद वादकों में से एक अभिषेक लाहिड़ी ने सरोद बजाने की अपनी अनूठी शैली बनाकर उन्होंने दुनिया भर में अनगिनत प्रशंसाएं पाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। उन्होंने अपने प्रख्यात पिता और गुरु पंडित आलोक लाहिड़ी से मुख्य रूप से मैहर घराने में गुरुकुल प्रणाली में अन्य घरानों के संगम के साथ गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
मुख्य हैरानी और विशेष बात यह है कि अभिषेक ने 11 वर्ष की कम उम्र में ही संगीत की दुनिया में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था I सरोद पर संगीत की लय बिखेरने वाले अभिषेक जी कहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला ब्रेक 1997 में मिला, जब उन्हें पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने “साथ साथ महोत्सव” में खेलने के लिए आमंत्रित किया और उसी वर्ष उन्होंने विदेश में नीदरलैंड में “वर्ल्ड किंडर फेस्टिवल” में अपना पहला प्रदर्शन भी दिया I वहां पर उन्हें ‘वंडर किड’ का नाम दिया गया। यह संगीत के प्रति एक असाधारण प्रतिभा की आजीवन प्रतिबद्धता की शुरुआत थी, जो बाद में पूरे भारत के अलावा यूरोप, यूके, यूएसए, कनाडा, श्रीलंका, जापान, सिंगापुर, पश्चिम अफ्रीका और बांग्लादेश में व्यापक संगीत कार्यक्रमों में परिणत हुई।
इस मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि अपने पिता पंडित आलोक लाहिड़ी के साथ उन्होंने फ्रांस में यूरोप संसद, कान विश्व संगीत महोत्सव और टोरंटो में कनाडा संस्कृति दिवस में पहले भारतीय के रूप में प्रदर्शन करने का गौरव भी प्राप्त किया। वर्ष 2017 में अभिषेक को आईसीसीआर, संस्कृति मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा भारत के सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप में मोरक्को और साइप्रस भेजा गया था। अभिषेक लाहिड़ी ने कई विश्व प्रसिद्ध स्थानों पर भी प्रदर्शन किया है जैसे दरबार फेस्टिवल-लंदन, थिएटर डे ला विले-पेरिस, म्यूसी गुइमेट-पेरिस, सेक्रेड म्यूजिक फेस्टिवल-स्ट्रासबर्ग, ट्रोपेन थिएटर-एम्स्टर्डम, बिमहुइस-एम्स्टर्डम, म्यूसिकपब्लिक-ब्रुसेल्स, आई ऑन इंडिया फेस्टिवल- शिकागो, आईसीएमसी- डलास (टेक्सास), न्यूयॉर्क में छंदयान ऑल नाइट कॉन्सर्ट, भारतीय दूतावास-टोक्यो, संगीताभिमान महोत्सव- कोलंबो, संगीत नाटक अकादमी, हरिवल्लभ संगीत समारोह-पंजाब, ग्वालियर में तानसेन समारोह, संकटमोचन समारोह-वाराणसी, रिम्पा फेस्टिवल नई दिल्ली डोवर लेन संगीत सम्मेलन और कई अन्य शामिल हैं।अभिषेक के संगीत एल्बम “स्पार्कलिंग सरोद” और “मूड ऑफ पुरिया कल्याण” को हमारे देश के दिग्गजों जैसे पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित शिवकुमार शर्मा, उस्ताद जाकिर हुसैन, उस्ताद राशिद खान और कई अन्य लोगों के साथ 2010 और 2014 में जीआईएमए (ग्लोबल इंडियन म्यूजिक अवार्ड्स) में नामांकन भी मिला। उनका कहना है कि यह सभी सम्मान पाकर मैं बहुत ही खुश हूं और मैं विदेश में अपना नाम भारत के लिए रोशन कर पाया हूं, यह मेरे लिए बहुत ही बड़े गर्व और सौभाग्य की बात है I

किस मुंह से चलाएंगे महेंद्र भट्ट बागियों पर अनुशासन का डंडा : गरिमा मेहरा दसौनी

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देहरादून, उत्तराखंड़ कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने बागीयों से नामांकन वापस लेने की बात कही है और नामांकन ना वापस लेने की सूरत में उन्हें पार्टी से निकाल बाहर करने की धमकी दी है। गरिमा ने कहा कि आखिर किस मुंह से महेंद्र भट्ट कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं ? दसौनी ने भट्ट पर सवाल दागते हुए कहा कि पार्टी का अनुशासन तब कहां गया था जब मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति होने का गंभीर आरोप लगा था ? यह अनुशासन तब कहां गया था जब सीबीआई जांच में उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला होने की पुष्टि हुई थी ?
यह अनुशासन की धमकी तब कहां थी जब रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल न सिर्फ भारत नेपाल बॉर्डर पर 40 जिंदा कारतूसों के संग पकड़े गए थे और तो और उद्यान घोटाले में पौध वितरण में भी उनका नाम आया था? और यह अनुशासन का डंडा लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत पर क्यों नहीं चला जिन्होंने सार्वजनिक सभा में अपने भाषण में पार्टी टिकट ना मिलने की स्थिति में कार्यकर्ताओं से निर्दलीय मैदान में कूदने का निर्देश दिया था, आरक्षण की अनंततिम सूची का विरोध करने वाले विकास नगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान के लिए यह अनुशासन का डंडा कहां चला गया था? भट्ट की यह धमकी मंत्री अरविंद पांडे के लिए क्यों नहीं चली? दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता इस बात को समझ चुका है कि पार्टी की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है।
अनुशासन और राजनीतिक सुचिता का खौफ सिर्फ गरीब और छोटे कार्यकर्ताओं को दिखाया जाता है रसूखदार मंत्री और विधायकों के लिए दूसरा कानून और कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी के अंदर दूसरे नियम हैं ,गरिमा ने कहा शायद यही कारण है कि भाजपा में कार्यकर्ता अब ना डरता है और ना ही घबराता है और खुलकर पार्टी के फैसलों का विरोध करता है क्योंकि जब बड़े नेताओं पर ही अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं हो रही है तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं पर क्यों ?
गरिमा ने चुटकी लेते हुए कहा की कहीं महेंद्र भट्ट अनुशासन का डंडा चलाने में ढीले इसलिए तो नहीं पड़ रहे हैं क्योंकि वह अध्यक्ष पद से हटने वाले हैं और बड़े नेताओं से अपने संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते ?

गांवों को संवारने के लिए आगे आएं प्रवासी उत्तराखंडी : सीएम

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-विदेशों में रह रहे प्रवासियों ने चिन्हित किए गांव

-कई प्रवासी अपने गोद लिए गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में कर रहे हैं काम

देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की पहल पर विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के लिए चलाए जा रहे, गांव को गोद लें (एडोप्ट ए विलेज) कार्यक्रम में रुचि दिखाते हुए, कई प्रवासियों ने अपने लिए गांव चिन्हित कर लिए हैं। साथ ही राज्य सरकार के सामने चिन्हित गांवों के लिए विकास का रोडमैप भी प्रस्तुत किया है।
‘गांव को गोद लें (एडोप्ट ए विलेज)’ कार्यक्रम का विचार, विगत 5 मार्च, को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विभिन्न देशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ हुए संवाद में निकल कर आया। जिसमें मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से राज्य में एक या एक से अधिक गाँवों को गोद लेने की अपील की। इसके बाद कई प्रवासियों ने गांव चिन्हित करते हुए, राज्य सरकार के सामने यहां किए जाने वाले कार्यां का रोडमैप प्रस्तुत किया है।
चीन निवासी देव रतूड़ी ने टिहरी जिले में सुनार गांव और कमैरा सौड़ गांव में सोलर लाइट लगाने, युवाओं को चीन की होटल इंडस्ट्री में रोजगार प्राप्त और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने की इच्छा जाहिर करते हुए, प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इसी तरह वर्तमान में अमेरिका में निवासरत उद्यमी शैलेश उप्रेती ने अल्मोड़ा जिले में स्थित मनान गांव में अपनी कंपनी का इंडिया कॉरपोरेट ऑफिस खोलने और एनर्जी स्टोरेज सेंटर खोलने की दिशा में काम प्रारंभ कर दिया है।
वर्तमान में यूएई में निवासरत टिहरी जिले के मूल निवासी विनोद जेठूड़ी ने उत्तरकाशी जिले के सीमांत ओसला गांव में स्किल ट्रेनिंग और पिथौरागढ़ निवासी गिरीश पंत ने बजेट और बरसायत गांवों में शिक्षा, कम्प्यूटर एजूकेशन के साथ ही स्थानीय उतपादों का बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की इच्छा जाहिर की है। पौड़ी जिले के निवासी डॉ एके काला, थाईलैंड में उद्यमी हैं, उन्होंने पौड़ी जिले के किसी एक गांव के मेधावी छात्रों की शिक्षा में मदद करने की इच्छा जाहिर है। जबकि वर्तमान में ब्रिटेन में निवारसत, नैनीताल जिले की नीरू अधिकारी ने नौकुचियाल के निकट एक्वा टोक में किवी उत्पादन, ध्यान योग केंद्र की स्थापना के साथ ही देहरादून जिले के सभावाला गांव कौशल विकास का प्रशिक्षण देने की योजना प्रस्तुत की है।

योजना का उद्देश्य :
प्रवासी उत्तराखंडियों की विशेषज्ञता, अनुभव और वित्तीय सहायता से गांव का सर्वागींण विकास करना है। यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है, प्रवासीजन अपने या किसी भी गांव का चयन इसके लिए कर सकते हैं। राज्य सरकार प्रवासियों के साथ चर्चा कर आपसी सहमति के आधार पर गांव के विकास के लिए आरम्भिक 2-3 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार करती है। इसके लिए प्रवासियों एवं स्थानीय प्रशासन के मध्य एमओयू भी सम्पादित किया जाने का प्रावधान है। प्रवासियों द्वारा चिन्हित गांव में शिक्षा, इंटरनेट कनैक्टिविटी, छात्रवृत्ति, उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने जैसे कार्य किए जा सकते हैं। निर्माण गतिविधियाँ केवल अपरिहार्य एवं आवश्यक परिस्थितियों में ही किए जाने का प्रावधान है। जिलाधिकारी चिन्हित गांव में चल रहे कार्यक्रमों की निगरानी करते हुए, इसे मॉडल गांव के तौर पर विकसित करेंगे।

“प्रवासी उत्तराखंडियों ने ‘गांव को गोद लें’, कार्यक्रम में रुचि दिखाते हुए, अपने प्रस्ताव सरकार के सामने प्रस्तुत किए हैं। चिन्हित गांवों के लिए प्रवासियों के सुझाव पर विस्तृत विकास योजना बनाई जा रही है। उक्त गांव, विकास के रोल मॉडल बनते हुए, दूसरे प्रवासियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेंगे।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री”

प्रदेश सरकार ने इस साल खरीदा 3100 मीट्रिक टन मंडुआ

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-किसानों से 4200 प्रति कुंतल के मूल्य पर मंडुआ खरीदा

-राज्य भर में 270 केंद्रों के जरिए हुई मंडुआ की खरीद

देहरादून, कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है।
उत्तराखंड़ के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की। वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई।

270 केद्रों के जरिए हुई खरीद:
सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया। सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए।

समर्थन मूल्य में 68 प्रतिशत का उछाल :
प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 2500 प्रति कुंतल था, जो 2024-25 में 4200 प्रति कुंतल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है। किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपर मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है।
उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है। इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।

ईपीएफओ ने केंद्रीकृत पेंशन प्रणाली की शुरू, 68 लाख सदस्यों को मिलेगा फायदा

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नई दिल्ली, श्रम मंत्रालय के अनुसार, ईपीएफओ ने देशभर में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट्स सिस्टम (सीपीपीएस) का रोलआउट पूरा कर लिया है, जिससे 68 लाख से अधिक पेंशन पाने वालों को लाभ मिलेगा।
मंत्रालय द्वारा हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट्स सिस्टम पुराने पेंशन वितरण सिस्टम से अलग एक विकेंद्रीकृत सिस्टम है। इस नए सिस्टम के तहत ईपीएफओ का प्रत्येक क्षेत्रीय/क्षेत्रीय कार्यलय केवल 3 से 4 बैंक के साथ अलग-अलग समझौतों को बनाए रखेगा। इस नए सिस्टम के साथ लाभार्थियों को सुविधा मिलेगी कि वे किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे। साथ ही पेंशन शुरू होने के समय वेरिफिकेशन के लिए लाभार्थी को बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी और राशि जारी होने के तुरंत बाद जमा कर दिया जाएगा।
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 से सीपीपीएस पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगा और पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए राहत भरा होगा, जो रिटायरमेंट के बाद अपने होमटाउन चले जाते हैं और वहीं, आगे का जीवन गुजर-बसर करते हैं।
सफल क्रियान्वयन की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, “ईपीएफओ के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में सीपीपीएस का पूर्ण पैमाने पर कार्यान्वयन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह परिवर्तनकारी पहल पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन को सहजता से प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।”
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “सीपीपीएस का पहला पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल अक्टूबर में करनाल, जम्मू और श्रीनगर क्षेत्रीय कार्यालयों में पूरा हो गया था, जिसमें 49,000 से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपये का पेंशन वितरित किया गया था।” दूसरा पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू किया गया, जहां 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 213 करोड़ रुपये पेंशन वितरित की गई। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2024 के लिए ईपीएफओ के सभी 122 पेंशन वितरण क्षेत्रीय कार्यालयों से जुड़े 68 लाख से अधिक पेंशन प्राप्तकर्ताओं को लगभग 1,570 करोड़ रुपये की पेंशन बांटी गई है।