Saturday, May 31, 2025
Home Blog Page 107

साल के पहले दिन नोटों की अटैची लेकर सचिवालय पहुंचे बॉबी पंवार

0

आम लोगों को सचिवालय में एंट्री नहीं दी जाती : बाबी पंवार

देहरादून, उत्तराखंड सचिवालय में अचानक बेरोजगार संघ के कार्यकर्ता बाबी पंवार के नेतृत्व में गेट पर पहुंचने पर सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय में प्रवेश नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि बॉबी पंवार नोटों की गड्डी से भरी अटैची लेकर सचिवालय पहुंचे थे।
बॉबी पवार ने सचिवालय के गेट पर नोटों से भरी अटैची निकाली तो हर कोई हैरान रह गया। नए साल के पहले दिन ही इस तरह अचानक बॉबी पंवार और उनके साथियों के पहुंचने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। दरअसल पिछले दिनों बॉबी पंवार पर सचिवालय में आकर एक सीनियर आईएएस अधिकारी के साथ मारपीट का आरोप लगा था। जिसके बाद से ही सचिवालय में प्रवेश को लेकर सख्ती की जा रही थी।
खास बात यह है कि बॉबी पंवार अपने साथ नोटों से भरी एक अटैची और दो बैग लेकर आए थे। उनका आरोप था कि सचिवालय में केवल ऐसे लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है, जो सचिवालय में अधिकारियों के फायदे की बात करते हैं। बॉबी पंवार ने सचिवालय के गेट पर पहुंचकर विरोध करते हुए प्रवेश दिए जाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सचिवालय में अधिकारियों पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप भी लगाए। वहीं सूचना मिलते ही तमाम सचिवालय के सुरक्षाकर्मी गेट पर पहुंच गए। इसके अलावा आसपास के पुलिस के जवान भी सचिवालय में बुलाए गए। हालांकि इसके बावजूद बेरोजगार संघ के युवाओं का विरोध जारी रहा।
बॉबी पंवार का कहना था कि इंतजार करेगेंं अगर प्रवेश नहीं मिला तो फिर सूटकेस लेकर अंदर जाने की अनुमति मांगी जाएगी। वहीं इस मामले में बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पास एंट्री जो यहां लागू की गयी है उसकी लम्बी प्रक्रिया है। जो कि ग्रामीण अंचलों व पहाड़ों से आने वाले लोगों पर भारी पड़ती है। इस प्रक्रिया को सही और आसान बनाना चाहिए।

38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल पहुँची पिथौरागढ़, सीओ ने किया स्वागत

0

पिथौरागढ़, राज्य में 28 जनवरी से प्रारंभ होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल विगत दिन बौक्सिंग के मेजबान जनपद, पिथौरागढ़ पहुँच गई। यह मशाल देश भर में राष्ट्रीय खेलों के प्रचार—प्रसार हेतु यात्रा कर रही है। जनपद पिथौरागढ़ में इस मशाल का स्वागत जनपद पिथौरागढ़ के सीओ परवेज अली ने किया। मशाल का स्वागत चौकी घाट पर किया गया।
सीओ परवेज अली ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय खेलों की मशाल का पिथौरागढ़ में आगमन जिले के लिए गर्व की बात है। उन्होंने खेलों के महत्व पर भी प्रकाश डाला और सभी नागरिकों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि खेल न केवल शारीरिक सशक्तता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता की भावना को भी जागृत करते हैं।

‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक को मिली सरकार की मंजूरी

0

-प्राथमिक शिक्षा में कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में होगी शामिल

देहरादून, प्रदेश की भावी पीढ़ी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत और महान विभूतियों की जीवनी से परिचित हो सके, इसके लिये राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के तहत सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में ट्टहमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तकों को शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इस पुस्तिका को कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में शैक्षिक सत्र 2025—26 से पढ़ाया जायेगा।
नई शिक्षा नीति—2020 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के स्कूलों में छात्र—छात्राएं अब अपनी समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, गौरवशाली इतिहास सहित प्रदेश की महान विभूतियों की जीवनी को पढ़ेंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिये राज्य शैक्षिक अनुसांधन एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार ट्टहमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तकों को पाठ्यक्रम शामिल करने की मंजूरी दे दी है। ये पुस्तकें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पढ़ाई जायेगी। विघालयी स्तर पर इन पुस्तकों का संचालन आगामी अकादमिक सत्र 2025—26 से किया जायेगा।
‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ सहायक पुस्तिकाओं से छात्र—छात्राएं प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य, सांस्कृतिक विविधता, प्रदेश का गौरवशाली इतिहास, पृथक राज्य आंदोलन, विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन, प्रदेश का सामाजिक व आर्थिक विकास सहित प्रदेश की महान विभितियों की जीवनी से परिचित होंगे। इन पुस्तिकाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने के बाद इसका परीक्षा मूल्यांकन होगा। जिसमें कक्षावार सामाजिक विज्ञान विषय की अर्द्धवार्षिक व वार्षिक लिखित परीक्षा में कुल 80 अंक में से अधिकतम 5 अंक निर्धारित किये गये हैं। जबकि मासिक परीक्षा में इन पुस्तकों से 10 में से अधिकतम 2 अंकों का मूल्यांकन किया जायेगा। सामाजिक विज्ञान हेतु पाठ्यक्रम में प्रोजेक्ट कार्य के लिये पूर्व से निर्धारित 10 अंक में से 3 अंक का मूल्यांकन हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक से किया जायेगा। इसके अलावा इन पुस्तकों के संचालन हेतु विघालयों की समय—सारिणी में प्रति सप्ताह न्यूनतम एक वादन निर्धारित किया जायेगा साथ ही पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रार्थना सभा, प्रतिभा दिवस एवं राष्ट्रीय व स्थानीय दिवसों पर चर्चा—परिचर्चा, वाद—विवाद, भाषण व नाट्य प्रस्तुतिकरण आदि आयोजित किये जायेंगे।
एससीईआरटी द्वारा तैयार इन पुस्तकों का माह जुलाई 2024 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विघालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा विमोचन किया जा चुका है।

उत्तराखंड में नये साल पर अलर्ट मोड़ पर रहेंगे सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एसओपी

0

– आपातकालीन सेवा में मरीज को 10 मिनट के अंदर मिलेगा ईलाज -डॉ आर राजेश कुमार
– लापरवाही होने पर संबधित मेडिकल कॉलेज के एमएस या प्राचार्य की जवाबदेही होगी-डॉ आर राजेश कुमार

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने नये साल के जश्न के दौरान सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड़ पर रहने के आदेश दिये हैं। स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने सभी राजकीय मेडिकल कालेजों और सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिये हैं कि आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन को और अधिक दुरस्त किया जाएं। आपातकालीन प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन (एसओपी) जारी की है। सभी अस्पतालों से इस गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिये गये हैं।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि नये साल और शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान सभी अस्पतालों को इमरजेंसी मैनेजमेंट की व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश में आपातकालीन प्रबंधन को लेकर राजकीय मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों की एक बैैठक हुई। इस बैठक में आपातकालीन प्रबंधन को लेकर मंथन हुआ। इस संबंध में राजकीय मेडिकल कालेज देहरादून सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ इमरजेंसी मैनेजमेंट को लेकर विचार विमर्श किया गया। आपातकालीन प्रबंधन के तहत ट्राईएज के तहत मरीजों की तेजी से जांच की जाती है। इसके अलावा क्लीनिक प्रोटोकॉल, डाक्युमेंटेशन और क्वालिटी एसोयरेंस को लेकर भी गाइडलाइन बनाई गयी हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि गंभीर मरीजों को 10 मिनट के अंदर ईलाज मिलना सुनिश्चित किया जायेगा। इस संबध में लापरवाही होने पर संबधित मेडिकल कॉलेज के एमएस या प्राचार्य की जवाबदेही होगी।

नगर पालिका समिति से नगर निगम हरिद्वार तक का सफर

0

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने विस्तार से की चर्चा

हरिद्वार  (कुलभूषण) नगर निगम हरिद्वार की शुरूवात 1866 में तत्कालीन नगर पालिका समिति की स्थापना काल से शुरू हुयी थी। इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कंाग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने विस्तार से जानकारी देते हुए भेटवार्ता में बताया कि 1866 से पूर्व तत्कालीन ब्रिटिश शासन में नगर की व्यवस्था हेतु ओननेरी मजिस्टेट नियुक्त कर की जाती थी।
सर्व प्रथम 1866 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा सरदार रामरखा को नगर पालिका समिति का प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया गया।उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद पी एन भल्ला नगर पालिका समिति के अध्यक्ष बने दोनो ही अध्यक्षो को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था।
इसके उपरान्त प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष हीराबल्लभ त्रिपाठी हुए जो लोकसभा सदस्य तत्कालीन व राज्य सभा सदस्य उ0प्र में  भी रहे। त्रिपाठीजी के बाद नगर पालिका की कमान हरिदत्त बहुगुणा ने संभाली उनके बाद सरदार आनन्द प्रकाश शर्मा ,फिर1971 मे  पारस कुमार जैन नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गये।इस पारस कुमार जैन के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सभी नगर पालिकाओ को भंग कर दिया।जिसके बाद 17 साल के उपरान्त 1989 में सम्पन्न हुए चुनावों में एक बार फिर पारस कुमार जैन नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुने गयेे।1992 से 1994 के बीच प्रदीप चौधरी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुने गये।इस दौरान निर्वाचित सभासदो द्वारा अध्यक्ष का चुनाव किया जाता था।यह सभी अध्यक्ष कांग्रेस विचारधारा व कांग्रेस पार्टी के थे।
जनता से सीधे अध्यक्ष के चुनाव पहली बार होने पर भाजपा के राजकुमार अरोडा नगर पालिका परिषद हरिद्वार के अध्यक्ष चुने गये।इसके उपरान्त कंाग्रेस के सतपाल ब्रहमचारी ने नगर पालिक हरिद्वार की कमान संभाली।इसके उपरान्त सम्पन्न हुए चुनावों में भाजपा के कमल जौरा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष बने।
2013 में नगर पालिका परिषद से नगर निगम बनने के बाद सम्पन्न हुए चुनावों में भाजपा के मनोज गर्ग नगर निगम हरिद्वार के पहले महापौर बने 2018 के चुनावों में कंाग्रेस की अनिता शर्मा ने इस सीट पर जीत दर्ज कर पहली महिला महापौर होने का गौरव हासिल किया।
प्रदीप चौधरी ने जानकारी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि तत्कालीन नगर पालिका समिति व नगर पालिका परिषद के पास नगर की सुचारू व्यवस्था बनाये जाने हेतु बिजली,पानी,स्वास्थ्य ,प्राथमिक शिक्षा,तथा नगर में होने वाले निर्माण कार्यो के मानचित्र पास करने का अधिकार तथा खादय पद्वार्थो के लाइसेन्स देने का अधिकार था।
बदलते समय के साथ साथ नगर निगम अर्न्तगत आने वाले विभिन्न विभागो का राज्य सरकार के अधीनस्त अधिग्रहण होने के चलते वर्तमान में नगर निगम के पास मात्र पथ प्रकाश व्यवस्था व सफाई व्यवस्था तक सीमित होकर रह गया है।उन्होने बताया कि पूर्व में तत्कालीन उ0प्र0 सरकार द्वार 1990 में नगर में आने वाले माल पर लगने वाली चुंगी प्रदेश सरकार द्वारा समाप्त कर दी गयी थीजिससे की एक बडी आय नगर पालिकाओ को होती थी। उन्होने बताया कि कांग्रेस शासित नगर पालिका व नगर निगम हरिद्वार बोर्ड मे जनहीत के विभिन्न निर्णय लिये गये।जिनके चलते नगर में विभिन्न जनहीत योजनाओ को मूर्तरूपदेने का कार्य किया गया।निवर्तमान नगर निगम बोर्ड में कंाग्रेस की महापौर द्वारा भी जनहीत को देखते हुए नगर निगम द्वारा मेडिकल कालेज व भूपतवाला क्षेत्र में चिकित्सालय व डिग्री कालेज हेतु भूमि निशुल्क उपलब्ध करायी गयी।इसके साथ ही विभिन्न योजनाओ के प्रारूप नगर हीत में बनाकर प्रदेश सरकार को भेजे परन्तु प्रदेश सरकार के उपेक्षित रूख के चलते वह सभी प्रस्ताव मूर्तरूप नही ले सके। ऐसे मे प्रदेश सरकार के सकरात्मक सहयोग नही मिलने के चलते भी निर्वतमान कांग्रेस की महापौर अनिता शर्मा ने नगर हीत में विकास के कई कार्य किये जिनका लाभ आने वाले समय में हरिद्वार की जनता व आने वाले तीर्थ श्रृद्वालुओ को मिलेगा

जनवरी 2025 में 15 दिन बंद बैंक रहेंगे, देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

0

नई दिल्ली  ।  नए साल की शुरुआत में बैंकिंग सेवाओं में बाधा आ सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (क्रक्चढ्ढ) के अनुसार, जनवरी 2025 में देश भर के बैंक कुल 15 दिनों के लिए बंद रहेंगे। ये बैंक बंद विभिन्न राज्यों और धर्मों के त्योहारों और राष्ट्रीय अवकाशों के कारण रहेंगे। उदाहरण के लिए, मकर संक्रांति, पोंगल, गुरु गोबिंद सिंह जयंती आदि जैसे त्योहारों के कारण बैंक बंद रहेंगे।
किन तारीखों को रहेंगे बैंक बंद?
1, 2, 5 और 6 जनवरी
1 जनवरी को नया साल है इसलिए कुछ राज्यों में बैंकों की छुट्टी रहेगी। जबकि, 2 जनवरी को नया साल और मन्नम जयंती के कारण बैंक बंद रहेंगे।
5 जनवरी को रविवार है जिसके कारण पूरे देश भर में बैंक बंद रहेंगे। वहीं, 6 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती के मौके पर हरियाणा और पंजाब में बैंक बंद रहेंगे।
11, 12, 14 और 15 जनवरी
11 जनवरी को महीने का दूसरा शनिवार होने की वजह से देश के सभी बैंकों में अवकाश रहेगा। दूसरी तरफ 12 जनवरी को रविवार की वजह से और स्वामी विवेकानंद जयंती होने की वजह से बैंकों में अवकाश रहेगा।
14 जनवरी को मकर संक्रांति और पोंगल के कारण कुछ राज्यों के बैंक बंद रहेंगे। वहीं, 15 जनवरी को तिरुवल्लुवर दिवस, माघ बिहू की वजह से असम में और मकर संक्रांति के चलते भी बैंक की छुट्टी रहेगी।
16, 19, 22 और 23 जनवरी
16 जनवरी को कनुमा पंडुगु के कारण अरुणाचल प्रदेश के बैंक में छुट्टी होगी और 19 जनवरी को रविवार की वजह से बैंकों में अवकाश रहेगा।
22 जनवरी को इमोइन के कारण और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर बैंकों की छुट्टी रहेगी।
25, 26 और 30 जनवरी
25 जनवरी को महीने के चौथे शनिवार के कारण बैंकों में काम नहीं होगा। जबकि, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण बैंक बंद रहें।
30 जनवरी को सोनम लोसर होने की वजह से सिक्किम में बैंकों की छुट्टी रहेगी।
क्या करें अगर बैंक बंद हैं?
आज के डिजिटल युग में बैंकिंग सेवाएँ अधिक सुलभ और सुविधाजनक हो गई हैं। अधिकांश बैंकिंग कार्य आप ऑनलाइन कर सकते हैं, जहाँ नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप के माध्यम से आप आसानी से पैसे ट्रांसफर, बिल पेमेंट आदि कर सकते हैं। इसके अलावा, नकदी निकालने के लिए आप एटीएम का उपयोग कर सकते हैं, जो किसी भी समय उपलब्ध होता है। यदि आपको किसी जरूरी काम के लिए बैंक शाखा में जाना हो, तो आप शाखा के खुलने के समय का पता लगा सकते हैं और उसी समय पर जाकर अपने कार्य पूरे कर सकते हैं। इस प्रकार, ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम सुविधाएँ और शाखा समय की जानकारी मिलकर बैंकिंग को सरल और सुविधाजनक बनाते हैं।

ट्रेन में अपने साथ ले जा सकते हैं कितना सामान? जान लें पूरी जानकारी, नहीं तो पड़ जाएगा पछताना

0

नई दिल्‍ली। भारतीय रेलवे हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। यात्री अक्सर अपने सफर के दौरान भारी-भरकम सामान भी साथ लेकर चलते हैं। हालांकि, रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामान ले जाने की सीमा तय कर रखी है। अगर कोई यात्री इस तय सीमा को पार करता है, तो उसे जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।
कोच के अनुसार सामान ले जाने की सीमा
रेलवे नियमों के अनुसार, अलग-अलग कोच में सामान ले जाने की फ्री लिमिट निर्धारित की गई है।
– एसी फर्स्ट क्लास: यात्री 70 किलो तक का सामान मुफ्त ले जा सकते हैं।
– एसी 2 टियर: इस कोच में 50 किलो तक का सामान फ्री है।
– एसी 3 टियर/चेयर कार: यात्री 40 किलो तक का सामान अपने साथ रख सकते हैं।
– स्लीपर क्लास: इसमें भी 40 किलो तक का सामान फ्री में ले जाया जा सकता है।
– सेकंड क्लास: यहां यह सीमा 35 किलो तक है।
यदि कोई यात्री इस सीमा से अधिक सामान ले जाना चाहता है, तो उसे रेलवे के ब्रेक वैन में सामान बुक कराना अनिवार्य है।
बैग और सूटकेस के लिए नियम
रेलवे ने बैग और सूटकेस के आकार को भी सीमित किया है। यात्री केवल 100 सेमी x 60 सेमी x 25 सेमी तक के ट्रंक, सूटकेस या बक्से ले जा सकते हैं। इससे बड़े आकार के सामान को यात्री डिब्बों में ले जाने की अनुमति नहीं है और उन्हें ब्रेक वैन में बुक कराना जरूरी है। विशेष रूप से, एसी 3 टियर और चेयर कार में सामान का आकार 55 सेमी x 45 सेमी x 22.5 सेमी तक ही होना चाहिए।
ये हैं प्रतिबंधित वस्तुएं
रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें कैमिकल, पटाखे, गैस सिलेंडर, तेजाब, ग्रीस, चमड़ा और अन्य खतरनाक सामान शामिल हैं। यदि कोई यात्री इन वस्तुओं के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
यात्रियों के लिए क्या है सुझाव
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों से अपील करता है कि वे यात्रा के दौरान सामान से जुड़े नियमों का पालन करें। तय सीमा के भीतर सामान रखें और बड़े सामान को समय रहते बुक कराएं। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाता है बल्कि अन्य यात्रियों के लिए भी सुविधा सुनिश्चित करता है। रेलवे अपने नियमों और सेवाओं को लगातार सुधार रहा है। वंदे भारत समेत नई ट्रेनों के जुड़ने से यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक सफर का अनुभव हो रहा है। ऐसे में नियमों का पालन कर हम सभी रेलवे की सेवाओं को और बेहतर बना सकते हैं।

निकाय चुनाव के लिए 5888 कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण

0

देहरादून(आरएनएस)।   नगर निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को चुनाव कार्मिकों का पहला प्रशिक्षण दिया गया। ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में जिले की दो नगर निगम, चार नगर पालिका और एक नगर पंचायत के 1071 बूथों के रिजर्व कर्मचारियों समेत 5888 कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण में जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सविन बसंल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्वाचन के लिए नियुक्त कार्मिकों की सूचना संबंधित विभाग को तत्काल प्राप्त करवाई जाए, ताकि कार्मिकों का समय पर निर्वाचन ड्यूटी के लिए विभाग से कार्यमुक्त किया जा सके। पहले दिन नगर निगम के 845 बूथ के लिए 1135 मतदान दलों के 4540 कार्मिक, नगर निगम ऋषिकेश के 86 बूथ के 118 मतदान दलों के 472 कार्मिक, नगर पालिका परिषद डोईवाला के 59 बूथ के 89 मतदान दलों के 356 कार्मिक, नगर पालिका मसूरी के 30 बूथ के 48 मतदान दलों के 192 कार्मिक, नगर पालिका विकासनगर के 22 बूथ के 35 मतदान दलों के 140 कार्मिक, नगर पालिका परिषद हरर्बटपुर के 14 बूथ के 23 मतदान दलों के 92 और नगर पंचायत सेलाकुई के 15 बूथ के 24 मतदान दलों के 96 कार्मिक को प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रंजीत सिंह चौहान, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल आदि मौजूद रहे।

डीएम का साकार होता अभिनव प्रयास : भिक्षावृत्ति से संलिप्त बच्चे ने थामा पुस्तक कलाम

0

-डीएम का भिक्षावृत्ति उन्मूलन माइक्रो प्लांन से बच्चे शिक्षण में रुचि दिखाकर, भर जीवन का उड़ान।

-आधुनिक इनोसेटिव केयर शेल्टर में विशेष विशेषज्ञ बच्चे को खेल-खेल में सीखा रहे हैं आक्षर ज्ञान।
-आधुनिक इनोसेटिव केयर शेल्टर बच्चों की खेल सामग्री, फर्नीचर आदि उपकरण से हो रही हैं विकसित।
-देहरादून में अब भिक्षावृति से संलिप्त बच्चों के सपनों को लगने लगे हैं पंख, हाथों से गई कटोरा, आई पुस्तक।
-इनोसेटिव केयर शेल्टर में बच्चे क्रिया-कलाप, शिक्षा, मनोरंजन की शिक्षण में दिखा रहे है दिलचस्पी ।

देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल का अभिनव पहल, बच्चों की सपनों को साकार करने में जुटी है, साधुराम इंटर कॉलेज आधुनिक इनोसेंटिव केयर सेंटर में आए दिन यहां बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सर्वांगीण विकास हेतु उपकरण सामग्री आदि से विकसित हो रहे हैं। बच्चों की रुचि बड़ा रही हैं सर्वांगीण विकास की उड़ान।
साधुराम इन्टर कालेज में बनाए गए आधुनिक इनोसेटिव केयर शेल्टर में बच्चे खेल-खेल में आखर ज्ञान सीख रहें, तथा अच्छी बात यह है कि अब बच्चें अन्य बच्चों की भांति खेल गतिविधि एवं चित्रकला के साथ ही पठन-पाठन में दिलचस्पी दिखाने लगे है।
जिलाधिकारी सविन बंसल का अभिनव प्रयास अब रंग लाते दिख रहें। जहां डीएम ने सड़क पर घूमते बच्चों के लिए आधुनिक इनोसेटिव सेल्टर बनावाकर भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को पढाई एवं खेल गतिविधि से जोड़ने हेतु माइक्रो प्लान के तहत बच्चों को मुख्यधारा में लाने का प्रसास किया जा रहा है तथा यह प्रयोग अब सफल भी होता दिख रहा है। बच्चें मनोरंजन एवं ख्ेाल गतिविधि के साथ ही पठन-पाठन के साथ ही विभिन्न स्कूली एक्टीविटी में रूचि लेने लगे हैं।

“कारा एक प्रथा ” फिल्म उत्तराखंड के गढ़वाली व रीजनल सिनेमा में एक मील का पत्थर है : अभिनव थापर

0

देहरादून, श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 के अध्यक्ष व कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने माँ शक्ति प्रोडक्शन द्वारा उत्तराखंड की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़े मॉल , मॉल ऑफ देहरादून में एक बेहतरीन उत्त्तराखंडी फिल्म ” कारा एक प्रथा ” का एक स्पेशल प्रीमियर शो गढ़वाली फिल्मों और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिये आयोजित किया गया ।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून (पंजी.) के अध्यक्ष व कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि पुरानी टिहरी के सुनील बडोनी द्वारा ” गढ़वाली फ़िल्म ” को इतने शानदार स्तर से बनाना व प्रचार प्रसार होना, हम सबके लिये गर्व की बात है। यह फ़िल्म उत्तराखंड सिनेमा का एक मील का पत्थर है इसीलिए हमारी रामलीला समिति ने गढ़वाली संस्कृति को प्रचिलित करने व ” उत्तराखंड के रीजनल सिनेमा – गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा ” को प्रोत्साहन हेतु ” स्पेशल प्रीमियर शो ” का आयोजन करवाया है । ऐसे गढ़वाली सिनेमा से हमारी गढ़वाली भाषा व गढ़वाल की संस्कृति मजबूत होगी ।
फ़िल्म निर्माता सुनील बडोनी ने कहा कि यह फिल्म 2005 में उत्तराखण्ड की सत्य घटना पर आधारित है। हमने इस कारा प्रथा के बारे में रिसर्च किया और इसको बॉलीवुड की तकनीक से प्रस्तुत करने की कोशिश की, जिसको दर्शकों ने अपार स्नेत दिया। अब हम यह फ़िल्म ऋषिकेश, टिहरी और हरिद्वार में रिलीज करेंगे।
सुनील बडोनी गढ़वाली फिल्मों के जाने माने नायक व पहले चुनींदा सुपरस्टार में से एक हैं और उन्होंने कई प्रसिद्ध गढ़वाली फिल्मों जैसे बेटी ब्वारी, मेरु गढ़वाल, बाटा की ब्योली, औलाद आदि फिल्मों में काम व निर्माण किया है। सुनील बडोनी व उनकी धर्मपत्नी परिणीता बडोनी की प्रोडक्शन हाउस – माँ शक्ति पिक्चर्स द्वारा ” कारा एक प्रथा ” का निर्माण किया गया है।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 के अध्यक्ष व कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर व मां शक्ति प्रोडक्शन द्वारा आयोजित ” स्पेशल प्रीमियर शो ” में अध्यक्ष अभिनव थापर, सुनील बडोनी, दिनेश बौड़ाई , मग्नानन्द नौटियाल, गिरीश पैन्यूली, दुर्गा भट्ट, अनिल, नरेश कुमार, सरिता जुयाल, निवेदिता जोशी आदि ने भाग लिया।