Sunday, September 29, 2024
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राज्य में 3900 क्लस्टर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा

– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं प्रदेश के 8.88 लाख किसान
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार, खेती किसानी की तरक्की के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दे रहा है। सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान:  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
एससी – एसटी बहुल गांवों के लिए विशेष योजना:    सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है, जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

 

यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव 2024-25 कार्यक्रम का आयोजन

“उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से शिक्षकों को किया गया सम्मानित”

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देहरादून, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 28 सितम्बर 2024 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन देहरादून स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये नवाचार, सजृनात्मकता, प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा आदि को केन्द्रित करते हुये ग्रास रूट लेवल पर विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां पूरे प्रदेश में लगातार विभिन्न शिक्षण एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर सम्पादित की जा रही हैं। साथ ही यूसर्क द्वारा राज्य के विभिन्न विद्यालयों में 200 विज्ञान चेतना केन्द्र, 82 स्टैम लैब स्थापित की गई है।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, तथा कौशल व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के चयनित 09 शिक्षकों को चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2024-25 से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचार धारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने अपने उदबोधन में यूसर्क द्वारा आयोजित चतुर्थ ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कानक्लेव’में ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ हेतु चयन किये गये शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षकगणों द्वारा किये जा रहे नवाचारी शिक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से प्रदेश को अग्रणी बनाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। श्री अग्रवाल ने यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों से उत्तराखण्ड देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड सुश्री झरना कमठान, (आई.ए.एस.) ने अपने उदबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने यूसर्क द्वारा विगत तीन वर्षों से किये जा रहे ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि यूसर्क का यह शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमको अपने प्रयासों से राज्य के अन्तिम छोर तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है तथा राज्य को आगे ले जाना है।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शिक्षाविद् डा0 शालिनी जोशी ने कहा कि हमको तकनीकी के सकारात्मक प्रयोग की तरफ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है। तकनीकी सत्र में शिवालिक कॉलेज, देहरादून की शिक्षाविद् श्रीमती नविता सिन्हा, ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के विद्यार्थियों के लिये आधुनिक शिक्षा के साथ ही परम्परागत शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा यूसर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक एलीमेन्ट्री स्पेक्ट्रोस्कोपिक टैक्निक्स का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा किये जा रहे विशिष्ट कार्यों एवं प्रकाशित पुस्तकों, एम0आई0ई0टी0 हल्द्वानी तथा सी0आई0एम0एस0 संस्थान देहरादून में यूसर्क द्वारा स्थापित उद्यमिता विकास केन्द्र तथा हार्क संस्थान व यूसर्क के सहयोग से किये जा रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रमों की प्रदर्शनी को अतिथियों द्वारा सराहा गया।

कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा निम्न शिक्षकों को तीन श्रेणियों में चतुर्थ विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया l

नवाचार :
1) डा0 श्वेता मजगॉई, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0, विजयपुर ब्लॉक- कोटाबाग, नैनीताल

प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा :
1) श्रीमती रश्मि उनियाल, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 ग्रास्टनगंज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल
2) श्री राजमोहन सिंह रावत, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 पिपाया, कालसी, देहरादून
3) श्री गम्भीर पाल सिंह, स0अ0, रा0इ0का0 रौंतल, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी
4) श्री राजेन्द्र कुमार गढ़कोटी, प्रवक्ता, रा0इ0का0 बापरू, चम्पावत

पर्यावरण संरक्षण :
1) श्री सतेन्द्र सिंह भंडारी स0अ0, रा0प्रा0वि0 कोटतल्ला, रूद्रप्रयाग
2) श्री दिनेश चन्द्र कुकरेती, स0अ0, पी0एम0 श्री रा0इ0का0, द्वारी (पैना), रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल
3) श्री रमेश चन्द्र सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0 ढिकुली, नैनीताल

4) श्री मोहन चन्द्र, प्रधानाध्यापक, रा0प्रा0वि0 डुमलोट, कौसानी, बागेश्वर
कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 जे0एम0एस0 राणा, प्रो0 गुलशन कुमार ढ़िगरा, आर0जे0 काव्या, डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न 12 शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 350 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

 

13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट : द हैरिटेज स्कूल, कॉन्सटेसिया और सेंट जूड्स स्कूल अगले दौर में पहुँचे

देहरादून (केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में 13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल अंतर विद्यालय सुपर ऐट क्रिकेट टूर्नामेन्ट के दूसरे दिन का पहला मैच कॉन्सटेंसिया स्कूल और कारमन स्कूल, डालनवाला के बीच खेला गया। मैच में कारमन स्कूल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते लिया। पहली पारी में कारमन स्कूल ने 32 रन बनायें। मैच में कॉन्सटेंसिया ने 14 रन का निर्णय बनाये और दूसरी पारी में कॉन्सटेंसिया स्कूल ने 34 रन बनाये।
मैच में कारमन स्कूल डालनवाला ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन विकेट से मैच जीत लिया। इस अवसर प्रतियोगिता के अंतर्गत आज का दूसरा मैच द हैरिटेज स्कूल और राजा राममोहन राय अकादमी के बीच खेला गया। मैच में राजा राम मोहन रॉय ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निश्चय किया।
मैच की पहली पारी में द हैरिटेज स्कूल ने 45 रन बनाये और राजा राम मोहन राय ने हा रन बनायो दूसरी पारी में राजा राममोहन रॉय ने 16 रन बनाये। मैच को द हैरिटेज स्कूल ने 68 रन से मैच जीता। आज का तीसरा मैच कर्नल ब्राउन स्कूल और सेंट जूड्स स्कूल के बीच खेला गया और सेंट जूड्स स्कूल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। अपनी पहली पारी में सेंट जूड्स स्कूल ने 52 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 35 रन बनाए।
मैच की दूसरी पारी में खेलते हुए सेंट जूड्स स्कूल ने 39 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 31 रन बनाए । मैच में सेंट जूड्स स्कूल ने 24 रन से मैच जीत लिया। इस अवसर पर अनेक खेल प्रेमी शामिल रहे।

 

विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 से नवाजे गये कथाकार पंकज बिष्ट

देहरादून, विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 इस बार हिंदी के वरिष्ठ कथाकार व उपन्यासकार पंकज बिष्ट को प्रदान किया गया है। सेव हिमालय मूवमेंट एवं संवेदना द्वारा रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान उन्हें वरिष्ठ कवि व पत्रकार इब्बार रबी एवं वरिष्ठ कथाकार गुरदीप खुराना के द्वारा प्रदान किया गया है। सम्मान में उन्हें सम्मान पत्र अंग वस्त्र स्मृतिचिन्ह के साथ 31 हजार रुपये भी दिए गए हैं।
यह पुरस्कार साहित्यकार विद्यासागर नौटियाल की कथा संवदेना, सामाजिक संघर्ष, संस्कृति की चेतना का विस्तार है अतः सम्मान के लिये ऐसे ही विचारक, कथाकार का चयन किया जाता है जो वर्तमान में अपनी लेखन में विद्यासागर के विचारों को अपने शब्दों में चरितार्थ करता हो । पंकज बिष्ट के सम्पूर्ण साहित्य लेखन जिसमें प्रमुख रूप से उपन्यास “उस चिड़िया का नाम” पर आम सहमति बनी। विद्यासागर सम्मान 2021 में सुभाष पंत को 2022 में स्व. शेखर जोशी और 2023 को डॉ. शोभा राम शर्मा को दिया गया था, इस वर्ष 2024 में चयन की प्रक्रिया में बदलाव लाते हुए साहित्यकारों द्वारा दो-दो दूसरे साहित्यकारों के नामांकन के आधार पर सम्मान के लिये नामो का चयन किया गया।
इस बार चयन समिति में वरिष्ठ कथाकार सुभाष पन्त, हम्माद फारुकी, धीरेन्द्र नाथ तिवारी, जितेंद्र भारती व राजेश पाल शामिल थे।
कार्यक्रम में सेव हिमालय मूवमेंट के सचिव डा० अरविंद दरमोडा ने उपन्यासकार पंकज बिष्ट का सम्मान पत्र पढ़ा है। सेव हिमालय मूवमेंट के अध्यक्ष समीर रतूड़ी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया है और पूनम कैंतूरा ने सभी सम्मानित अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया है।
कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार विजय गौड़ ने किया है। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा, साहित्यकार गुरदीप खुराना, डा. हम्माद फारूखी, डा. संजीव सिंह नेगी ने विचार व्यक्त किया है। कार्यक्रम में पंचशील नौटियाल, अंतरिक्षा नौटियाल, राजेश सकलानी, साहित्यकार बीना बेंजवाल, जितेन ठाकुर, डा० राजेश पाल, जितेन्द्र भारती, मदन मोहन डुकलान, रमाकांत बेंजवाल, पूनम कैंतुरा, कुसुम बहुगुणा, द्वारिका सेमवाल, प्रेम पंचोली, अनिता जोशी, राजेन्द्र गुप्ता, अंबर जोशी, वरिष्ठ आईएएस वयोवृद्ध चंद्रसिंह आदि सैकड़ों साहित्यकार उपस्थित रहे है।

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