Friday, November 15, 2024
HomeStatesUttarakhandपर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये बनाग्नि की घटनाओं पर अंकुश लगाने...

पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये बनाग्नि की घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास किये जाय-जिलाधिकारी

रुद्रप्रयाग- वन संपदा को वनाग्नि से बचाने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में संबंधित अधिकारियों के साथ वनाग्नि समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा वन संपदा को वन अग्नि से बचाने के लिए इसमें सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसके लिए सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आम जनमानस को जागरुक करें ताकि वनाग्नि की घटना पर अंकुश लगाया जा सके इसके लिए उन्होंने सभी सहभागिता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं पर पैनी नजर रखें यदि किसी व्यक्ति द्वारा वनों में आग लगाई जाती है तो उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम के लिए ग्राम स्तर पर जन प्रतिनिधियों सहित गांव में महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दलों का भी वनों में आग की रोकथाम के लिए इनका भी सहयोग लेते हुए शरारती तत्वों एवं आग लगाने वाले व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने सड़क से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सड़क डामरीकरण के समय वनों में किसी तरह से आग न लगे इस पर विशेष ध्यान रखा जाए तथा सड़क किनारे झाडियों का भी कटान सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि वनों को आग से बचाने के लिए पटवारी चौकियों में यदि कोई क्रू स्टेशन बनाया जा सकता है तो इसके लिए उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी से ऐसी चौकियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि उन चौकियों को क्रू स्टेशन बनाए जाने हेतु मरम्मत कराई जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन क्षेत्रों में वनाग्नि की घटना अधिक घटित होती तथा जो संवेदनशील क्षेत्र हैं उनकी सूची भी उपलब्ध कराई जाए ताकि ऐेसे क्षेत्रों के लिए विशेष निगरानी रखने के लिए पर्याप्त कार्मिकों की तैनाती कराई जा सके।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने अवगत कराया कि जनपद के अंतर्गत दो क्षेत्रीय वन प्रभाग हैं जिसमें आरक्षित/संरक्षित वन क्षेत्र 66 प्रतिशत हेक्टे, सिविल में 16 प्रतिशत हेक्टे तथा पंचायती में 9 प्रतिशत हेक्टे. में है जिसमें 26 प्रतिशत वन क्षेत्र में चीड़ तथा 37 प्रतिशत वन क्षेत्र में बांज की पैदावार है। उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी विभागों की सहयोग की अपेक्षा की गई है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, उप जिलाधिकारी जखोली परमानंद राम, रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, अधि. अभि. एनएच निर्भय सिंह, अधि. अभि. लोनिवि ऊखीमठ मनोज भट्ट, पीएमजीएसवाई कमल सिंह सजवाण, सिंचाई पीएस बिष्ट, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments