Saturday, April 20, 2024
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ONGC का मुनाफा 7 गुना बढ़ा, शुद्ध लाभ 8,764 करोड़ रुपये रहा

नई दिल्ली, देश की नवरत्न कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। ओएनजीसी का मुनाफा लगभग सात गुना बढ़ गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 में उसका शुद्ध लाभ 8,764 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 1,258 करोड़ रुपये के मुकाबले 596.7 प्रतिशत अधिक है। ओएनजीसी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल के लिए 75.73 अमेरिकी डॉलर मिले, जबकि 2020-21 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 43.20 डॉलर प्रति बैरल था।
इस तरह अक्टूबर-दिसंबर 2021 में गैस की कीमत बढ़कर 2.90 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो गई, जबकि एक साल पहले यह कीमत 1.79 डॉलर थी। कीमतों में यह उछाल उत्पादन में गिरावट की भरपाई से कहीं अधिक है। समीक्षाधीन अवधि में तेल उत्पादन 3.2 प्रतिशत गिरकर 54.5 लाख टन रहा, जबकि गैस उत्पादन 4.2 प्रतिशत कम होकर 5.5 अरब घन मीटर रहा।

ओएनजीसी ने कहा कि चालू वर्ष के दौरान मुख्य रूप से चक्रवात और कोविड महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों के चलते कच्चे तेल और गैस के उत्पादन में गिरावट आई। ओएनजीसी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान शुद्ध लाभ बढ़कर 31,446 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल-दिसंबर 2020 में 4,512 करोड़ रुपये था। इस अवधि में आय 61.5 प्रतिशत बढ़कर 75,849 करोड़ रुपये हो गई, साल दर साल आधार पर देखें तो ओएनजीसी ने अपने निवेशकों को 72.94 फीसदी का रिटर्न दिया है। रकम के हिसाब से 70.75 रुपए प्रति शेयर बढ़ोतरी हुई है।

फिलहाल, ओएनजीसी का मार्केट कैपिटल 2,11,663.20 करोड़ रुपए है। ओएनजीसी का ऑल टाइम हाई 174.80 रुपए है। इसी साल 31 जनवरी को ये भाव 174.80 रुपए है।

 

केंद्र सरकार के सभी पीएसयू (के डाइरेक्टर और सीमएडी का सेलेक्शन पब्लिक इंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड करता है। लेकिन ओएनजीसी के नए सीएमडी को खोजने में यह भी विफल रहा है। ऐसे में अब सरकार ओएनजीसी के नए मुखिया की तलाश एक समिति के जरिये करेगी। पीईएसबी करीब आठ माह पहले ही देश की सबसे बड़ी पीएसयू की अगुवाई करने के लिए उपुयक्त उम्मीदवार का चयन करने में विफल रहा था।

नए मुखिया की तलाश एक समिति के जरिये

केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में ज्यादातर निदेशक मंडल स्तर के पदों पर नियुक्ति पीईएसबी की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। लेकिन पीईएसबी ने पिछले साल जून में नौ उम्मीदवारों में से एक को भी ओएनजीसी की अगुवाई करने के उपयुक्त नहीं पाया था। इन नौ उम्मीदवारों में से दो कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। पीईएसबी ने पांच जून, 2021 को इन उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद जारी नोटिस के जरिये यह जानकारी दी थी।
अब करीब आठ माह बाद ओएनजीसी के प्रमुख पद के चयन के लिए चार फरवरी को एक समिति का गठन किया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश एक सर्च कम सेलेक्शन कमेटी के जरिए करने को मंजूरी दे दी है।’’ इस कमेटी में पीईएसबी के चेयरपर्सन, पेट्रोलियम सचिव और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के पूर्व चेयरमैन बी. अशोक शामिल होंगे। अशोक समिति में बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल रहेंगे।

एसीसी ने इस पद के लिए सशस्त्र बलों और अखिल भारतीय सेवाओं सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के नामों पर विचार करने को भी मंजूरी दी है। आमतौर पर पीईएसबी बोर्ड स्तर का कोई पद रिक्त होने से तीन महीने पहले संबंधित पद के लिए एक नाम की सिफारिश करता है। हालांकि, ओएनजीसी के मामले में पीईएसबी ने 31 मार्च, 2021 को शशि शंकर की सेवानिवृत्ति के बाद उम्मीदवारों की तलाश के लिए विज्ञापन निकाला था और साक्षात्कार लिया था।

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