‘सेना के वाहन से दोनों शहीदों को सड़क मार्ग द्वारा उनके गांव ले जाया गया’
देहरादून (डोईवाला), जम्मू के राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में देश के दो जवान शहीद हो गये आज शहीद जवानों के पार्थिव शव जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गय। शहीद जवानों में हिमाचल के प्रमोद नेगी और उत्तराखंड़ के रुचिन रावत हैी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी। शहीद हुये रुचीन रावत चमोली के गैरसैंण निवासी हैं वे जम्मू कश्मीर में 9 पेरा कमांडो में तैनात थे। एयर पोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के बाद सेना के वाहन से दोनों शहीदों को सड़क मार्ग द्वारा उनके गांव ले जाया गया।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुए मुठभेड़ शहीद हुए उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण ब्लॉक के कुनीगाड़ मल्ली गांव के निवासी थे, उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही कुनीगाड़ सहित पूरे गैरसैंण क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है। रुचिन के माता-पिता और दादा-दादी को अभी उनके शहीद होने की खबर नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि रुचिन के भाई को इसकी सूचना दे दी है वही परिजनों को बताएगा। शहीद 30 वर्षीय रुचिन रावत 2009-10 में सेना में भर्ती हुए थे। रुचिन के चाचा सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शहीद की पत्नी और बेटा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ही रहते हैं। उसकी पत्नी ने ही गैरसैंण में अपने माता-पिता को पति के शहीद होने की सूचना दी।
रुचिन अपने पीछे दादा-दादी, माता-पिता, पत्नी और एक चार साल के बेटे को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। रुचिन की पत्नी और बेटा उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ही रहते हैं। रावत ने बताया कि रुचिन काफी हंसमुख स्वभाव का था। वे जब छुट्टी में गांव आते थे तो सामाजिक कार्यों में खूब बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
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