देहरादून, प्रदेश में प्रचंड गर्मी के साथ वनाग्नि की घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है। बीते 24 घंटे में वनाग्नि की 78 घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस वनाग्निकाल में एक दिन में दर्ज सर्वाधिक घटनाएं हैं। प्रदेश में वनाग्नि का आंकड़ा 647 पर पहुंच गया है। बीते कुछ दिनों से रोज तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है। साथ ही प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। बीते छह दिनों में वनाग्नि की 171 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि बीते 24 घंटे में गढ़वाल में 34, कुमाऊं में 41 और संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों में तीन जगह आग लगी है।
वनाग्नि की घटनाओं में 98 हेक्टेयर वन क्षेत्रफल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही दो लाख 30 हजार रुपये के आर्थिक नुकसान का आकलन किया गया। एक नवंबर 2022 से शुरू हुए वनाग्निकाल में अब तक 647 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें कुल 769 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा, जबकि करीब 19 लाख 59 हजार रुपये की आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है। प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने चिंता जताते हुए कहा कि इन दिनों पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल अंचल के भ्रमण पर हैं। रास्ते में जगह-जगह जंगल जलते हुए दिखाई दिए हैं। कहा, वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं से जहां एक तरफ प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा, वहीं जल स्रोत सूखने से जल संकट भी पैदा हो रहा है। उन्होंने सरकार से जरूरी कदम उठाने के लिए चेताया है।
ऋषिकेश आईएसबीटी परिसर में खड़ीं दो कबाड़ बसाें पर लगी आग, चारों तरफ मची अफरा- तफरी
ऋषिकेश, आईएसबीटी परिसर में खड़ीं दो कबाड़ बसाें की बाॅडी में सोमवार को आग लग गई। इस दौरान वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। गनीमत रहीं कि आग परिसर में खड़ीं अन्य बसों तक नहीं पहुंची और आग लगते ही वहां खड़े अन्य वाहनों को तुरंत हटा लिया गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। फायर ब्रिगेड ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक दोनों बसों की बॉडी पूरी तरह जल कर राख हो गई थी।
घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है। जानकारी के मुताबिक आरएसबीटी परिसर में पानी की टंकी के पास एक मिस्त्री बिना चेसिस की एक कबाड़ बस की बॉडी पर वेल्डिंग कर रहा था। इसी दौरान चिंगारी से बस की सीट ने आग पकड़ ली। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुरुआत में हल्की आग लगी थी, जिसे मिस्त्री ने खुद ही बुझा दिया था और फिर खाना खाने चला गा था। इसी बीच तेज हवा चलने पर दोबारा आग भड़क गई और बस से बड़ी-बड़ी लपटें उठने लगीं। आग बुझाने के लिए आसपास के दुकानदार और अन्य लोग पानी से भरी बाल्टी लेकर वहां पहुंचे, लेकिन तब तक आग बेकाबू हो चुकी थी। देखते ही देखते पास में खड़ी बिना चेसिस की दूसरी बस की बाॅडी में भी आग लग गई।इस बीच लोगों ने फायर बिग्रेड को फोन किया। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग लगने की घटना के बाद पास में खड़ी अन्य बसाें और ट्रकों को उनके मालिकों ने तुरंत दूसरी जगह शिफ्ट किया। गनीमत रहीं कि आईएसबीटी परिसर में सवारियों से भरी बसें आग की चपेट में नहीं आई।
आईएसबीटी में पेंटर का काम करने वाले सुरेंद्र और बस मालिक सुरेश चौहान ने बताया कि यदि रात में आग लगती तो कई बसें इसकी चपेट में आतीं। करीब तीन साल से पहले रात के समय आईएसबीटी में पार्किंग में खड़ी एक बस की वायरिंग में शार्ट सर्किट हो गया था। इस हादसे में छह बसें जलकर खाक हो गई थी।
आईएसबीटी में बिना चेसिस की दो बसों की बाॅडी में आग लग गई थी। सूचना के तुरंत बाद फायर बिग्रेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
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