“उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने किया पंचायती राज मंत्री के आवास का घेराव”
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन द्वारा सोमवार को पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के आवास का घेराव के लिये परेड़ मैदान से कूच किया, भारी पुलिस बल के साथ आंदोलन कर रहे पंचायत संगठन को पुलिस ने कनक चौक पर रोक दिया, इस दौरान पुलिस और संगठन के नेताओं के बीच हल्की नोंकझोक भी हुयी, जिसके बाद सभी सड़क पर ही बैठकर सरकार और पंचायत मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते रहे |
इस दौरान उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि राजधानी में जो आंदोलन किया गया। वह इतिहास का हिस्सा बन गया है। संगठन ने पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के घमंड को तोड़ दिया। महाराज के बुलाने के बाद भी संगठन का डेलिगेशन आज मिलने नहीं गया। संगठन ने कहा कि हम बाद में मिलेंगे। महाराज को अंत में संगठन को 17 सितंबर का समय देना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्री ने ना नुकूर करने के बाद भी संगठन को 17 सितंबर को बातचीत करने के लिए आमंत्रण दिया है।
संगठन का कहना है की कोई भी ताकत इस संगठन को कमजोर ना समझे। त्रिस्तरीय पंचायत के 70 हजार सदस्य इस आंदोलन के साथ जुड़े हुए है।
अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के लोग आज परेड ग्राउंड में जमा हुए। जैसे ही आगे को बड़े पुलिस ने मंत्री आवास आने से पहले ही आंदोलनकारी को रोक दिया। आन्दोलन सदस्य शांत तरीके से अपनी बात रख रहे थे। तभी एक पुलिस के अधिकारी ने आंदोलनरत सदस्यों को उठाकर वाहनों में ठूसना शुरू कर दिया। इस बात से नाराज संगठन के पदाधिकारी ने बेरीटेक तोड़कर मंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे, लेकिन पुलिस ने अनुरोध के बाद आगे बढने से रूक गए। कुछ मंत्री आवास तक पहुंच गए। जिनको खींच कर पुलिस को बाहर पडा़, इस दौरान महिलाओं के साथ बदसलू की भी की गई।धक्का मुक्की में आंदोलनकारी को मामूली चोटे भी आई है। इस बीच आंदोलनकारी सड़कों में बैठकर अपनी बात को बोल रहे थे कि एक पुलिस के अधिकारी ने ऊंची आवाज में बात की उसने आंदोलन के स्वरूप को उग्र कर दिया।
इस बीच मंत्री सतपाल महाराज की ओर से जवाब आया की पांच लोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया, लेकिन संगठन ने साफ शब्दों में मना कर दिया, संगठन ने कहा कि आज हम कोई वार्ता नहीं करेंगे। हमको डेट चाहिए। वहीं भारी बारिश के बाद भी आंदोलनकारी सड़कों में जम रहे भीगते रहे और जन गीत गाए और नारे लगाते रहे। इस बीच सिटी मजिस्ट्रेट तथा सीओ ने एक पन्ने का लिखित पत्र में संगठन को दिया कि 17 सितंबर को महाराज ने वार्ता के लिए बुलाया है।यउसके बाद संगठन वहां से उठा और संगठन ने नारा लगाया की घमंड हार गया और संगठन जीत गया। आगे की रणनीति के लिये संगठन की शाम को बैठक होगी और उसे बैठक में आज के आंदोलन की समीक्षा की जाएगी। उसके बाद प्रेस को आगामी सूचना बताई जाएगी।
संगठन के नेताओं ने कहा है कि आज उत्तराखंड़ की जनता ने जिस आंदोलन को देखा है। उसे जनता को हम न्याय दिलाएंगे और जनता के आंदोलन को और मजबूत करेंगे। इस दौरान उत्तराखण्ड़ के विभिन्न जनपदों से आये पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, महिला पंचायत प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे |
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