(नीरज कुमार दुबे)
नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका क्योंकि उसके वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व पर किया है तगड़ा प्रहार। अपनी पुस्तक में सलमान खुर्शीद हिंदुत्व पर कैसे भड़के हैं यह आपको विस्तार से बताएंगे और साथ ही बात करेंगे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जिन्होंने कहा है कि हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है। सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी गयी है देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है लेकिन एक चीज तो साफ है कि कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा को बड़ा चुनावी मुद्दा मिल गया है। जहां तक सलमान खुर्शीद की पुस्तक की बात है तो आपको बता दें कि इसमें उन्होंने हिन्दुत्व की आतंकवाद से तुलना की है। वैसे हिंदुत्व को आतंकवाद से कांग्रेस ने पहली बार नहीं जोड़ा है। भगवा आतंकवाद, हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द दिग्विजय सिंह और चिदम्बरम ने ही गढ़े हैं। यही नहीं लंदन स्थित थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान को संबोधित करते राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि आरएसएस का विचार मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार जैसा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपनी पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ में कथित रूप से हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठनों से करते हुए कहा है कि हिंदुत्व साधु-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है। सलमान खुर्शीद ने अयोध्या विवाद पर अदालती फैसले पर कहा है कि इसको लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उसका समाधान निकाला। उन्होंने कहा कि यह ऐसा फैसला है जिससे ये ना लगे कि हम हारे, तुम जीते। उन्होंने कहा कि फिलहाल अयोध्या के उत्सव में ऐसा लगता है कि एक ही पार्टी का उत्सव है।
इस पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि देश में हिंदू खतरे में नहीं हैं, बल्कि ‘फूट डालो और राज करो’ की मानसिकता खतरे में है। दिग्विजय सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के विमोचन के मौके पर यह भी कहा कि ‘हिंदुत्व’ शब्द का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘इस देश के इतिहास में धार्मिक आधार पर मंदिरों का विध्वंस भारत में इस्लाम आने के पहले भी होता रहा है। इसमें दो राय नहीं है कि जो राजा दूसरे राजा के क्षेत्र को जीतता था, तो अपने धर्म को उस राजा के धर्म पर तरजीह देने की कोशिश करता था। अब ऐसा बता दिया जाता है कि मंदिरों की तोड़फोड़ इस्लाम आने के साथ शुरू हुई।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जब फासीवाद आता है तो उसके लिए जरूरी है कि वह एक शत्रु की पहचान करे… डर पैदा करना और नफरत पैदा करना फासीवाद का मूलमंत्र रहा है।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राम जन्मभूमि का विवाद कोई नया विवाद नहीं था। लेकिन विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस ने इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया। जब 1984 में वो दो सीटों पर सिमट गए तो इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी का गांधीवादी समाजवाद विफल हो गया था। इसने उन्हें कट्टर धार्मिक रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिया। आडवाणी की रथयात्रा समाज को तोड़ने वाली यात्रा थी। जहां गए वहां नफरत का बीज बोते चले गए थे।’’ दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं… हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है। यह सनातनी परंपराओं के ठीक विपरीत है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘विनायक दामोदर सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि गऊ को माता क्यों मानते हो? वह हिंदू को परिभाषित करने के लिए हिंदुत्व शब्द लाए। इससे लोग भ्रम में पड़ गए। आरएसएस अफवाह फैलाने में माहिर है। अब तो सोशल मीडिया के रूप में उन्हें बड़ा हथियार मिल गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा है कि हिंदू खतरे में हैं। अरे जनाब 500 साल के मुगलों और मुसलमानों के राज में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा, 150 साल के ईसाइयों के शासन में हिंदू का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब क्या खतरा है। खतरा उस मानसिकता और उस विचारधारा को है जिसने अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो के जरिये राज करने का संकल्प लिया है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘दुख इस बात की है कि हम लोग भी ‘सॉफ्ट’ हिंदुत्व और ‘हार्ड’ हिंदुत्व के चक्कर में पड़ जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं शाहीन बाग की महिलाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने अपने अधिकार के लिए अहिंसक आंदोलन चलाया। किसानों को बधाई देता हूं कि वो 11 महीनों से अहिंसक आंदोलन कर रहे हैं। महात्मा गांधी का रास्ता ही इस देश को आगे बढ़ा सकता है।’’ दिग्विजय सिंह ने जोर देकर कहा, ‘‘सुलह ही इस देश का रास्ता होना चाहिए। न्यायपालिका ने भी अयोध्या मामले में फैसले से इस सुलह की तरफ इशारा किया है… सनातन धर्म और उसका सर्वधर्म संभाव का विचार ही सुलह का रास्ता है।’’
इस विमोचन कार्यक्रम में विवादित बयान देने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं कि जब ‘लिंचिंग’ की प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से निंदा नहीं की जाती है। एक विज्ञापन को वापस लिया जाता है क्योंकि हिंदू बहू को एक मुस्लिम परिवार में खुशी से रहता हुआ दिखाया गया।’’ यही नहीं अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर एक तरह से सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले का कानूनी आधार बहुत संकीर्ण है। बहुत पतली-सी रेखा है। लेकिन समय बीतने के साथ ही, दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया।” उन्होंने कहा, ”दोनों पक्षों ने स्वीकार किया, इसलिए यह सही फैसला है। ऐसा नहीं है कि यह सही फैसला था, इसलिए दोनों पक्षों ने स्वीकार किया।’’ यही नहीं चिदम्बरम तो यहां तक बोल गये जैसे जेसिका लाल को किसी ने नहीं मारा वैसे ही बाबरी मस्जिद को किसी ने नहीं गिराया(साभार प्रभा साक्षी)।
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