श्रीनगर गढ़वाल(आरएनएस)। गुलदार की दहशत से तीसरे दिन भी नाइट कर्फ्यू से लोगों में दहशत का माहौ है। चिंता की बात है कि गुलदार के पंजों के निशान तो मिल गए पर वह कैद नहीं हुआ। पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक के विभिन्न गांवों सहित श्रीनगर में आंतक का पर्याय बना गुलदार का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। दो बच्चों को अपना निवाला बनाने वाले गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया गया है। जबकि गुलदर को मारने के आदेश जारी किये गये है। बीते गुरुवार को गुलदार की चहलकदमी पौड़ी चुंगी के समीप सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। वन विभाग की गश्त टीम लगातार गुलदार की खोजबीन में जुटी हुई है। साथ ही वन विभाग की टीम ने विभिन्न स्थानों पर गुलदारों के पंजों के निशान भी ट्रेस किये गये हैं। कई बार गुलदार बुघाणी रोड पर अपने शिकार को ढूढने घटना स्थल पर पहुंच रहा है, लेकिन अभी तक भी गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो पाया है। श्रीनगर वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन सिंह नेगी ने बताया कि श्रीनगर में अलग-अलग स्थानों पर लगातार गुलदार की चहलकदमी देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि घटना के समीप लगे पिंजरे के पास गुलदार तो अपने शिकार के लिए पहुंच रहा है, लेकिन लोगों द्वारा टार्च कर इशारा दिखाकर वह वहां से भाग जा रहा है। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा पिंजरों को अलग-अलग स्थानों पर लगा दिया गया है। बुघाणी रोड पर घटना स्थल पर लगे पिंजरे को वहां से कुछ ही दूर घसियामहादेव के ऊपरी क्षेत्र में लगाया गया है। जबकि एक पिंजरे को ऐठाणा वाली रोड पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि दो नये ट्रेप कैमरे भी लगा दिये गये हैं। गुलदार की चहलकदमी को देखने के लिए वन विभाग ने पांच नये ट्रेप कैमरे लगाये हैं। जबकि वन विभाग की टीम में एक शूटर भी तैनात है।
तीसरे दिन भी दिखा नाइट कर्फ्यू का असर : विकासखंड खिर्सू व श्रीनगर में गुलदार की बढ़ती गतिविधियों व नाइट कफ्र्यू का असर तीसरे दिन भी श्रीनगर में दिखा।व्यापारियों ने 6 बजे तक अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रुप से बंद करना शुरू किया। बाजार बंद होने के चलते लोगों मे हडबड़ी भी देखने को मिली। इस मौके पर पुलिस प्रशासन ने 6 बजे तक खुली दुकानों को बंद करवाया। साथ ही लोगों से कफ्र्यू की गाइड लाइन का पालन करने की अपील की।
श्रीनगर में चार दिन बाद खुले स्कूल : श्रीनगर में गुलदार की दहशत के बाद विद्यालय पूर्ण रूप से खुल गये है। बीते शनिवार को हुई ग्वाड़ और उसके बाद श्रीनगर में हुए गुलदार के हमले के बाद खिर्सू ब्लॉक के समस्त विद्यालय पूर्ण रूप से बंद थे। चार दिनों के बाद स्कूल पूर्ण रूप से खुल गये है। गुलदार की लगातार चहलकदमी को देखते हुए लोगों में भय अभी भी बरकरार है।
गुलदार के आतंक से निजात को वन अधिकारियों से की चर्चा: पौड़ी के खिर्सू ब्लाक के ग्वाड़ और श्रीनगर में गुलदार अभी भी पकड़ में नहीं आ पाया है। वन विभाग की टीम ने दोनों ही जगहों पर डेरा डाला हुआ है।
इस बीच शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी वन विभाग के अफसरों के साथ इस बाबत विस्तृत चर्चा की और गुलदार के आंतक से निजात दिलाए जाने को लेकर पर्याप्त कदम उठाए जाने को कहा। गुलदार ने पहले ग्वाड़ और उसके दूसरे दिन ही श्रीनगर में हमला किया था।
गुलदार के दो हमलों में दो बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद समूचे क्षेत्र में गुलदार की दहशत बन गई।
पौड़ी के डीएम डॉ आशीष चौहान ने गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में शाम 6 से सुबह 6 बजे का कफ्र्यू भी लगाया हुआ है।
इन क्षेत्रों में इस बीच कोई आवाजाही नहीं हो रही है। मुख्य वन्य जीप प्रतिपालक ने गुलदार को नरभक्षी भी घोषित किया हुआ है। लेकिन इसके बावजूद गुलदार की दहशत से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है। न तो गुलदार के अभी तक यहां लगाएं पिंजरों में कैद हो पाया और नहीं यहां लगे किसी कैमरे में ही दिखाई दिया।इसके के कारण विभाग की चुनौती कम नहीं हो रही है और साथ ही लोगों में गुलदार का खौफ भी बना हुआ है।
गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ स्वनिल अनिरुद्ध ने बताया कि गुलदार पर विभागीय टीम ने नजर बना रखी है। दोनों जगहों पर प्रभावी एवं सघन गश्ते हो रही है। गुलदार के पंग चिह्नों को लिया गया है। गुलदार एक दिन ही कैमरे पर ट्रैप हुआ था इसके बाद कैमरों में भी गुलदार नहीं दिखाई दिया।
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