‘अस्पताल प्रशासन बोला- अस्पताल में पूरी है महिलाओं और बच्चों की संख्या’
देहरादून(दीपिका गौड़), दून अस्पताल में नवजात के शव मिलने से हड़कंप मच गया, मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को अस्पताल के इमरजेंसी के भवन के पीछे टॉयलेट की सीट में एक नवजात शिशु के शव फंसा मिला, मौके पर पहुंची पुलिस और अस्पताल के कर्मचारियों ने टॉयलेट सीट को तोड़कर शव को बाहर निकाला l डॉक्टर ने नवजात का परीक्षण किया तो बच्चा मृत पाया गया, इसके बाद दून अस्पताल प्रशासन ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, वहीं दून अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही यह यह जानकारी मिल पाएगी के बच्चे की मौत कैसे, कब हुई और उसकी उम्र क्या थी l
बताते चलें कि इमरजेंसी भवन के पीछे स्थित टॉयलेट में जब एक सफाई कर्मी साफ – सफाई करने के लिए गया तो उसने टॉयलेट सीट पर नवजात शिशु के शव को देखा जिसका सिर सीट में फंसा हुआ था. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, मौके पर पुलिस पहुंची और टॉयलेट सीट को तोड़कर बच्चे के शव को निकाल लिया l
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने जानकारी देते हुए कहा कि शौचालय में नवजात शिशु का शव मिलने के बाद अस्पताल में पिछले 2 से 3 दिन में पैदा हुए बच्चों, गर्भवती महिलाओं की काउंटिंग की गई और इसके अलावा निक्कू वार्ड में भर्ती बच्चों की भी गणना की गई है जिनमें बच्चों की संख्या पूर्ण पाई गई है, वहीं इस मामले में पुलिस प्रशासन भी जांच में जुटा हुआ है l अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि जिस शौचालय में बच्चा मृत पाया गया था उसकी छानबीन कर ली गई है, इसके बाद कल से टॉयलेट रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा l
लोक निर्माण विभाग(प्रांतीय खंड़) ने स्वच्छता ही सेवा को लेकर चलाया स्वच्छता अभियान
देहरादून, स्वच्छता ही सेवा के साथ स्वच्छ दून सुन्दर दून की अवधारण को साकार करने के उद्देश्य को लेकर प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग ने डालनवाला क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया। जिसमें बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया । सोमवार को विभाग के इन कार्मिकों द्वारा बलबीर रोड़ चौराहे से तेग बहादूर रोड़ फव्वारा चौक तक सफाई का कार्य करते हुये जनमानस को कूड़ा सड़क पर एवं इधर-उधर न डालने तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर स्टाफ ऑफिसर एवं सहायक अभियन्ता इं. जीएस कौण्डल ने अभियान को सफल बनाने के लिये उपस्थित सभी कार्मिकों धन्यवाद ज्ञापित किया गया, सफाई अभियान में अपर सहायक अभियन्ता इं. मुस्ताक आलम, राजेश प्रसाद, कार्यअभिकर्ता बलवीर, मेट राजेश कुमार, अंकित थापा, अमन सिंह, गणेश चन्द, अंकित कुमार, श्रवण कुमार, प्रकाश सिंह धामी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
द वॉइस ऑफ वॉरियर्स फाउंडेशन ने ट्रांसजेंडर समुदाय के आयोजित किया एडवोकेसी कार्यक्रम
देहरादून, “द वॉइस ऑफ वॉरियर्स फाउंडेशन” द्वारा हमसफ़र ट्रस्ट मुंबई के सहयोग से ट्रांसजेंडर समुदाय के हक और अधिकारों के लिए जिला समाज कल्याण देहरादून के साथ मॉडर्न दून लाइब्रेरी में सोमवार को एक एडवोकेसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम में जिला समाज कार्यालय से मुख्य चिकित्साधिकारी, उत्तराखंड़ महिला मंच से निर्मला और कमला पंत, मुख्य शिक्षाधिकारी देहरादून से प्रिया, जिला सेवायोजन अधिकारी देहरादून, जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, लीड बैंक से कुलभूषण, विकास, मुकेश स्किल डेवलपमेंट को उक्त कार्यक्रम में मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में चंडीगढ़ से ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य और सक्षम प्रकृति वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष समाज सेविका धनंजय चौहान भी कार्यक्रम आमंत्रित थी। इस कार्यक्रम में क्वियर-ट्रांसजेंडर लोगों से भेदभाव और मानवाधिकारों के प्रति धनंजय मैडम ने क्वियर/ट्रांस समुदाय की आवाज को अधिकारी गणों के सामने रखा।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों के सामने आने वाली चुनौतियों के साथ-साथ लिंग और कामुकता के मुद्दों पर संवेदनशील बनाना और ट्रांसजेंडर पहचान पत्र प्रमाण पत्र, ट्रांस व्यक्तियों के लिए सरकारी योजनाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) 2019 और नियम 2020 अधिनियम पर चर्चा करना था।
कार्यक्रम में “वॉइस ऑफ वॉरियर्स”संस्था की सचिव ओशिन सरकार, उपाध्यक्ष अनुभव सिंह, कोषाध्यक्ष मनोज, अध्यक्ष बनी राणा, सदस्य नैना, नकुल एवं देहरादून के ट्रांसजेंडर/ किन्नर समुदाय से निशा चौहान,अनामिका, शिखा, बिन्नी, अनुष्का, अदिति, करिश्मा, फेबी, सोनिया समेत काफी लोग क्वियर/ट्रांस समुदाय से मौजूद रहे।
राजधानी को कूड़ा मुक्त बनाने हेतु सरकारी तंत्र और दूनवासियों को एक साथ करनी होगी नई पहल
देहरादून, स्वच्छ दून सुन्दर दून के नारे को बंददाग करने वालों को एक पहल के माध्यम से मैड संस्था और संयुक्त नागरिक संगठन ने सकारात्मक जवाब दिया, और चेताया कि राजधानी दून की सड़कों के किनारों पर पर्यटकों द्वारा चलती गाड़ियों के शीशों से फेके गए पॉलिथीन बैग, कांच प्लास्टिक की बोतलें, चिप्स के खाली पैकेट आदि जो स्मार्ट सिटी को दागदार बनाने में जुटे हैं। इसके खिलाफ एक सार्थक पहल के माध्यम से आवाज उठायी जायेगी, स्वच्छता की मुहिम लेकर चल रही मैड संस्था का मानना है अंत्येष्टि के बाद फेके गए कपड़े, रजाई गद्दे, देवी देवताओं की टूटी मूर्तियां, हाथों के दस्ताने, प्लास्टर के टुकड़े नागरिकों में जागरूकता की कमी के प्रमाण हैं। राजधानी दून को कूड़ा मुक्त बनाने हेतु सरकारी तंत्र और दूनवासियों को एक साथ नई पहल करनी होगी।
यह उद्गार राष्ट्रीय बालिका दिवस पर युवाओं की संस्था मैड के वालंटियर छात्र-छात्राओं द्वारा रायपुर रोड पर आयोजित सफाई अभियान के समापन पर संयुक्त नागरिक संगठन के प्रतिनिधियों ने व्यक्त किये। इस प्रयास में सड़कों के किनारे से कूड़ा करकट इकठ्ठा कर बड़े बैगों में भरकर निगम की गाड़ियों में भरकर रवाना किया गया।
अभियान के समापन में समाजसेवियों द्वारा स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक मैड से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं और भावी अभियानों में प्रोत्साहन देने हेतु सहयोगी बनकर मनोबल बढ़ाने का लगातार प्रयास करते रहेंगे।
अभियान में मैड के संचित खंडवाल, दीपांशु वर्मा, अम्बिका, निषाद,अर्पित गर्ग, अक्षिता सजवाण, रचना, अर्णव नेगी, प्रिंस कपूर, यश सिंघल, मानवी नेगी तथा समाज सेवियों में डॉ. शैलेंद्र कौशिक, नवीन सडाना, अवधेश शर्मा, विनोद नौटियाल, एडवोकेट रविसिंह नेगी, गिरीशचंद्र भट्ट, लेफ्टिनेंट कर्नल बीएम थापा, सीएस नेगी, सुशील त्यागी, प्रदीप कुकरेती आदि शामिल थे।
दून पुस्तकालय में रितुपर्णाे घोष की फिल्म चोखेर बाली का हुआ प्रर्दशन
देहरादून, सोमवार की सायं दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में रितुपर्णाे घोष की चर्चित फिल्म चोखेर बाली का प्रर्दशन किया गया। पुस्तक लोकार्पण, वाचन और चर्चा, संगीत, लोक परंपराएं और लोक कलाएं, इतिहास और पत्रकारिता पर आधारित कार्यक्रमों में आज, फीचर व वृत्तचित्र के कार्यक्रम के तहत यह फ़िल्म सभागार में प्रस्तुत की गई। उल्लेखनीय बात यह भी है कि विगत सप्ताह इस फिल्म की सह नायिका राइमा सेन देव वर्मा के साथ एक बातचीत का एक कार्यक्रम दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र ने आयोजित किया था।
वस्तुतः चोखेर बाली 2003 की बंगाली भाषा की एक नाट्य फिल्म है, जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के 1903 के उपन्यास चोखेर बाली पर आधारित है।
बीसवीं सदी की शुरुआत में बनी इस फ़िल्म में बिनोदिनी एक युवा बंगाली लड़की है, जो शादी के तुरंत बाद अपने बीमार पति की मृत्यु के बाद विधवा हो जाती है। रितुपर्णाे घोष द्वारा निर्देशित, इस फिल्म में ऐश्वर्या राय को बिनोदिनी और राइमा सेन को आशालता के किरदार में दिखाया गया है, आशालता और बिनोदिनी एक-दूसरे को चोखेर बाली, या आंख में किरकिरी के रूप में संदर्भित करते हैं। इस फिल्म में महेंद्र के रूप में प्रोसेनजीत चटर्जी, महेंद्र की मां राजलक्ष्मी के रूप में लिली चक्रवर्ती, बिहारी के रूप में टोटा रॉय चौधरी, महेंद्र के सबसे अच्छे दोस्त, और एक कैमियो भूमिका में स्वस्तिका मुखर्जी कलाकारों के रूप में शामिल हैं।
इस अवसर पर सभागार में, हिमांशु आहूजा, अरुण कुमार असफल, ओशीन सरकार, कुलभूषण नैथानी, अपर्णा वर्धन, चन्द्रशेखर तिवारी, दयानन्द अरोड़ा, शेलेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, डॉ. वी.के. डोभाल व सुंदर बिष्ट, सहित अनेक फिल्म से जुड़े लोग, फिल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्य तथा बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे l
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