देहरादून, राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन एवं पाठ्यक्रम निर्धारण को लेकर श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। साईं इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज कालेज में नई शिक्षा नीति एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन विषय पर आयोजित कार्यशाला में के विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर अपने सुझाव रखे।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ‘नई शिक्षा नीति एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलसचिव प्रोफेसर मोहन सिंह पंवार कहा कि नई शिक्षा नीति छात्र-छात्राओं के सपनों को पंख देगी। उन्होंने कहा कि नई नीति में ज्ञान आधारित सृजनात्मकता व रचनात्मकता का खाका है। इस नीति में शिक्षा पद्धति में सुधार, नवाचार व अनुसंधान के साथ मनुष्य निर्माण पर जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति भारत केंद्रित एवं विद्यार्थी केंद्रित है। यह पूरी तरह भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित है। प्रोफेसर पंवार ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य नई नीति के अंतर्गत प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों हेतु व्यवसायिक पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं उसका क्रियान्वयन करना है। उन्होंने कहा कि श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में रोजगारपरक पाठ्यक्रम स्थानीय व राज्य के बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में स्थानीय युवाओं की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रोफेसर पंवार ने कहा कि राज्य के बेरोजगारों को स्किल्ड शिक्षा का प्रावधान कर पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं, शीघ्र ही लगभग 70 से अधिक पाठ्यक्रम तैयार कर लिये जाएंगे, जिससे न केवल राज्य के बेरोजगारों को रोजगार पाने में सहायता मिलेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लाभकारी होंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु 70% पाठ्यक्रम का कलेवर यूजीसी के अनुरूप एवं 30% पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय स्तर की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार किया जाना है। जिसमें गांव को गोद लिया जाना भी एक प्राथमिकता है।
कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जे.पी. पचौरी ने कहा कि शिक्षक को हमेशा सीखते रहना चाहिए क्योंकि कोई भी हर कार्य में निपुण नहीं होता, नई शिक्षा नीति में तीन बातें महत्वपूर्ण है, सार्वभौमिकता, व्यवसायिकता व पेशेवर नजरिया .
वर्तमान नीति के तहत 40% तकनीकी स्नातक रोजगार के लिए फिट नहीं हैं, इस शिक्षा नीति में कुछ व्यवहार खामियां भी है क्लस्टर नीति अपनाकर क्लस्टर मैटरिंग प्रणाली के माध्यम से इस नीति को सफल बनाया जा सकता है।
कार्यशाला में श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के कला संकाय के संकायध्यक्ष प्रो.डी.सी. गोस्वामी, भौतिक विज्ञान की प्रोफेसर डॉ सुमिता श्रीवास्तव, वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो० राजमणि पटेल,
राजकीय महाविद्यालय बड़कोट के प्राचार्य प्रो. ए. के. तिवारी , प्रो० गुलाटी, प्रो० उपाध्याय, प्रो० जुयाल ने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे। इस कार्यशाला का संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट ने किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ खेमराज भट्ट, सहायक कुलसचिव देवेंद्र सिंह रावत व विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, एवं विभिन्न विषयों के विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
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