(प्रगति सडाना)
नवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें आत्म-संयम, शक्ति, और स्वच्छता का संदेश देती है। यह पर्व हमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने का अवसर प्रदान करता है, जो जीवन में साहस, धैर्य, और करुणा की प्रेरणा देते हैं।
हम जब माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, तो यह भी आवश्यक है कि हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ और पवित्र हो। स्वच्छता सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए—मन की, विचारों की, और कार्यों की। माँ दुर्गा की उपासना का असली सार तभी साकार होता है जब हम अपने समाज और पर्यावरण की भी उतनी ही देखभाल करें, जितनी हम अपने मंदिरों और घरों की करते हैं।
स्वच्छता और नवरात्रि: एक अनिवार्य संबंध :
नवरात्रि के दौरान हम अपने घरों और पूजा स्थलों की विशेष सफाई करते हैं। लेकिन क्या यह सफाई केवल इन नौ दिनों तक ही सीमित रहनी चाहिए? यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। मंदिरों, घरों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। आज के समय में हमें नवरात्रि जैसे पर्वों को पर्यावरण हितैषी बनाने की भी जरूरत है।
यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं :
-प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल पूजा सामग्री – प्लास्टिक की बजाय मिट्टी के दीपक, प्राकृतिक रंगों से बनी रंगोली और फूलों का उपयोग करें।
-इको-फ्रेंडली मूर्तियाँ – प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के बजाय प्राकृतिक मिट्टी की मूर्तियाँ खरीदें।
-जल संरक्षण – पूजा के बाद जल को नली नालों में बहाने कि बजाय पेड़-पौधों में अर्पित करें।
-ध्वनि प्रदूषण से बचाव – लाउडस्पीकर का सीमित उपयोग करें और ध्वनि स्तर का ध्यान रखें l
नवरात्रि केवल शक्ति की आराधना का पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और पर्यावरण की रक्षा का भी संदेश देता है। माँ दुर्गा की कृपा तब ही प्राप्त होगी जब हम उनके सृजित इस प्रकृति और समाज की देखभाल करेंगे। आइए, इस नवरात्रि हम शक्ति, श्रद्धा और स्वच्छता का संकल्प लें और इसे अपने जीवन का स्थायी हिस्सा बनाए l
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