देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को पुलिस लाइन, देहरादून में 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खेल कोटा पुनः प्रारंभ करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न राज्यों एवं सशस्त्र बलों से पहुंचे तीरंदाज खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की धरती तीरंदाजी की जननी रही है। तीरंदाजी जिसे भारतीय संस्कृति में धनुर्विद्या के नाम से जाना जाता रहा है, प्रमुख खेल होने के साथ ही युद्ध कला की एक प्राचीन विद्या भी रही है। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और भगवान परशुराम की धनुर्विद्या की बात करें या द्वापर युग में भीष्म, अर्जुन, कर्ण और वीर अभिमन्यु की धनुर्विद्या की बात करें, हमारा इतिहास महान योद्धाओं और वीर धनुर्धरों की वीरता और धनुर्विद्या का साक्षी रहा है। देहरादून की महान धरती तो स्वयं में महान धनुर्धर गुरु द्रोण की तपस्थली रही है। इस प्रतियोगिता का आयोजन देहरादून में होना अपने आप में गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में समृद्ध खेल संस्कृति का विकास हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप हमारे खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति को लागू की गई है। खेल नीति में खिलाड़ियों के उन्नयन और उनके बुनियादी सुविधाओं के लिए व्यवस्था की गई है। खेल व्यक्ति के चहुंमुखी विकास के लिए लाभदायक हैं। खेल हमें समयबद्धता, धैर्य, अनुशासन और समूह में कार्य करने की प्रेरणा भी देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में हमारे युवाओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार हो रहा है। इस आयोजन में 19 राज्यों की पुलिस टीम समेत सशस्त्र बलों को मिलाकर कुल 26 टीमों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। 14 से 19 दिसम्बर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में कुल 316 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें 196 पुरुष और 120 महिला खिलाड़ी शामिल हैं।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक कैंट सविता कपूर, उत्तराखण्ड आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र तोमर, आयोजन सचिव मुख्तार मोहसिन, पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी, राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मौजूद थे।
ट्रेन यात्रियों की जागरूकता के लिए जीआरपी का रेलवे यात्री सुरक्षा जागरूकता सप्ताह
देहरादून, पुलिस उप महानिरीक्षक, रेलवेज उत्तराखण्ड सुश्री पी. रेणुका देवी के निर्देश पर यात्री सुरक्षा को लेकर रेल यात्रियों के बीच उत्तराखण्ड पुलिस जीआरपी द्वारा समस्त जीआरपी पुलिस थानों एवं चौकियों में दिनांक 11 दिसम्बर से 17 दिसम्बर, 2022 तक रेलवे यात्री सुरक्षा जागरूकता सप्ताह चलाया जा रहा है। इस अवधि में विशेष चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है।
इसी क्रम में आज 14 दिसंबर को देहरादून रेलवे स्टेशन पर जीआरपी, द्वारा प्लेटफॉर्म व प्रतीक्षालय में उपस्थित व ट्रेन में बैठे रेल यात्रियों को बैनर, फ्लेक्सी बोर्ड एवं पेम्पलेट वितरित कर यात्रा के दौरान सुरक्षा टिप्स व विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जागरूक किया गया। यात्रियों को सुरक्षा के सम्बन्ध में फीडबैक देने हेतु भी अवगत कराया। कार्यक्रम में सुश्री पी0 रेणुका देवी- पुलिस उप महानिरीक्षक, रेलवेज उत्तराखण्ड, श्री ददन पाल- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रेलवेज, सुश्री अरूणा भारती, अपर पुलिस अधीक्षक रेलवेज, श्री बी0के0 मिश्रा, एएससी आरपीएफ उपस्थित रहे।
यात्रियों को अपने सामान की सुरक्षा स्वंय करने तथा यात्रा के दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति से खाने पीने की वस्तु नही ग्रहण करने के बावत जागरूक किया गया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे ट्रैक पार नहीं करने, ट्रेन के दरवाजे पर खड़ा होकर मोबाइल से बात नहीं करने, बंद रेलवे फाटक को पार नहीं करने, स्टेशन पर पैदल ऊपरी पुल का इस्तेमाल करने, स्टेशन पर बुजुर्गाे व बच्चों को अकेला न छोड़ने, यात्रा के दौरान जहरखुरानों व उठाईगिरों से सावधान रहने, अपने साथ व अपने आस-पास घटित अपराधिक घटनाओं व स्टेशन परिसर में लावारिस वस्तु मिले तो इसकी सूचना जीआरपी व आरपीएफ को जरूर देने हेतु बताया गया। महिला यात्रियों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से सफर के दौरान अगर किसी चीज की परेशानी हो तो तुरंत डायल 112 और हेल्पलाइन नंबर-182 पर काल कर सूचना देने को कहा।
जीआरपी सुधार हेतु उठाए गए कदम :
1. जीआरपी के सभी 04 थानों में महिला हेल्प डेस्क में महिला उप निरीक्षक एवं महिला आरक्षियों की अनिवार्यतः नियुक्त की गई है।
2. विशेष पर्वाे, त्योहारों एवं यात्राओं के समय रेल यात्रियों के भीड के प्रबन्धन हेतु वार्षिक कलेण्डर जारी तथा इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किये गये।
3. ऋषिकेश में जीआरपी हेतु पुलिस अधीक्षक कार्यालय, प्रशासनिक भवन, बैरक आदि निर्माण के लिए रेलवे से भूमि प्राप्त किए जाने के सम्बन्ध में रेलवे विभाग से पत्राचार।
4. रेलवे स्टेशन टनकपुर में जी.आऱ.पी. चौकी व बैरिक भवन के लिए पूर्वाेत्तर रेलवे से पत्राचार।
5. राज्य में जीआरपी थाना, चौकियों एवं आवासीय भवनों की मरम्मत हेतु रेलवे से पत्राचार।
6. जीआरपी में नियतन के अनुसार सभी कार्मिकों की नियुक्ति की गई।
7. ट्रेन एस्कोर्ट टीम में 01 महिला आरक्षी की अनिवार्यतः तैनाती।
8. जीआरपी में 187 पदों के सृजन हेतु शासन को प्रस्ताव।
9. जीआरपी के कार्मिकों को एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जो जनपदीय पुलिस की एण्टी ह्यूमन ट्रैफिंग यूनिट के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन में चेकिंग अभियान चलाएगी।
10. लम्बे समय से जीआरपी में तैनात कर्मियों को हटाकर नये कर्मियों को नियुक्त किया गया।
वियतनाम में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन शुरू : सम्मानित होंगे पत्रकार जगमोहन आज़ाद, वरिष्ठ लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट, डॉ. पुष्पा जोशी
देहरादून, दक्षिणपूर्व एशिया के खूबसूरत देश वियतनाम (हनोई, हो ची मीन्ह) में हो रहे 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उत्तराखंड के जाने माने युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ को सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान से नवाजा जाएगा. यह सम्मेलन मंगलवार 13 दिसंबर से शुरू हो गया, जिसके उद्घाटन अवसर पर विश्वभर के हिंदी प्रेमियों का जमावड़ा वियतनाम के हनोई में लगा |
यह 10 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन 23 दिसंबर तक चलेगा. जिसमें हिंदी की लोकप्रियता पर अनेक कार्यक्रम होंगे. इस सम्मेलन में विश्वभर के ऐसे लोगों का सम्मान किया जाएगा, जो अपनी रचनाओं के जरिए हिंदी के लिए कार्य कर रहे हैं. वियातनाम में हो रहे इस सम्मेलन में भारत से लगभग 40 ख…
[6:52 pm, 14/12/2022] lakhera llt: वियतनाम में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन शुरू : सम्मानित होंगे पत्रकार जगमोहन आज़ाद, वरिष्ठ लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट, डॉ. पुष्पा जोशी
देहरादून, दक्षिणपूर्व एशिया के खूबसूरत देश वियतनाम (हनोई, हो ची मीन्ह) में हो रहे 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उत्तराखंड के जाने माने युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ को सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान से नवाजा जाएगा. यह सम्मेलन मंगलवार 13 दिसंबर से शुरू हो गया, जिसके उद्घाटन अवसर पर विश्वभर के हिंदी प्रेमियों का जमावड़ा वियतनाम के हनोई में लगा |
यह 10 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन 23 दिसंबर तक चलेगा. जिसमें हिंदी की लोकप्रियता पर अनेक कार्यक्रम होंगे. इस सम्मेलन में विश्वभर के ऐसे लोगों का सम्मान किया जाएगा, जो अपनी रचनाओं के जरिए हिंदी के लिए कार्य कर रहे हैं. वियातनाम में हो रहे इस सम्मेलन में भारत से लगभग 40 ख्यातनाम साहित्यकार, बुद्धिजीवी और समाज से जुड़े विभिन्न प्रबुद्धजनों का दल सहभागिता कर रहा है. इस सम्मेलन में 14 लेखकों की विभिन्न विधाओं में प्रकाशित कृतियों का विमोचन किया जाएगा. साथ ही जनतंत्र का भविष्य, सांस्कृतिक, कथा, व्यंग्य, लघुकथा, कविता पर संगोष्ठी एवं राज्यवार गीत-नृत्य-संगीत की प्रस्तुति का आयोजन भी होगा |
वरिष्ठ लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट, डॉ. पुष्पा जोशी भी होंगी सम्मानित :
वियतनाम में आयोजित हो रहे इस 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उत्तराखंड से वरिष्ठ लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट, डॉ. पुष्पा जोशी और युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ भी प्रतिभाग कर रहे हैं. इस सम्मलेन में डॉ. हरि सुमन बिष्ट को उनके संपूर्ण साहित्यिक योगदान के लिए डॉ. खगेंद्र ठाकुर स्मृति सम्मान, डॉ. पुष्पा जोशी को संस्कृत भाषा में उल्लेखनीय कार्य के लिए श्री हरि ठाकुर स्मृति सम्मान और युवा कवि-पत्रकार जगमोहन ‘आज़ाद’ को साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.
पौड़ी गढ़वाल की पट्टी कफोलस्यूं के ग्राम नौली में हुआ जन्म
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की पट्टी कफोलस्यूं के ग्राम नौली के रहने वाले जगमोहन ‘आज़ाद’ वियतनाम (हनोई, हो ची मीन्ह) में आयोजित होने वाले 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले सबसे युवा प्रतिभागी हैं. जगमोहन पिछले 25 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े हैं और कई उपलब्धियां प्राप्त कर चुके हैं. दिल्ली दूरदर्शन, हिदुस्तान, इंडिया टुडे, अमर उजाला, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पत्रकारिता के क्षेत्र में नयी भूमिका स्थापित करते हुए जगमोहन ‘आज़ाद’ वर्तमान में सहारा न्यूज चैनल में वरिष्ठ प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत हैं.
दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा चलाने जैसे संघर्षों से गुजरे युवा कवि:
पहाड़ की माटी से उपजे, पहाड़ के संघर्षों में पले-बढ़े और पहाड़ जैसा जीवन जीने वाले जगमोहन ‘आजाद’ के संघर्षों की कहानी बहुत संघर्षपूर्ण है, जो कई बार आपको विचलित कर देती है. दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा चलाने, दिल्ली के छापखानों में जीवन के लिए संघर्ष करने और तमाम पहाड़ के लोगों की तरह खुद को साबित करने लिए संघर्षों का लंबा अनुभव समेटे जगमोहन ‘आज़ाद’ ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम कमाया है. यहि वजह भी हैं की आज उनका सम्मान अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सबसे बड़े साहित्यिक मंच पर होने जा रहा है. जहां उनके लेखन और संघर्षों को सम्मानित किया जा रहा है |
चंद्रकुंवर बर्तावाल मेघदूत सम्मान से भी हैं सम्मानित :
स्वभाव से मिलनसार, उत्तराखंड के आम जनमानस की आवाज को पत्रकारिता के जरिए बुलंद करने वाले पत्रकार जगमोहन ‘आजाद’ के तीन कविता संग्रह, एक बाल कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. जगमोहन ने हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक डॉक्टर नामवर सिंह के सानिद्ध में गढ़वाली कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल पर ‘प्रकृति के कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल’ पुस्तक का संपादन भी किया है. जिसके लिए उन्हें ‘चंद्रकुंवर बर्तावाल मेघदूत सम्मान’ से सम्मानित किया गया. इसी के साथ जगमोहन उत्तराखंड के लोक कलाकारों के जीवन परिवेश पर शोध करने वाले पहले शोधकर्ता हैं,जो ’लोक की बात’ नाम से प्रकाशित है। इसी के साथ जगमोहन ‘उत्तराखंडी सिनेमा’ और ‘उत्तराखंड की लोक विरासत’ पर भी शोध कर रहे हैं. वह साहित्य कला एवं फिल्म से जुड़े लगभग चार सौ से भी ज्यादा लोगों के साक्षात्कार कर चुके हैं. जिसके लिए उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है |
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मोहन काला जी ने दी बधाई :
वियतनाम (हनोई,हो ची मीन्ह) में आयोजित होने वाले 10 दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में सहभागिता करने और सम्मान के लिए चुने जाने पर जगमोहन ‘आज़ाद’ को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरीश रावत, यूकेडी नेता मोहन काला, दिल्ली मयूर विहार भाजपा जिलाध्यक्ष डा. विनोद बछेती सहित उत्तराखंड के साहित्याकारों और पत्रकारों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है |
आपको बता दें कि वियतनाम (हनोई,हो ची मीन्ह) में आयोजित होने वाले 10 दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन सृजन-सम्मान छत्तीसगढ़, सृजनगाथा डॉट कॉम, सिंधु रथ स्मृति संस्थान रायपुर, सलेकचंद जैन स्मृति संस्थान दिल्ली, दाउ कल्याण सिंह सोनवानी स्मृति संस्थान, सर्वदा, छ.ग, डॉ. सुरेशचंद्र गुप्त स्मृति संस्थान नई दिल्ली, नये पाठक पत्रिका, बिलासपुर, कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति संस्थान, रायगढ़ एवं पृथ्वी परिवार पटना आदि सहित कई संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है |
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