” हिमालय की अधिष्ठार्त्री देवी मां नंदा के मायके आगमन व अश्रुपूर्ण विदाई का पर्व पात बीडा में आज भब्य डाली कौथीग हजारों की सख्या में नंदा भक्तों का जमवाडा देखने को मिला”।
(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- क्वीली गांव में विगत 17 अगस्त से शुरु हुये नंदा देवी पात बीडा महोत्सव में आज प्रसिद्ध डाली कौथीग में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंहुचे। नंदा के जयकारों के बीच आराध्य देवी नंदा व उसके धर्म भाई लाटू की अश्रुपूर्ण विदाई उपस्थित श्रद्धालुओं को भावुक कर गई।
आज ब्रह्ममुहूर्त से ही नंदा के प्रतीक डाळी पर कुणजा को लपेटा गया जिसके पश्चात डाळी के शीर्ष पर नंदा के विग्रह को रखा गया। उत्सव के लिए नंदा डाळी पर ऋतु फल लगाए गये। विधिवत पूजा अर्चना , हवन इत्यादि का धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। मां नंदा मंदिर प्रांगण में भूम्याल देवता के पश्वा, पंच पांडव, द्रोपदी, हनुमान के अवतरण के तत्पश्चात नंदा देवी का सामूहिक आवाह्न होता है, नंदा अपने पश्वा पर प्रकट होती है, और अपने भक्तों को आशीर्वाद देने और मैती मुल्क को निहारने के लिए लगभग 60 फीट ऊँची डाळी पर चढ़ कर नंदा सबको देखती है, प्रसन्न होती है और डाली पर लगे ऋतुफल, वस्त्र अपने भक्तों की ओर प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया व खुशहाली का आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व कुरझण ,सणगू, पाली जैखण्डा, टेमना से ग्रामीण पांरम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ क्वीली पहुंचे। माता के दर्शनों को दूर दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु क्वीली पंहुचे। इस दौरान कोटेश्वर धाम के महंत शिवा नंद गिरी जी महाराज की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। जिला प्रशासन की ओर से ब्यवस्था सुचारु रखने के लिये ब्यापक तैयारी की गई थी।
कल 25 अगस्त को नवमी तिथि में बीड़ा एवं हरियाली का वितरण होगा इस तरह दिशा ध्यणियों, बहु बेटियों के मिलन का यह धार्मिक आयोजन सम्पन्न होगा।
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