मसूरी। देश के विभिन्न मजदूर संगठनों के आहवान पर देश व्यापी हड़ताल का मसूरी में भी प्रभाव रहा। अखिल भारतीय टेªड यूनियन कांग्रेस मसूरी शाखा के नेतृत्व में श्रमिकों ने प्रदर्शन किया व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर श्रमविरोधी नीतियों व मंहगाई को समाप्त करने की मांग की।
एटक के बैनर तले मसूरी के विभिन्न श्रमिक संगठनों के सदस्य शहीद भगत सिह चौक पिक्चर पैलेस पर एकत्र हुए और यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया व जुलूस निकाल कर एसडीएम कार्यालय गये जहां ज्ञापन दिया गया। देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में कहा गया कि सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के कारण संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत 10 करोड़ लोगांे का रोजगार छिन गया है, दो करोड से अधिक को उद्योग बंदी का दंश झेलना पड़ रहा है,
सैकड़ो मजदूरों की जान चली गई है, कोरोना का बहाना बना छटंनी की जा रही है, वेतन में कटौती की जा रही है, काम के घंटे आठ से बढाकर 12 घंटे कर दिए हैं, काम को बोझ बढ़ाकर उनका शोषण किया जा रहा है,जिसके कारण उद्योंगों के मालिकों की लूट बढ़ गई है ऐसे में भी केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में मजदूर विरोधी लेबर कोड बिल पारित किया जिससे मजदूरों को संस्थान से बाहर करने का रास्ता खुल गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाले श्रम कानून के किए गये भारी बदलाव को वापस लिया जाय, टेªड यूनियन कार्यकर्ताओं एवं उत्तराखंड के प्रवासी मजदूरों पर लगाये गये झूठे मुुकदमें वापस लिए जायं, उत्तराखंड राज्य के विभिन्न कारखानों, होटलों, स्कूलों में कार्यरत 83 हजार श्रमिकों का कोरोना काल के दौरान का अवशेष का भुगतान तत्काल किया जाय,
भवन निर्माण कर्मकार बोर्ड में यूनियन का प्रतिनिधि रखा जाय, उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को रोजगार दिया जाय व आर्थिक सहायता की जाय, पुरानी पेंशन बहाल की जाय,छटनी पर रोक लगायी जाय, श्रम कानूनों में किए गये 44 बदलावों को वापस लिया जाय,सार्वजनिक उपक्रमों को बेचना बंद किया जाय, कोरोना में हटाये गये श्रमिकों को काम पर लिया जाय, आंगनबाड़ी, आशा व भोजन माताओं को राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान मानदेय दिया जाय,राज्य सरकार के आधीन कार्यरत सभी वर्गो के कर्मचारियों को समान काम का समान वेतन दिया जाय, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का वेतन 25 हजार किया जाय।
इस मौके पर एटक के अध्यक्ष आरपी बडोनी ने कहा कि आज मजदूर वर्ग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है और सड़कों पर उतर आया है उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगी और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा और सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी उन्होंने कहा कि आज मजदूर और किसान सड़कों पर उतर आया है और केंद्र सरकार तानाशाही पूर्ण रवैया अख्तियार किए हुए हैं। इस मौके पर असलम खान, पूरण सिंह नेगी, सलीम अहमद, मंगल सिंह, विजय कठैत, बलदेव रावत, राजेश, सहित बड़ी संख्या में होटल वर्कर्स यूनियन, भवन निर्माण मजदूर संघ, गाइड यूनियन, स्कूल कर्मचारी यूनियन के श्रमिक मौजूद रहे।
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