चमोली, राज्य बने दो दशक बीत चुके, लेकिन सुदूर गांव के लोग आज भी अपनी कठिनाइयों का बोझ ढ़ो रहे हैं और हमारे नीति नियंता भी पहाड़ जीवटता भरे जीवन के बारे में बखूबी से जानते है, पहाड़ सा जीवन जीने वाले पहाड़ियों ने सोचा था कि अपना राज्य होगा और हमारे दिन बहुरेंगे, लेकिन हुआ इसके उलट, तभी तो उम्र के 100वे पड़ाव की बुजुर्ग बच्ची देवी अपने गांव में सड़क की मांग को लेकर धरने पर बैठी है, इस राज्य को पाने जितनी कसक बच्ची देवी में थी उतनी ही राज्य पाने की शिद्दतभरी लड़ाई यहां की महिलाओं ने लड़ी, इसी पीढ़ा को लेकर आज उत्तराखंड़ के चमोली जिले के दूरस्थ दुमक गांव की रहने वाली बच्ची देवी धरने पर बैठी हैं। कागजों में उनकी उम्र 100 साल दर्ज हो चुकी है, और इस उम्र में जब ज्यादातर लोग जीवन की कठिनाइयों से विराम ले चुके होते हैं, बच्ची देवी सड़क की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। वह रविवार से धरने पर बैठी हैं, उनकी आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत भी है, फिर भी बूढी आंखों में गांव तक सड़क पहुंचाने का सपना जवान है।
आपको बता दें कि दुमक गांव, जिला मुख्यालय गोपेश्श्वर से 18 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, यहां पहुंचने के लिए आज भी 18 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बच्ची देवी कहती हैं, “हमारे गांव तक सड़क नहीं है, हमें यह तकलीफ वर्षों से सहनी पड़ रही है, लेकिन अब और नहीं। जब तक हमारे गांव तक सड़क नहीं पहुंचती, वह गांव वालों के साथ आंदोलन में रहेंगी।
विकास संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी बताते हैं कि ग्रामीण पिछले 39 दिनों से धरने पर बैठे हैं। अब जब बच्ची देवी भी उनके साथ शामिल हो गई हैं, उनकी मांग को और भी मजबूती मिल गई है। बच्ची देवी के पति का देहांत हो चुका है और उनका एक बेटा गांव में ही खेती करता है। धरने पर बैठे गांव वालों का कहना है कि गांव में राजमा, चौलाई, माल्टे, सेब जैसे उत्पाद होते हैं, लेकिन सड़क की कमी के कारण यह उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाते। परन्तु राज्य बने दो दशक से ज्यादा समय हो गया लेकिन आज भी पूरा गांव इस परेशानी को झेल रहा है। गांव वालों का कहना है कि हेलंग तक सड़क स्वीकृत है और हेलंग से कलगोट तक सड़क बन चुकी है, परंतु दुमक गांव अब भी सड़कों से वंचित है। बीते शनिवार की शाम, ग्रामीणों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया। रविवार को बच्ची देवी के साथ रणजीत सिंह, सुंदर सिंह, महावीर सिंह, विक्रम सिंह सहित अन्य ग्रामीण क्रमिक उपवास पर बैठे। गांव वालों की एक ही मांग है गांव तक सड़क पहुँचे ताकि उनकी पीढ़ियाँ बेहतर जीवन जी सकें। वहीं धरने पर बैठे ग्रामीणों ने भी अब कमर कस ली और जब तक सड़क नहीं तब तक धरना अनवरत जारी रहेगा |
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