(हरीश पाण्डे) दन्या अल्मोड़ा। जल निगम व जल संस्थान ने क्षेत्रीय जनता को पुतला दहन के लिए मजबूर कर दिया। कहानी है विकास खण्ड धौलादेवी के दन्या क्षेत्र की, इस क्षेत्र की जनता विगत दो सप्ताह से पानी की बूंद के लिए मोहताज है। जिसके लिए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जल संस्थान व जल निगम के उच्च अधिकारियों को इस समस्या के बारे में कई बार शिकायत की किन्तु जल संस्थान द्वारा समस्या का समाधान करने के बजाय सड़क मार्ग पर टैंकरों के माध्यम से पानी लाकर मामले की इतिश्री कर दी जो एक ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ कल।
इन दिनों यह समस्या समाचार पत्रों व सोशल मीडिया में सुर्खियों में है। लेकिन त्रिवेन्द्र सरकार की अफसरशाही इतनी बेलगाम है कि विभाग के अधिकारी समस्या का समाधान तो दूर कोई सुध भी नहीं ले रहे हैं। इस क्षेत्र में विकास खण्ड की सबसे बड़ी लागत 40 करोड़ की धनराशि से बनी सरयू बेलक पम्पिग योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जिसकी खबर जिले के सभी उच्च अधिकारियों को है किन्तु कार्रवाई के नाम पर सब चोर चोर मौसेरे भाई ही साबित हो रहे हैं। आखिर आज स्थानीय लोगों को जल संस्थान व जल निगम के खिलाफ नारेबाजी व पुतला दहन के लिए मजबूर होना पड़ा जिसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों ही दलों के कार्यकर्ता देखने को नजर आए। हैरत की बात तो यह है जो सरयू बेलक पम्पिग पेयजल योजना 40 करोड़ की भारी-भरकम बजट से बनी है जिससे लगभग 110 गांव व तोक लाभान्वित होनी है जिसकी कार्यदाई संस्था स्वयं जल निगम है, के खिलाफ विगत कई महिनों से शिकायतें जारी है किंतु कार्यवाही के नाम पर धरातल पर सब शून्य है। जिस पर कुछ लोगों का कहना है दाल में काला है तो वहीं कुछ लोगों का मानना है दाल ही काली है जिसका सीधा संकेत एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। पुतला दहन व नारेबाजी में भागीदारी करने वालों का कहना है अगर अब भी पानी व्यवस्था सुचारू नहीं की गई तो फिर क्षेत्रीय जनता को सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।
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