“उत्तराखंड में पहली बार हुआ पीजेंट का आयोजन”
देहरादून, मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 के ग्रैंड फिनाले में मॉडल्स ने रैंप वॉक की तो हर कोई देखता रह गया। ये पीजेंट पहली बार उत्तराखंड में किया गया था। जो कि मिस और मिसेज कैटेगिरी लिए अलग अलग था।
मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 के का ग्रैंड फिनाले रविवार को मालसी रोड स्थित फेयरफील्ड बाय मेरियट में किया गया। जिसमें कुल 22 मॉडल्स ने जलवे बिखेरे। पीजेंट में मुख्य तौर पर तीन कैटेगिरी रखी गई थी। जिसकी शुरुआत टैलेंट राउंड से हुई। इसके बाद स्टेट राउंड और लास्ट इवनिंग गाउन राउंड आयोजित हुआ। स्टेट राउंड में मॉडल्स ने अलग अलग राज्यों की संस्कृति की झलक पेश की। पीजेंट में दून सहित उत्तरकाशी, रुड़की, हरिद्वार आदि जगहों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर मिसेज़ इंडिया दिवा क्लासिक 2023 की विनर और इस इवेंट की उत्तराखण्ड की स्टेट डायरेक्टर ऋतु बहुगुणा ने बताया कि प्रतिभागियों को दो दिन की ग्रूमिंग क्लासेज दी गयी थी। साथ ही तीन कैटेगिरी में कॉम्पटीशन रखा गया था। जिसमें मिस कैटेगरी में 18 से 30 आयुवर्ग, मिसेज कैटेगरी में 40 से कम और मिसेज क्लासिक केटेगरी में 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की प्रतिभागी शामिल थी। जिनकी दो दिन की ऑफलाइन ग्रूमिंग मडकप में और पांच दिन ऑनलाइन ग्रूमिंग हुई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में ये पीजेंट पहली बार हुआ है लेकिन इससे पहले यह 7 अन्य राज्यों में हो चुका है, जिनमें राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, और महाराष्ट्र शामिल हैं।
इस दौरान जजेज की भूमिका में दिवाज ब्यूटी पीजेंट के डायरेक्टर बिन्नी भट्ट, बोन्ना बासु, मडकप के डायरेक्टर करण सचदेवा और स्टेट डायरेक्टर ऋतु बहुगुणा शामिल रहे।इस मौके पर सिनमिट कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर दलीप सिंधी और राजीव मित्तल आदि उपस्थित थे।
दून पुस्तकालय में हुआ कविता संग्रह ‘एहसास-ए-मोहब्बत‘ का लोकार्पण
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार सायं साहित्यकार डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ द्वारा रचित पुस्तक ‘एहसास-ए- मुहब्बत‘ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी ए.बी. लाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम मेें विशिष्ट अतिथि के तौर पर समाज सेवी डॉ.एस. फारूक, साहित्यकार डॉ. राम विनय सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ.जयराज व साहित्यकार श्रीमती साधना और डॉ. ममता सिंह मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मीरा नवेली ने किया।कार्यक्रम में सुपरिचित गजलकार अरूण भट्ट ने डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ की गजलों को अपना स्वर भी दिया या। कार्यक्रम के अन्त में लोगों को धन्यवाद डॉ. दलजीत कौर ने दिया।
पुस्तक के रचानकार डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ ने पुस्तकका परिचय देते हुए कहा कि उर्दू एक प्यारी भाषा है जिसमें प्रेम,खुसी,निराशा,दुःख एवं अन्य मानवीय भावों /संवेदनाओं का बेहतर इजहार किया जाता है। हिन्दी और उर्दू दोनों आम लोगों की प्रिय भाषा रही हैं। उन्होंने अपने प्रिय विषय मुहब्बत के बारे में कहा एक शेर है ‘‘ वक्त के साथ हर चीज बदलती रही लेकिन एक दर्दे-मोहब्बतहै जो पहले की तरह है ‘‘।
कार्यक्रम में समाज सेवी डॉ.एस. फारूक ने राज बख़्शी ‘गुमराह को मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह एक दिलवाले व्यक्ति हैं और एक दिलवाला ही दिल की बातों की कद्र कर सकता है। आप मोहब्बत करने वाले शख्स हैं और मोहब्बत ही आपने लिखा है। उन्होंने कहा ‘‘मैं ‘गुमराह‘ नहीं गुमराही का एहसास है मुझे/एहसासे मौहब्बत है वफा का पास है मुझे‘‘।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम विनय सिंह ने वक्ता के तौर पर कहा कि दुनिया का कोई भी साहित्य ऐसा नहीं जहां प्रेम को जीवन की अभिव्यक्ति का अभिन्न विषय न बनाया गया हो। राज बख़्शी ‘गुमराह‘ इस पुस्तक के माध्यम से अपनी मोहब्बत का पैगाम को अपने अशआर के माध्यम से समाज तक पहुंचाना चाहते हैं। इश्के मिजाजी के अनेक रंग इनकी लिखी गजलों में अनायास देखे जा सकते हैं।
मुख्य अतिथि भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी श्री ए.बी. लाल ने उनकी इस कृति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज बख़्शी ‘गुमराह‘ की शायरी /कविताओं में प्यार मोहब्बत की भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति हुई है। मोहब्बत की भावनाओं व आह्वानों के विभिन्न रूपों को अपनी कविताओं के माध्यम से व्यक्त करने में वह पूरी तरह सक्षम दिखाई देते हैं।
‘एहसास-ए- मुहब्बत‘ डॉ. राज बक्शी के छह दशकों की कविताओं का नायाब संग्रह है जिसमें उन्होंने कविताओं, गजलों, उर्दू दोहों, गीतों और व्यंग्य के माध्यम से भावनाओं के विभिन्न रूपों को उकेरा है। इन कविताओं में व्यक्ति को खुशी, हंसी, हास्य व्यंग्य, उदासी, घृणा, भय, आश्चर्य और क्रोध का सायास अनुभव होता है 155 पृष्ठों में कवि की भावनाओं और आह्वानों के विभिन्न रूपों से युक्त सभी प्रकार की भावनाएं हैं जिन्हें वह अपनी कुछ कविताओं के माध्यम से व्यक्त करते हैं। पुस्तक का विशेष पक्ष यह है कि यह रचनाकार की लेखनी की वास्तविक क्षमता को हिंदी, उर्दू, पंजाबी, भोजपुरी और अंग्रेजी भाषाओं में सहजता के साथ चित्रित करने के साथ ही मानवीय भावनाओं को मुखरित करती है।
उल्लेखनीय बात यह है कि डॉ. बख्शी को किशोर उम्र में पंद्रह वर्ष की आयु में अंग्रेजी में कविताएं लिखने की प्रेरणा मिली, उन्होंने जब एक बार देहरादून के परेड ग्राउंड में पंडित जवाहर लाल नेहरू का भाषण सुना था। उस दौरान उनकी कविताओं की बहुत सराहना हुई। इस प्रोत्साहन से प्रेरित होकर डॉ. बख्शी ने अपनी काव्य यात्रा सतत आज भी 80 साल की उम्र तक जारी रखी है। वह ओएनजीसी में इंजीनियर अधिकारी के तौर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे चुके हैं।
इस अवसर पर सभागार में शादाब अली, डॉ. वी के डोभाल, शैलेन्द्र नौटियाल, रजनीश त्रिवेदी, विवेक तिवारी,कल्याण बुटोला, सुंदर एस बिष्ट, अवतार सिंह सहित अनेक पाठक, लेखक, साहित्यकार व अन्य प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे।
ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे तीसरे दिन खुला, आईटीबीपी व सेना के वाहनों की आवाजाही हुई शुरु
चमोली, उत्तराखंड़ में भारत-चीन सीमा (तिब्बत) को जोड़ने वाला ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे आज तीसरे दिन खुल पाया। हाईवे के खुलने के बाद सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ ही सीमा पर तैनात आईटीबीपी व सेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरु हो गई है। मलारी हाईवे पर शुक्रवार सुबह लाता के पास मलबा आने से यातायात बंद हो गया था। इससे सीमांत क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। सीमा क्षेत्र में तैनात सेना और आईटीबीपी के वाहनों का अवागमन भी ठप हो गया।
वहीं शुक्रवार पूरे दिन हाईवे खोलने का प्रयास किया गया, लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा आने से हाईवे को खेला नहीं जा सका। वहीं शनिवार को भी बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने जेसीबी से मलबा हटाने का प्रयास किया, लेकिन पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है। वहीं, आज तीसरे दिन दोपकर करीब तीन बजे हाईवे खुल गया है। स्थानीय निवासी लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि पहाड़ी से बार-बार मलबा आने से उसे खोलने में दिक्कत आ रही थी। आवागमन बंद होने से लोग परेशान थे।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर फूंका पुतला
देहरादून, भाजपा सरकार मे राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा एश्ले हॉल चौक पर भाजपा सरकार का पुतला भी फूंका।
गोगी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। खुद भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं। एक के बाद एक प्रकरण सामने आते जा रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध तो रुक ही नहीं रहे थे अब भाजपा के वरिष्ठ सदस्यों के अपराधों की कलई भी खुलती जा रही है। मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में जांच की अनुमति धामी सरकार से खुद विजिलेंस न्यायालय ने मांगी है। यह भाजपा सरकार और राज्य के लिए शर्मिंदगी की स्थिति है।
गोगी ने कहा कि अभी इसी मामले में सरकार घिरी थी फिर रानीखेत विधायक का भाई अवैध हथियारों के साथ भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी के द्वारा पकड़ा गया है। कुछ ही दिन पूर्व अल्मोड़ा और काशीपुर क्षेत्र में भाजपा के दो वरिष्ठ सदस्य बलात्कार के मामले में लिप्त पाए गए हैं। भाजपा के चाल चरित्र के नारे की पोल पूरी तरह खुल गई है और अब इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच तब तक आंदोलनरत रहेगी जब तक दोषियों पर समुचित कार्रवाई नहीं की जाती।
इस दौरानप्रमुख रूप प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महासचिव श्रीमती गोदावरी थापली, आलोक मेहता, मनीष गर्ग, अभिषेक तिवारी, वीरेंद्र पवार, सूरज छेत्री, शहजाद अंसारी.इस्लाम अंसारी,.हेमंत उप्रेती, मनीष, नदीम अंसारी, विजरेंद्र सिंह,संदीप जैन, अर्जुन पासी, हर्ष राणा, वाहिल, मोहित, रजत सिद्धू, मोनू सनी, सुमित, संजय शर्मा, पिंटू मोर्या, अमित, गौरव, मोहित, रॉबिन त्यागी ,एमएम खोली,जगदीश धीमान, मनीष गर्ग, शुभम सैनी, इज़हार प्रसिन,ओम भंडारी,सागर,अंसुल थापा, राज कुमार, राजेश पुंडीर, साजिद , जमाल, आदर्श सूद, गगन, निहाल सिंह से आदि उपस्थित रहे |
उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन करेगा पंचायती राज मंत्री के आवास कूच
देहरादून, उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उनकी मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा तय भूमिका नहीं निभाए जाने पर सोमवार 9 सितंबर को उनके सरकारी आवास कूच करेगी।
संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा संगठन के एक सूत्रीय मांग दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर पंचायत राज मंत्री को मुख्य भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी थी। एक माह बीत जाने के बाद भी पंचायत राज मंत्री द्वारा कोई भूमिका नहीं निभाई गई। मांग का समर्थन करने वाले पंचायती राज मंत्री अब मांग के विरोध में बोलने लगे है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारी देने के बाद भी संगठन के विशेष अनुरोध करने के बाद भी पंचायती राज मंत्री ने मांग के परीक्षण के लिए एक बैठक तक नहीं बुलाई। उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को परेड ग्राउंड में प्रात:11 बजे जमा होकर त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्य सुभाष रोड स्थित मंत्री के सरकारी आवास को कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से भी 11 सितंबर तक परीक्षण रिपोर्ट संगठन के सम्मुख प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है।
अगर सरकार का यही रुख रहा तो मुख्यमंत्री आवास कूच भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान संगठन 2 साल से तथा त्रिस्तरीय पंचायत संगठन 1 वर्ष से सरकार से अनुरोध कर रहा है, अब अनुरोध की सीमा समाप्त हो गई है। अब सड़कों पर रण होगा।उसकी शुरुआत आज से हो गई है। उन्होंने समस्त सदस्यों को नियत समय पर उपस्थित होने का अनुरोध किया है।
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