देहरादून, उत्तराखंड में एक ओर मॉनसून के आगमन के साथ ही भारी बारिश और मौसम से बिगड़ी स्थिति के कारण कई क्षेत्र जल और प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त हैं , वहीं दूसरी ओर State Disaster Response Force (SDRF) राज्य में संचालित कावड़ यात्रा, बेहद चुनौतीपूर्ण चारधाम यात्रा, हेमकुण्ड यात्रा के संचालन को कुशलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं l
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने प्रेस को जारी बयान में बताया, ऐसे में मुश्किल हालातों में प्रदेश की SDRF यानी राज्य आपदा प्रतिवादन बल एक कुशल रक्षक की तर्ज पर हर मोर्चे पर अग्रणी होकर कार्य कर रही है। विगत कुछ दिनों में प्रदेश में हुई भारी बारिश से आम जनता को कई विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं जलभराव के कारण लोग अपने जलमग्न घरों में फंस गए है तो कहीं भूस्खलन व उफनती नदियों के कारण हादसों का शिकार हो रहे है।
कमांडेंट SDRF, मिश्रा द्वारा जानकारी देते हुए बताया, प्रदेश में मॉनसून की दस्तक के साथ ही राज्य के 42 संवेदनशील स्थानों में SDRF टीम को तैनात कर दिया गया था। इन टीमों को आधुनिक रेस्क्यू उपकरणों से सज रखा गया है। विगत दिनों हुई भारी बारिश में जनपद हरिद्वार के लक्सर व खानपुर क्षेत्रों के कई गॉंव में जलभराव होने पर SDRF फ्लड रेस्क्यू टीमों के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन्स के माध्यम से 250 लोगों को रेस्क्यू किया गया व SDRF की पेरामेडिक्स टीम द्वारा गाँव मे अस्वस्थ लोगों को आवश्यक उपचार व दवाइयां भी दी गई। गर्भवती महिलाओं व दिव्यांग के लिए जवानों द्वारा अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को ताक में रखकर रेस्क्यू किये गए है। जिनकी सराहना आम जनता द्वारा भी की गई है।
कमांडेंट मिश्रा ने बताया, बारिश के कारण डाकपथर, ऋषिकेश, कोटद्वार इत्यादि में भी SDRF द्वारा फंसे हुए कई लोगों को रेस्क्यू किया गया। फ्लड रेस्क्यू टीम द्वारा राफ्ट, डकी बोट्स, रिमोटली ऑपरेटेड लाइफ बॉय से रेस्क्यू ऑपेरशनस को कुशलता से अंजाम दिया। इस जल और प्राकृतिक आपदा के दौर में चुनौती पूर्ण कार्य के लिए एसडीआरएफ के जवानों को रु 1500 के नकद पारितोषिक से भी पुरुस्कृत किया गया है।
उनके द्वारा बताया गया कि माह जुलाई में अब तक सम्पूर्ण प्रदेश में SDRF द्वारा 36 रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से 284 लोगों का रेस्क्यू किया गया जबकि 09 शवों को भी बरामद किया है। इसके अतिरिक्त 06 लापता लोगो की सर्चिंग निरन्तर की जा रही है। उन्होंने बताया मानसून रेस्क्यू के साथ ही SDRF द्वारा काँवड़ मेला, चारधाम यात्रा, हेमकुण्ड साहिब यात्रा, आदि कैलाश यात्रा में भी सराहनीय कार्य किया जा रहा है। काँवड़ मेले में अभी तक SDRF द्वारा 45 कांवड़ियों को डूबने से सकुशल रेस्क्यू किया गया है। चारधाम यात्रा में अब 150 लोगों को रेस्क्यू कर स्ट्रेचर से अस्पताल पहुंचाकर उनके अनमोल जीवन की रक्षा की गयी है जबकि यात्रा के दौरान मृत 09 लोगों के शवों को जिला पुलिस के सुपुर्द किया है। और हिमस्खलन व भूस्खलन से बाधित यात्रा मार्गों में फंसे हज़ारों तीर्थ यात्रियों को सकुशल लैंडस्लाइड जोन/डेंजर ज़ोन भी पार करवाया गया है।
हरेला पर्व पर रेंज कार्यालय में कांग्रेसजनों ने किया वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
ॠषिकेश, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि वृक्ष सभी के जीवन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है जिस प्रकार कोरोना काल में लोगों को प्राण वायु की कमी से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा लोग कृत्रिम प्राण वायु के लिए लोग तड़प रहे थे हम सब के जीवन में ये दिन फिर न आए इसलिए हमे अपने घर में या बाहर अवश्य दो दो पेड़ जरुर लगाने चाहिये।
महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हम हर वर्ष हरेला पर्व पर वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुवात करते हैं और ज्यादा से ज्यादा नए वृक्ष लगाने का प्रयास करते हैं, हमे सबको जहां जगह मिले अवश्य बृक्ष लगाने चाहिये, हमें अपने व अपने परिवार जनों के जन्मदिन पर भी एक बृक्ष लगाना चाहिये ताकि पर्यावरण का बचाव हो सके। .
कार्यक्रम में अरविंद जैन, पार्षद भगवान सिंह पंवार, पार्षद शकुंतला शर्मा, शैलेंद्र बिष्ट, वीट अधिकारी राणा, देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सरोजनी थपलियाल, संजय शर्मा, गौरव, हरि राम वर्मा, प्रवीण गर्ग, राजेंद्र कोठारी, हरि सिंह नेगी, मनीष जाटव, आशा सिंह, ओम सिंह पंवार, गौरव अग्रवाल, श्रीमती जोशी, विक्रम भंडारी आदि उपस्थित थे ।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति का परिचायक है हरेला : कुसुम कण्डवाल
ॠषिकेश, हरेला पर्व के उपलक्ष्य में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने वीरभद्र जनकल्याण समिति के साथ आईडीपील इंटर कॉलेज में पौधा रोपण व वृक्षारोपण किया।
उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस अवसर पर पौधे लगाते हुए समस्त प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई व शुभकामनाएं दी और कहा कि हरेला पर्व उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का परिचायक है यह पर्व प्रकृति को समर्पित है।
साथ ही महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का पवित्र संदेश देते हुए हमारे पूर्वजों द्वारा प्रारंभ किए गए हरेला पर्व की परंपरा को हमे आगे बढ़ाने व प्रकृति को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेना चाहियें और सभी को वृक्षारोपण करते हुए हरेला मनाना चाहिए।
इस अवसर पर वीरभद्र जनकल्याण समिति की जनसंपर्क अधिकारी व संयोजक सुंदरी कण्डवाल, अध्यक्ष लता राणा, विद्यालय की प्रधानाचार्या, शोभा कोटियाल, विनीता बिष्ट, शशि राणा, अरविंद चौधरी, प्रवक्ता संजय ध्यानी, गीता मित्तल, बसन्ती शर्मा, योगी तिवारी, ओम प्रकाश गुप्ता, दिनेश बिष्ट, संगीता रावत, कविता ध्यानी सहित अन्य उपस्थित रहे।
प्रदेश की डबल इंजन सरकार व मसूरी विधायक पर शहर की दुर्दशा का सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने लगाया आरोप
मसूरी, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने शहर की दुर्दशा सहित सैन्यधाम, गलोगी भूस्खलन, सड़कों की दुर्दशा, आदि पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मसूरी विधायक एंव प्रदेश के कबीना मंत्री गणेश जोशी डबल इंजन की सरकार पर तीखे प्रहार किए।
एक होटल के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि देहरादून में बनने वाले सैन्य धाम भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है जबकि चमोली स्थित सवारगांव देवाल के लोगों द्वारा निशुल्क भूमि देने की भी बात की गई थी लेकिन भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए शहीदों के नाम पर भी राजनीति की जा रही है जबकि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए सबसे अधिक शहीद इस गांव के हुए है। उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्ष पूर्व मसूरी देहरादून मुख्य मार्ग पर गलोंगी धार के पास पहाड़ी दरकने से मार्ग बाधित हो गया था जिसका आज तक ट्रीटमेंट नहीं किया गया है और बरसात के समय यहां पर जानमाल का भय बना रहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसका शीघ्र ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो उन्हें भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर भी क्षेत्रीय विधायक को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आए दिन इन मार्गों पर लोग चोटिल हो रहे हैं लेकिन अब तक सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है वहीं ऐतिहासिक माल रोड भी तालाब में तब्दील हो गई है जिसका असर पर्यटन पर भी पड़ रहा है और यहां पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगी है। उन्होंने कहा कि मसूरी में एकमात्र डिग्री कॉलेज में रोजगार परक विषय ना होने के कारण यहां के गरीब छात्र छात्राओं को महंगे शहरों में पठन-पाठन के लिए जाना पड़ता है। साथ ही मसूरी का एकमात्र उप जिला चिकित्सालय डॉक्टरों और स्टाफ नर्स की कमी से जूझ रहा है जिस कारण मरीजों को देहरादून जाने के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने 2009 में शुरू हुई सीवर परियोजना पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि 2023 तक भी यह योजना पूरी नहीं हो पाई है जबकि इस योजना में 100 करोड ऊपर से भी अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मसूरी में सबसे बड़ी समस्या आवास की है और यहां पर आवासीय कॉलोनी को लेकर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया है जबकि आबादी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में यदि कोई अपना आशियाना बनाता है तो उस पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का डंडा चल जाता है जबकि बड़े-बड़े होटल बन रहे हैं ऐसे में आवासीय कॉलोनी के लिए स्थान चिन्हित कर गरीब लोगों को छत उपलब्ध कराने के लिए कैबिनेट मंत्री द्वारा आज तक कोई प्रयास नहीं किया गया साथ ही अंग्रेजों के जमाने से बनी रेलवे आउट एजेंसी भी बंद कर दी गई है जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने मसूरी विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से उनकी उपलब्धियां जनता के बीच लाने की बात कही। इस मौके पर कीर्ति कंडारी, आशा राम बडोनी, सूरजन सिंह भंडारी, राकेश पंत, विवके कंडारी, ब्रिजपाल सिंह पंवार, मुकुल कुमार, व दिनेश आदि मौजूद रहे।
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