देहरादून : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ‘हेस्को’ संस्था के साथ एक मैराथन मंथन किया जिसमें उनका पूरा फोकस हिमालय के शोध पर रहा।
हिमालय के संरक्षण को अपने ओजस्वी विचारों से निशंक सभी वैज्ञानिकों और विद्वानों को ऊर्जा से लबरेज कर गये, डोईवाला के माजरी ग्रांट स्थित हिमालयीय यूनिवर्सिटी में आयजित इस कार्यक्रम में देश भर से जुटे लगभग 100 से अधिक वैज्ञानिकों और विद्वानों के साथ
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने हिमालयीय पर्यावरण, जैव विविधता तथा उसके सतत विकास कार्यो के शोध विषय पर गहनतापूर्वक विचार प्रस्तुत किये।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि हिमालय अपने आप में प्रकृति की अद्वितीय देन है। हिमालय के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक जुटकर एक रोड़ मैप तैयार करें। इसके लिए हिमालय पर शोध को और बेहतर स्तर पर किये जाने की आवश्यकता है। जिसमें हिमालयीय यूनिवर्सिटी और हेस्को संस्था का भरपूर सहयोग रहेगा। केंद्रीय मंत्री निशंक ने एक्सपर्ट कमिटी के साथ भी अलग से विस्तारपूर्वक चर्चा की।
विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ0 राजेश नैथानी ने अवगत कराया कि हिमालय के पर्यावरण, जैव विविधता तथा सतत विकास पर शोध कार्य हेतु विश्वविद्यालय द्वारा एक हिमालय अध्ययन एवं शोध केन्द्र अवस्थापित किया गया है जो इस दिशा में शोध कार्यो को कर रहा है।
कार्यक्रम में हेस्को के संस्थापक अनिल जोशी,डॉ बी पी नौटियाल, टी सी पोखरियाल हेड फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (FRI),वी पी उनियाल वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट, डॉ. आर के भट्ट आई सी ए आर, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ0 प्रदीप भारद्वाज, कुलपति डॉ0 राकेश शाह, प्रति-कुलपति डॉ0 राजेश नैथानी एवं कुलसचिव डॉ0 निशांत राय जैन भी उपस्थित रहे।
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