देहरादून(चकराता), कोरोना वैश्विक महामारी का असर अब भले देश और राज्य में धीरे धीरे कम हो रही है फिर भी राज्य सरकार किसी भी अभी सचेत है और सतर्कता बरत रही है, देहरादून के जौनसार-बावर क्षेत्र के प्रमुख धाम एवं सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल में इस बार भी नौ व दस सितंबर को परंपरागत जागरा मेला नहीं होगा। मंदिर समिति की ओर से कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कोरोना के चलते महासू मंदिर हनोल में पिछले दो साल से जागरे मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है।
लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र पांडव कालीन महत्व के सिद्धपीठ कहे जाने वाले श्री महासू देवता मंदिर हनोल में प्रतिवर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष को हरतालिका तीज पर परंपरागत रूप से जागरा मेले का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है। जागरा मेले के पहले दिन श्रद्धालु मंदिर परिसर में रात्रि जागरण कर लोक नृत्य की प्रस्तुति से देवता की आराधना करते हैं। जबकि दूसरे दिन गाजे-बाजे के साथ देवता का शाही स्नान कराया जाता है। लोक परंपरा के अनुसार महासू मंदिर हनोल के जागरा मेले में जौनसार-बावर के अलावा पछवादून, देहरादून, उत्तरकाशी के बंगाण, फतह पर्वत, रंवाई, यमुना-घाटी, गढ़वाल, हिमाचल के जिला सिरमौर-शिमला, उत्तर प्रदेश व हरियाणा समेत अन्य क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु रात्रि जागरण के लिए हनोल में एकत्र होते हैं। वर्ष 2019 तक महासू मंदिर हनोल में जागरा मेले का आयोजन मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से परंपरागत तरीके से सफलतापूर्वक किया गया। मार्च 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर समिति ने पहली बार हनोल मंदिर में जन सुरक्षा के लिहाज से जागरा मेला नहीं मनाया। इस बार भी मंदिर समिति ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे की आशंका के चलते जनहित में जागरा मेले का आयोजन नहीं करने का अहम निर्णय लिया है। मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं उपजिलाधिकारी चकराता सौरभ असवाल और मंदिर समिति सचिव मोहनलाल सेमवाल ने कहा कोरोना संक्रमण से बचाव को सरकार की ओर से जारी एसओपी व कोविड-19 गाइडलाइन के अनुपालन में इस बार भी हनोल मंदिर में जागरा मेला नहीं होगा। महासू मंदिर हनोल में नौ व 10 सितंबर को पूजा-अर्चना के लिए मंदिर की परंपरागत व्यवस्था से जुड़े स्थानीय कारसेवकों व हक-हकूकधारियों को अनिवार्य रूप से कोविड नियमों का पालन करने को कहा है। समिति के अध्यक्ष एसडीएम चकराता ने कहा कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए मंदिर समिति ने जनहित में यह निर्णय लिया है। एसडीएम ने कहा कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सभी को सावधानी व सतर्कता बरतनी चाहिए। मंदिर समिति ने कोरोना से बचाव को सभी श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है।
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