Sunday, November 24, 2024
HomeTrending Nowअखोड़ी के छात्र-छात्राओं की सुनो जो कह रहे "बिना शिक्षक कैसे पढ़े........

अखोड़ी के छात्र-छात्राओं की सुनो जो कह रहे “बिना शिक्षक कैसे पढ़े….. सरकार”

सिर्फ घोषणा नहीं, वादे पूरे करो सरकार…!

टिहरी (घनसाली) चुनाव की दहलीज पर खड़े उत्तराखंड में राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जहां रोज नई नई घोषणाएं कर रहे हैं, वहीं चंद महीनों पहले किए गए वादे भूलते जा रहे हैं. जिस घनसाली क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र के स्कूल कालेज में पर्याप्त शिक्षकों का अभाव हो, अभिभावक आमरण अनशन और बच्चे सड़कों पर प्रदर्शन के लिए मजबूर हों, बालगंगा महाविद्यालय के प्रांतीयकरण की मांग सालों से लंबित हो, एक अदद आईटीआई, पोलिटेक्निक कालेज नहीं हो, उस घनसाली क्षेत्र के लिए शिव शक्ति डोल संस्कृति संगीत महाविद्यालय की स्थापना जैसी घोषणाएं लोगों को आक्रोशित कर रही हैं |

मुख्यमंत्री जी की इन चुनावी घोषणाओं को छोड़ भी दें तो इससे पहले अखोड़ी के लिए दिया गया आश्वासन जुमला ही साबित हुआ है. या यूं कहें कि उत्तराखंड सरकार के अधिकारी मुख्यमंत्री के आश्वासन, घोषणाओं को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं. अगर हम बात राज्य के शिक्षा विभाग की करें तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है. जहां कल सूबे के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर में नई नई घोषणाओं की बरसात कर रहे थे, वहीं इसी जनपद के घनसाली विधानसभा के आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कालेज अखोड़ी के सैकड़ों छात्र छात्राएं “बिना शिक्षक कैसे पढ़ें सरकार” के नारों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करने मजबूर थे |

राज्य के मुख्यमंत्री जी उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य को बनाने की बात मंचों पर कहते आए हैं. अभी राज्य स्थापना दिवस के चंद दिन भी नहीं बीते हैं कि राज्य निर्माण के अग्रदूत स्व. इंद्रमणि बडोनी जी के मूल गांव अखोड़ी के यह सैकड़ों विदयार्थी अपने शिक्षा अधिकार पाने शिक्षकों की मांग को लेकर सड़कों पर हैं |

पिछले महीने यहां अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री विक्रम घनाता, कुलदीप चौधरी आदि के नेतृत्व में लगातार 12 दिनों तक धरना आंदोलन और आमरण अनशन किया गया था. यह आंदोलन इस आश्वासन के साथ खत्म हुआ था कि शीघ्र यहां अध्यापकों की नियुक्ति/व्यवस्था की जाएगी. यह आश्वासन प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी तक ने दिया, लेकिन आश्वासन-घोषणा के बावजूद यहां अभी तक भी बच्चों को शिक्षक नहीं मिले. बिना शिक्षकों के अपने भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को देख विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं आज चौथे दिन ” बेहतर शिक्षा लेके रहेंगे, हमारी मांग सुनो सरकार,” की बुलंद आवाज के साथ अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए तालाबंदी आंदोलन के लिए मजबूर हैं |

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments