कोटद्वार, प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने वर्तमान प्रदेश सरकार के द्वारा बनायी गयी अनियोजित एवं अवैज्ञानिक खनन नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नदियों में चैनेलाइजेशन के नाम पर दस से पंद्रह फीट गहरे गढ्ढे खोदे जाने से एक ओर जहां नदियों का स्वरूप ही बदला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनता के वैकल्पिक रास्तों भी बंद हो रहे है, तथा इंसानों एवं मवेशियों के लिए खतरा बन रहा है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से विगत वर्षो में किये गये खनन की समीक्षा कर शीघ्र ही नई पारदर्शी खनन नीति बनाने की मांग की है। ताकि भविष्य में नदियों में डूबने से किसी की भी जान न जा सके।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार नदियों में खनन को सिर्फ धन अर्जित करने का साधन समझने लगी है। उन्होंने नदियों को संस्कृति का हिस्सा बताते हुए कहा कि बेतहासा एवं अनियोजित खनन से नदियों के तटों पर बसे ग्राम वासियों के लिए संकट पैदा हो रहा है,
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार को खनन नीति उत्तराखंड की विषम भौगौलिक परिस्थिति को देखते हुए पर्वतीय क्षेत्रों की आवश्यकता, व्यवहारिकता एवं वैज्ञानिक सोच से नदियों के वहाव को तटबंधों से दूर रखते हुए बनानी चाहिए थी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को अपने निर्माण कार्यो के लिए नदियों में हकहकूक दिये जाने व स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
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