देहरादून, उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती गरिमा महरा दसौनी एवं दीप बोहरा ने आज सरकार के कुकृत्यों का भांडा फोड़ किया है। राज्य के केन्द्रीय औषधीय भंडारण गृह चंदन नगर से सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण करते हुए कांग्रेस के दोनों प्रवक्ताओं ने भाजपा की करनी को उजागर करते हुए बड़ा खुलासा किया।
दसौनी ने कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया की करोड़ों की लागत के फ्रीज इंजेक्शन दवांए आॅक्सीजन सिंलेडर इत्यादी भरी बरसात में सरकार की निष्क्रियता निठल्लेपन और निकम्मेपन के चलते सड़नें को मजबूर हैं।
गरीमा दसौनी ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड राज्य जिसने दूसरी लहर में हजारों की संख्या में मौतें देखीं और उत्तराखण्ड का कोई परिवार ऐसा नहीं बचा जोकि राज्य सरकार की अव्यवस्थाओं का शिकार ना बना हो। ऐसे में आज संसाधनों की जिस स्तर पर बर्बादी भंडारण गृह में देखनें को मिली वह अपने आप में अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
दसौनी ने कहा की इसे विडंबना ही कहा जा सकता है की राज्य की जनता जहां एक ओर दवाई इंजेक्शन आॅक्सीजन, वेंटीलेटर के लिए दर-दर भटकी हो और बहुत ही मंहगे दामों में स्वास्थ्य से जुड़े हुए इन उपकरणों को बाजार से खरीदनें के लिए मजबूर हुयी हो आज उसकी आंखों के सामने लाखों करोड़ों की दवाई और फ्रीज सरकार की उदासीनता की वजह से बर्बाद हो रहे हैं।
दसौनी ने बताया की चंदन नगर में 90 हजार की लागत वाले 150 फ्रीज खुली बरसात में जंक खा रहे हैं, वहीं हजारों की तादात में आॅक्सीजन सिलेडर काई और कीचड़ की भेंट चढ़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर छोटे आॅक्सीजन सिलेन्डर, दवाईयों की पेटियां इजेंक्सन की पेटीयां भरी बरसात में सामान सहित सड़ने और गलने के लिए प्रशासन द्वारा छोड़ दी गयी हैं।
दसौनी ने कहा की पहले साढ़े चार साल तक उत्तराखण्ड की जनता स्वास्थ्य मंत्री से महरूम रही फिर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना जैसी आपदा के बावजूद नेतृत्व परिवर्तन की भेंट चढ़ गयी | जिससे उत्तराखण्ड को भारी जान-माल का नुकसान हुआ उसके बाद भी यदि सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं और संसाधनों के प्रति यह रवैया है तो फिर कोरोना की तीसरी लहर से आखिर जंग कैसे लड़ी जायेगी | क्या एक बार फिर जनता को खुद के भरोसे छोड़ने का सरकार मन बना चुकी है |
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