नई दिल्ली। भारतीय रेलवे हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। यात्री अक्सर अपने सफर के दौरान भारी-भरकम सामान भी साथ लेकर चलते हैं। हालांकि, रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामान ले जाने की सीमा तय कर रखी है। अगर कोई यात्री इस तय सीमा को पार करता है, तो उसे जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।
कोच के अनुसार सामान ले जाने की सीमा
रेलवे नियमों के अनुसार, अलग-अलग कोच में सामान ले जाने की फ्री लिमिट निर्धारित की गई है।
– एसी फर्स्ट क्लास: यात्री 70 किलो तक का सामान मुफ्त ले जा सकते हैं।
– एसी 2 टियर: इस कोच में 50 किलो तक का सामान फ्री है।
– एसी 3 टियर/चेयर कार: यात्री 40 किलो तक का सामान अपने साथ रख सकते हैं।
– स्लीपर क्लास: इसमें भी 40 किलो तक का सामान फ्री में ले जाया जा सकता है।
– सेकंड क्लास: यहां यह सीमा 35 किलो तक है।
यदि कोई यात्री इस सीमा से अधिक सामान ले जाना चाहता है, तो उसे रेलवे के ब्रेक वैन में सामान बुक कराना अनिवार्य है।
बैग और सूटकेस के लिए नियम
रेलवे ने बैग और सूटकेस के आकार को भी सीमित किया है। यात्री केवल 100 सेमी x 60 सेमी x 25 सेमी तक के ट्रंक, सूटकेस या बक्से ले जा सकते हैं। इससे बड़े आकार के सामान को यात्री डिब्बों में ले जाने की अनुमति नहीं है और उन्हें ब्रेक वैन में बुक कराना जरूरी है। विशेष रूप से, एसी 3 टियर और चेयर कार में सामान का आकार 55 सेमी x 45 सेमी x 22.5 सेमी तक ही होना चाहिए।
ये हैं प्रतिबंधित वस्तुएं
रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें कैमिकल, पटाखे, गैस सिलेंडर, तेजाब, ग्रीस, चमड़ा और अन्य खतरनाक सामान शामिल हैं। यदि कोई यात्री इन वस्तुओं के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
यात्रियों के लिए क्या है सुझाव
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों से अपील करता है कि वे यात्रा के दौरान सामान से जुड़े नियमों का पालन करें। तय सीमा के भीतर सामान रखें और बड़े सामान को समय रहते बुक कराएं। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाता है बल्कि अन्य यात्रियों के लिए भी सुविधा सुनिश्चित करता है। रेलवे अपने नियमों और सेवाओं को लगातार सुधार रहा है। वंदे भारत समेत नई ट्रेनों के जुड़ने से यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक सफर का अनुभव हो रहा है। ऐसे में नियमों का पालन कर हम सभी रेलवे की सेवाओं को और बेहतर बना सकते हैं।
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