नई दिल्ली, देश के किसान नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं और अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों ने सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता कर ऐलान किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव एचएस लखोवाल ने शुक्रवार को कहा कि कल हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर 5 दिसंबर को देशभर में मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंके जाएंगे। 7 तारीख को सभी वीर अपने मेडलों को वापस करेंगे। 8 तारीख को हमने भारत बंद का आह्वान किया है व एक दिन के लिए सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे।
वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हमें इस आंदोलन को और तेज करने की जरूरत है। सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। मोल्लाह ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि अगर सरकार कल कोई संशोधन रखेगी तो हम संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इस दिन ऐतिहासिक बंद रखा जाएगा। 5 दिसम्बर (आज) सरकार के साथ वार्ता है। वार्ता से यदि किसान संगठन संतुष्ट नहीं हुए तो बंद पर रणनीति बनाई जाएगी।
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